नयी दिल्ली । जिस उम्र में बच्चे स्कूल में पहाड़े रट रहे होते हैं एक लड़के ने उसमें कंपनी की नींव डाल दी थी। बात सिर्फ इतनी थी कि उसका स्कूल घर से काफी दूर था। साइकिल चलाकर स्कूल जाना उसे थका देता था। फिर उसने रास्ता तलाशना शुरू किया। रास्ता तलाशते-तलाशते एक दिन उसने साइकिल को इलेक्ट्रिक साइकिल में बदलने का फॉर्मूला ढूंढ लिया। यहीं से उसकी जिंदगी बदल गई। वह ऑटोमोबाइल कंपनी की नींव रखने वाला दुनिया का सबसे युवा उद्यमी बन गया। सिर्फ 14 साल की उम्र में उसने अपनी ऑटोमोबाइल कंपनी शुरू कर दी। 17 साल की उम्र में उसे इंपोर्ट-एक्सपोर्ट लाइसेंस मिल गया। इसके पहले भारत में इतनी कम उम्र में किसी को यह लाइसेंस नहीं मिला था। आज 22 साल के इस युवा के देश-दुनिया में शोरूम हैं। इस नौजवान का नाम है राज मेहता । इस युवा उद्यमी की सफलता की शोहरत चेहरे पर दिखाई देती है।
राज मेहता गुजरात में महिसागर के रहने वाले हैं। बचपन से राज जिज्ञासु स्वभाव के थे। वह खिलौनों को खोल-खालकर दोबारा उन्हें वैसा ही कर देते थे। बस, इच्छा यह जानने की रहती थी कि अंदर क्या है। पढ़ाई में अच्छा होने के बावजूद उनकी स्कूल में अटेंडेंस कम रहती थी। महिसागर छोटी जगह थी। सुविधाएं सीमित थीं। लिहाजा, 2013 में वह अपनी चाची के घर अहमदाबाद में रहने लगे। घर से स्कूल करीब 10 से 15 किमी दूर था। उन्हें रोज साइकिल से इतनी दूर जाना बहुत अखरता था। फिर उन्होंने इसका रास्ता खोजना शुरू किया।
इलेक्ट्रिक साइकिल बनाने की धुन हुई सवार
एक दिन वह अपने फिजिक्स के टीचर के पास गए और पूछा कि कैसे वह अपनी साइकिल को इलेक्ट्रिक साइकिल में बदल सकते हैं। टीचर ने तरीका तो समझा दिया लेकिन यह काफी नहीं था। उस तरीके को अमल में लाने के लिए न तो उनके पास पैसे थे न संसाधन। फिर भी उन्होंने उस दिशा में बढ़ने का फैसला किया। जुनून उनमें मौजूद था। उन्होंने पूरे तरीके को और कई माध्यमों से समझा। फिर टेक्निकल पार्टों के साथ प्रयोग करना शुरू किया। और ज्यादा एक्सपेरिमेंट के लिए वह कबाड़ी वालों से कार के चुराए पार्ट्स भी ले आए। इस समय तक वह अपनी बचत का करीब 40 से 45 हजार रुपये इसमें लगा चुके थे। प्रयोग करते-करते उन्हें कुछ जरूरी इलेक्ट्रिक कंपोनेंट के बारे में पता चला जिन्हें कोरिया से इंपोर्ट करने की जरूरत थी। उन्होंने इसके लिए पिता से पैसे मांगे। लेकिन, उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया।
कभी मशीन बनाने के लिए सिर्फ 4 घंटे सोए
पैसे की जुगत में राज मेहता ने छोटे-मोटे काम भी किए। लेकिन, इससे पैसों का बंदोबस्त नहीं हो पाया। आखिरी में उन्हें अपने दादा की शरण में जाना पड़ा। उनके दादा गांव वालों को कर्ज पर पैसा देते थे। उनकी ज्वैलरी शॉप भी थी। दादा ने इस शर्त के साथ पैसे दिए कि पोता उन्हें एक-एक पैसे का हिसाब देगा। राज इसके लिए तैयार हो गए। इन पैसों से कोरिया से उनका कंसाइनमेंट आ गया। ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों के जरिये राज ने प्रयोग जारी रखे। वह सिर्फ 4 घंटे सोते और बाकी समय मशीन को बनाने में लगे रहते। अंत में उन्होंने पैडल वाली साइकिल को इलेक्ट्रिक साइकिल में बदलने का प्रोटोटाइप बना लिया। उन्होंने सबसे पहले अपने पिता को इस साइकिल का टेस्ट करने को कहा।
साइकिल लेकर निकले पिता करीब आधे घंटे बाद मुस्कुराते हुए लौटे। राज को पता चल गया था कि उनका प्रयोग सफल हो चुका है। यानी उन्हें अपनी साइकिल को इलेक्ट्रिक साइकिल में बदलने की तरकीब हाथ लग चुकी थी। वह इस बात से खुश थे कि 2.5 किलो की मशीन 70 किलो के आदमी को सफलतापूर्वक लेकर चली गई और वापस ले आई। 14 साल की उम्र में उन्होंने राज इलेक्ट्रोमोटिव्ज नाम की कंपनी शुरू कर दी। यह कंपनी साइकिल ही नहीं रिक्शा और तिपहियों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने की किट उपलब्ध कराने लगी। किट की कीमत को उन्होंने किफायती रखा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक यह पहुंच पाए।
दिन दोगुना रात चौगुना बढ़ा कारोबार
फिर राज मेहता का कारोबार दिन दोगुना रात चौगुना बढ़ने लगा। उन्होंने भारतीय ही नहीं, विदेशी कस्टमर्स को भी सेवाएं देनी शुरू कर दीं। उन्हें बहुत दिनों तक खुद नहीं पता था कि 14 साल की उम्र में ऑटोमोबाइल कंपनी की शुरुआत करके वह इस क्षेत्र में दुनिया के सबसे युवा उद्यमी बन गए हैं। कम उम्र के कारण विदेश व्यापार महानिदेशालय में उन्हें लाइसेंस मिलने में भी दिक्कत आई। 20वें प्रयास में उनका आवेदन स्वीकार हुआ। इसके साथ ही मेहता भारत में 17 साल की उम्र में इंपोर्ट-एक्सपोर्ट लाइसेंस पाने वाले सबसे युवा व्यक्ति बन गए।
जून 2019 में राज मेहता ने अपनी कंपनी के तहत एक और ब्रांड की शुरुआत की। इसका नाम ‘ग्रेटा इलेक्ट्रिक स्कूटर्स’ है। यह कंपनी किफायती दामों में इलेक्ट्रिक स्कूटरों की पेशकश करती है। ग्रेटा के देशभर में कई शोरूम हैं। नेपाल में भी दो शोरूम हैं।
14 साल की उम्र में बना उद्यमी, 22 साल का यह युवा आज है करोड़पति!
देश का इकलौता मंदिर जहां माता की गोद में बाल रूप में विराजमान हैं हनुमान
बाल रूप में माता की गोद में बैठे दिखते हैं
रांची । पौराणिक मान्यताओं में यह सुस्थापित तथ्य है कि भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या है, लेकिन भगवान राम के अनन्य हनुमान की जन्मभूमि को लेकर अलग-अलग मान्यताएं और दावे हैं। इनमें से एक मान्यता है कि हनुमान का जन्मस्थल झारखंड के गुमला में स्थित आंजन पर्वत है। आंजन धाम के नाम से प्रसिद्ध इस पहाड़ी और वहां स्थित गुफा में माता अंजनी की गोद में विराजमान बाल हनुमान की पूजा-अर्चना के लिए रामनवमी पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। आम दिनों में भी यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस स्थल से जुड़ी मान्यताओं के जानकार आचार्य संतोष पाठक के मुताबिक, हनुमान भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार माने जाते हैं और उनका जन्म आंजन धाम में हुआ था। सनातन धर्मावलंबियों के व्यापक जनसमूह का विश्वास है कि झारखंड के गुमला जिला मुख्यालय से लगभग 21 किमी की दूरी पर स्थित आंजन पर्वत ही वह स्थान है, जहां माता अंजनी ने उन्हें जन्म दिया था। माता अंजनी के नाम से इस जगह का नाम आंजन धाम पड़ा। इसे आंजनेय के नाम से भी जाना जाता है।
बाल रूप में मां की गोद में बैठे हनुमान जी
यहां स्थित मंदिर पूरे भारत का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां भगवान हनुमान बाल रूप में मां अंजनी की गोद में बैठे हुए हैं। आंजन धाम के मुख्य पुजारी केदारनाथ पांडेय बताते हैं कि माता अंजनी भगवान शिव की परम भक्त थीं। वह हर दिन भगवान की विशेष पूजा अर्चना करती थीं। उनकी पूजा की विशेष विधि थी, वह वर्ष के 365 दिन अलग-अलग शिवलिंग की पूजा करती थीं। इसके प्रमाण अब भी यहां मिलते हैं। कुछ शिवलिंग व तालाब आज भी अपने मूल स्थान पर स्थित हैं।
जानिए अष्टशंभू के खासियत के बारे में
आंजन पहाड़ी पर स्थित चक्रधारी मंदिर में 8 शिवलिंग दो पंक्तियों में हैं। इसे अष्टशंभू कहा जाता है। शिवलिंग के ऊपर चक्र है। यह चक्र एक भारी पत्थर का बना हुआ है। केदारनाथ पांडेय के अनुसार रामायण में किष्किंधा कांड में भी आंजन पर्वत का उल्लेख है। आंजन पर्वत की गुफा में ही भगवान शिव की कृपा से कानों में पवन स्पर्श से माता अंजनी ने हनुमान जी को जन्म दिया। आंजन से लगभग 35 किलोमीटर दूरी पर पालकोट बसा हुआ है। पालकोट में पंपा सरोवर है।
रामनवमी में यहां होती है बड़ी पूजा
रामायण में यह स्पष्ट उल्लेख है कि पंपा सरोवर के बगल का पहाड़ ऋषिमुख पर्वत है जहां पर कपिराज सुग्रीव के मंत्री के रूप में हनुमान रहते थे। इसी पर्वत पर सुग्रीव का श्री राम से मिलन हुआ था। यह पर्वत भी लोगों की आस्था का केंद्र है। चैत्र माह में रामनवमी से यहां विशेष पूजा अर्चना शुरू हो जाती है जो महावीर जयंती तक चलती है। यहां पूरे झारखंड समेत देश भर से लोग आते हैं। झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, ओडिशा आदि राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।
63 प्रतिशत दिल्लीवालों की नींद नहीं होती पूरी
नयी दिल्ली । दिल्ली के 63 प्रतिशत लोग ऑफिस में काम करते हुए झपकी लेते हैं। उन्हें नींद आती रहती है। रात को अच्छी और पूरी नींद नहीं सो पाने की वजह से उन्हें दिन में काम के दौरान नींद आती है। एक सर्वे में इसका खुलासा हुआ है और लोगों ने खुद इसे स्वीकार किया है। डॉक्टर के अनुसार, 8 घंटे की नींद सबके लिए जरूरी है। वजह चाहे जो भी हो, अच्छी नींद न आने पर इसका असर शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर होता है। इसके लिए स्लीप हाइजीन को बेहतर करना जरूरी है।
सर्वे में नींद नहीं आने की वजह
88 प्रतिशत लोगों ने स्वीकार किया कि रात में बेड पर मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं
38 प्रतिशत लोग अपने भविष्य की चिंता में नींद गंवाए बैठे हैं
33 प्रतिशत लोग इनसोमेनिया को इसकी वजह मानते हैं
45 परसेंट लोगों ने बेडरूम के वातावरण को वजह बताया है
है
64 प्रतिशत दिल्लीवाले 11 बजे के बाद बिस्तर पर जाते हैं
63 प्रतिशत दिल्लीवाले वर्किंग आवर यानी ऑफिस में झपकी लेते हैं
34 प्रतिशत लोगों ने इसकी वजह सोशल मीडिया के इस्तेमाल को बताया
29 प्रतिशत लोग सुबह सात से आठ बजे सोकर उठते हैं ।
विशेषज्ञों के मुताबिक 8 घंटे की नींद जरूरी है। ऐसी नींद नहीं, जिसमें किसी तरह का डिस्टर्बेंस न हो। अगर ऐसा नहीं होता है तो इससे मानसिक तनाव बढ़ता है और इसका असर पूरे शरीर पर होता है। उन्होंने कहा कि जिस वजह से नींद नहीं आती है, उस पर गौर करें, उसे दूर करने की जरूरत है। इसे स्लीप हाइजीन कहा जाता है। कोई बेड पर पड़ा रहता है, टीवी देखता रहता है, बेड पर मोबाइल स्क्रॉल करता रहता है, उन्हें इसकी वजह से नींद नहीं आती। उन्हें यह आदत सुधारनी होगी। बेडटाइम पर टीवी न देखें, बेड पर जाने से 45 मिनट पहले मोबाइल या किसी गैजट का इस्तेमाल न करें।
स्लीप हाइजीन कैसे बेहतर करें
रोजाना व्यायाम करें
सोते समय मोबाइल और टीवी न देखें
कैफीन का इस्तेमाल न करें, संभव हो तो दूध या ग्रीन टी पीएं
स्मोकिंग न करें, स्ट्रेस से बचें
बीच-बीच में ब्रेक लें
सोने से पहले किताब पढ़ें, ऑनलाइन नहीं, हार्ड कॉपी
डाकघरों में उपलब्ध हुआ महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र
नयी दिल्ली । वित्त मंत्रालय ने महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र, 2023 के लिए राजपत्र अधिसूचना जारी की और इसे तत्काल प्रभाव से 1.59 लाख डाकघरों में उपलब्ध कराया गया है। इस योजना की घोषणा 2023-24 के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के उपलक्ष्य में की गई थी और यह लड़कियों सहित महिलाओं के वित्तीय समावेशन और सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
दो साल की अवधि की योजना लचीले निवेश और आंशिक निकासी के विकल्पों के साथ दो लाख रुपये की अधिकतम सीमा के साथ त्रैमासिक चक्रवृद्धि ब्याज 7.5 प्रतिशत का आकर्षक और निश्चित ब्याज प्रदान करती है। यह योजना 31 मार्च, 2025 तक दो साल की अवधि के लिए वैध है।
राष्ट्रीय बचत (मासिक आय खाता) योजना, 2019 को राष्ट्रीय बचत (मासिक आय खाता) (संशोधन) योजना, 2023 के माध्यम से संशोधित किया गया है और 1 अप्रैल, 2023 से एक खाते के लिए अधिकतम निवेश सीमा चार लाख पचास हजार रुपये से बढ़ाकर नौ लाख रुपये और संयुक्त खाते के लिए नौ लाख रुपये से 15 लाख रुपयेकर दी गई है। इसी तरह, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, 2019 को वरिष्ठ नागरिक बचत (संशोधन) योजना, 2023 के माध्यम से संशोधित किया गया है और अधिकतम निवेश सीमा आज से प्रभावी 15 लाख से बढ़ाकर 30 लाख रुपये की गई है।
बचत जमा और पीपीएफ को छोड़कर सभी छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को भी 1 अप्रैल, 2023 से बढ़ाते हुए संशोधित किया गया है। इन उपायों से डाकघर के लघु बचत ग्राहकों को अत्यधिक लाभ होगा और डाकघरों के माध्यम से विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में और लड़कियों, महिलाओं, किसानों, कारीगरों, वरिष्ठ नागरिकों, कारखाने के श्रमिकों, सरकारी कर्मचारियों, छोटे व्यापारियों और समाज के अन्य वर्गों में इन योजनाओं में अधिक निवेश आकर्षित होगा। छोटी बचत योजनाओं में किए गए निवेश पर उन्हें बेहतर रिटर्न मिलेगा। अधिक जानकारी के लिए कृपया www.indiapost.gov.in देखें।
यूपीआई लेनदेन का नया रिकॉर्ड, मार्च में 14 लाख करोड़ के पार
नयी दिल्ली । वित्त वर्ष 2023 के आखिरी महीने यानी मार्च में यूपीआई लेन-देन ने भी नया रिकॉर्ड बना दिया। यूपीआई से हुआ लेन-देन 14 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर पहुंच गया।
इस दौरान यूपीआई सौदों की संख्या भी 865 करोड़ के नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई। फरवरी महीने के मुकाबले में यूपीआई लेन-देन 13 फीसदी और सौदों की संख्या 18 फीसदी बढ़ी है। अगर पिछले साल मार्च की बात करें तो उसकी तुलना में इस बार सौदों की संख्या 60 फीसदी और मूल्य के मामले में 45 फीसदी तेजी आई है।
जनवरी की तुलना में फरवरी में गिरावट
अधिकारियों का कहना है कि वित्त वर्ष का आखिरी महीना होने के नाते यह तेजी देखने को मिली है। सभी तरह के डिजिटल सौदे अपने चरम पर पहुंच गए। देखा जाए तो जनवरी की तुलना में फरवरी में इसमें गिरावट आई थी। जनवरी में सौदों की संख्या 8 अरब थी जो फरवरी में घटकर 7.5 अरब पर आ गई थी। मूल्य के हिसाब से देखा जाए तो जनवरी में यूपीआई सौदों का कुल मूल्य 12.9 लाख करोड़ से घटकर फरवरी में 12.3 लाख करोड़ पर आ गया था।
क्या होता है यूपीआई सौदा
पारम्परिक रूप से यूपीआई सौदे बैंक खाते से जोड़कर किए जाते हैं। इस तरह से किए जाने वाल सौदों की संख्या 99.9 फीसदी होती है। एनपीसीआई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिलीप अस्बे के मुताबिक यूपीआई मंच के पास रोजाना एक अरब सौदों को प्रोसेस की करने की क्षमता है। वर्तमान में औसतन तीन करोड़ सौदे रोजाना किए जा रहे हैं। हाल ही में आरबीआई में रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ने और प्रीपेड भुगतान माध्यमों से भुगतान करने की इजाजत दी है जिसकी वजह से यूपीआई सौदों में तेजी दर्ज हुई है।
अयोध्या के ऋषि सिंह बने इंडियन आइडल सीजन 13 के विजेता
मुम्बई । अयोध्या के रहने वाले ऋषि सिंह ने इंडियन आइडल सीजन 13 की ट्रॉफी अपने नाम कर ली। इसके लिए उन्हें एक चमचमाती ट्रॉफी, मारुति सुजुकी एसयूवी और 25 लाख रुपये दिये गये हैं ।
हालांकि सोशल मीडिया पर तो वे पहले से ही पॉपुलर हो गए थे. दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे ऋषि सिंह के फैन-फॉलोअर्स की लिस्ट में अब एक बड़ा नाम भी शामिल हो गया है-विराट कोहली. जी हां, क्रिकेटर विराट कोहली सोशल मीडिया पर ऋषि सिंह को फॉलो करते हैं. इंस्टाग्राम पर ऋषि के इस वक्त टोटल 865k फॉलोआर्स हैं, जिनमें से एक हैं 243 मिलियन फॉलोअर्स वाले क्रिकेटर विराट कोहली. इतना ही नहीं उनको तो सोनी म्यूजिक इंडिया के साथ रिकॉर्डिंग का कॉन्ट्रैक्ट भी मिला है।
इस जीत पर उनसे जब पूछा गया कि उन्हें कैसे लग रहा है तो 21 साल के विनर ने बताया कि जब उनके नाम की घोषणा हुई तो वह अपने आंसू रोक नहीं पा रहे थे। क्योंकि इंडियन आइडल जैसे शो को जीतना उनके लिए बड़ी बात थी। साथ ही इसके लिए उन्होंने बहुत मेहनत भी की थी। विजेता ऋषि सिंह ने बताया कि उन्होंने जब वो शो का हिस्सा बने थे तो उनके दिमाग में ये था कि उन्हें आखिरी तक रहना है। शो की शुरुआत में ही मैं सोशल मीडिया पर पॉपुलर हो गया था ऐसे में मुकाबला और मुश्किल हो गया था। खासकर मेरी सह प्रतियोगी देबस्मिता रॉय के साथ जो कि फर्स्ट रनर अप हैं इसलिए मैंने हमेशा यही सोचा कि कोई भी विजेता हो सकता है।
गर्मियों में सेहत का ख्याल रखेगा सत्तू
गर्मी के मौसम में तेज गर्म हवाएं सेहत को कई तरीके से नुकसान पहुंचा सकती है इसमें स्किन झुलस जाती है और बाल रूखे और बेजान से हो जाते हैं। वहीं पेट का भी बुरा हाल हो जाता है।
लू लगने से चक्कर ,उल्टी ,बुखार ,सिर दर्द की परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सदियों पुराना नुस्खा आज भी लोग अपनाते हैं इससे बचने के लिए हम बात कर रहे हैं सत्तू के घोल की।
100 ग्राम सत्तू में पोषक तत्व- 20.6 % प्रोटीन , 7.2 % वसा, 1.35 % फाइबर, 65.2 %, कार्बोहाइड्रेट 2.95 % नमी , 406 कैलोरी पाई जाती है। इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर को लू नहीं लगने देते हैं
गर्मी से बाहर निकलने के लिए बड़े बुजुर्ग सत्तू खाने पर ज्यादा जोर देते हैं। क्योंकि इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर को लू नहीं लगने देते हैं। इसके अलावा भी कई तरीकों से लाभ पहुंचाते हैं सेहत को जिसके बारे में आज हम आपको बताते हैं। सत्तू को ग्रामीण लोग ‘सतुआ ‘ भी कहते हैं। आमतौर पर सत्तू को गांव के लोग ज्यादा खाते हैं इसे सुपर फूड की केटेगरी में रखा गया है। इसमें फाइबर ,कार्बोहाइड्रेट ,प्रोटीन,कैल्शियम ,मैग्नीशियम पाया जाता है ,गर्मी के मौसम में परफेक्ट एनर्जी ड्रिंक है ।
आज हम आपको सत्तू के फायदे बताते हैं। यह लू से तो बचाता है साथ में डायबिटीज और ब्लड प्रेशर में भी फायदा पहुंचाता है। इसमें ब्लड शुगर कंट्रोल में होता है ।
अगर आप सत्तू का घोल पीना पसंद नहीं करते हैं तो आप इस का पराठा भी बना कर खा सकते हैं। स्किन और बाल के लिए बहुत लाभकारी साबित होगा इससे बालों का झड़ना और चेहरे की झुर्रियां कम होगी। सत्तू में आयरन की मात्रा कम होती है जो बाल की सेहत के लिए अच्छा होता है।
गर्भावस्था और पीरियड में महिलाओं के शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने लगती है ऐसे में उनकी भरपाई कर देता है। सत्तू में विटामिन और खनिज की मात्रा होती है जो शरीर को प्रोटीन प्रदान करने का भी काम करता है।
लिटिल थेस्पियन ने आयोजित किया जश्न ए अजहर
रपट – राधा कुमारी ठाकुर
कोलकाता । लिटिल थेस्पियन द्वारा आयोजित 12वा नेशनल थियेटर फेस्टिवल जश्न ए अज़हर कोलकाता में स्थित 11 प्रिटोरिया स्ट्रीट ज्ञान मंच में भारत सरकार द्वारा वित्तीय सहायता से आयोजित होने किया गया 18 मार्च से 24 मार्च तक।
18 मार्च पहला दिन शनिवार दोपहर उद्घाटन समारोह एवं अरुण पांडे (निर्देशक विवेचन रंगमंडल जबलपुर) जी को अज़हर आलम स्मृति सम्मान से पुरस्कृत किया किया, तथा इसी क्रम में “नाट्य रंग और रचनात्मक प्रतिरोध के संदर्भ:” विषय पर रंग संवाद हुआ, जिसके केंद्र में जितेंद्र भाटिया ,अरुण होता, संतोष राजपूत रहे और उन्होंने अपनी बात रखी। इस प्रथम रंग संवाद सत्र का संचालन शुभ्रा उपाध्याय के द्वारा संपन्न हुआ तथा दूजों कबीर संतोष राजपूत के निर्देशन में विवेचन रंगमंडल द्वारा प्रस्तुत किया गया।
19 मार्च कठपुतली थिएटर के निर्देशक दिलीप मंडल को सम्मानित करने के साथ रंग संवाद विषय “विसंगतियों में चक्रव्यूह में आज का व्यक्तित्व” विषय पर मृत्युंजय प्रभाकर, दिनेश वडेरा, राजेश सिंह जी ने अपनी बात रखी। इस दुसरे दिन के संवाद सत्र का संचालन सूफिया यासमीन द्वारा सम्पन्न हुआ तथा इसी क्रम में राजेश सिंह के निर्देशन में नाटक व्यक्तिगत फ्लाइंग फेदर्स आर्ट एसोसिएशन दिल्ली समूह के द्वारा प्रस्तुत किया गया।
20 मार्च को अभिनेता दिलीप दवे को सम्मानित किया गया और साथ ही रंग संवाद “स्त्री हस्तक्षेप” विषय पर शर्मिला जालान, राजश्री शुक्ला, अयाज़ खान जी ने अपना वक्तव्य रखा। इस तीसरे रंग संवाद सत्र का संचालन गीता दुबे द्वारा संपन्न हुआ तथा इसी कड़ी में अयाज खान के निर्देशन में नाटक ए लड़की ग्वालियर की परिवर्तन समूह के द्वारा प्रस्तुत किया गया।
21 मार्च को अभिनेत्री और निर्देशक रूकया रे को सम्मानित करने के साथ “नाटकों में प्रेम और प्रतिरोध” विषय पर मोहम्मद कासिम, सोमा बंदोपाध्याय, निलॉय रॉय, जी ने अपनी बात रखी और इस चौथे रंग संवाद का संचालन इतू सिंह द्वारा संपन्न हुआ तथा इसी कड़ी में निलॉय रॉय के निर्देशन में नाटक ओडिपस संवाद पीपुल्स थियेटर ग्रुप दिल्ली के द्वारा प्रस्तुत किया गया।
22 मार्च को अभिनेता और निर्देशक अशोक सिंह को सम्मानित करने के साथ “संभावनाएं और चुनौतियां” विषय पर कृष्ण कुमार श्रीवास्तव, मृत्युंजय श्रीवास्तव, मुस्ताक काक जी ने अपना वक्तव्य रखा। इस पांचवें रंग संवाद का संचालन मोहम्मद कासिम के द्वारा संपन्न हुआ तथा इसी क्रम में मुस्ताक काक के निर्देशन में नाटक लम्हों की मुलाकात विनीत रंगमंच जम्मू समूह के द्वारा प्रस्तुत किया गया जिसकी पटकथा उमा झुनझुनवाला द्वारा लिखी गई है।
23 मार्च को जामा हबीब को सम्मानित करने के साथ विषय “स्त्री अस्मिता स्वप्न और संघर्ष” विषय पर मृत्युंजय कुमार सिंह, डॉ. सत्या उपाध्याय और उमा झुनझुनवाला ने अपनी बात रखी तथा इस छठे रंग संवाद का संचालन डॉ. अल्पना नायक के द्वारा संपन्न हुआ। इसी क्रम में उमा झुनझुनवाला के निर्देशन में नाटक रेत और इंद्रधनुष कोलकाता के नाट्य संस्था लिटिल द्वारा प्रस्तुत किया गया जिसकी रचना डॉ शशि सहगल ने की है।
गर्भ में भगवान महावीर के आते ही माता त्रिशला को नजर आए थे 14 भव्य स्वप्न
निंद्रावस्था और अर्द्धचेतन अवस्था में अंतर है। अर्द्ध चेतन अवस्था के दौरान कई बार हमें भी कुछ ऐसे स्वप्न आते है। जिनके पीछे कुछ संकेत होते है। स्वप्न कई बार हमें सचेत भी करते है। भगवान महावीर जब माता त्रिशला के गर्भ में पधारे तब माता को 14 भव्य नजारे स्वप्न में नजर आए थे। संकेत यह स्पष्ट कर रहे थे की गर्भ में स्थान लेने वाला जीव बहुत मजबूत, साहसी और सद्गुणों से भरा होगा। वह बहुत धार्मिक होगा और एक महान राजा या आध्यात्मिक नेता बनेगा। वह धार्मिक व्यवस्था में सुधार और पुनर्स्थापना करेगा। वह जीवन और मृत्यु से परे हो जाएगा। वह स्वयं भी मोक्ष में जाएगा और ब्रह्मांड के सभी प्राणियों को मोक्ष प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन करेगा।
क्या था पहला स्वप्न
पहले स्वप्न में माता त्रिशला को गजराज (हाथी) नजर आए थे। इस सपने ने संकेत दिया कि असाधारण चरित्र गर्भ में स्थापित हुआ है। गजराज पर हौदा भी था। यह स्पष्ट कर रहा था की यह जीव सम्पूर्ण जगत के लिए एक अलग ही आध्यात्मिक चेतना का मार्गदर्शन करेगा ।
दूसरा स्वप्न
माता त्रिशला ने दूसरे स्वप्न में एक वृषभ (बैल) के दर्शन किए थे। इस सपने ने संकेत दिया कि गर्भ का जीव महान आध्यात्मिक शिक्षक होगा। वह धर्म की फसल लहलहाएगा।
तीसरा स्वप्न
माता त्रिशला को तीसरे स्वप्न में जंगल के नायक सिंह का दीदार हुआ था। इस सपने का संकेत स्पष्ट था की गर्भस्थ जीव सिंह की तरह शक्तिशाली और मजबूत होगा। वह निडर, सर्वशक्तिमान और दुनिया पर राज करने में सक्षम होगा।
चौथा सपना
मातारानी त्रिशला देवी को चौथे स्वप्न में धन की देवी लक्ष्मीजी का दर्शन हुआ था। धन, समृद्धि और शक्ति की देवी के स्वप्न में आने से यह स्पष्ट हो गया था की गर्भस्थ जीव को धन और वैभव की कोई कमी नही रहेगी। वह एक उत्कृष्ट दानी होगा।
पंचम स्वप्न
पाचवें स्वप्न में माता त्रिशला ने आकाश से उतरती एक सुंदर पुष्पमाला देखी। इस सपने का संकेत था की गर्भस्थ जीव के शिक्षण की खुशबू पूरे ब्रह्मांड में फैलेगी, और वह सभी का सम्मान करेगा।
छठां स्वप्न
माता रानी त्रिशला ने छठे स्वप्न में पूर्णमासी का चन्द्र देखा था। इस सपने का संकेत यह माना गया की गर्भस्थ जीव जगत के सभी प्राणियों के दुख को कम करने में मदद करेगा। वह शीतलता और शांति के लिए समर्पित होगा। वह संपूर्ण मानवता की आध्यात्मिक प्रगति में मदद करेगा।
माता त्रिशला को सातवें स्वप्न में चमकदार किरणों से युक्त सूर्य दिखाई दिया था। इस सपने का संकेत यह माना गया की गर्भस्थ जीव को सर्वोच्च ज्ञान होगा और वह भ्रम के अंधेरे को दूर कर देगा।
आठवां स्वप्न
माता रानी त्रिशला को स्वप्नों की श्रंखला में दिखाई दिया अष्टम स्वप्न का नजारा अद्भुद था। माता ने सुनहरी छड़ी पर लहराते एक विशाल ध्वज का दर्श किया था। इस सपने का संकेत माना गया कि गर्भस्थ जीव धर्म का बैनर लेकर चलेगा। वह पूरे ब्रह्मांड में धार्मिक व्यवस्था को बहाल करेगा।
नौवां स्वप्न
माता रानी त्रिशला को नवम स्वप्न में एक स्वर्ण कलश दिखाई दिया था। यह कलश शुद्ध स्वच्छ जल से भरा था।
इस सपने ने संकेत दिया कि गर्भस्थ जीव सभी गुणों में परिपूर्ण होगा और सभी जीवित प्राणियों के लिए दया से भरा होगा।
दसवां सपना
माता त्रिशला ने दसवें स्वप्न में खिलते कमल के फूलों से भरी झील का दर्श किया था। इस सपने का संकेत माना गया की गर्भस्थ जीव सांसारिक लगाव से परे अध्यात्म का पुष्प पल्लवित करेगा। वह प्राणी मात्र को संसार के सुख – दुखों से परे रहने और जन्म – मरण से मुक्त होने का बोध देगा।
ग्यारहवां सपना
माता त्रिशला को दिखाई दिया ग्यारहवां स्वप्न एक महासागर का था। इस सपने का संकेत यह माना गया की गर्भस्थ जीव ज्ञान का अथाह सागर होगा। वह असीम ज्ञान प्राप्त कर सांसारिक जीवन से मुक्ति की राह पर चलेगा और अन्य सभी के लिए इस राह को प्रशस्त करेगा।
बारहवां स्वप्न
माता रानी त्रिशला ने बारहवें स्वप्न में आकाश में विचरण करते एक देव विमान का दर्श किया था।
इस सपने का संकेत यह माना गया कि ब्रह्मांड की सभी दिव्य आत्माएं गर्भस्थ जीव की आध्यात्मिक शिक्षाओं का सम्मान करेंगे।
तेरहवां स्वप्न
माता रानी त्रिशला को तेरहवें स्वप्न में रत्नराशी का दर्श हुआ था। इस सपने ने संकेत दिया कि गर्भस्थ जीव का अनंत गुण और ज्ञान संसार सागर में फैलेगा।
चौदहवां स्वप्न
माता रानी त्रिशला को अंतिम चौदहवें स्वप्न में धुंए से रहित प्रज्ववलित अग्नि नजर आई थी। इस सपने ने संकेत दिया कि गर्भस्थ जीव संसार से अज्ञान रूपी धुंए को दूर करेगा। अंध-विश्वास और रूढ़िवादी संस्कारों से परे जाकर ज्ञान की अग्नि प्रज्ववलित करेगा। वह अशुभ कर्मो को तप की अग्नि से जलाने का ज्ञान देगा।
बारिश हो रही हो या धूप हो गायब तो ऐसे सुखाएं कपड़े
जब आपके कपड़े सुखाने के समय की बात आती है तो सही समय पर कपड़े धोएं। इससे होगा यहा है कि आप दिन में पहले अपनी धुलाई करेंगी थोड़ी धूप में कपड़े रखे जा सकेंगे। इसके बाद इन्हें रात होने से पहले कमरे में ले आएं और खिड़की खोल दें। हवा से कपड़े सुबह तक आराम से सूख जाएंगे। अगर आप रात भर कपड़े बाहर रखेंगी तो पाले से कपड़े वापिस गीले हो सकते हैं।बारिश के मूड का कोई भरोसा नहीं रहता । कभी भी और किसी भी मौसम में धमक जाती है और इसके आने से सबसे ज्यादा परेशानी होती है कपड़ों को सुखाने की । जब घर के बाहर लगातार बारिश हो रही हो तो आप अक्सर चाय पकौड़े का मजा लेना नहीं भूलते लेकिन बारिश अपने साथ कई परेशानियां लेकर आती है. इस दौरान आपको कपड़े सुखाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि तब धूप नहीं निकलती और हवा में नमी ज्यादा होती है।
ऐसे में कपड़ों को सूखने में 2 से 3 दिन लग सकते हैं, जिससे दुर्गंध आने लगती है। दरअसल, लंबे समय तक नमी रहने से कपड़ों में बैक्टीरिया पनप सकते हैं। इन कपड़ों को पहनने से खुजली और अन्य चर्म रोग हो सकते हैं। आइए जानते हैं बारिश में कपड़े कैसे सुखाएं और मौसमी बीमारियों से खुद को कैसे बचाएं।
कई सारे कपड़ों को एक साथ धोने से वो अंत में खराब हो जाएंगे। इसी वजह से उन्हें वॉशिंग मशीन में सूखने में वक्त लगता है। ध्यान रखें कि अगर आप भारी कपड़े जैसे स्वेटर, बेडशीट डाल रही हैं तो उसे कम मात्रा में डालकर ही धोएं ।
कपड़े सुखाने के लिए हम सबसे पहले उसे मशीन में स्पिन करते हैं। इससे कपड़े जल्दी सूखने में मदद मिलती है। अगर आपने कपड़े स्पिन में चलाएं हैं तो मशीन का तेज स्पिन प्रोग्राम सेलेक्ट करें। इससे कपड़ों में बचा अतिरिक्त पानी को निकालने में मदद मिलेगी और कपड़ों से नमी कम होगी।
इससे पहले कि आप सुपर-फास्ट स्पिन के लिए कंट्रोल सेट करें, अपने कपड़ों पर केयर लेबल जरूर देख लें। देखें क्या वह फास्ट स्पिन झेलने से खराब तो नहीं होंगे।अपने कपड़ों को लटकाने के लिए सही जगह चुनें, ताकि उन्हें सूखने के लिए पर्याप्त हवा मिले। एक साथ कई कपड़ों की ओवरलैपिंग से कपड़े नहीं सूखेंगे। सुनिश्चित करें कि जीन्स जैसी मोटी वस्तुओं में जगह हो ताकि वह बाकी कपड़ों पर न लगें। इससे न जीन्स जैसे मोटे कपड़े सूखेंगे और न ही हल्के कपड़े सही ढंग से सूखेंगे । यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि जिस कमरे में आपके कपड़े सूख रहे हैं वह अच्छी तरह से हवादार है। यह न केवल नमी और मोल्ड को रोकने में मदद करेगा बल्कि आपके कपड़े भी जल्दी सूखेंगे। खुली हुई खिड़कियां आपके घर में ताज़ी हवा का संचार करने का सबसे अच्छा तरीका हैं और इससे कपड़े जल्दी सूखेंगे। अपने बड़े कमरे की खिड़की के पास सबसे धूप वाले हिस्से पर कपड़े सुखाएं ताकि जो धूप और हवा लगे वो सीधे आपके कपड़ों पर लगे।अगर आपके कमरे से बदबू आ रही है तो उसे पूरे दिन खुला रखें, ताकि हवा का सही संचार हो और बदबू बाहर निकल सके। इसके अलावा आप ह्यूमिडिटी से बचने के लिए डीह्यूमिडिफायर का उपयोग भी कर सकती हैं।
बरसात के दिनों के लिए कपड़े
1. जब कई दिनों से बारिश हो रही हो तो कपड़े धोने के बाद और सुखाने से पहले एंटीसेप्टिक पानी में भिगो दें, इससे कीटाणु कपड़ों पर पनपने से बचेंगे।
2. अगर आप मशीन में धो रहे हैं तो आखिरी समय में पानी में सेब का सिरका या एंटीसेप्टिक मिलाएं। इससे बैक्टीरिया नहीं होंगे।
3. पसीने से तर कपड़ों को धोने के लिए जब आप वाशिंग मशीन का इस्तेमाल करें तो उसका ढक्कन कभी बंद न करें, यह कपड़ों से अच्छी तरह से महक नहीं निकलने देता, ऐसे कपड़ों को बाल्टी में धोना ही बेहतर होता है.
4. जब कपड़े धोने के बाद पानी टपकना बंद हो जाए तो उन्हें घर के स्टैंड पर फैलाकर क्लिप कर दें। फिर नीचे अगरबत्ती या धूपबत्ती को हिलाएं, कपड़े से दुर्गंध नहीं आएगी।
5. आप बालकनी पर प्लास्टिक के पर्दे लगाएं और फिर कपड़ों को वहीं सूखने के लिए छोड़ दें, ताकि बारिश की बूंदें आपके कपड़ों तक न पहुंचें.
6. सबसे अच्छा तरीका यह है कि कपड़े से पानी निकालने के बाद स्टैंड को भरपूर वेंटिलेशन वाले कमरे में रखा जाए। अब पंखा या कूलर को फुल स्पीड से चलाएं, इससे कपड़े जल्दी सूखते हैं।
7. कपड़े को सूखने के तुरंत बाद आयरन करें, इससे कपड़े की नमी खत्म हो जाती है और बचे हुए कीटाणु मर जाते हैं।