Saturday, March 15, 2025
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डेनमार्क की इस मस्जिद का महिलाएं करेंगी नेतृत्व

आमतौर पर किसी मस्जिद में पुरुष इमाम होते हैं, घोषणा करते हैं, अजान देते हैं. लेकिन डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में एक ऐसी मस्जिद बनी है जहां ये सब काम महिलाएं करेंगी।

इस मस्जिद की शुरुआत शेरीन खानकन नाम की महिला ने की है. शेरीन के पिता सीरियाई मुस्लिम हैं वहीं मां इसाई हैं। इस मस्जिद का नाम मरियम रखा गया है.

जुम्मे की नमाज में होंगी सिर्फ महिलाएं
मरियम मस्जिद में शुक्रवार की नमाज में पुरुष हिस्सा नहीं ले सकते हैं. हालांकि इसके अलावा रोज महिलाएं और पुरुष मस्जिद की हर गतिविधि में बराबर हिस्सा ले सकते हैं। मस्जिद में चार इमाम हैं ये चारों ही महिलाएं हैं। इनमें से एक शेरीन भी हैं.

शेरीन डेनमार्क में जानी-मानी लेखिका हैं। शेरीन का मानना है कि इस्लाम ही नहीं बल्कि यहूदी, इसाई और अन्य धर्मों के संस्थानों में भी पितृसत्तात्मकता मौजूद है. इसे दूर करने के लिए ऐसे कदम उठाना जरूरी है. डेनमार्क में पहली बार महिलाओं के नेतृत्व वाले मस्जिद की शुरुआत हुई है. हालांकि अमेरिका, कनाडा, जर्मनी जैसे देशों में भी ऐसे प्रोजेक्ट देखने को मिल चुके हैं.

कहें ईश्वर को धन्यवाद

हम कुछ मांगने के लिए ईश्वर से प्रार्थना तो करते हैं लेकिन हममें से कितने लोग उनका शुक्रिया भी अदा करते हैं? हम इस बात पर ज्यादा ध्यान देते हैं कि ईश्वर ने हमें क्या नहीं दिया, लेकिन इसके कि ईश्वर ने हमें क्या दिया है।

एक कहानी है, जिसमें ईश्वर ने मनुष्यों की प्रार्थनाएं सुनने के लिए दो फरिश्तों को धरती पर भेजा। एक फरिश्ते से कहा गया था कि वह उन प्रार्थनाओं को इकट्ठा करें, जिनमें ईश्वर से कुछ मांगा जा रहा हो। दूसरे से कहा गया कि वह उन प्रार्थनाओं को जमा करें, जिनमें ईश्वर का शुक्रिया अदा किया जा रहा हो और कृतज्ञता प्रकट की जा रही हो।

दोनों फरिश्ते एक-एक विशाल टोकरी लेकर धरती पर उतरे। जो फरिश्ता ईश्वर से कुछ मांगने संबंधी प्रार्थनाएं जमा कर रहा था, वह अत्यधिक व्यस्त हो गया। कई सारे लोग ईश्वर से प्रार्थना कर रहे थे कि वे उन्हें ज्यादा पैसा दे दें, बेहतर स्वास्थ्य दे दें, नवीनतम डिजिटल उपकरण दे दें, खूबसूरत जेवरात, महंगे कपड़े या फिर नए खिलौने दे दें।

इस बीच दूसरे फरिश्ते ने दूर-दूर की यात्रा की और ऐसी प्रार्थनाओं की तलाश करता रहा, जिनमें ईश्वर का शुक्रिया अदा किया जा रहा हो। कुछ दिन बाद मांग वाली प्रार्थनाओं से तो एक ट्रक भर गया। जबकि शुक्राने वाली प्रार्थनाएं गिनती की ही थीं। जब वे दोनों अपना-अपना ‘कलेक्शन’ लेकर लौटे, तो ईश्वर ने आह भरते हुए कहा, ‘इसमें कोई नई बात नहीं है।

देखा आप लोगों ने, ईश्वर होना कैसा होता है? लोग हमेशा कुछ-न-कुछ मांगने के लिए प्रार्थना करते रहते हैं। यह ठीक भी है क्योंकि इसी बहाने वे मुझे याद तो करते हैं। मगर बहुत कम लोगों को मेरा शुक्रिया अदा करना याद रहता है।’

यह कहानी हम मनुष्यों की स्थिति बयान करती है। लोग दूसरों से कुछ करने की गुजारिश तो करते हैं लेकिन कितने लोग उन्हें शुक्रिया अदा करने के लिए भी समय निकालते हैं? इसी प्रकार, हम कुछ मांगने के लिए ईश्वर से प्रार्थना तो करते हैं लेकिन हममें से कितने लोग उनका शुक्रिया भी अदा करते हैं? हम इस बात पर ज्यादा ध्यान देते हैं कि ईश्वर ने हमें क्या नहीं दिया, बनिस्बत इसके कि ईश्वर ने हमें क्या दिया है।

ईश्वर ने हमें जितना कुछ दिया है, यदि हम उसमें से प्रत्येक चीज के लिए उन्हें एक ‘थैंक यू नोट’ लिखने बैठें, तो हमें अहसास होगा कि उन्होंने हमें कितना कुछ दिया है। शायद हम यह सोचते हैं कि ईश्वर तभी मौजूद होते हैं, जब सब कुछ हमारी मर्जी अनुसार चल रहा होता है।

हो सकता है कि हमारे पास 25 साल से नौकरी थी लेकिन एक बार हमें नौकरी से हाथ धोना पड़े, तो हम कह देते हैं कि ईश्वर नहीं है! हो सकता है कि हमारे पास बरसों से एक स्नेहिल परिवार रहा हो लेकिन एक सदस्य के न रहने पर हम ईश्वर को दोष देने लगते हैं। हो सकता है कि

हम वर्षों तक पूरी तरह स्वस्थ रहे हों लेकिन एक बार कोई गंभीर बीमारी हो जाए, तो हम कहते हैं, ‘यह मुझे क्या हो गया! कोई ईश्वर-बीश्वर नहीं है। जब कुछ गलत हो जाए, तो बहुत कम लोग कहते हैं, ‘कोई बात नहीं भगवान, मैं अब भी आपको मानता हूं और जानता हूं कि आप हो। मेरे साथ जो हुआ, वह शायद मेरे लिए अच्छा ही था और यही आपकी मर्जी थी।

आइए, हम हर उस दिन के लिए ईश्वर को शुक्रिया कहें, जब हम अपना काम कर पाते हैं, अपने परिवार और मित्रों के साथ आनंद के पल गुजार पाते हैं। हम अपने स्वास्थ्य के लिए उनसे धन्यवाद कहें और कृतज्ञता दर्शाएं कि हमारी बीमारी बदतर नहीं हुई।

हम उन सभी उपहारों के लिए खुशी महसूस करें, जो हमें मिले हैं। केवल भौतिक, बौद्धिक या भावनात्मक ही नहीं, बल्कि ईश्वर की ओर से प्राप्त आध्यात्मिक उपहारों के लिए भी। हम प्रार्थना और ध्यान द्वारा तथा दूसरों की निस्वार्थ सेवा द्वारा भी अपने भीतर मौजूद दिव्य शक्ति के साथ संबंध स्थापित कर सकते हैं। इस प्रकार हम शब्दों से ही नहीं, बल्कि कर्मों के माध्यम से भी ईश्वर का शुक्रिया अदा करेंगे।

 

जानें एग फ्रीजिंग के बारे में

आज कई महिलाएं कैरियर या किसी अन्य समस्या के कारण परिवार को देर से आरंभ करने का इरादा रखती हैं। जिस वजह से वे एग फ्रीजिंग की तकनीक को आज़माने की भी इच्छा रखती हैं। हालांकि ये तकनीक महंगी है लेकिन कुछ कंपनी इसका खर्चा उठाने के लिए तैयार हैं। ये एक अच्छी ख़बर है परंतु इस प्रक्रिया से साथ जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानना भी जरूरी है।

एग फ्रीजिंग एक नई तकनीक है जिसमें महिलाओं के अंड़ाणुओं को निकाल कर, फ्रीज करके स्टोर किया जाता है। बाद में, जब वह मां बनने का निर्णय लेती है तब गर्भाधान करने के लिए इन अंड़ाणुओं को गर्म करके भ्रूण के रूप में गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है।

इस नई तकनीक को कौन अपना सकता है?

  • जो महिलाएं व्यक्तिगत कारणों की वजह से परिवार शुरू करने की इच्छा नहीं रखती हैं
  • कैंसर से पीड़ित महिलाएं

हालांकि, एग फ्रीजिंग के लिए अभी तक कोई सही उम्र तय नहीं की गई है, परंतु बेहतर परिणामों के लिए आप इसे जल्द शुरू करें। आमतौर पर महिलाएं 34/35 की उम्र में अंड़ाणुओं को फ्रीज करने की सेवा का चयन कर सकती हैं।

अंड़ाणुओं को कितने समय के लिए फ्रीज किया जा सकता है?
हालांकि अभी तक ऐसा कोई अध्ययन नहीं हुआ है जो हमें इस सवाल का सही जवाब दे सकें। लेकिन कहा जाता है कि 20 साल के बाद भी फ्रीज किए गए अंड़ाणु को सफलतापूर्वक भ्रूण के रूप में स्थानांतरित किया जा सकता है।

क्या एग फ्रीजिंग सुरक्षित है?
यूएससी प्रजनन की एक रिपोर्ट के अनुसार, सामान्य बच्चों की तुलना में फ्रीज किए गए अंड़ाणुओं से पैदा हुए 900 से भी अधिक बच्चों में जन्म दोष के कोई खास लक्षण नहीं देखे गए। यह इस विषय पर प्रकाशित सबसे बड़ा अध्ययन था। इसके अलावा, एक अन्य अध्ययन के परिणामों में यह देखा गया कि ताजा अंड़ाणुओं से बने भ्रूण एवं फ्रीज हुए अंड़ाणुओं से बने भ्रूण में गुणसूत्र दोष के कुछ खास लक्षण नहीं थे।

2014 में हुए एक नए अध्ययन से पता चला कि एग फ्रीजिंग से गर्भावस्था में कोई जटिल स्थितियों की वृद्धि नहीं हुई।

 

अगर देने जा रही हैं साक्षात्कार

जब भी हमें कोई साक्षात्कार देने जाना होता है, तो हम बिना किसी प्रिपरेशन के चले जाते है। साक्षात्कार में बहुत सी छोटी-छोटी लेकिन महत्‍वपूर्ण बातों का ख्‍याल रखना जरूरी होता है। आइए जानते हैं कुछ टिप्‍स :

साक्षात्कार में जाने से पहले आपको अक्‍सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब अच्‍छे से पता होने चाहिए। आप जिस संस्‍थान में जा रही हैं, उसके बारे में बेसिक जानकारी बेहद जरूरी है। अपनी सीवी और एप्‍लीकेशन फार्म को एक बार अच्‍छे से चेक कर लें।

साक्षात्कार के लिए जाते समय आपको क्‍या ले जाना है, यह जरूर पता होना चाहिए। आपको आपका सीवी, एक पानी की बोतल, पैसे, पेन और नोट पैड, एक फोटो, ड्राइविंग लाइसेंस और मोबाइल फोन ले जाना चाहिए।

– साक्षात्कार में पूछे गए सवालों के जवाब साफ और छोटे होने चाहिए।

– कोशिश करें कि अपनी पर्सनल प्रॉब्‍लम डिस्‍कस ना करें।

– अपने आपको जोश से भरा हुआ दिखाएं।

– पूरे स्टाफ से अच्‍छे से बर्ताव करें।

– चेहरे पर हल्की सी मु‍स्‍कान और बातों में पॉजिटिविटी दिखाएं।

-जहां पहले काम कर चुके हैं, वहां के बारे में किसी भी प्रकार की कोई बुराई ना करें।

– आपके शूज पॉलिश किए हुए हों और कपड़े साफ-सुथरे होने चाहिए।

 

आठ हजार के खर्च से दिव्यांग अनिल ने कार में किया जुगाड़

 

कोटा. इंद्राविहार स्थित ओपेरा हॉस्पिटल में विकलांग शिविर में आये महावीर नगर में डीजे की दुकाल चलाने वाले अनिल चौहान 35 वर्ष के हैं और बचपन से ही निशक्त हैं। डाॅक्टरों का कहना है कि पैर सीधे तो हो सकते हैं, लेकिन चल नही सकते। सभी जगह गए, लेकिन उनके हाथ निराशा ही लगी।

उसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और जीवन को आगे बढ़ाने के लिए कार में अपनी सहुलियत के अनुसार ब्रेक, क्लच और रेस दबाने के लिए उन्होंने मिस्त्री से करीब 8000 रु का खर्चे से नया तरीके का जुगाड़ करवा लिया। उन्होंने इन पर लोहे की छड़े वैल्ड कर करवाई। इसके बाद से वे आसानी से कार चला पा रहे हैं। उनकी पत्नी भी एक पैर से निशक्त है।

 

आँखों से है प्यार तो आहार में लें विटामिन ए

विटामिन ए फैट सॉल्यूबल विटामिन है और 13 आवश्यक विटामिनों में से एक है। आंखों से जुड़ी कई सारी कार्यप्रणालियों के सही संचालन के लिए विटामिन ए आवश्यक होता है, जिसमें कलर विजन और लो लाइट विजन शामिल हैं। इम्यूनिटी को सुरक्षा प्रदान करने के लिए भी यह विटामिन आवश्यक होता है। ऐसे में इसकी कमी से कई सारी शारीरिक क्रियाओं पर प्रभाव पड़ता है, जिसकी पूर्ति इस विटामिन से खाद्य पदार्थों के जरिए की जा सकती है।

विटामिन ए डिफिशिएंसी की हल्की समस्या में विटामिन ए से भरपूर खाद्य पदार्थों को भोजन में शामिल करने से मदद मिल सकती है। ऐसे खाद्य पदार्थों में शामिल हैं :

  • गाजर, पालक, शकरकंद, शिमला मिर्च
  • राजमा, हरी पत्तेदार सब्जियां
  • यदि आपको लगता है कि भोजन द्वारा इसके लक्षणों पर फर्क नहीं पड़ रहा तो तुरंत ही डॉक्टर की सलाह लें।

ओवरडोज की स्थिति

विटामिन ए की अधिकता होने पर विटामिन सी, ई और के की कमी होने लगती है। अत्यधिक मात्रा में विटामिन ए होने पर उसके लक्षण 6 घंटे के अंदर ही नजर आने लगते हैं और सप्लीमेंट बंद करने के कुछ हफ्तों के बाद ही ये लक्षण चले जाते है। वयस्कों की तुलना में बच्चे विटामिन ए के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। इसलिए विटामिन ए के सप्लीमेंट को बच्चों की पहुंच से दूर रखें।

विटामिन ए डिफिशिएंसी से कई सारी समस्याएं उभरकर सामने आने लगती हैं और साथ ही इसकी अधिकता भी शरीर में टॉक्सीसिटी पैदा करती है।

विटामिन ए डिफिशिएंसी के प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं 

रतौंधी : विटामिन ए की कमी के सबसे प्रमुख लक्षण रतौंधी या आंखों की कम रोशनी के रूप में नजर आते हैं। रतौंधी की समस्या में कम रोशनी की स्थिति में व्यक्ति देख नहीं पाता। लेकिन सामान्य रोशनी में चीजों को स्पष्ट देख सकता है।

ड्राय आइज : विटामिन ए डिफिशिएंसी की स्थिति में क्रॉनिक ड्राय आइज की समस्या होती है। इसमें आंसुओं का निर्माण नहीं होता, आंखों में चुभन और खुजली जैसी महसूस होती है। आंखों की पुतलियां भी कड़ी महसूस होती हैं। वैसे यह स्थिति कई अन्य कारणों से भी हो सकती है।

कॉर्निया डिसऑर्डर और ब्लाइंडनेस : विटामिन ए की गंभीर कमी के कारण कॉर्निया का रंग सफेद होने लगता है और अंधेपन की नौबत आ जाती है। ऐसा लंबे समय तक विटामिन ए की कमी के कारण होता है।

ये लक्षण भी हैं

  • खाने में स्वाद महसूस न होना
  • घाव भरने में समय लगना
  • आंखों के कॉर्नर में सफेद धब्बे हो जाना
  • आंखों से जुड़ी अन्य समस्याएं जैसे कंजंक्टिवाइटिस
  • ड्राय स्किन, सूखे, बेजान बाल
  • टूटते नाखून कमजोर इम्यून सिस्टम
  • खाने में विविधता :विटामिन ए की जरूरत को पूरा करने का सबसे आसान तरीका है कि विविध प्रकार के खाद्य पदार्थों को अपने भोजन में शामिल करें। इससे पोषण की पूर्ति बड़े पैमाने पर हो पाएगी। नियमित रूप से विभिन्न् रंगों वाली सब्जियां और फलों का चुनाव करें, इससे विटामिन का सही संतुलन शरीर में हो पाएगा।

 

अंबाला की स्वाति ने खड़ा किया करोड़ों का कारोबार

अंबाला। कुछ साल पहले सिंगापुर एयरलाइन्स की स्कॉलरशिप के लिए 22 इंडियन स्टूडेंट्स में हरियाणा के अंबाला में रहने वाली 16 साल की स्वाति भार्गव सिलेक्ट हुई थीं। तब मौके की अहमियत समझते हुए उनके पिता ने उन्हें सिंगापुर भेजने का फैसला लिया। इस स्कॉलरशिप के जरिए स्वाति ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से ऑनर्स इन मैथेमैटिक्स एंड इकोनॉमिक्स में एडमिशन ले लिया।

स्वाति मैथ्स में एक्सपर्ट है। यही कारण था कि उन्हे लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, गवर्नमेंट ऑफ सिंगापुर ऑक्सफोर्ड से स्कॉलरशिप मिली। ग्रैजुएशन के दौरान स्वाति ने गोल्डमैन साक्स में समर इंटर्नशिप ज्वॉइन कीइसी इंटर्नशिप में कंपनी ने उन्हें जॉब ऑफर दे दिया। स्वाति की दिलचस्पी बिजनेस करने में जागी और उन्होंने अपना जॉब छोड़ दिया।स्वाति और उनके पति रोहन भी कैशबैक के लिए यूके की वेबसाइट क्यूइड्को का इस्तेमाल करते थे । स्वाति ने पति के साथ कैशबैक का कारोबार शुरू करने का फैसला किया। 2011 में अपनी पहली यूके वेबसाइट पोरिंग पाउंड्स शुरू की। इसकी शुरुआत उन्होंने अपनी बचत से की और फिर करीब 75,000 डॉलर के फंड्स का इंतजाम किया।

कैशकरो का सफर
जल्द ही पोरिंग पाउंड्स को यूके में काफी पसंद किया जाने लगा। कुछ ही वक्त में इस वेबसाइट से तकरीबन 2500 लोकप्रिय ब्रांड्स जुड़ गए। इस सफलता से उत्साहित होकर स्वाति कारोबार को विस्तार देने के बारे में सोचने लगीं। इसी दौरान उन्होंने देखा कि भारत में ई-कॉमर्स और ऑनलाइन शॉपर्स 50 फीसदी प्रतिवर्ष की दर से बढ़ रहे हैं और यहां कैशबैक के कॉन्सेप्ट के लिए काफी स्कोप है। स्वाति ने कैशबैक की अवधारणा को भारत लाने के अपने प्लान को हकीकत में बदलते हुए 2013 में भारत में कैशकरो डॉट कॉम लॉन्च कर दी।

कम वक्त में बड़ा मुकाम

शुरुआत के पहले ही साल में कैशकरो डॉट कॉम के कारोबार में 1000 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई। यही नहीं यह वेबसाइट देश की प्रमुख 500 ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए लगभग 150 करोड़ के रिटेल कारोबार का जरिया बनी। आज कैशकरो डॉट कॉम रोजाना 3000 से ज्यादा ट्रांजैक्शन्स को अंजाम देती है और अपने मेम्बर्स को करोड़ों रुपए का कैशबैक दे चुकी है। 30 मिलियन डॉलर के रेवेन्यू के साथ कैशकरो सभी तरह के डिस्काउंट्स, ऑफर्स, वाउचर्स आदि के लिए देश की सबसे बड़ी वेबसाइट का मुकाम हासिल करने को अग्रसर है।

 

सही सलवार कमीज के चयन से लुक को बनाएं शानदार

 

हम सभी को सलवार कमीज़ की फेमिनिन फील बेहद पसंद है. ऑफिस से लेकर शादी तक, हर मौके के लिए कुछ ना कुछ ज़रूर है. सही तरह की सलवार कमीज़ आपके लिए कमाल कर सकती है, अगर आप अपने शेप या फिगर को लेकर कॉन्शस हैं तो. तो ये समझना कि किस रह की सलवार कमीज़ आपको सूट करती है, ये जानना बेहद ज़रूरी है. सही तरह की सलवार कमीज़, आपकी शख्सियत को दिखाती है और या तो इसे निखार सकती है।. कुछ नियमों का पालन करें, सेफ रहें और कमाल दिखें।straight-cut-ladies-suit-810548

सही फिटिंग – अगर आपका शरीर भारी है, तो लंबी स्लीव्ज़ पहनें. आप लोअर्स और सलवार में वर्टिकल प्रिंट्स, फ्लोरल्स और गहरे रंगों के साथ एक्सपेरिमेंट कर सकती हैं. बंद गले वाले कुर्तों या कमीज़ को चूड़ीदार के साथ ट्राय करें और पाएं स्लिमर लुक. पर ध्यान रखें कि बहुत ज़्यादा टाइट सलवार कमीज़ ना पहनें, ये आपकी मुश्किल को और बढ़ाएगा. फ्रिल्स और ऐसे ही दूसरे बेवजह के एंबेलिशमेंट्स अवॉएड करें, खासकर की पेट और स्लिट्स के पास वाली जगहों पर जो आपके प्रॉब्लम एरियाज़ की ओर लोगों का ध्यान खींचेंगे. दुबली-पतली लड़कियां पटियाला और पलाज़ोज़ जैसे लूज़ फिटिंग वाले लोअर्स पहन सकती हैं. आप इन्हें शॉर्ट कुर्तियों या स्ट्रेट लंबे कुर्तों के साथ पहन सकती हैं।1-beautiful-Net-Crepe-anarkali-dress-for-women

सलवार भी हो सही – लंबी और आवरग्लास फिगर वाली औरतों पर पटियाला सलवार अच्छी लगेगी. एक और अच्छा ऑप्शन होगा धोती स्टाइल सलवार या धोती पैंट्स, जो ढीले और हवादार होते हैं और फिटेड कमीज़ के साथ कमाल लगते हैं. छोटी और दुबली-पतली लड़कियों को कॉलर्ड कमीज़ के साथ चूड़ीदार सलवार ट्राय करनी चाहिए. आजकल ट्रेड में पैरलल सलवार, अपनी वर्सटैलिटी के लिए पसंद किए जा रहे हैं और भारी और दुबली-पतली सड़कियां दोनों ही इन्हें पहन सकती हैं. अगर आप छोटी हैं तो पटियाला, धोती सलवार और पैरलल सलवार अवॉएड करें.anarkali-suits-for-party-wear

फैब्रिक – अगर आप प्लस-साइज़्ड हैं, तो आपके लिए सॉफ्ट सिल्क, क्रेप, सॉफ्ट कॉटन, लिनेन और जॉर्जेट जैसे फैब्रिक्स सही रहेंगे, जो आपकी बॉडी से थोड़ा चिपकते हैं और देते हैं एक सही लुक. हालांकि polyester और शिफॉन जैसे फैब्रिक्स ना चुनें क्योंकि ये झूलते हैं और आपको और भारी दिखाते हैं. स्ट्रेचेबल फैब्रिक्स जैसे कि स्पैंडेक्स, जर्सी और लायक्रा भी सही नहीं रहेंगे क्योंकि ये आपकी बॉडी से चिपक कर आपके प्रॉबलम एरीयाज़ को हाइलाइट करेंगे. स्लिम विमिन के लिए रॉ सिल्क, जूट, थिक कॉटन और स्पैंडेक्स ब्लेंड कॉटन जैसे फैब्रिक्स सही रहेंगे. ये आपके फिगर में वॉल्यूम ऐड करने में मदद करेंगे. शिफॉन और पॉलिएस्टर भी इस तरह की बॉडी टाइप के लिए सूटेबल रहेंगे.

 

कुछ ऐसा जो बच्चों को भाए

मसाला मैकरोनी

सामग्री- 1 कप मैकरोनी, 1 बडे़ आकार का टमाटर, 1 मध्‍यम प्‍याज, 3 हलसुन की कलियां, 1 टुकड़ा अदरक, 1 चम्‍मच मिर्च पाउडर, 1 शिमला मिर्च, 1 चम्‍मच टमैटो कैचप,तेल,कटी हरी धनियाmasala makroni

विधि – एक भगौने में 6 कप पानी उबालिये। फिर उसमें नमक, 1 चम्‍मच तेल और मैकरोनी डाल कर पकाइये। फिर इसे छान कर किनारे रख लीजिये। शिमला मिर्च, टमाटर, अदरक, प्‍याज और लहसुन को बारीक काटिये। एक पैन में थोड़ा सा तेल गरम करें, फिर उसमें अदरक लहसुन डाल कर 1 मिनट तक सौते कीजिये। फिर कटी प्‍याज डाल कर गुलाबी होने तक पकाइये। उसके बाद कटे टमाटर और मिर्च पावडर डाल कर तक पकाइये जब तक टमाटर गल ना जाए।

फिर शिमला मिर्च, टमैटो कैचप , नमक और हल्‍का सा पानी डाल कर कुछ मिनट पकाइये।

आखिर में उबली मैकरोनी मिक्‍स कीजिये और ऊपर से हरी धनिया और स्‍प्रिंग अनियन डाल कर आंच से हटा दीजिये। अब इसे गरमा गरम सर्व कीजिये।

पनीर सिगार

सामग्री  16 से 18 वॉनटॉन शीट्स, एक कप किसा हुआ पनीर, दो चम्‍मच अदरक-मिर्च पेस्ट, दो चम्‍मच तेल, तीन चम्‍म्‍च हरा प्याज कटा हुआ, नमक स्वादानुसार, 3/4कप लाल, पीली और हरी शिमला मिर्च कटी हुई, एक चम्‍मच सोया सॉस, 1/2कप ग्रेटेड चीज, एक चम्‍म्‍च कॉर्नफ्लोर, एक चम्मच कटा हुआ अदरक।

panir sigar

विधि पैन को गर्म होने रख दें। फिर इसमें कटा हुआ अदरक अच्छे से सोते करें। कटी हुई शिमला मिर्च को भी एक मिनट तक सोते करें। फिर इसमें चूरा किया हुआ पनीर, अदरक-मिर्च सॉस और सोया सॉस, नमक अच्छी तरह से मिलाएं। सबसे आखिर में कटा हुआ प्याज मिलाकर इस मिश्रण को अलग रख लें।

सिगार के लिए : कॉर्नफ्लोर में पानी मिलाकर गाढ़ा घोल तैयार करके अलग रख दें।

अब वॉनटॉन शीट्स रखकर इस पर फीलिंग डालें और फिर टाइटनेस के साथ रोल करें जिससे सिगार का शेप बन जाए। अब उस सिगार के कॉर्नर को कॉर्नफ्लोर के घोल से बंद कर दें। अन्य सिगार भी इसी तरह से बनाएं। इन सिगार को गर्म तेल में तलें और सर्व करें।

 

पेस्टल्स से निखारें अंदाज अपना

जहां औरतें रनवे ट्रेंड्स को अपने क्लॉज़ेट्स में शामिल करने में काफी तेज़ होती हैं, आदमी इस मामले में काफी संकोची होते हैं और कुछ भी नया आजमाने को लेकर काफी एहतियात बरतते हैं. जहां आपके पति या बॉयफ्रेंड अपने डेनिम्स और टीज़ से बेइंतेहां प्यार करते हैं. यहां जानिए कि कैसे आप वार्डरोब को पेस्टल्स से सजा सकते हैॆं pestals

पोलोज़ अपने वार्डरोब में पेस्टल्स शामिल करने का सबसे आसान और सेफ तरीका है इन्हें पोलोज़ के रूप में पहनना. ये आपकी पसंदीदा डेनिम्स और ट्राउज़र्स के साथ बहुत अच्छे लगेंगे. एक आराम पसंद दिन पर, ड्रेस डाउन करें इन्हें टीम करें शॉर्ट्स के साथ।

शर्ट्स – पेस्टल्स पहनने का एक और आसान तरीका है इन रंगों में शर्ट्स पहनना. ये आपके लुक को ना सिर्फ एक फ्रेशनेस देंगे बल्कि आपको बाकी लोगों से अलग भी दिखाएगा. अगर आप थोड़ा ड्रेस्ड अप दिखना चाहते हैं, तो अपने लुक की कैज़ुअलनेस बढ़ाइए ट्राउज़र्स को पेस्टल शर्ट्स के साथ पेयर कर के. पेस्टल शर्ट्स के ले सबसे बेहतरीन फैब्रिक हैं कॉटन और लिनेन।

ट्राउज़र्स – पेस्टल ट्राउज़र्स ब्रीज़ी और ट्रेंडी दोनों ही है. स्टाइलिश पर सिंपल और बेहद कैज़ुअल, पेस्टल ट्राउज़र्स को स्टाइल करने के कई तरीके हैं. पर फिर भी इनके साथ गलती करने की काफी गुंजाइश है. इन्हें गहरे रंग की टी-शर्ट्स और शर्ट्स के साथ पेयर करना भी बहुत अच्छा ऑप्शन है. इन्हें एक जैसे रंगों के साथ पेयर करने की गलती ना करें, ये पूरा लुक खराब कर सकते हैं।pestel green kurta

सूट्स – सूट्स हमेशा फॉर्मल ड्रेसिंग का हिस्सा हों, ऐसा ज़रूरी नहीं है. अगर वो ड्रेस्ड अप दिखना चाहते हैं पर एक कैज़ुअल फील के साथ, तो एक पेस्टल कलर्ड सूट बहुत अच्छा ऑप्शन है. सूट को पुराने घिस-पिटे तरीकों से स्टाइल ना करें. इसे बिना टाइ के पहनना एक बढ़िया ऑप्शन है।

कुर्ते – पेस्टल रंगों के कुर्ते बेहद अच्छा ऑप्शन है. पेस्टल शेड्स के कुर्ते हमेशा से बेहद ताज़गी भरे और एलिगेंट लगते हैं. इसे सलवार के साथ पेयर कर के आपके पति या बॉयफ्रेंड सबसे अलग दिख सकते हैं. एक मोनोक्रोम नेहरू जैकेट भी इसके साथ बेहद अच्छा लगेगा. पर ध्यान रहे कि नेहरू जैकेट पेस्टल शेड में ना हो.

 शॉर्ट्स – इससे बेहतर कैज़ुअल स्टाइल और क्या हो सकता है भला? पेस्टल शॉर्ट्स भी काफी चीज़ों के साथ अच्छे लगते हैं. एक शॉर्ट ब्रीज़ी शर्ट, एक ब्लॉक कलर्ड टी-शर्ट – इन सभी की जोड़ी पेस्टल शॉर्ट्स के साथ बेहद स्टाइलिश लगेगी.