नयी दिल्ली । जीएसटी परिषद ने बुधवार को आम सहमति से माल एवं सेवा कर जीएसटी में व्यापक सुधारों को मंजूरी दे दी है। इन सुधारों के तहत साबुन, साइकिल, टीवी और व्यक्तिगत स्वास्थ्य तथा जीवन बीमा पॉलिसी जैसे आम उपयोग के उत्पादों पर जीएसटी की दरें कम की गई हैं। छेना, पनीर, रोटी और पराठा पर कोई जीएसटी नहीं देना होगा। इसके अलावा जीवन रक्षक दवाओं पर भी जीएसटी शून्य होगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में लिए गए निर्णय के बारे में यहां आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी देते हुए कहा कि जीएसटी में पांच फीसदी और 18 फीसदी की दो-स्तरीय कर संरचना को मंजूरी दी गई है। उन्होंने बताया कि गुटखा, तंबाकू और तंबाकू उत्पादों तथा सिगरेट को छोड़कर सभी उत्पादों पर नई दरें 22 सितंबर यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू होंगी। सीतारमण ने बताया कि जीएसटी में व्यापक सुधारों के तहत बाल में लगाने वाले तेल, साबुन, साइकिल आम और मध्यम वर्ग की वस्तुओं पर जीएसटी की दर 12 फीसदी या 18 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जीएसटी परिषद ने लोगों को राहत देते हुए रोजमर्रा के उपयोग वाले सामानों पर जीएसटी दरों में कटौती की है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के प्रीमियम पर जीएसटी से छूट मिलेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि इसके अलावा छोटी कारों और 350 सीसी तक के दोपहिया वाहनों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। तिपहिया वाहन पर भी अब 18 फीसदी कर लगेगा। उन्होंने कहा कि तंबाकू, पान मसाला और सिगरेट पर जीएसटी 40 फीसदी की विशेष दर से लगेगा। सीतारमण ने कहा, ‘‘यह केवल जीएसटी में सुधार नहीं है, बल्कि संरचनात्मक सुधारों और लोगों की जीवन को सुगम बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है।’’वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के सचिव अरविंद श्रीवास्तव ने कहा, “जहां तक जूतों का सवाल है, पहले दो दरें थीं। 1000 रुपये से कम कीमत वाले जूतों पर 12 फीसदी और 1000 रुपये से ज्यादा कीमत वाले जूतों पर 18 फीसदी कर लगता था। लेकिन, अब 2500 रुपये से कम कीमत वाले जूतों पर 5 फीसदी और 2500 रुपये से ज्यादा कीमत वाले जूतों पर 18 फीसदी टैक्स लगेगा।” उन्होंने बताया कि “छोटी कारों पर 18 फीसदी कर लगेगा और बाकी सभी कारों पर 40 फीसदी टैक्स लगेगा। श्रीवास्तव ने मीडिया को बताया कि पेट्रोल इंजन 1200 सीसी और डीजल इंजन 1500 सीसी का होता है और इसके साथ ही लंबाई की भी सीमा हो सकती है। नियमों के मुताबिक छोटी कारों पर 18 फीसदी कर लगेगा। उन्होंने कहा कि हम इसके लिए अलग से कोई नई परिभाषा नहीं बना रहे हैं।” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि जीएसटी परिषद द्वारा मंज़ूर किए गए व्यापक सुधार नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाएंगे। इससे कारोबार करना आसान करेंगे, विशेष रूप से छोटे व्यापारियों और उद्यमों के लिए आसानी होगी। प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पोस्ट पर जारी बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने और प्रक्रियागत सुधारों के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया है, जिसका उद्देश्य आम आदमी के जीवन को आसान बनाना और अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है।
हर राज्य में बनेंगे डिटेंशन सेंटर : अमित साह
नयी दिल्ली । भारत सरकार ने हाल ही में लागू इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट 2025 के तहत विदेशियों के प्रवेश और ठहराव पर कई सख्त प्रावधान किए हैं। यह आदेश सीधे तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा, सामाजिक व्यवस्था और संवेदनशील सीमाई इलाकों की सुरक्षा से जुड़ा है। यह प्रावधान स्पष्ट करता है कि भारत अब अपनी सुरक्षा नीतियों में किसी तरह का जोखिम उठाने को तैयार नहीं है। हम आपको बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि विदेशियों पर अगर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों, जासूसी, बलात्कार और हत्या, आतंकवादी कृत्यों, बाल तस्करी या किसी प्रतिबंधित संगठन का सदस्य होने का आरोप सिद्ध होता है तो उन्हें भारत में प्रवेश करने या रहने की अनुमति देने से मना किया जा सकता है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि हाल ही में लागू किए गए आव्रजन एवं विदेशी अधिनियम, 2025 के तहत प्रत्येक राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन विदेशियों की आवाजाही को प्रतिबंधित करने के उद्देश्य से समर्पित निरुद्ध केंद्र या हिरासत शिविर स्थापित करेगा, जब तक कि उन्हें निर्वासित नहीं कर दिया जाता। गृह मंत्रालय ने कहा कि जो भी विदेशी किसी भी श्रेणी के वीजा के लिए आवेदन करता है, जिसमें प्रवासी भारतीय नागरिक (ओसीआई) कार्डधारक के रूप में पंजीकरण भी शामिल है, उसे वीजा जारी करने वाली अथवा ओसीआई कार्डधारक के रूप में पंजीकरण प्रदान करने वाले प्राधिकरण को अपनी बायोमेट्रिक जानकारी देने की अनुमति देनी होगी, और यह प्रक्रिया वीजा या पंजीकरण दिए जाने से पहले पूरी की जाएगी। गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि यदि भारत में अवैध प्रवासियों को पकड़ा जाता है, तो उन्हें निर्वासन (देश से वापस भेजे जाने) की प्रक्रिया पूरी होने तक किसी होल्डिंग सेंटर या शिविर में रखा जाएगा और उनकी आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।ह मंत्रालय के आदेश में कहा गया, “मादक पदार्थों और मन:प्रभावी पदार्थों की तस्करी, बाल तस्करी सहित मानव तस्करी, नकली यात्रा दस्तावेजों और मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी सहित) में धोखाधड़ी, साइबर अपराध, बाल दुर्व्यवहार या ऐसे अपराधों में संलिप्त पाया जाना।” गृह मंत्रालय ने कहा कि कोई भी विदेशी, जिसके पास भारत में रोजगार के लिए वैध वीजा हो, बिना नागरिक प्राधिकरण की अनुमति के, बिजली या जल आपूर्ति से जुड़े निजी क्षेत्र के उपक्रमों या पेट्रोलियम क्षेत्र में कार्यरत किसी संस्था में रोजगार स्वीकार नहीं कर सकता। आदेश में कहा गया, “कोई भी विदेशी व्यक्ति किसी फीचर फिल्म, वृत्तचित्र, रियलिटी टेलीविजन और वेब शो या सीरीज, व्यावसायिक टेलीविजन धारावाहिक या शो, वेब शो या सीरीज, या केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर निर्दिष्ट किसी अन्य माध्यम या रूप में सार्वजनिक प्रदर्शन हेतु सामग्री का निर्माण, निर्माण का प्रयास या निर्माण करवाने का कार्य केवल लिखित अनुमति प्राप्त करने के बाद ही कर सकता है और वह भी निर्धारित विशेष शर्तों के अधीन होगा।” पर्वतारोहण अभियानों पर प्रतिबंध लगाते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि कोई भी विदेशी या विदेशी नागरिकों का समूह भारत में किसी भी पर्वत शिखर पर चढ़ाई नहीं कर सकता या चढ़ाई का प्रयास नहीं कर सकता, जब तक कि उन्हें केंद्र सरकार से पूर्व में लिखित अनुमति प्राप्त न हो। इसके साथ ही, उन्हें चढ़ाई के लिए अपनाए जाने वाले मार्ग का विवरण, एक संपर्क अधिकारी की नियुक्ति, और फोटोग्राफिक एवं वायरलेस संचार उपकरणों के उपयोग की जानकारी भी अनिवार्य रूप से देनी होगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि इसके अलावा, प्रत्येक विदेशी को किसी संरक्षित या प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने या वहां ठहरने के लिए परमिट प्राप्त करना अनिवार्य होगा। हालांकि, अफगानिस्तान, चीन या पाकिस्तान मूल के किसी भी व्यक्ति को ऐसे प्रतिबंधित क्षेत्रों में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। भारत के प्रतिबंधित क्षेत्रों में पूरे अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिज़ोरम, नागालैंड और सिक्किम राज्य शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्से भी इन क्षेत्रों में आते हैं। इसके साथ ही आप्रवासन ब्यूरो भारत में प्रवेश प्रतिबंधित विदेशी व्यक्तियों की एक अपडेटेड सूची बनाएगा।
दिवाली से पहले बंगाल सरकार ने तय किया पटाखे फोड़ने का समय
कोलकाता । पश्चिम बंगाल सरकार ने त्योहारों के दौरान पटाखे फोड़ने के लिए निर्धारित समय सीमा तय कर दी है। मंगलवार को विधानसभा के विशेष सत्र में वित्त (स्वतंत्र प्रभार) एवं पर्यावरण मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि यह निर्णय केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के आधार पर लिया गया है। मंत्री ने बताया कि काली पूजा और दीवाली पर केवल ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति होगी, इसके लिए रात आठ बजे से दस बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। वहीं, छठ पूजा के अवसर पर सुबह छह बजे से आठ बजे तक पटाखे फोड़ने की इजाजत होगी। क्रिसमस और नववर्ष की पूर्व संध्या पर रात 11:55 बजे से 12:35 बजे तक महज 40 मिनट के लिए पटाखे चलाए जा सकेंगे। भट्टाचार्य ने स्पष्ट किया कि निर्धारित समय सीमा का उल्लंघन दंडनीय अपराध माना जाएगा। साथ ही, शोर प्रदूषण की शिकायतों के लिए राज्य सरकार द्वारा एक विशेष हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराया जाएगा, जिसके माध्यम से लोग सीधे अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। उल्लेखनीय है कि जनवरी में उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकारों को दिल्ली की तरह ही एनसीआर क्षेत्र में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करने का आदेश दिया था। बीते वर्ष दीवाली के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को यह कहते हुए फटकार लगाई थी कि प्रतिबंध का सही तरह से पालन नहीं हुआ और सुझाव दिया था कि पटाखों के विक्रेताओं के परिसरों को सील करने के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों से आयात पर भी रोक लगाई जाए।
टीआरएफ को विदेशों से मिला फंड : एनआईए
-एफएटीएफ ने पाकिस्तान पर कसा शिकंजा
नयी दिल्ली । अमेरिका ने हाल ही में ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ को एक विदेशी आतंकवादी संगठन और एक विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी इकाई घोषित किया है। यह पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका था क्योंकि इस कदम से उसकी आतंकी रणनीति का पर्दाफाश हो गया। द रेजिस्टेंस फ्रंट, लश्कर-ए-तैयबा का ही एक अंग है। वास्तव में, इसे जम्मू-कश्मीर के एक स्थानीय संगठन के रूप में गठित और प्रचारित किया गया था। जिसका उद्देश्य पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा, दोनों को एक तरह से नकारने का मौका देना था। इसका उद्देश्य कश्मीर में चल रही गड़बड़ी को स्थानीय स्तर पर दिखाना था। पाकिस्तान चाहता था कि आतंकवादी हमले जारी रहें और यह भी सुनिश्चित हो कि वह वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की जांच के दायरे में न आए। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने रेजिस्टेंस फ्रंट की गतिविधियों की पड़ताल की। उस आधार पर कहा जा रहा है कि पाकिस्तान एफएटीएफ से बचने के लिए इस छद्म संगठन का इस्तेमाल नहीं कर सकता। रेजिस्टेंस फ्रंट का जम्मू-कश्मीर में एक गहरा नेटवर्क है। इसके स्थानीय लोग, जो पाकिस्तान के इशारे पर, इस आतंकवादी संगठन की गतिविधियों को चलाने के लिए धन मुहैया कराने हेतु खाड़ी और मलेशिया के लोगों के संपर्क में हैं। जांच के दौरान, मलेशिया निवासी सज्जाद अहमद मीर का नाम सामने आया है। एक संदिग्ध, यासिर हयात, के फोन कॉल्स से पता चला है कि वह धन की व्यवस्था के लिए मीर के संपर्क में था। हयात ने धन की व्यवस्था के लिए कई बार मलेशिया की यात्राएं की थीं। अब तक सामने आई जानकारी से पता चलता है कि अपने मलेशियाई संपर्क की मदद से उसने द रेजिस्टेंस फ्रंट के लिए 9 लाख रुपये जुटाए थे। यह पैसा संगठन की गतिविधियों को चलाने के लिए शफात वानी नाम के एक अन्य कार्यकर्ता को दिया गया था। कहा जाता है कि वानी, जो टीआरएफ का एक प्रमुख कार्यकर्ता है, मलेशिया भी गया था। उसने बताया कि वह एक विश्वविद्यालय के सम्मेलन में भाग लेने गया था, और इसी बहाने उस देश में प्रवेश किया था। हालांकि, विश्वविद्यालय ने इस यात्रा को प्रायोजित नहीं किया था। एनआईए को यह भी पता चला है कि मीर के संपर्क में रहने के अलावा, हयात दो पाकिस्तानियों के भी संपर्क में था। उसकी गतिविधियां धन जुटाने के लिए थीं, और जांच से पता चलता है कि उसका काम विदेशी कार्यकर्ताओं के संपर्क में रहना और आतंकवादी संगठन के लिए धन जुटाना था। एनआईए के पास टीआरएफ के संचालन के बारे में पर्याप्त जानकारी है, लेकिन कितना धन मुहैया कराया गया इसका पता लगाना जांच के लिए महत्वपूर्ण है। 13 अगस्त को, एनआईए ने कहा था कि उसने धन के एक विदेशी स्रोत का पता लगाया है जिसकी गहन जांच की जा रही है। हयात के फोन पर 463 संपर्क हैं जिनकी एनआईए गहन पड़ताल कर रही है। कई मौकों पर पाकिस्तान और मलेशिया को कॉल किए गए हैं। इन सभी नंबरों की जांच की जा रही है, और जांचकर्ताओं का कहना है कि द रेजिस्टेंस फ्रंट के फंडिंग नेटवर्क का पता लगाने के लिए यह बेहद जरूरी है।
ये खुलासा इस नेटवर्क का पता लगाने के लिए महत्वपूर्ण हैं, और ये भारत को एफएटीएफ के समक्ष पाकिस्तान को बेनकाब करने में मदद करेंगे। भारत टेरर फंडिंग को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ केस बना रहा है। उसे वापस ग्रे लिस्ट में शामिल करने पर भारत जोर दे रहा है। द रेजिस्टेंस फ्रंट का गठन 2019 में कम होते हिज्बुल मुजाहिदीन को रिप्लेस करने के लिए किया गया था। माना गया था कि इलाके में उसका प्रभाव कम हो रहा है और स्थानीय आतंकी गतिविधियों को एक नई पहचान देने के लिए ऐसा किया जाना जरूरी है। इसका गठन लश्कर-ए-तैयबा की गतिविधियों पर पर्दा डालने के लिए किया गया। हमलों को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के बजाय स्वदेशी प्रतिरोध के तौर पर दिखाने की कोशिश की गई। यह वास्तव में लश्कर-ए-तैयबा का ही एक नया रूप था, जिसे वैश्विक समुदाय को गुमराह करने और एफएटीएफ जैसी संस्थाओं के दबाव को कम करने के लिए डिजाइन किया गया था।
अमेरिकी टैरिफ के बावजूद अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज
– वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में विकास दर 7.8 प्रतिशत रही
नयी दिल्ली । अमेरिकी टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून अवधि) में 7.8 प्रतिशत रही है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 6.5 प्रतिशत थी। यह जानकारी सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) के तहत आने वाले राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से शुक्रवार को दी गई। एनएसओ के द्वारा जारी किए गए डेटा के मुताबिक, अप्रैल-जून अवधि में देश की रियल जीडीपी 47.89 लाख करोड़ रुपए रही है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 44.42 लाख करोड़ रुपए थी। समीक्षा अवधि में नॉमिनल जीडीपी करंट प्राइस में 86.05 लाख करोड़ रुपए रही है, जो कि वित्त वर्ष 25 की समान अवधि के आंकड़े 79.08 लाख करोड़ रुपए से 8.8 प्रतिशत ज्यादा है। सरकार ने बताया कि वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में सर्विसेज सेक्टर की मजबूत वृद्धि दर से रियल ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) ग्रोथ 7.6 प्रतिशत पर रही है। वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में कृषि और उससे जुड़े हुए क्षेत्रों की रियल जीवीए ग्रोथ 3.7 प्रतिशत रही है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1.5 प्रतिशत थी। द्वितीय क्षेत्र की विकास दर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 7.5 प्रतिशत रही है। इसमें मैन्युफैक्चरिंग की विकास दर 7.7 प्रतिशत और कंस्ट्रक्शन की विकास दर 7.6 प्रतिशत रही है। तृतीय क्षेत्र, जिसमें सर्विसेज को शामिल किया जाता है, की विकास दर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 9.3 प्रतिशत रही है। सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में सरकारी अंतिम उपभोग व्यय (जीएफसीई) वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में नॉमिनल टर्म में 9.7 प्रतिशत बढ़ा है, जो कि पिछले साल की समान अवधि में 4 प्रतिशत था। हालांकि, निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) की विकास दर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 7 प्रतिशत रही है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 8.3 प्रतिशत थी।
अच्छी नींद न लेने से बढ़ रहे हाई बीपी के मरीजः अध्ययन
नयी दिल्ली । रात में सात घंटे से कम सोने वालों को अब सर्तक रहने की जरुरत है, क्योंकि इससे आप हाई ब्लड प्रेशर (बीपी) के शिकार हो सकते हैं। लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी) के मेडिसिन विभाग के अध्ययन के मुताबिक रात को सात घंटे से कम नींद लेने वालों में हाई बीपी की संभावना 10 से 13 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। इस अध्ययन का उद्देश्य 40 वर्ष से कम आयु के युवा वयस्कों में ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) के उतार-चढ़ाव पर नींद के प्रभाव का पता लगाना था, इसके लिए एलएचएमसी से संबद्ध अस्पताल की ओपीडी से ऐसे 60 प्रतिभागियों को चुना गया जो सामान्य रात्रि समय से अधिक नींद या कम नींद लेते हैं और जिनका हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज का कोई इतिहास नहीं था। अध्ययन के लिए प्रतिभागियों को परिवर्तित निद्रा पैटर्न (सोने-जागने में अनियमितता बरतने) वाले और अपरिवर्तित निद्रा पैटर्न (नियमित समय पर सोने-जागने) वाले दो समूहों (30-30) में विभाजित किया गया। दोनों समूहों में शामिल लोगों के ब्लड प्रेशर (बीपी) के माप और दैनिक भिन्नताओं की जांच के लिए एम्बूलेटरी ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग (एबीपीएम) उपकरण का सहारा लिया गया। एबीपीएम के माध्यम से 24 घंटे निगरानी की गई, जो दिन में प्रत्येक एक घंटे बाद और रात्रि में प्रत्येक 2 घंटे बाद प्रतिभागियों के बीपी के स्तर को माप कर रिकॉर्ड कर लेता था। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों की नींद का पैटर्न बदल गया है, जागते समय उन के बीपी 120/80 एमएम एचजी के स्तर में 3-6 एमएम एचजी की वृद्धि हो गई है। वहीं, सोते समय उनके बीपी में 5-8 एमएम एचजी की वृद्धि हुई है यानि 24 घंटों में कुल मिलाकर 3-7 एमएम एचजी की वृद्धि दर्ज की गई।
इस अध्ययन को विभागाध्यक्ष डॉ. अनुपम प्रकाश के नेतृत्व में डॉ. मुकुल प्रसून, डॉ. रमेश अग्रवाल और डॉ. शुभलक्ष्मी मार्गेकर की टीम ने संपन्न किया है।
डॉ. अनुपम प्रकाश ने कहा कि ब्लड प्रेशर में 1 एमएम एचजी यानि एक अंक की वृद्धि, भले ही देखने में छोटी लगती है, लेकिन यह हार्ट डिजीज होने के खतरे को बढ़ा देती है, क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर (एचबीपी) हृदय संबंधी समस्याओं का एक प्रमुख कारण है। उन्होंने कहा कि हाई ब्लड प्रेशर, हृदय और रक्त वाहिकाओं पर दबाव डालता है, जिससे समय के साथ एथेरोस्क्लेरोसिस (प्लाक का जमाव), कोरोनरी धमनी रोग, हृदय गति रुकना, दिल का दौरा और ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है। हाई बीपी रीडिंग बढ़ने के साथ हृदय रोग का जोखिम लगातार बढ़ता जाता है, इसलिए बीपी में कोई भी वृद्धि चिंता का विषय है। डॉक्टर, इस अध्ययन के निष्कर्षों का उपयोग मरीजों को परामर्श देने के लिए कर सकते हैं और उन्हें ‘रक्तचाप नियंत्रण पर नींद के पैटर्न के प्रभाव’ के बारे में बता सकते हैं। साथ ही उन्हें स्वस्थ नींद की आदतें अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।
डॉ. प्रकाश ने कहा कि एक अन्य अध्ययन के मुताबिक सिस्टोलिक रक्तचाप में प्रत्येक 10 एमएम एचजी की कमी होने से प्रमुख हृदय रोग संबंधी घटनाओं का जोखिम 20 प्रतिशत, कोरोनरी हृदय रोग 17 प्रतिशत, स्ट्रोक 27 प्रतिशत, और हृदय गति रुकना 28 प्रतिशत कम हो गया, जिससे अध्ययन की गई आबादी में सर्व-कारण मृत्यु दर में 13 प्रतिशत की उल्लेखनीय कमी आई है। यानि खराब नींद के कारण बीपी का जो स्तर 3-7 एमएम एचजी बढ़ जाता है, वो अच्छी नींद लेने पर 10 एमएम एचजी तक कम या सामान्य भी हो सकता है और आप अपने शरीर को विभिन्न गंभीर रोगों से बचा सकते हैं। यानि आप जितना कम सोएंगे, भविष्य में आपको उच्च रक्तचाप होने की संभावना उतनी ही अधिक होगी।
सस्टेनेबल वेस्ट मैनेजमेंट में में हुल्लाडेक अग्रणी
कोलकाता । इको-सिस्टम पार्टनर के रूप में हुल्लाडेक ने नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) के साथ मिलकर कोलकाता के द ललित ग्रेट ईस्टर्न होटल में आतिथ्य क्षेत्र के लिए “रिस्पॉन्सिबल ई-वेस्ट मैनेजमेंट सेक्टर” नामक एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस कार्यक्रम में प्रमुख होटलों, रेस्टोरेंट और कैफ़े के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने शहरी भारत में व्यवस्थित ई-वेस्ट डिस्पोजल की तत्काल आवश्यकता पर विचार-विमर्श किया गया। इसमें अहम चर्चा का विषय था कि, आतिथ्य क्षेत्र में बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक कचरा उत्पन्न होता है, जिसका अधिकांश भाग अनौपचारिक पुनर्चक्रण श्रृंखला में चला जाता है, इसलिए इस सत्र में औपचारिक पुनर्चक्रण, ई-वेस्ट मैनेजमेंट एक्ट 2022 के पालन और थोक उपभोक्ताओं के लिए अनुपालन जिम्मेदारियों के महत्व पर जोर दिया गया। यह पहल हुल्लाडेक के संस्थापक स्वर्गीय नंदन मल्ल के सपनों को साकार करती है, जिन्होंने भारत को एक ऐसे राष्ट्र के रूप में देखने की कल्पना की थी, जहाँ हर नागरिक अपने यहां के इलेक्ट्रॉनिक कचरों का ज़िम्मेदारी से निपटान करना जानते हैं। इस कार्यक्रम में एसईआरसी की प्रोपराइटर शकुंतला चंदा ने कहा, हमारा मानना है कि अगर हमारे आतिथ्य क्षेत्र के अग्रणी लोग आगे बढ़कर इसका नेतृत्व करें, तो हमारा प्यारा शहर कोलकाता यहां के पर्यावरण के प्रति ज़िम्मेदार अपशिष्ट निपटान के मामले में भारत में एक आदर्श शहर बन सकता है। इस मौके पर फेसेस के अध्यक्ष इमरान जकी ने कहा, यह पहल सिर्फ़ अपशिष्ट के बारे में नहीं है, बल्कि यह नागरिक चेतना के बारे में है। इस मामले में रेस्टोरेंट और होटल प्रभावशाली प्रभाव डालते हैं। अगर वे औपचारिक ई-वेस्ट रीसाइक्लिंग को अपनाते हैं, तो नागरिक भी उनका अनुसरण करेंगे। हुल्लाडेक में स्थिरता और वरिष्ठ नेतृत्व दल की सदस्य प्रियाशा सिंघानिया ने मुख्य भाषण दिया, जिन्होंने नीतिगत आवश्यकताओं को सरल बनाया और कुछ व्यावहारिक और कारगर कदम बताए जिन्हें होटल और रेस्टोरेंट तुरंत लागू कर सकते हैं।
परिवार मिलन की 44 वीं अन्तर्विद्यालय हिन्दी देशभक्ति गीत प्रतियोगिता
कोलकाता । राष्ट्रीय,सामाजिक,सांस्कृतिक एवं साहित्यिक चेतना जागरण केन्द्र परिवार मिलन द्वारा पारम्परिक रूप से आयोजित अन्तर्विद्यालय देशभक्ति हिन्दी गीत प्रतियोगिता को इस वर्ष एक नये कलेवर में आयोजित किया गया। विभिन्न क्षेत्रों में भारत की प्रगति व अब तक प्राप्त उपलब्धियों को उद्घोषित करने के साथ ही सन् 2047 स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष तक भारत की तरक्की की तस्वीर, लक्ष्य व उन्हें प्राप्ति के संकल्पों को कोलकाता महानगर की नौ प्रतिष्ठित विद्यालयों के विद्यार्थियों ने अपने गीतों में गूंजायमान किया। कार्यक्रम अध्यक्ष कर्नल डॉ. कुणाल भट्टाचार्य (से.नि.), प्रतियोगिता के निर्णायकगण ओमप्रकाश मिश्र, डॉ. वसुन्धरा मिश्र, कविता कोठारी तथा संस्था के पदाधिकारियों ने भारत माता के चित्र को पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तत्पश्चात संस्था के कलाकारों ने भारत वंदना का गायन किया। संस्था की पूर्व अध्यक्षा दुर्गा व्यास ने देश के संविधान को नमन करते हुए उद्देशिका का प्रतिज्ञा स्वरूप श्रोताओं से वाचन करवाया। संस्थाध्यक्ष ृअरुण चूड़ीवाल ने सभी का स्वागत करते हुए प्रतियोगिता के विषयों की विद्वतापूर्ण व्याख्या कर श्रोताओं का ज्ञानवर्धन किया। तत्पश्चात प्रतियोगियों ने अपनी प्रस्तुतियों से समस्त श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
बी.डी.एम. इन्टरनेशनल, द बी जी ई एस स्कूल तथा अग्रसेन बालिका शिक्षा सदन ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्रथम स्थान प्राप्त विद्यालय को नरेश गनेड़ीवाल चलत रजत स्मृति चिह्न भी प्रदान किया गया।अन्य सभी प्रतिभागी विद्यालय नोपानी हाई,राजस्थान विद्यामंदिर,श्री जैन विद्यालय,श्री जैन विद्यालय फार गर्ल्स,श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी विद्यालय एवं विद्या भारती गर्ल्स हाई स्कूल को प्रोत्साहन पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। अंजू गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में राजेन्द्र कानूनगो, विनीता मनोत एवं संकल्प विद्यालय की शिक्षिकाओं एवं छात्र-छात्राओं का सक्रिय सहयोग रहा। राधाकिश झुनझुनवाला चैरिटी ट्रस्ट द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ।
दुर्गापूजा कमेटियों से हिसाब नहीं मिला तो अनुदान नहीं मिलेगा : हाईकोर्ट
कोलकाता । कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को साफ कर दिया है कि जो दुर्गा पूजा समितियां खर्च का पूरा ब्यौरा नहीं देंगी, उन्हें सरकारी अनुदान नहीं मिलेगा। बुधवार को न्यायमूर्ति सुजॉय पाल और न्यायमूर्ति स्मिता दास दे की खंडपीठ ने कहा कि केवल वही समितियां अनुदान पाने की पात्र होंगी, जिन्होंने निर्धारित समय सीमा के भीतर च्यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेटज् जमा किया है। राज्य सरकार ने अदालत को जानकारी दी कि कुल ४१ हजार ७९५ क्लबों में से केवल तीन क्लबों ने खर्च का हिसाब नहीं दिया है। ये तीनों क्लब सिलिगुड़ी के हैं। इस पर न्यायमूर्ति पाल ने टिप्पणी की कि संख्या इतनी कम है कि च्च्उसे देखने के लिए माइक्रोस्कोप लगाना पड़ेगा।ज्ज्
उल्लेखनीय है कि सोमवार की सुनवाई में अदालत ने राज्य से पूछा था कि कितनी पूजा समितियों को अनुदान दिया गया और कितनी समितियों ने खर्च का ब्यौरा नहीं दिया। साथ ही अदालत ने सवाल उठाया था कि जो समितियां हिसाब नहीं दे रही हैं, उन्हें राज्य सरकार क्यों अनुदान देती आ रही है। दरअसल, इस मुद्दे पर पहले एक जनहित याचिका दायर हुई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सरकार जनता के पैसे का दुरुपयोग कर रही है। याचिकाकर्ता के वकील विकासरंजन भट्टाचार्य और शमीम अहमद ने दलील दी थी कि उचित स्थानों पर खर्च करने के बजाय जनता का पैसा पूजा समितियों में बांटा जा रहा है। हालांकि राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि यह राशि च्सेफ ड्राइव, सेव लाइफज् जैसी अभियानों और कोविड जैसी परिस्थितियों में जनहित के कार्यों पर खर्च की जाती है। हाईकोर्ट ने पहले ही निर्देश दिया था कि सरकारी अनुदान के उपयोग का पूरा विपवरण पूजा समितियों को देना अनिवार्य होगा। अब अदालत ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि बिना खर्च का हिसाब दिए किसी भी समिति को भविष्य में अनुदान नहीं मिलेगा।
कॉमनवेल्थ गेम्स में हावड़ा की कोयल ने जीते दो स्वर्ण
कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हावड़ा निवासी वेटलिफ्टर कोयल बर को कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में मिली ऐतिहासिक सफलता पर बधाई दी है। कोयल ने अहमदाबाद में आयोजित प्रतियोगिता में लगातार तीसरी बार विश्व रिकॉर्ड तोड़ते हुए दो स्वर्ण पदक अपने नाम किए। मुख्यमंत्री ने बुधवार को ट्वीट कर लिखा, च्च्हमारी बंगाल की बेटी, हावड़ा निवासी कोयल बर ने अहमदाबाद में आयोजित वेटलिफ्टिंग कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में विश्व रिकॉर्ड की हैट्रिक करते हुए दो स्वर्ण पदक जीतकर बंगाल को गर्वान्वित किया है। मैं उन्हें अपनी हार्दिक शुभकामनाएं और स्नेह प्रेषित करती हूं। उनके अभिभावक और कोच को भी बधाई देती हूं। उन्होंने आगे कहा कि कोयल आने वाले समय में और भी बेहतर प्रदर्शन करेंगी तथा ओलंपिक खेलों में पदक जीतकर बंगाल का मान और ऊंचा करेंगी। ममता बनर्जी ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उनकी हर जरूरत में उनके साथ खड़ी रहेगी।