Tuesday, December 16, 2025
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गर्मियों का सनस्क्रीन टमाटर

टमाटर खाने से चेहरा स्‍वस्‍थ और ग्‍लोइंग होता हैं। एक अध्ययन में भी ये बात सिद्ध हो चुकी है कि टमाटर में लाइकोपीन पाया जाता है, जो सूर्य की अल्ट्रावॉयलेट किरणों से हमारी त्वचा की रक्षा करता है। इसी के कारण टमाटर का रंग लाल होता है। पके हुए टमाटर में यह तत्व उच्च स्तर पर पाया जाता है। उनका कहना है कि टमाटर खाने से आपकी त्वचा सूर्य की हान‍िकारक किरणों में भी सुरक्षित रहती है। टमाटर का फेसपैक न सिर्फ आपके चेहरे पर सनप्रोटेक्‍शन का काम करता है, बल्कि इसमें मौजूद ल्‍यूटिन चेहरे को हाइड्रेड बनाए रखने के साथ ही कसावट भी लाता है।
टमाटर और नींबू
टैनिंग हटाने के लिए टमाटर के गूदे को नींबू के रस में मिलाकर लगाएं। सूखने पर इसे ठंडें पानी से धो लें।इसके रोजाना इस्‍तेमाल से टैनिंग हटेगी और स्‍किन के पोर्स खुलेंगे। साथ ही त्वचा मे कसाव आता है।
टमाटर, दही और नींबू
टमाटर, दही और नींबू का रस त्वचा पर प्राकृतिक ब्लीच का काम करते हैं। प्राकृतिक टोनर होने के चलते यह रोमछिद्रों को साफ करके अतिरिक्त तेल को हटाता है। नींबू ब्लीच और एंटी बैक्टीरियल तत्व का काम करता है। वहीं दही त्वचा को नमी प्रदान करती है जिससे आपकी त्वचा का रूखापन दूर होता है।
टमाटर और चीनी
टमाटर के एक टुकड़े पर चीनी डालकर स्क्रब की तरह चेहरे पर लगाएं। यह मुंहासें और दाग-धब्बों को कम करने में मदद करता है। 10 मिनट के बाद चेहरे को धो दें।इसके बाद शहद को टमाटर के साथ मिलाकर लगाएं। सूखने पर पानी से साफ कर दे। यह त्वचा को काफी चमकदार और दमकता हुआ बनाता है।
टमाटर, शहद और बेसन
चेहरे को चमक एवं खूबसूरती प्रदान करने के लिए टमाटर का पैक बहुत कारगर होता है। टमाटर,शहद, बेसन, दलिया, पुदीने के पत्तों का पेस्ट तथा खीरा और खट्टी दही लें को आपस में मिला लें।

(साभार – द बोल्ड स्काई)

जुकरबर्ग ने इंटरनेट नियमन के लिए ‘अधिक सक्रिय’ सरकारी भूमिका की अपील की

वॉशिंगटन : फेसबुक के प्रमुख मार्क जुकरबर्ग ने इंटरनेट के नियमन के लिए सरकारों से “ज्यादा सक्रिय भूमिका” निभाने की अपील की है। साथ ही उन्होंने ज्यादातर देशों से उपयोगकर्ता की निजता को ध्यान में रखते हुए बने यूरोपीय नियमों के संस्करण को अपनाने की भी अपील की।
फेसबुक एवं इंटरनेट की अन्य दिग्गज कंपनियों के प्रतिरोध की वजह से लंबे अरसे तक सरकारों ने इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं किया। लेकिन फेसबुक ने नियमन के लिए तेज होती आवाजों के बीच अपना रुख बदल लिया है। जुकरबर्ग ने वॉशिंगटन पोस्ट में शनिवार को प्रकाशित एक लेख में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि सरकारों और नियामकों को अधिक सक्रिय भूमिका निभाने की जरूरत है।”
उन्होंने कहा, “इंटरनेट के लिए नियमों को अद्यतन कर हम इसे संरक्षित करने के साथ ही समाज को बड़े नुकसानों से भी बचा सकते हैं।” जुकरबर्ग ने तर्क दिया कि नये नियमनों की चार क्षेत्रों – नुकसानदेह कंटेंट, चुनावों का संरक्षण, निजता एवं डेटा स्थानांतरण में जरूरत है।

चुनावी मौसम में पीआर पेशेवरों की भारी माँग

मुम्बई : महाराष्ट्र में इस चुनावी मौसम में पीआर एजेंसियों की जबर्दस्त मांग है और सियासतदान मतदाताओं के बीच अपनी छवि को चमकाने के लिए इन एजेंसियों की मदद ले रहे हैं।राज्य में सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता अपनी छवि चमकाने, भाषण तैयार करने, सोशल मीडिया प्रोफाइल का प्रबंध देखने के लिए जनसंपर्क (पीआर) और समाचार निगरानी एजेंसियों की सेवाएं ले रहे हैं। दिल्ली स्थित एक पीआर कंपनी के संस्थापक सुनील खोसला ने कहा कि आज के दौर में राजनीतिक जऩसंपर्क रैलियों और पारंपरिक प्रचार तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे काफी आगे निकल गया है। राजनीति पीआर बहुत वैज्ञानिक, आक्रमक और विशिष्ट हो गया है। यह ग्राहकों के लिए कार्यक्रमों की योजना बनाता है जहां बोले गए हर शब्द का एक रणनीतिक मतलब होता है, जिसका ठीक से पालन नहीं करने पर प्रतिकूल असर हो सकता है।
उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि एजेंसियों को सोशल मीडिया पर प्रचार के लिए वीडियो बनाने का काम सौंपा गया है। साथ में लोगों के बीच उम्मीदवारों की छवि बदलने का काम भी सौंपा गया है। उद्योग के वरिष्ठ पेशेवर हेमांग पलान ने कहा कि सोशल मीडिया के प्रभाव पर विचार करते हुए लगभग सभी प्रत्याशियों ने फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सऐप्प ग्रुप के जरिए लोगों से जुड़ रहे हैं। वह 2014 के चुनाव में भाजपा के कुछ प्रत्याशियों के मीडिया प्रबंधक थे।
भाजपा के एक नेता एवं लोकसभा सदस्य ने कहा कि इन एजेंसियों की सेवा लेना वक्त की जरूरत है। यह उम्मीदवारों की रणनीति बनाने में मदद करते हैं। मुम्बई उत्तर पश्चिम सीट से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने कहा कि उन्होंने अपनी और पार्टी की मदद के लिए दो एजेंसियों की सेवा ली है। उन्होंने कहा कि वे हमारी विभिन्न रणनीतियों को बनाने में मदद करते हैं, लेकिन आपको भी समान रूप से स्मार्ट और सक्रिय होने की जरूरत है। जन संपर्क पेशेवर आपकी अकेले मदद नहीं कर सकते हैं। आईटी उद्योग से जुड़े टीवी मोहनदास पाई के मुताबिक, सोशल मीडिया लोकसभा चुनाव में चार-पांच प्रतिशत मत को प्रभावित कर सकता है। इसलिए जहां जीत का अंतर कम होता है वहां यह अहम कारक बन गया है।

मिजोरम में पहली बार महिला लड़ेगी लोकसभा चुनाव

नयी दिल्ली : मिजोरम के इतिहास में पहली बार महिला उम्मीदवार लालथलामौनी लोकसभा का चुनाव लड़ने जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मैंने यह कदम भगवान के इशारे पर उठाया है। वे मिजोरम में एनजीओ के जरिए यहूदी समुदाय के लोगों के कल्याण के लिए काम करती हैं। उधर, तेलंगाना की निजामाबाद सीट पर इस बार 185 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें से 175 उम्मीदवार मूल रूप से किसान हैं। यह सीट मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी के.कविता की है। सरकार के प्रति नाराजगी के चलते इतनी बड़ी संख्या में किसानों से इस सीट से दावेदारी जताई है ताकि उनकी समस्याओं के प्रति लोगों का ध्यान खींचा जा सके।उम्मीदवारों की इतनी बड़ी संख्या के चलते आयोग की चुनाैती यह है कि ईवीएम में केवल 64 नाम आ सकते हैं। ऐसे में चुनाव बैलेट पेपर के जरिए करवाना होगा, जिसके लिए आयोग को अगले दस दिनों में 15 लाख जम्बो साइज बैलेट पेपर प्रिंट करवाना पड़ेंगे।
मिजोरम के इतिहास में पहली बार एक महिला उम्मीदवार लोकसभा का चुनाव लड़ने जा रही है। इस चुनाव में लालथलामौनी का मुकाबला 5 पुरुष उम्मीदवारों से होगा। फिलहाल यहाँ के मौजूदा सांसद कांग्रेस के सीएल रौला (83) हैं, जो दो बार चुनाव जीत चुके हैं। पिछले साल मिजोरम के विधानसभा चुनाव में 15 महिला उम्मीदवार उतरी थीं। लालथलामौनी भी उन्हीं में से एक हैं, जिन्हें इस चुनाव में केवल 69 वोट मिले थे।
63 वर्षीय लालथलामौनी ने कहा, ”मैंने यह कदम भगवान के इशारे पर उठाया। यह एक पवित्र लड़ाई है, जो मिजोरम में महिलाओं के लिए है। मेरी चुनौती मिजोरम की महिलाओं के लिए भी है। हमारे पास किसी तरह का राजनीतिक प्रतिनिधित्व नहीं है। हम दुनिया के सामने अपनी पहचान को लेकर बात करते रहते हैं। अब समय आ गया है कि संसद को अपने प्लेटफॉर्म के तौर पर उपयोग करें। हमें कोई ऐसा चाहिए जो न सिर्फ हमारे लिए खड़ा हो बल्कि यह सुनिश्चित करे कि हमारी आवाज सुनी जाए।”

भारत ने अन्तरिक्ष में भी दुश्मन को मार गिराने की क्षमता हासिल की

नयी दिल्ली : अंतरिक्ष में उपग्रह को मार गिराने की क्षमता हासिल करते हुए भारत एक नई महाशक्ति बन गया है। भारतीय वैज्ञानिकों ने सफलतापूर्वक उपग्रहरोधी A-SAT का परीक्षण कर लिया है। पृथ्वी से 300 किलोमीटर दूरी पर स्थित इस सैटलाइट को निशाना बनाते हुए मार गिराया गया। पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए इसकी जानकारी दी। आज सुबह बुधवार को 11:45 पर देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट के जरिए कहा था कि वे देश को संबोधित करेंगे। इसके बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। लगभग 12:30 के आसपास पीएम ने देश को संबोधित किया और जानकारी दी कि भारत के वैज्ञानिकों ने मिशन शक्ति के जिरए लोअर अर्थ ऑर्बिट में एक सैटलाइट को मार गिराया है। अब थल, जल और वायु के बाद भारत अंतरिक्ष में भी अपनी रक्षा करने में सक्षम हो गया है। इसकी वजह से अब कोई भी दुश्मन देश भारत की अवैध निगरानी नहीं कर सकता है। अब तक दुनिया के 3 देश अमेरिका, रूस और चीन को अंतरिक्ष में यह उपलब्धि हासिल थी। भारत इस उपलब्धि को हासिल करने वाला अब चौथा देश बन गया है। भारत के लिए यह गौरवशाली पल हैं। वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में 300 किलोमीटर दूर LEO (लोअर अर्थ ऑर्बिट) में एक लाइट सैटलाइट को मार गिराया है। यह पूर्व निर्धारित लक्ष्य था। केवल तीन मिनट में सफलता के साथ यह मिशन पूरा हुआ। यह ‘मिशन शक्ति’ बहुत कठिन मिशन था। सबसे बड़ी बात ये है कि जहां चीन जैसे देश इस मिशन को पांचवी बार में सफलतापूर्वक अंजाम दे पाए वहीं हमारे देश के वैज्ञानिकों ने इसे पहले ही प्रयास में कर दिखाया। इसमें बड़ी तकनीकी क्षमता की जरूरत थी। वैज्ञानिकों ने सभी निर्धारित लक्ष्य और उद्देश हासिल किए। यह गर्व की बात है। पीएम ने कहा कि वैज्ञानिकों द्वारा निर्धारित सभी लक्ष्य हासिल कर लिए गए। उन्होंने कहा कि विश्व में स्पेस और सैटेलाइट का महत्व बढ़ने वाला है। हमारा सामरिक उद्देश्य शांति बनाए रखना है।

मोदी की पढ़ी कविता को मिली लता मंगेशकर की आवाज

मुम्बई : 93 साल की लता मंगेशकर ने हाल ही में देशभक्ति से भरा एक गाना रिकॉर्ड किया है। इसका वीडियो उन्होंने अपने अपने ट्विटर पर शेयर किया है। पीएम मोदी ने कुछ दिन पहले चुनाव प्रचार के दौरान एक कविता की पक्ति ‘सौगंध मुझे इस मिट्टी की..’ बोली थी। इन पंक्तियों से इम्प्रेस होकर लता जी ने अपनी आवाज में एक गाना रिकॉर्ड किया है। उन्होंने ये गाना देश की जनता और जवानों को समर्पित किया है। गाना सुनकर बेहद भावुक पीएम मोदी ने ट्विटर पर लता के नाम इमोशनल मैसेज लिखा। उन्होंने लिखा- ‘हृदय की गहराइयों से इस गीत के रूप में निकला आपका स्नेह और आशीर्वाद मेरे लिए प्रेरणास्त्रोत है’।

शाहरुख की मीर फाउंडेशन ने एसिड अटैक सर्वाइवर्स की करवाई सर्जरी

मुम्बई : शाहरुख खान मीर फाउंडेशन से जुड़े हुए हैं और इसके साथ मिलकर समाज की बेहतरी में योगदान देते रहते हैं। इस महिला दिवस पर भी शाहरुख ने मीर फाउंडेशन के साथ मिलकर बर्न और एसिड अटैक सर्वाइवर्स के लिए सर्जरी प्रोग्राम का आोजन किया था। 5 मार्च से इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस कार्यक्रम के तहत नई दिल्ली में बीएलके सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और वाराणसी में जीएस मेमोरियल प्लास्टिक सर्जरी अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर में सर्जरी की गई। इसमें दिल्ली, यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड और उत्तराखंड की 85% महिलाओं और बच्चों की सर्जरी की गई। यह संगठन जल्द ही कोलकाता में अपने अगले चरण का संचालन करने जा रहा है। मीर फाउंडेशन के बारे में बात करते हुए शाहरुख खान ने कहा- ‘मीर फाउंडेशन में किया गया काम मेरे दिल के बहुत करीब है और हम पिछले तीन सालों से इस पर ध्यानपूर्वक काम कर रहे हैं। मीर में उनके पुनर्वास के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करके एसिड हमलों के पीड़ितों की मदद की जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए हमने अपनी नई पहल ToGETher Transformed लॉन्च किया है और मैं देश भर में मौजूद अपने सहयोगी डॉक्टर, वकील, अस्पताल, गैर-सरकारी संगठन और स्वयंसेवकों का आभारी हूं, जो हमारे उद्देश्य में हमारी मदद कर रहे हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि जल्द-जल्द से एसिड अटैक की घटनाएं खत्म हों। शाहरुख सक्रिय रूप से जरूरतमंद लोगों को अपना समर्थन देते आये है। पिछले साल शाहरुख खान को डेविस में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम 2018 में एसिड अटैक सर्वाइवर्स के प्रति उनके काम के लिए क्रिस्टल अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

साउथ ईस्‍टर्न कोलफील्‍ड्स 15 करोड़ टन कोयला उत्पादन करने वाली पहली कम्पनी

कोलकाता : साउथ ईस्‍टर्न कोलफील्‍ड्स लिमिटेड एक वित्त वर्ष में 15 करोड़ टन कोयला उत्पादन करने वाली देश की पहली कम्पनी बन गई है। 2018-19 के दौरान , कम्पनी का कोयला उत्पादन 15 करोड़ टन के पार चला गया है। कम्पनी के एक अधिकारी ने कहा कि एसईसीएल ने 2018-19 के दौरान 15 करोड़ टन कोयला उत्पादन के लक्ष्य को पार किया है। कंपनी ने 20 मार्च को यह आंकड़ा पार किया।
साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स के मुख्य प्रबंधक (पीएंडए) पी नरेंद्र कुमार ने पीटीआई – भाषा को बताया , ” बिजली क्षेत्र की बढ़ती माँग को देखते हुए एसईसीएल कोयला निकालने के लिए पूरी ताकत के साथ कड़ी मेहनत कर रही है। हमने 20 मार्च को 15 करोड़ टन कोयला उत्पादन के स्तर को पार कर लिया है और 15.3 करोड़ टन कोयले का उत्पादन कर चुके हैं। कुमार ने कहा कि कम्पनी  के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ए पी पांडा ने कोयला उत्पादन में तेजी लाने के लिए सभी कदम उठाए हैं जिसके चलते कंपनी ने इस महीने एक दिन में 7.44 लाख टन कोयला उत्पादन के सर्वकालिक उच्च स्तर को भी छुआ। वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान एसईसीएल ने 14.47 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया था। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स , कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की सबसे बड़ी अनुषंगी कंपनी है।

स्लोवाकिया के इतिहास की पहली महिला राष्ट्रपति

एंटी-करप्शन कैंडिडेट ज़ुज़ाना कैप्यूटोवा ने स्लोवाकिया में हुए राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की है। चुनाव जीतने के साथ ही ज़ुज़ाना कैप्यूटोवा स्लोवाकिया की पहली महिला राष्ट्रपति भी बन गई हैं। ज़ुज़ाना कैप्यूटोवा के पास राजनीति को लेकर लगभग किसी भी तरह का अनुभव नहीं है. वहीं उनके सीधे प्रतिद्वंद्वी उच्च स्तरीय राजनयिक मारकोस सेफ़्कोविक थे. मारकोस मौजूदा सत्ताारुढ़ पार्टी की ओर से उम्मीदवार थे.
ज़ुज़ाना कैप्यूटोवा ने इन चुनावों को अच्छाई और बुराई के बीच का एक संघर्ष बताया था। इन चुनावों के दौरान एक खोजी पत्रकार की मौत भी हो गई थी। जैन कुसिऐक लगातार नियोजित तरीक़े से हो रहे अपराधों और राजनीति के बीच गठजोड़ की पड़ताल कर रहे थे। इसी पड़ताल के दौरान उन्हें गोली मार दी गयी। फरवरी 2018 में यह हादसा उस वक़्त हुआ जब वो अपनी मंगेतर के साथ थे। ज़ुज़ाना कैप्यूटोवा ने अपने एक संबोधन में कहा था कि यूं तो राष्ट्रपति चुनाव में खड़े होने के बहुत से कारण हैं लेकिन एक बहुत बड़ा कारण पत्रकार जैन कुसिऐक की मौत भी है। सारे वोटों की गिनती हो गई तो जो परिणाम सामने आए उसमें ज़ुज़ाना कैप्यूटोवा को 58 फ़ीसदी वोट मिले थे जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी को 42 प्रतिशतय़ उनकी पहली पहचान एक वक़ील की है। यह पहचान उन्हें एक अवैध कूड़ाघर के क़ब्ज़े को लेकर 14 साल तक लड़े गए केस के लिए मिली थी। 45 साल साल की नवनियुक्त राष्ट्रपति दो बच्चों की माँ हैं। वो प्रोग्रेसिव स्लोवाकिया पार्टी की सदस्य हैं. जिसकी पार्लियामेंट में एक भी सीट नहीं है। एक ऐसे देश में जहां सेम-सेक्स मैरिज और अडॉप्शन अभी तक क़ानूनी नहीं है जबकि उनका रवैया एलजीबीटीक्यू समुदाय के प्रति उदार है।

विश्व रंगमंच दिवस पर मिलनोत्सव का आयोजन

 वाराणसी : रंगमंच जीने की एक कला सिखाता है। रंगमंच को जीने वाले इसे जीने का सलीका कहते हैं। यह अलग बात है कि सिनेमा ने रंगमंच का दायरा संकीर्ण किया। नाट्यभाषा का विकास भारत में ही हुआ है। ऋग्वेद में इसका प्रमाण मिलता है। उक्त विचार लंका स्थित इंग्लिश क्लासेस के सभागार में आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं ने व्यक्त किये। सुपरिचित कथा लेखिका डॉ. मुक्ता ने कहा कि संगीत, कला, और साहित्य का समुच्चय रंगमंच है। वरिष्ट पत्रकार अत्रि भारद्वाज ने कहा कि व्यक्ति बहुकोणीय स्तर पर खुद को रंगमंच से जुड़ा हुआ देख सकता है। गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करा चुके डॉ. जगदीश पिल्लई ने कहा कि रंगमंच की जीवन मे सक्रिय भूमिका है। कलाविद श्री गौतम चटर्जी ने विश्व रंगमंच के वर्तमान परिवेश को सुखद कहा। इस अवसर डॉ. मुक्ता द्वारा निर्मित वृत्तचित्र ‘आचार्य रामचंद्र शुक्ल’, मणि कौल की फ़िल्म ‘आषाढ़ का एक दिन’, उत्पल दत्त की फ़िल्म ‘ओथेलो’, बर्गमैन ड्रीम्ज, तारकोवस्की पोएट्री हार्मोनी, गौतम चटर्जी की फ़िल्म ‘ईहामृग’ का विशेष प्रदर्शन किया गया। साथ ही वाराणसी के युवा फ़िल्मकारों की फिल्में भी दिखाई गई। जिनमे मानिनी, विसर्जन, अहसास, सिपाही, कनेर, ख्वाहिशें, पगली, नाम भारत आदि 12 फिल्मों को दर्शकों ने देखा और सराहा। कार्यक्रम के आरम्भ में अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका सम्मान रंगप्रवाह संस्था के संरक्षक श्री शिवाशिष देवनाथ ने किया। इंग्लिस क्लासेस के नागेश देबे ने सम्मनित अतिथियों का स्वागत किया। विश्व रंगमंच दिवस पर क्यूबा के रंगकर्मो सेल्ड्रन द्वारा विश्व के रंगमंच को सन्देश पत्र को नगर के रंगकर्मी रोहिताश जायसवाल ने पाठ किया। कार्यक्रम में नीलम पाल, जयंती कुंडू, सोनिया, पायल सोनी आदि विशिष्ठ जन शामिल रहें। रंगप्रवाह के सदस्य और रंगकर्मी जयदेव दास ने आयोज के महत्व प्रकाश डालते हुए ऐसे कार्यक्रमों को और अधिक करने की मनसा व्यक्त की। अंत मे सभी का आभार व्यक्त किया।