नहीं रहे अभिनेता कादर खान

मुम्बई   : बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता कादर खान का 81 साल की उम्र में कनाडा में निधन हो गया। उनकी लंब अर्से से तबीयत खराब थी और कुछ दिन पहले उन्‍हें एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कादर खान के निधन पर दुख जताया है।

72 साल पहले एक आंदोलन में बिछड़ गए थे पति-पत्नी अब मिले

कन्नूर : केरल का एक विवाहित जोड़ा पूरे 72 साल बाद मिला है। 93 वर्षीय ईके नारायणन नाम्बियार को वषर्ष 1946 में केरल के गांव कवुम्बई के किसान आंदोलन में जेल जाने के चलते पत्नी शारदा (अब 89 वर्षीय) से बिछुड़ना पड़ा था। शादी के समय शारदा केवल 13 साल की थीं जबकि नारायणन महज

100 वर्ष पूर्व बोहरा समाज ने महू में बनाया था पहला शॉपिंग मॉल

महू : मध्यभारत का पहला मॉल इंदौर से 30 किमी दूर सैन्य छावनी महू में खुला था…1891 में। एक बोहरा व्यापारी द्वारा छोटा बाजार में राजाबल्ली नाम से खोला गया यह स्टोर इंदौर के बाजारों से कहीं आगे था। उस जमाने में व्यापारी इंग्लैंड से सामान लाते थे और अंग्रेज अफसरों और राजे-रजवाड़ों को बेचते

नहीं रहे मशहूर फिल्मकार मृणाल सेन

कोलकाता : प्रसिद्ध फिल्म निर्माता व निर्देशक मृणाल सेन का गत रविवार सुबह 10:30 बजे कोलकाता के भवानीपुर स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। ‘नील आकाशेर नीचे’, ‘भुवन शोम’, ‘एक दिन अचानक’, ‘पदातिक’, ‘बाइशे श्रावण’ और ‘मृगया’ जैसी फिल्मों के लिए पहचाने जाने वाले सेन देश के सबसे प्रख्यात फिल्म निर्माताओं में से एक

मिशन गगनयान के लिए 10 हजार करोड़ मंजूर, अंतरिक्ष में जाएंगे तीन भारतीय

नयी दिल्ली : साल 2022 तक तीन भारतीयों को गगनयान परियोजना के तहत अंतरिक्ष भेजने की मुहिम को भारत सरकार से मंजूरी मिल गई है। तीन भारतीय वहां सात दिन बिताएंगे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यूनियन कैबिनेट ने इसके लिए बजट भी मंजूर कर दिया है। बताया जा रहा है कि इसमें 10 हजार

‘दीदी कैफे’ ने लिखी आदिवासी महिलाओं की सफलता की कहानी

गिरिडीह : झारखंड के सुदूर गांवों में आजीविका दीदी कैफे साल भर पहले शुरू हुआ था। इसके सहारे होटल व्यवसाय में उतरीं आदिवासी महिलाओं ने कम समय में सफलता की नई कहानी लिख डाली है। आदिवासी समुदाय की महिलाओं की बात करें तो उनकी दुनिया जंगलों, पहाड़ों और खेत-खलिहानों तक सीमित रही है। कारोबार और

नृत्य को पाठ्यक्रम में स्थान दीजिए

भारतीय संस्कृति में हमेशा से ही नृत्य को महत्वपूर्ण स्थान मिला है मगर इस कला के प्रति वह भाव अभी भी नहीं है जो होना चाहिए। समाज में इसे सही स्थान अब तक नहीं मिला ऐसे में नृत्य के माध्यम से संवेदनाओं की भावनात्मक प्रस्तुति करती आ रही हैं देवप्रिया मुखर्जी। देवप्रिया मुखर्जी यूँ तो

अब देश का भविष्य जनता के हाथ में है

नया साल आ चुका हैऔर 2019 भारत के लिए काफी निर्णायक है। राजनीति से लेकर खेल तक, हर एक क्षेत्र एक नयी चुनौती की तरह सामने है। देश की राजनीति का अब कोई एक चेहरा नहीं है, एक इरादा भी नहीं है और एक से पैंतरे भी नहीं है। आम भारतीय इस बार एक मतदाता

गद्य वद्य कुछ – नील कमल

अपने समकालीनों पर कुछ लिखना बेहद चुनौतीपूर्ण और साहस भरा निर्णय होता है । यह दोधारी तलवार की तरह होता है । जिसमें कलाई का घुमाव सही नहीं गया तो अपनी ही गर्दन कटने का डर बराबर बना रहता है । नील कमल की यह किताब आज ही डाक से मिली । इस ‘आलोचना जैसी’

26 दिसम्बर से शुरू हिन्दी मेले में फोकस महात्मा गाँधी पर

कोलकाता :  सप्ताह व्यापी 24वाँ हिंदी मेला मानिकतला के राममोहन और फेडेरेशन हॉल में 26 दिसम्बर से शुरू हो रहा है। इसमें विश्‍वविद्यालयों, कालेजों और स्कूलों के नौजवान और विद्यार्थी अपनी साहित्यिक कला का प्रदर्शन करेंगे। हिन्दी मेले में इस बार नाटक, काव्य आवृत्ति, काव्य संगीत, काव्य नृत्य, चित्रांकन, लोकगीत जैसी कई प्रतियोगिताओं के अलावा