Saturday, December 20, 2025
खबर एवं विज्ञापन हेतु सम्पर्क करें - [email protected]
Home Blog Page 720

देवों में प्रथम पूज्य है श्रीगणेश

0

एक बार श्रीगणेश और उनके बड़े भाई कार्तिकेय माता पार्वती और शिव के पास पहुंचे। गणेशजी बुद्धि और कार्तिकेय बल में किसी से कम नहीं थे। ऐसे में सर्वश्रेष्‍ठ कौन है, इसका पता करने के लिए भगवान शिव ने एक परीक्षा ली।

उन्‍होंने कहा कि जो सात बार धरती की परिक्रमा करके लौटेगा वह सर्वश्रेष्‍ठ और सर्वपूज्‍य होगा। परीक्षा शुरू होते ही देवताओं के सेनापति व मंगल ग्रह के स्वामी कार्तिकेय अपने वाहन मोर को लेकर

शीघ्रता से चले गए, लेकिन गणेश जी परेशान हो गए। उन्होंने अपने वाहन चूहे को देखा तो सोचा कि ऐसे तो मैं हार जाऊंगा।तभी उन्हें ध्यान आया कि माता धरती से बड़ी और पिता आकाश से भी ऊंचा होता है। बस तत्काल उन्होंने अपने माता-पिता की परिक्रमा शुरू कर दी।

इस तरह बुद्धि के स्वामी और ज्योतिष शास्त्र के प्रणेता गणेशजी ने यह बाजी जीत ली। विघ्‍नों से मिलेगी मुक्‍ित

अगर कोई व्यक्ति सुबह बिस्तर से उठने से पहले गणेश के 12 नाम- सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लम्बोदर, विकट, विघ्ननाशक, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र और गजानन आदि नाम लेकर दायां पैर धरती पर रखता है, तो उसे हर प्रकार के विघ्नों से मुक्ति मिलेगी।

गजानन के इन नामों को जपने से संकट तत्काल भाग खड़ा होता है। गण का अर्थ है वर्ग, समूह और समुदाय तथा ईश का अर्थ है स्वामी। शिवगणों और गण देवों के स्वामी होने के कारण इन्हें गणेश कहा जाता है। आठ वसु, ग्यारह रुद्र और बारह आदित्य ही गणदेवता कहलाते हैं।

 

गणपति की 5 ऐसी मूर्तियाँ, जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाएंगी!

0

आज गणेश चतुर्थी है और लोग गणपति की मूर्तियों की खरीदारी में जुट चुके हैं। ये मूर्तियाँ प्लास्टर ऑफ़ पेरिस की बनी हुई होती हैं जो स्वाभाविक तरीके से पानी में घुलती नहीं हैं और इन्हें पेंट करने वाले रंग भी पर्यावरण को दूषित करते हैं। इन नुकसानों को ध्यान में रखते हुए कई लोग और संगठन इसका विकल्प ढूंढने में लगे हैं और कुछ इसमें सफल भी हुए हैं। आइये जानते हैं ऐसे 5 मूर्तियों के बारे में जो पानी को बिना प्रदूषित किये उसमे आसानी से घुल जाते है

 मछलियों के प्रिय गणेश

स्प्राउट्स मुंबई का एक ऐसा संगठन है जो नदी के तटों की सफाई से जुड़ा हुआ है। 2001 के बाद इसने मछलियों को नुकसान न पहुचाने वाली मूर्ति बनाने के लिए  ओग्लिवि एंड माथेर के साथ हाथ मिलाया। इन मूर्तियों को सूखे मकई के दानो, पालक आदि से भरा जाता है और मूर्तियों को कागज़ की लुगदी और चिकनी मिटटी से बनाया जाता है । इसके रंगने के लिए भी प्राकृतिक रंग का इस्तेमाल होता है।

को एक्सिस्ट गणेशा

पर्यावरण के अनुकूल बनी मूर्तियों को बेचने के अलावा यह संगठन ऐसे मूर्तिकारों को रोज़गार देता है, जो किसी प्रकार की मानसिक या शारीरिक विकलांगता का शिकार हो

वृक्ष गणेश

दत्तादरी कोठुर गणपति की ऐसी मूर्तियाँ बनाते हैं जिसके भीतर पेड़ के बीज होते हैं। त्यौहार के अंत में आप इस मूर्ती को मिटटी के बर्तन में रख सकते हैं। इसमें पानी देने से यह मूर्ति मिटटी में घुल जाती है और जल्दी ही इसके अन्दर के बीज मिटटी में अपनी जगह बना लेती है।

चॉकलेट गणेश

पिछले साल 35 किलो चॉकलेट से गणपति मूर्ति बना कर मुंबई की रिन्तु राठोड़ इन्टरनेट पर चर्चा का विषय बन गयी थी। इस प्रतिमा में किसी भी प्रकार के परिरक्षको (प्रिजरवेटीव्स) का उपयोग नहीं किया जाता है और सजावट के लिए इसमें खाने का रंग इस्तेमाल किया जाता है। सितम्बर 21, 2015 को रिन्तु ने 90 लीटर दूध में इस प्रतिमा का विसर्जन किया जिसे फिर गरीब बच्चो में बांटा गया। अधिक जानकारी के लिए आप यहाँ पढ़ सकते हैं। इस साल रिन्तु, 5 मिनट में पांच ‘5 स्टार चॉकलेट’ से गणपति की मूर्ति बनाना सिखा रही है।

 पानी को शुद्ध करने वाले गणपति

सभी जानते हैं कि फिटकिरी को जमा पानी को साफ़ करने के लिए उपयोग किया जाता है।  इसी के आधार पर पुणे के मूर्तिकार, विवेक काम्बले ने पिछले साल फिटकिरी के गणपति का निर्माण किया जिस से विसर्जन के बाद पानी को दूषित होने से बचाया जा सके।

(साभार – द बेटर इंडिया)

 

सांस्कृतिक पुर्नर्निर्माण मिशन  द्वारा विचार गोष्ठी एवं काव्य पाठ का आयोजन

0

भारतीय भाषा परिषद में सांस्कृतिक पुर्नर्निर्माण मिशन की ओर से अंतरंग विचार गोष्ठी एवं काव्य पाठ का आयोजन किया गया था। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि थे – प्रो. शंभूनाथ और काली प्रसाद जायसवाल। इस अवसर पर आलेख पाठ किया पंकज सिंह और मधु सिंह। पंकज सिंह का आलेख मानिक बच्छावत की कविताओं पर था, वही मधु सिंह के आलेख का विषय था – हिन्दी साहित्य का हिन्दी सिनेमा पर प्रभाव। संस्था के सचिव राजेश मिश्र ने आलेख पाठ पर अपने विचारों को रखा और साथ ही आलेख पाठ के तरीकों पर भी अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।

संगोष्ठी के दूसरे सत्र में कविता पाठ हुआ। काव्य पाठ में राजेश मिश्र, ऋतेश पाण्डेय, नीलाम्बुज, ममता पाण्डेय, धर्मेन्द्र राय, राहुल शर्मा ने अपने अपने कविताओं का पाठ किया। प्रो. शंभुनाथ ने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि कोलकाता से जिस तरह नये कवि अपने नये मिजाज और कलेवर के साथ सामने आ रहे हैं, उससे यह आश्वस्ति मिलता है कि यहाँ का साहित्यिक परिदृश्य आने वाले दिनों और ज्यादा सघन होगा। आलेख पाठकों के लिए उन्होंने आलेख प्रस्तुति के ढंग पर अपने विचार दिए। कार्यक्रम का संचालन किया श्री संजय जायसवाल ने और धन्यवाद ज्ञापन अनिता राय ने दिया।

 

यूरो फैशन इनर्स के फ्लरोसेंट्स अंतर परिधान

0

यूरो फैशन इनर्स ने हाल ही में अपने सब ब्रांड माइक्रा फ्लेश के तहत अंतर परिधान बाजार में उतारे जो कि फ्लोरेसेंट रंगों में उपलब्ध हैं। कम्पनी का दावा है कि यह ग्राहकों की पसंद और सुविधा की कसौटी पर भी खरे उतरेंगे। कम्पनी के डिजाइनर लो वेस्ट युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं और कई आकार में उपलब्ध हैं।

बजाज ऑटो फाइव का मिशन विक्रांत 1971

0

आई एन एस विक्रांत के अजेय धातु से बजाज ऑटो फाइव ने हाल ही में मिशन विक्रांत 1971 अभियान आरम्भ किया। यह अभियान 1971 के भारत – पाक युद्ध में भाग लेने वाले 1300 अधिकारियों तथा नाविकों की तलाश है। यह आईएनएस विक्रांत पर कार्यरत बहादुरों की कहानी कहने का डिजिटल माध्यम है। इसके लिए बजाज ऑटो फाइव ने एक माइक्रो साइट भी शुरू की है और इसके तहत इन वीरों के दोस्तों, परिवारों और शुभचिंतकों से जानकारी माँगी है। हाल ही में इस अभियान की शुरुआत के अवसर पर बजाज ऑटो लिमिटेड के उपाध्यक्ष (विपणन) सुमित नारंग ने कहा कि सन्स ऑफ विक्रांत वृतचित्र के माध्यम से इन वीरों की कहानियों का रिकॉर्ड रखा जाएगा। इस साल जनवरी में आईएनएस विक्रांत के धातु से बने नए ब्रांड बजाज फाइव को बाजार में उतारा गय़ा था जिसके तहत 20 दिनों में 1 लाख बाइक बेची गयीं।

बेस्ट फ्रेंड्ज सोसाय़टी ने मनाया राखी उत्सव

0

बेस्ट फेंड्ज सोसायटी ने हाल ही में राखी उत्सव आयोजित किया। इस संस्था ने द रिफ्यूज के जरूरतमंद बच्चों के साथ रक्षाबंधन के त्योहार का आनंद उठाया।

best friend 2

बीएफएस के अध्यक्ष राजीव लोढ़ा ने कहा कि इन बच्चों के चेहरे पर मुस्कान देखने से अच्छा कुछ नहीं हो सकता और राखी उत्सव ऐसी ही एक कोशिश है। यह राखी उत्सव हर साल आयोजित किया जाता है।

एबीआईडी ने 300 मकानों को दी मेकओवर स्टोरी, बच्चों के चेहरों पर खिली मुस्कान

0

 

एसोसिएशन ऑफ आर्टिटेक्ट्स, बिल्डर्स, इंटीरियर डेकोरेटर्स  एंड अलाएड बिजनेस (एबीआईडी) ने हाल ही में स्वतंत्रता दिवस पर पोरा बस्ती के बच्चों को दिया रंगों का तोहफा। दरअसल इस संस्था ने इस बस्ती के 300 मकानों की बाहरी दीवारों को बड़ी खूबसूरती से रंग दिया और कर दिया उसका मेकओवर। इस मौके पर एबीआईडी के अध्यक्ष कमलेश अग्रवाल, सचिव आनंद गुप्ता समेत संस्था के कई अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। द मेकओवर स्टोरी इंटीरियर डिजाइनर अरुनिका सरकार की परिकल्पना थी जिसका उद्देश्य सामाजिक मनोविज्ञान में बदलाव लाना था। बच्चों ने इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए।

घुटनों के कालेपन से छुटकारा दिलाएंगे ये घरेलू तरीके

0

घुटनों के कालेपन से अक्‍सर लोग परेशान रहते हैं। शरीर के हर हिस्‍से को गोरा बनाने के लिये बाजार में आपको लोशन और क्रीम तो मिल जाएंगी, मगर घुटनों के कालेपन को दूर करने के लिये बाजार में कुछ नहीं मिलता। काले घुटने देखने में बहुत ही खराब लगते हैं। अगर आपको कोई ऐसा फॉर्मूला मिल जाए, जिससे आपके घुटनों का रंग साफ हो जाए तो कैसा रहेगा? आज हम आपको 6 ऐसे घेरेलू पदार्थ बताएंगे जिसकी मदद से आपके घुटनों का कालापन मिटेगा और वह साफ सुथरे बन जाएंगे। अगर आपकी कुहनियां भी काली हैं तो आप इसे वहाँ पर भी लगा सकती हैं। तो देर किस बात की आइये जानते हैं इन्‍हें बनाने की विधि-

नींबू – नींबू में साइट्रिक एसिड होता है जो कि त्वचा को हल्का और साफ बना देता है। एक कटोरी में नींबू का रस निचोड़ लें। फिर इस रस को रूई से प्रभावित त्‍वचा पर लगाएं। इसे 15 से 20 मिनट के लिए छोड़ दें और बाद में धो लें।

खीरा और इमली – एक चम्मच खीरे का रस और आधा चम्‍मच इमली का गूदा मिलाएं। फिर इसे घुटनों पर लगाएं और और 15 मिनट के बाद धो लें।

सिरका और दही – दही में लैक्‍टिक एसिड पाया जाता है जो कि बिल्‍कुल ब्‍लीच जैसा काम करता है। एक कटोरी में दही और सिरके की एक मात्रा मिलाएं, फिर इससे घुटनों की मसाज करें। 15 मिनट के बाद ठंडे पानी से धो लें। इस विधि को रोजाना करें।

नारियल तेल – रात को रोज सोने से पहले अपने घुटनों की नारियल तेल से मालिश करें। इससे आपको काफी अंतर दिखेगा। नारियल तेल में लॉरिक एसिड और प्रोटीन होता है जो कि रूखी त्‍वचा को ठीक करता है।

दूध और शहद – एक कटोरी में दूध और शहद मिलाएं और उससे घुटनों की मालिश करें। इसको 10 मिनट के लिये छोड़ दें और फिर इसे ठंडे पानी से धो लें।

सरसों का तेल और नमक – इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड, विटामिन ई और एंटीऑक्‍सीडेंट होता है जो कि त्‍वचा को नमी देता है और त्‍वचा को साफ सुथरा बनाता है।

ब्रेन स्ट्रोक : जरूरी है समय पर सही उपचार

0

ब्रेन स्ट्रोक या ब्रेन अटैक की स्थिति में मरीज को तुरंत इमरजेंसी केयर की जरूरत होती है। बेहतर यही है कि स्वस्थ रहते ही इससे बचे रहने के लिए सही जीवनशैली अपनाई जाए और लक्षण दिखने पर चिकित्सकीय सहायता लेने में देर न की जाए। यदि मस्तिष्क के किसी भाग में खून का संचार बाधित हो जाए, तो मस्तिष्क के सामान्य कार्यों में बाधा आ जाती है। इस स्थिति को स्ट्रोक या ब्रेन अटैक कहा जाता है। इसमें अर्जेंट मेडिकल अटेंशन की जरूरत होती है। यह स्ट्रोक मस्तिष्क में रक्त का संचार करने वाली किसी रक्तवाहिका में ब्लॉकेज होने से या रक्त का रिसाव होने से हो सकता है।

* अलग-अलग प्रकार के स्ट्रोक

जब मस्तिष्क की किसी रक्तवाहिका में खून का थक्का जमने से स्ट्रोक होता है, तो उसे सेरेब्रल थ्रॉम्बोसिस कहते हैं। एक होता है सेरेब्रल हैमरेज यानी जब मस्तिष्क की कोई रक्तवाहिका फट जाती है और आसपास के ऊतकों में खून का रिसाव होने लगता है। इससे एक तो मस्तिष्क के विभिन्ना भागों में खून का प्रवाह कट जाता है। दूसरे, लीक हुआ खून मस्तिष्क पर दबाव डालता है। सेरेब्रल एम्बोलिज्म से भी ब्रेन अटैक आता है।

इस अवस्था में शरीर के किसी अन्य भाग में खून का थक्का बनता है और फिर वह रक्त के बहाव के साथ मस्तिष्क में पहुंच जाता है। इन सभी अवस्थाओं वाले स्ट्रोक का परिणाम एक ही है कि रक्त संचरण बाधित होने से मस्तिष्क को ऑक्सीजन और पोषण मिलना बंद हो जाता है तथा उसमें फैले न्यूरॉन्स तेजी से मरने लगते हैं।

मस्तिष्क के जिस भाग में क्षति हुई है, उससे संबंधित शरीर का अन्य भाग नाकाम हो जाता है, जैसे कि पक्षाघात (पैरालिसिस) हो जाना। इसलिए ब्रेन स्ट्रोक आते ही तुरंत मरीज को चिकित्सकीय सहायता मिलना चाहिए ताकि क्षति कम हो।

* ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण

इन लक्षणों से पहचाना जा सकता है कि व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक हुआ है:

– शरीर में अचानक बेहद कमजोरी और शरीर का एक तरफ का हिस्सा अशक्त महसूस होना

– बेजान-सा एहसास (नम्बनेस)

– कंपकंपी, ढीलापन, हाथ-पैर हिलाने में नियंत्रण का अभाव

– नजर का धुंधलाना, एक आंख की दृष्टि जाना

– जुबान का अचानक तुतलाने, लड़खड़ाने लगना

– दूसरे क्या कह रहे हैं, यह सहसा समझ न पाना

– जी मितलाना, उल्टी, चक्कर आना

– अचानक गंभीर सिरदर्द

– यदि स्ट्रोक गंभीर है, तो व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है।

* जान बचाना पहली प्राथमिकता

तुरंत चिकित्सकीय सहायता में चिकित्सक आवश्यक दवा व अन्य ट्रीटमेंट देंगे। अच्छी नर्सिंग केयर से मरीज की हालत ज्यादा बिगड़ने से बच सकती है। इमरजेंसी ट्रीटमेंट के बाद भी रीहैबिलिटेटिव थैरापीज जैसे फिजियोथैरापी, स्पीच थैरापी आदि की जरूरत होती है। ये सब जान बचाने के बाद की बातें हैं। सडन स्ट्रोक से व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।

स्ट्रोक के कारण हुआ नर्व डैमेज स्थायी भी हो सकता है। इसलिए स्वस्थ रहते ही सावधानी रखना, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और लक्षण दिखते ही तुरंत चिकित्सकीय सहायता के लिए पहुंचना जरूरी है।

यूं करें बचाव

स्ट्रोक से बचने के लिए सामान्य जीवनशैली में भी कुछ चीजें याद रखना चाहिए, जैसे:

– सिगरेट न पीना

– ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखना। समय-समय पर रक्तचाप की जांच कराना व डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों को नियमित रूप से लेना

– वजन बढ़ने न देना

– नमक कम खाना

– हैल्दी डाइट और नियमित व्यायाम

– ब्लड शुगर पर ध्यान देना

– कोलेस्ट्रॉल को न बढ़ने देना।

 

मातृभाषा प्रेम पर दोहे

3

भारतेंदु हरिश्चंद्र

200px-Bhartendu-Harishchandra-3

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।

अंग्रेजी पढ़ि के जदपि, सब गुन होत प्रवीन
पै निज भाषा-ज्ञान बिन, रहत हीन के हीन।

उन्नति पूरी है तबहिं जब घर उन्नति होय
निज शरीर उन्नति किये, रहत मूढ़ सब कोय।

निज भाषा उन्नति बिना, कबहुं न ह्यैहैं सोय
लाख उपाय अनेक यों भले करे किन कोय।

इक भाषा इक जीव इक मति सब घर के लोग
तबै बनत है सबन सों, मिटत मूढ़ता सोग।

और एक अति लाभ यह, या में प्रगट लखात
निज भाषा में कीजिए, जो विद्या की बात।

तेहि सुनि पावै लाभ सब, बात सुनै जो कोय
यह गुन भाषा और महं, कबहूं नाहीं होय।

विविध कला शिक्षा अमित, ज्ञान अनेक प्रकार
सब देसन से लै करहू, भाषा माहि प्रचार।

भारत में सब भिन्न अति, ताहीं सों उत्पात
विविध देस मतहू विविध, भाषा विविध लखात।

सब मिल तासों छांड़ि कै, दूजे और उपाय
उन्नति भाषा की करहु, अहो भ्रातगन आय।