खड़गपुर। पश्चिम बंग हिंदी अकादमी, सूचना एवं संस्कृति विभाग, पश्चिम बंग सरकार द्वारा खड़गपुर कॉलेज ऑडिटोरियम में हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दामोदर मिश्र ने कहा कि भाषा जीवन, ज्ञान और साहित्य का पर्याय है। हिन्दी भाषा के विकासक्रम में भारतीय आर्य भाषा परिवार का ही विकसित रूप है। हिन्दी भाषा दिवस वास्तव में अपनी भाषा को मुक्कमल स्थान देना है। पश्चिमबंग हिंदी अकादमी के अध्यक्ष विवेक गुप्त ने अपने संदेश में हिंदी दिवस समारोह की सफलता की कामना करते हुए कहा कि पश्चिम बंग हिंदी अकादमी बंगाल के हिंदी भाषी प्रतिभागियों के लिए निरंतर साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच प्रदान करने का ऐसा अवसर प्रदान करती रहेगी। इस अवसर पर उपस्थित थे खड़गपुर कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ विद्युत सामंत, जिला सूचना एवं संस्कृति अधिकारी वरुण मंडल, अकादमी के सदस्य मनोज यादव, आशीष जाना, रविशंकर पांडे, प्रभाकर पांडे, डॉ रेणु गुप्ता, प्रो.सीमा साह, डॉ संजय पासवान, डॉ प्रकाश अग्रवाल उपस्थित थे। बतौर निर्णायक डॉ पंकज साहा, डॉ श्रीकांत द्विवेदी, प्रो.राकेश चौबे, डॉ कार्तिक साव, विकास कुमार, सूर्यदेव राय, डॉ रणजीत सिन्हा, श्रीप्रकाश गुप्ता, राधेश्याम सिंह ने अपना सहयोग दिया। कालीचरण तिवारी, पंकज सिंह, नवीन मिश्रा, रमाशंकर सिंह ने लोकगीत प्रस्तुत किया और अभिषेक यादव एवं दल ने बैंड पर सहयोग दिया। काव्य आवृत्ति वर्ग क में प्रथम स्थान अंकिता द्विवेदी इग्नू, द्वितीय रुथ कर, राजा नरेन्द्र लाल खान वुमेन कॉलेज, तृतीय स्थान मोनू, विद्यासागर विश्वविद्यालय को वर्ग अ का प्रथम स्थान रौनक पांडे, द्वितीय स्थान सुनिधि चटर्जी, बी.एन.आर. एलेक्सी, तृतीय स्थान अंजिका साहा, ग्रिफिंश इंटरनेशनल को मिला। नाटक प्रतियोगिता में प्रथम स्थान राजा नरेन्द्र लाल खान महिला कॉलेज, द्वितीय स्थान ग्रिफिंश इंटरनेशनल एवं तृतीय स्थान विद्यासागर विश्वविद्यालय को मिला। हिंदी ज्ञान प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार अमृता महराजा, प्रीति सिंह और अंकिता दल को, द्वितीय पुरस्कार बिट्टू कौर, संजना और रक्षा कुमारी दल को और तृतीय पुरस्कार आकाश वर्मा, पूजा यादव और स्नेहा साव दल को मिला। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ मंटू साव, डॉ विक्रम साव,उत्तम ठाकुर, पंकज सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन देते हुए अकादमी के सदस्य प्रो.संजय जायसवाल ने सभी प्रतिभागियों एवं तमाम साहित्य और संस्कृति प्रेमियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह आयोजन हिंदी भाषी विद्यार्थियों को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध करने का प्रयास है।
भारतीय भाषा परिषद सभागार में साहित्य टाइम्स देवी अवार्ड 22 संपन्न
कोलकाता ।साहित्य टाइम्स और विश्व गुजराती सखी समाज ने देवी अवार्ड 22 का आयोजन किया गया। उद्घाटन समारोह समारोह का आरंभ देवी दुर्गा की स्तुति से हुआ जो नृत्यांगना अॉन्ड्रिला की टीम द्वारा किया गया।
साहित्य टाइम्स और विश्व गुजराती सखी समाज के तत्वावधान में देवी अवार्ड 2022 के लिए सभी दस महिला प्रतिभाओं का स्वागत और देवी अवार्ड 22 से नवाज़ा गया है जिन्होंने परिवार, समाज और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई है ।डॉ सोमा बंदोपाध्याय कुलपति डायमंड हार्बर विश्विद्यालय और शिक्षण प्रशिक्षण, सायना बक्शी सांस्कृतिक और संगीत, प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी , भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज, डॉ डॉली गुप्ता डर्मेटोलॉजी, डॉ दीपाली सिंघी प्रिसिंपल जे डी बिरला, प्रीति दोशी स्कूल और सांस्कृतिक क्षेत्र, विद्या भंडारी हिंदी कवयित्री, गुंजन अज़हर भाषा अनुवाद, अलका जालान अलका जालान फाउंडेशन, डॉ प्रीति गंतारा एक्युप्रेशर को देवी अवार्ड 22 दिया गया।
उद्घाटन समारोह में भारतीय भाषा परिषद, साहित्य टाइम्स, विश्व गुजराती सखी समाज, शब्दाक्षर, साहित्यिकी, लिटिल थेस्पियन और भारत जैन महामंडल लेडिज विंग के गणमान्य प्रमुख अतिथियों ने भाग लिया।
निवेदन संस्थाओं में भारतीय भाषा परिषद की अध्यक्ष डॉ कुसुम खेमानी, उपाध्यक्ष श्री प्रदीप चोपड़ा, डायरेक्टर डॉ राज्यश्री शुक्ला, सचिव घनश्याम सुगला, भारत जैन महामंडल लेडिज विंग कोलकाता की अध्यक्ष सरोज भंसाली और उपाध्यक्ष अंजू सेठिया , श्री केलकटा गुजराती समाज के अध्यक्ष रवीन्द्र बाघानी, सेक्रेटरी चंद्रिका बेन शाह , लिटिल थेस्पियन की प्रमुख उमा झुनझुनवाला एवं आफताब आलम , इंद्रधनुष से नरेंद्र कपाडिया, दीपक गठानी, मनीष सेठ , तारा कैंसर फाउंडेशन से बाबू भाई पटेल, जगदीश भाई पटेल, निपुन कोठारी , शब्दाक्षर से रवि प्रताप सिंह, दया शंकर मिश्रा, अनामिका सिंह,नवीन कुमार सिंह,अंजू छारिया, साहित्यिकी से डॉ गीता दूबे, वाणीश्री बाजोरिया, डॉ मंजुरानी गुप्ता, डॉ सुषमा हंस, उषा श्राफ, बबिता मांधडा़ आदि की भागीदारी है ।
इस अवसर पर तीन पूजा पंडालों के प्रमुख को भी सम्मानित किया गया। सामाजिक सांस्कृतिक क्षेत्र और संगीत साधक सायना बक्शी और पार्षद असीम ने धन धान्य पुष्प से भरा हमारा देश बांग्ला गीत गाकर दुर्गा पूजा के लिए सभी महिला प्रतिभाओं का गौरव बढ़ाया।
साहित्य टाइम्स गत पांच वर्षों से पश्चिम बंगाल कोलकाता में माँ दुर्गा का आह्वान होने के साथ ही स्त्री शक्तियों को देवी अवार्ड के लिए से सम्मानित करता आ रहा है। तेजस्वी चेहरों वाली दस देवियों की विविध दिव्य शक्तियों को सम्मानित करने के लिए भारतीय भाषा परिषद का सभागार पूर्ण रूप से खचाखच भरा हुआ था सभी उनका उत्साहवर्धन कर रहे थे। लिटिल थेस्पियन के कलाकारों द्वारा हिंदी भाषा पर एक लघु वार्ता प्रस्तुति दी गई।
शिक्षा,भाषा, संगीत, साहित्य, संस्कृति, चिकित्सा, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहीं विभिन्न महिला प्रतिभाएंँ जो पश्चिम बंगाल और देश का गौरव हैं, सभी स्त्री प्रतिभाओं को देवी अवार्ड 2022 से सम्मानित करने के पहले उनके विशिष्ट कार्यों की अॉडियो विजुअल सुनी गयी फिर सभी निवेदक संस्था प्रमुखों द्वारा पुष्प स्तवक और उपहार दिया गया। दिलीप भाई आथ, डॉ कुसुम खेमानी, भावना हिमानी , उमा झुनझुनवाला, पायल भंसाली, जितेश गांधी, मनीषा कोटेचा, जिनेश भंसाली, रितु मजमूदार, पूनम पाल, दीपक गठानी आदि प्रमुख रूप से सहयोगी रहे।
साहित्य टाइम्स की टीम डॉ केयुर मजमूदार, डॉ वसुंधरा मिश्र, अमित मुंधड़ा , डॉ अल्पना सिंह, अंकित शाव, निशा सिंह राजपूत सरदार ने कार्यक्रम का संचालन किया। तकनीक सहयोग रोशन झा, मुख्तार और उनकी टीम को जाता है। इस अवसर पर डॉ मंजुरानी गुप्ता, डॉ सुषमा हंस,बबीता मांधडा़, उषा श्राफ, रावेल पुष्प, नवीन कुमार, रवि प्रताप सिंह, सुरेश चौधरी, दयानंद मिश्रा आदि की उपस्थिति रही। नवीन कुमार सिंह और रवि प्रताप सिंह,ने साहित्य टाइम्स को अपनी जोश भरी कविता के साथ धन्यवाद दिया। इस अवसर पर सभी लोगों ने दोपहर का प्रसाद ग्रहण किया।
शुभजिता दुर्गोत्सव 2022 – यंग बॉयज की दुर्गापूजा में मयूरपंखी नौका पर आएंगी माँ दुर्गा
कोलकाता । बड़ाबाजार यंग बॉयज क्लब दुर्गापूजा कमेटी के सदस्य हमेशा से ही प्रासंगिक सामाजिक मुद्दों को अपने पूजा मंडप में थीम बनाने का प्रयास करती है। इस वर्ष भी यहां “मयूरपंखी नौका” थीम पर पूजा मंडप का निर्माण किया जा रहा है। जब भी पश्चिम बंगाल में पूजा पंडालों को थीम में ढालने की बात आती है, तो हर साल यहां आयोजित होनेवाले दुर्गापूजा का त्योहार रचनात्मकता और कला के मामले में सबसे अच्छा प्रदर्शन करता है।
बड़ाबाजार यंग बॉयज क्लब इस वर्ष 53वें वर्ष में पूजा का आयोजन कर रहा है। यह पूजा मंडप सेंट्रल कोलकाता में
स्थित तारा चंद दत्ता स्ट्रीट के पास स्थित है, जो सेंट्रल एवेन्यू को रवींद्र सरणी से जोड़ती है। यह उत्सव स्थानीय लोगों में
भी काफी लोकप्रिय है। कमेटी के मुख्य आयोजक राकेश सिंह ने कहा, इस साल यंग बॉयज क्लब की
तरफ से तैयार किए जा रहे दुर्गापूजा पंडाल को होगला के पत्तों, पाठकथी और सूखे मेवें के इस्तेमाल से मयूरपंखी
नौका का आकार देने की कोशिश कर रहा है। 5 दिन तक चलनेवाले दुर्गापूजा उत्सव का इंतजार काफी बेसब्री से
लोग करते हैं। कोविड -9 वैश्विक महामारी के कारण पिछले दो साल के अंतराल के बाद सिटी ऑफ जॉय के इस
प्रमुख देश के सबसे बड़े त्योहारों में से एक को एक बार फिर से काफी उत्साह के साथ आयोजित करके खुशी हो रही
है।
यंग बॉयज़ क्लब के युवा अध्यक्ष विक्रांत सिंह ने कहा,, इस पंडाल में हस्तशिल्प कला की कई अनोखी और विलुप्त
होती झलकियां देखने को मिलेंगी। हमने अपनी पिछली पूजाओं में कई प्रमुख पेशेवर कलाकारों के साथ-साथ ग्रामीण कलाकारों को भी शामिल किया है। जिसके बाद हमने देखा है कि ग्रामीण कलाकारों और कारीगरों में जमीन पर प्रदर्शन करने की असाधारण क्षमता है।” पूजा की शुरुआत 1970 में हुई थी। 40 फीट ऊँचे मंडप के कलाकार देवशंकर महेश हैं।
शुभजिता दुर्गोत्सव 2022 – मोहम्मद अली पार्क यूथ की दुर्गापूजा में दिखेगा राजस्थान का शीश महल
कोलकाता । विश्वप्रसिद्ध पश्चिम बंगाल की दुर्गापूजा में अधिकांश पूजा कमेटी के सदस्य यूनिक और आकर्षक थीम के साथ मंडप का निर्माण करती है। इसी कड़ी में अन्य बड़ी पूजा कमेटी की तरह अपने 54वें वर्ष में मध्य कोलकाता के “मोहम्मद अली पार्क यूथ एसोसिएशन” के दुर्गापूजा मंडप में राजस्थान के प्रसिद्ध शीश महल को उतारने की कोशिश की गई है। पूरे शीश महल में दर्शकों को ‘ग्लास पैलेस’ की प्रतिकृति देखने को मिलेगी। पूरे मंडप में अविश्वशनीय सजावट की गई है।
शीश महल को “मिरर पैलेस” के नाम से भी जाना जाता है। इसमें सुंदर कीमती कांच और पत्थरो से हाथ से तैयार की गई पेंटिंग शीश महल को एक अजूबा बनाती है। इसमें मौजूद मिरर-वर्क ने लंबे समय से सभी प्रकार की सजावट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
संवाददाताओं से बात करते हुए सुरेंद्र कुमार शर्मा ( महासचिव, मोहम्मद अली पार्क दुर्गा पूजा कमेटी) ने कहा, हम इस बार शीश महल थीम के साथ मंडप का निर्माण किए हैं, क्योंकि कई लोगों ने हमसे इसके लिए अनुरोध किया था। वे राजस्थान नहीं जा सकते थे, लेकिन कोलकाता में ही इस दिव्य अजूबे में जाकर इसके भीतर बने कारीगरी को महसूस करना चाहते थे। दुर्गापूजा के इस त्योहार को और अधिक जीवंत, सुंदर और शाही बनाने के लिए हम इस ‘मिरर पैलेस’ को सुंदर कीमती पत्थरों, कांच और सुंदर हस्तनिर्मित चित्रों के साथ गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।
पूरे पूजा मंडप की दीवार और छत को सुंदर कांच और कीमती पत्थर की मदद से बने चित्रों और फूलों से उकेरा गया है। इसके भीतर जाकर आप अंदाजा लगा सकते हैं, कि इस पंडाल को बनाने में किस स्तर की वास्तुकला का इस्तेमाल किया गया है। जयपुर का शीश महल बदलते समय और विकसित हो रहे शहर के परिदृश्य का प्रमाण है।
इस अवसर पर मोहम्मद अली पार्क दुर्गा पूजा के संयुक्त सचिव श्री अशोक ओझा ने कहा, हजारों टिमटिमाते प्रतिबिंबों के साथ शीश महल पंडाल अपने परिवेश को रोशन कर इसे जीवंत रखेगा। इस मंडप में राजस्थान के राजघरानों की सुंदरता और भव्यता का प्रतिबिंब होगा। पूजा मंडप के अंदर अनगिनत ऐसी पेंटिंग और कलाकृतियां हैं, जो आपको रुचिकर और चकित कर देंगी। हमारा पूरा विश्वास है कि, दर्शक इस मंडप में आकर खुद को राजस्थान में महसूस करेंगे।
शुभजिता दुर्गोत्सव 2022 – नेत्रहीनों, दिव्यांगों एवं वृद्धों के अनुकूल दुर्गा पूजा मंडप होंगे पुरस्कृत
एनआईपी के ब्रेल डिस्प्ले स्टैंड की पहल पर साथ आईं तीन पूजा कमेटियां
कोविड सेफ दुर्गोत्सव अवार्ड 2022″ की घोषणा
कोलकाता । एनआईपी एनजीओ – नेत्रहीन और अन्य दिव्यांगों में शिक्षा और उनमें सांस्कृति के प्रसार करनेवाली स्वयंसेवी संस्था है। इस संस्था के सदस्यों के साथ फोरम फॉर दुर्गोत्सव, सैनी इंटरनेशनल स्कूल, ममता सुमित बिनानी फाउंडेशन और रोटरी क्लब ऑफ कोलकाता ओल्ड सिटी के सहयोग से शहर के पूजा कमेटियों के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रतियोगिता में ऐसी कुल 250 पूजा कमेटियां भाग ले रही है, जो वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए अपने पंडालों में प्रतिमा दर्शन को अनुकूल बनाने का प्रयास कर रही हैं। इस कार्यक्रम के दौरान शहर के तीन पूजा पंडालों में नेत्रहीनों की सुविधा के लिए ब्रेल डिस्प्ले स्टैंड को लगाकर इन तीनों मंडप में इसे लगाने की घोषणा की गई है, जिनमे हाजरा पार्क दुर्गोत्सव समिति, एस बी पार्क और चितपुर क्रॉसिंग के पास स्थित यंग बॉयज़ क्लब दुर्गापूजा मंडप शामिल हैं।
इस अवसर पर राज्य के कृषि मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय, हाजरा पार्क दुर्गोत्सव समिति के संयुक्त सचिव सायन देब चटर्जी , सीएस, डॉ. और एडवोकेट ममता बिनानी (एनआईपी एनजीओ की मुख्य संरक्षक और अध्यक्ष, एमएसएमई डेवलपमेंट फोरम, पश्चिम बंगाल), श्री सैनी ग्रुप के सीईओ तपन पटनायक, रोटरी क्लब ऑफ कलकत्ता ओल्ड सिटी के पूर्व अध्यक्ष श्री कल्याण भौमिक, श्री संजय मजूमदार (फोरम फॉर दुर्गोत्सव), देबज्योति रॉय (सचिव, एनआईपी एनजीओ) के साथ समाज की कई बड़ी प्रतिष्ठित हस्तियां मौजूद थीं।
इस मौके पर संवाददाताओं से बात करते हुए सीएस, डॉ. और एडवोकेट ममता बिनानी (एनआईपी एनजीओ की मुख्य संरक्षक और अध्यक्ष, एमएसएमई डेवलपमेंट फोरम, पश्चिम बंगाल) ने कहा, दिव्यांगता किसी व्यक्ति की विशेषता नहीं है, बल्कि उसकी शारीरिक परिस्थितियों का एक जटिल संग्रह है। जब ऐसे विशेष लोगों के लिए किसी मंडप में विशेष सुविधा की व्यवस्था हो और इसके जरिए दिव्यांगों को पंडाल में प्रवेश करने और वहां प्रतिमा दर्शन करने के लिए पहुंचने के लिए लंबी कतारों में खड़े होने की आवश्यकता न हो, तो सच में उन मंडप में नेत्रहीन और दिव्यांग दर्शक आकर इस उत्सव पर विशेष आनंद का अनुभव करेंगे। हमें इनके लिए बस थोड़ा सा बदलाव करने पर समाज में अलग-अलग क्षमताओं वाले दिव्यांगों के लिए अपनेपन और आनंद की भावना के साथ त्योहार मनाने की एक अलग अनुभूति होती है। कई पूजा समितियों को इस दिशा में प्रयास करते हुए देखकर हम काफी उत्साहित हैं। हमारी पूरी आशा है कि अन्य कमेटियां भी जल्द ही इसका पालन करेंगी।
कार्यक्रम के बारे में हाजरा पार्क दुर्गोत्सव समिति के संयुक्त सचिव सायनदेव चटर्जी ने कहा, उत्सव के इस मौसम की शुरुआत में जहां हर कोई बेदाग मूड के साथ रहना चाहता है, हमने मानवता के लिए एक अनूठी लड़ाई का समर्थन करने के साथ अपने आप को इसमें समर्पित करने का फैसला किया है। हमारा मानना है कि जब ऐसे विशेष लोगों के दैनिक जीवन की गतिविधियों के लिए, ब्रेल घड़ी, ब्रेल कैलकुलेटर, ब्रेल थर्मामीटर, आदि को दृष्टिहीनों की सुविधा के लिए विकसित किया गया है तो हम इन नेत्रहीनों को खुशियां प्रदान करने की कोशिश क्यों नहीं कर सकते हैं। यह सोचकर ही हमने इस वर्ष पूजा में ब्रेल डिस्प्ले स्टैंड के साथ इस उत्सव को मनाने का फैसला लिया है। यह केवल एक पुरस्कार समारोह या लॉन्च नहीं है, बल्कि, यह एक बेहतर समाज को बनाने के लिए सौहार्दपूर्ण वादे के साथ एक सुखद यात्रा का अनुभव भी है।
इस अवसर पर सैनी ग्रुप के सीईओ तपन पटनायक ने कहा, दुर्गा पूजा पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा त्योहार है। पश्चिम बंगाल के लोग इस पर्व का बड़े ही धूमधाम से आनंद लेते हैं। लेकिन इस बीच लोग समाज के इस दूसरे हिस्से के लोगों को भूल जाते हैं, जो अलग तरह से असक्षम हैं और वरिष्ठ नागरिक भी हैं। उनके नि:शुल्क प्रवेश के लिए अब हर पूजा पंडालों में कुछ अलग व्यवस्था हमे करनी होगी। हम इस राज्य के हर पूजा समितियों से इस मिशन का पूरे दिल से समर्थन करने का अनुरोध करते हैं। गौरतलब है कि एनआईपी एनजीओ – नेत्रहीनों और अन्य विकलांगों को शिक्षा प्रदान करने के साथ उनमें हमारी सांस्कृतिक को भी बढ़ावा देना है। एनआईपी को 3 दिसंबर, 2012 को “स्टेट अवार्ड” से सम्मानित किया जा चुका है।
नवरात्रि पर विशेष – जानिए अखंड ज्योति का महत्व
यूं तो घरों में प्रातः देव पूजन और संध्या के समय दीपक जलाया ही जाता है, किंतु नवरात्रि और अन्य प्रमुख अवसरों जैसे माता का जागरण, चौकी, राम चरित मानस का अखंड पाठ में अखंड ज्योति जलाई जाती है। सभी लोग लोग इस बात को जानते हैं कि अखंड ज्योति का भक्ति के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है।
अखंड ज्योति पर चर्चा करने के पहले दीपक के बारे में भी जानना बहुत जरूरी है। ईश्वर तक पहुंचती है भक्ति दीपक में उपस्थित अग्निदेव के माध्यम से भक्त अपनी संवेदनाएं ईश्वर के पास भेजने का प्रयास करता है। यहां पर दीपक भक्त के मेसेंजर के रूप में उसकी भावनाओं को ईश्वर या ईष्ट तक पहुंचाता है, इसलिए कहा जाता है कि जिन घरों में नित्य ईश्वर पूजा, दीपक जलाने, घंटी और शंख बजाने की परंपरा है, उन घरों में ईश्वर और मां लक्ष्मी का वास होता है। किसी भी प्रकार की पूजा का आरंभ दीप में अग्नि प्रज्ज्वलित करके ही किया जाता है और पूजा के अंत में देव या देवी की दीपक से ही आरती का प्रावधान है। दीपक रहे अखंडित जितनी देर उपासना चल रही होती है, उतनी देर दीपक अखंडित रूप से जलना चाहिए, ताकि उसकी ऊर्जा से धीरे-धीरे आसपास का औरा साफ होता रहे। दीपक का आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही प्रकार का महत्व बहुत अधिक होता है। दीपक जलने के बाद धीरे-धीरे अपनी लौ की गर्मी से आसपास के क्षेत्र को कवर करता है, जितनी देर अखंडित दीप जलता है, उसका क्षे उतना ही बढ़ता जाता है. अखंडित का सीधा अर्थ है कि जितनी देर पूजन चले, दीपक भी उतनी ही देर तक चलता रहे, यानी दीपक बुझना नहीं चाहिए. इसके लिए ध्यान रखना चाहिए कि जिस दीपक में अखंड ज्योति जलाई जाए, उसकी रुई की बाती पर्याप्त बड़ी हो और उसमें घी भी पर्याप्त मात्रा में हो।
दीपक के न बुझने देने के पीछे की अवधारणा यही है कि बिना किसी ब्रेक के निरंतर दीपक के जलने से उसकी ऊर्जा पूरे घर या भी क्षेत्र विशेष को कवर कर लेती है। जितने क्कोष्त्र अग्नि देव कवर कर लेते हैं, वहां की नकारात्मकता या ऊपरी बाधा रूपी, जिसे नक भी कहा जाता है, स्वतः ही समाप्त हो जाती है, इसलिए पूरे नवरात्र में अखंड ज्योति जलाने की परंपरा है। अग्नि देव से सूक्ष्य शुद्धता करने वाला यानी माइक्रो क्लीनर कोई और नहीं है, यानी अग्नि के संपर्क में आने के बाद अशुद्धि या नकारात्मकता भस्म हो जाती है और जो कुछ भी बचता है वह शुद्ध स्वर्ण तुल्य होता है. घर में अखंड ज्योति जलाने से सुख-समृद्धि और धन-संपदा प्राप्त होती है।
(साभार – जनता से रिश्ता)
बिहार के इस गांव में एक रुपये में दिया जाता है आठ लीटर दूध
सुपौल। सुपौल जिले के जदिया थाना क्षेत्र की गुड़िया पंचायत में जमाने से मृत्यु भोज के मौके पर एक रुपये में आठ लीटर दूध देने की परंपरा आज भी कायम है। इस परंपरा की शुरुआत कब हुई और किसने की इस बात पर ग्रामीण एक मत नहीं हैं किंतु आज भी पंचायत के अंदर इस परंपरा का निर्वहन सख्ती के साथ किया जा रहा है।
गुड़िया पंचायत के बारे में ग्रामीणों का कहना है यह पंचायत शुरू से बेहतर खेती तथा पशुपालन के लिए क्षेत्र में मशहूर है। यहां के 90 फीसद लोग बेहतर तरीके से खेती करते हैं तथा आज भी यहां के लोगों की पशुपालन में काफी दिलचस्पी है। यही कारण है कि यहां काफी मात्रा में दूध का उत्पादन होता है। शायद यही कारण भी रहा होगा कि किसी जमाने में यहां आपसी समझौते के तहत मृत्यु भोज में सामाजिक योगदान को लेकर यह परंपरा चलाई गई हो और यह प्रथा दस की लाठी एक बोझ साबित हुआ हो। इसलिए यहां के पशुपालकों को मृत्यु भोज में एक रुपये में आठ लीटर दूध देने की पाबंदी है। इसका इतनी कड़ाई से पालन किया जाता है कि अगर किसी पशुपालक द्वारा मृत्यु भोज में दूध उपलब्ध नहीं कराया जा सका हो या फिर बहाना बनाया गया हो तो भोज के दौरान उन्हें खाने-पीने की सारी वस्तु उपलब्ध कराई जाती है किंतु दही देने के वक्त उनके पत्ते में एक रुपये का सिक्का रख दिया जाता है। लज्जित होने के डर से सभी लोग निष्ठापूर्वक अपना-अपना योगदान अवश्य देते हैं।
मुखिया वीणा देवी का कहना है कि इस प्रथा के कारण आज भी पंचायत में न सिर्फ भाईचारा का माहौल बना हुआ है बल्कि पंचायत अंतर्गत गरीब से गरीब व्यक्ति को भी आयोजन करने में दूध की किल्लत महसूस नहीं होती है। सामाजिक कार्यकर्ता रणधीर यादव का कहना है कि इस परंपरा से न सिर्फ सामाजिक सरोकार को बल मिल रहा है बल्कि शोकाकुल परिवार को समाज की तरफ से थोड़ी बहुत आर्थिक मदद भी मिल जाती है।
बता दें कि गुड़िया पंचायत में पशुपालकों की संख्या दो हजार से भी ज्यादा है। लगभग डेढ़ महीने पूर्व पंचायत के वार्ड नंबर 08 निवासी ज्ञानी यादव की मौत हुई, 06 महीना पूर्व पंचायत के लबढी निवासी विशेश्वर यादव की मौत हुई, एक वर्ष पूर्व वार्ड नंबर 02 निवासी कामेश्वर यादव की मौत हुई, दो वर्ष पूर्व सुरेंद्र यादव की मौत हुई थी। इन सभी लोगों के मृत्यु भोज में इस परंपरा की निर्वहन करते हुए एक रुपये में आठ लीटर दूध दिया गया।
ऑनलाइन पेमेंट करते वक्त दिमाग में रखें ये 4 बातें, ठग पास फटकेंगे भी नहीं
डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में भारत ने रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बनाए हैं। डिजिटल पेमेंट पर हमारी निर्भरता बढ़ी है, एक तरह से यह हमारे ट्रांजैक्शनल हैबिट्स का एक हिस्सा बन चुका है लेकिन डिजिटल पेमेंट के साथ अगर सावधानी न बरती जाए तो ठगी की गुंजाइश बहुत दूर की बात नहीं. ऑनलाइन पेमेंट करते हुए फ्रॉड होने का डर बना रहता है। खासकर फ्रॉडस्टर्स ऐसे यूजर्स की तलाश में रहते हैं, जिसको बेवकूफ बनाकर वो पैसे ऐंठ सकें। डिजिटल पेमेंट के वक्त अगर आप ये चार बातें याद रखते हैं तो आपको अपने डेटा सुरक्षा की फिक्र नहीं करनी पड़ेगी।
1. अपना यूपीआई पिन किसी के साथ शेयर न करें
सबसे पहली बात अपना यूपीआई पिन किसी के भी साथ शेयर न करें। आपका यूपीआई पिन भी आपके एटीएम पिन जैसा ही होता है। यूपीआई बेस्ड पेमेंट ऐप्स पर पिन डालकर ही आप किसी ट्रांजैक्शन को ऑथराइज़ करते हैं। पिन को सेफ रखना आपकी पहली जिम्मेदारी है।
2. किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें
फ्रॉडस्टर्स अकसर लिंक भेजकर आपको क्लिक करने का झांसा देते हैं और फिर आपके डिवाइस में एंट्री पा जाते हैं। इससे उनके पास आपकी सारी डिटेल्स आ जाती हैं। ऐसे में कभी भी किसी भी लिंक पर अच्छी तरह से देखने-समझने के बाद ही क्लिक करें। किसी भी नंबर या ईमेल एड्रेस से आए लिंक पर क्लिक करने से बचें। वॉट्सऐप के जरिए भी यह खेल होता है, ऐसे मामलों में हमेशा सतर्क रहें।
3. किसे पैसे भेज रहे हैं, वो ब्योरा जाँच लें
यूपीआई पेमेंट की शुरुआत में ऐसा कई बार देखा गया था कि यूपीआई ऐप में रिसीवर की आईडी गलत है, या आपको बेवकूफ बनाकर आपको पैसे भेजने के बजाय आपसे पैसे सेंड करवा लिए गए। इसलिए जब भी आप कोई पेमेंट करने जाएं तो जहां अमाउंट डालने का बॉक्स आता है। उसके ऊपर ही दायीं ओर दिखता है कि ये पैसा किसे भेजा जा रहा है. इस एड्रेस को हमेशा चेक कर लें.
4. अपने डिवाइस की सिक्योरिटी अपडेटेड रखें
अपने डिवाइस की सिक्योरिटी को हमेशा अपडेट करके रखें। इसके साथ ही अपने डिवाइस को लॉक करके भी रखें। ऐसा पहले होता था कि हमारे फोन में हमारी ऐसी कोई सेंसिटिव डिटेल नहीं हुआ करती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब बैंकिंग, हेल्थ, फाइनेंस, से लेकर जरूरी डॉक्यूमेंट्स तक हम इस डिवाइस में रख सकते हैं. ऐसे में इसका प्रोटेक्शन भी इसी हिसाब से होना चाहिए।
आप एक काम यह भी कर सकते हैं कि आप अपने हर ऐप को लॉक करके रखें। इससे अगर आपका फोन अनलॉक रह भी जाता है तो भी हर ऐप को लॉक रखना समझदारी भरा कदम साबित होगा।
गोरखपुर में 1071 करोड़ का निवेश करेगी पेप्सिको
बाटलिंग प्लांट के लिए एक सप्ताह में आवंटित होगी जमीन- 15 सौ को मिलेगा रोजगार
गोरखपुर । गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में एक साथ अबतक का सबसे बड़ा निवेश होने जा रहा है। पेप्सिको की बाटलिंग कंपनी वरुण बेवरेजेस लिमिटेड की ओर से एक हजार 71 करोड़ 28 लाख रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया गया है। कंपनी ने 60 एकड़ जमीन की मांग की थी लेकिन अभी 45 एकड़ जमीन उपलब्ध है। इस बाटलिंग प्लांट के लगने से पूर्वांचल के औद्योगिक विकास की सूरत बदल जाएगी।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के किनारे औद्योगिक गलियारे में (नरकटहा गांव) में यह जमीन दी जा रही है और गीडा ने जमीन का पैसा जमा करने के लिए कंपनी को पत्र भी लिख दिया है। एक सप्ताह के भीतर जमीन आवंटित कर दी जाएगी। उम्मीद जताई जा रही है कि एक महीने के भीतर ही कंपनी बाटलिंग प्लांट स्थापित कराने के लिए भूमि पूजन भी करेगी।
तीसरे ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में वरुण बेवरेज की ओर से उत्तर प्रदेश में दो हजार करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की गई थी। इसमें से 1071.28 करोड़ रुपये गीडा में ही निवेश किए जा रहे हैं। इस निवेश से 1500 लोगों को रोजगार मिल सकेगा। वरुण बेवरेजेस लिमिटेड संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) के बाहर पेप्सिको की दूसरी सबसे बड़ी बाटलिंग कंपनी है।
कंपनी की ओर से गीडा के साथ ही कंपनी को 15 एकड़ जमीन और दी जाएगी। जमीन मिलने के साथ ही निवेश और बढ़ सकता है। कुल निवेश करीब 1500 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। कंपनी ने गीडा के साथ ही इंवेस्ट यूपी में भी आवेदन किया था। इंवेस्ट यूपी की ओर से फास्ट ट्रैक माध्यम से जमीन आवंटित करने को कहा गया। इस माध्यम से जमीन देते समय विज्ञापन निकालकर आवेदन लेने की जरूरत नहीं होती। जमीन सीधे कंपनी को आवंटित कर दी जाती है। ‘सुपर मेगा इंवेस्टमेंट’ श्रेणी में होने के कारण इस निवेश के लिए फास्ट ट्रैक माध्यम से जमीन दी जा रही है।
पेप्सिको के सभी बेवरेज उत्पाद इस कंपनी में तैयार होंगे। कार्बोनेटेड साफ्ट ड्रिंक जैसे पेप्सी, सेवेन अप, माउंटेन ड्यू, मिरिंडा, ट्रापिकाना फ्रूट जूस, एक्वाफिना पानी आदि का उत्पादन होगा। इसके साथ ही मिल्क बेस्ड ड्रिंक, वैल्यु एडेड डेयरी प्रोडक्ट, एवं ड्रिंक के लिए बोतल का उत्पादन किया जाएगा। भविष्य में यहां चिप्स आदि का भी उत्पादन हो सकता है।
एक हजार 71 करोड़ रुपये के निवेश के साथ ही औद्योगिक गलियारे में बड़े निवेश की शुरूआत भी हो गई है। गलियारे में अभी कई और बड़ी कंपनियों की ओर से निवेश किया जाएगा।
बजरंग पूनिया विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में चार पदक जीतने वाले पहले भारतीय
बेलग्रेड । बेलग्रेड में जारी विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने कांस्य मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। बजरंग भारत के इकलौते पहलवान हैं जिन्होंने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में चार मेडल जीतने का कारनामा किया है। इससे पहले बजरंग ने 2013 में ब्रॉन्ज, 2018 में सिल्वर और 2019 में फिर से कांस्य जीता था। विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के इस सत्र में बजरंग ने 65 किलोग्राम भारवर्ग में पुएर्टो रिको के सेबस्टियन रिवेरा को 11-9 से हराया।
बजरंग पूनिया पिछले कुछ सालों में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने इससे पहले तोक्यो ओलिंपिक कांस्य और 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स स्वर्ण जीता था। वहीं वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप उन्होंने भारत को दूसरा पदक दिलाया है। बजरंग के अलावा महिला पहलवान विनेश फोगाट ने चैंपियनशिप में कांस्य पदक अपने नाम किया है।
वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप के शुरुआती मुकाबले में बजरंग पिछड़ गए थे लेकिन उन्हें रेपचेज में कांस्य पदक जीतने का एक मौका मिला। उन्होंने रेपचेज के पहले मैच आर्मेनिया के पहलवान वेजगेन तेवान्यान को कड़े मुकाबले में हराया। इससे पहले बजरंग अपने शुरुआती मैच में ही चोटिल हो गए थे। उन्हें सर में चोट लगी थी लेकिन बावजूद इसके वह प्रतियोगिता में बने रहने का फैसला किया था।
चोट के कारण उनके प्रदर्शन पर भी असर देखने को मिला। विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के ब्रॉन्ज मेडल के प्लेऑफ मैच में 6-0 से पीछे चल रहे थे लेकिन इसके बाद उन्होंने वापसी करते हुए 11-9 से जीत हासिल की।
बजरंग के अलावा विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भारत के कई अन्य महिला और पुरुष पहलवान भाग ले रहे हैं। भारत ने इस चैंपियनशिप के लिए ग्रीको-रोमन, फ्रीस्टाइल और महिला कुश्ती की तीस कैटेगरी में कुल 30 पहलवान भेजे थे जिसमें से अब तक सिर्फ दो ही पदक जीत पाएं हैं।
बजरंग और विनेश फोगाट के अलावा सागर जगलान (74 किग्रा), नवीन मलिक (70 किग्रा) और निशा दहिया (68 किग्रा) कांस्य पदक के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इसके अलावा ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट और कॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट रवि दहिया को टूर्नामेंट की शुरुआत में झटका लगा था। वह प्री-क्वार्टर फाइनल राउंड में हार गए थे।