Saturday, March 15, 2025
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अपराजिता – जो माने कभी न हार

अपराजिता – यह शब्द जीजिविषा के साथ सृजनात्मकता की उर्जा से भरा है। अपराजिता एक कोशिश है जो महिलाओं के नजरिए से महिलाओं की बात करना चाहती है। घटना जीवन की हो या देश या फिर समाज की, उसका सबसे अधिक अच्छा या बुरा प्रभाव स्त्री पर पड़ता है। मेरा मानना है कि घटना हो या उसकी प्रतिक्रिया, इन सबका असर एक स्त्री के जीवन पर पड़ता है मगर खबरों की दुनिया में भी उसके हिस्से का कोना शायद खाली सा रह गया। आधुनिकता और परम्परा के बीच फँसी स्त्री खुद को भी दूसरों की नजर से तोल रही है। क्या करे कि सब खुश रहें मगर यह ख्याल एक क्षण के लिए नहीं आता कि एक क्षण उसका भी होना चाहिए। आम खबरों में महिलाओं पर होने वाला असर हो या महिलाओं से जुड़ी खबर, अपराजिता इनकी पड़ताल करने का काम करेगी। सौंदर्य, फैशन, घर बच्चे और सफलता की जद्दोजहद में जुटी स्त्री की दुनिया इससे आगे हो सकती है और उसे बहुत सी बातों से फर्क पड़ता है। अपराजिता का अर्थ पेज 3 की रोशनी में दिखने वाली औरते ही नहीं हैं बल्कि अपनी अलग जमीन की तलाश करने वाली स्त्रियाँ हैं। स्त्री तभी सशक्त होगी जब वह समझे और उसे समझा जाए इसलिए पुरुषों की सोच को समझना जरूरी है इसलिए होगा पुरुष क्षेत्र। गणतंत्र में स्त्री अपने अधिकारों की बात कर तो रही है उसे अपना विवेक औऱ सकारात्मक दृष्टिकोण साथ लेकर चलना होगा। यह सफर तो बस शुरू हो रहा है, राह अभी भी लम्बी है मगर विश्वास यह है कि यात्रा आरम्भ की है तो मंजिल भी जरूर मिलेगी क्योंकि हर स्त्री अपराजिता है।

शराब से भी ज्यादा खतरनाक हैं ये ड्रिक्स, बचें इनके प्रयोग से

अनजाने में आप बहुत से ऐसे ड्रिक्स हैं जिन्हें पीते हैं लेकिन नहीं जानते हैं कि ये शराब की तरह खतरनाक हो सकते हैं वजन के लिए।

सिर के भयंकर दर्द में आराम देंगे ये आसान घरेलू उपाय

सिर दर्द बहुत ही आम समस्या है लोगों के बीच। इसके कई कारण हो सकते हैं, तनाव, माइग्रेन या फिर नींद पूरी ना होना। लेकिन कभी ये समस्याएं गंभीर हो जाती हैं। इसके निजात पाने के लिए अगर कुछ घरेलू उपाय किए जाएं तो फायदा होगा।

अलविदा 2015: सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरने वाली 5 कारें

ऑटो इंडस्ट्री के लिए साल 2015 को काफी उत्साहजनक और सफलता देने वाला कहा जा रहा है। इसका अंदाजा हुंडई की क्रेटा, मारुति की बलेनो और रेनॉ क्विड को मिली बंपर सफलता से लगाया जा सकता है।

लग्जरी सेगमेंट में कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया। मर्सिडीज ने 12 महीनों में 15 मॉडल लॉन्च किए। हालांकि साल के आखिरी चार महीने कई वजहों से कुछ कार कंपनियों के लिए मुश्किल भरे भी रहे।

इस साल शेवरले, होंडा, टोयोटा, फोर्ड जैसी कंपनियों ने अलग-अलग वजहों से बड़ी संख्या में कारें रिकॉल कीं। फॉक्सवैगन का डीजलगेट स्कैंडल और राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का मुद्दा कार कंपनियों के लिए कारोबारी चिंता और उलझन का प्रमुख कारण बना।

लेकिन इन सभी मुद्दों के बीच कुछ कारें ऐसी भी रहीं जो साल की शुरुआत से लेकर आखिर तक चर्चा में बनी रहीं। यहां हम बात करेंगे ऐसी ही कुछ कारों के बारे में…

अब स्मार्टफोन ऐप से खोज निकालें छिपा कैमरा, आखिर कैसे!

आजकल हर जगह कैमरे पहुंच गए हैं। शायद ही कोई ऐसी जगह बची हो जहां आप पर कैमरे की नजर न हो। कई जगह कैमरे के बारे में लिखा होता है लेकिन कई जगह छिपे हुए कैमरे लगे होते हैं जो चुपचाप सभी लोगों पर नजर रखते हैं।

कभी ऐसा भी हो सकता है कि कोई आप पर कैमरे के साथ नजर रख रहा हो। जाने अनजाने में आपकी किसी भी हरकत को गलत समझा जा सकता है। बढ़िया बात ये है कि स्मार्टफोन का इस्तेमाल करके आप ये पता कर सकते हैं कि क्या आपके आसपास कोई छिपा हुआ कैमरा तो नहीं है। अगर कोई और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हो, तो उसका भी पता लगाया जा सकता है।

अपने स्मार्टफोन के हार्डवेयर की मदद से आप इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड की पहचान कर सकते हैं। बस एक ऐप डाउनलोड कर लीजिये और आप जिस भी जगह हैं, वहां पर अपने स्मार्टफोन को साथ लेकर एक बार थोड़ा घूम लीजिये। अगर आपके ऐप पर आपको उसका सिग्नल मिलता है तो उसका मतलब है कि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को कहीं छिपाकर रखा गया है।

ऐसे उमड़ा किताबों पर प्यार, बुकफेयर में एक लाख दर्शक

प्रगति मैदान में पुस्तक मेले का दूसरा दिन हाउसफुल रहा। वीकेंड पर रविवार को प्रवेश द्वार खुलते ही दिल्लीवासी विश्व पुस्तक मेले में पहुंचने लगे थे। दोपहर बाद मेले के सभी हॉल में भारी भीड़ दिखी। इसमें बड़ी संख्या में कॉलेज जाने वाले छात्र भी थे और मम्मी-पापा के साथ चहलकदमी करते बच्चे भी। दूसरे दिन ही आम लोगों की दिलचस्पी से आयोजक के साथ प्रकाशक भी खुश नजर आए। आयोजकों के मुताबिक, शाम तक दर्शकों की संख्या एक लाख से ऊपर पहुंच गई। मेले में सबसे ज्यादा भीड़ अपने बच्चों के साथ-साथ चल रहे अभिभावकों की दिखी। स्टॉल पर वह बच्चों के फायदे की पुस्तकों को पलटते रहे। (सभी फोटो: विवेक निगम/अमर उजाला, नई दिल्ली)

मिशन यूपी के लिए शुरू हुई भाजपा की सोशल इंजीनियरिंग

भाजपा ने 2017 में यूपी के चुनावी समर के लिए कमर कसना शुरू कर दिया है। इस सिलसिले में पार्टी से जुड़े दलित नेताओं की 17 जनवरी को दिल्ली में बैठक बुलाई गई है।

इसमें जाने के लिए नाम तय करने के वास्ते रविवार को यहां भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा की बैठक हुई। इसमें तय हुआ कि प्रदेश से पार्टी से जुड़े दलित वर्ग के सौ लोगों को दिल्ली बैठक में भेजा जाए।

अनुसूचित मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य डॉ. श्याम सिंह कठेरिया ने बताया कि यहां हुई बैठक में मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिवाकर सेठ, स्वरूप चंद्र राजन और राष्ट्रीय मंत्री केके राज मौजूद रहे।