Friday, September 19, 2025
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टीवी अभिनेता ऋतुराज सिंह का निधन

मुम्बई ।  टीवी अभिनेता ऋतुराज सिंह का गत 20 फरवरी को निधन हो गया है। उन्होंने टीवी शो ‘बनेगी अपनी बात’, ‘ज्योति’, ‘हिटलर दीदी’, ‘शपथ’, ‘वॉरियर हाई’, ‘आहट और अदालत’, ‘दीया और बाती’ हम जैसे कई भारतीय टीवी शो में अपनी अलग-अलग भूमिकाएं निभाई थीं। अभिनेता की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है।
ऋतुराज सिंह इन दिनों टीवी के लोकप्रिय शो ‘अनुपमा’ में नजर आ रहे थे। अभिनेता की अचानक निधन की खबर सुनकर टीवी इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। ऋतुराज ने कई और लोकप्रिय टीवी शोज में भी काम किया है, जिसमें ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ भी शामिल है। अभिनेता के निजी जीवन की बात करें तो ऋतुराज सिंह का पूरा नाम ऋतुराज सिंह चंद्रावत सिसोदिया था। उनका जन्म कोटा, राजस्थान में एक सिसोदिया राजपूत परिवार में हुआ था।

ऋतुराज सिंह ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली में पूरी की थी। साल 1993 में मुंबई चले आए और अभिनय को बतौर करियर के रूप में चुना। ऋतुराज अब तक कई हिंदी फिल्मों में अभिनय कर चुके थे, जिनमे एक खेल राजनीति, बद्रीनाथ की दुल्हनिया आदि फिल्में शामिल थीं। ऋतुराज सिंह ने 12 वर्षों तक बैरी जॉन के थिएटर एक्शन ग्रुप (TAG) के साथ दिल्ली में थिएटर में काम किया था और जी टीवी पर प्रसारित लोकप्रिय हिंदी टीवी गेम शो, तोल मोल के बोल में अभिनय किया था। एक्टर के दोस्त अमित बहल ने बताया, ‘हां, कार्डियक अरेस्ट के कारण उनका निधन हो गया। उन्हें कुछ समय से अग्नाशय के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। घर लौटने के दौरान कार्डियक कॉम्प्लीकेशन्स हुईं और वह गुजर गए।’

महिलाओं को नौकरी से निकालने का आधार शादी नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सैन्य नर्सिंग अधिकारी को दिया जाए 60 लाख मुआवजा
 नयी दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने शादी करने के बाद महिला नर्स को सेना की नौकरी से हटाने के मामले में अहम फैसला दिया है। शीर्ष अदालत ने मंगलवार को कहा कि शादी के आधार पर किसी महिला की सेवाएं खत्म करना लैंगिक भेदभाव है, ऐसे पूर्वाग्रह पर आधारित कोई भी कानून संवैधानिक तौर पर स्वीकार्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए केंद्र को निर्देश दिया है कि वह मिलिट्री नर्स को 60 लाख की बकाया रकम का जल्द भुगतान करे।
आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल ने दिया था बहाली का आदेश – जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने सेलिना जॉन की याचिका पर यह आदेश दिया है। सेलिना सेना में बतौर मिलिट्री नर्स कार्यरत थीं। 1988 में उन्हें शादी के बाद नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। तब वह लेफ्टिनेंट के पद पर कार्यरत थीं। सेलिना ने 2012 में आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल में भी गुहार लगाई थी। तब ट्रिब्यूनल ने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए बहाली के आदेश दिए थे। हालांकि, 2019 में केंद्र सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
1995 में वापस ले लिया गया था सेना का नियम – सुप्रीम कोर्ट बेंच ने कहा कि अब ट्रिब्यूनल के फैसले में किसी तरह के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है। शादी के आधार पर मिलिट्री नर्सिंग सेवा से हटाने की इजाजत देने वाला नियम 1977 में पेश किया गया था, जो 1995 में वापस ले लिया गया था। यह नियम साफ तौर पर मनमाना था। लैंगिक आधार पर पूर्वाग्रह से युक्त कानून और नियम स्वीकार नहीं किए जा सकते हैं।
लैंगिक भेदभाव वाले नियम असंवैधानिक – अदालत ने आगे कहा- एक महिला की शादी होने के बाद उसकी नौकरी खत्म करना पूरी तरह से लैंगिक भेदभाव और असमानता का मामला है। ऐसे पितृ सत्तात्मक शासन को स्वीकार करना मानवीय गरिमा, भेदभाव रहित और निष्पक्ष व्यवहार के अधिकार को कमजोर करेगा। महिला कर्मचारियों की शादी और घरेलू जिम्मेदारी को अपात्रता का आधार बनाने वाले नियम असंवैधानिक हैं।
महिला नर्स को 60 लाख रु. का मिलेगा मुआवजा  – सुप्रीम कोर्ट ने महिला कर्मचारी की बहाली और बकाया वेतन से जुड़े ट्रिब्यूनल के फैसले में थोड़ा बदलाव किया है। बेंच ने मुआवजे के तौर पर 60 लाख रुपये के भुगतान का आदेश केंद्र सरकार को दिया है। कोर्ट ने कहा कि सेलिना जॉन ने थोड़े समय के लिए प्राइवेट संस्थान में बतौर नर्स काम किया था। अदालत के निर्देशों के अनुसार अब केंद्र को मुआवजे का भुगतान 8 हफ्ते में करना होगा।

फोन पे ने लॉन्च किया इंडस ऐप स्टोर

नयी दिल्ली । वालमार्ट की स्वामित्व वाली कंपनी फोनपे ने आज यानी 21 फरवरी को अपना एक ऐप स्टोर लॉन्च किया है. इस ऐप स्टोर का नाम इंडस ऐप स्टोर है, जिसकी चर्चाएं पिछले कुछ महीनों से हो रही थी। यह भारत में बनाया गया एक एंड्रॉयड ऐप स्टोर है, जो सीधा गूगल प्ले स्टोर को टक्कर दे सकता है। आपको बता दें कि बीते साल सितंबर 2023 में कंपनी ने अपने इस प्लेटफॉर्म पर कंपनियों को अपने-अपने ऐप्स पब्लिश करने के लिए कहा था। भारत के ज्यादा एंड्रॉयड यूज़र्स अपने फोन में किसी भी ऐप को डाउनलोड करने के लिए गूगल प्ले स्टोर का उपयोग करते हैं, लेकिन अब उनके पास एक अतिरिक्त विकल्प भी होगा। लोग अब इंडस ऐप स्टोर के जरिए भी एंड्रॉयड ऐप्स को डाउनलोड कर सकते हैं। आपको बता दें कि कंपनी ने इंडस ऐप स्टोर को लॉन्च करके भारत के ऐप मार्केट में एक बड़ा दांव खेला है, क्योंकि intelligence firm data.ai. के डेटा के मुताबिक भारत में रहने वाले लोगों ने 2023 में 1.19 ट्रिलियन घंटे मोबाइल ऐप्स पर खर्च किए हैं। 2021 में 954 बिलियन घंटे मोबाइल ऐप्स को यूज़ करने में खर्च किए थे। इससे पता चलता है कि भारतीय स्मार्टफोन यूज़र्स ऐप में कितना ज्यादा समया व्यतीत करते हैं और इसकी मात्रा कितनी तेजी से बढ़ती जा रही है। ऐसे में वालमार्ट द्वारा इस ऐप स्टोर को लॉन्च करना उनके लिए काफी फायदेमंद बिजनेस साबित हो सकता है ।
इंडस ऐप स्टोर की खासियत – इस ऐप के बारे में कंपनी ने लॉन्च के वक्त दावा किया है कि इसमें 45 अलग-अलग कैटीगरी में करीब 2 लाख से भी ज्यादा मोबाइल ऐप्स और गेम्स जोड़े जा चुके हैं। इस ऐप में यूज़र्स को हिंदी और इंग्लिश समेत कुल 12 भाषाओं का समर्थन मिलेगा, जिसमें भारत की कई क्षेत्रीय भाषाएं भी शामिल हैं। सितंबर में इंडस ऐप के बारे में पहली बार जानकारी देते हुए कंपनी ने बताया था कि इस स्टोर में पहले साल किसी भी डेवलपर्स के लिए अपने ऐप को रजिस्टर कराना बिल्कुल फ्री होगा। फोनपे के को-फाउंडर समीर निगम ने उस वक्त कहा था कि डेवलपर्स उनके प्लेटफॉर्म पर किसी भी पेमेंट गेटवे का इस्तेमाल कर सकते हैं। कंपनी का दावा है कि इंडस ऐप स्टर पर ईमेल और चैटबॉट के जरिए 24*7 कस्टमर केयर सपोर्ट की सुविधा उपलब्ध रहेगी।

नहीं रहे मशहूर रेडियो उद्घोषक अमीन सयानी, 91 साल की उम्र में निधन

मुम्बई ।  ‘नमस्कार भाइयों और बहनों, मैं आपका दोस्त अमीन सयानी बोल रहा हूं’ अब यह परिचय फिर कभी नहीं सुना जा सकेगा। अपनी जादुई आवाज और मस्त अंदाज से बरसों दुनिया के कई देशों के श्रोताओं के दिलों पर राज करने वाले सयानी का निधन हो गया है। 91 साल की उम्र में 21 फरवरी को उन्होंने अंतिम सांस ली। रेडियो की दुनिया में आवाज के जादूगर कहे जाने वाले दिग्गज के निधन की पुष्टि उनके बेटे रजिल सयानी ने की है।
बिनाका गीत माला से मिली पहचान – अमीन सयानी देश के ऐसे पहले रेडियो स्टार रहे हैं, जिनका बड़े-बड़े फिल्म स्टार भी सम्मान करते थे। एक जमाना था जब अपने ‘बिनाका गीत माला’ कार्यक्रम के माध्यम से आवाज के इस शहंशाह ने अपने नाम और काम की धूम मचा दी थी। हालांकि, पिछले कुछ बरसों से सयानी की तबियत सही नहीं थी। अमीन सयानी की मौत से उनके बेटे रजिल सायानी गहरे सदमे में हैं। उन्होंने बताया कि सयानी को मंगलवार रात को दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उन्हें तुरंत एचएन रिलायंस अस्पताल ले जाया गया। शाम करीब सात बजे उनका निधन हो गया।
महज 13 वर्ष की उम्र में लिखना शुरू कर दिया था – रेडियो सुनने का शौक रखने वालों के कानों में आज भी सयानी की आवाज में ‘नमस्कार बहनों और भाइयो, मैं आपका दोस्त अमीन सयानी बोल रहा हूं’ गूंजता है। कार्यक्रम ‘बिनाका गीतमाला’ ने उन्हें काफी लोकप्रियता दिलाई। उनका जन्म 21 दिसंबर, 1932 को मुंबई में हुआ था। उन्हें बचपन से ही लिखने का शौक था और महज 13 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी मां की पाक्षिक पत्रिका ‘रहबर’ के लिए लिखना शुरू कर दिया था। यही वह उम्र थी जब वह अंग्रेजी भाषा में एक कुशल प्रस्तोता बन गए थे और उन्होंने आकाशवाणी मुंबई की अंग्रेजी सेवा में बच्चों के कार्यक्रमों में भाग लेना शुरू कर दिया था।
गुजराती लहजा होने के कारण नहीं हुआ चयन – हालांकि, जब सयानी ने ‘हिंदुस्तानी’ में प्रस्तुति देने के लिए ऑडिशन दिया तो उनकी आवाज में हल्का गुजराती लहजा होने के कारण उनका चयन नहीं किया गया। जब तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री बी वी केसकर ने आकाशवाणी से हिंदी गानों पर प्रतिबंध लगा दिया तो रेडियो सीलोन लोकप्रिय होने लगा। सयानी को दिसंबर 1952 में रेडियो सीलोन पर ‘बिनाका गीतमाला’ पेश करने का मौका मिला और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। यह शो 1952 से 1994 तक 42 वर्षों तक भारी लोकप्रियता हासिल करता रहा।

कोलकाता में छाया साहित्य आज तक 2024 का रंग

कोलकाता । कोलकाता में आजतक की ओर से साहित्य आज तक 2024 का आयोजन किया गया । एक साहित्यिक उत्सव जो अपनी विविध घटनाओं और प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों के साथ दर्शकों को आकर्षित करने में सफल रहा। भारत आज तक समूह द्वारा आयोजित इस उत्सव ने प्रसिद्ध लेखकों, कवियों, गायकों, और कलाकारों को साहित्य और संस्कृति की समृद्धता का जश्न मनाने के लिए एकत्रित किया। इस घटना को, स्वाभूमि द हेरिटेज में आयोजित किया गया, ने दो मंचों पर जीवंत प्रदर्शनों और समझदार चर्चाओं का एक विविध पंक्ति प्रस्तुत किया। “हल्ला बोल चौपाल” मंच पर अभिजीत भट्टाचार्य, बाबुल सुप्रियो, शत्रुघ्न सिन्हा, स्वानंद किरकिरे, और शैलेश लोढ़ा जैसे प्रसिद्ध व्यक्तित्वों की मौजूदगी थी, जिन्होंने अपनी प्रदर्शन करते समय और विचारों से दर्शकों को मोहित किया। इसके बीच, “दस्तक दरबार” मंच पर उपस्थित लोगों को विभिन्न साहित्यिक विषयों पर रोचक चर्चाओं का आनंद लेने को मिला, जिसमें हिंदी साहित्य पर सोशल मीडिया का प्रभाव, समय और साहित्य का संगम, अनुवाद का महत्व, और बंगाली साहित्य की सार्थकता शामिल थी। पल्लवी पुंडीर, सारदा बनर्जी, उमा झुनझुनवाला, इतु सिंह, जोया मित्रा, और जयंत घोषाल जैसे प्रमुख वक्ताओं ने मंच पर गरीबों को मिली, जिनसे मानवीय बातचीतों और प्रतिबिम्बों की शुरूआत हुई।
उत्सव में संगीतिक श्रद्धांजलियां भी शामिल थीं, जिसमें अरमान खान द्वारा उस्ताद राशिद खान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए एक आकर्षक प्रदर्शन शामिल था, और समापन संगीत प्रदर्शन भी पापोन द्वारा प्रस्तुत किया गया। साहित्य आज तक 2024 की सफलता पर, आज तक समूह ने कहा, “हमें साहित्य आज तक 2024 में इतनी उत्साही भागीदारी और बिंदास रहने पर खुशी है। यह उत्सव साहित्य, संस्कृति, और रचनात्मकता का एक महोत्सव रहा है, और हम सभी प्रतिभागियों, उपस्थित लोगों, और साथीदारों का आभारी हैं जिन्होंने इसे एक यादगार घटना बनाया।”
पहले दिन राजस्थान के लोक गायक मामे खान ने शिरकत की. ‘केसरिया बालम… पधारो महारे देश’ सेशन में उन्होंने ‘पधारो म्हारे देश’ से लेकर ‘जद देखूं बन्ना री लाल पीली अंखिया’ तक पर शानदार प्रस्तुति दी। लेखक और त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय, लेखक आशुतोष और लेखक हिंडोल सेनगुप्ता शामिल हुए । उद्योग घराने, सामाजिक सरोकार’ सेशन में हर्षवर्धन नियोतिया और लेखक संदीप भुटोरिया ने भाषा और साहित्य पर बात की। लेखक संदीप भूतोड़िया ने कहा कि हिंदी के लेखकों को भी वही स्थान मिलना चाहिए, जो अंग्रेजी के लेखकों को मिलता है। पहले दिन कवि अनिल पुष्कर, आनंद गुप्ता और कवयित्री मुन्नी गुप्ता, पूनम सोनछात्रा ने शिरकत की। ‘क्योंकि कविता जरुरी है…’ सत्र में सभी ने अपनी-अपनी रचनाओं से अपनी बात रखी। पौराणिक कथाकार, लेखक और वक्ता देवदत्त पटनायक ने अपने अनुभव साझा किए. पटनायक ने पौराणिक कथा बनाम मिथ्या और उपन्यास बनाम आख्यान पर कई जरूरी बातें बताई। लेखक ने कहा कि जब आप ये जानते हो कि आपके बिना भी दुनिया चलेगी. आप रहें न रहें ये दुनिया चलती रहेगी।
दूसरे द‍िन मंच पर आमंत्रित थी 4 प्रत‍िष्ठ‍ित लेख‍िकाएं पल्लवी पुंडीर, शारदा बनर्जी इतु सिंह और उमा झुनझुनवाला. तीनों ने ‘सोशल मीडिया के दौर में हिंदी कहानी का संकट’ पर अपने व‍िचार रखे। साहित्य आजतक’ के कार्यक्रम में उस्ताद राशिद अली खान के बेटे अरमान ने कहा कि लोग मेरी और पापा की तुलना करने लगते हैं लेकिन राशिद खान अलग हैं, उनके जैसा कोई बन नहीं सकता है। प्रियंकर पालीवाल ने कहा कि चाहे जितना संकट और कठिनाइयां आएं साहित्य रहेगा, हम इसको बचाएंगे’। प्रो. अमरनाथ शर्मा ने कहा कि बिना पढ़े ठीक साहित्य नहीं रचा जा सकता है, अगर साहित्यकार दुनिया को समझेगा नहीं, तो क्या लिखेगा। आज का सबसे बड़ा संकट है कि हमारे अंदर की संवेदनाएं खत्म हो रही हैं। प्रो. सत्या उपाध्याय ने कहा कि अनुवाद के सेतु पर सवार होकर एक भाषा दूसरे तक पहुंचती है’। उन्होंने अनुवाद के महत्व पर प्रकाश डाला ।

वसंत ऋतु के आगमन पर अर्चना संस्था ने किया स्वागत

कोलकाता । वसंत ऋतु के आगमन के साथ ही अर्चना संस्था के सदस्यों ने स्वरचित रचनाओं और गीत के साथ ही ज्ञान की देवी सरस्वती की आराधना की। ऋतुराज वसंत: बसंत और बहार, हैं दोनों ही धरती का श्रृंगार, जिन्दगी जटिल हो गई है।कवि बनेचंद मालू ने सुनाई। पीली पीली सरसों फूली-इंदू चांडक, जिनकी जिह्वा पर सदा सरस्वती का वास, उषा श्राफ ने मन की अमराई में कूके कोयल, प्रसन्न चोपड़ा ने महक रही है रात की रानी सुरभित सभी दिशाएं, मीठी सी खुशबू लेकर तुम जीवन में आए, शशि कंकानी ने जीवन से जब दुःखों का होगा अन्त,तभी सही मायने में आयेगा बसन्त।।, कल तक जो वृक्ष थे मुरझाए,करने लगे हैं नव श्रंगार,लो आ गयी बसन्त बहार।।, हिम्मत चौरडिया ने बसंत पर दो दोहे-सिमट अँधेरा अब गया, ऋतु बसंत मन भावनी, दो कुण्डलिया -बाला सुन्दर देखकर, गुंजन अलि अब कर रहे सुनाए। अहमदाबाद से भारती मेहता ने मन जिंदा है तो हर उम्र में होता है वसंत !* रूप, रंग, रस , गंध और स्वर, वसंत! क्या नही है तुम्हारे पास…?, सुशीला चनानी ने माँ शारदा की अर्चना में दो स्वरचित दोहे एक ॠतुराज बसन्त पर मनहरण छन्द, एक गीत “खोलो खोलो सखी मन के किंवाड बसन्त ॠतु आयी है “।सुनाए। मृदुला कोठारी ने वेद ऋचा जन्म दायिनी मंत्रों की झंकार प्राण प्रिय की रागिनी वंदन बारंबार…वाणी का हमें दान देकर दी अलौकिक भावना …, संगीता चौधरी ने राजस्थानी रचना धमाल राग फाग रमावां रै म्हारी मिरगानैणी फागण आयो रै गीत गाया। यह कार्यक्रम जूम पर हुआ ।विद्या भंडारी ने सभी को शुभकामनाएँ दी ।मृदुला कोठारी ने कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद किया सुशीला चनानी ने । कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।

साहित्यिकी द्वारा महाकाव्य राष्ट्र पुरुष नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर परिचर्चा का आयोजन

कोलकाता । साहित्यिकी की जनवरी महीने की मासिक गोष्ठी में सुप्रसिद्ध साहित्यकार रामेश्वर नाथ मिश्र “अनुरोध” के महाकाव्य “राष्ट्र पुरुष नेताजी सुभाष चंद्र बोस” पर परिचर्चा का आयोजन किया गया । आरंभ में संस्था की सचिव डॉ मंजू रानी गुप्ता ने साहित्यिकी का संक्षिप्त परिचय देते उपस्थित अतिथियों और सदस्याओं का स्वागत करते हुए संस्था की सदस्या एवं समाजसेवी वाणीश्री बाजोरिया को कार्यक्रम के संचालन के लिए आमंत्रित किया।आकाशवाणी की उद्घोषिका एवं कवि सविता पोद्दार ने अनुरोध जी की विभिन्न साहित्यिक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला ।उन्होंने बताया कि उनकी रचनाओं में करुणा ,प्रेम, आक्रोश सभी भावों की अभिव्यक्ति हुई है ।उनके अन्य संग्रह में कुछ श्रृगार परक रचनाएं हैं जहां नायिका के सौंदर्य वर्णन में कहीं भी मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया गया ।अतिथि वक्ता शंकर मिश्र ने अपने वक्तव्य में कहा कि “राष्ट्र पुरुष सुभाष चंद्र बोस” महाकाव्य में नेताजी के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं पर प्रकाश डाला गया है ।महाकाव्य में प्राचीन मान्यताओं को छोड़कर नयी मान्यताओं का प्रयोग किया गया है ।पुस्तक में रूपक ,अनुप्रास ,उपमा जैसे अलंकारों की छटा है ।मानवीकरण का अद्भुत प्रयोग किया गया है ।भाव संप्रेषण के लिए शब्दों को स्थान स्थान पर संक्षिप्त एवं विस्तृत किया गया है ग्रंथ पूरी तरह से सार्थक और समीचीन है ।राष्ट्रभक्ति को लोगों मन में जगाना महाकाव्य का उद्देश्य है ।अनुरोध जी ने अपने वक्तव्य में नेताजी के जीवन से जुड़ी विभिन्न महत्वपूर्ण घटनाओं पर विशद रूप से प्रकाश डाला ।नेताजी महिलाओं का विशेष सम्मान करते थे और उन्होंने महिलाओं की सेना भी बनायी ।उनमें अद्भुत संभाषण शक्ति थी ।उनका भाषण सुनकर लोग देश प्रेम में अपनी धन संपत्ति, महिलाएं आभूषण आदि अर्पित कर देती थी ।कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती दुर्गा व्यास ने की एवं धन्यवाद ज्ञापन संस्था की अध्यक्ष विद्या भंडारी ने किया। कार्यक्रम में सदस्याओं की अच्छी ख़ासी उपस्थिति ने कार्यक्रम को सफल और सार्थक बनाया।कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।

छऊ मास्क कारीगर उद्यमिता कार्यक्रम से 200 कारीगर प्रशिक्षित

जीनियस फाउंडेशन और एसेंसिव एडू स्किल फाउंडेशन का
कोलकाता । जीनियस फाउंडेशन, जीनियस कंसल्टेंट लिमिटेड की एक पहल, एसेंसिव एडु स्किल फाउंडेशन के सहयोग से अप्रैल 2023 में चारिडा, पुरुलिया में छऊ मास्क कारीगर के मार्केट लिंकेज और उद्यमिता विकास के लिए एक समझौता किया।  यह परियोजना कारीगरों के लिए जमीनी स्तर पर उद्यमियों को विकसित करने और एक सामूहिक व्यवसाय के रूप में काम करने का विचार पैदा करने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार लिंकेज के विकास पर केंद्रित है।  जीनियस फाउंडेशन ने कार्यक्रम को लागू करने के लिए एसेंसिव एडू स्किल फाउंडेशन को फंड प्रदान किया। पिछले एक साल में, एसेंसिव एडू स्किल फाउंडेशन ने मार्केट लिंकेज और उद्यमिता विकास पर लगभग 200 छऊ मास्क कारीगरों को प्रशिक्षित किया है।  एसेंसिव एडु स्किल फाउंडेशन ने कई कार्यशालाओं की व्यवस्था की थी, जिसमें “फ्लिपकार्ट जैसे ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म में आधुनिक पैकेजिंग तकनीक और ऑन-बोर्डिंग” पर कार्यशाला भी शामिल थी।  संपूर्ण प्रशिक्षण विशेषज्ञ प्रशिक्षकों की एक टीम ने दिया।  प्रशिक्षण पूरा होने के बाद, प्रत्येक कारीगरों को बीडीओ, बाघमुंडी की उपस्थिति में प्रमाण पत्र प्राप्त हुए। इस कार्यक्रम में स्वर्गीय नेपाल चंद्र सूत्रधार के पुत्र, पद्मश्री पुरस्कार 2024 विजेता, प्रसिद्ध छऊ नर्तक और मास्टर शिल्पकार श्री गौतम सूत्रधर ने भाग लिया।  कार्यक्रम में अन्य छऊ मुखौटा कारीगर भी मौजूद थे। कार्यक्रम में जीनियस कंसल्टेंट्स लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री आर. पी. यादव, जीनियस कंसल्टेंट्स लिमिटेड की निदेशक रश्मि यादव के और एसेंसिव ग्रुप ऑफ कंपनीज के अध्यक्ष अभिजीत चटर्जी, शॉन सेन (अतिरिक्त सचिव, श्रम विभाग, सरकार  पश्चिम बंगाल)   सुदर्शन दास ( सहायक निदेशक (एच), डीसी हस्तशिल्प कार्यालय, कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार) , कौशिक मजुमदार( सीईओ, जीनियस कंसल्टेंट्स लिमिटेड), प्रबीर चक्रवर्ती( डीजीएम, जीनियस कंसल्टेंट्स लिमिटेड) उपस्थित रहे।

आ गए वर्चुअल एटीएम, एक ओटीपी से मिल जाएगा नकद

नयी दिल्ली । यूपीआई की सफलता ने कैश की जरूरत को बहुत कम कर दिया है। हालांकि, फिलहाल अगर किसी को कैश चाहिए होता है तो उन्हें एटीएम की ही तलाश रहती है। बैंकों की ब्रांच में बहुत कम लोग नकद के लिए जाते हैं मगर, अब एटीएम का भी विकल्प वर्चुअल एटीएम के रूप में आ गया है। इसके बाद आपको एटीएम की तलाश में भी नहीं निकलना होगा । आप सिर्फ एक ओटीपी की मदद से किसी भी नजदीकी दुकान से पैसा निकाल सकेंगे। आपको सिर्फ स्मार्टफोन, मोबाइल बैंकिंग एप और इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत पड़ेगी। आइए इन वर्चुअल एटीएम के बारे में सब कुछ जान लेते हैं-
एटीएम, कार्ड या पिन की नहीं होगी आवश्यकता – इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, फिनटेक कंपनी पेमार्ट इंडिया इस वर्चुअल एटीएम के आईडिया के साथ आई है। चंडीगढ़ स्थित कंपनी इसे कार्डलेस और हार्डवेयर लेस कैश विथड्राल सर्विस कहती है। वर्चुअल एटीएम के लिए आपको किसी एटीएम जाने की जरूरत नहीं और न ही कार्ड रखने एवं पिन की आवश्यकता पड़ेगी।
छोटी राशि को निकालने में कारगर साबित होंगे – कंपनी के फाउंडर एवं सीईओ अमित नारंग ने वर्चुअल एटीएम के इस्तेमाल के बारे जानकारी देते हुए बताया कि वर्चुअल एटीएम छोटे अमाउंट को निकालने में कारगर साबित होंगे। आपको अपने मोबाइल बैंकिंग एप से पैसा निकालने की एक रिक्वेस्ट देनी होगी। इसके लिए आपका फोन नंबर बैंक से जुड़ा होना चाहिए। इस ओटीपी को आपको पेमार्ट के साथ रजिस्टर दुकान पर दिखाना होगा। ओटीपी को चेक करके दुकानदार आपको नकद दे देगा।
ग्राहक से कोई चार्ज भी नहीं लिया जाएगा – आपके मोबाइल बैंकिंग एप पर पेमार्ट के साथ जुड़े दुकानदारों की लिस्ट दिखाई देगी। इसके साथ ही उनके नाम, लोकेशन और फोन नंबर भी दिखाई देंगे. पैसा निकलने के लिए डेबिट कार्ड, एटीएम मशीन या यूपीआई की कोई जरूरत नहीं होगी। इस सेवा को इस्तेमाल करने के लिए कस्टमर से कोई चार्ज भी नहीं लिया जाएगा। फिलहाल पैसा निकालने की कोई लिमिट भी नहीं है. यह सर्विस दूरदराज के इलाकों के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी।
कई बैंकों से हो चुका है टाई अप – इस सेवा को आईडीबीआई बैंक के साथ 6 महीने तक सफलता से चलाया गया है। फिनटेक फर्म ने इंडियन बैंक, जम्मू एवं कश्मीर बैंक और करुर वैश्य बैंक से भी टाई अप किया है। फिलहाल यह सेवा चंडीगढ़, दिल्ली, हैदराबाद, चेन्नई और मुंबई में उपलब्ध है। मार्च से इसे पूरे देश में लागू करने की तैयारी है. साथ ही सीएससी ईगवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के साथ वर्चुअल एटीएम को 5 लाख जगहों तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।

यूपीआई पेमेंट सर्विस में फोनपे और गूगल पे का दबदबा कम करने की तैयारी

भारत में यूपीआई पेमेंट सर्विस में फोनपे और गूगल पे के दबदबे को कम करने के लिए सरकार नई योजना बना रही है। देश में 80 फीसदी यूपीआई भुगतान फोनपे और गूगल पे से होता है। दोनों अमेरिकी कंपनियां हैं। ऐसे में सरकार नहीं चाहती कि यूपीआई बाजार में केवल इनका कब्जा रहे। हाल ही में संसदीय पैनल ने घरेलू फिनटेक फर्म को सुविधाएं मुहैया कराने की बात सरकार से कही है। साथ ही यूपीआई पेमेंट सर्विस को सीमित करके 30 फीसद किया जा सकता है ताकि अमेरिकी कंपनियों का वर्चस्व कम किया जा सके। यूपीआई नेटवर्क में करीब 500 बैंक शामिल हैं।
पेटीएम पेमेंट्स बैंक के बाद वीजा-मास्टरकार्ड से कारोबारी भुगतान पर रोक
भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के बाद वीजा और मास्टरकार्ड जैसे भुगतान नेटवर्क पर भी शिकंजा कसा है। आरबीआई ने वीजा और मास्टरकार्ड को भारत में व्यावसायिक भुगतान बंद करने को कहा है। कंपनियों की ओर से व्यावसायिक कार्ड के जरिए वेंडर, छोटे उद्यमों और कारोबारियों को भुगतान किया जाता है।
बताया जा रहा है कि केवाईसी नियमों का अनुपालन न करने के चलते यह कार्रवाई की गई है। दरअसल, इस तरह के कार्ड बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों को जारी किए जाते हैं, जो इनका इस्तेमाल कर छोटी कंपनियों को भुगतान करती हैं। ये कार्ड उधारी सुविधा के तहत जारी किए जाते हैं।
बिना केवाईसी भुगतान की शिकायत: आरबीआई को ऐसे कुछ मामले मिले हैं, जिनमें बड़ी कंपनियों ने ऐसी छोटी कंपनियों को भुगतान किया, जिनकी केवाईसी नहीं की गई थी। आरबीआई को संदेह है कि इस तरीके से किए गए भुगतान का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में हो रहा है। बताया जा रहा है कि दोनों कार्ड कंपनियों के प्रतिनिधियों ने इस मामले में आरबीआई के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात भी की है।
छोटे कारोबारियों पर असर संभव: लेनदेन के लिए मास्टरकार्ड और वीजा पर निर्भर कारोबारियों को भुगतान सेवा में असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। यह ई-कॉमर्स, रीटेल, हास्पिटैलिटी और अन्य कई क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है। किराया व ट्यूशन फीस होंगे प्रभावित: कुछ फिनटेक कंपनियां किराए और ट्यूशन फीस का भुगतान भी रोक सकती हैं। कई फिनटेक मंच ग्राहकों को ट्यूशन फीस, किराए आदि के भुगतान के लिए अपने कार्ड का उपयोग करने की मंजूरी दे रहे हैं। ये उपयोगकर्ता कार्ड के माध्यम से भुगतान स्वीकार करने के लिए अधिकृत नहीं हैं।