छठ पूजा के दो गीत

पहिले पहिल हम कईनी

पहिले पहिल हम कईनी, छठी मईया व्रत तोहार।
करिहा क्षमा छठी मईया, भूल-चूक गलती हमार।
सब के बलकवा के दिहा, छठी मईया ममता-दुलार।
पिया के सनईहा बनईहा, मईया दिहा सुख-सार।
नारियल-केरवा घोउदवा, साजल नदिया किनार।
सुनिहा अरज छठी मईया, बढ़े कुल-परिवार।
घाट सजेवली मनोहर, मईया तोरा भगती अपार।
लिहिएं अरग हे मईया, दिहीं आशीष हजार।
पहिले पहिल हम कईनी, छठी मईया व्रत तोहर।
करिहा क्षमा छठी मईया, भूल-चूक गलती हमार।

 

कबहुँ ना छूटी छठि मइया

कबहुँ ना छूटी छठि मइया, हमनी से बरत तोहार
हमनी से बरत तोहार
तहरे भरोसा हमनी के, छूटी नाही छठ के त्योहार
छूटी नाही छठ के त्योहार
अपने सरन में ही रखिह∫, दिह∫ आसिस हज़ार
दिह∫ आसिस हज़ार
गोदिया भराईल छठी मइय्या, बाटे राऊर किरपा अपार
बाटे राऊर किरपा अपार
चाहें रहब देसवा बिदेसवा, छठ करब हम हर बार
छठ करब हम हर बार
डूबतो सुरुज के जे पूजे, इहे बाटे हमर बिहार
इहे बाटे हमर बिहार
फलवा दउरवा सजाके, अईनी हम घाट पे तोहार
अईनी हम घाट पे तोहार
दिहनी अरघ छठी मईया, करीं हमर आरती स्वीकार
करीं हमर आरती स्वीकार
कबहुँ ना छूटी छठि मइया, हमनी से बरत तोहार
हमनी से बरत तोहार
तहरे भरोसा हमनी के, छूटी नाही छठ के त्योहार
छूटी नाही छठ के त्योहार
छूटी नाही छठ के त्योहार
छूटी नाही छठ के त्योहार

शुभजिता

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