सर्दियों में एड़ियों को रखें सलामत

सर्दियों में अक्सर कई लोगों की एड़ियां फटने लगती हैं. एक ओर जहां फटी एड़ियां देखने में बुरी लगती हैं, वहीं तकलीफ बढ़ जाने पर इनमें से खून आना भी शुरू हो जाता है, जिससे पैरों में काफी दर्द होता है। आइए जानें, फटी एड़ियों से राहत पाने के तरीकों के बारे में… 1.  रोज लगाएं ग्लि‍सरीन–

सर्दियों में फैशन रहे मस्त

सर्दियों में खुद को ठंड से बचाना और उसके साथ स्टाइल बनाये रखना करना आसान नहीं होता। लेकिन अगर आप कुछ आसान से फैशन हैक्स अपनाएं तो आप ठंड से भी बची रहेंगी और स्टाइलिश भी दिखेंगी। तो आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ विटर फैशन हैक्स के बारे में- भारी-भरकम जैकेट्स पहनने से भले

सर्दियों में खाएं कुछ सेहतमन्द

गुड़ व सोंठ के लड्डू सामग्री : 250 ग्राम गुड़ काला, 100 ग्राम मेथी दाना, 25 ग्राम गोंद, 25 ग्राम मखाने, 200 ग्राम बारीक कटे मेवे (काजू, बादाम, पिस्ता और पिस्ता), 500 मिली लीटर घी, 3 बड़ा चम्मच खसखस के दाने, 200 ग्राम नारियल पाउडर, 1 छोटी कटोरी किशमिश, 1 छोटी कटोरी सोंठ पाउडर विधि

बगैर आयरन किये निकालें कपड़ों की सिलवटें

कपड़े आयरन करना एक अच्छी आदत है। इस्तरी किये हुए कपड़ों की चमक ही अलग होती है मगर तब क्या हो जब आयरन खराब हो जाए या बत्ती गुल हो जाए..तब आप इन तरीकों से अपने कपड़ों की सिलवटें निकाल सकती हैं और वह भी बगैर किसी खर्च के – ब्लो ड्रायर – अगर आपके

वीरांगना की सोदपुर इकाई की कार्यकारिणी गठित

कोलकाताः अंतर्राष्ट्रीय क्षत्रिय वीरांगना फ़ाउंडेशन की पश्चिम बंगाल प्रदेश इकाई की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के नेतृत्व में शुक्रवार को सोदपुर अंचल इकाई का विस्तार पर कार्यकारिणी का गठन किया गया। वीरांगना की सोदपुर अंचल इकाई की अध्यक्ष ज्योति सिंह, महामंत्री सुनीता सिंह, उपाध्यक्ष ललिता सिंह, सचिव माला सिंह तथा सुलेखा सिंह, रीता सिंह, मंजू सिंह,

पंत ने देखा था लोकायतन में विश्‍व मानवता का स्वप्न

कोलकाता : हिंदी के प्रसिद्ध छायावादी कवि सुमित्रानंदन पंत की पुण्यतिथि के अवसर पर भारतीय भाषा परिषद के ‘कालजयी कृति विमर्श’ के कार्यक्रम में बोलते हुए इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष और आलोचक प्रो.राजेंद्र कुमार ने कहा कि पंत प्रकृति के सुकुमार कवि ही नहीं थे बल्कि वे मनुष्यता के विराट स्वप्न

भारतीय भाषा परिषद में हिन्दी और उड़िया के कवियों संग हुई काव्य लहरी

कोलकाता : भारतीय भाषा परिषद के तत्वावधान में ‘काव्य-लहरी’-2 की आठवीं गोष्ठी भारतीय भाषा परिषद सभाकक्ष में आयोजित की गयी। इस बार हिंदी के साथ ओड़िया भाषा के कवियों ने भी अपनी कविताएँ सुनाईं। कवियों के पुष्प स्तवक से स्वागत के बाद सरस्वती वंदना अनुराधा सिंह ‘अनु’ ने प्रस्तुत किया। सभाकक्ष में उपस्थित श्रोताओं को

एड्स : बंगाल के अस्पतालों में ही चतुर्थ श्रेणी कर्मी व नर्सों की उपेक्षा सह रहे हैं मरीज

हर साल की तरह इस साल भी गत 1 दिसम्बर को सारी दुनिया में एड्स दिवस मनाया गया।  एड्स पीड़ितों के प्रति संवेदनशील वातावरण बनाने की तमाम कोशिशें जारी हैं। यह सही है कि आम आदमी को जागरुक बनाना बहुत जरूरी है मगर आप उन अस्पतालों को संवेदनशीलता का पाठ कैसे पढ़ाएंगे जहाँ एड्स पीड़ित

उम्र कम है मगर हुनर बहुत है इन दो बहनों में

प्रतिभा हो तो वह निखर ही जाती है। विपरीत परिवेश भी प्रतिभा को कुंद नही कर सकता,इसका प्रत्यक्ष प्रमाण दिया है उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के जमानियां क्षेत्र स्थित बघरी गाँव की इन बच्चियों निष्ठा एवं प्रतिष्ठा तिवारी ने।इन बच्चियों ने अपनी रचनात्मक कला के द्वारा लोगों को चमत्कृत किया है। अपनी पढ़ाई के

हम लिखते, पढ़ते व बोलते तो रहें, कभी तो फिजां बदलेगी

बेहद विन्रम और स्नेहिल स्वभाव की अनामिका जी का लेखन बेहद मजबूत है। वे स्त्रियों की हर पीड़ा न सिर्फ समझती हैं बल्कि उन्हें पूरी मजबूती के साथ सामने रखती भी हैं। अँग्रेजी उनके कार्यक्षेत्र की भाषा है मगर उन्होंने हिन्दी साहित्य की हर विधा को समृद्ध किया हैं। अनामिका जी को राजभाषा परिषद पुरस्कार,