Saturday, September 20, 2025
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श्राची ग्रुप और केवेंटर ने न्यूटाउन में शुरू की एक लक्जरी बंगलो की परियोजना

कोलकाता । रियल एस्टेट के दिग्गज श्राची ग्रुप और केवेंटर ग्रुप ने न्यूटाउन में अपने अभूतपूर्व संयुक्त उद्यम के लिए नमूना बंगलों का उद्घाटन किया है।  श्राची ने एक बार फिर न्यूटाउन विला के लिए केवेंटर के साथ हाथ मिलाया है। कार्यक्रम में श्राची ग्रुप के प्रबंध निदेशक राहुल टोडी और केवेंटर के प्रबंध निदेशक मयंक जालान उपस्थित थे। उद्योग जगत मैं यह पहली सहयोग परियोजना एक अद्वितीय जीवन अनुभव प्रदान करती है। ऐसा करके न्यू टाउन विला में कई नए युग की सुविधाओं के साथ सबसे सौंदर्यपूर्ण रूप से डिजाइन किए गए बंगले हैं जो सपनों के घर को एक अद्भुत वास्तविकता में बदलने में मदद करेंगे। श्राची ग्रुप के प्रबंध निदेशक राहुल टोडी ने कहा, “आज का कार्यक्रम महत्वपूर्ण है क्योंकि हम केवेंटर के साथ हमारे संयुक्त उद्यम के महान क्षण के गवाह हैं।  हम ऐसे घर बनाने में विश्वास करते हैं जो आधुनिक जीवन की आकांक्षाओं के अनुरूप हों और यह परियोजना उस वादे को साकार करती है।” केवेंटर के प्रबंध निदेशक मयंक जालान ने कहा न्यूटाउनविला पर श्राची ग्रुप के साथ सहयोग करना केवेंटर के लिए एक रोमांचक यात्रा है। हम ऐसे घर बनाने का दृष्टिकोण पेश करते हैं जो सुंदरता और कार्यक्षमता का एक आदर्श मिश्रण पेश करते हैं। नमूना बंगले हमारे भविष्य मैं निवासियों के लिए एक अद्वितीय और समृद्ध जीवन शैली हैं,” । इस कार्यक्रम में संभावित घर खरीदार, निवेशक और गणमान्य व्यक्ति भाग लेते हैं। पूरे क्षेत्र में सुंदर हरे परिदृश्य, प्रकृति से जुड़ा स्वस्थ वातावरण, छोटी सभाओं के लिए निजी उद्यान क्षेत्र, बच्चों के खेलने का क्षेत्र, इनडोर गेम क्षेत्र, शानदार स्विमिंग पूल, जिम, स्पा, 24/7 सुरक्षा और कई अन्य सुविधाएं भी शामिल हैं।

बंगाल में मुश्किल हो रहा कोल्ड स्टोरेज का कुशलतापूर्वक संचालन 

कोलकाता । पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन जो पश्चिम बंगाल में एकमात्र सक्रिय कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन है। इस संगठन की ओर से किसानों, उपभोक्ताओं और आम जनता का ध्यान आलू के संरक्षण के लिए किराये से होने वाले नुकसान की ओर आकर्षित करने के लिए एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस मौके पर पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री सुनील कुमार राणा, डब्ल्यूबीसीएसए के उपाध्यक्ष शुभजीत साहा, पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राजेश कुमार बंसल के अलावा पतित पावन दे, तरूण कांति घोष, डब्ल्यूबीसीएसए के पूर्व अध्यक्ष गोविंद कजारिया,  दिलीप चटर्जी, श्री, कौशिक कुंडू के अलावा डब्ल्यूबीसीएसए की जिला समितियों के अध्यक्ष और कई अन्य सम्मनीय लोग मौजूद थे। कृषि उपज के संरक्षण के लिए कोल्ड स्टोरेज किराए के तौर पर मिलनेवाले रुपए से अपना कोल्ड स्टोरेज चलाते हैं, जहां किराया सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है। प्रथा के अनुसार कोल्ड स्टोरेज का किराया राज्य सरकार द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति की सिफारिश के आधार पर लागू की जाती है, जो विभिन्न बाजारों और मार्केटों से इनपुट लेकर लागतों के लिए वृद्धि की दर पर विचार करने के बाद ऐसी सिफारिश करती है। किराए की बढ़ोत्तरी बिजली की लागत, अमोनिया, कार्यालय रखरखाव, मशीनरी/उपकरण की मरम्मत और रखरखाव, आलू की लोडिंग और अनलोडिंग के लिए लगे सभी प्रकार के श्रमिकों के लिए कर्मचारियों का वेतन शुल्क इन सभी बातों पर विषय कर किराए में बढ़ोतरी का अनुमोदन दिया जाता है। यह देखा गया है कि सरकार द्वारा अनुमोदित किराया हमेशा विशेषज्ञ समिति द्वारा अनुशंसित राशि से कम होता है। इस प्रकार 2021 तक कोल्ड स्टोरेज 21.35 रुपये/क्विंटल की अत्यधिक राशि मिलने से वंचित रह जाते हैं। पिछले कुछ वर्षों में अनुशंसित राशि और स्वीकृत किराये के बीच का अंतर काफी ज्यादा हो गया है। जो वर्तमान में कोल्ड स्टोरेज के लिए अव्यवहार्य हो गया है। अंततः कोल्ड स्टोरेज को एक बीमार और नुकसान उद्योग बनने के लिए मजबूर किया जा रहा है। सरकार ने 2021 के बाद कोल्ड स्टोरेज किराए में संशोधन नहीं किया है, हालांकि एसोसिएशन ने पर्याप्त औचित्य के साथ संशोधन के लिए सरकार से बार-बार अपील की है। सरकार द्वारा बनाई गई विशेषज्ञ समिति ने भी जनवरी 23 में दक्षिण बंगाल और उत्तर बंगाल के लिए भंडारण किराए को 190 रुपये प्रति क्विंटल और 194 रुपये प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की है। 2021 से 2022 की अवधि में ही 9.95 रुपये/क्विंटल की अंडर-रिकवरी हुई है। 2023 में उद्योग के लिए इनपुट लागत फिर से बढ़ गई है। लेकिन सरकार की तरफ से इसके किराए में बढ़ोत्तरी का कोई फैसला नहीं लिया गया। इस अवसर पर पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील कुमार राणा ने कहा, यह अफसोस की बात है कि यह जानने के बावजूद कि अन्य राज्यों में कोल्ड स्टोरेज का किराया 230 रुपये से 270 रुपये प्रति क्विंटल है, हम सरकार का ध्यान कई बार इस ओर आकर्षित कर चुके हैं, लेकिन सरकार का अबतक उदासीन रवैया हमे देखने को मिल रहा है। हमारी इकाइयों को 168 रुपये से 172 रुपये प्रति क्विंटल पर संचालित करने का आदेश दिया गया है। इस तरह 31.30 रुपये/क्विंटल की आर्थिक हानि स्वीकार कर व्यवसाय करना पड़ रहा है। पिछले दो वर्षों से इसी नुक्षण के साथ हमने काम किया। हमारी हार्दिक इच्छा के बावजूद हम अपने इकाइयों का आधुनिकीकरण नहीं कर सके। परिणामस्वरूप, किसान और किराये पर लेने वाले उपभोक्ता संरक्षण की आधुनिक तकनीकों से वंचित रह जा रहे हैं। इस विकट परिस्थिति में इसके कई सदस्य कर्ज के जाल में फंस रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न जिलों में कोल्ड स्टोरेज बंद हो रहे हैं या इकाइयां बैंकों के लिए एनपीए बन रही हैं। यदि समय रहते कोल्ड स्टोरेज उद्योग को होनेवाले आर्थिक नुकसान पर ध्यान नहीं दिया गया तो भविष्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर इसका भारी प्रभाव पड़ेगा। इसलिए, हम इस अवसर पर सभी संबंधित पक्षों को सूचित करना चाहते हैं कि, हम आगामी सीजन में वर्तमान किराया संरचना के साथ कोल्ड स्टोरेज के संचालन को सुनिश्चित करना संभव नहीं हैं।

यंग इंडियंस ने किया किड्स कार्निवल का आयोजन

कोलकाता । यंग इंडियन्स ने चित्रकूट बिल्डिंग के लॉन्स पर 400 गरीब बच्चों के लिए एक दिलचस्प कर्णवाली का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व करने वाली चेयरमैन मंजरी दमानी और को-चेयर मौलिश्री दमानी ने यह सुनिश्चित किया कि इस घड़ी को बच्चों के जीवन में आनंद और जागरूकता लाएं। आस्थाएँ एक विभिन्न प्रकार की प्रेरणादायक गतिविधियों के साथ खुली। ट्रैम्पोलाइन हंसी लाने वाला था, टंबल टॉसर उत्साह भरा था, और एक मोहक पप्पेट शो ने बच्चों को एक अद्भुत दुनिया में संवहनी किया। जुम्बा कक्षाएँ केवल ऊर्जा नहीं डालीं बल्कि एक स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा दिया। स्लाइड और “कैन द कैन” खेल की शामिली से आनंद में एक अतिरिक्त स्तर जोड़ा गया। आनंददायक क्षणों के पारे, इस कार्यक्रम का एक गहरा उद्देश्य था। युवा मस्तिष्कों को सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श, जलवायु परिवर्तन, सड़क सुरक्षा, और मानसिक स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों के प्रति संवेदनशील किया गया। सावधानीपूर्वक अंगीकृत गतिविधियों के माध्यम से, कर्णवाली एक शिक्षा का मंच बन गई, जो मजेदार रूप में छुपी शिक्षा को प्रोत्साहित करने और उपस्थित लोगों के बीच जागरूकता और सशक्तीकरण को बढ़ावा देती है। बैभव अग्रवाल के नेतृत्व में, इस संगीत सोमवार की सुबह वाली कर्णवाली ने दया का दीपक बन गई, मूल्यवान सिखों को बोझलेस यादें बनाते हुए।

आ गया विधवा महिलाओं की तस्करी पर “सादा रोंगेर पृथिबी” फिल्म का ट्रेलर

कोलकाता । राजोश्री दे की नई टॉलीवुड फिल्म “सादा रोंगेर पृथिबी” इस देश में विधवा महिलाओं की तस्करी पर आधारित सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्म है। इस थ्रिलर फिल्म में काशी में इससे जुड़ी घटनाओं को फिल्म प्रेमियों के सामने लाने की कोशिश की गई है। सच्ची घटना पर बनी फिल्म का ट्रेलर लॉन्च दक्षिण कोलकाता के साउथ सिटी मॉल में स्थित आईनॉक्स में आयोजित किया गया। यह फिल्म आगामी 23 फरवरी को रिलीज हो रही है। इस मौके पर डॉ. शशि पांजा (वाणिज्य और उद्यम तथा महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण विभाग की प्रभारी मंत्री, पश्चिम बंगाल सरकार), सोहिनी शास्त्री (भविष्य वक्ता और उपचारकर्ता), मधुजा बनर्जी (वरिष्ठ उपाध्यक्ष, फिक्शन कलर्स हिंदी और वायाकॉम 18 मीडिया प्राइवेट लिमिटेड), अमित अग्रवाल (प्रख्यात फिल्म निर्माता), राजोश्री दे (निर्देशक) के साथ “सादा रोंगेर पृथिबी” की पूरी स्टार कास्ट इस मौके पर मौजूद थे। विधवा तस्करी पर बनी पूरे भारत में यह पहली ऐसी फिल्म है, जो अब तक किसी अन्य भाषा में नहीं बनी है।
इस फिल्म की कहानी वाराणसी में विधवाओं की बेरंग दुनिया को लेकर बनी है। इस फिल्म की कहानी में उन आपराधिक मास्टरमाइंडों की कुकृत्तियों को भी दर्शाया गया है, जो इन दुर्भाग्यपूर्ण जीवन जीनेवाली महिलाओं का शोषण करते हैं। इस फिल्म में ट्विस्ट तब आता है, जब एक युवा पुलिस अधिकारी इन विधवा महिलाओं के आश्रय स्थल की जांच करने के लिए आती हैं। जांच के लिए इन सब विधवा महिलाओं के बीच वह पुलिस अधिकारी रहना शुरू करती है, वह उन खतरों से अनजान रहती हैं, जो फिल्म में आगे उसका इंतजार कर रहे होते हैं। क्या वह समाज की इस अनदेखी बुराई से लड़ने के अपने प्रयास में राजनीतिक दबावों और अन्य खतरों के बीच सफल होगी? इस फिल्म में छिपा यह पूरा सस्पेंस फिल्म के रिलीज होने पर स्पष्ट होगा। आदर्श टेलीमीडिया और अमित अग्रवाल द्वारा प्रस्तुत और सुशांत सेनगुप्ता, श्रावणी पाल, राजोश्री दे द्वारा निर्मित इस फिल्म में बंगाल के 19 शीर्ष कलाकारों ने अपनी अभिनय की प्रतिभा बिखेरी हैं। इस फिल्म की पूरी कहानी विधवाओं की दुर्दशा, उनके खिलाफ होने वाले अपराध और सदियों पुरानी रीति-रिवाजों को उजागर करेगी, जो उन्हें प्रतिबंधात्मक जीवन शैली में बांधकर रहने को मजबूर करती है। इस फिल्म में स्टार कास्ट और क्रू मेंबर्स में श्राबंती चटर्जी, सौरसेनी मैत्रा, अरिंदम सिल, रीतब्रत मुखर्जी, स्नेहा चटर्जी, मल्लिका बनर्जी, देवलीना कुमार, अनन्या बनर्जी, ऋचा शर्मा, सोही गुहा रॉय, देबोश्री गांगुली, ओइंड्रिला बोस, अरुणाव डेरी, ईशान मजूमदार, मोनालिशा बनर्जी, अनुराधा चौधरी के अलावा इस मौके पर शामिल प्रमुख अतिथियों में सुभ्रजीत मित्रा मौजूद थे। इस फिल्म की संगीत रचना आशु चक्रवर्ती द्वारा की गई है। यह फिल्म आगामी 23 फरवरी को रिलीज हो रही है।

काव्य-संध्या ने रसिक श्रोताओं का मन मोहा

कोलकाता । भारतीय भाषा परिषद और गोरखपुर की संस्था स्नेहिल काव्य धार द्वारा एक काव्य संध्या का आयोजन किया गया। स्नेहिल काव्य धार की संस्थापिका सरोज अग्रवाल तथा रेखा ड्रोलिया ने कार्यक्रम का संचालन किया व अपनी कविताएं भी सुनायीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुरेश चौधरी ने की, जिसमें मुख्य अतिथि थीं कवयित्री विद्या भंडारी। दुर्गा व्यास, रमा केडिया, डॉ.अभिज्ञात, सविता पोद्दार, डॉ.गीता दुबे, नीता अनामिका, अर्पणा अंजन, राज्यवर्धन, सेराज खान बातिश चंदा प्रहलादका , शशि लोहाटी प्रसन्न चोपड़ा ने अपने गीतों, गजलों और मुक्तछंद की कविताओं से उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया। शम्भूनाथ जी की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम की संयोजक विमला पोद्दार ने अपने उद्घाटन संबोधन में गोरखपुर से आई संस्था का स्वागत किया।

पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन की 59वीं वार्षिक साधारण सभा सम्पन्न

कोलकाता । पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन इस राज्य में कोल्ड स्टोरेज का एकमात्र सक्रिय एसोसिएशन है। इस एसोसिएशन की ओर से सोमवार को कोलकाता के साल्टलेक में “द आलमंड” में 59वीं वार्षिक सभा का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि बेचराम मन्ना (माननीय एमआईसी, कृषि विपणन विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार), डॉ. प्रदीप कुमार मजूमदार (माननीय एमआईसी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार) ने किया। इसके अलावा इसमें शामिल होनेवाले अन्य गणमान्य अधिकारियों में अशोक कुमार दास (विशेष सचिव, कृषि विपणन विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार), पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश कुमार बंसल, पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष श्री सुनील कुमार राणा, डब्ल्यूबीसीएसए के पूर्व अध्यक्ष श्री पतित पबन दे के साथ समाज की कई अन्य प्रतिष्ठित हस्तियां इस दौरान मौजूद थे। इस अवसर पर पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री राजेश कुमार बंसल ने कहा, आलू उत्पादकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। चालू सीजन में लगभग 4.6 लाख हेक्टेयर भूमि पर आलू की खेती की गई है। उन्होंने चालू सीजन में लगभग 110 लाख टन आलू का उत्पादन होने का अनुमान लगाया।
पश्चिम बंगाल में घरेलू खपत 65 लाख टन है, शेष स्टॉक को अन्य राज्यों में सप्लाई करने पर विचार किया जा सकता है। बाजार में आलू की स्थिर कीमत और नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने अधिकारियों से अनलोडिंग अवधि के दौरान हर महीने 12% की एक समान दर पर संग्रहीत स्टॉक को जारी करने के लिए एक प्रणाली तैयार करने का अनुरोध किया।  उन्होंने आलू उत्पादक राज्यों में कोल्ड स्टोरेज का किराया वह के यातायात किराए के बराबर बढ़ाने की मांग की। जहां वर्तमान दर 230/- रुपये से 270/- रुपये प्रति क्विंटल है। उन्होंने उल्लेख किया कि विशेषज्ञ समिति द्वारा दक्षिण और उत्तर बंगाल के लिए कोल्ड स्टोरेज किराया क्रमश: 190 रुपये और 194 रुपये करने की सिफारिश के बावजूद सरकार अब तक कोल्ड स्टोरेज किराया संशोधित नहीं कर सकी है। उन्होंने आशंका जताई कि आगामी सीज़न में कोल्ड स्टोरेज के संचालन में इससे बाधा आ सकती है, क्योंकि स्टोर मालिक वर्तमान किराया संरचना के साथ अपनी इकाइयों को संचालित करने के इच्छुक अब नहीं रह गए हैं। इसके अलावा, यह सुझाव दिया गया कि कोल्ड स्टोरेज किराए की गणना 100% भंडारण क्षमता के बजाय 85% भंडारण क्षमता पर आधारित होनी चाहिए क्योंकि 100% क्षमता का उपयोग शायद ही कभी किया जाता है। इस सभा के जरिए यह भी सुझाव दिया गया कि कोल्ड स्टोरेज अधिनियम 1966 की समीक्षा पर चर्चा में इन मुद्दों को शामिल होना चाहिए:
  भंडारण योग्य आलू की गुणवत्ता के प्रति इसे किराये पर लेने वालों का कर्तव्य।  भंडारण सत्र की समाप्ति के बाद भंडार इकाइयों में बचे आलू के स्टॉक के निपटारे के प्रति इसकी प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाएगा।  कोल्ड स्टोरेज लाइसेंस की वैधता पांच साल तक बढ़ाई जाए।  संयंत्र को चलाने के लिए कोल्ड स्टोरेज चैम्बर में न्यूनतम मात्रा में स्टॉक को उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने इस सभा के दौरान राज्य में उद्योग के अनुकूल कारोबारी माहौल और इससे जुड़े नियमों के सरलीकरण और विनियमों, समयबद्ध कार्यों, व्यवसाय के संचालन से संबंधित मुद्दों के निष्पक्ष और तार्किक निपटान पर विशेष जोर दिया।

अनहद कोलकाता सम्मान से विभूषित किये गये डॉ. अभिज्ञात 

कोलकाता। अनहद कोलकाता और मनीषा त्रिपाठी फाउडेंशन द्वारा स्थापित तृतीय मनीषा त्रिपाठी स्मृति सम्मान कवि, कहानीकार, अभिनेता, चित्रकार डॉ. अभिज्ञात को उर्दू के वरिष्ठ लेखक  फ़े सीन एजाज़  की अध्यक्षता में सम्पन्न हुए एक कार्यक्रम में दिया गया। डॉ अभिज्ञात को मानदेय, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न और उत्तरीय प्रदान किया गया और उनकी रचनाओं पर चर्चा की गयी। अध्यक्षीय वक्तव्य में फ़े सीन एजाज़ ने कार्यक्रम की रूपरेखा की सराहना करते हुए अभिज्ञात को बहुमुखी प्रतिभासम्पन्न रचनाकार कहा।  आयोजक डॉ. विमलेश त्रिपाठी ने मंचासीन वक्ताओं का परिचय देते हुए स्वागत वक्तव्य दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सम्मान नहीं है वरन एक कला साधक की रचनात्मकता को महत्व देना और उसके साथ खड़ा होना है। डॉ गीता दूबे ने अभिज्ञात के साहित्यिक योगदान पर विस्तार से चर्चा की। शैलेंद्र शान्त ने मनीषा त्रिपाठी की स्मृति में आयोजित अनहद कोलकाता सम्मान की प्रशंसा करते हुए  इसे साहित्य, कला के लिए एक अच्छा प्रयास कहा। महाराष्ट्र से आये कवि-अनुवादक एवं साहित्याक्षर और हिंदी अनुसंधान केंद्र के प्रमुख डॉ.संजय बोरुडे ने अपनी हिन्दी कविताओं का पाठ करते हुए इस बात पर जोर दिया कि हमें हिन्दुस्तान की भिन्न-भिन्न भाषाओं के साथ मिलकर काम करना चाहिए। गया से आये कवि सुरेंद्र प्रजापति ने अपनी कविताओं का पाठ किया। वे पेशे से किसान हैं और गांव में रहकर महत्वपूर्ण कविताएँ लिख रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान संजय बोरुडे द्वारा विमलेश त्रिपाठी की चुनी हुई कविताओं के मराठी अनुवाद की पुस्तक  ‘कवितेपेक्षा दीर्घ उदासी’ का विमोचन भी मंचासीन अतिथियों द्वारा किया गया। डॉ.अभिज्ञात ने अपने वक्तव्य में अनहद कोलकाता सम्मान 2023 से खुद को सम्मानित किये जाने पर आभार और कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि यह मेरे लिए गौरव के साथ जिम्मेदारी का भी क्षण है और अपनी एक प्रसिद्ध कविता ‘मेरी नाभि में बसो’ कविता का पाठ किया। कार्यक्रम में निलय उपाध्याय, नील कमल, सेराज खान बातिश, शैलेन्द्र शांत ने अपनी कविताओं का पाठ किया। कार्यक्रम में विनय मिश्र, दिनेश राय, प्रकाश त्रिपाठी, विनय भूषण, प्रभात मिश्र, रवि गिरि सहित कई रचनाकार एवं साहित्यप्रेमी उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन युगेश गुप्ता ने किया।

श्रीराम के आगमन पर 1100 दीये किए गए प्रज्ज्वलित

रामलला को अर्पित 101 किलो लड्डू का महाभोग
कोलकाता । अयोध्या में 22 जनवरी सोमवार को मर्यादा पुरषोत्तम भगवान श्रीराम के आगमन की खुशी में देश के विभिन्न राज्यों की तरह कोलकाता के बगुईहाटी के वीआईपी रोड में स्थित ‘एक्जीक्यूटिव पैलेस अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन’ में सोमवार को श्रीराम के आगमन की खुशी में भव्य पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया। इस दिन 1100 दीये की रौशनी से अपार्टमेंट जगमगा उठा। इसके साथ प्रख्यात पंडितों के मंत्रोच्चारण से महायज्ञ का आयोजन भी संपन्न हुआ। रामलला को 101 किलो लड्डू से महाप्रसाद का भोग लगाया गया। इस मौके पर बागुईआटी के वीआईपी रोड में स्थित ‘एक्जीक्यूटिव पैलेस अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन’ के सचिव श्री अंकित अग्रवाल ने कहा कि इस स्वर्णिम पल में पूरे देशवासी प्रफुल्लित होकर जश्न मना रहे हैं। हम भी इस शुभ घड़ी में रामलला की भक्ति एवं उनके पूजन में लीन हुए हैं, उनके साथ इस अपार्टमेंट के लोग भी इस महान दिन में राममय हो गए हैं। पूरा अपार्टमेंट 1100 दीपों की रौशनी से नहाया हुआ है। श्रीराम प्रभु को 101 किलो लड्डू का महाप्रसाद भोग लगाया गया। आयोजन को सफल बनाने में अपार्टमेंट के एमपी अग्रवाल (कोषाध्यक्ष), अंकित अग्रवाल (सचिव), संजीव दुदानी (अध्यक्ष) के साथ राम अवतार अग्रवाल, मनोज बिनानी, कृष्ण अवतार अग्रवाल, आशीष टेकरीवाल, अरुण कुमार अग्रवाल, अभिषेक जैन, अभिनव बसु, अमित अग्रवाल, आशीष टेकरीवाल, अमन अग्रवाल , ललित डागा, शैंकी जैन, अशोक कुमार अग्रवाल, केशव बिनानी, बिनोद टेकरीवाल और शंकर प्रसाद दुदानी विशेष तौर पर सक्रिय रहे। अपार्टमेंट में पूजा व हवन कार्यक्रम में शामिल होकर भारी संख्या में राम भक्तों ने महाप्रसाद ग्रहण किया।

बॉलीवुड फिल्म ‘जिंदगी कशमकश’ की विशेष स्क्रीनिंग

कोलकाता । बॉलीवुड फिल्म ‘जिंदगी कशमकश’ की विशेष स्क्रीनिंग का आयोजन कोलकाता के एक्रोपॉलिस मॉल के सिनेपॉलिस सभागार में किया गया। इस कार्यक्रम में फिल्म के कलाकार शिव पंडित, तेजस्विनी कोल्हापुरे, पवलीन गुजराल के साथ नवोदित निर्देशक निर्निमेश दुबे मौजूद थे। और इस फिल्म के प्रति दर्शक बेहद उत्साहित दिखे। दरअसल, ‘जिंदगी कशमकश’ हमारे रिश्तों की जटिल पेचीदगियों को उजागर करती हुई कनिका, मोनिका और अंगद की जीवन यात्रा पर आधारित एक मनोरंजक कहानी है। एक सफल और काबिल वकील निर्निमेश दुबे ने बतौर इस फिल्म के निर्देशक एक ऐसी कहानी को चुना है , जो इन फिल्म के कलाकारों के अनसुलझे मुद्दों के गहरे प्रभाव की पड़ताल करती है। ‘जिंदगी कशमकश’ के गाने तथा इनका म्यूज़िक युवावों की नज़र से बेहद सम्मोहक है। इसका साउंडट्रैक न केवल कहानी का पूरक है, बल्कि दर्शकों की अमुभूतियों में बढ़ोतरी करते हुए जिससे यह भावनाओं की एक सिम्फनी बन जाता है। इस फिल्म के गीतों को स्वर दिया है प्रसिद्ध गायक अरिजीत सिंह, शान, पापोन, अंकित तिवारी, नीति मोहन, अदिति सिंह शर्मा, डोमिनिक सेरेजो, नीरज श्रीधर और तोची रैना ने।
फिल्म के अभिनेता शिव पंडित ने कहा, “जिंदगी कशमकश मेरे दोस्त और कलाकार निर्निमेश दुबे की इस क्षेत्र में पहली यात्रा है। इस फिल्म की कहानी इस बात पर केंद्रित है कि कैसे अनसुलझे मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे ढेर-सारों की जिंदगी को उबड़-खाबड़ कर तबाह कर सकते हैं. मेरे लिए यह फिल्म एक खूबसूरत कहानी की राह चलते हुए अभिनेताओं की प्रतिभा को आपके सामने प्रस्तुत करने की एक व्यक्ति के प्रयास की यात्रा है। वहीं फिल्म की अभिनेत्री तेजस्विनी कोल्हापुरे ने मुताबिक ‘जिंदगी कशमकश’ एक ऐसी फिल्म है, जो मानसिक स्वास्थ्य और रिश्तों की जटिलताओं का बयान करते हुए इंगित करती है कि हम परिवार से जुड़े रहें, अपनी चिंताओं को साझा करें। फिल्म की अभिनेत्री पवलीन गुजराल के मुताबिक ‘जिंदगी कशमकश’ तीन लोगों के बीच भावनाओं का एक रोलर कोस्टर है, जो अपने जीवन की कठिनाई और दुखी पल के साथ आत्म-खोज की यात्रा पर निकलते हैं। दिल्ली के मशहूर वकील निर्निमेश दुबे ने अपनी पहली फिल्म ‘जिंदगी कशमकश’ का निर्देशन करते हुए अदालत कक्ष से सिनेमा की दुनिया में कदम रखा है। फिल्म ने अयोध्या फिल्म फेस्टिवल 2023, पेंजेंस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, यूके में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म और होहे इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, जर्मनी में सर्वश्रेष्ठ डेब्यू डायरेक्टर (रनर अप) सहित प्रतिष्ठित पुरस्कार और प्रशंसा हासिल करते हुए व्यापक प्रशंसा बटोर चुकी है। ‘जिंदगी कशमकश’ जल्द ही ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने वाली है।

लिटिल थेस्पियन का 13वां राष्ट्रीय रंगमंच महोत्सव ‘जश्न ए अज़हर’ सम्पन्न

कोलकाता ।  हिंदी रंगमंच के विकास में पश्चिम बंगाल में लिटिल थेस्पियन का नाम सर्वोपरि है जो अत्यंत दृढ़ता के साथ गुणवत्तापूर्ण रंगमंच की मशाल लेकर आगे बढ़ता है। लिटिल थेस्पियन ने इस वर्ष अपना 13वां जश्न-ए-अजहर 19 से 24 जनवरी 2024 तक  ज्ञान मंच में आयोजित किया जो रंग संवाद और नाटकों का उत्सव रहा। यह ज़श्न ख़ास कर हमारे युवा पीढ़ी को समर्पित है जिसमें वह नाटक को समझने से लेकर नाटक करने, लिखने और पढ़ने की प्रक्रिया को समझ में सक्षम रहे। महोत्सव पिछले कुछ वर्षों में कोलकाता के प्रतिष्ठित आयोजनों में से एक बन गया है, जिसमें देश भर के समकालीन रंगमंच का प्रदर्शन किया जाता है। महोत्सव का 13वां संस्करण महिलाओं को समर्पित है । इस महोत्सव को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त है और अज़हर आलम मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा समर्थित है।
यह महोत्सव 19 जनवरी 2024 को रंग संवाद के साथ शुरू हुआ जिसमें डॉ. शुभ्रा उपाध्याय (प्रिंसिपल, खुदीराम बोस सेंट्रल कॉलेज), डॉ. मोहम्मद काज़िम (उर्दू विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय), डॉ. अलमास हुसैन (थिएटर निर्देशक) और नेहा मल्लिक (छात्रा, खिदिरपुर कॉलेज) मुश्ताक काक: एक शानदार फनकार विषय पर विचार रखे। सत्र का संचालन डॉ. संजय जायसवाल (हिंदी विभाग, विद्यासागर विश्वविद्यालय, मिदनापुर) ने किया। महोत्सव का उद्घाटन श्री श्रीधर एम देवगिरी (सी.सी.ई. (आर एंड डी) पूर्व, डी.आर.डी.ओ), डॉ. सोमा बंद्योपाध्याय (कुलपति, बी.एस.ए.ई.यू), डॉ. सत्या उपाध्याय तिवारी (प्रिंसिपल, कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज, कोलकाता), डॉ. देवेन्द्र कुमार देवेश (क्षेत्रीय सचिव, साहित्य अकादमी, कोलकाता), ऋषिकेष राय (प्रभारी सचिव एवं नोडल अधिकारी, टी-बोर्ड, कोलकाता), रवि शंकर सिंह (सह संपादक, बर्तमान पत्रिका हिंदी दैनिक, कोलकाता) एवं कौशल किशोर त्रिवेदी (संपादक, प्रभात खबर, कोलकाता) ने किया। ज़हीर अनवर (प्रसिद्ध उर्दू थिएटर निर्देशक और नाटककार, कोलकाता) को तीसरा अज़हर आलम मेमोरियल पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके बाद लिटिल थेस्पियन का नया प्रोडक्शन ‘भीगी औरतें’ का मंचन हुआ जिसका लेखन  और निर्देशन उमा झुनझुनवाला ने किया। 20 जनवरी 2024 को आयोजित  रंग संवाद में विजय पंडित (थिएटर डायरेक्टर, मुंबई), डॉ. विजया सिंह (रानी बिड़ला कॉलेज, कोलकाता), डॉ. रुकैया शाहीन (एम.एम.एम कॉलेज, दुर्गापुर) और आशुतोष कुमार राउथ (छात्र, कलकत्ता विश्वविद्यालय) “इक्कास्वी सदी के नाटकों में युगीन चेतना” पर अपने विचार रखे। रंग संवाद के इस सत्र का संचालन डॉ. इतु सिंह (हिंदी विभाग, खिद्दरपुर कॉलेज, कोलकाता) द्वारा किया गया। इसके बाद ती भारती जैनानी (वरिष्ठ पत्रकार, प्रभात खबर, कोलकाता) को सम्मानित किया गया । इसके बाद अनुष्ठान, मुम्बई के नाटक जोगिया राग का मंचन किया जाएगा, जिसके निर्देशक देवेन्द्र राज अंकुर‌ हैं।
21 जनवरी 2024 को रंग संवाद का विषय था “हिंदी रंगमंच और महिलाओं की भूमिका: संदर्भ त्रिपुरारी शर्मा” और इसमें डॉ. वसुन्धरा मिश्रा (हिंदी विभाग, भवानीपुर कॉलेज, कोलकाता), डॉ. कृष्णा  कुमार श्रीवास्तव (हिंदी विभाग, आसनसोल गर्ल्स कॉलेज, आसनसोल), सुदीपा बसु (प्रसिद्ध अभिनेत्री, कोलकाता) और मोहम्मद इरफ़ान अली (छात्र, खिद्दरपुर कॉलेज, कोलकाता) ने विचार रखे। रंग संवाद का संचालन डॉ. सूफिया यसमिन (हिंदी विभाग, विद्यासागर कॉलेज फॉर वुमन, कोलकाता) द्वारा किया गया। प्रसिद्ध थिएटर अभिनेता/निर्देशक स्वाति रॉय को सम्मानित किया गया, जिसके बाद यूनिकॉर्न एक्टर्स स्टूडियो, दिल्ली का नाटक रूप अरूप का मंचन हुआ जिसका लेखन और निर्देशन त्रिपुरारी शर्मा का है |
22 जनवरी 2024 को रंग संवाद में जहीर अनवर (नाटककार, कोलकाता), डॉ. विनय कुमार मिश्र (साहित्य समीक्षक, कोलकाता),  प्रेम कपूर (थिएटर समीक्षक, कोलकाता) और निधि सिंह (छात्रा, कलकत्ता विश्वविद्यालय) ने “नाट्य रूपान्तरण की अवश्यकता और चुनौतियाँ” विषय पर अपने विचार रखे। इस रंग संवाद का संचालन अल्पना नायक (हिन्दी विभाग, श्री शिक्षायतन कॉलेज, कोलकाता) द्वारा किया गया। इसके बाद  दिनेश वडेरा (रंगमंच निर्देशक, कोलकाता) का अभिनंदन किया गया और सेतु सांस्कृतिक केंद्र, वाराणसी के सलीम राजा द्वारा निर्देशित नाटक मोह (मन्नू भंडारी की कहानी मजबूरी पर आधारित) का मंचन हुआ।
23 जनवरी 2024 को रंग संवाद ‘जनप्रतिरोध में नुक्कड़ नाटकों की भूमिका’ पर हुआ। इस विषय पर महेश जयसवाल (थिएटर एक्टिविस्ट, कोलकाता), डॉ. नईम अनीस (एच. ओ. डी, उर्दू विभाग, कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज, कोलकाता),  अंशुमान भौमिक (थिएटर क्रिटिक, कोलकाता) और प्रीति सिंह (शोधार्थी , तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय) अपने विचार रखे। रंग संवाद का संचालन डॉ. गीता दूबे (हिन्दी विभाग, स्कॉटिश चर्च कॉलेज, कोलकाता) ने किया। थिएटर एक्टिविस्ट महेश जयसवाल को सम्मानित किया गया और इसके बाद अभिनव रंगमंडल, उज्जैन द्वारा शरद शर्मा द्वारा निर्देशित नाटक संभ्रांत वैश्य का मंचन किया गया।
24 जनवरी 2024 को, लिटिल थेस्पियन द्वारा आयोजित पहली ड्रामा प्रतियोगिता में से चुनी गई तीन सर्वश्रेष्ठ टीमों ने अपने नाटकों का मंचन किया जिनमें स्वांग ड्रामा क्लब (विद्यासागर कॉलेज फॉर वुमन, कोलकाता) का नाटक लाल इश्क, एस.एम. राशिद थिएटर ग्रुप, कोलकाता  का नाटक बदलते मौसम के दिन और राजेंद्र क्रिएटिव ग्रुप (खिद्दरपुर कॉलेज, कोलकाता) का नाटक अब नहीं सहेंगे शामिल थे।
इसके बाद नौशाद रज़ा (थिएटर अभिनेता/निर्देशक) का अभिनंदन किया गया और इसके बाद उमा झुनझुनवाला द्वारा लिखित और निर्देशित नाटक परछाइयां (साहिर लुधियानवी की एक लंबी कविता) का मंचन किया गया। महोत्सव का समापन नाटक प्रतियोगिता और शोध आलेख लेखन के विजेताओं को पुरस्कार और प्रमाणपत्र वितरण के साथ हुआ।