Sunday, July 27, 2025
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उम्मीदों के आसमां उड़ान भरने को तैयार ये युवा परिंदे

मुश्किलों का डटकर जो सामना करे, जिंदगी खुद उसके लिए रास्ते खोल देती है। जीतता वही है जो अपने सपनों के साथ समझौता नहीं करता। तमाम आर्थिक परेशानी और मुश्किल हालात का सामना करते हुए कुछ युवा ऐसे होते हैं जो अपने सपने पूरे करते हॆं। इन सभी युवाओं को सिनी का सहयोग मिला है और इन युवाओं ने सिनी के लर्निंग सेंटर से कोचिंग ली। ऐसे ही कुछ होनहार युवाओं की कहानी अपराजिता आपके सामने रख रही है जिन्होंने हार नहीं मानी और उच्च माध्यमिक परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया।

मनीष महतो – मनीष के पिता बड़ाबाजार में कपड़े की दुकान पर काम करते हैं और उसका परिवार लोहापट्टी की झुग्गियों में रहता है। मनीष अपने 2 भाइयों में बड़ा है।त तमाम मुश्किलों के बावजूद श्री डीडू माहेश्वरी पंचायत विद्यालय के इस परिश्रमी छात्र ने उच्च माध्यमिक की परीक्षा में 81 प्रतिशत अंक हासिल किए। उसे 405 अंक मिले हैं। उसे सिनी के रामबागान स्थित लर्निंग सेंचर में कोचिंग मिली है।

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राज गुप्ता – राज गुप्ता के पिता पुराने कपड़े बेचते हैं और उसकी माँ घरों में काम करके बेटे को पढ़ा रही हैं। उसे 382 यानि 76.4 प्रतिशत अंक उच्च माध्यमिक की परीक्षा में मिले हैं। वह भी श्री डीडू माहेश्वरी पंचायत विद्यालय का छात्र है।

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रोनित मिश्रा – रोनित एक रेड लाइट इलाके में रहता है। उसके 2 भाई हैं। रोनित के पिता हॉकर हैं। उसने ज्ञान भारती विद्यापीठ से साइंस की पढ़ाई की है। उसे 327 अंक यानि 65.4 प्रतिशत अंक मिले हैं।

RONIT MISHRA

रिंकू कुमारी – रिंकू की माँ मजदूरी करती हैं और पिता बेरोजगार हैं। घर की आय 2 हजार रुपए है और उसी से परिवार चलता है। रिंकू की एक छोटी बहन और छोटा भाई भी है। माध्यमिक पास करने वाली रिंकू अपने घर की पहली सदस्य है। माध्यमिक में उसका रिजल्ट अच्छा नहीं रहा मगर रिंकू ने हार नहीं मानी। उसने भूतनाथ महामाया इंस्टिट्यूशन से पढ़ाई की और उच्च माध्यमिक परीक्षा में उसे 62 प्रतिशत अंक मिले हैं।

Rinku Kumari

ताशीन परवीन – ताशीन के पिता रिक्शा चलाते हैं और माँ मजदूरी करती हैं। उसके एक भाई और एक बहन भी है। ताशीन माध्यमिक परीक्षा में बैठने वाली घर की पहली सदस्य ही नहीं है बल्कि उसे 65 प्रतिशत अंक भी बटोरे। वह सिनी की वॉलेंटियर रह चुकी है और संस्था ने उसके स्कूल और ट्यूशन फी का प्रबंध किया। ताशीन डॉक्टर बनना चाहती है। अभी वह नीट परीक्षा की तैयारी कर रही है। भूतनाथ महामाया इंस्टिट्यूशन की इस छात्रा को उच्च माध्यमिक परीक्षा में 328 यानि 65.6 प्रतिशत अंक मिले हैं।

Tahsin Parveen

भारती माली – भारती पहले रेड लाइट इलाके से सटे इलाके में रहती थी। पिता की मौत 2 साल पहले हो चुकी है और भाई पार्किंग लॉट में काम करता है। बहन कपड़े की दुकान में काम करती है। भारती घर में सबसे छोटी है। श्री बाल कृष्ण विट्ठलनाथ विद्यालय की छात्रा भारती को उच्च माध्यमिक परीक्षा में 252 (50.4 प्रतिशत) अंक मिले हैं।

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पूजा गुप्ता – पूजा सिनी के साथ चौथी कक्षा से है। पिता हॉकर हैं। माँ घरों में काम करती है। पूजा के घर में बिजली तक नहीं है। पूजा ने सावित्री पाठशाला से कॉमर्स की पढ़ाई की है और उच्च माध्यमिक परीक्षा में उसे 281 यानि 56 प्रतिशत अंक मिले हैं।

puja gupta

वाममोर्चा और तृणमूल के लिए सबक साबित हुआ चुनाव

  • सुषमा त्रिपाठी

बंगाल में एक बार फिर दीदी राज लौट आया है। जनता ने प्रचंड बहुमत देकर तृणमूल के हाथ में 5 साल के लिए अपना भविष्य सौंप दिया है। अकेले ममता बनर्जी ने विरोधियों को धूल चटा दी है और वाममोर्चा के लिए तो अब शायद यह अस्तित्व बचाए रखने की लड़ाई साबित होने जा रहा है। वाममोर्चा और काँग्रेस, दोनों को गठबंधन से बड़ी उम्मीदें थीं कि शायद वे बिहार का करिश्मा एक बार फिर बंगाल में दोहरा सकते हैं। दरअसल, यह चुनाव कई मामलों में मील का पत्थर भी साबित हो सकता है और सबक भी, सबक यह कि एक राज्य का फार्मूला दूसरे राज्य में भी चल जाए, ये जरूरी नहीं है। सच तो यह है कि वाममोर्चा ने बेहद बड़ा जोखिम लिया था और शायद यही वजह थी कि अपने सिद्धांतों के साथ कभी समझौता न करने के लिए जानी जाने वाली पार्टी ने अपने चुनाव चिन्ह के साथ भी समझौता कर लिया था। अपने साथी दलों को छोड़कर किसी भी कीमत पर गठबंधन करना वाकई पार्टी को महंगा पड़ा है क्योंकि कहीं न कहीं इससे पार्टी के समर्थकों को चोट पहुँची और उनकी सहानुभूति काँग्रेस के साथ चली गयी। राहुल गाँधी और बुद्धदेव भट्टाचार्य को एक मंच पर देखना लोगों को रास नहीं आया और जनता तक गठबंधन की अवसरवादी छवि ही पहुँची। इसके विपरीत काँग्रेस के वोट माकपा को नहीं मिले। अब ये अलग बात है कि वाममोर्चा के चेयरमैन विमान बोस गठबंधन की बात से ही इनकार कर रहे हैं जबकि सूर्यकांत मिश्र इसे बरकरार रखने की बात कर रहे हैं। देखा जाए तो इस पूरी कवायद में सबसे अधिक फायदा काँग्रेस को हुआ है और नुकसान सिर्फ माकपा को हुआ है। काँग्रेस अब 44 सीटों के साथ राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी बनने जा रही है तो दूसरी ओर वाममोर्चा महज 32 सीटों पर सिमट गया है। राज्य में भाजपा ने भी 3 सीटों के साथ अपना खाता खोल लिया है और भविष्य में पार्टी अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश करेगी और उसका मकसद 2019 के लोकसभा चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करना ही होगा। लगभग 8 लाख लोगों ने नोटा का प्रयोग किया और कई जगहों पर तृणमूल प्रत्याशियों के वोट उनके अपने ही इलाके में कम हुए हैं। तृणमूल के 8 मंत्री चुनाव हार चुके हैं जिसमें दीदी के चहेते मदन मित्रा भी शामिल हैं। इन सबके बावजूद रही बात तृणमूल की, तो आतंक के तमाम आरोपों के बावजूद कहीं न कहीं पार्टी अपने 5 साल के कामकाज और योजनाओं को भुनाने में कामयाब रही है। इसके साथ ही गौर से देखा जाए तो भाजपा के वोटों का तृणमूल के खाते में चला जाना और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अप्रत्यक्ष समर्थन तृणमूल को सत्ता की ओर ले जाने में मददगार साबित हुआ। सत्ता सम्भालते ही दीदी ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं और चुनाव आयोग द्वारा पक्षपात के आरोपों के बाद हटाए गए राजीव कुमार एक बार कोलकाता के पुलिस कमिश्नर हैं। भारती घोष भी चुनाव आयोग के खिलाफ हाईकोर्ट जा रही हैं। भाजपा प्रत्याशी रूपा गाँगुली पर हमले हुए और विरोधियों के खिलाफ हिंसा जारी है। कई जगहों पर तृणमूल पर हमले हुए हैं, यह भी सही है मगर देखना यह है कि अब बंगाल की जनता ने जिस विश्वास के साथ ममता को चुना है, क्या उनकी सरकार उस विश्वास पर खरी उतरेंगी। अभी नारद और सारधा मामले में फैसला आना बाकी है, सरकार का भविष्य भले ही उससे तय न हो, यह भी सही है कि कई मंत्रियों की किस्मत इससे जरूर तय होगी। दरअसल, कहीं न कहीं तृणमूल और भाजपा एक दूसरे की ताकत भी हैं और जरूरत भी, दोनों ही पक्षों के लिए यह स्थिति और भी मुखर होने वाली है इसलिए दोनों ही चाहें तो एक – दूसरे को नजरअंदाज नहीं कर सकते। रही बात वाममोर्चा की तो इस करारे झटके के बाद पार्टी को सम्भलने में वक्त लगेगा, यह तय है मगर यह एक संदेश है कि पार्टी अब युवाओं को सामने लाए, तभी उसके बचने की उम्मीद है।

किरण बेदी बनीं पुडुचेरी की उपराज्यपाल

भाजपा की ओर से दिल्ली के पिछले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार रहीं किरण बेदी को पुडुचेरी का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है। पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी किरण बेदी ने बीबीसी से कहा, “मुझे खुशी है कि मुझे पुडुचेरी के साधारण नागरिकों की सेवा करने का मौका मिला है।”

एक प्रशासक के रूप में पुडुचेरी के लिए अपनी प्राथमिकताओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया, “मैं सरकार में अंतिम कर्मचारी तक पहुंचने वाली हूं और अपनी जिम्मेदारी खूब अच्छी तरह से निभाऊंगी।”

लगभग 30 साल तक पुलिस सेवा में रहीं बेदी का कहना है कि जब आखिरी सरकारी सेवक काम करता है तब साधारण व्यक्ति को उत्तम सेवा मिलती है.।

पिछले दिल्ली विधानसभा चुनावों की घोषणा होने के बाद पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गई थीं और भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था। वे 1972 में देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी बनी थीं. आईपीएस अधिकारी के रूप में वो काफी चर्चित रहीं। यही नहीं, तिहाड़ जेल में किए गए उनके काम को बड़े पैमाने पर सराहना मिली. इसके लिए उन्हें 1994 में रमन मैग्सेसे पुरस्कार भी मिल चुका है।

 

कांग्रेस के गढ़ असम पर भाजपा का कब्जा, बंगाल में दीदी, तमिलनाडु में जया ने दिखाया दम

नई दिल्ली: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के गुरुवार को आए नतीजों ने यह स्पष्ट कर दिया कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी और तमिलनाडु में सत्तारूढ़ एआईएडीएमके की महासचिव जे. जयललिता सत्ता में वापसी करने जा रही हैं। असम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बहुमत हासिल कर लिया है और केरल में पिछली बार सत्ता से चूके वाम मोर्चे ने इस बार कब्जा जमा लिया है।

पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिए निराशाजनक रहा। असम में 15 वर्षों से सत्ता में रहे कांग्रेस को भाजपा के हाथों करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। केरल में भी जीत के प्रति आश्वस्त दिख रही कांग्रेस को वाम मोर्चा के हाथों करारा झटका लगा। पुदुच्चेरी में हालांकि कांग्रेस-डीएमके गठबंधन ने जीत दर्ज की है।

भाजपा ने इस बार केरल में अपना खाता खोला है। पार्टी के दिग्गज नेता ओ. राजगोपाल (86) ने तिरुवनंतपुरम की नेमोम सीट से जीत दर्ज की। केरल विधानसभा में वह भाजपा के पहले और एकमात्र विधायक होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा तमिलनाडु की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जीत की बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया, “पूरे देश में लोगों का भाजपा के प्रति भरोसा बढ़ रहा है और वे इसे एक ऐसी पार्टी के तौर पर देख रहे हैं, जो चहुंमुखी और समावेशी विकास कर सकती है।”
बंगाल में जनता ने ममता पर जताया भरोसा
चुनाव में विकास को मुद्दा बनाते हुए ममता की तृणमूल पार्टी ने 211 सीटों पर जीत दर्ज की। कुल 294 सीटों वाले विधानसभा में उसे दो तिहाई बहुमत मिला है। ममता बनर्जी को सत्ता से हटाने का ख्वाब देख रहे कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन चारों खाने चित्त हो गया। कांग्रेस ने जहां 44 सीटें जीतीं, वहीं मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट (माकपा) को मात्र 33 सीटों से संतोष करना पड़ा। ममता बनर्जी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “बीते 49 वर्षों में यह पहली बार है, जब किसी एक पार्टी को इतना बड़ा बहुमत मिला है।”
तमिलनाडु में जयललिता की वापसी
तमिलनाडु के भी नतीजे शानदार रहे। एआईएडीएमके ने कुल 234 सीटों में से 134 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं डीएमके-कांग्रेस गठबंधन को 98 सीटें मिलीं। जयललिता ने कहा, “तमिलनाडु के लोगों के प्रति आभार जताने के लिए मेरे शब्दकोश में पर्याप्त शब्द नहीं हैं।” अधिकांश एग्जिट पोल में तमिलनाडु में एआईएडीएमके की हार का अनुमान लगाया गया था और मुत्तुवेल्लु करुणानिधि की पार्टी डीएमके को फिर से सत्ता मिलने का अनुमान लगाया गया था।
चेन्नई में जयललिता के आवास के बाहर जश्न का माहौल दिखा। जयललिता की तस्वीर लिए लोग पटाखे फोड़ रहे थे और जश्न मना रहे थे।

असम में भाजपा का कमाल
इन चुनावों में सबसे बड़ा करिश्मा भाजपा ने असम में किया, जहां कुल 126 सीटों में से उसने 86 सीटों पर जीत दर्ज की। भाजपा की इस शानदार विजय से कांग्रेस की मिट्टी पलीद हो गई। 15 वर्षों से सत्तारूढ़ इस पार्टी को मात्र 26 सीटों में से संतोष करना पड़ा। किंगमेकर बनने का सपना देख रहे ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) को करारा झटका लगा और उसे 13 सीटों से संतोष करना पड़ा। उसे विश्वास था कि चुनाव परिणाम त्रिशंकु होने पर वह किंगमेकर के तौर पर उभरेगा। असम के भावी मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि बांग्लादेशी मुसलमानों की घुसपैठ बंद कराने के लिए भारत-बांग्लादेश सीमा को पूरी तरह सील करना उनकी सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी।

केरल में जारी रही परंपरा
प्रत्येक चुनाव में सरकार को विपक्ष में लाने की केरल की परंपरा इस बार भी जारी रही। कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ सत्ता से बाहर हो गई। मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कहा कि उन्होंने कभी इसकी कल्पना भी नहीं की थी। लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) को कुल 140 में से 91 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि यूडीएफ को 47 सीटों पर कामयाबी मिली। माकपा नेता व पूर्व मुख्यमंत्री वी.एस. अच्युतानंदन ने कहा, “यह जनादेश भ्रष्टाचारियों व उनके खिलाफ है, जो महिलाओं की गरिमा बनाए रखने में नाकाम रहे।” बीजेपी भी राज्‍य में अपना खाता खोलने में कामयाब रही और उसका एक उम्‍मीदवार चुनाव जीत गया। एक निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव जीतने में कामयाब रहा।

पुद्दुचेरी में बनेगी कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन की सरकार
पुद्दुचेरी में कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन ने स्पष्ट बहुमत हासिल करते हुए 30 सदस्यीय विधानसभा में 17 सीटें जीत लीं। अपनी पार्टी एआईएनआरसी की हार के बाद पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगासामी ने इस्तीफा दे दिया। रंगासामी ने यहां राज निवास पर उप राज्यपाल एके सिंह को अपना इस्तीफा सौंपा। रंगासामी ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने अपनी कैबिनेट का इस्तीफा सौंप दिया है। इस जीत के साथ ही कांग्रेस ने साल 2011 में एन रंगासामी की एआईएनआरसी के हाथ मिली पराजय का भी बदला ले लिया। रंगासामी ने कांग्रेस अलग होकर इस पार्टी का गठन किया था और सत्तासीन हुए थे। चुनाव आयोग के अनुसार इस केंद्र शासित प्रदेश की 30 सीटों में से कांग्रेस को 15 और उसकी सहयोगी द्रमुक को दो सीटे मिली हैं।

असम व केरल में सत्ता गंवाने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि लोगों का भरोसा जीतने के लिए पार्टी कठिन मेहनत करेगी। उन्होंने ट्वीट किया, “लोगों का भरोसा जीतने तक हम कठिन मेहनत करेंगे।”
 

सेहत को न लगे गर्मी की नजर

हर किसी के घर में एअर कंडीशनिंग की सुविधा हो यह जरूरी नहीं और यह भी संभव नहीं कि हर वक्त इसकी ठंडक ली जा सके। क्यों न तपती गर्मी में ऐसे उपाय किए जाएं, जो आपको प्राकृतिक रूप से ठंडक पहुंचाएं।

अपने पल्स पॉइंट और कलाइयों को गीला करें

यह शरीर को ठंडा रखने का बेहतर उपाय है। एक मुलायम कपड़े में बर्फ बांधकर अप्लाय करें यह शरीर की ठंडक को लंबे समय तक सुरक्षित रखता है। बर्फ का इस्तेमाल करने के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतें, क्योंकि सीधे संपर्क से त्वचा के डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है। एक शोध के मुताबिक इस प्रक्रिया से शरीर के तापमान को 3 डिग्री फारेनहाइट तक कम करने में मदद मिलती है। इससे गर्मी से तुरंत ही राहत मिलती है और यह ठंडक एक घंटे तक बरकरार रहती है।

खाएं कुछ ठंडा-ठंडा

शरीर को ठंडा रखने के अगले चरण में जरूरी है ठंडी चीजें खाना और पीना। यह आपके शरीर को ठंडा रखने में मदद करेगा। इसके लिए जरूरी नहीं कि आप केवल पानी पीएं, लेकिन डिहाइड्रेशन और शरीर से हुए पानी के हृास को फिर से संचित करने के लिए थोड़े-थोड़े अंतराल पर तरल लेते रहें। इलेक्ट्रोलाइट्स से संतुलित पेय ओरल रिहाइड्रेशन में मददगार होते हैं। लेकिन सॉफ्ट ड्रिंक्स और अन्य शकरयुक्त ड्रिंक लेने से बचें। इसकी जगह पर तरबूज, ताजे मिन्ट से तैयार ड्रिंक आदि ले सकते हैं।

घर को बचाएं गर्म होने से

गर्मी आने से पहले ही इस तरह की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। इसके लिए अपने घर में अधिक से अधिक पौघे लगाएं ताकि सूरज की सीधी किरणों से होने वाली गर्मी से बचा जा सके। घर की पूरब और पश्चिम दोनों दिशाओं में पौधे लगाएं, इससे घर को ठंडा रखने में काफी हद तक मदद मिलेगी। साथ ही ऐसे पेड़-पौधों का चुनाव करें जो पर्याप्त छाया दे सकें।

पूरी तैयारी गर्मी से बचने की

  • हल्के-फुलके और हल्के रंग के कपड़े पहनें।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं, अल्कोहल का सेवन न करें।
  • तेज गति वाली गतिविधियां ना करें।
  • जितना संभव हो घर के अंदर ही रहें ।
  • अपने पालतुओं को भी शेड में रखें और उन्हें भी पर्याप्त पानी दें।
  • बच्चों और पेट्स को धूप में कार के अंदर न छोड़ें।
  • आंखों को भी सूरज की सीधी रोशनी से बचाने का प्रयास करें।

गर्मी में करें कुछ ऐसे उपाय

  • सुबह जल्दी उठकर कम से कम आधे से एक घंटे का वॉक करें।
  • हल्का नाश्ता करें और अत्यधिक ऑयली खाने से बचें।
  • दिनभर में 5 से 6 बार अपने मुंह में पानी की बूंदों को रखें, इससे सन
  • स्ट्रोक से बचने में मदद मिलेगी। साथ ही सनस्क्रीन लगाना न भूलें।
  • अधिक सुंगध वाले डियो इस मौसम में प्रयोग करने से बचना चाहिए।
  • जितना हो सके लस्सी, छाछ और स्क्वैश जैसे लिक्विड लें।
  • घर से निकलने से पहले छाता ले जाएं और सिर पर टोपी पहनना न भूलें।

 

अनुराग ठाकुर बने बीसीसीआई के युवा प्रेसिडेंट

मुंबई.बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर को रविवार को बीसीसीआई की एनुअल जनरल मीटिंग में बोर्ड का प्रेसिडेंट चुन लिया गया। वे शशांक मनोहर की जगह लेंगे। शशांक फिलहाल आईसीसी प्रेसिडेंट हैं। अनुराग बीसीसीआई के सबसे युवा प्रेसिडेंट हैं। वहीं, अजय शिर्के को ठाकुर की जगह बोर्ड का नया सचिव बनाया गया है।

ठाकुर लोकसभा में बीजेपी सांसद हैं। उन्हें ईस्ट जोन के सभी मेंबर्स से सपोर्ट हासिल है। इसी वजह से उनका सिलेक्शन लगभग तय था।  इसमें बंगाल, असम, झारखंड, त्रिपुरा और नेशनल क्रिकेट क्लब शामिल हैं।  बता दें कि मनोहर ने 7 महीने बोर्ड के इस पद पर रहने के बाद इस्तीफा दिया था। इसी वजह से दुनिया की सबसे अमीर और सबसे ताकतवर क्रिकेट बॉडी के नए चीफ के चुनाव की जरूरत पड़ी। शशांक को 12 मई को आईसीसी का पहला इंडिपेंडेंट चेयरमैन चुना गया था।  इससे पहले अनुराग ठाकुर बीसीसीआई के सचिव थे।

ये हैं ठाकुर के लिए मुश्किलें

41 साल के ठाकुर बोर्ड का चार्ज मुश्किल वक्त में संभाल रहे हैं क्योंकि बीसीसीआई पर हाईकोर्ट जस्टिस आरएम लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने का दबाव बना हुआ है।

 

 

गर्मियों में फैशनेबल दिखना है, चुनें सही शॉर्ट्स

गर्मियां अपने पूरे खुमार पर है। ऐसे में आप कोई ऐसा आउटफिट पहनना चाहते हैं जो स्टाइलिश होने के साथ आरामदायक भी हो। शॉर्ट्स एक ऐसा आउटफिट है जिसमें आप बड़ी असानी स्टाइलिश दिख सकते हैं और इस गर्म मौसम में ये आपको कूल-कूल भी रखेगा. बस इसे चुनने से पहले कुछ सावधानियां रखें।

शॉर्ट्स की सबसे खास बात ये है कि ये न सिर्फ वर्सटाइल है, बल्कि कई वेराइटी में भी आती है। ये न सिर्फ आपके समर हॉलिडेज़ के लिए परफेक्ट हैं, बल्कि मस्ती टाइम के लिए इससे अच्छा विकल्प आपको नहीं मिलेगा इसलिए इस मौसम में भारी भरकम ट्राउज़र्स के अलावा अपने वॉर्डरोब में आप कुछ फंकी और डीसेंट शॉर्ट्स भी रखें। ये कुछ टिप्स गर्मियों में अपने लिए सही शॉर्ट्स चुनने में आपकी मदद करेंगे..

लंबाई: शॉर्ट्स खरीदने से पहले उसकी लंबाई ज़रूर देख लें. लंबे पुरुषों को घुटनों तक की लंबाई वाले शॉर्ट्स चुनने चाहिए, जबकि छोटे कद के लड़कों को घुटनों से 3-5 इंच ऊपर तक की लंबाई वाले शॉर्ट्स अच्छा लुक देते हैं। इसके अलावा छोटे कद के आदमियों पर लूज़ की बजाय स्लिम-फिट शॉर्ट्स ज्यादा अच्छा लुक देते हैं। बाहर जाने के लिए स्लिम फिट और बेल्ट के साथ शॉर्ट्स इस्तेमाल करें।

A-Shorts

रंग : आपके शॉर्ट्स का रंग वर्सटाइल होना चाहिए ताकि आप इसे ज्यादा से कपड़ों के साथ पेयर कर सकें। ब्लैक, ग्रे, खाकी और रस्ट जैसे कलर सही विकल्प हैं। बड़े ग्राफिक प्रिंट्स के शॉर्ट्स बीच (समुद्र किनारे) या घर पर छुट्टी वाले दिन पहनना तो ठीक है, लेकिन फ्रेंड के साथ डिनर या बाहर जाने के लिए इससे बचना ही आपके स्टाइल के लिए अच्छा होगा। एक साफ, प्रेस की हुई लिनेन की कड़क शर्ट के साथ शॉर्ट्स और लोफर का कॉम्बिनेशन आपके नाइट आउट के लिए परफेक्ट रहेंगे।

फिटिंग: अगर आपको लगता है कि ढीले-ढाले शॉर्ट्स ज्यादा कम्फर्टेबल होते हैं, तो गलत सोचते हैं। ज्यादा गर्म दिनों में स्लिम-फिट शॉर्ट्स पहनना आपको कम्फर्ट के साथ-साथ स्टाइल भी देगा। बस ध्यान रखें कि ये इतने टाइट ना हों कि आपको चलने-फिरने में परेशानी हो।

फैब्रिक: कॉटन, लिनेन, seer-sucker (प्योर कॉटन का एक बहुत पतला फैब्रिक जो खासकर गर्मियों के लिए बनाया जाता है), chambray (हल्के व्हाइट टेक्सचर के साथ बनाए जाना वाला एक हल्का फैब्रिक) और madras (खास तौर से गर्मियों के लिए बनाया जाने वाला हल्का फैब्रिक जिसपर कुछ खास स्टाइल में चेक के पैटर्न होते हैं) गर्मियों के लिए कम्फर्टेबल होते हैं. वेराइटी के लिए डेनिम भी इस सीज़न में एक बेहतरीन विकल्प है। डेनिम शॉर्ट्स गर्मियों की शाम के लिए आपकी परफेक्ट चॉइस हो सकते  हैं. इसे आप टी-शर्ट या शर्ट के साथ भी पेयर कर पहन सकते हैं।

 

रूपहले परदे के ये सितारे बच्चों को गोद लेकर बने मिसाल

बॉलीवुड सेलेब्रिटीज को अक्सर हम स्क्रीन पर उनकी पॉवर पैक्ड परफॉर्मेंस से ही याद रखते हैं. लेकिन एक एक्टर होने के अलावा भी उनकी जिंदगी के दूसरे पहलू होते हैं। ऐसी तमाम सेलेब्रिटीज हैं जिन्होंने बच्चों को गोद लेकर न सिर्फ कई सामाजिक अवधारणाओं को तोड़ा है बल्कि वो उम्दा पैरेंट्स भी साबित हुए हैं। पेश है ऐसी कुछ सेलेब्रिटीज की एक झलक-

सुष्मिता सेन: सुष्मिता बॉलीवुड की वो पहली एक्ट्रेस थीं जिन्होंने रेने और अलीशा नाम की दो बेटियों को गोद लिया। एक सिंगल पैरेंट होते हुए भी सुष्मिता ने अपनी बेटियों को पूरा ध्यान रखा।

सलीम खान: सलमान खान के पिता और लोकप्रिय पटकथा लेखक सलीम खान ने बरसों पहले अर्पिता नाम की बच्ची को गोद लिया था जो देखते ही देखते पूरे खान परिवार की जान बन गई। पिछले ही साल आयुष शर्मा के साथ अर्पिता की शादी हुई और हाल ही में उन्होंने एक बच्चे को भी जन्म दिया है।

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सुभाष घई: डायरेक्टर सुभाष घई ने अपनी बेटी मेघना को भी गोद लिया था। ऐसा सुनने में आया था कि मेघना असलियत में सुभाष घई के भाई की बेटी हैं।  सुभाष ने उन्हें पढ़ने लंदन भेजा. आजकल मेघना अपने पिता का एक्टिंग स्कूल और प्रोडक्शन कंपनी चलाती हैं।

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रवीना टंडन: महज 21 साल की उम्र में रवीना टंडन ने पूजा और छाया नाम की 2 बेटियों को गोद लिया। आज दोनों बेटियां बड़ी हो चुकी हैं। हाल ही में छोटी बेटी छाया ने गोवा के रहने वाले शॉन मेंडेस के साथ हिन्दू-कैथलिक रीति से शादी की थी।

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निखिल अडवाणी: अपनी पत्नी की सहमति से डायरेक्टर निखिल अडवाणी ने भी एक बच्ची  को गोद लिया था और उसके नाम ‘केया’ रखा।

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दिबाकर बनर्जी: डायरेक्टर दिबाकर बनर्जी ने भी एक ने बच्ची को गोद लिया था। दिबाकर और उनकी पत्नी  ने उस बच्ची इरा को मुंबई के एक अनाथालय से गोद लिया था।

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कुनाल कोहली: डायरेक्टर, राइटर और शेफ कुनाल कोहली ने अपनी बेटी राधा को गोद लिया था और आज उसे बेहतरीन शिक्षा  दे रहे हैं।

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संदीप सोपरकर: कोरियोग्राफर संदीप सोपरकर ने अपनी शादी से पहले महज 20 साल की उम्र में ही निर्णय ले लिया था कि वो एक बच्चे को गोद लेंगे। एक बेटे को गोद लेने के बाद उन्होंने जस्सी रंधावा से शादी की।

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शादी करने जा रहे हैं, ये बातें ध्यान रहें

एक वो पुरूष होते हैं जो शादी नहीं करना चाहते हैं और अपनी जिन्‍दगी को मस्‍ती में जीना चाहते हैं और दूसरे तरीके के पुरूष वो होते हैं जो शादी करके सेटेल लाइफ जीना पसंद करते हैं। उम्र के एक पड़ाव के बाद हर पुरूष को शादी करनी ही पड़ती है। ऐसे में पुरूषों या लड़कों को कुछ बातों का विशेष ख्‍याल रखना चाहिए। शादी, दो लोगों का आपसी मिलन होता है जो जिन्‍दगी भर एक-दूसरे का साथ निभाते हैं। कुछ लड़के सोचते हैं कि वो जिस लड़की से शादी करें वो हमेशा घर में ही रहें और किचेन का काम करें। लेकिन कुछ लड़के ऐसी महिलाओं को जीवन साथी बनाना भी पसंद करते हैं जो घर से लेकर बाहर तक के सारे काम आसानी से संभाल ले और खुश भी रहें।

सम्‍मान -शादी से पहले ही लड़कों को लड़कियों के प्रति सम्‍मान करना चाहिए। उनके प्रति अपना नजरिया बेहतर रखना चाहिए और उन्‍हें सम्‍मान की दृष्टि से देखना चाहिए। जिस प्रकार आप अपनी मां और बहनों को सम्‍मान देते हैं उसी प्रकार दूसरे परिवार से आई लड़की को भी इज्‍जत देना सीखें।

 ध्‍यान देना -शादी से पहले ही घर-परिवार की जिम्‍मेदारियों पर ध्‍यान देना शुरू कर देना चाहिए। इससे परिवार और नौकरी में सांमजस्‍य बना रहता है।

 देखभाल करने की आदत -महिलाओं को हद से ज्‍यादा देखभाल करवाने की आदत नहीं होती है लेकिन अगर पुरूष ऐसा करना शुरू कर दें तो इससे उन्‍हें काफी अच्‍छा लगेगा।

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प्रेरणादायक -पति को पत्‍नी को हर काम को करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। इससे वह अपने लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए अग्रसर होगी और आपके काम में भी हाथ बटाएंगी।

पूर्वानुमान न लगाएं -बीबी को लेकर कभी भी पहले से अनुमान न लगाएं कि ऐसी जगह से आई है तो ऐसी होगी। इस प्रकार की सोच से हमेशा घाटा ही होता है। हर व्‍यक्ति अलग स्‍वभाव का होता है। आपके लिए उचित होगा कि आप अपने पार्टनर को समझें और उसे हर बात में सपोर्ट करें, सिवाय गलत बातों को छोड़कर।

. खुली सोच -शादी से पहले मन की गन्‍दगी को निकाल दें। पार्टनर को उसका स्‍पेस दें और स्‍वयं को भी फालतू की झंझटों से दूर रखें। बात को खोदने की कोशिश न करें।

विश्‍वास -शादी के रिश्‍ते में भरोसे की सर्वाधिक आवश्‍यकता होती है। अगर शादी में भरोसा और विश्‍वास नहीं होगा तो यह सम्‍बंध लम्‍बे समय तक टिका नहीं रह सकता है।

 मदद करना -अब वो दिन लद गए, जब घर का काम करना सिर्फ पत्नी की जिम्‍मेदारी थी। अब पति और पत्‍नी; दोनों को मिलकर घर का काम निपटाना होता है। इससे दोनों में प्‍यार भी बना रहता है और जिम्‍मेदारियों का निर्वाह भी अच्‍छी तरीके से हो जाता है।

सुरक्षा प्रदान करना और महसूस करवाना -किसी भी सम्‍बंध में सुरक्षा देना और महसूस करवाना; दोनों ही बेहद आवश्‍यक होते हैं। पुरूष को अपनी पार्टनर को इतनी सहजता से रखना चाहिए कि वो कभी असुरक्षित न महसूस करें।

बातचीत -शादी से पहले और शादी के बाद, अक्‍सर बातों में फर्क आ जाता है। ऐसा बिल्‍कुल नहीं होना चाहिए। जीवनसाथी के साथ बातचीत में घनिष्‍ठता बनी रहनी चाहिए, इससे जीवन में प्‍यार और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

विश्‍वास –शादी के रिश्‍ते में भरोसे की सर्वाधिक आवश्‍यकता होती है। अगर शादी में भरोसा और विश्‍वास नहीं होगा तो यह सम्‍बंध लम्‍बे समय तक टिका नहीं रह सकता है।

 पूर्वानुमान न लगाएं – बीबी को लेकर कभी भी पहले से अनुमान न लगाएं कि ऐसी जगह से आई है तो ऐसी होगी। इस प्रकार की सोच से हमेशा घाटा ही होता है। हर व्‍यक्ति अलग स्‍वभाव का होता है। आपके लिए उचित होगा कि आप अपने पार्टनर को समझें और उसे हर बात में सपोर्ट करें, सिवाय गलत बातों को छोड़कर।

नींबू से चमकाएं घर – आँगन

नींबू अपने चटपटे और खट्टे स्वाद की वजह से खाने में खूब इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन इसके कुछ खास गुणों के कारण इसका इस्तेमाल सौंदर्य बढ़ाने के लिए और घर की सफाई में भी खूब किया जाता है। आइए जानें, नींबू के ऐसे ही गुणों के बारे में जो आपके घर के हर कोने के चमका देंगे…

माइक्रोवेव को साफ करने के लिए एक कप पानी में नींबू के टुकड़े काटकर इसे माइक्रोवेव में 15 मिनट के लिए गर्म होने के लिए रख दें। इसके बाद इसे निकाल ने और माइक्रोवेव को किचन टॉवल से साफ कर लें। यह एक बार फिर से नया सा हो जाएगा।

कूड़े के डिब्बे से बदबू हटाने के लिए नींबू के रस को अच्छी तरह से इसमें डालें और फिर ठंडे पानी से इसे धो दें।

 कपड़ों से दाग हटाने के लिए नींबू के टुकड़े को उस दाग पर रगड़े और फिर इसे धोकर धूप में सूखा लें. दाग गायब हो जाएगा। सब्जी काटने के चॉपिंग बोर्ड से फल और सब्जी के दाग हटाने के लिए नींबू के टुकड़े को इस पर रगड़ने से दाग और सब्जी की महक दोनों निकल जाएगी।

बाथरूम में लगे स्टील के नल में लगे दाग हटाने में भी नींबू बहुत काम आता है।

सिंक साफ करने के लिए नींबू को नमक में नि‍चोड़ कर एक गाढ़ा पेस्‍ट बना लें और उसको साबुन के घोल के साथ मिला कर सिंक की सफाई करें।

आप खिड़कियों के शीशे, शीशे के दरवाजे और यहां तक कि अपनी कार के शीशों को भी नींबू की मदद से साफ कर सकती हैं।