Tuesday, December 16, 2025
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पुणे, कोलकाता व पटना के लिए सीधी फ्लाइट के प्रयास तेज

भोपाल :  भोपाल से वर्तमान में आठ शहरों के लिए सीधी हवाई यात्रा की जा सकती है। पुणे, कोलकाता, पटना और लखनऊ के लिए सीधी फ्लाइट शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए एयरलाइंस कंपनियों से चर्चा चल रही है। भोपाल से दुबई के लिए इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू करने की मांग भी यात्री कर रहे हैं।इस दिशा में जल्द ही अच्छे परिणाम सामने होंगे। यह जानकारी गुरुवार को राजाभोज एयरपोर्ट के डायरेक्टर अनिल विक्रम ने संभागायुक्त दफ्तर में एयर कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए आयोजित बैठक में दी। इस दौरान टैक्स का मुद्दा भी उठा। अधिकारियों ने बताया कि संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव काे बताया कि एयर टर्बाइन फ्यूल पर लगने वाला वैट 24 प्रतिशत है। वैट कम किया जाता है तो एयरलाइंस कंपनियां तेजी से फ्लाइट मूवमेंट बढ़ा सकती हैं। इसमें एअर इंडिया, इंडिगो, जेट एयरवेज के अफसर मौजूद थे।

116 साल की जापानी महिला को सबसे बुजुर्ग व्यक्ति का खिताब

तोक्यो : ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ ने 116 साल की जापानी महिला को शनिवार को विश्व के सबसे बुजुर्ग जीवित व्यक्ति के खिताब से नवाजा है। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने शनिवार को एक समारोह में काने तनाका के नाम इस रिकॉर्ड को आधिकारिक रूप से मान्यता दी। समारोह का आयोजन दक्षिण पश्चिम जापान के फुकुओका में एक नर्सिंग होम में किया गया।
जश्न मनाने के लिए उनके परिवार के सदस्य एवं मेयर भी मौजूद थे। तनाका का जन्म दो जनवरी, 1903 में हुआ था। वह आठ भाई-बहनों में सातवें नंबर पर हैं। उन्होंने 1922 में हिदेओ तनाका से शादी की थी और उनके चार बच्चे हैं। उन्होंने एक बच्चे को गोद भी लिया था।
इससे पहले सबसे बुजुर्ग जीवित व्यक्ति का खिताब जापान की ही एक अन्य महिला चियो मियाको के नाम था जिनका 117 की उम्र में पिछले साल जुलाई में निधन हो गया था।जापान के लोगों की उम्र अमूमन लंबी होती है और सबसे बुजुर्ग व्यक्तियों की सूची में उनका वर्चस्व रहता है।
भले ही खान-पान में बदलाव या मोटापा बढ़ रहा है लेकिन यहां यह अब भी दुर्लभ है। जापानियों की पाक परंपरा में मछलियों, चावल, सब्जियों एवं कम वसा वाले खाने को ज्यादा तरजीह दी गई है। तनाका को अब तक का सबसे बुजुर्ग व्यक्ति बनने के लिए अभी कई और बरस गुजारने होंगे। गिनीज विश्व रिकॉर्ड के मुताबिक यह रिकॉर्ड फ्रांस की महिला जियाने लुई कालमें के नाम है जो 122 साल की थी।

सात चरण में 11 अप्रैल से 19 मई तक होंगे लोकसभा चुनाव

नयी दिल्ली : चुनाव आयोग ने 17वीं लोकसभा का चुनाव सात चरण में, 11 अप्रैल से 19 मई के बीच कराने का फैसला किया है। सातों चरण के मतदान के बाद 23 मई को मतगणना होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने रविवार को चुनाव कार्यक्रम घोषित करते हुये बताया कि आगामी लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिये 11 अप्रैल को होने वाले मतदान की अधिसूचना 18 मार्च को जारी की जायेगी। उल्लेखनीय है कि 2014 में 16वीं लोकसभा का चुनाव नौ चरण में कराया गया था।
अरोड़ा ने बताया कि आम चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही देश में चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गयी है। अरोड़ा ने चुनाव आयुक्तों अशोक लवासा और सुशील चंद्रा के साथ संवाददाता सम्मेलन में बताया कि दूसरे चरण का मतदान 18 अप्रैल, तीसरे चरण का मतदान 23 अप्रैल, चौथे चरण का मतदान 29 अप्रैल, पांचवें चरण का मतदान छह मई, छठवें चरण का मतदान 12 मई और सातवें चरण का मतदान 19 मई को होगा। अरोड़ा ने बताया कि 23 मई को मतगणना के आधार पर चुनाव परिणाम घोषित होगा। समूची चुनाव प्रक्रिया 27 मई को सम्पन्न करने का लक्ष्य तय किया गया है।

मुम्बई दुनिया का 16वां सबसे महंगा रिहायशी शहर

मुम्बई : देश की आर्थिक राजधानी मुंबई दुनिया के सबसे महंगे प्रमुख आवासीय शहरों में 16वें पर है। नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। ‘द वेल्थ रिपोर्ट 2019’ में दुनिया के 20 सबसे महंगे प्रमुख आवासीय शहरों में मुंबई एकमात्र भारतीय शहर है। रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई में 10 लाख डॉलर (7 करोड़ रुपए) में लगभग 100 वर्गमीटर जमीन खरीद सकते हैं। यहां जमीन की कीमत 930 डॉलर प्रति वर्गफुट है।
मुम्बई के मुकाबले दिल्ली में आधी कीमत
रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में 10 लाख डॉलर में 201 वर्गमीटर जमीन खरीदी जा सकती है। वहीं, बेंगलुरु में इतनी रकम में 334 वर्गमीटर जमीन ले सकते हैं।
आवासीय संपत्ति की कीमतें बढ़ने में मुम्बई का 67वां नंबर
2018 में वैश्विक रूप से आवासीय संपत्ति की कीमतों में बढ़ोतरी के मामले में मुंबई 0.3% इजाफे के साथ 67वें नंबर पर रहा। कीमतें बढ़ने के मामले में 1.4% इजाफे के साथ दिल्ली 55वें और 1.1% बढ़ोतरी के साथ बेंगलुरु 56वें नंबर पर रहा।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट में  खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं  सिर्फ 9% महिलाएं

मुम्बई : देश में 9% महिलाएं और 11% पुरूष ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट में खुद को सुरक्षित मानते हैं। महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े एक सर्वे में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 3% महिलाएं और पुरुष पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहद असुरक्षित मानते हैं। महिलाओं की यह राय, यात्रा के दौरान उनके साथ होने वाले उत्पीड़न, छेड़खानी, गाली गलौज, छीटाकशी के चलते बनी है।
दरअसल, विश्व महिला दिवस के मौके पर ओला ने कैब एग्रीगेटर की एक रिपोर्ट जारी की। इसे 11 शहरों की 9935 महिलाओं से बात कर के तैयार किया गया है और उनकी राय जानी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 35% लोग मानते हैं कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट रात के बजाय दिन में ज्यादा सुरक्षित है। 96% महिलाएं सुरक्षा, आराम, कम किराए समेत कई प्राथमिकताओं को देखते हुए पब्लिक ट्रांसपोर्ट से यात्रा करने के लिए तैयार हैं। इस सर्वे में अहमदाबाद, बेगलुरू, भुवनेश्वर, चेन्नई, हैदराबाद, इंदौर, जम्मु-कश्मीर, कोच्ची, मुंबई, मैसूर और नई दिल्ली को शामिल किया गया है। मजबूरी में करना पड़ता है पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल
रिपोर्ट की मानें तो 40% लोगों ने बताया कि वे सस्ता होने के चलते पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं। वहीं, 15% ने माना कि उनके पास पब्लिक ट्रांसपोर्ट के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है। इसी के चलते मजबूरी में इसका इस्तेमाल करना पड़ता है।
40-45% महिलाएं ऑटो का करती हैं इस्तेमाल
सर्वे के मुताबिक, 40% महिलाएं बस का इस्तेमाल करती हैं। 35% महिलाएं मेट्रो या ट्रेन का इस्तेमाल करती हैं और 40-45% महिलाएं ऑटो या फिर टैक्सी का इस्तेमाल करती हैं या फिर कोई अन्य विकल्प देखती हैं। 89% महिलाएं यह महसूस करती हैं कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को और बेहतर किया जा सकता है।

भारतीय सेना को मिले 172 नए अधिकारी

चेन्नई : भारतीय सेना के अधिकारी के तौर पर यहां ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (ओटीए) से 172 कैडेट्स ने शनिवार को पासिंग आउट परेड के साथ ही कमीशन प्राप्त किया। इन अफसरों में युवक और युवतियां दोनों शामिल हैं। पासिंग आउट परेड में भूटान और अफगानिस्तान के अफसर भी शामिल थे।
आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक जनरल ऑफिसर, कमांडर-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने आज परेड की सलामी ली और नए अफसरों को भारतीय सेना के मूल्यों का पालन करने को प्रेरित किया। इसके साथ ही उन्होंने अकादमी के अंडर ऑफिसर सिद्धार्थ भवनानी को सोर्ड ऑफ ऑनर और एक रजत पदक से सम्मानित किया। इसके मुताबिक सिंह ने उत्कृष्ट मानकों का प्रदर्शन करने के लिये कैडेट्स और ओटीए के कर्मचारियों को बधाई दी। विज्ञप्ति में कहा गया कि उन्होंने कैडेट संध्या को स्वर्ण पदक और बटालियन अंडर ऑफिसर नोयोनिका बिंदा को कांस्य पदक प्रदान किया।

स्वीडन / बुजुर्गों की भूख बढ़ाने के लिए केयर होम्स में 3डी-प्रिंट वाला खाना पहुंचाने की योजना

स्टॉकहोम :  स्वीडन की एक म्यूनिसिपल कॉरपोरशन बुजुर्गों के केयरहोम्स में 3डी-प्रिंट वाला खाना देने की तैयारी कर रही है ताकि उनकी भूख को बढ़ाया जा सके। अफसरों का मानना है कि 3डी प्रिंट वाला खाना थोड़ा उभरा हुआ दिखाई देता है और आपको ज्यादा आकर्षित करता है।
हेम्सटेड म्यूनिसिपैलिटी के केटरिंग डिपार्टमेंट के प्रमुख रिचर्ड एस्प्लॉन्ड कहते हैं कि जब आपको खाने और चबाने में दिक्कत होने लगे तो आपको भूख भी नहीं लगती। इसको लेकर हमारे मन में खाने को थोड़ा और खूबसूरत दिखाने का आइडिया आया ताकि खाना काफी असल जैसा लगे। म्यूनिसिपैलिटी ने खाने की इस योजना को मूर्तरूप देने के लिए एक भागीदार भी जोड़ा है। अफसरों को उम्मीद है केयरहोम्स में रहने वाले बुजुर्गों को मिलने वाले चिकन और ब्रोकली का रूप बेहतर होगा और उन्हें खाने की इच्छा होगी।
प्रोजेक्ट का संयोजन संभाल रहीं एक रिसर्चर एवेलीना होगलंड का कहना है कि केयरहोम्स को रोज उनके यहां रहने वाले लोगों के डिस्फेगिया से जूझना पड़ता है। इसमें चबाने में दिक्कत के साथ इंसान पर्याप्त खाना भी नहीं खा पाता। अगर लोग लगातार कम खाना खाएंगे तो उन्हें बड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। स्वीडन में 8% वयस्कों को चबाने की समस्या है। हालांकि यह प्रोजेक्ट फिलहाल अध्ययन के स्तर में है। अफसरों को उम्मीद है कि हेमस्टेड और हेलसिंगबोर्ग शहर में इस साल के अंत तक केयरहोम्स में 3डी प्रिंट वाला खाना दिया जाने लगेगा।
होगलंड के मुताबिक- पहली चुनौती तो यह है कि मेडिकल टेक्नोलॉजी के लिए डिजाइन किए गए प्रिंटर को हमें अपने मुताबिक बनाना है। साथ ही यह ध्यान भी रखना है कि वे स्वच्छता के साथ पर्याप्त मात्रा में प्रिंट कर सकें। केटरिंग डिपार्टमेंट के प्रमुख रिचर्ड की एक अन्य चिंता है कि 3डी प्रिंटेड चिकन खाने में बहुत मजेदार नहीं लगता। हालांकि वह यह भी कहते हैं कि जो आज परोसा जा रहा है, उससे तो यह काफी बेहतर होगा।

महिलाओं के लिए हैं बैंकों की ये 7 योजनाएँ

अगर आप अपना काम शुरू कर रही है और आर्थिक समस्या एक बड़ी बाधा है तो यह योजनाएँ आपकी मदद कर सकती हैं। सरकार और सरकारी बैंकोें द्वारा संचालित ये  योजनाएँ आपकी राह आसान बनाएँगी। एक नजर इन योजनाओं पर  –
मुद्रा योजना – भारत सरकार की इस योजना के तहत महिलाएं ब्यूटी पार्लर, टेलरिंग यूनिट, ट्यूशन सेंटर जैसे व्यवसाय कर सकती हैं। लोन के पहले आवेदक का सत्यापन किया जाता है। इसके बाद महिला आवेदकों को मुद्रा कार्ड मिलता है। इसके जरिए वे व्यवसाय की जरूरत का सामान खरीद सकती हैं। इस योजना को शिशु, किशोर और तरुण ऐसी तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
अन्नपूर्णा योजना – यह स्कीम उन महिलाओं के लिए है जो स्मॉल स्केल पर फूड कैटरिंग बिजनेस करना चाहती हैं। इनमें टिफिन सर्विस, पैक्ड स्नैक्स जैसे काम किए जाते हैं। इसमें अधिकतम 50 हजार रुपए तक का कर्ज मिलता है, जिसे 36 महीनों में रिटर्न करना होता है। इस लोन में एक महीने का EMI फ्री पीरियड भी मिलता है। इंटरेस्ट मार्केट रेट के मुताबिक ही वसूल किया जाता है। यह योजना स्टेट बैंक ऑफ मैसूर कीहै।
उद्योगिनी योजना – यह कर्ज लघु, खुदरा व कृषि क्षेत्र में दिया जाता है। इस कर्ज को वही महिलाएं ले सकती हैं जिनकी उम्र 18 से 45 साल के बीच है। इसमें अधिकतम सीमा 1 लाख रुपए की है। यह योजना पंजाब और सिंध बैंक में है।
स्त्री शक्ति पैकेज – ऐसी कंपनियां जिनमें 50 प्रतिशत से ज्यादा शेयर महिला के नाम पर हैं, वे इस योजना का फायदा उठा सकती हैं। इसमें लोन अमाउंट 2 लाख रुपये से ज्यादा का होता है तो ब्याज दर 0.5 प्रतिशत लगती है। 5 लाख रुपए तक के कर्ज पर कोई सिक्युरिटी भी जमा नहीं करना होती। यह एसबीआई की योजना है।
देना शक्ति योजना – देना बैंक की इस स्कीम में कृषि, छोटे उद्योग, खुदरा व्यवसाय, माइक्रो क्रेडिट, एजुकेशनल और हाउसिंग को ध्यान में रखा गया है। अधिकतम सीमा और ब्याज दर अलग-अलग कैटेगरी के हिसाब से बाँटा किया गया है। जैसे शिक्षा और खुदरा क्षेत्र में 20 लाख रुपये तक का कर्ज दिया जा रहा है। ब्याज दर 0.25 प्रतिशत है।
महिला उद्यम निधि योजना – यह योजना उन महिलाओं के लिए है, जो छोटे स्तर पर अपना उद्योग संचालित करती हैं। छोटे स्तर पर काम कर रही हैं महिलाएं अपने व्यवसाय को उन्नत अथवा आधुनिक बनाने इस योजना का फायदा उठा सकती हैं। पंजाब नेशनल बैंक यह योजना चला रहा है।
सेंट कल्याणी योजना – सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की इस स्कीम में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस इंडस्ट्री में माइक्रो और लघु उद्योग से जुड़ी महिलाओं को टारगेट किया गया है। इसमें हस्तशिल्प, सिलाई, डॉक्टर्स, ब्यूटी पार्लर्स, गारमेंट मेकिंग, ट्रांसपोर्ट बिजनेस आदि शामिल हैं। यह स्कीम रिटेल ट्रेड, एजुकेशनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के लिए नहीं है।
(साभार – दैनिक भास्कर)

‘ साहित्य सौरभ ‘ के सम्पादक मंडल में प्रोफेसर सोमा बंद्योपाध्याय

कोलकाता : कलकत्ता विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की प्रोफेसर एवं सम्प्रति वेस्ट बंगाल युनिवर्सिटी आफ टीचर्स ट्रेनिंग, एजुकेशन प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन की कुलपति प्रोफेसर सोमा बंद्योपाध्याय को टोरंटो, कनाडा से अति शीघ्र प्रकाशित होने वाली “पुस्तक भारती ” संस्थान की त्रैमासिक अंतराष्ट्रीय शोध-पत्रिका ‘ रिसर्च-ई-जर्नल ‘ एवं साहित्यिक पत्रिका ‘ साहित्य सौरभ ‘ के सम्पादक मंडल में स्थान प्रदान किया गया है । सुविख्यात साहित्यसेवी डॉ रत्नाकर नराले जो पुस्तक भारती संस्था के सी.ई.ओ हैं, ने बताया कि टोरंटो, कनाडा की पुस्तक भारती संस्था कनाडा के ISBN से www.amazon.com द्वारा विश्वस्तर पर प्रकाशन- वितरण की उत्तम सेवा प्रदान करती है ।संस्था के सचिव डॉ राकेश दुबे ने बताया कि ‘ पुस्तक भारती ‘ कनाडा की नामचीन संस्था है, जो उच्च स्तरीय प्रकाशन एवं अपनी सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए जानी जाती है ।पत्रिका का प्रथम अंक भारतीय साहित्य एवं संस्कृति पर केन्द्रित होगा ।

प्रतिरोध की संस्कृति है स्त्री सृजनात्मकता

हावड़ा : मुक्तांचल और हावड़ा की संस्था विद्यार्थी मंच के तत्वावधान में ‘स्त्री कलम: प्रतिरोध की संस्कृति ‘ विषय पर एक विचार गोष्ठी एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुक्तांचल के स्त्री कलम केन्द्रित अंक का लोकार्पण भी किया गया। इस प्रकाशन पर्व में डॉ सत्या उपाध्याय ने भी हिस्सा लिया। कार्यक्रम की शुरुआत पुलवामा हमले में वीरगति को प्राप्त शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। सुधा शर्मा ने काव्य आवृत्ति द्वारा स्त्री की आजादी को मुखरित किया। मुक्तांचल पत्रिका की संपादक डॉ. मीरा सिन्हा ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि स्त्री कलम केंद्रित यह अंक स्त्री लेखन को व्यापकत्व देने का प्रयत्न है। हमें सृजनात्मकता के साथ-साथ पठनीयता को बनाये रखने की जरूरत है। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर चंद्रकला पांडे ने कहा कि स्त्री रचनात्मकता का फलक व्यापक होने के साथ निर्भयता से लबरेज़ हुआ है। उन्होंने कहा कि जिस दिन स्त्रियां भय मुक्त होंगी और स्त्रियों के प्रति समाज का सोच बदलेगा, उस दिन स्त्री अपने वजूद को पा सकेंगी। बतौर प्रमुख वक्ता विश्वभारती विश्वविद्यालय की प्रो.मंजुरानी सिंह ने कहा कि स्त्री के लेखन की शुरूआत असहमति और प्रतिरोध से हुई है। डॉ सुनीता गुप्ता ने कहा कि कविता प्रतिरोध का माध्यम है। कविता स्त्री के लिए उनके होने की जिद है। विशिष्ट वक्ता के तौर पर आमंत्रित शशि मुदीराज ने कहा कि जहां स्त्रियों ने खुद को व्यक्त करने की कोशिश की है, वहीं से स्त्रियों के समक्ष चुनौतियां शुरू हो गईं। आज स्थिति बदली है और स्त्रियों ने हर तरह की चुनौतियों के लिए खुद को तैयार कर लिया है। इस अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन में शैलेन्द्र शांत, उमा झुनझुनवाला, सिराज खान बातिश, विमलेश त्रिपाठी, रितेश पांडेय, जीवन सिंह, सविता पोद्दार, सुषमा कनुप्रिया, कालिका प्रसाद उपाध्याय, सरिता खोवाला, रीमा पांडेय, आरती सिंह, श्वेता सिंह, मनप्रीत घई, संजीव दुबे, राहुल गौंड, अनुराधा सिंह ‘अनु ‘, मधु सिंह, मंजू बेज, अजमत अंसारी, अनीसा सावरी ने अपनी कविताओं का पाठ किया। कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए प्रो. शुभ्रा उपाध्याय ने कहा कि आज भी स्त्रियों स्थिति ज्यादा नहीं बदली है, वैचारिक धरातल पर स्थिति वैसी ही है जैसी पहले थी। स्त्रियों के हाथ में कलम का आना प्रतिरोध का बड़ा सबूत है और वह इसी कलम के माध्यस से अपने प्रतिरोध को शब्दों में बयां करती हैं। इस मौके पर विनीता लाल, पार्वती शॉ, संजय पांडेय, सुधा शर्मा ,त्रिनेत्र कांत त्रिपाठी ,हेमंत सिंह ,मनीष सिन्हा , शुभम जायसवाल, मुकेश झा ,गुड़िया राय, अनुभव सिन्हा ,प्रभा उपाध्याय, विनोद यादव , नेहा सिंह , अजय ठाकुर , सुशील पांडेय उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन विवेक लाल ने दिया।