चेन्नई : तमिलनाडु के थेनी जिले की तीन बच्चों की मां शांतिलक्ष्मी और उसकी 28 साल की बेटी आर थेनमोझी ने राज्य सेवा आयोग ग्रुप-4 की परीक्षा पास कर सरकारी नाैकरी हासिल की है। शांतिलक्ष्मी की स्वास्थ्य विभाग में नियुक्ति होगी। वहीं, थेनमोझी को धर्मस्व विभाग में नौकरी मिली है। शांतिलक्ष्मी को उम्मीद है कि उनकी पोस्टिंग उनके गृह जिले थेनी में होगी। बीएड कर चुकी 47 साल की शांतिलक्ष्मी और तमिल साहित्य में बीए कर चुकी थेनीमोझी ने नौकरी के लिए पिछले साल एकसाथ प्रतियोगी परीक्षा की कोचिंग शुरू की थी।
बेटी कोचिंग से आकर मां को पढ़ाती थी
शांतिलक्ष्मी ने बताया कि 2014 में उनके पति ए रामचंद्र की मृत्यु हो गई। इसके बाद परिवार को संभालने की जिम्मेदारी आ गई। तब उन्हें लगा कि नौकरी करना जरूरी है। बीए के बाद बीएड कर चुकी शांतिलक्ष्मी ने अपनी बेटी के साथ ही कोचिंग जाॅइन की। बच्चों की देखभाल और अन्य पारिवारिक जिम्मेदारी के कारण जब वह क्लास नहीं जा पाती थीं, तो बेटी उन्हें घर पर कोचिंग क्लास की पढ़ाई दोहराती थी।
47 साल की माँ, 28 साल की बेटी को एक साथ मिली सरकारी नौकरी
केंद्र ने दी जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन अध्यादेश 2019 को मंजूरी
नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन अध्यादेश 2019 को मंजूरी प्रदान कर दी। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने यह जानकारी दी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय का निर्णय किया गया । केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज की बैठक में जम्मू कश्मीर सरकार के जम्मू कश्मीर संशोधन अध्यादेश को राष्ट्रपति द्वारा जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी । इसके तहत जम्मू कश्मीर आरक्षण अधिनियम 2004 में संशोधन करने की बात कही गई है । इसके जरिये अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास रहने वाले लोगों को भी आरक्षण का लाभ वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास रहने वाले लोगों की तरह की प्राप्त हो सकेगा ।
जेट एयरवेज के छह और विमान खड़े हुए, अब कुल 19 विमान जमीन पर
मुम्बई : घाटे में चल रही निजी क्षेत्र की जेट एयरवेज के छह और विमान बृहस्पतिवार को खड़े कर दिए गए। इन्हें मिलाकर कंपनी के कुल 19 विमान अब उड़ान नहीं भर सकते हैं। कंपनी ने यह विमान पट्टे पर लिए हुए हैं और वह इनका किराया चुकाने में नाकाम रही। कम्पनी द्वारा शेयर बाजार को दी गई जानकारी के अनुसार भारी नकदी संकट के चलते इस माह में अब तक उसके कुल 19 विमान परिचालन से बाहर हो चुके हैं। कंपनी इन विमानों का पट्टा किराया चुकाने में नाकाम रही है। कम्पनी का कहना है कि इन विमानों के खड़े होने से वह अपने नेटवर्क में व्यवधान को न्यूनतम करने के सभी प्रयास कर रही है और प्रभावित होने वाले यात्रियों को ‘सक्रिय’ तौर पर इसकी जानकारी दे रही है।
डबल चिन से छुटकारा दिला देंगे ये व्यायाम
मोटापे की वजह से अक्सर आपकी त्वचा पर फैट जमा होने लगता है, जिस वजह से आपकी त्वचा ढीली पड़ जाती है। ठुड्डी के नीचे आपकी त्वचा लटकनी शुरू हो जाती है। इसे लोग डबल चिन भी कहते हैं। डबल चिन आपके चेहरे की खूबसूरती को खराब कर देता है। इससे छुटकारा पाने के लिए आप तरह-तरह के उपचार और सर्जरी का सहारा लेती है ,लेकिन आज हम आपको कुछ खास तरह की व्यायाम के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे अपनाकर आप अपनी समस्या का समाधान पा सकती हैं।
वोअल एक्सरसाइज करना सबसे बेहतर तरीका है
डबल चिन के एक्सरसाइज के लिए वोअल एक्सरसाइज करना सबसे बेहतर तरीका है। जब आप इस एक्सरसाइज को करने जाते हैं उस वक्त आप अपने स्वर से ए, ई, आई, ओ, यू का उच्चारण करें। ऐसा करने से आपका फैट कम होगा। इससे मांसपेशियों को राहत मिलती है और ठोड़ी की लटकी हुई त्वचा टाइट होती है।
जिराफ स्टाइल एक्सरसाइज
कहते हैं आप इस एक्सरसाइज को नियमित रूप से करेंगी तो आपको तुरंत राहत मिलेगी। इसके लिए आप सबसे पहले अपने पीठ और रीढ़ की हड्डी को सीधा करके बैठें फिर इसे धीरे-धीरे पीछे की तरफ लेकर जाएं। अपने हाथ को कॉलर बोन पर रख लें फिर पाउट बनाते हुए इसे दोबारा करें। इसके अलावा आप अपने नियमित व्यायाम करना न भूलें। डाइट में ज्यादा तला भुना न खाएं और नियमित रूप से मॉर्निंग वॉक करें। ऐसा करने से आपका खुद को फिट रख सकती हैं।
ब्रिक्स देश बनाएंगे काॅमन ऐप, 5 देशों में होगा भुगतान
मॉस्को : ब्रिक्स के पांचों देश (भारत, चीन, ब्राजील, रूस और दक्षिण अफ्रीका) अपने यहां एक नए पेमेंट सिस्टम पर काम कर रहे हैं। रूसी मीडिया ने इस बारे में जानकारी दी है। इस पेमेंट सिस्टम को ब्रिक्स पे कहा जा रहा है। इसके तहत एक ही कार्ड से पांचों देशों में भुगतान हो सकेगा। पश्चिमी देशों पर निर्भरता कम करने के लिए यह व्यवस्था लाई जा रही है।
स्पेशल ऑनलाइन वॉलेट बनाया जाएगा
नए पेमेंट सिस्टम के तहत ब्रिक्स सदस्य देशों में एक ऑनलाइन वॉलेट बनाया जाएगा। रूस का वेल्थ फंड डिपार्टमेंट भारत और चीन के साथ मिलकर यह काम कर रहा है। बताया जा रहा है कि ब्रिक्स पे, एपल पे और सैमसंग पे की तरह काम करेगा। इसके तहत यूजर्स मोबाइल ऐप के जरिए भुगतान कर सकेंगे। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि यूजर के खाते से कौन सी करंसी जुड़ी हुई है। सिस्टम ठीक से काम करे, इसके लिए ब्रिक्स देशों के नेशनल पेमेंट सिस्टम को एक खास क्लाउट प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा। पेमेंट सिस्टम के पायलट वर्जन की टेस्टिंग अप्रैल में दक्षिण अफ्रीका में होगी। रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड के वाइस प्रेसिडेंट के मुताबिक, ब्रिक्स का खुद का पेमेंट सिस्टम होने के बाद हमारी ट्रांजिशनल पेमेंट ऑर्गनाइजेशंस पर निर्भरता काफी कम हो जाएगी।
ब्रिक्स देशों के सेंट्रल बैंक, शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ), रूस की अगुआई वाला यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (ईईयू) भी एक ज्वाइंट पेमेंट सिस्टम बनाने पर काम कर रहें हैं। दक्षिण अफ्रीका का छोड़कर सभी ब्रिक्स देशों का अपना नेशनल पेमेंट सिस्टम है। इसमें भारत का रूपे, चीन का यूनियन पे, ब्राजील का ईएलओ और रूस का मीर पेमेंट सिस्टम है।
पहलवान बजरंग पूनिया ने जीता स्वर्ण, विंग कमांडर अभिनंदन को किया समर्पित
रूसे (बुल्गारिया): भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया और पूजा ढांडा ने यहां डेन कोलोव-निकोला पेट्रोव इंटरनेशनल रैंकिंग सीरीज में अपने-अपने भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीत लिए. बजरंग ने शनिवार रात पुरुषों के 65 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग के फाइनल में अमेरिका के जॉर्डन माइकल ओलिवर को शिकस्त देकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया. बजरंग पहले 0-3 पीछे चल रहे थे, लेकिन फिर इसके बाद उन्होंने लगातार 12 अंक लेकर चैम्पियन बनने का गौरव हासिल कर लिया. बजरंग ने इस जीत के बाद कहा, “मैं यह पदक विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को समर्पित करता हूं. उन्होंने मुझे बहुत प्रभावित किया है. मैं उनसे मिलना चाहूंगा और उनसे हाथ मिलाना चाहूंगा.”
मैं अपना स्वर्ण पदक हमारे बहादुर वायु योद्धा #WingCommandorAbhinandan को समर्पित करना चाहता हूं। उन्होंने मुझे बहुत प्रेरणा दी और मुझमें जोश भर दिया। मैं किसी दिन उनसे मिलकर उनसे हाथ मिलाना चाहता हूं।
साक्षी को 65 किग्रा के फाइनल में स्वीडन की हेना जोहानसन से 3-8 से हार का सामना करना पड़ा. साक्षी ने सेमीफाइनल में वल्र्ड चैम्पियन पेट्रा ओली को हराया था। 59 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में विश्व चैम्पियनशिप-2018 की ब्रॉन्ज मेडल विजेता पूजा ने राउंड रोबिन फॉर्मेट में कोई मैच नहीं गंवाया और गोल्ड मेडल जीता. वे तीनों मैच जीतने में सफल रहीं। पूजा ने हमवतन सरिता मोर, लिथुआनिया की कोरनेलिजा जैयसेवेयूटे और किर्गिस्तान की एसुलु टिनबेकोवा को मात दी।
विंग कमांडर अभिनंदन जैसी मूंछें रख रहे हैं लोग
बेंगलुरू : अभिनंदन की मूंछ का स्टाइल मशहूर हो रहा है। बेंगलुरू में एक युवक ने विंग कमांडर के मूंछ की तरह अपना भी मूंछ रख ली है। पाकिस्तान की कैद में साठ घंटे बिताकर भारत लौटे वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की वीरता से देश के लोग काफी प्रभावित हैं। अभी तक आपने किसी के हेयर स्टाइल को लोकप्रिय होते सुना होगा लेकिन अब अभिनंदन की मूंछ भी मशहूर हो रही है। बेंगलुरू में एक युवक ने विंग कमांडर के मूंछ की तरह अपनी भी मूंछ रख ली है। बेंगलुरू में एक स्थानीय नागरिक मुहम्मद चांद ने बताया कि वह विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान का फैन(fan) है, हम उन्हें फॉलो कर रहे हैं। मुहम्मद चांद ने कहा कि हमें उनकी मूंछ की स्टाइल पसंद और वह रीयल में हीरों हैं। मैं काफी खुश हूं।
अद्भुत हैं कैलाश पर्वत के ये रहस्य
भगवान शंकर के निवास स्थान कैलाश पर्वत के पास स्थित है कैलाश मानसरोवर। यह अद्भुत स्थान रहस्यों से भरा है। शिवपुराण, स्कंद पुराण, मत्स्य पुराण आदि में कैलाश खंड नाम से अलग ही अध्याय है, जहाँ इसकी महिमा का गुणगान किया गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी के पास कुबेर की नगरी है। यहीं से महाविष्णु के कर-कमलों से निकलकर गंगा कैलाश पर्वत की चोटी पर गिरती है, जहां प्रभु शिव उन्हें अपनी जटाओं में भर धरती में निर्मल धारा के रूप में प्रवाहित करते हैं। कैलाश पर्वत के ऊपर स्वर्ग और नीचे मृत्यलोक है। जानते हैं इसके 12 रहस्य –
1.धरती का केंद्र : धरती के एक ओर उत्तरी ध्रुव है, तो दूसरी ओर दक्षिणी ध्रुव। दोनों के बीचोबीच स्थित है हिमालय। हिमालय का केंद्र है कैलाश पर्वत। वैज्ञानिकों के अनुसार यह धरती का केंद्र है। कैलाश पर्वत दुनिया के 4 मुख्य धर्मों- हिन्दू, जैन, बौद्ध और सिख धर्म का केंद्र है।
2.अलौकिक शक्ति का केंद्र : यह एक ऐसा भी केंद्र है जिसे एक्सिस मुंडी (Axis Mundi) कहा जाता है। एक्सिस मुंडी अर्थात दुनिया की नाभि या आकाशीय ध्रुव और भौगोलिक ध्रुव का केंद्र। यह आकाश और पृथ्वी के बीच संबंध का एक बिंदु है, जहां दसों दिशाएं मिल जाती हैं। रशिया के वैज्ञानिकों के अनुसार एक्सिस मुंडी वह स्थान है, जहां अलौकिक शक्ति का प्रवाह होता है और आप उन शक्तियों के साथ संपर्क कर सकते हैं।
3.पिरामिडनुमा है यह पर्वत : कैलाश पर्वत एक विशालकाय पिरामिड है, जो 100 छोटे पिरामिडों का केंद्र है। कैलाश पर्वत की संरचना कम्पास के 4 दिक् बिंदुओं के समान है और एकांत स्थान पर स्थित है, जहां कोई भी बड़ा पर्वत नहीं है।
4. शिखर पर कोई नहीं चढ़ सकता : कैलाश पर्वत पर चढ़ना निषिद्ध है, परंतु 11वीं सदी में एक तिब्बती बौद्ध योगी मिलारेपा ने इस पर चढ़ाई की थी। रशिया के वैज्ञानिकों की यह रिपोर्ट ‘यूएनस्पेशियल’ मैग्जीन के 2004 के जनवरी अंक में प्रकाशित हुई थी। हालांकि मिलारेपा ने इस बारे में कभी कुछ नहीं कहा इसलिए यह भी एक रहस्य है।
5. दो रहस्यमयी सरोवरों का रहस्य : यहां 2 सरोवर मुख्य हैं- पहला, मानसरोवर जो दुनिया की शुद्ध पानी की उच्चतम झीलों में से एक है और जिसका आकार सूर्य के समान है। दूसरा, राक्षस नामक झील, जो दुनिया की खारे पानी की उच्चतम झीलों में से एक है और जिसका आकार चन्द्र के समान है। ये दोनों झीलें सौर और चन्द्र बल को प्रदर्शित करती हैं जिसका संबंध सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा से है। जब दक्षिण से देखते हैं तो एक स्वस्तिक चिह्न वास्तव में देखा जा सकता है। यह अभी तक रहस्य है कि ये झीलें प्राकृतिक तौर पर निर्मित हुईं या कि ऐसा इन्हें बनाया गया?
6.यहीं से क्यों सभी नदियों का उद्गम : इस पर्वत की कैलाश पर्वत की 4 दिशाओं से 4 नदियों का उद्गम हुआ है- ब्रह्मपुत्र, सिन्धु, सतलज व करनाली। इन नदियों से ही गंगा, सरस्वती सहित चीन की अन्य नदियां भी निकली हैं। कैलाश की चारों दिशाओं में विभिन्न जानवरों के मुख हैं जिसमें से नदियों का उद्गम होता है। पूर्व में अश्वमुख है, पश्चिम में हाथी का मुख है, उत्तर में सिंह का मुख है, दक्षिण में मोर का मुख है।

7.सिर्फ पुण्यात्माएं ही निवास कर सकती हैं : यहां पुण्यात्माएं ही रह सकती हैं। कैलाश पर्वत और उसके आसपास के वातावरण पर अध्ययन कर चुके रशिया के वैज्ञानिकों ने जब तिब्बत के मंदिरों में धर्मगुरुओं से मुलाकात की तो उन्होंने बताया कि कैलाश पर्वत के चारों ओर एक अलौकिक शक्ति का प्रवाह है जिसमें तपस्वी आज भी आध्यात्मिक गुरुओं के साथ टेलीपैथिक संपर्क करते हैं।
9.येति मानव का रहस्य : हिमालयवासियों का कहना है कि हिमालय पर यति मानव रहता है। कोई इसे भूरा भालू कहता है, कोई जंगली मानव तो कोई हिम मानव। यह धारणा प्रचलित है कि यह लोगों को मारकर खा जाता है। कुछ वैज्ञानिक इसे निंडरथल मानव मानते हैं। विश्वभर में करीब 30 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि हिमालय के बर्फीले इलाकों में हिम मानव मौजूद हैं।
10. कस्तूरी मृग का रहस्य : दुनिया का सबसे दुर्लभ मृग है कस्तूरी मृग। यह हिरण उत्तर पाकिस्तान, उत्तर भारत, चीन, तिब्बत, साइबेरिया, मंगोलिया में ही पाया जाता है। इस मृग की कस्तूरी बहुत ही सुगंधित और औषधीय गुणों से युक्त होती है, जो उसके शरीर के पिछले हिस्से की ग्रंथि में एक पदार्थ के रूप में होती है। कस्तूरी मृग की कस्तूरी दुनिया में सबसे महंगे पशु उत्पादों में से एक है।
11. डमरू और ओम की आवाज : यदि आप कैलाश पर्वत या मानसरोवर झील के क्षेत्र में जाएंगे, तो आपको निरंतर एक आवाज सुनाई देगी, जैसे कि कहीं आसपास में एरोप्लेन उड़ रहा हो। लेकिन ध्यान से सुनने पर यह आवाज ‘डमरू’ या ‘ॐ’ की ध्वनि जैसी होती है। वैज्ञानिक कहते हैं कि हो सकता है कि यह आवाज बर्फ के पिघलने की हो। यह भी हो सकता है कि प्रकाश और ध्वनि के बीच इस तरह का समागम होता है कि यहां से ‘ॐ’ की आवाजें सुनाई देती हैं।
12. आसमान में प्रकाश का चमकना : दावा किया जाता है कि कई बार कैलाश पर्वत पर 7 तरह की लाइटें आसमान में चमकती हुई देखी गई हैं। नासा के वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि हो सकता है कि ऐसा यहां के चुम्बकीय बल के कारण होता हो। यहां का चुम्बकीय बल आसमान से मिलकर कई बार इस तरह की चीजों का निर्माण कर सकता है।
(साभार – वेबदुनिया पर प्रकाशित अनिरुद्ध जोशी का आलेख)
जहाँ शिव-पार्वती की मूर्तियों से आती है ठंडी हवा
बाहर की चिलचिलाती गर्मी से जैसे ही आप मंदिर के अंदर प्रवेश करेंगे तो आपको एकदम ठंडक का एहसास होगा। ओडिशा के टिटलागढ़ का शिव-पार्वती मंदिर एक चमत्कारिक मंदिर है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि ओड़िशा एक गर्म राज्य है। इसके बावजूद टिटलागढ़ काफी ठंडा रहता है। देशभर में जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जाती है, यह जगह ठंडी होती जाती है।
यह जगह ओडिशा के बालांगीर जिले के टिटलागढ़ में मौजूद है। लोगों का कहना है कि शिव-पार्वती का यह मंदिर काफी चमत्कारी है। यहां कुम्हड़ा पहाड़ की पथरीली चट्टानों के कारण तापमान बहुत ज्यादा रहता है। इस पहाड़ की ऊंचाई पर तापमान 55 डिग्री तक पहुंचता है। इतनी गर्मी पड़ने के बावजूद कुम्हड़ा पहाड़ के एक हिस्से में बना यह मंदिर और उसके आस-पास की कुछ जगह बेहद ठंडा रहती है।

बाहर की चिलचिलाती गर्मी से जैसे ही आप मंदिर के अंदर प्रवेश करेंगे तो आपको एकदम ठंडक का एहसास होगा, जबकि यहां कोई एसी या कूलर नहीं लगा है। बाहर जितनी गर्मी होती है अंदर उतना ही ज्यादा ठंडा रहता है। इस चमत्कारिक मंदिर में भगवान शिव और मां पार्वती की मूर्ति है। ऐसा माना जाता है कि इन मूर्तियों से ही ठंडी हवा आती है, जो यहां के वातावरण को गर्म नहीं होने देती हैं।
कम्बल ओढ़ कर बैठते हैं पुजारी
यहां के लोग बताते हैं कि, जब मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं तो इन हवाओं से अंदर बहुत ठंडक हो जाती है। कई बार यहां इतनी ठंड बढ़ जाती है कि पुजारियों को कम्बल ओढ़ना पड़ता है। वहीं, मंदिर के बाहर इतनी गर्मी होती है कि 5 मिनट में आप पसीने से पूरी तरह तर हो जाएं और हो सकता है कि लू लग जाए।
3000 साल पुराना है मंदिर
मंदिर के पुजारी पं. सुमन पाढ़ी बताते हैं कि यह मंदिर करीब 3000 साल पुराना है। चट्टान के ऊपर पहले एक छोटी-सी जगह में शिव-पार्वती की प्रतिमाएं थीं। तब लोगों को लेटकर भीतर जाना पड़ता था। बाद में चट्टान के नीचे के हिस्से को काटकर गुफानुमा मंदिर बनाया गया। इस पहाड़ के ऊपर एक पुरानी बावड़ी भी है जो अब पूरी तरह से सूख चुकी है।
(साभार- नयी दुनिया)
चलना हमारा काम है

गति प्रबल पैरों में भरी
फिर क्यों रहूं दर दर खडा
जब आज मेरे सामने
है रास्ता इतना पडा
जब तक न मंजिल पा सकूँ,
तब तक मुझे न विराम है,
चलना हमारा काम है।
कुछ कह लिया, कुछ सुन लिया
कुछ बोझ अपना बँट गया
अच्छा हुआ, तुम मिल गई
कुछ रास्ता ही कट गया
क्या राह में परिचय कहूँ,
राही हमारा नाम है,
चलना हमारा काम है।
जीवन अपूर्ण लिए हुए
पाता कभी खोता कभी
आशा निराशा से घिरा,
हँसता कभी रोता कभी
गति-मति न हो अवरूद्ध,
इसका ध्यान आठो याम है,
चलना हमारा काम है।
इस विशद विश्व-प्रहार में
किसको नहीं बहना पडा
सुख-दुख हमारी ही तरह,
किसको नहीं सहना पडा
फिर व्यर्थ क्यों कहता फिरूँ,
मुझ पर विधाता वाम है,
चलना हमारा काम है।
मैं पूर्णता की खोज में
दर-दर भटकता ही रहा
प्रत्येक पग पर कुछ न कुछ
रोडा अटकता ही रहा
निराशा क्यों मुझे?
जीवन इसी का नाम है,
चलना हमारा काम है।
साथ में चलते रहे
कुछ बीच ही से फिर गए
गति न जीवन की रूकी
जो गिर गए सो गिर गए
रहे हर दम,
उसी की सफलता अभिराम है,
चलना हमारा काम है।
फकत यह जानता
जो मिट गया वह जी गया
मूंदकर पलकें सहज
दो घूँट हँसकर पी गया
सुधा-मिक्ष्रित गरल,
वह साकिया का जाम है,
चलना हमारा काम है।





