Tuesday, December 16, 2025
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विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना भारत, उठाने होंगे और कड़े कदमः आईएमएफ

भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि देश ने पिछले पांच सालों में आर्थिक मोर्चे पर कई सारे अहम बदलाव किए हैं, जिसका असर अब देखने को मिलेगा। हालांकि कुछ और सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
सात फीसदी की दर से हो रहा है विकास
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की सूचना निदेशक गैरी राइस के अनुसार भारत हर साल सात फीसदी से ज्यादा की विकास दर से आगे बढ़ रहा है। जीडीपी में वृद्धि की वजह से भारत आने वाले सालों में अच्छी प्रगति कर सकता है। भारत के बारे में आईएमएफ का पूर्ण आकलन अगले महीने जारी होने वाली रिपोर्ट में आएगा। यह रिपोर्ट पहली बार गीता गोपीनाथ के मुख्य अर्थशास्त्री बन जाने के बाद जारी होगी।
हालांकि आईएमएफ ने कहा है कि बैंकों का एनपीए और कर्ज माफी बड़ी समस्या है। इसके अलावा कई कंपनियां दिवालिया शोधन कानून की प्रक्रिया से गुजर रही हैं। इसके अलावा राज्य सरकारों को भी बेहतर नतीजे आर्थिक मोर्चे पर दिखाने होंगे। अंतरराष्ट्र्रीय मुद्रा कोष की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा है कि भारत में किसानों की कर्ज माफी करना राज्य सरकारों का एक सही कदम नहीं है। इसके मुकाबले उनके बैंक खाते में पैसा ट्रांसफर करना बेहतर है। कर्ज माफी से किसानों की समस्या पूरी तरह से खत्म नहीं होगी।
गीता ने कहा कि किसानों की समस्या को सुलझाने के लिए सरकार को उनके साथ मिलकर काम करना चाहिए। इसके साथ ही पैदावार बढ़ाने के लिए उनको बेहतर बीज व तकनीक उपलब्ध करानी चाहिए।
लोकसभा चुनाव से पहले किसानों को खुश करने के लिए कई राज्य सरकारों ने कर्ज माफ करने की घोषणा की थी। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और भाजपा ने गुजरात व आसम में किसानों के लिए कर्ज माफी का एलान किया था। कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि वो प्रधानमंत्री मोदी को चैन से सोने नहीं देंगे, जब तक पूरे भारत में किसानों की कर्ज माफी नहीं होगी।

भारत में एचआईवी पीड़ितों में टीबी से मरने की दर 84 फीसदी तक घटी :यूएनएड्स

संयुक्त राष्ट्र : भारत ने साल 2017 तक एचआईवी से पीड़ित लोगों की टीबी से होने वाली मौतों को 84 प्रतिशत तक कम करने में कामयाबी हासिल की। एचआईवी/एड्स पर संयुक्त राष्ट्र के संयुक्त कार्यक्रम (यूएनएड्स) ने बताया कि यह कमी 2020 की तय समयसीमा से तीन साल पहले हासिल की गई और टीबी से होने वाली मौतों के मामले में 20 से अधिक देशों में भारत में सर्वाधिक गिरावट देखने को मिली है। यूएनएड्स ने रविवार को विश्व टीबी दिवस के मद्देनजर 2020 तक एचआईवी के साथ जी रहे लोगों में टीबी से होने वाली मौतों को 75 फीसदी तक कम करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए देशों से तेजी से कदम उठाने का अनुरोध किया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनियाभर में एचआईवी के साथ जी रहे लोगों में टीबी से होने वाली मौतों में 2010 के बाद से 42 फीसदी कमी आई है। 2010 से लेकर 2017 में टीबी से होने वाली मौतें 520,000 से घटकर 300,000 रह गई है। यूएनएड्स के कार्यकारी निदेशक माइकल सिडिबी ने कहा, ‘‘टीबी बीते दौर की बीमारी होनी चाहिए। दशकों से इसका इलाज संभव है और इससे बचा जा सकता है। दुनिया के गरीब लोगों के मौलिक स्वास्थ्य देखभाल, भोजन और आवास के अधिकार को वर्षों तक नजरअंदाज करने से टीबी को फैलने का मौका मिला।’’ उन्होंने कहा, ‘‘खासतौर से एचआईवी से पीड़ित लोगों में इस बीमारी का खतरा होता है। अब भी कई देशों के पास इस लक्ष्य को पूरा करने का मौका है लेकिन हमें अभी कदम उठाना होगा। यह टीबी और एड्स को खत्म करने का वक्त है।’’

लगातार छठे साल ब्रिटेन के सबसे अमीर एशियाई बना हिंदुजा परिवार

लंदन : ब्रिटेन के अग्रणी अनिवासी भारतीय उद्योगपतियों में गिने जाने वाले हिंदुजा परिवार को ब्रिटिश एशियाई अमीर-2019 की सूची में पहले नंबर पर रखा गया है। हिंदुजा परिवार इस सूची में लगातार छह साल से पहले नंबर पर चुना जा रहा है। पिछले साल के मुकाबले 3 अरब पाउंड की बढ़ोतरी के साथ इस बार हिंदुजा परिवार की संपत्ति करीब 25.2 अरब पाउंड की आंकी गई है। यह सूची एशियाई बिजनेस अवॉर्ड समारोह में जारी की गयी। इस सूची में एक अन्य भारतीय बिजनेस टायकून लक्ष्मी मित्तल और उनके बेटे आदित्य मित्तल ने भी अपना दूसरा स्थान बरकरार रखा है। स्टील किंग के नाम से पहचाने जाने वाले मित्तल परिवार की संपत्ति करीब 11.2 अरब पाउंड आंकी गई है, जिसमें पिछले साल के मुकाबले 2.8 अरब पाउंड की कमी आई है। समारोह के दौरान ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त रुचि धनश्याम ने 101 अमीर ब्रिटिश एशियाइयों की यह सूची जारी की।
इस सूची में तीसरे नंबर पर पेट्रोकैमिकल्स उद्योग के दिग्गज कहे जाने वाले एक अन्य भारतीय एसपी लोहिया ने 5.2 अरब पाउंड के साथ तीसरा स्थान हासिल किया है। भारतीय मूल के अन्य शीर्ष उद्योगपतियों में लॉर्ड स्वराज पाल का परिवार (90 करोड़ पाउंड संपत्ति) 17वें नंबर पर हैं, जिनकी संपत्ति में तकरीबन 10 करोड़ पाउंड की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
इस सूची को जारी करने वाले एशियन मार्केटिंग ग्रुप (एएमजी) के एक्जीक्यूटिव एडिटर शैलेश सोलंकी ने कहा कि विशेषज्ञों की टीम से तैयार कराई गई यह सूची ब्रिटेन में एशियाई अमीरों की निर्णायक निर्देशिका है।
सात नए अमीर शामिल हुए सूची में
पिछले साल के मुकाबले इस बार सूची में 7 नए उद्योगपति घरानों के नाम शामिल हुए हैं। इनमें होटल व्यवसाय से जुड़े जोगिंदर सेंगर और उनका बेटा गिरीश सेंगर शामिल हैं, जिन्हें 30 करोड़ पाउंड की संपत्ति के साथ 40वां स्थान मिला है।
एशियाई अमीर
101 एशियाई मूल के ब्रिटिश उद्योगपतियों को शामिल किया गया है सूची में
85.2 अरब पाउंड है सूची में शामिल सभी उद्योगपतियों की संयुक्त संपत्ति
05 अरब पाउंड हर साल औसतन बढ़ रही है उद्योगपतियों की संयुक्त संपत्ति

गौतम गम्भीर भाजपा में शामिल

नयी दिल्ली : पूर्व क्रिकेटर गौतम गम्भीर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई। इस दौरान अरुण जेटली ने कहा कि गौतम गंभीर पीएम मोदी के विजन से काफी प्रभावित हुए हैं।
देश के लिए कुछ करना चाहते हैं। इसी कारण उन्होंने भाजपा का दामन थामा है। क्रिकेट में भी गौतम गम्भीर का बड़ा योगदान है। उनका वर्ल्ड कप में बड़ा योगदान था। टिकट के सवाल पर जेटली ने कहा कि इसके बारे में फैसला चुनाव समिति करेगी। इस दौरान बिना नाम लिए जेटली ने नवजोत सिंह सिद्धू पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि कुछ क्रिकेटर पाकिस्तान के समर्थक हो गए हैं, लेकिन गम्भीर वैसे नहीं है।
इस दौरान गौतम गम्भीर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हुआ हूं। देश के लिए कुछ करने का मौका देने के लिए भाजपा का शुक्रिया। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरूंगा।

बधाई हो और राजी के नाम रही फिल्मफेयर की शाम, पद्मावत और संजू की भी धूम

मुम्बई : 64वें फिल्मफेयर अवॉर्ड का एलान हो गया। मुम्बई के जियो गॉर्डन में बीती रात यह अवॉर्ड समारोह हुआ। इस सेरेमनी में बॉलीवुड के दिग्गज सितारे एक ही छत के नीचे इकट्ठा हुए>
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता – शीर्ष भूमिका (लोकप्रिय) रणबीर कपूर (संजू)
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री – शीर्ष भूमिका (लोकप्रिय) आलिया भट्ट (राजी)
सर्वश्रेष्ठ फिल्म (पॉपुलर) – राजी
क्रिटिक्स अवॉर्ड
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता रणवीर सिंह (पद्मावत)
क्रिटिक्स अवॉर्ड – सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (फीमेल)
नीता गुप्ता (बधाई हो)
सर्वश्रेष्ठ फिल्म (क्रिटिक्स)
अंधाधुन (श्रीराम राघवन)
सर्वश्रेष्ठ निर्देशक – मेघना गुलजार (राजी)
सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेता – गजराज राव (बधाई हो)
विक्की कौशल (संजू)
सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेत्री – सुलेखा सीकरी (बधाई हो)
सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक -अरिजीत सिंह- ऐ वतन (राजी)
सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायिका -श्रेया घोषाल- घूमर (पद्मावत)
सर्वश्रेष्ठ गीत – ऐ वतन- गुलजार (राजी)
सर्वश्रेष्ठ नवोदित म्यूजिक एलबम
पद्मावत – संजय लीला भंसाली
सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेता
ईशान खट्टर- बियांड द क्लाउड
सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री
सारा अली खान- केदारनाथ
सर्वश्रेष्ठ नवोदित निर्देशक
अमर कौशिक – स्त्री
सर्वश्रेष्ठ एक्शन
विक्रम दहिया और सुनील – मुक्केबाज

आरडी बर्मन अवॉर्ड और अपकमिंग टैलेंट इन फिल्म म्यूजिक
नीलाद्रि कुमार – लैला मजनू

सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफी
पंकज कुमार – तुम्बाड
सर्वश्रेष्ठ वीएफएक्स
रेड चिलीज एफएक्स – जीरो

सर्वश्रेष्ठ बैकग्राउंड स्कोर
डेनियल जॉर्ज- अंधाधुन

सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी
कृति महेश मिद्या, ज्योति तोमर- घूमर (पद्मावत)
सर्वश्रेष्ठ सम्पादन
पूजा – अंधाधुन

सर्वश्रेष्ठ प्रोडक्शन डिजाइन
नितिन जिहानी चौधरी, राजेश यादव – तुम्बाड

सर्वश्रेष्ठ साउंड डिजाइन
कुणाल शर्मा – तुम्बाड

सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम
शीतल शर्मा (मंटो)

सर्वश्रेष्ठ शॉर्ट फिल्म इन फिक्शन
रोगन जोश

सर्वश्रेष्ठ शॉर्ट फिल्म इन नॉन- फिक्शन
द सॉकर सिटी

सर्वश्रेष्ठ कलाकार – शॉर्ट फिल्म (मेल)
कृति कुल्हाड़ी- माया (फिल्म)

सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री – शॉर्ट फिल्म (फीमेल)
अभिनेता – हुसैन दलाल -शेमलेस (फिल्म)
सर्वश्रेष्ठ संवाद
बधाई हो- अक्षत घिल्डियाल

लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
श्रीदेवी

दृष्टिबाधित मतदाताओं को मिलेंगे ब्रेल लिपि युक्त पहचान पत्र, आयोग ने दिए निर्देश

नयी दिल्ली : चुनाव आयोग ने देश में सभी दृष्टिबाधित मतदाताओं को 11 अप्रैल से शुरु हो रहे लोकसभा चुनाव से पहले ब्रेल लिपि वाले फोटोयुक्त मतदाता पहचानपत्र (ईपीआईसी) देने का फैसला किया है। चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) को इस बारे में जारी निर्देश में 17वीं लोकसभा और चार राज्यों, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम के विधानसभा चुनाव से पहले सभी दृष्टिबाधित मतदाताओं को ब्रेल युक्त ईपीआईसी जारी करने को कहा है।
आयोग के अवर सचिव रीतेश सिंह द्वारा 19 मार्च को जारी निर्देश के अनुसार, चुनाव प्रक्रिया में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सभी वर्गों खासकर दिव्यांग मतदाताओं का मत प्रतिशत बढ़ाने के प्रयासों के तहत यह पहल की गई है। इसके लिए दिव्यांग मतदाताओं को मतदान केंद्र तक पहुंचने में आने वाली सभी बाधाओं को यथासंभव दूर करने के लिए, यातायात की सुविधा, मतदान केंद्र पर रेंप, व्हील चेयर और मतदान प्रक्रिया में मदद के लिए सहायक उपलब्ध कराने के अलावा दृष्टिबाधित मतदाताओं को ब्रेल युक्त ईपीआईसी देने की पहल पहली बार की गई है। उल्लेखनीय है कि आयोग के मतदाताओं की संख्या से जुड़े ताजा आँकड़ों के मुताबिक, देश में कुल 89.6 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में दिव्यांगों की संख्या 45.63 लाख है। इनमें लगभग 28 लाख पुरुष, लगभग 17 लाख महिला और 1589 किन्नर दिव्यांग मतदाता हैं।
आयोग ने सभी राज्यों से कहा है कि 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरण में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले ही दृष्टिबाधित मतदाताओं को पुराने ईपीआईसी के नंबर पर ही नए ब्रेलयुक्त ईपीआईसी वितरित कर दिए जाएं। साथ ही इस श्रेणी के नए मतदाताओं को भी ब्रेलयुक्त ईपीआईसी देना अनिवार्य होगा। ब्रेलयुक्त ईपीआईसी के लिए निर्धारित प्रारुप में एक तरफ ब्रेल लिपि में ईपीआईसी नंबर, मतदाता का नाम, जन्मतिथि और आयु दर्ज होगी। जबकि दूसरी तरफ मतदान केंद्र संख्या विधानसभा क्षेत्र का नाम और संख्या दर्ज होगी। आयोग ने कहा है कि सीईओ, इस काम को समय से पूरा करने के लिए ईपीआईसी बनाने और वितरण करने में निजी क्षेत्र के वेंडरों की भी मदद ले सकेंगे।

अलग रहा आईपीएल का उद्घाटन, बीसीसीआई ने आर्मी वेलफेयर फंड में दी सहायता राशि

मुम्बई : बीसीसीआई ने आईपीएल के उद्घाटन समारोह के बजट के लिए रखी गई 20 करोड़ की राशि शनिवार को सैन्य बलों और सीआरपीएफ के लिए रखे जाने वाले आर्मी वेलफेयर फंड में दी। बीसीसीआई विज्ञप्ति के अनुसार, सर्वसम्मति से फैसला किया गया कि 11 करोड़ रुपये भारतीय सेना, सात करोड़ रुपये सीआरपीएफ को जबकि एक-एक करोड़ रुपये नौसेना और वायुसेना को दिए जाएंगे। इसके अलावा चेन्नई की टीम ने भी 2 करोड़ की राशि शहीदों परिवारों की मदद के लिए दी है। चेन्नई के कप्तान एमएस धोनी ने खुद अपने हाथों से चेक सौंपा। बीसीसीआई का काम देख रही प्रशासकों की समिति (सीओए) ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद भव्य उद्घाटन समारोह को रद्द करने का फैसला किया जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे। सीओए चेयरमैन विनोद राय ने कहा, महासंघ के तौर पर, हमें लगा कि आईपीएल का नियमित उद्घाटन समारोह नहीं कराया जाए बल्कि हमने इस राशि को किसी अच्छे काम के लिए देने का फैसला किया जो हर किसी के दिल के करीब है। वहीं उनकी सहयोगी डायना इडुल्जी ने कहा, यह स्वागत योग्य कदम है और आंतकी हमले में जिन्होंने अपनी जान गंवाई उनके प्रति सम्मान को दर्शाता है।पिछले सीजन की तरह इस साल उद्घाटन समारोह का आयोजन नहीं किया गया। मगर चिपॉक के मैदान पर सेना के सम्मान में एक सैन्य बैंड ने शानदार प्रस्तुति दी। भारतीय सशस्त्र बलों के सम्मान समारोह से पहले मद्रास रेजिमेंट का बैंड यहां प्रदर्शन किया।

28 साल लगे, गुरिंदर ने 5 देश घूमकर लिखी सारागढ़ी ; 21 सिख कैसे दिखते होंगे, इसके लिए 3 पीढ़ियों के पोट्रेट बनवाए

अमृतसर : सारागढ़ी की जंग में 10 हजार पठानों के छक्के छुड़ाने वाले 21 सिख सूरमाओं पर बनी अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म ‘केसरी’ आ गयी। इसका इंतजार भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लोगों को था। इंतजार करने वालों की इस फेहरिस्त में वह व्यक्ति भी शामिल है, जिसने इस फिल्म की मूल कहानी के साथ-साथ शहीदों की तस्वीर भी तैयार करवाई, जो फिल्म का आधार बनी। इनका नाम गुरिंदरपाल सिंह जोसन है। गुरिंदरपाल ने इस पूरे प्रोजेक्ट को तैयार करने में अपनी जिंदगी के 28 साल लगा दिए। गुरिंदरपाल अमृतसर के न्यू बाग रामानंद इलाके के रहने वाले हैं। फिलहाल वे सपरिवार अमेरिका में रहते हैं। गुरिंदरपाल ने 1987 में इस कहानी पर काम करना शुरू किया था। शुरुआती दौर में लेख लिखे और उनके परिवारों से संपर्क कर जानकारियां जुटाने लगे। 1997 में अमेरिका चले गए और काम बीच में ही रुक गया। वहां जाने के बाद फिर उन्होंने इस पर काम शुरू किया। वे बताते हैं कि उनका एक ही सपना रह गया था कि 21 सूरमाओं की शहादत को लोगों के सामने लाया जाए। उन्होंने बताया कि सारी सामग्री इकट्ठा करने के बाद 2011 में कहानी पूरी हुई। इसके बाद 2014 में ‘ए सागा ऑफ वैलर- द एपिक बैटल ऑफ सारागढ़ी’ किताब का रूप दिया।
एक परिवार से दूसरे का पता चला
गुरिंदपाल सिंह जोसन ने बताया, “चूंकि इन शहीदों के परिवार भारत के विभिन्न राज्यों के अलावा विदेशों में भी रहते हैं। उनसे जानकारी जुटाने के लिए हिंदुस्तान, पाकिस्तान, यूके, कनाडा और अमेरिका का दौरा किया। एक परिवार मिलने के बाद दूसरे का पता चला। इन्हीं कड़ियों को जोड़ते-जोड़ते मैं सभी सिखों के परिवारों तक पहुंचा। इसके लिए एक-एक देश में कई-कई बार चक्कर लगाने पड़े। कुछ के पते मिलने के बावजूद वह शिफ्ट कर चुके थे। फिर भी मैंने हिम्मत नहीं हारी। इसमें 28 साल का वक्त लगा।”


21 सूरमाओं की फोटो के लिए एक चित्रकार की मदद ली
गुरिंदपाल ने बताया, “उस वक्त फोटो का चलन नहीं था, इस वजह से सभी की तस्वीर जुटाना खासा मुश्किल था। इसके लिए एक चित्रकार की मदद ली। हरेक शहीद के परिवार की तीन पीढ़ियों की फोटो जुटाईं। हरेक शहीद के पोट्रेट बनते और बिगड़ते रहे। 25वीं कोशिश में पोट्रेट तैयार हुए।” इन 21 शहीदों की याद में ब्रिटिश सरकार ने सारागढ़ी में उनका स्मारक बनवाया था। ब्रिटिश सरकार ने उन शहीदों को मरणोपरांत बहादुरी का सर्वोच्च पुरस्कार इंडियन ऑर्डर ऑफ मेरिट प्रदान किया। जोसन ने बताया कि 2014 में फिल्म केसरी बनाने वाले डायरेक्टर निर्देशक सिंह से उनकी मुलाकात हुई थी। तभी मैंने फिल्म बनाने की अनुमति दे दी थी।

21 सिख जवानों ने 600 अफगान लड़ाके मार गिराए थे
सारागढ़ी नार्थ ईस्ट फ्रंटियर स्थित किला हुआ करता था। अफगान पठान अक्सर वहाँ से हमले किया करते थे। इसलिए ब्रिटिश सरकार ने पोस्ट बनाकर 36 सिख रेजिमेंट के जवानों को तैनात किया था। 1897 में 10 हजार अफगान लड़ाकों ने पोस्ट पर हमला कर दिया।
किले पर सिर्फ 21 सिख जवान थे। लड़ाई शुरू होने से पहले ब्रिटिश सरकार ने जवानों को पलायन करने को कहा, लेकिन हवलदार ईशर सिंह के नेतृत्व में टीम नहीं हटी। वे दुश्मन से जूझ पड़े। 12 सितंबर 1897 को इन जवानों ने दुश्मन से लोहा लिया और छक्के छुड़ाते हुए शहादत तो दी, लेकिन 600 से अधिक अफगानों को मार गिराया। सारागढ़ी आज पाकिस्तान की सेना के कब्जे में है। जोसन ने पाक सेना से संपर्क करके उसकी मरम्मत करवायी और वहां शहीदों के नाम उकेरे गए। पास में ही वे शहीदों के नाम पर पार्क और गुरुद्वारे का भी निर्माण करवा रहे हैं।
किरदार निभाने वालों में 12 पंजाब से, अक्षय समेत तीन अमृतसर के
‘केसरी’ में पंजाब के 13 कलाकार हैं, जिनमें अक्षय कुमार के अलावा प्रितपाल पाली और अधृत शर्मा अमृतसर के हैं। इनमें जैतो से गुरप्रीत कोटी, हरभगवान सिंह, रंगदेव, चमकौर साहिब के हरबिंदर औजला, फतेहगढ़ साहिब के हरमन कैंडी, पटियाला के राजदीप धालीवाल, जालंधर के सुरमीत बतरा, मुक्तसर साहिब के हरमन ढिल्लों, लुधियाना के विक्रम चौहान के नाम शामिल हैं।
(साभार – दैनिक भास्कर में प्रकाशित शिवराज द्रुपद की खबर)

‘साहित्य ही जगह है जहाँ मानवता के स्वप्न बचे होते हैं’

कोलकाता : साहित्य मानवीय मूल्यों को कट्टरता और बाजार संस्कृति से बचाने की जगह है। यह मानव जाति की अंतरनिर्भरता का दस्तावेज होता है। साहित्य अनुभव, भावना और कल्पनाओं की भूमि है। साहित्य बचा है तो मानवता के स्वप्न बचे हैं। आज भारतीय भाषा परिषद में आज कर्तृत्व समग्र सम्मान और युवा पुरस्कार से सम्मानित विद्वानों ने ‘मेरा जीवन मेरा लेखन’ पर चर्चा करते हुए उपर्युक्त विचार व्यक्त किए।
प्रसिद्ध असमिया कथाकार नगने सैकिया ने कहा कि मेरी रचनाएँ अपने से संवाद है। वे यथार्थ और कल्पना की मिली जुली उपज हैं। मुझे अपने देश से, अपनी मातृभाषा से प्रेम है। इसलिए मैं साहित्य रचना करता हूूँ। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार और साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष चंद्रशेखर कम्बर ने कहा कि मैंने परंपरा और मिथकों को नई अर्थभूमि पर व्यक्त किया है। मैंने आधुनिकतावाद के दबावों से मुक्त रहते हुए वस्तुतः देशज संस्कृति के प्रतीकों को व्यक्त किया है। मुझे स्थानीय संस्कृति से उतना ही प्रेम है जितना विश्‍व संस्कृति से। कुसुम अंसल ने कहा कि जीवन का दर्द ही साहित्य की मुख्य प्रेरणा है। बांग्ला की युवा कवयित्री कौशिकी दासगुप्ता ने कहा कि मेरा लेखन स्त्री की स्वतंत्रता और पहचान की तलाश है। हिंदी कथाकार शिवेंद्र ने कहा कि लेखक को विजेताओं की ओर से नहीं बल्कि उनके विरुद्ध बोलना पड़ता है। तेलुगु के कवि बंडारी राजकुमार ने अपनी एक तेलुगु कविता का पाठ किया।
अध्यक्षीय भाषण देते हुए परिषद के निदेशक शंभुनाथ ने कहा कि साहित्यकार समाज की सांस्कृतिक आंख होता है। यह साहित्य है जो हमें सपने देखना सिखाता है। लेखक कभी भी दुनिया के वर्तमान यथार्थ से संतुष्ट नहीं होता वह सीमारेखाओं को तोड़ते हुए हमेशा एक बेहतर दुनिया की खोज में रहता है। परिषद की अध्यक्ष डॉ.कुसुम खेमानी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। कोलकाता विश्‍वविद्यालय की प्रोफेसर राजश्री शुक्ला ने संवाद सत्र का संचालन करते हुए कहा कि यह पुरस्कार समारोह भारतीय भाषाओं के बीच एक सेतु बंधन की तरह है।

खुदीराम बोस सेंट्रल कॉलेज में बसंत उत्सव का आयोजन

कोलकाता : कोलकाता के खुदीराम बोस सेंट्रल कॉलेज के हिंदी विभाग की ओर से बसंत उत्सव का आयोजन किया गया। इस मौके पर विद्यार्थियों ने काव्य आवृत्ति, फागुन गीत और नृत्य प्रस्तुत किया। मौके पर विभाग की विभागाध्यक्ष शुभ्रा उपाध्याय ने कहा कि यह बसंत उत्सव हमें नई ऊर्जा और सृजनात्मकता से भर देता है। डॉ रूद्राक्षा पांडेय ने कहा कि जीवन में रंगों का बहुत महत्व होता है और होली के रंगों की बात ही अलग है। यह त्योहार लोगों के जीवन को खुशियों के रंग से भरने आता है। प्रो. मधु सिंह ने कहा कि होली का त्योहार सौहार्द का त्योहार है। लोग आपसी बैर को भूल होली मनाते हैं और खुशियां बांटते हैं। प्रो. राहुल गौड़ ने कहा कि काव्य और बसंत का बड़ा गहरा संबंध है। यह उत्सव हमें सभी से जोड़ता है। इस अवसर पर प्रीति साव, साक्षी झा, निशा सिंह, बिंदी चौधरी, सीमा प्रजापति, पिंकू, अभिनव प्रसाद, शिखा सिंह, जितेंद्र सिंह और अतुल उपाध्याय ने काव्य आवृत्ति, नेहा ठाकुर ने नृत्य और प्रीति साव, सीमा, रुनी गुप्ता, लक्ष्मी पाठक, साक्षी ने संगीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का सफल संचालन प्रीति साव ने किया।