साल 1857 में मंगल पांडे की बन्दुक से निकली गोली ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ़ विद्रोह का आगाज़ किया। इस विद्रोह को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का पहला विद्रोह माना जाता है और मंगल पांडे को प्रथम क्रांतिकारी। हालांकि, 1857 की क्रांति से लगभग 80 साल पहले बिहार के जंगलों से अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ़ जंग
रायपुर : नीलांबर कोलकाता द्वारा हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि एवं लेखक विनोद कुमार शुक्ल पर केंद्रित कार्यक्रम ‘रंग विनोद’ का आयोजन रायपुर के वृंदावन सभागार में 21 अप्रैल को किया गया।कार्यक्रम के आरंभ में उनके जीवन एवं रचनाकर्म पर आधारित ‘हम जैसा उन्हें जानते हैं’ शीर्षक से नीलांबर द्वारा निर्मित एक वीडियो फिल्म दिखाई गई।स्वागत
कोलकाता : कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज के हिंदी विभाग की ओर से युवा लेखिका शुभ्रा उपाध्याय के नवीनतम कहानी संग्रह ‘ कतरा कतरा जिंदगी ‘ पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया । स्वागत वक्तव्य देते हुए कॉलेज की प्राचार्य डॉ. सत्या उपाध्याय ने कहा कि हिंदी विभाग की ओर से नए रचनाकारों की पुस्तकों पर
हम भारतीय अगर किसी चीज को गम्भीरता से नहीं लेते तो वह हमारा इतिहास है। ऐसे में अपनी ऐतिहासिक विरासतों को हम कितनी गम्भीरता से लेते हैं, यह भी जाहिर है मगर इतिहास के प्रति आम आदमी को जागरुक करने में बड़ी भूमिका होती है किसी पुरात्वविद की। वह सच पर से परदा उठाता है
भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश में चुनाव आज भी अपने मूल रीति-नीति को नहीं अपना पा रहा है. अब इसे हमारे देश का दुर्भाग्य कहें या दलदली राजनीति का प्रतिफल , यह जनता और राजनेता स्वयं तय करें तो बेहतर होगा! आमतौर पर चुनाव का मूल केंद्रबिंदु राष्ट्र, समाज और जनता के मूल मुद्दों को
ये मई बहुत ऐतिहासिक होने जा रही है,,न सिर्फ इसलिए कि देश को एक नयी सरकार मिलेगी बल्कि यह हमारे देश की विकास की दिशा भी तय करेगी। एक मतदाता के तौर पर जनता की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। बहरहाल, चुनाव के नतीजों पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता क्योंकि जनता का मूड क्या
फोटोग्राफी बहुत सृजनात्मक क्षेत्र है और अब भी बहुत कम लड़कियाँ इस क्षेत्र में अपना कॅरियर बनाती हैं। वहीं माधुरी दुग्गड़ ने न सिर्फ इस क्षेत्र को चुना बल्कि खुद को सफलता के साथ स्थापित किया। आज स्नीजी शूटर्स के माध्यम से से वे हर अवसर को बतौर पेशेवर फोटोग्राफर खूबसूरती से कैद कर रही
सुषमा त्रिपाठी आनन्द प्रकाशन वर्ष 2018 उपलब्धता – अमेजन तथा आनन्द प्रकाशन, कोलकाता किताब के बारे में – 14 नारी पात्रों की कहानी आत्मकथानक शैली में आज के युग के अनुरूप कही गयी है। किताब में जो चित्र हैं, वह कवियित्री ने खुद बनाये हैं। द्रौपदी, कुन्ती, सरस्वती जैसे पात्रों को एक अलग दृष्टि से
सुषमा त्रिपाठी मानव प्रकाशन वर्ष -2016 उप्लब्धता – अमेजन पुस्तक के बारे में – यह किताब दरअसल एक डायरी है जिसे कविताओं की शक्ल दी गयी है। कविताएं आस -पास के वातावरण और उनसे मिलने वाले अनुभवों का प्रतिफलन है। आप रवीन्द्र सरणी स्थित आनन्द प्रकाशन से किताब खरीद सकते हैं
नयी दिल्ली : महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे मामलों की जांच में तेजी लाने के लिए 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जल्द ही साइबर फॉरेंसिक लैबोरेट्री और डीएनए जांच सुविधाएं मिलेंगीं। गृह मंत्रालय ने बताया कि 131 करोड़ रुपए की लागत से उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, प. बंगाल, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र,