Monday, September 15, 2025
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एसबी पार्क सार्वजनिन में बांग्ला नववर्ष पर खूंटी पूजा के साथ दुर्गापूजा आरम्भ

कोलकाता । महानगर के ठाकुरपुकुर में स्थित स्टेट बैंक पार्क (एसबी पार्क) में इस साल दुर्गापूजा की तैयारी शुरू करने के लिए कमेटी के सदस्यों ने पोईला बैशाख का दिन चुना। इस शुभ अवसर पर गत शनिवार को एसबी पार्क सार्वजनिन ने खूंटी पूजा विधिवत तरीके से संपन्न कर दुर्गापूजा के रस्म की शुरुआत की। महानगर के बड़े दुर्गापूजा मंडप की श्रेणी में एसबी पार्क सार्वजनिन ने अपनी नवीन अवधारणा और उत्सव शैली के लिए शहर की आकर्षक पूजा में अपना अलग स्थान बनाए रखा है। खूंटी पूजा के बाद एनआईपी एनजीओ के नेत्रहीन और विकलांग छात्रों की तरफ से सांस्कृतिक कार्यक्रम में रंगारंग प्रस्तुति पेश की गयी । इस अवसर पर समाज की विभिन्न प्रतिष्ठित हस्तियों में सांसद माला रॉय (संसद सदस्य), राज्य के परिवहन मंत्र दिलीप मंडल, मूर्तिकार बिमल कुंडू , चित्रकार सुब्रत गंगोपाध्याय , अभिनेत्री नबनिता दत्ता, माया आर्ट स्पेस की प्रमुख मधुचंदा सेन के साथ समाज की कई अन्य प्रतिष्ठित हस्ती मौजूद थे।

पोहेला बैशाख उत्सव के बीच एसबी पार्क सार्वजनिन ने दुर्गापूजा की तैयारियों की शुरुआत की। जिसमें ढाकियो के साथ समाज के प्रसिद्ध हस्ती मौजूद थे। एसबी पार्क सार्वजनिन अपने 53वें वर्ष को काफी अधिक भव्यता और रचनात्मकता के साथ मनाने के लिए गर्वित महसूस कर रहा है। इस मौके पर संवाददाताओं से बात करते हुए क्लब के अध्यक्ष श्री संजय मजुमदार ने कहा, “वर्षों से दुर्गापूजा उत्सव को हर वर्ष भव्य और सुनियोजित तरीके से मनाने के लिए हर वर्ष हमें विभिन्न क्षेत्रों से कई पुरस्कार प्राप्त होते हैं। एसबी पार्क सार्वजनिन की पूरी टीम इस वर्ष भी दुर्गापूजा के आयोजन के लिए एक बार फिर पूरी तरह से तैयार है। गत वर्ष पूजा में हमारे मंडप में हर दिन लाखों लोगों की भीड़ जुटी रहती थी। इस वर्ष हमारे थीम पूजा के विषय में जानने के लिए लोगों को थोड़ा प्रतीक्षा करना होगा। हमें विश्वास है कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी विशेष थीम पर बनने वाले हमारा पूजा मंडप लोगों को बेहद पसंद आयेगा।

‘माया’ के कलाकारों, क्रू मेंबर्स, गायकों और संगीतकारों की मौजूदगी में फिल्म का संगीत लॉन्च

कोलकाता । राजर्षि दे की अगली टॉलीवुड फिल्म ‘माया’ मैकबेथ से अनुकूलित एक फिल्म है, जो लालच, महत्वाकांक्षा, पाप और भ्रष्टाचार से जुड़े विषयों को लेकर बनायी गयी है। इस फिल्म में मुख्य कलाकार अपने किरदारों में कैसे इस फिल्म के जरिए यह संदेश देने की कोशिश किए हैं कि, कैसे महत्वाकांक्षा, लालच, हृदयहीनता के खिलाफ पूर्ण शक्ति का प्रदर्शन करके इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी जाती है। बांग्ला सिनेमा में विलियम शेक्सपियर द्वारा मैकबेथ का अब तक का यह पहला रूपांतरण है। फिल्म का आधिकारिक म्यूजिक लॉन्च कोलकाता में फिल्म के कलाकारों, क्रू मेंबर्स, फिल्म के गायकों और संगीतकारों की मौजूदगी में किया गया।

डीएसआर एंटरटेनमेंट हाउस द्वारा प्रस्तुत और देबदास बनर्जी और रोहित बनर्जी द्वारा निर्मित इस फिल्म में बंगाल के 19 शीर्ष कलाकार अपनी प्रतिभा को अभिनय के जरिए दर्शकों के सामने लाने की कोशिश किए हैं। जिनमें बांग्लादेश के सुपर स्टार राफिथ राशिद मिथिला भी अभिनय करते दिखेंगी। यह भारत में उनकी पहली फिल्म है। प्रसिद्ध फिल्म निर्माता श्रीजीत मुखर्जी की पत्नी के रूप में भी जानी जाती है। इसके पहले धमाल मचाने वाली फिल्म ‘आबार कंचनजंघा’ की भारी सफलता के बाद राजर्षि दे द्वारा निर्देशित यह उनकी अगली फिल्म है। यह फिल्म महिला सशक्तिकरण के नजरिए को लेकर बनाया गया है।

इस फिल्म में स्टार कास्ट रफीथ राशिद मिथिला, तनुश्री चक्रवर्ती, ऋचा शर्मा, कोनीनिका बनर्जी, सुदीप्त चक्रवर्ती, रानीता दास, रतश्री दत्ता, देवलीना कुमार, सुदीप्त बनर्जी, सयंतनी गुहाकूटा, कमलेश्वर मुखर्जी, गौरव चक्रवर्ती, गौरव चटर्जी, राहुल, अरुणोदुय बनर्जी, अनिंद्य चटर्जी, इशान मजूमदार, रोहित बनर्जी, आशिम रॉय चौधरी और कान सिंह सोढा ने प्रमुख भूमिका निभाया है।

इस फिल्म में का म्यूजिक कंपोज रनाजय भट्टाचार्य द्वारा रचित है, फिल्म के गीतों को रूपंकर, सोमलता और उजान द्वारा गाया गया है। यह सुपरहिट फिल्म इस समर को रिलीज हो रही है। फिल्म का एक्सक्लूसिव म्यूजिक सारेगामा पर उपलब्ध है।

भवानीपुर कॉलेज के एनसीसी कैडटों को मिला राज्यपाल पदक 2023

कोलकाता । राष्ट्रीय कैडेट कोर सबसे बड़ा स्वैच्छिक युवा केंद्रित संगठन है जिसका उद्देश्य है देश के भविष्य को ऊपर उठाना और हमारे युवाओं को बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण प्रदान करना और प्रोत्साहित करना। व्यक्तित्व और चरित्र निर्माण, विकास के लिए सामाजिक सेवाओं में उनकी भागीदारी, नेतृत्व कौशल और उनकी समग्र क्षमता को बढ़ाना ही एनसीसी के महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं।  शिविरों में असाधारण प्रदर्शन करने वाले कैडेटों को पुरस्कृत कर आज के युवाओं की प्रतिभा और प्रतियोगिताओं, अपने संबंधित संस्थानों, इकाइयों, निदेशालयों और के बैनरों के उत्थान के लिए बड़े पैमाने पर देश के युवा कैडेट को प्रोत्साहित किया जाता है। । राज्यपाल का पदक सबसे प्रतिष्ठित और प्रतिस्पर्धा में से एक है जिसे राजभवन में राज्यपाल द्वारा दिया गया।
इस अवसर पर भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज के एनसीसी एनसीसी पदक प्राप्तकर्ताओं को गत 11 अप्रैल, 2023 को राजभवन, कोलकाता में सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य अतिथि पश्चिम बंगाल के महामहिम राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस ने की । उनका स्वागत अतिरिक्त महानिदेशक, पश्चिम बंगाल और सिक्किम निदेशालय एनसीसी डब्ल्यूबीएस निदेशालय मेजर जनरल यू.एस. सेनगुप्ता ने किया। छह समूहों के कैडेट और अधिकारी, वायु के साथ कमोडोर एन.एस. रॉय (निदेशक डब्ल्यूबी एंड एस निदेशालय), कमोडोर समीर चौधरी (समूह कमांडर कोलकाता – सी एनसीसी ग्रुप), ब्रिगेडियर जयदेव यादव (ग्रुप कमांडर दार्जिलिंग और सिक्किम एनसीसी समूह के साथ-साथ श्री मनीष जैन, सचिव, उच्च विभाग शिक्षा, पश्चिम बंगाल सरकार आदि के गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही। जैसे ही समारोह शुरू हुआ, राजभवन के मार्बल हॉल में राष्ट्रगान गूँज उठा। कैडेटों और अधिकारियों के रूप में भवन को दिन के लिए समान रूप से तैयार किया गया। मेजर जनरल यू.एस. सेनगुप्ता ने बधाई दी स्वागत भाषण के साथ सभा के बाद प्राप्तकर्ता कैडेटों का राज्यपाल का पदक प्रदान कर अभिनंदन किया गया।
एनसीसी कोलकाता बी ग्रुप के आठ में से तीन कैडेट जिन्हें सम्मानित किया गया। भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज, कोलकाता: सीएसयूओ राज तिवारी और सीयूओ अंजलि कुमारी, नंबर वन (पश्चिम बंगाल)एअर स्वड्रान एनसीसी , जिसने प्रधानमंत्री की रैली में मार्च किया और भाग लिया शिविर के दौरान कई अन्य प्रतियोगिताएं, डब्ल्यूबी एंड एस निदेशालय का प्रतिनिधित्व करते हुए गणतंत्र दिवस, दिल्ली 2022। एसयूओ सुभदीप साहा चौधरी, 31 बंगाल बटालियन एनसीसी, सीएसयू आदित्य राज (यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम, सिंगापुर 2018) के बाद दूसरा कैडेट है ।
यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम, बांग्लादेश में भारतीय युवा राजदूत के रूप में प्रतिनिधित्व किया 2022 में । इन कैडेटों ने न केवल अपने एनसीसी शिविरों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, बल्कि इसके अलावा वे सक्रिय रक्त दाताओं में हैं और व्यापक रूप से रीच आउट  (कोविड-19 राहत के लिए बीईएससी एनसीसी कलेक्टिव द्वारा आयोजित अभियान) अभियान जैसी कई सामाजिक सेवाओं के प्रोजेक्ट कर्तव्यों में शामिल हैं।
हमारे कैडेटों द्वारा वंचितों को भोजन और आवश्यक वस्तुएं दान करने के लिए आयोजित अभियान, स्वच्छ भारत अभियान, पुनीत सागर अभियान, उल्लेखनीय कार्य करने के लिए कैडेटों को सम्मानित करने के बाद एनसीसी समूहों और पश्चिम की इकाइयों बंगाल और सिक्किम निदेशालय को उनके समग्र प्रदर्शन के लिए सभी को पुरस्कार प्रदान किए गए, 6 बंगाल बटालियन एनसीसी रही जिसे “सर्वश्रेष्ठ इकाई” घोषित किया, इसके बाद नंबर 2 बंगाल नेवल एनसीसी को “उत्कृष्ट यूएनआईटी”, जबकि दार्जिलिंग और सिक्किम ग्रुप ने “बेस्ट एनसीसी ग्रुप” का खिताब जीता।
इसके बाद मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया, जिसके बाद उन्होंने सभा को अपना महत्वपूर्ण वक्तव्य से संबोधित किया । राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हुआ। पुरस्कार विजेताओं, अतिथियों और अधिकारियों को समूह तस्वीरों के लिए आमंत्रित किया गया और “हाई टी” भी दी गई। भारतीय सशस्त्र बलों के अधिकारी और सभी गणमान्य लोग इस दौरान आमने-सामने बातचीत करते हैं। महामहिम राज्यपाल ने सभी विजेताओं को शुभकामनाएँ दी। कार्यक्रम की रिपोर्ट अरित्रिका दूबे ने दी और सूचना दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।

आर माधवन के बेटे वेदांत ने देश के लिए जीते 5 स्वर्ण

नयी दिल्ली । आर. माधवन के बेटे वेदांत ने देश को एक नहीं, बल्कि पांच-पांच स्वर्ण पदक दिलवाए हैं। वेदांत माधवन ने हाल ही 58वीं माइलो/मास मलेशिया इनविटेशनल एज ग्रुप स्विमिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था। इसमें वेदांत ने 50 मीटर, 100 मीटर, 200 मीटर, 400 और 1200 मीटर की तैराकी चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और जीत हासिल की। आर. माधवन बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर यह अच्छी खबर साझा की। साथ ही कुछ तस्वीरें शेयर कीं, जिनमें बेटे वेदांत गले में पांच स्वर्ण पदक पहन रखे हैं और तिरंगे के साथ दिखाई दे रहे हैं।
इनमें से एक तस्वीर में वेदांत के साथ उनकी मां सरिता नजर आ रही हैं। आर. माधवन ने जैसे ही सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर कर खुशी जाहिर की, बधाई देने वालों का तांता लग गया। टिस्का चोपड़ा, लारा दत्ता, जुबैर खान से लेकर तमिल फिल्मों के स्टार सूर्या ने भी आर. माधवन को बधाई दी।
फरवरी में जीते थे 5 स्वर्ण और 2 रजत
इससे पहले वेदांत ने फरवरी 2023 में ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स’ में 5 स्वर्ण और 2 रजत समेत 7 पदक जीते थे। इस चैंपियनशिप में वेदांत ने महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व किया था। मालूम हो कि आर. माधवन के बेटे वेदांत तैराक हैं और वह इसी में कॅरियर बनाना चाहते हैं। साल 2022 में वेदांत ने जूनियर राष्ट्रीय तैराकी चैंपियनशिप में 1500 मीटर फ्रीस्टाइल जीती थी ।

20 साल की उम्र में आदित पालिचा ने कमा लिए 1200 करोड़

आदित पालिचा उन युवाओं में रहे जिन्होंने छोटी-सी उम्र में 1200 करोड़ रुपये कमा लिए । आदित पालिचा उस कंपनी के सीईओ हैं, जिसका टर्नओवर 2022 में 900 मिलियन डॉलर यानी 7300 करोड़ को पार कर गया । खास बात है कि महज एक साल के अंदर इस युवा ने अपने दोस्त के साथ मिलकर अरबों की कंपनी को खड़ा कर दिया । ऑनलाइन ग्रोसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म जेप्टो की शुरुआत 2021 में हुई थी ।
मुम्बई में 2001 में जन्मे आदित पालिचा ने महज 17 साल की उम्र में व्यवसाय की शुरुआत की । उन्होंने गो पूल नाम से स्टार्टअप शुरू किया था । कम्प्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के लिए वह अमेरिका स्थित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ने गए लेकिन अपना स्टार्टअप शुरू करने के लिए बीच में ही कोर्स छोड़ दिया और उनका यह फैसला सही साबित हुआ ।
आदित ने अपने दोस्त कैवल्य वोहरा के साथ मिलकर ऑनलाइन ग्रॉसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म जेप्टो की अप्रैल 2021 में शुरुआत की । स्टार्टअप को शुरू करने के 1 महीने के अंदर ही कंपनी का वैल्यूएशन 200 मिलियन डॉलर का हो गया । कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने 10 मिनट के भीतर किराना सामानों की डिलीवरी करने के लिए यह स्टार्टअप शुरू किया और उनका यह कॉन्सेप्ट बेहद सफल रहा ।
आदित पालिचा के दोस्त और कंपनी के सह संस्थापक कैवल्य वोहरा की कहानी भी कुछ ऐसी है । दोनों अपना स्टार्टअप शुरू करने के लिए स्टैनफोर्ड से पढ़ाई बीच में छोड़कर आ गए । हालांकि, पहले दोनों ने किरणकार्ट नाम का एक स्टार्टअप शुरू किया लेकिन बंद कर दिया क्योंकि उन्हें अपना यह प्रोडक्ट बाजार में फिट नहीं लग रहा था ।
कोरोना महामारी में चला बिजनेस आइडिया
2021 में दोनों दोस्तों ने मिलकर जेप्टो की शुरुआत की । इसके लिए 2021 में उन्होंने 86 किराने की दुकानों के साथ सहयोग किया और 10 लाख ऑर्डर की डिलीवरी की । कम्पनी के लॉन्च होने के 5 महीने के अंदर वैल्युएशन 570 मिलियन डॉलर तक पहुंच गयी । अपनी इस कामयाबी के लिए आदित पालिचा और कैवल्य वोहरा को हुरुन लिस्ट अंडर 30 एन्टप्रिन्योर में शामिल किया जा चुका है.
फिलहाल जेप्टो भारत में 10 बड़े शहरों में काम कर रहा है । कम्पनी में 1,000 तक कर्मचारी काम करते हैं । यह प्लेटफॉर्म पर 3,000 प्रॉडक्ट्स की डिलीवरी करता है । इनमें फल, सब्जी से लेकर किराने के सामान शामिल हैं । जेप्टो की खासियत उसकी क्विक डिलीवरी सर्विस है । यह आमतौर पर 10 से 15-16 मिनट के भीतर डिलीवरी कर देता है ।

वन मैन बैंड ग्लैडसन पीटर..जो बजाते हैं एक साथ 14 वाद्ययंत्र

ग्लैडसन पीटर को जो देखता है बस देखता ही रह जाता है। लोग उन्‍हें ‘वन मैन बैंड’ के नाम से जानते हैं। वह एक साथ 14 इंस्‍ट्रूमेंट बजाते हैं। इन वाद्य यंत्रों को बजाने के साथ वह गाना भी गाते हैं। इस खूबी के कारण वह चलता-फिरता बैंड नजर आते हैं। हालांकि, मुंबई में रहने वाले ग्‍लैडसन पीटर को जिंदगी में कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा है। कभी उनके फेफड़े 40 फीसदी तक बेकार हो गए थे। वह गंभीर डिप्रेशन में चले गए थे। उनके मन में आत्‍महत्‍या करने तक के ख्‍याल आने लगे थे। लेकिन, फिर उन्‍हें एहसास हुआ कि ईश्‍वर ने उन्‍हें बहुत बड़ी कला दी है। वह इसे बेकार नहीं जाने देंगे। इस मजबूत इच्‍छाशक्ति के कारण वह डिप्रेशन और फेफड़े की बीमारी से उबर गए। उन्‍होंने आज म्‍यूजीशियन के तौर पर अपनी मुकम्‍मल पहचान बना ली है।
ग्‍लैडसन पीटर कभी किसी म्‍यूजिकल ग्रुप का हिस्‍सा नहीं बने लेकिन, फैसला किया कि खुद एक बैंड बनेंगे। आज वह अपने आप को ‘वन मैन बैंड’ कहते हैं। एक साथ 14 इंस्‍ट्रूमेंट बजा और गाकर पीटर दुनियाभर में हजारों लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं।
इस संगीतज्ञ का जन्‍म तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में हुआ था। तीन साल की उम्र से संगीत से पीटर को प्‍यार था। उन्होंने इस छोटी सी उम्र में टॉय कीबोर्ड बजाना शुरू कर दिया था। धीरे-धीरे संगीत के लिए यह प्‍यार बढ़ता गया। वैसे तो पीटर ने संगीत की कोई औपचारिक शिक्षा नहीं ली लेकिन, वह चर्च के कॉयर से हमेशा जुड़े रहे। इस दौरान उनकी पढ़ाई भी चलती रही।
जब पीटर की उम्र 21-22 साल की हुई तो पता चला कि उनके फेफड़ों में दो छेद हैं। इससे उनके 40 फीसदी फेफड़ों को नुकसान हो चुका है। वह एक साल से ज्‍यादा समय तक बिस्‍तर से लगे थे। एक समय आत्महत्या का ख्‍याल भी आने लगा था। लेकिन, संगीतज्ञ बनने के उनके सपने ने उन्‍हें अपनी बीमारी से लड़ने की ताकत दी। उनके मन में ‘वन मैन ब्रैंड’ प्रोजेक्‍ट चल रहा था। यह खूबी दुनिया में कुछ गिने-चुने लोगों के पाास है।
ग्‍लैडसन पीटर आज करीब 45 वाद्ययंत्र बजा लेते हैं। उन्‍होंने पिछले तीन साल में 2,000 से ज्‍यादा शो किए हैं। सिर्फ देश में ही नहीं, विदेश जाकर भी उन्‍होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। वह चीन और यूएई जैसे देशों में जाकर शो कर चुके हैं।

21,000 कांच की बोतलों से सजावटी सामान बना चुकी है यह महिला

नयी दिल्‍ली । हममें से ज्‍यादातर लोग पुरानी कांच की बोतलों को कचरा समझकर फेंक देते हैं। लेकिन, रंजिनी थम्‍पी के लिए ये किसी खजाने से कम नहीं हैं। वह पुरानी कांच की बोतलों से घर की सजावट का खूबसूरत सामान बना देती हैं। 35 साल की रंजिनी ने इस हुनर से कमाई का बढ़‍िया जरिया खोज लिया है। वह वापसे नाम की एक स्‍टार्टअप कंपनी की माल‍किन हैं। इसके जरिये रंजिनी 21,000 से ज्‍यादा कांच की बोतलों को घर की सजावट के सामान और आर्ट पीस में बदल चुकी हैं। इनका इस्‍तेमाल टेबल लैंप, साइड टेबल डेकोरेशन, वॉल हैंगिंग जैसे आइटमों को बनाने के लिए किया गया है।
रंजिनी ने दुबई में अपनी पढ़ाई पूरी की। 2015 में शादी के बाद वह कोच्चि आ गईं। भारत आने पर उन्‍होंने काम से छुट्टी ली। उन्‍हें बचपन से आर्ट और क्राफ्ट में बहुत दिलचस्‍पी थी। फुर्सत मिलते ही उन्‍होंने अपनी दिलचस्‍पी के क्षेत्र में काम किया। रंजिनी ने पेंटिंग बनानी शुरू की। लेकिन, वह अपनी कला में कुछ मकसद भी तलाश रही थीं। एक दिन उनका स्‍क्रैप डीलर के यहां जाना हुआ। उन्‍हें अपने पति के साउंड स्‍टूडियो के लिए कुछ पुराने इंस्‍ट्रूमेंट खरीदने थे। वहां पर उन्‍होंने देखा कि बहुत सा सामान ऐसे ही पड़ा हुआ था। इसका कोई इस्‍तेमाल नहीं हो रहा था। वहीं उन्‍हें ग्‍लास वेस्‍ट को इस्‍तेमाल करने का आइडिया आया। और तो और बात करने पर कई स्‍क्रैप डीलरों ने उन्‍हें कांच की बोतलों को मुफ्त में दे दिया। फिर उन्‍होंने टायर के रिम, बकेट, ग्‍लास और टिन कैन जैसी चीजों को जुटाना शुरू किया।
इन जुटाई गई चीजों से रंज‍िनी ने घर की सजावट का सामान बनाया। इसे अपने घर में इस्‍तेमाल करने के साथ दोस्‍तों को भी दिया। देखते ही देखते उन्‍हें दोस्‍तों और परिवार के लोगों से ऑर्डर मिलने लगे। इनमें से कई परिवार तो ऐसे थे जो अपने घर को रीफर्निश करने के लिए उनके उत्पादों को चाहते थे। जब ऑर्डर और ज्‍यादा बढ़ने लगे तो 2021 में उन्‍होंने स्‍टार्टअप शुरू कर दिया। इसका नाम वापसे है। इसके पहले 2020 में क्‍लाइमेट कलेक्टिव नाम के संगठन से वह संपर्क में आई थीं। यह संगठन सस्‍टेनेबल बिजनस को प्रोमोट करता है। बिजनस में बिना किसी अनुभव के रंजिनी इंडिया सेमी फाइनल तक पहुंची थीं।
आईआईएम बेंगलुरु में सीखे व्यवसाय के गुर
रंजिनी के मेंटर ने उन्हें आईआईएम बेंगलुरु के प्रोग्राम में आवेदन करने के लिए कहा था। यह स्‍टार्टअप के लिए था। आवेदन करने पर उनका सेलेक्‍शन हो गया। आईआईएम-बेंगलुरु में उन्‍होंने बिजनस के सभी पहलुओं को सीखा। अपने स्‍टार्टअप वेंचर के जरिये रंजिनी होम डेकोर प्रोडक्‍टों की व्‍यापक रेंज उपलब्ध करवाती हैं। इनमें बाउल्‍स, सेंटरपीस, टेबल, लैंप और आर्टपीस शामिल हैं। वह कहती हैं कि उन्‍होंने 21,000 से ज्‍यादा कांच की बोतलों को घर की सजावट के सामान में बदला है। कांच के अलावा उन्‍होंने 5,000 से ज्‍यादा नारियल के खोलों, 800 किलो से अधिक लकड़ी और 500 किलो मेटल वेस्‍ट को खूबसूरत आइटम्‍स और आर्टपीस में तब्‍दील क‍िया है। अब तक वह ऐसे 5,000 से ज्‍यादा प्रोडक्‍टों की बिक्री कर चुकी हैं।

108 साल की उम्र में तमिलनाडु की अम्मा बनीं टॉपर

तिरुवनंतपुरम । केरल सरकार के साक्षरता कार्यक्रम के तहत आयोजित एक परीक्षा में तमिलनाडु के थेनी की रहने वाली 108 साल की एक महिला ने पहली रैंक हासिल करते हुए इतिहास रचा है। कमलकन्नी नाम की महिला का जन्म 1915 में हुआ था। उन्होंने परीक्षा में 100 में से 97 अंक हासिल किए। कमलाकन्नी एक स्कूल ड्रॉपआउट हैं। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले कई लोगों की तरह, वह अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने में असमर्थ थी। कम उम्र में ही महिला परिवार केरल आ गया और यहां के इलायची बागान में काम करने लगा।
उन्होंने अपने जीवन के 80 साल इलायची के खेतों में मेहनत करते हुए बिताए। हालांकि, उनके पोते के अनुसार, गरीबी में रहने और बहुत सी कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद, उन्होंने साक्षर होने की अपनी इच्छा को कभी नहीं छोड़ा।
मेहनत लाई रंग
कमलकन्नी ने अनुरोध किया कि उनका परिवार उन्हें शास्त्र कार्यक्रम में नामांकित करे। उसने अपने लेखन कौशल (मलयालम और तमिल में) पर कड़ी मेहनत की। साक्षरता परीक्षा में अव्वल आने के बाद उनकी मेहनत रंग लाई। उनके पोते ने बताया कि परिवार अगले महीने उनकी दादी का जन्मदिन एक भव्य पार्टी के साथ मनाने की योजना बना रहे हैं। हमें खुशी है कि उसने इतनी बड़ी उम्र में एक मिसाल कायम की है। कार्यक्रम के तहत हाई स्कोर हासिल करने के लिए उन्हें केरल सरकार से भी मान्यता मिली है।
95 प्रतिशत साक्षरता वाला राज्य है केरल
केरल 95 प्रतिशत से अधिक साक्षरता दर के साथ भारत में सबसे ज्यादा साक्षर राज्य होने के लिए जाना जाता है। हाल ही में केरल सरकार ने राज्य के सीनियर सिटीजन को पढ़ना और लिखना सीखने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए संपूर्णम शास्त्र साक्षरता कार्यक्रम शुरू किया है। कमलकन्नी की कहानी साबित करती है कि साक्षर होने के लिए उम्र कोई बाधा नहीं है। स्कूल वापस जाने और आपने जो शुरू किया उसे पूरा करने में कभी देर नहीं होती।

नदी के नीचे सुरंग और उसमें दौड़ती मेट्रो, कोलकाता ने रचा इतिहास

नयी दिल्ली । जमीन के ऊपर और जमीन के नीचे मेट्रो चलते तो आपने बहुत देखी होगी। लेकिन क्या आपने नदी के नीचे चलती हुई मेट्रो कभी देखी है? कोलकाता मेट्रो ने यह कमाल कर दिखाया है। देश में पहली बार कोई मेट्रो नदी के नीचे होकर गुजरी है। मेट्रो ने हुगली नदी के नीचे सुरंग बनाई है। इस सुरंग में होकर मेट्रो कोलकाता से हावड़ा पहुंची है। इस अंडरवाटर मेट्रो के ट्रायल रन की एक वीडियो रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गत शुक्रवार को ट्विटर पर शेयर की है। उन्होंने कहा कि यह इंजीनियरिंग का एक और चमत्कार है। हुगली नदी के नीचे मेट्रो रेल सुरंग स्टेशन बनाया गया है। कोलकाता से हावड़ा के इस रूट पर मेट्रो की सेवाएं इसी साल शुरू होने की उम्मीद है। यह सेवा शुरू होने पर हावड़ा देश का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन बन जाएगा। यह सतह से 33 मीटर नीचे है। नदी के नीचे मेट्रो के लिए दो सुरंगे बनाई गई हैं।
आधा किलोमीटर लंबी है यह सुरंग
हुगली नदी के नीचे बनी यह मेट्रो सुरंग 520 मीटर लंबी है। हावड़ा से एस्प्लेनेड तक का रास्ता कुल 4.8 किलोमीटर लंबा है। इसमें 520 मीटर की अंडरवाटर सुरंग है। सुरंग की पूरी लंबाई की बात करें, तो यह 10.8 किलोमीटर अंडरग्राउंड है। यात्री पानी के नीचे बनी इस आधा किलोमीटर की सुंरग से 1 मिनट से भी कम समय में गुजरेंगे। लंदन और पेरिस के बीच चैनल टनल से गुजरने वाली यूरोस्टार ट्रेनों की तरह ही कोलकाता मेट्रो की इन सुरंगों को बनाया गया है। अप्रैल 2017 में एफकॉन ने सुरंगों की खुदाई शुरू की थी और उसी साल जुलाई में उन्हें पूरा किया गया।
7 महीने तक रोज होगा ट्रायल
कोलकाता मेट्रो के महाप्रबंधक पी. उदय कुमार रेड्डी ने कहा, ‘यह तो बस शुरुआत है। इस रूट पर नियमित अंडरवाटर ट्रायल होगा। अगले सात महीने तक इस रूट पर नियमित ट्रायल रन किया जाएगा। इसके तुरंत बाद आम जनता के लिए नियमित सेवाएं शुरू हो जाएंगी।’
पानी की सतह से 36 मीटर नीचे है सुंरग
इस अंडरवाटर मेट्रो सुरंग का निचला भाग पानी की सतह से 36 मीटर नीचे है। यहां ट्रेनें जमीनी स्तर से 26 मीटर नीचे चलेंगी। यह एक इंजीनियरिंग चमत्कार से कम नहीं है। इसके निर्माण में पानी की जकड़न, वॉटरप्रूफिंग और गास्केट की डिजाइनिंग प्रमुख चुनौतियां थीं। सुरंग के निर्माण के दौरान 24×7 चालक दल की तैनाती की गई। टीबीएम के कटर-हेड हस्तक्षेप नदी के नीचे गिरने से ठीक पहले किए गए थे। जिससे शुरू होने के बाद किसी हस्तक्षेप की जरूरत न हो। टीबीएम रिसाव रोकने वाले तंत्र से लैस थे और खराब मिट्टी की स्थिति के माध्यम से खुदाई कर सकते थे। यहां मजबूत नदी सुरंग प्रोटोकॉल का पालन किया गया था। इन सुरंगों को 120 साल तक सेवा के लिए बनाया गया है। पानी की एक बूंद भी नदी की सुरंगों में नहीं आ सकती है।

लू से बचने के लिए कारगर हैं आयुर्वेदिक उपाय

बढ़ते तापमान और लू के कारण भारत के कई शहरों में लू की चेतावनी ने सभी को चिंता में डाल दिया है । इन दिनों धूप में एक घंटे के लिए भी बाहर जाने से दाने और सनबर्न जैसी समस्या शुरू हो जा रही है ।
ज्यादा देर तक धूप में रहने से घमौरी की दिक्कत भी शुरू हो जाती है । इसका हमें वक्त रहते इलाज कर लेना चाहिए नहीं तो यह आगे जाकर काफी ज्यादा दर्दनाक साबित हो सकती है । हालांकि इन घमौरियों के इलाज के लिए कई मलहम उपलब्ध है जिससे यह तुरंत ठीक हो जाते हैं ।
वहीं कई लोगों का मानना है कि ऐलोपैथी की दवाई में केमिकल काफी ज्यादा होता है । इसकी वजह से हीटवेव से होने वाली घमौरी और फुंसी में आयुर्वेदिक दवाई ही बड़े काम की होती है । आयुर्वेद के जरिए घमौरियों का इलाज करने के लिए आपकी रसोई में कई सामान मौजूद हैं जिससे त्वचा की समस्याओं मसलन सनबर्न और घमौरी में तुरंत आराम मिलेगा । हीट रैशेज और सनबर्न से बचना है तो आप आयुर्वेद के इन उपाय अपना सकते हैं –
एलोवेरा
एलोवेरा त्वचा और बालों के लिए बहुत अच्छा होता है । त्वचा की देखभाल में जहां यह एक पौष्टिक तत्व है, वहीं गर्मियों में भी यह बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि यह शरीर को ठंडा रखता है । यह सूर्य के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण होने वाले किसी भी गर्मी के चकत्ते और सनबर्न को भी ठीक करता है ।
मुल्तानी मिट्टी
मुल्तानी मिट्टी में एनाल्जेसिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो त्वचा को हीट रैश से तुरंत राहत दिलाने में मदद करते हैं। इसे लगाना भी आसान है । आधा चम्मच मुल्तानी मिट्टी में पानी मिलाकर पेस्ट बना लें और इसे प्रभावित हिस्से पर लगाएं ।
पेपरमिंट तेल
पेपरमिंट ऑयल जलन का इलाज करता है और गर्मी के दाने से होने वाले जलन को ठीक करता है। इसे प्रभावित क्षेत्र पर क्रीम, तेल, स्प्रे या क्रीम के रूप में लगाया जा सकता है ।
नारियल का तेल
सनबर्न या हीट रैश के मामले में नारियल का तेल त्वचा को आराम देने के लिए अच्छा माना जाता है । यह त्वचा को आराम देने वाले और जीवाणुरोधी गुणों के साथ घमौरियों के लक्षणों को संतुलित करता है ।
ककड़ी का रस
गर्मियों में त्वचा को ठंडक पहुंचाने के लिए ताजा खीरे का रस बहुत मददगार होता है । वास्तव में, विशेषज्ञ खीरे को फ्रीज करके गर्मियों में अपनी त्वचा पर लगाने की सलाह देते हैं ताकि इसे हाइड्रेटेड और ठंडा रखा जा सके ।
घमौरियों का मुख्य कारण हाइपरहाइड्रोसिस है । घमौरियों का मुख्य कारण हाइपरहाइड्रोसिस है जिसका अर्थ अत्यधिक पसीना, गर्म जलवायु, अत्यधिक शारीरिक गतिविधि, तंग कपड़े और लंबे समय तक बिस्तर पर आराम करना है. सुनिश्चित करें कि आप इस स्थिति से बचने के लिए गर्मियों में हाइड्रेटेड और कूल रहें ।