Tuesday, September 16, 2025
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मीना चतुर्वेदी के प्रथम कहानी संग्रह ‘स्नेह स्पंदन’ का लोकार्पण

कोलकाता । भारतीय भाषा परिषद, सभाकक्ष में सदीनामा प्रकाशन द्वारा लेखिका मीना चतुर्वेदी के प्रथम कहानी संग्रह ‘स्नेह स्पंदन’ का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम के आरंभ में कवयित्री रीमा पांडेय ने सरस्वती वंदना का पाठ किया । सदीनामा के संपादक जीतेन्द्र जीतांशु द्वारा संचालित उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित छपते छपते हिंदी दैनिक के संपादक और ताजा टीवी के निदेशक विश्वम्भर नेवर का स्वागत स्वयं लेखिका मीना चतुर्वेदी ने किया। कार्यक्रम के आरंभ में सूर्य कान्त चतुर्वेदी “मोहन” ने स्वागत वक्तव्य के साथ लोकार्पित पुस्तक ‘स्नेह स्पंदन’ का परिचय भी दिया, तदुपरान्त आमंत्रित सभी विशिष्ट अतिथियों द्वारा पुस्तक का लोकार्पण किया गया । सर्वप्रथम युवा आलोचक कुमार सुशांत ने पुस्तक पर अपनी बात रखते हुए कहा कि मीना चतुर्वेदी की कहानियाँ परिस्थितियों के दवाब की कहानी है। उन्होंने कहा कि लेखिका ने अपने इस कहानी संग्रह में शामिल छोटी कहानियों में कई प्रयोग किए है। इस संग्रह में शामिल कुछ कहानियाँ पत्रात्मक और कुछ आत्मकथात्मक शैली में भी लिखी गईं हैं। इस संग्रह में शामिल कहानियाँ आदर्शवादी कहानियाँ हैं, जिसे लेखिका ने अपनी सपाटबयानी भाषा के साथ प्रस्तुत किया है। भवानीपुर एजुकेशन सोसायटी की प्रो. मीनाक्षी चतुर्वेदी ने इस कहानी संग्रह पर अपने विचार रखते हुए कहा कि साहित्य हमारे समाज से ही निकलता है। हम जो देखते और महसूस करते हैं, उसे ही लिखते हैं। लेखिका ने भी अपने जीवन व आस-पास जो देखा और महसूस किया, उसे ही इन कहानियों के माध्यम से समाज के सामने रखा है। स्कॉटिच चर्च कॉलेज की हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. गीता दूबे ने कहा कि कहानी जीवन का एक टुकड़ा है और मीना चतुर्वेदी की कहानियाँ जीवन के एक टुकड़े का एक टुकड़ा है। डॉ. गीता दूबे ने मीना चतुर्वेदी की कहानियों को पाठक के ह्रदय में सहज-सरल ढंग से उतरने वाली कहानी बताया। उन्होंने कहा कि कहानी में सारा खेल स्मृति और कल्पना का होता है। मीना चतुर्वेदी की कहानियों में स्मृतियों का बाहुल्य हैं और सभी कहानियाँ मूल्यबोध की कहानियाँ हैं। सेवानिवृत जनरल वी. एन. चतुर्वेदी ने मीना चतुर्वेदी को उनके प्रथम कहानी संग्रह के लिए अपने वक्तव्य के माध्यम से बधाई दी। कथाकार डॉ. अभिज्ञात ने कहानी संग्रह में शामिल कहानियों को लेखिका के आस-पास के दुनिया से निकली हुई कहानी बताया। कथाकार महेश कटारे ने मीना चतुर्वेदी को बधाई देते हुए कहा कि कहानी समाज के परिधि पर लड़ा जानेवाला गुरिल्ला युद्ध है। मुख्य अतिथि विश्वम्भर नेवर ने कहा कि मीना चतुर्वेदी क़ी कहानियों में सत्यता की सुगंध है। कहानी लिखते समय एक दृष्टि होनी चाहिए। बिना दृष्टि के कहानी नहीं होती। मीना चतुर्वेदी की कहानियों में एक दृष्टि है। उन्होंने कहा कि कहानी सहज रूप में संप्रेषण का माध्यम होता है। लेखिका मीना चतुर्वेदी ने अपने सम्बोधन में कहा कि उन्होंने दूसरों की व्यथा को कहानी के रूप में लिखा है। उनकी कहानियों की भाषा साधारण हैं और उन्होंने साफ-सुथरी कहानियाँ लिखी हैं। अपने वक्तव्य में उन्होंने यह भी कहा कि कविता सभी लोग नहीं समझ पाते परंतु कहानी सभी लोग समझ पाते हैं।
कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में कवयित्री कुसुम जैन उपस्थित रही। अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में उन्होंने कहा कि मीना चतुर्वेदी की कहानियों में उनके व्यक्तित्व की छाप है। जिस प्रकार मीना चतुर्वेदी सहज और सरल है, उसी प्रकार उनकी कहानियाँ भी सहज और सरल हैं। मानसी चतुर्वेदी द्वारा संयोजित कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन लेखिका मीना चतुर्वेदी के पुत्र अंकुर चतुर्वेदी ने दिया। इस आयोजन में शहर के अनेक गणमान्य साहित्यकार और साहित्यप्रेमी उपस्थित हुए। जिनमें मुख्य रूप से प्रगति शोध फाउंडेशन से विनोद यादव, कथाकर सेराज खान बातिश, , कथाकार सुरेश शॉ, शिक्षिका रेखा शॉ , डॉ. अमृता चतुर्वेदी, प्रभाकर चतुर्वेदी, नीलकमल चतुर्वेदी, नीरज चतुर्वेदी एवं धीरज चतुर्वेदी आदि थे।

सर्वसमावेशिकता और राष्ट्रीय जागरण के लेखक हैं प्रेमचंद

कोलकाता  । कोलकाता की सुप्रसिद्ध संस्था भारतीय भाषा परिषद और सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन के सयुंक्त तत्त्वावधान में प्रेमचंद जयंती के अवसर पर “राष्ट्रीय जागरण और प्रेमचंद” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर परिचर्चा में शामिल कल्याणी विश्वविद्यालय के शोधार्थी अनूप कुमार ने कहा कि प्रेमचंद की राष्ट्रीयता ब्रिटिश उपनिवेशवाद से मुक्ति के साथ ही देशी उपनिवेशवाद से मुक्ति पर विशेष बल देती है। प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय की शोधार्थी प्रियंका कुमारी सिंह ने कहा कि आज संकीर्ण राष्ट्रवाद के दौर में प्रेमचंद का साहित्य राष्ट्र तथा राष्ट्रीयता की समावेशी, बहुलतावादी अवधारणा को समझने में हमारी मदद करता है। प्रेमचंद के दौर में भारत एक राष्ट्र के रूप में तैयार हो रहा था और प्रेमचंद ने अपने वैचारिक लेखन के माध्यम से भावी भारतीय राष्ट्र की जो संकल्पना प्रस्तुत की, उससे हमें आज के भारत की समस्याओं के लिए प्रासंगिक समाधान प्राप्त होते हैं। विद्यासागर विश्वविद्यालय की शोधार्थी मधु सिंह ने कहा कि प्रेमचंद को पढ़ने के साथ- साथ आज आत्मसात करने की जरूरत है। प्रेमचंद ने जिस भारत का स्वप्न देखा था वह समावेशी था न की खंडित हुआ। कलकत्ता विश्वविद्यालय की शोधार्थी शोधार्थी दीक्षा गुप्ता ने कहा कि प्रेमचंद सबसे अधिक प्रासंगिक अपने चिंतन,विचार, राष्ट्र प्रेम,सामाजिक समरसता के कारण है।
दूसरे सत्र में प्रो. अल्पना नायक ने कहा कि प्रेमचंद का वैशिष्ट्य इस बात में है कि वे राष्ट्रीय जागरण के संदर्भ को समग्रता और संश्लिष्टता में देखते हैं। समीक्षक मृत्युंजय श्रीवास्तव ने कहा कि प्रेमचंद अपने लेखन से एक्टिविस्ट पैदा कर रहे थे। डॉ गीता दुबे ने कहा कि प्रेमचंद का साहित्य हमारे अंदर सोए हुए राष्ट्रीय स्वाभिमान और समरसता का भाव जागृत करता है। डॉ आशुतोष सिंह ने कहा प्रेमचंद से हम यह सीखते हैं कि समय और समाज की परिवर्तनशीलता के मध्य हम कैसे सोचें और अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें। हमें उनके उर्दू लेखन को देवनागरी में लिप्यांतरित करने का प्रयास करना चाहिए। रामनिवास द्विवेदी ने कहा कि प्रेमचंद भारतीयता और मनुष्यता के लेखक हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शंभुनाथ ने कहा कि प्रेमचंद उदार और कट्टरवाद में फर्क करते थे। उन्होंने भारत को जोड़ने का साहित्य लिखा और पश्चिम के अंधानुकरण और अतीत की रूढ़ियों दोनों का विरोध किया।
इस अवसर पर अवधेश प्रसाद सिंह, सेराज खान बातिश,संजय दास, मंजु श्रीवास्तव,अनीता राय,राजेश कुमार साव,योगेश साव,असित पांडे,सुशील पांडे,रमाशंकर सिंह सहित भारी संख्या में विद्यार्थी और साहित्य प्रेमी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पूजा गुप्ता और धन्यवाद ज्ञापन डॉ राजेश मिश्र ने दिया।

गिरीश रस्तोगी, नरेंद्र मोहन और कृष्ण बलदेव वैद पर केन्द्रित रहा रंग अड्डा

कोलकाता । लिटिल थेस्पियन द्वारा आयोजित 15 वां रंग अड्डा 26 जुलाई को सुजाता देवी विद्या मंदिर के प्रांगण में सफलतापूर्ण संपन्न हुआ। यह रंग अड्डा रंगमंच की दृष्टि को स्पष्ट करते हुए नाटक के विभिन्न तत्वों को समझने – जानने का अवसर प्रदान करता है। रंग अड्डे का उद्देश्य रंगमंच की परंपरा के विकास के माध्यम से विद्यार्थियों को रंगमंच जोड़ना है जो अपनी गति से लगातार आगे बढ़ रहा है। रंग अड्डा का आयोजित होना , लिटिल थेस्पियन के संस्थापक अज़हर आलम और उमा झुनझुनवाला के रंगमंचीय सरोकार को विस्तारित करता है।
इस रंग अड्डे में तीन नाटककारों को केंद्रित किया गया है – गिरीश रस्तोगी, नरेंद्र मोहन और कृष्ण बलदेव वैद। गिरीश रस्तोगी की नाटक में रंगमंचीय दृष्टि को पार्वती रघुनंदन ने अपने आलेख के माध्यम से प्रस्तुत किया तथा नरेंद्र मोहन के नाटक में मौजूद विभिन्न आयामों को प्रियंका सिंह ने अपने आलेख के द्वारा उजागर किया। इसी कड़ी में कृष्ण बलदेव वैद का नाटक ‘ हमारी बुढ़िया ‘ का अभिनयात्मक पाठ हुआ , जिसमें आज की युवा पीढ़ी नए जमाने की आड़ में अपनी सभ्यता का हनन करती हुई नजर आती है , जिसे नाटककार ने बेतुकी बातों और तुकबंदी में बांधा है। इसका अभिनयात्मक पाठ सुभोदीप , राधा कुमारी ठाकुर ,मोहम्मद आसिफ़ अंसारी , संगीता व्यास तथा विशाल कुमार राउत के द्वारा प्रस्तुत हुआ।लिटिल थेस्पियन की निर्देशिका उमा झुनझुनवाला ने हमारी बुढ़िया नाटक के संदर्भ में कहती है कि यह एक प्रतीकात्मक नाटक है जिसमें बुढ़िया हमारी सभ्यता की प्रतीक है ,यह नाटक पूँजीवादी समाज पर करारा चोट करती है। आज के समय में यह नाटक और भी प्रासंगिक हो उठता है । यह नाटक जितना रोमांचित करता है उतना ही चुनौतीपूर्ण है। इस 15 वें रंग अड्डे का संचालन प्रियंका सिंह एवं इंतखाब वारसी के द्वारा संपन्न हुआ।

‘एकल संगिनी 2023’ – फ्रेंड्स ऑफ ट्राइबल्स सोसाइटी की जीवन शैली प्रदर्शनी

कोलकाता । ‘एकल संगिनी’ द्वारा फ्रेंड्स ऑफ ट्राइबल्स सोसाइटी (एफटीएस) – महिला समिति ने अपनी दूसरी जीवनशैली प्रदर्शनी आयोजित की । प्रदर्शनी का उद्घाटन फैशन डिजाइनर जया राठौड़ ने किया। इस दौरान सायंतनी गुहा ठाकुरता (अभिनेत्री), सौमिक सेन (बॉलीवुड निर्देशक) (जुबली, गुलाब गैंग, आदि), राजोर्षि दे (निदेशक), मल्लिका बनर्जी (अभिनेत्री), राहुल देव बोस (अभिनेता), श्रीमती ईशु हीरावत (वर्ल्ड इंटरनेशनल 2022, द्वितीय उपविजेता), अनुराधा कपूर (अध्यक्ष-डब्ल्यूआईसीसीआई, लेखिका, कवियत्री और फिल्म निर्देशक) और इमरान जकी (एफएसीईएस के अध्यक्ष) के अलावा समाज की कई अन्य प्रतिष्ठित हस्तियां इसमें शामिल थे। कोलकाता एफटीएस महिला समिति की अध्यक्ष प्रतिभा बिनानी ने कहा, हम स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं में विश्वास करते हैं, यदि कोई बच्चा शिक्षा तक नहीं पहुंच सकता है, तो शिक्षा को बच्चे तक पहुंचाना चाहिए। फ्रेंड्स ऑफ ट्राइबल्स सोसाइटी का यही प्रमुख उद्देश्य है। इस अनोखी प्रदर्शनी में देशभर के 57 से अधिक लक्जरी ब्रांडों ने भाग लिया। कोलकाता एफटीएस की उपाध्यक्ष पुष्पा मूंदड़ा आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमें विश्वास है कि हम और भी अधिक ऊंचाइयां हासिल कर सकेंगे और अपने इस निरंतर प्रयास से आगे चलकर ढेरों जरूरतमंदों के जीवन को बेहतर कर सकेंगे। प्रदर्शनी की सफलता में मार्गदर्शक: प्रतिभा बिनानी, पुष्पा मूंदड़ा, रितु अग्रवाल, कोर टीम: अलका मोदी, किरण सरावगी, करुणा लोहिया, शीला चितलांगिया, ललिता कायन और इंदु डालमिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही । इसके साथ ही यूथ विंग से उर्वशी रस्तोगी, नीलम पटवारी, अनुश्री बेहानी, गौरव बागला, विकास पोद्दार, अभय केजरीवाल, रचित चौधरी और रोहित बुचा ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया । 1989 से ही सामाजिक गतिविधियों से जुड़ा है और इस समय यह 37 महिला समितियों के साथ देश भर में 38 अध्यायों के माध्यम से यह काम कर रहा है।

9वीं वर्षगांठ पर खोसला इलेक्ट्रॉनिक्स लाया केजीए 4 स्मार्ट टीवी

कोलकाता । खोसला इलेक्ट्रॉनिक्स ने अपने लैंसडाउन आउटलेट की 9वीं वर्षगांठ मनायी । इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में टॉलीवुड अभिनेत्री मधुमिता सरकार और अपराजिता आध्या ने आकर इसकी शोभा बढ़ाई। टॉलीवुड अभिनेता सौम्य मुखर्जी ने इस अवसर पर अपनी आगामी फिल्म “चीनी 2” का प्रचार भी किया। श्री मनोज खोसला और श्री मनीष खोसला, जिन्हें इन उद्योग में ‘खोसला ब्रदर्स’ के नाम से जाना जाता है, दोनों ने मिलकर वर्ष 1987 में 1 शोरूम से शुरुआत की, वर्ष में 2023 में बढ़कर उनके आउटलेट स्टोर की संख्या 65 पर पहुंच गयी हैं।
इस ऑल-न्यू केजीए 4 के स्मार्ट टीवी का अनावरण भी किया गया। इस विशेष टीवी का उपयोग आगामी फिल्म “चीनी 2” में भी किया गया है। अपराजिता आध्या और मधुमिता सरकार ने इस टीवी की विशेषताओं के बारे में प्रकाश डाला। यह 55 इंच का स्मार्ट टीवी अपनी शानदार पिक्चर क्वालिटी, स्मार्ट 4K सिनेमैटिक अनुभव, प्रभावशाली रिफ्रेश रेट और बेहतर कार्यक्षमता के लिए अपनी अलग पहचान बना चुकी है। इस अवसर पर उपस्थित अभिनेत्री मधुमिता सरकार, अभिनेत्री अपराजिता आध्या एवं अभिनेता सौम्य मुखर्जी उपस्थित थे । खोसला इलेक्ट्रॉनिक्स की मार्केटिंग और सेल्स डायरेक्टर खुशबू खोसला गुप्ता ने कहा कि, खोसला इलेक्ट्रॉनिक्स पश्चिम बंगाल और झारखंड में 61 से अधिक स्टोरों में 200 से अधिक ब्रांडों के 10,000 से अधिक उत्पादों को पेश किया है, जिसमें एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन और एलईडी से लेकर लैपटॉप, मोबाइल फोन और कैमरे जैसे बड़े उपकरण शामिल हैं। हम हमेशा से कोलकाता में बड़े उपकरणों की व्यापक विविधता के लिए जाने जाते हैं. हमारे उत्पाद की कीमतें और ऑफर सबसे अच्छे होते हैं। खोसला इलेक्ट्रॉनिक्स की संचालक और डिजिटल मार्केटिंग निदेशक प्रेरणा खोसला गुप्ता ने कहा, खोसला इलेक्ट्रॉनिक्स से सामान खरीदकर आप भरोसा कर सकते हैं कि आपको उच्च गुणवत्ता वाले उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं और इलेक्ट्रॉनिक्स पर सबसे अच्छा सौदा मिल रहा है। केजीए के संस्थापक अभिनव गुप्ता ने कहा, लगभग 200,000 से अधिक अंतिम ग्राहकों को हमने सेवा प्रदान की है। पिछले 6 वर्षों में हमने विभिन्न प्रकार के उत्पाद इसमें जोड़े हैं, जो उपभोक्ता के जीवन के विभिन्न हिस्सों को छूते हैं। हमारे पास मनोरंजन क्षेत्र में इंडक्शन, टोस्टर, मिक्सर ग्राइंडर, सैंडविच मेकर, आयरन, एलईडी टेलीविजन, ब्लूटूथ स्पीकर, ब्लूटूथ ईयरबड और बहुत कुछ जैसे रसोई उपकरण हैं। हमारे पास लाइफस्टाइल उत्पाद जैसे हेयर ड्रायर, स्पोर्ट्स स्टेनलेस बोतलें और भी बहुत कुछ हैं।

महान साहित्यकार रांगेय राघव की जन्मशती पर साहित्यकी द्वारा परिचर्चा का आयोजन

कोलकाता । गत शुक्रवार, 28 जुलाई को कोलकाता की जानी मानी संस्था साहित्यिकी द्वारा सुप्रसिद्ध साहित्यकार रांगेय राघव की जन्म शताब्दी के अवसर आयोजित गोष्ठी में रवींद्रनाथ विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग अध्यक्ष और हिंदी साहित्य के प्रकाण्ड विद्वान प्रोफ़ेसर हितेंद्र पटेल ने रांगेय राघव के व्यक्तित्व और कृतित्व के बहुआयामी पक्षों पर गंभीरता से विचार करते हुए उनके विपुल साहित्य का मूल्यांकन ऐतिहासिक दृष्टि से किया। रांगेय राघव की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थापनाओं पर उन्होंने संजीदगी से अपनी बात रखते हुए उनकी अनुसंधानपरक कृति महायात्रा गाथा की विशेष रूप से चर्चा करते हुए सांस्कृतिक स्मृतियों और मानव इतिहास की विकास यात्रा में अंतर्निहित जैविक, भाषिक, पुरातात्विक और विज्ञानपरक दृष्टि को उजागर किया।
विख्यात समीक्षक-कवि डॉ. गीता दूबे ने रांगेय राघव के उपन्यासों के विस्तृत फलक पर बात करते हुए कहा कि वे मानव के सामाजिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक यात्रा का दस्तावेज हैं जिनका अध्ययन साहित्य के विद्यार्थियों में सम्यक् दृष्टि का विकास करेगा। तत्कालीन उपन्यासों की प्रतिक्रिया में लिखे कुछ उपन्यासों की विशेष चर्चा की जैसे विषाद मठ आदि । उन्होंने दुख के साथ कहा कि रांगेय राघव के साहित्य को हिंदी साहित्य के इतिहास और पाठ्यक्रम दोनों में उन्हें वह स्थान नहीं मिला जिसके वह हकदार थे।
संस्था की सचिव मंजु रानी गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्था की गतिविधियों का उल्लेख किया। उषा श्रॉफ़ ने कार्यक्रम का सफल संचालन क्या। साहित्यिकी की अध्यक्षा श्रीमती विद्या भंडारी ने अतिथि वक्ता प्रोफ़ेसर हितेंद्र पटेल एवं डॉ. गीता दूबे को उनके विद्वतापूर्ण और सारगर्भित वक्तव्य के लिए आभार प्रकट करते हुए आगत अतिथियों, विद्यार्थियों, सदस्यों का हृदय से धन्यवाद किया। भारतीय भाषा परिषद का और सहयोगी कर्मचारियों का भी धन्यवाद किया। इस अवसर पर कवि शैलेंद्र, जीतेंद्र जीतांशु और महानगर के साहित्यप्रेमियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को सफल और सार्थक आयाम दिया।

एशियाई खेलों में भाग लेंगी भारत की पुरुष और महिला फुटबॉल टीम

नयी दिल्ली । खेल मंत्रालय द्वारा मौजूदा सेलेक्शन नियमों को आसान बनाने के फैसले के बाद भारतीय पुरुष और महिला फुटबॉल टीमों को चीन के हांगझू में आगामी एशियाई खेलों में भाग लेने की मंजूरी मिल गई है। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने भारतीय फुटबॉल टीमों को एशियाई खेलों में भाग लेने के लिए मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। उन्होंने एशिया में टॉप-8 की रैंकिंग से बाहर होने इसके पीछे की वजह बताई थी।
एशियाई खेलों में शामिल होंगी टीमें- इस स्थिति के जवाब में अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने खेल मंत्रालय से एक गंभीर अपील की, जिसमें पुरुष और महिला टीमों को इस बड़े आयोजन में भारत का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया।
कोच ने पीएम से की थी हस्तक्षेप की मांग-भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम के कोच इगोर स्टिमैक ने भी इस मामले को सुलझाने में मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की मांग की थी। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि “भारतीय फुटबॉल प्रेमियों के लिए अच्छी खबर। हमारी राष्ट्रीय फुटबॉल टीमें, दोनों पुरुष और महिला आगामी एशियाई खेलों में भाग लेने के लिए तैयार हैं।”
टीम के प्रदर्शन पर मिली छूट- “भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्रालय ने दोनों टीमों की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए नियमों में ढील देने का फैसला किया है, जो मौजूदा नियमों के अनुसार क्वालीफाई करने में असफल हो रहे थे।
मंत्रालय ने कहा कि हाल के दिनों में फुटबाल टीम के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने छूट देने का फैसला किया है। मुझे यकीन है कि वे एशियाई खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे और हमारे देश को गौरवान्वित करेंगे।”
23 सितंबर से शुरू होंगे एशियाई गेम्स- मंत्रालय के चयन के नियमों के अनुसार केवल अपने संबंधित खेलों की महाद्वीपीय रैंकिंग में शीर्ष आठ में रहने वाली टीमों को ही एशियाड के लिए यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी। भारतीय पुरुष टीम एशिया में 18वें स्थान पर है, जबकि महिला टीम 11वें स्थान पर है। हांग्जो एशियाई खेल 23 सितंबर से 8 अक्टूबर तक चीन में आयोजित होंगे।

12 साल की गुंजन ने बनाया नया विश्व रिकॉर्ड, 62 घंटों में लद्दाख की तीन चोटियों पर की चढ़ाई

पणजी (गोवा) । गोवा के 12 वर्षीय पर्वतारोही गुंजन पंकज प्रभु नार्वेकर ने लद्दाख क्षेत्र की मरखा घाटी में 6000 मीटर से ऊपर की तीन चोटियों पर केवल 62.5 घंटों में सफलतापूर्वक चढ़ाई कर एक नया वैश्विक रिकॉर्ड बनाया है। इस सराहनीय उपलब्धि को हासिल करने के बाद गुंजन का लक्ष्य अब माउंट एवरेस्ट है। गोवा की गुंजन पंकज प्रभु नार्वेकर यहां की ज्ञान विकास स्कूल की 8वीं कक्षा की छात्रा हैं।
उन्होंने लद्दाख क्षेत्र की तीन चोटियों – माउंट कांग यात्से-2 (6250 मीटर), माउंट रेपोनी मल्लारी-1 (6097 मीटर) और माउंट रेपोनी मल्लारी-2 (6113 मीटर) पर्वत श्रृंखलाओं पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की है। 12 वर्षीय पर्वतारोही ने 49 घंटे में (पहली से तीसरी शिखर) और 62.5 घंटे (बेसकैंप से बेसकैंप) में 6000 मीटर से अधिक तीन चोटियों पर चढ़ाई की और एक नया वैश्विक रिकॉर्ड बनाया।
एएनआई से बात करते हुए गुंजन ने कहा, “जब हम गए तो मौसम काफी खराब था। अनुमान नहीं था कि इस महीने बर्फबारी होगी। मैं जब जा रही थी तो मुझे अनुमान था कि आसमान काफी साफ होगा और बर्फबारी नहीं होगी। बर्फ के कारण ये और कठिन था, क्योंकि चलते समय कुछ स्थानों पर हमारे पैर और कुल्हे काम करना बंद कर देते थे। उसे ठीक करने में या मालिश करने में हमें अधिक थकान होती थी। हालांकि, इस दौरान मुझे कोई चोट नहीं आई।”
गुंजन ने बताया कि, “मेरी मां मेरी सफलता से बहुत खुश हैं। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि एक ट्रैकर के रूप में सारी उपलब्धियां हासिल करते हुए देखकर मैं बहुत खुश हूं। मेरा मानना है कि सभी माता-पिता को अपने बच्चों को इसी क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करने के लिए सहयोग करना चाहिए।” पर्वतारोही ने कहा कि, “मेरा सपना 7 महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ना है, जिनमें से केवल 3 ही बचे हैं। इसके अलावा मैं छत्तीसगढ़ के बच्चों और महिलाओं के लिए कुछ करना चाहती हूं। वे आज हर क्षेत्र में आगे हैं, लेकिन उन्हें पहचान नहीं मिल रही है, जिसके वो हकदार हैं। मुझे इस पर काम करने की जरूरत है।”

 

कोलकाता के न्यूटाउन चिड़ियाघर में विदेश से जल्द लाए जाएंगे छह बाघ व छह शेर

कोलकाता । कोलकाता के न्यूटाउन में हाल में स्थापित मिनी चिड़ियाघर जल्द ही बाघों व शेरों की मेजबानी भी करेगा। इस चिड़ियाघर में आंगतुकों को आकर्षित करने के लिए जल्द ही विदेश से छह बाघ व छह शेर लाए जाएंगे। राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने यह जानकारी दी।
अदला-बदली कार्यक्रम के तहत बाघों व शेरों को लाया जाएगा
मल्लिक ने कहा- न्यूटाउन चिड़ियाघर के लिए अफ्रीकी देश कांगो, तंजानिया और मसाईमारा से जल्द छह बाघ व छह शेर लाए जाएंगे। अफ्रीकी देशों के साथ अदला-बदली कार्यक्रम के तहत बाघों व शेरों को यहां लाया जाएगा। हालांकि इसके बदले उन देशों को किन जानवरों को दिया जाएगा, इसका विवरण देने से उन्होंने इन्कार किया।
चिड़ियाघर में अलग से बनाया जाएगा सांपों का एक विशेष क्षेत्र
मल्लिक ने आगे बताया कि इसके अलावा न्यूटाउन चिड़ियाघर में अलग से सांपों का एक विशेष क्षेत्र भी बनाया जाएगा। यह अलीपुर चिड़ियाघर की तर्ज पर ही होगा। बता दें कि इसी साल की शुरुआत में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने न्यूटाउन में स्थापित मिनी चिडिय़ाघर का उद्घाटन किया था।
अलीपुर चिड़ियाघर का दूसरा विकल्प
वन मंत्री ने आगे कहा कि जेब्रा, जिराफ, खारे और मीठे पानी के मगरमच्छ, विभिन्न प्रकार के दुर्लभ पक्षी और हिरण जैसे जानवर पहले से ही इस चिड़ियाघर में मौजूद हैं। जल्द ही हम बाघ और शेर लाएंगे। उन्होंने कहा कि न्यूटाउन जू अब अलीपुर चिड़ियाघर का दूसरा विकल्प है। इस मिनी चिडिय़ाघर में मांसाहारी, सर्वाहारी और शाकाहारी जानवरों के लिए अलग-अलग क्षेत्र हैं।

बंगाल में पक्षियों को घर में कैद करने पर लगेगा प्रतिबन्ध

कोलकाता ।  राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रिया मल्लिक के अनुसार यह प्रतिबंध अगस्त की शुरुआत में लगाया जा सकता है । मल्लिक ने कहा, “यह कानून किसी भी प्रकार की भारतीय प्रजाति के पक्षियों को घर में रखने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाएगा. इसका उल्लंघन करना दंडनीय अपराध माना जाएगा और ऐसा न करने पर अधिकारियों द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी । ” हालांकि, उन्होंने कहा कि विदेशी प्रजाति के पक्षियों घर में रखने के मामले में थोड़ी छूट दी जाएगी । मंत्री ने कहा, “लेकिन उस मामले में भी बहुत सारे प्रतिबंध होंगे, जैसे कि विदेशी प्रजातियों के पक्षियों को केवल प्रजनन के उद्देश्य से रखा जा सकता है । इसके लिए मालिकों को लाइसेंस प्राप्त करना होगा । यह लाइसेंस 15,000 रुपये के पंजीकरण शुल्क के भुगतान पर दिया जाएगा।”
मल्लिक ने आगे कहा कि विदेशी प्रजातियों के पक्षियों के रखरखाव के लिए प्रतिबंध होंगे. उन्‍होंने कहा । “मालिकों को उन्हें सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और वे उन्हें खुले बाजार में नहीं बेच पाएंगे । जिन्‍होंने पहले से ही भारतीय प्रजाति के पक्षियों को रखा हुआ है । उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने से पहले, मेरा विभाग एक गहन अभियान कार्यक्रम चलाएगा ताकि वे जागरूक हो जाएं कि क्या करना है और क्या नहीं ।” राज्य वन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि “भारतीय कानून के तहत पूरे देश में भारतीय पक्षियों को पालतू रूप में रखना वर्जित है. लेकिन इस कानून के बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है । कई घरों में पक्षियों, विशेषकर तोतों को रखा जाता है. लेकिन अब समय आ गया है कि सरकार इस मुद्दे पर सख्ती से कार्रवाई करे और इसलिए यह नया राज्य कानून लाया जा रहा है ।”