Monday, April 21, 2025
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सुशीला बिड़ला गर्ल्स स्कूल में कॅरियर फेयर

कोलकाता ।  सुशीला बिड़ला गर्ल्स स्कूल ने हाल ही में ग्यारहवीं एवं बारहवीं की छात्राओं के लिए यूनिवर्सिटी फेयर आयोजित किया। इस कॅरियर मेले का उद्देश्य छात्राओं को रोजगार के विभिन्न विकल्पों से परिचित करवाना था। इस आयोजन में कुल 118 विश्वविद्यालयों ने भाग लिय। प्रतिभागी शिक्षण संस्थानों में फ्लेम यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद यूनिवर्सिटी, जी डी गोयनका यूनिवर्सिटी, सेंट जेवियर्स यूनिवर्सिटी, एक्सेस बिजनेस स्कूल एवं न्यूयार्क फिल्म अकादमी शामिल थे। इसके अतिरिक्त बीएचएस मुकुन्दपुर, अभिनव भारती, अशोक हॉल गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल एवं बीएचएस मोयरा स्ट्रीट ने भी भाग लिया। मेले में कानून, प्रबंधन, स्वास्थ्य, मानव संसाधन क्षेत्र के प्रतिनिधि उपस्थित  थे। छात्राओं ने कार्य़ संस्कृति यानी वर्क कल्चर, नौकरियों एवं उनसे जुड़े अवसरों के बारे में जाना। छात्राओं ने इस मेले बहुत उत्साह के साथ अपनी रुचि के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े संस्थानों के  परिपत्र और परचे लिए । मेले में 800 युवा पहुंचे।

मुक्तांचल के 41वें और 42वें अंक का लोकार्पण

हावड़ा/कोलकाता । पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले से डॉ. मीरा सिन्हा के संपादन में प्रकाशित होने वाली पत्रिका मुक्तांचल के 41वें और 42वें अंक का लोकार्पण रविवार 7 जुलाई को विद्यार्थी मंच के कार्यालय में किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से वे रचनाकार उपस्थित थे जिनकी रचनाएं इन दो अंकों में प्रकाशित हुई है। सर्वप्रथम प्रिया श्रीवास्तव ने मुक्तांचल के 42वें अंक में प्रकाशित संस्तुति का वाचन किया। इस संस्तुति में शोध पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए संपादक ने लिखा है कि साहित्य के संसार में बाजार की आवाजाही ने भयंकर विडंबना भर दी है। दिनोंदिन शोध और समीक्षा का दायरा संकीर्ण होता जा रहा है। नई पीढ़ी में काम करने की यांत्रिकता और सोच की गतानुगतिकता इतनी बढ़ गई है कि मौलिकता का सर्वथा अभाव हो गया है। वक्ताओं के रूप में अशोक आशीष (आसनसोल), डॉ. विनय कुमार मिश्र (बंगवासी कॉलेज, कोलकाता), प्रीति सिंह (खांद्रा कॉलेज, आसनसोल), डॉ. विजया सिंह (रानी बिरला गर्ल्स कॉलेज, कोलकाता), सरिता खोवाला, नगीना लाल दास आदि उपस्थित थे। विवेक लाल, स्वराज पांडे, प्रिया श्रीवास्तव, आकाश गुप्ता ने अपनी स्वरचित कविताओं का पाठ किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष जनवादी कवि राज्यवर्धन थे। अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में उन्होंने कहा कि आज का समय साहित्य के उदासीनता का समय है और इसका सबसे अधिक लाभ बाजारवाद उठा रहा है। अशोक आशीष ने कहा कि जहां अधिक मात्रा में उत्पादन होता है वहां सृजन नहीं होता ; साहित्य का सृजन होता है उत्पादन नहीं। विद्यार्थी मंच के सदस्य नगीना लाल दास ने इसी माह में डॉ. मीरा सिन्हा के निर्देशन में कलकत्ता विश्वविद्यालय से अपनी पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की है। इसके लिए विद्यार्थी मंच और मुक्तांचल के उपस्थित सदस्यों द्वारा उन्हें शुभकामनाएं दी गई। कार्यक्रम को सफल बनाने में सुशील पांडेय, बलराम साव, संजय दास, प्रदीप धानुक, विनीता लाल आदि ने सक्रिय भूमिका निभाई। मुक्तांचल का 43वां अंक रमेश कुंतल मेघ पर केंद्रित होगा। कार्यक्रम का संचालन विनोद यादव ने किया और धन्यवाद ज्ञापन परमजीत पंडित ने दिया।

नैहाटी में बहुभाषी काव्य उत्सव एवं पुस्तक लोकार्पण का आयोजन

नैहाटी । वंदे मातरम के रचयिता बंकिम चंद्र चटर्जी की जन्मभूमि नैहाटी में नैहाटी कल्चरल सोसाइटी और सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन के संयुक्त तत्वावधान में समरेस बसु कक्ष में हिंदी, बांग्ला और उर्दू में बहुभाषी काव्य उत्सव और पुस्तक लोकार्पण का आयोजन हुआ। मंजू श्रीवास्तव के संपादन में ‘राम सुंदर लाल चयनित गीत चयनित ग़ज़लें’ का लोकार्पण हुआ। इस अवसर पर श्री रामनिवास द्विवेदी ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि मंजू श्रीवास्तव जी ने जिस तरह से समय की धूल से राम सुंदर लाल के गज़लों का संग्रह किया है वह अपनी सार्थकता के साथ भविष्य में अन्य धूमिल रचनाकारों को प्रकाश में लाने की प्रेरणा बिंदु बनेगी। डॉ. अवधेश प्रसाद सिंह ने कहा कि समकालीन यथार्थ को प्रस्तुत करता यह संग्रह विमर्शों के दौर में एक जरूरी काव्य दस्तावेज  है।प्रो. ममता त्रिवेदी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत करते हुए इस भाषायी मेल बंधन  की बहुत जरूरत है।डॉ. सुशील कुमार पाण्डेय ने कहा बहुभाषी काव्य पाठ से सांस्कृतिक आयोजनों को बल मिलेगा। मंजू श्रीवास्तव ने कहा कि यह गज़ल संग्रह न केवल जीवन बल्कि समाज के बुनियादी चीजों एवं मुद्दों को बेहद बारीक़ी से हमारे समक्ष रखती है और न सिर्फ रखती है बल्कि हम सें प्रश्न भी करती। इस अवसर पर सेराज खान बातिश,राज्यवर्धन, परवेज अख़्तर, अतनु मजूमदार, इंदु सिंह, सोमनाथ कर, सुजीत पाल, मंजू श्रीवास्तव, राजेश पांडे,सुशील कांति, असित पाण्डेय, कलावती कुमारी, अमरजीत पंडित, आनंद गुप्ता, सीता चौधरी,शकील अख्तर, मनीषा गुप्ता,इबरार खान, राहुल गौंड़, विशाल साव, सूर्यदेव राय,सुषमा कुमारी, ज्योति चौरसिया,संजय यादव, चंदन भगत, प्रभाकर साव और फरहान अजीज में काव्य पाठ किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में नैहाटी कल्चरल सोसाइटी के सचिव प्रो.मंटू दास ने विशेष सहयोग दिया। इस अवसर पर उपस्थित थे राजभाषा अधिकारी राजेश साव,नारायण साव,संजय दास,संजीव पंडित, पतित पावन रेड्डी, डॉ विकास साव,धीरज केसरी, विकास साव,संजय यादव,विकास कुमार,रोहित गुप्ता,विकास गुप्ता, कंचन भगत,अनिल साह,कुसुम भगत,कृष्णा दीक्षित, मंजीत दास सहित सैकडों साहित्य एवं कला प्रेमी। कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए डॉ. संजय जायसवाल ने कहा इस तरह के आयोजन वरिष्ठ कवियों एवं युवा कवियों में एक सेतु का कार्य करेगी जिससे भविष्य में साहित्य एवं सृजन के क्षेत्र में कई नये अवसर खुलेंगे।कविताएं हमें मनुष्य बनाती हैं तथा धन्यवाद ज्ञापन सुबोध गुप्ता ने दिया।

 

तपसिया ड्रीम हाउस गैलेरिया पहुंचे  सीआईडी फेम दयानंद शेट्टी

कोलकाता । पूरी तरह से सजावटी और डिज़ाइन उत्पादों पर केंद्रित अत्याधुनिक ब्रांड “ड्रीम हाउस गैलेरिया” एक ऐसा अनूठा ब्रांड है, जिसका एक्सक्लूसिव स्टोर 86A, तोपसिया रोड के हाउते स्ट्रीट कोलकाता 700046 के रूम नंबर 102 में (लैंडमार्क- ओजस बैंक्वेट) में बनाया गया है। इस ब्रांड के 3,000 वर्ग फुट फ्लैगशिप स्टोर में प्लाईवुड, विनियर, लैमिनेट, लौवर, ऐक्रेलिक और इंटीरियर और एक्सटीरियर के साथ अन्य अभिनव सजावटी उत्पादों के अत्याधुनिक डिजाइन की एक विस्तृत श्रृंखला मौजूद है । इस एक्सक्लूसिव स्टोर का उद्घाटन बॉलीवुड अभिनेता और सीआईडी ​​फेम (सीनियर इंस्पेक्टर के रूप में) दयानंद शेट्टी ने किया। इस मौके पर उन्होंने पत्रकारों से अपने अनुभव को शेयर करते हुए कहा कि ,”सिटी ऑफ़ जॉय और खास तौर पर “ड्रीम हाउस गैलेरिया” के एक्सक्लूसिव स्टोर में आना मेरे लिए एक रोमांचक और आनंददायक अनुभव है। मैं यहाँ उपलब्ध विकल्पों और उत्पादों की विविधता से प्रभावित हूँ। यहां बेहतरीन संसाधन की उत्कृष्ट श्रृंखला मौजूद है। मैं लोगों से यही निवेदन करूंगा कि, अपने सपनों का घर बनाने वाले किसी भी व्यक्ति को इस स्टोर में एकबार ज़रूर आना चाहिए। यहां आकर मैं एकबार फिर कहना चाहूंगा कि, ‘दया का वादा, मज़बूती सबसे ज़्यादा। ड्रीम हाउस गैलेरिया के प्रबंध निदेशक सुरेन सराफ और प्रियंका सराफ ने कहा, मशहूर सीआईडी फेम दयानंद शेट्टी द्वारा हमारे स्टोर का उद्घाटन किए जाने पर मुझे बेहद खुशी है। भव्य उद्घाटन मौके पर हमने अपने उत्पादों की उत्कृष्ट श्रृंखला को प्रदर्शित करने पर ध्यान केंद्रित किया है, जिसमें प्लाईवुड, विनियर, लेमिनेट, लौवर, ऐक्रेलिक और आपके सपनों के घर के लिए अन्य अभिनव सजावटी सामान मौजूद हैं। इस आउटलेट में हमारे उत्पादों की बेहतरीन गुणवत्ता और ग्राहक की संतुष्टि के प्रति प्रतिबद्धता के साथ हम आपके रहने या काम करने की जगहों की सुंदरता और कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए शीर्ष-श्रेणी के उत्पादों की एक विविध श्रृंखला प्रदान करते हैं। ड्रीम हाउस गैलेरिया में हम साधारण स्थानों को असाधारण सपनों के जगह में बदलने के लिए गुणवत्तापूर्ण सामग्रियों और त्रुटिहीन शिल्प कौशल की शक्ति प्रदान करने में विश्वास करते हैं।

शुभजिता दुर्गोत्सव 2024 :  भवानीपुर 75 पल्ली की खूंटी पूजा सम्पन्न  

कोलकाता । सांस्कृतिक एकता और सामुदायिक जुड़ाव के लिए प्रसिद्ध भवानीपुर 75 पल्ली दुर्गोत्सव कमेटी ने रविवार को अनोखे तरीके से समाज में अंतरधार्मिक हस्तियों के साथ खुटी पूजा का भव्य आयोजन कर एक नए इतिहास की रचना की। इस वर्ष इस क्लब की दुर्गा पूजा 60वें वर्ष में प्रवेश कर रही है। इस अभूतपूर्व आयोजन में विभिन्न धर्मों से ताल्लुक रखनेवाले लोग अपने धार्मिक एकता और आपसी सम्मान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक साथ एकजुट हुए।  इसमें जैन धर्म से कैलाश जैन, सिख धर्म से तरसीम सिंह, पारसी धर्म से जिम्मी टेंगरी, हिंदू धर्म से देवाकर चैतन्य, रामकृष्ण मिशन की ओर से स्वामी परमानंद महाराज, चाइनीज बुधिष्ट, मिस लूसी, क्रिश्चियन समुदाय से फादर मार्टिन, बहाई समुदाय से पल्लब गुहा, सिंधी समुदाय से मुराली पंजाबी और इस्लाम धर्म से इमरान जाकी मौजूद थे। इस भव्य आयोजन में शामिल होनेवाले विभिन्न प्रतिष्ठित हस्तियों में श्रीमती माला रॉय (संसद सदस्य), देबाशीष कुमार (विधायक), असीम बसु (पार्षद), श्रीमती चंद्रेयी मित्रा (रोटरी क्लब ऑफ कलकत्ता अव्याना की अध्यक्ष), सनातन डिंडा (कलाकार) और शिव शंकर दास (कलाकार) के साथ कई अन्य प्रतिष्ठित हस्ती इसमें शामिल हुए। भवानीपुर 75 पल्ली क्लब सचिव श्री सुबीर दास ने इस आयोजन को सफल बनाने से जुड़े लोगों के प्रति गहरा आभार और उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, अपने 60वें वर्ष में हम अंतरधार्मिक खुटी पूजा की शुरुआत करते हुए काफी रोमांचित हैं। यह आयोजन सांस्कृतिक विविधता के माध्यम से एकता को बढ़ावा देने के लिए हमारे समर्पण का उदाहरण है। यह आयोजन न केवल हमारी सांस्कृतिक परंपराओं की मिशाल पेश करता है, बल्कि हर समुदाय के लोगों के साथ हमारे बंधन को भी मजबूत करता है। नेताजी भवन मेट्रो स्टेशन के पास, 1/1सी, देबेंद्र घोष रोड, भवानीपुर में आयोजित इस “अंतरधार्मिक खुटी पूजा” का समायोजन और सांस्कृतिक विविधता भवानीपुर 75 पल्ली की प्रतिबद्धता का प्रमाण था। विभिन्न धर्म से जुड़े लोगों के साथ समाज की कई प्रतिष्ठित हस्तियां इस आयोजन में शामिल हुए और विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच सामंजस्यपूर्ण एकता और भाईचारे के महत्व को रेखांकित किया। भवानीपुर 75 पल्ली दुर्गापूजा के आयोजन को हर वर्ष पूजा समारोहों के अपने अभिनव दृष्टिकोण के लिए लंबे समय से सराहा जाता रहा है, जिसमें अद्वितीय पंडाल की डिजाइन और कलात्मक प्रयास इसमें शामिल हैं। जो हर साल आगंतुकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। भवानीपुर 75 पल्ली अपने सांस्कृतिक महत्व से परे हटकर दुर्गा पूजा के दौरान एकत्र किए गए दान के माध्यम से वर्ष भर अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाना जारी रखता है। इनमें स्वास्थ्य सेवा, शैक्षिक सहायता और पूरे वर्ष वंचित परिवारों के लिए सहायता से जुड़े आयोजन शामिल है।

 

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“हाजरा पार्क दुर्गोत्सव समिति” की खूंटी पूजा

कोलकाता । दक्षिण कोलकाता के हाजरा पार्क दुर्गोत्सव समिति में शनिवार को खूटी पूजा के साथ शरदकालीन उत्सव की शुरुआत हो गई। इस वर्ष जतिन दास पार्क (हाजरा क्रॉसिंग) में दुर्गापूजा के आयोजन की शुरुआत के लिए उल्टारथ यात्रा की पूर्व संध्या यानी शनिवार का शुभ दिन चुना गया है। शनिवार को विधिवत मंत्रोच्चारण से खूटी पूजा का आयोजन किया गया। हाजरा पार्क दुर्गोत्सव समिति अपनी अभिनव अवधारणा और उत्सव शैली के लिए शहर की सबसे आकर्षक पूजा में से एक है। यह पूजा कमेटी विशेष रूप से अपने पंडालों में दिखने वाली अनूठी शैली और समिति द्वारा वर्ष भर किए जाने वाले सामाजिक कार्यों के लिए प्रसिद्ध है।

इस अवसर पर विभिन्न प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति से आयोजन की रौनक बढ़ गई। इस मौके पर शोभनदेव चट्टोपाध्याय (कृषि मंत्री, पश्चिम बंगाल सरकार), देबाशीष कुमार (विधायक), सायन देब चटर्जी ( संयुक्त सचिव, हजार पार्क दुर्गोत्सव समिति), त्रिना साहा (अभिनेत्री) के साथ समाज की कई अन्य प्रतिष्ठित हस्तियां इसमें शामिल हुए। मीडिया से बात करते हुए हाजरा पार्क दुर्गोत्सव समिति के संयुक्त सचिव सायन देब चटर्जी ने कहा, पिछले साल “81वें वर्ष की बड़ी सफलता के बाद जिसमें “तीन चाकार गोलपो” थीम पर हमें कई पुरस्कार मिले। हाजरा पार्क दुर्गोत्सव समिति की पूरी टीम इस वर्ष भी भव्य आयोजन के लिए पूरी तरह से तैयार है। हमें विश्वास है कि इस वर्ष भी यहां आनेवाले दर्शकों के लिए हमारे मंडप की भव्यता उनके लिए यादगार पल साबित होगा। हमारा दृढ़ विश्वास है कि हमारे प्रयास की दर्शक भरपूर सराहना करेंगे। उन्होंने सभी को परिवार और दोस्तों के साथ पूजा में आने के लिए आमंत्रित किया।

टीटीएफ कोलकाता 2024 में कर्नाटक पर्यटन स्टैंड को सर्वश्रेष्ठ सजावट का पुरस्कार

कोलकाता । कर्नाटक पर्यटन, जो अपने राज्य की जीवंत विरासत, समृद्ध संस्कृति, लुभावने वन्य जीवन, प्राचीन समुद्र तटों और रोमांचकारी साहसिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है। इस वर्ष टीटीएफ कोलकाता 2024 में कर्नाटक पर्यटन ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है। गत 12 से 14 जुलाई तक विश्व बांग्ला मेला प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में कर्नाटक पर्यटन को एक शानदार 100-वर्ग मीटर का स्टैंड मुहैया कराकर इसके माध्यम से अपनी विविध पेशकशों को बढ़ावा देने के लिए एक असाधारण मंच प्रदान किया गया। कर्नाटक पर्यटन स्टैंड ने राज्य की समृद्ध विरासत और विविध वन्य जीवन के बारे में विस्तृत जानकारी के साथ शानदार प्रदर्शन कर यहां आए आगंतुकों को आकर्षित किया। इस अद्भुत सजावट और आकर्षक प्रस्तुति के कारण कर्नाटक पर्यटन स्टैंड को सर्वश्रेष्ठ सजावट के लिए उत्कृष्टता का पुरस्कार मिला, जो इसके उत्कृष्ट डिजाइन और रचनात्मक निष्पादन का प्रमाण है। इस स्टैंड ने विरासत और वन्य जीवन के तत्वों को कुशलता से जोड़ा, जो राज्य के अनूठे आकर्षण को लोगों के बीच लाकर उनमें व्यापक असर डाला है। इन थीमों को सहजता से एकीकृत करके, कर्नाटक पर्यटन स्टैंड ने आगंतुकों को एक आकर्षक अनुभव प्रदान किया। इसके साथ यहां आने वाले आगंतुकों को राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक टेपेस्ट्री और प्राकृतिक चमत्कारों का पता लगाने के लिए कर्नाटक आने के लिए आमंत्रित किया गया। कर्नाटक पर्यटन प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पर्यटन निदेशक और केएसटीडीसी के प्रबंध निदेशक डॉ. के.वी. राजेंद्र और कर्नाटक पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक प्रभु लिंगा तालाकेरे ने प्रमुख हितधारकों के बीच किया। उनकी उपस्थिति के बीच कर्नाटक में उपलब्ध व्यापक स्तर पर पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी नई जानकारियों पर भी प्रकाश डाला गया। पूरे कार्यक्रम के दौरान कर्नाटक पर्यटन के प्रतिनिधिमंडल ने घरेलू टूर ऑपरेटरों, ट्रैवल एजेंटों और अन्य प्रमुख हितधारकों के साथ सार्थक चर्चा की। इन बातचीत का उद्देश्य मौजूदा संबंधों को मजबूत करना और नई साझेदारियां बनाना था, जिससे आगे चलकर कर्नाटक में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिल सके।

 

सेंट पॉल्स कैथेड्रल मिशन कॉलेज में छात्र संगोष्ठी का आयोजन

कोलकाता । सेंट पॉल्स कैथेड्रल मिशन कॉलेज में ‘हिंदी कहानी : मूल्यांकन के आयाम’ विषयक छात्र संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कॉलेज के टीचर-इन-चार्ज डॉ. सुदिप्तो मिड्डे ने कहा, कहानी जीवन के अनुभव को संचित रखती है। वाइस प्रिंसिपल प्रो. विनायक भट्टाचार्य ने बंगला एवं हिंदी की कहानियों का तुलनात्मक दृष्टि से विवेचना करते हुए कहा कि कहानी जीवन मूल्य को समाज में प्रतिष्ठित करती है। आईक्यूएसी कोर्डिनेटर डॉ. जया मुखर्जी ने हिंदी विभाग को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह विषय विद्यार्थियों के लिए अत्यंत प्रासंगिक है। अपने स्वागत भाषण में हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कमलेश पाण्डेय ने कहा कि कहानी की परंपरा किस्सागोई शैली का ही विकसित रूप है। साथ ही, कार्यक्रम की रूपरेखा एवं जीवन में इसके महत्त्व को निरूपित किया। इस संगोष्ठी में लगभग 20 विद्यार्थियों ने  चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी’, प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, सुदर्शन, जैनेन्द्र कुमार, फणीश्वरनाथ रेणु, निर्मल वर्मा, अमरकांत, कृष्णा सोबती, ज्ञानरंजन आदि कहानीकारों के विभिन्न कहानियों पर अपने सारगर्भित एवं प्रासंगिक विचार रखे।  कार्यक्रम का  सञ्चालन किया षष्ठम् और द्वितीय सत्र के विद्यार्थी विवेक तिवारी और सुमन गोंड ने तथा  प्रो. आरती यादव ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में प्रो. परमजीत कुमार पंडित, करन सिंह (राजभाषा अधिकारी), सिंटू प्रसाद, निकिता शर्मा, अमरनाथ राय, मानसी गुप्ता, अंशु महतो, संयुक्ता दत्ता, पायल वाल्मीकि, रौशनी सिंह, खुशबू साव, राहुल सिंह, सचिन शर्मा, लवली रॉय, मंगल रजक, सीता, प्रीति, नीतू, सूरज, प्रिंस, सुधीर आदि की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम को सफल बनाने में जितेन्द्र नायक, गंगा लोध आदि की अहम भूमिका रही।

कॉलेज पासआउट दो में से एक युवा के पास रोजगार के लिए जरूरी योग्यता नहीं

नयी दिल्ली । आर्थिक सर्वे के अनुसार भारत की तेजी से बढ़ती जनसंख्या का 65 प्रतिशत 35 वर्ष से कम उम्र का है, लेकिन उमें से कई लोगों के पास आधुनिक अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक कौशल का अभाव है। अनुमान बताते हैं कि लगभग 51.25 प्रतिशत युवा रोजगार के योग्य माने जाते हैं।

दूसरे शब्दों में इसका मतलब है कि सीधे कॉलेज से बाहर आने वाले लगभग दो में से एक युवा अब भी आसानी से रोजगार के योग्य नहीं है। हालांकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि पिछले दशक में स्किल्ड युवाओं का प्रतिशत लगभग 34 प्रतिशत से बढ़कर 51.3 प्रतिशत हो गया है। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने बताया कि “भारत में शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण की स्थिति पर एनएसएसओ, 2011-12 (68वें दौर) की रिपोर्ट के अनुसार, 15-59 वर्ष की आयु के व्यक्तियों में लगभग 2.2 प्रतिशत ने औपचारिक व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त किया है। वहीं, 8.6 प्रतिशत ने गैर-औपचारिक व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त किया है।

2030 तक गैर कृषि क्षेत्र में सालाना 78.5 लाख रोजगार सृजन की जरूरत

आर्थिक सर्वे के अनुसार देश में बढ़ते मानव संसाधन को काम मुहैया कराने के लिए गैर कृषि क्षेत्र में 2030 तक सालाना 78.5 लाख रोजगार सृजन करने की जरूरत है। सर्वे में कहा गया है कि कामकाज की उम्र का हर व्यक्ति नौकरी ही नहीं करेगा। उनमें से कुछ स्वरोजगार भी करेंगे और कुछ लोग नियोक्ता भी बनेंगे। सर्वे में कहा गया है कि देश का आर्थिक विकास नौकरियों से ज्यादा लोगों को आजीविका मुहैया कराने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। सभी स्तर के सरकारों और निजी क्षेत्र को भी इस में योगदान देना होगा। आर्थिक सर्वे के अनुसार कृषि क्षेत्र का श्रम बल जो 2023 में 45.8% है वह 2047 तक धीरे-धीरे घटकर 25% पर पहुंच सकता है। इसलिए 2030 तक हमें गैर कृषि क्षेत्र में सालाना करीब 78.5 लाख रोजगार मुहैया कराने होंगे। सर्वे के अनुसार 78.5 रोजगार सृजन का लक्ष्य पीएलआई (5 साल में 60 लाख रोजगार), मित्र टेक्सटाइल स्कीम (20 लाख रोजगार) और मुद्रा योजनाओं के क्रियान्वयन से हासिल किए जा सकते हैं।

वार्षिक रिपोर्ट में देश में कौशल और उद्यमिता परिदृश्य में चुनौतियों का जिक्र किया गया है, ये हैं-

(i) सार्वजनिक धारणा है कि कौशल को अंतिम विकल्प के रूप में देखा जाता है, इसे उन लोगों के लिए जरूरी माना जाता है प्रगति नहीं कर पाए हैं या औपचारिक शैक्षणिक प्रणाली से बाहर निकल गए हैं।
(ii) केंद्र सरकार के कौशल विकास कार्यक्रम अभिसरण 20 से अधिक मंत्रालयों/विभागों में फैले हुए हैं। पर वहां मजबूत समन्वय और निगरानी तंत्र का अभाव है
(iii) मूल्यांकन और प्रमाणन प्रणालियों में बहुलता जिसके कारण असंगत परिणाम मिलते हैं नियोक्ताओं के बीच भ्रम पैदा करता है।
(iv) प्रशिक्षकों की कमी है, उद्योग पेशेवरों को आकर्षित करने में असमर्थत हैं।
(v) क्षेत्रीय और स्थानिक स्तरों पर मांग और आपूर्ति के बीच मेल नहीं है।

 

भारत में 2050 तक दुगनी हो जाएगी बुजुर्गों की आबादी : यूएनएफपीए- इंडिया

नयी दिल्ली । दुनिया में सबसे नौजवान देश के तौर पर माने जाने वाले भारत में बुजुर्गों की आबादी अब तेजी से बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की भारत इकाई ‘यूएनएफपीए- इंडिया’ ने भारत में अगले कुछ वर्षों में बुजुर्गों की आबादी 2 गुना तक बढ़ जाने की सनसनीखेज रिपोर्ट दी है।

‘यूएनएफपीए- इंडिया’ की प्रमुख एंड्रिया वोजनार ने कहा है कि भारत की बुजुर्ग आबादी 2050 तक दोगुनी हो जाने की संभावना है और देश में खासकर उन बुजुर्ग महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सेवा, आवास और पेंशन में अधिक निवेश किए जाने की जरूरत है, जिनके ‘‘अकेले रह जाने और गरीबी का सामना करने की अधिक आशंका है।’’ ‘

यूएनएफपीए-इंडिया’ की ‘रेजिडेंट’ प्रतिनिधि वोजनार ने विश्व जनसंख्या दिवस (11 जुलाई) के कुछ दिनों बाद ‘पीटीआई-भाषा’ से एक साक्षात्कार में जनसंख्या के उन प्रमुख रुझानों को रेखांकित किया, जिन्हें भारत सतत विकास में तेजी लाने के लिए प्राथमिकता दे रहा है। इनमें युवा आबादी, वृद्ध जनसंख्या, शहरीकरण, प्रवासन और जलवायु के अनुसार बदलाव करना शामिल हैं। ये कारक सभी देश के लिए अनूठी चुनौतियां और अवसर पेश करते हैं। वोजनार ने कहा कि 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों की संख्या 2050 तक दोगुनी होकर 34 करोड़ 60 लाख हो जाने का अनुमान है, इसलिए स्वास्थ्य सेवा, आवास और पेंशन योजनाओं में निवेश बढ़ाने की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘सकर वृद्ध महिलाओं के लिए ऐसा करना आवश्यक है, जिनके अकेले रहने और गरीबी का सामना करने की अधिक आशंका है।’’

भारत में युवा आबादी सबसे ज्यादा – यूएनएफपीए-इंडिया’ प्रमुख ने कहा कि भारत में युवा आबादी काफी है और 10 से 19 वर्ष की आयु के 25 करोड़ 20 लाख लोग हैं। उन्होंने जिक्र किया कि लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्वास्थ्य, शिक्षा, नौकरी के लिए प्रशिक्षण और रोजगार सृजन में निवेश करने से इस जनसांख्यिकीय क्षमता को भुनाया जा सकता है और देश को सतत प्रगति की ओर अग्रसर किया जा सकता है। वोजनार ने कहा, ‘‘भारत में 2050 तक 50 प्रतिशत शहरी आबादी होने का अनुमान है, इसलिए झुग्गी बस्तियों की वृद्धि, वायु प्रदूषण और पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने के लिए स्मार्ट शहरों, मजबूत बुनियादी ढांचे और किफायती आवास का निर्माण महत्वपूर्ण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘शहरी योजनाओं में महिलाओं की सुरक्षा संबंधी जरूरतों, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा एवं नौकरियों तक पहुंच को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए, ताकि लैंगिक समानता को बढ़ावा दिया जा सके और जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार हो सके।’’ वोजनार ने यह भी कहा कि आंतरिक और बाहरी प्रवासन को प्रबंधित करने के लिए अच्छे से सोच-विचार कर योजना बनाने, कौशल विकास करने और आर्थिक अवसर वितरण की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के अनुसार बदलाव को विकास योजनाओं में शामिल करना और नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश करना भारत के लिए महत्वपूर्ण है।

 

आपके सामने किसी को हार्ट अटैक आए तो तुरंत करें ये काम

नयी दिल्ली ।  बीते कुछ सालों में हार्ट अटैक भारत के लिए एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं देश में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 25-45 साल के उम्र वाले नौजवानों में लगातार हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं। यह दिन पर दिन एक गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है. यह बीमारी सिर्फ बुजुर्गों तक ही नहीं जवान लोगों में भी काफी ज्यादा देखने को मिल रही है। जैसा कि आए दिन आप देख रहे हैं जिम में एक्सरसाइज, डांस, गरबा के दौरान, रेस्तरां में खाना खाने के दौरान लोगों को हार्ट अटैक आ रहे हैं लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर किस कारण यह हो रहा है साथ ही यह भी बताएंगे कि अगर आपके सामने किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आ जाए तो सबसे पहले क्या करना चाहिए?

हार्ट अटैक आने के बाद क्या करना चाहिए

अगर आपके सामने किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आज जाए तो सबसे पहले किसी समतल जगह पर उसे सीधा लेटाएं। अगर कोई व्यक्ति बेहोश हो गया है तो नब्ज चेक करें। अगर नब्ज बिल्कुल नहीं महसूस हो रही है तो समझ लें कि व्यक्ति को हार्ट अटैक पड़ा है क्योंकि हार्ट अटैक में दिल की धड़कन रुक जाती है, इसलिए नब्ज नहीं मिल पाती। ऐसे दो से तीन मिनट के अंदर उसके हार्ट को रिवाइव करना जरूरी होता है, नहीं तो ऑक्सीजन के कमी के चलते उसका ब्रेन डैमेज हो सकता है. ऐसे में हार्ट अटैक आने पर तुरंत सीने पर जोर-जोर से मुक्का मारें। तब तक मारे जब तक वह होश में नहीं आ जाता है। इससे उसका दिल फिर से काम करना शुरू कर देगा।

बेहोश व्यक्ति को तुरंत सीपीआर दें – अगर कोई बेहोश हो गया है और उसका नब्ज नहीं चल रही है तो उसको तुरंत अपने हाथ से सीपीआर दें। सीपीआर में मुख्य रूप से दो काम किए जाते हैं। पहला छाती को दबाना और दूसरा मुंह से सांस देना जिसे माउथ टु माउथ रेस्पिरेशन कहते हैं। पहले व्यक्ति के सीने पर बीचोबीच हथेली रखें. पंपिंग करते समय हथेली को एक हाथ को दूसरे हाथ के ऊपर रख कर उंगलियों को अच्छे से बांध लें और हाथ और कोहनी दोनों सीधा रखेंष उसके बाद छाती को पंपिंग करते हुए छाती को दबाया जाता है। ऐसे करने से धड़कनें फिर शुरू हो जाती हैं। हथेली से छाती को 1 -2 इंच तक दबाएं ऐसा एक मिनट में सौ बार करें।