फैन को फैन नहीं रहने दिया फैन ने

  • रेखा श्रीवास्तव

शाहरूख खान की डबल रोल की फिल्म फैन देखने के लिए दर्शक पिछले वीकेंड मल्टीप्लेक्स में काफी संख्या में नजर आये, पर  निकलते समय फिल्म की स्क्रिप्ट से पूरी तरह निराश दिखे। शाहरूख की एक्टिंग में जरूर थोड़ी जान थी, लेकिन इसके अलावा कोई नहीं था जो फिल्म की एकाग्रता को बरकरार रखे। फैन के दर्शक उम्मीद कर गये थे कि वह शाहरूख खान के जबरदस्त फैन हो जायेंगे, पर उनके फैन भी हताश हो गये। मनीष शर्मा द्वारा निर्देशित फिल्म फैन में दिखाया गया कि एक सुपर स्टार (आर्यन) अपने फैन से हाथ मिला कर अभिवादन तो कर सकता है, पर उससे मिलने के लिए केवल पाँच मिनट का भी समय नहीं दे सकता। जबकि सुपरस्टार को उसका एक फैन (गौरव) इस कदर चाहता है कि वह बचपन से उसके सपने देखकर ही बड़ा हुआ। उसकी एक्टिंग कर के ही पुरस्कार प्राप्त करता है। संजोग से उसे अपने ही सुपरस्टार का रूप भी मिला हुआ है। चाहत इतनी थी कि सुपर स्टार के बारे में कोई गलत बात करें, तो वह बर्दाश्त नहीं करता। उसको अपने दम पर सीधा कर देता है। इसके बावजूद एक सुपरस्टार अपने फैन से खुश न होकर, उसे पाँच मिनट समय नहीं देता बल्कि उसे पकड़वा कर उसके मारपीट की जाती है और अपने घर लौटने की धमकी दे दी जाती है। फैन इसके बावजूद इसके बाद से वह फैन नहीं रह जाता है और वह अपने ही फैन का दुश्मन बन जाता है और आखिरकार उसको हर तरह से परेशान कर देता है। इतना ही नहीं, फिल्म के आखिर में दिखाया गया है कि अभिनेता शाहरूख जो आर्यन सुपरस्टार का किरदार निभा रहे हैं, वह भी बदला लेने पर उतारू हो जाता है और उसके शहर दिल्ली पहुँच जाता है और बदला लेता है। यहाँ फैन से ज्यादा दुश्मनी दिखी है। दुश्मनी को भी बहुत ज्यादा ही बढ़ा कर दिखाया गया है। सुपरस्टार और उसके फैन का रिश्ता प्रेम से जुड़ा होता है और अगर उस रिश्ते में प्रेम से ज्यादा दुश्मनी हो जाती है तो वह फैन कैसे हो सकता है? यानी कुल मिलाकर फिल्म का नाम, स्क्रिप्ट सभी कमजोर पड़ गया। गाना भी एक भी ऐसा नहीं जो दर्शक गुनगुनाते हुए निकले। फिल्म के आखिरी समय में फैन का मर जाना सबसे ज्यादा निराशा करने वाला रहा। कोई भी फैन यह बर्दाश्त नहीं कर सकता कि वह इस गति को प्राप्त हो। दर्शकों में एक प्रश्न निर्देशक मनीष शर्मा ने जरूर पैदा कर दिया है कि आर्यन (शाहरूख खान) की तरह सभी सुपरस्टार होते हैं, जो एक कलाकार के रूप में तो जरूर कामयाब होते हैं। स्टेज पर फैन की तारीफ भी करते हैं, और हाथ दिखाकर अभिवादन भी करते हैं पर अंदर से वह अपने फैन की कद्र नहीं करते हैं। और उससे पाँच मिनट का समय देने के बजाय, अपनी गलती मानने के बजाय अपने फैन के पीछे लग जाता है और उसे बरबाद कर देता है। इस तरह यह फिल्म सुपरस्टार और फैन के रिश्ते में दरार पैदा करती है।

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