Sunday, July 20, 2025
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एमएसएमई उद्यमियों की सहायता के लिए आया एमएसएमई डेवलपमेंट फोरम

पश्चिम बंगाल में खुला नया अध्याय, डॉ. ममता बिनानी बनीं अध्यक्ष
कोलकाता । एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) डेवलपमेंट फोरम का पश्चिम बंगाल चैप्टर शुरू हो गया है। डॉ. ममता बिनानी इसकी अध्यक्ष बनी हैं। इस चैप्टर की घोषणा के अवसर पर पश्चिम बंगाल के एमएसएमई डेललपमेंट फोरम की अध्यक्ष डॉ. ममता बिनानी ने कहा, पश्चिम बंगाल चैप्टर का प्रमुख लक्ष्य, विभिन्न श्रेणी से ताल्लुक रखने वाली महिलाओं के लिए आदर्श स्टार्ट-अप प्रोग्राम तैयार करना है। इसमें महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति से जुड़ी महिलाओं को स्टार्ट-अप के लिए सूचना देना और इनको समर्थन देने के साथ सरकार द्वारा बनाई गई नीति का इन्हें फायदा पहुंचाना है। एमएसएमई डेवलपमेंट फोरम एक गैर सरकारी संगठन है। भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय बोर्ड के सदस्य रजनीश गोयनका द्वारा स्थापित किया गया हैं। वे इस फोरम के अध्यक्ष भी हैं। फोरम ने वर्ष 2014 में सक्रिय रूप से काम करना शुरू किया।
इस फोरम का अगला एक्सपो “15 से 17 सितंबर 2022” को नयी दिल्ली में आयोजित होने जा रहा है। वैसे तो एमएसएमई डेवलपमेंट फोरम, पश्चिम बंगाल में पिछले 5 वर्षों से सक्रिय है। अब इस राज्य में एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए इससे जुड़े जागरूकता कार्यक्रम को आयोजित करने का फैसला लिया गया है, इसके लिए 40 से अधिक कार्यकारी दल के सदस्यों को लेकर डॉ. ममता बिनानी के नेतृत्व में एक नयी टीम का गठन किया जा गया है।

इस कार्यक्रम में सुरेश करमाली (मुख्य महाप्रबंधक राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी), कोलकाता), देबब्रतो मित्रा (संयुक्त निदेशक, एमएसएमई विकास संस्थान, कोलकाता), प्रमोद कुमार गोयनका, (महासचिव, एमएसएमई विकास मंच, पश्चिम बंगाल), सिद्धार्थ मंडल (सहायक महाप्रबंधक- भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक, सिडबी) समेत कई गणमान्य अधिकारी मौजूद थे। इन सभी ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएसई), के तहत भारत सरकार द्वारा इस सेक्टर को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के बारे में विस्तृत से अवगत बताया।
एमएसएमई छेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त करनेवाला क्षेत्र साबित हुआ हैं। इसने देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में बहुत योगदान दिया है। यह न केवल रोजगार के अवसर पैदा करता है, बल्कि देश के पिछड़े और ग्रामीण क्षेत्रों को विकास की दिशा में आगे ले जाने का भी काम करता है। 90 प्रतिशत उद्योग एमएसएमई के अन्तर्गत ही आते हैं।
वर्ष 2022-2025 के लिए पश्चिम बंगाल का एमएसएमई विकास मंच इन मिशन के तहत काम करेगा, जो निम्नलिखित है:
• शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नए – नए कार्यक्रम आयोजित करके एमएसएमई की योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करना।
• स्टार्टअप और स्वयं सहायता समूहों के साथ महिलाओं और युवा उद्यमियों के बीच जाकर सरकार की एमएसएमई नीतियों के बारे में उनको जानकारी देना।
• एमएसएमई को अपने व्यवसाय में नई तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
• एमएसएमई को सरकारी ऋण योजनाओं और विपणन सहायता योजनाओं का लाभ उठाने के लिए सूचित करना और उनकी मदद करना।
• कॉर्पोरेट कानूनों और अन्य प्रतिभूति बाजार कानूनों में प्रख्यात पेशेवरों के साथ कार्यक्रम और सेमिनार आयोजित करना।
• फोरम अपने मासिक ई-समाचार बुलेटिन, पत्रिकाओं या पत्रिकाओं के माध्यम से एमएसएमई को हालिया प्रौद्योगिकियों, नए विधानों, नोटिस, परिपत्रों, नियमों और विनियमों के विकास के बारे में शिक्षित और सूचित करना शामिल है।
एमएसएमई के ​​बारे में: भारत सरकार ने 2006 के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास (एमएसएमईडी) अधिनियम के समझौते में एमएसएमई या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की शुरुआत की है। ये उद्यम मुख्य रूप से माल और वस्तुओं के उत्पादन, निर्माण, प्रसंस्करण और संरक्षण में लगे हुए हैं। सरकार की वार्षिक रिपोर्ट (2018-19) के अनुसार, भारत में लगभग 6,08,41,245 एमएसएमई हैं जो इस देश के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 8%, विनिर्माण उत्पादन का लगभग 45% और देश के निर्यात में लगभग 40% का योगदान करते हैं।

आभासी रोजगार मेला आयोजित करेगा जैन ऑनलाइन

कोलकाता । जैन (डीम्ड-टू-बी-यूनिवर्सिटी) जैन ऑनलाइन, एक वर्चुअल जॉब फेयर “कनेक्ट टू कॅरियर” का आयोजन कर रहा है। 21 मार्च को आयोजित हो रहे इस रोजगार मेले में कॉमर्स, मैनेजमेंट, साइंसेज, ह्यूमैनिटीज, सीएस आई टी, इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर एवं हॉस्पिटैलिटी के 1 लाख से अधिक विद्यार्थियों के भाग लेने की उम्मीद है। एएनजेड बैंक, निप्पॉन टोयोटा, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, ईएसएएफ स्मॉल फाइनेंस बैंक, मुथूट माइक्रोफिन, मालाबार गोल्ड, डेकाथलॉन जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों ने नियुक्तियों के लिए भूमिकाएं सूचीबद्ध की हैं। इनके अलावा, डंज़ो, बिग बास्केट, अपग्रेड जैसे लोकप्रिय स्टार्टअप, जॉब फेयर में कल्टफिट, नो ब्रोकर शामिल होने जा रहे हैं।
“कनेक्ट टू कॅरियर” के जरिए जैन ऑनलाइन नियोक्ताओं के पास उम्मीदवारों के वीडियो रिज्यूमे, उम्मीदवार प्रतिक्रिया डैशबोर्ड, ऑनलाइन मूल्यांकन करने के विकल्प आदि तक उपलब्ध करवाएगा। जॉब फेयर के बारे में बोलते हुए, डॉ. राज सिंह, वाइस चांसलर, जैन (डीम्ड-टू-बी-यूनिवर्सिटी), ने कहा कि ‘कनेक्ट टू करियर’ जॉब फेयर न केवल निजी क्षेत्र में बल्कि गैर सरकारी संगठनों, अनुसंधान संगठनों और सरकारी क्षेत्रों में भी संभावित कर्मचारियों को सही नियुक्ति करने वालों से जोड़ने में सहायक रहा है। हमें उम्मीद है कि आगामी जॉब फेयर भी कंपनियों के लिए उद्योग के लिए तैयार छात्रों और छात्रों के लिए, उनके ज्ञान और कौशल से मेल खाने वाली सही नौकरी के लिए एक शानदार अवसर लाएगा। ”
छात्रों और नौकरी चाहने वालों के लिए रोजगार बढ़ाने के लिए जैन ग्रुप द्वारा 2018 में कनेक्ट टू कॅरियर कार्यक्रम शुरू किया गया था। इस जीवन वर्धक अभियान के माध्यम से अब तक कुल 3500 से अधिक प्रतिभागी इस अभियान से लाभान्वित हो चुके हैं।

महिला दिवस पर लैंगिक विषमता पर हेरिटेज अकादमी में परिचर्चा

कोलकाता । हेरिटेज अकादमी के मीडिया साइंस विभाग ने महिला दिवस पर परिचर्चा आयोजित की। परिचर्चा का विषय ‘ब्रेक द बायस’ था। इस परिचर्चा में स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं उर्वरा, आईवीएफ की निदेशक डॉ. इन्द्राणी लोध, इंटरडिसिप्लीनरी आर्टिस्ट सुजय प्रसाद चटर्जी ने विचार रखे। डॉ. लोध ने कहा कि भारत में आज भी महिलाओं का शोषण होता है और उत्तर भारत में यह समस्या अधिक है। इन समस्याओं से मुक्ति पाये बगैर निष्पक्ष समाज का निर्माण नहीं हो सकता। सुजय चटर्जी ने कहा कि लिंग के बजाय व्यक्ति के काम को महत्व दिया जाना चाहिए।
इस कार्यक्रम में द हेरिटेज अकादमी के प्रिंसिपस प्रो. गौर बनर्जी, मीडिया साइंस विभाग की डीन डॉ. मधुपा बख्शी, हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रिंसिपल डॉ. बासव चौधरी के अतिरिक्त अन्य शिक्षक एवं कर्मचारी भी उपस्थित थे। हेरिटेज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के सीईओ पी. के. अग्रवाल ने कहा कि अवचेतन में या जानबूझकर किये गये भेदभाव के कारण महिलाओं का आगे बढ़ना कठिन हो जाता है, इसे समाज से हटाने के लिए हमें कदम उठाने होंगे।

पद्मश्री पी.आर. अग्रवाल द्वारा सम्मानित किये गये एचआईटीके के मेधावी विद्यार्थी

कोलकाता । पद्मश्री पी.आर. अग्रवाल ने हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया। वे हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के चेयरमैन एवं कल्याण भारती ट्रस्ट के संस्थापक ट्रस्टी एवं रूपा समूह के चेयरमैन भी हैं। सम्मानित होने वालों में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की छात्रा एवं गणतंत्र दिवस परेड के लिए चुनी गयी छात्रा निकिता माइती शामिल थी। वह इस परेड के लिए चुनी गयी राज्य की 23 लड़कियों में शामिल थी। इसके अतिरिक्त गूगल द्वारा सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में चयनित कम्प्यूटर साइंस विभाग एवं इंजीनियरिंग विभाग के अंतिम वर्ष की छात्रा आर्ची चोमाल और अमीशा जोधानी, 2010 बैच में कम्प्यूटर साइंस एंड इजीनियरिंग विभाग का छात्र सुमित अग्रवाल भी सम्मानित किया गया। लक्स इंडस्ट्रीज के साथ काम कर चुका सुमित इस समय सांवरा फैशन का निदेशक है। वह ब्रांड, ऑनलाइन प्रचार, वेब डेवलपमेंट, विज्ञापन रणनीति जैसे दायित्व सम्भालता है। इस अवसर पर बोर्ड ऑफ गवर्नर की ओर से पद्मश्री पाने पर पी.आर. अग्रवाल को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर द हेरिटेज स्कूल के चेयरमैन एवं कल्याण भारती ट्रस्ट के उपाध्यक्ष विक्रम स्वरूप, बोर्ड ऑफ गवर्नर के सदस्य एवं कल्याण भारती ट्रस्ट के ट्रस्टी एन. पी. डालमिया, द हेरिटेज स्कूल की प्रिंसिपल सीमा सप्रू, एचआईटीके के संस्थापक निदेशक प्रो. बी.बी. पायरा, प्रिंसिपल बासव चौधरी, केबीटी के निदेशक प्रबीर राय भी शामिल थे। केबीटी के सीईओ पी.के. अग्रवाल ने इसे गर्व का क्षण बताया।

कोलकाता पुस्तक मेला के प्रेस कॉर्नर में राष्ट्रीय संवाद

कोलकाता। भारतीय ज्ञानपीठ,वाणी प्रकाशन समूह और भारतीय भाषा परिषद की ओर से कोलकाता पुस्तक मेले के प्रेस कॉर्नर में आयोजित राष्ट्रीय संवाद में कहा गया कि पुस्तक संस्कृति की रक्षा एक राष्ट्रीय कर्तव्य है। पुस्तकें मनुष्यता की गंगोत्री हैं। इनका पांच सौ सालों का गौरवपूर्ण इतिहास है।
वाणी प्रकाशन की ओर से अदिति माहेश्वरी ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद भारत में कोलकाता पुस्तक मेले ने पुस्तक संस्कृति की यात्रा फिर से शुरू की है। रवींद्र भारती विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रो. हितेंद्र पटेल ने कहा कि पुस्तक संस्कृति एक नये संकट से गुजर रही है। उससे उबरने के लिए नयी परिकल्पनाओं की आवश्यकता है। पाठकों की रुचि के अनुसार उनको पुस्तकें सुलभ होनी चाहिए।
भोजपुरी और हिंदी के प्रख्यात कथाकार मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि नालंदा में पुस्तकें जलाईं गयी फिर भी पुस्तकों की परंपरा खत्म नहीं हुई। पुस्तकें पढ़ते समय हम ठहरकर कुछ सोच सकते हैं लेकिन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया यह अवसर नहीं देता। परिषद के उपाध्यक्ष एवं आई.लीड के संस्थापक प्रदीप चोपड़ा ने कहा कि पुस्तक प्रेम संस्कार से मिलता है और इस संस्कार को विकसित करने की जरूरत है। रांची विश्वविद्यालय के पूर्व प्रो. रवि भूषण ने कहा कि इस समय शब्द पर आक्रमण हो रहे हैं। पुस्तक संस्कृति ही इससे रक्षा कर सकती है। परिषद के निदेशक डॉ शंभुनाथ ने कहा कि पुस्तकें पढ़ना स्वाधीन होना है। जब तक मनुष्यों के मन में प्रश्न है पुस्तक संस्कृति बची रहेगी। आज मनुष्य बौद्धिक प्राणी की जगह इलेक्ट्रॉनिक प्राणी बनता जा रहा है। राष्ट्रीय संवाद की अध्यक्षता करते हुए पटना से आए कवि अरुण कमल ने कहा कि पुस्तक संस्कृति की रक्षा का अर्थ है अच्छी किताबों को पढ़ना। यह दुश्मनी की नहीं प्रेम की संस्कृति है। अपने स्वागत वक्तव्य में भारतीय भाषा परिषद की अध्यक्ष डॉ. कुसुम खेमानी ने कहा कि पुस्तक संस्कृति ही मनुष्यता का मार्ग दिखाती हैं। कोलकाता पुस्तक मेले में हिंदी की उपस्थिति बढ़ाई जानी चाहिए। पुस्तक मेले में राष्ट्रीय संवाद के संयोजक डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि पुस्तक संस्कृति हमें ज्ञान,विवेक और आदमियत से जोड़ने का संस्कार देती है। धन्यवाद ज्ञापन अदिति माहेश्वरी ने दिया।

“बस मेरा सम्मान करो”

-दीपा ओझा

नहीं मांगती कुछ मैं तुमसे
बस मेरा सम्मान करो
सपना सबके जैसा ही
मेरा भी साकार करो
अपने जैसा समझ मुझे भी
मेरा ना तुम अपमान करो
सुनो समाज हितैषियों
गर कुछ ना कर पाओ तो
बस इतना तुम ध्यान करो
केवल मेरा तुम मान करो
बस मेरा सम्मान करो

विनती नहीं
है मेरी ये घोर गर्जना
इसको ना नज़रअंदाज़ करो
सुनो धर्म पुजारियों
कर अधर्म तुम
अब ना धर्म की बात करो
केवल मेरा तुम मान करो
बस मेरा सम्मान करो

तुम धर्म- धर्म चिल्लाते हो
धर्म का मर्म समझ क्या पाते हो
पूज कर शक्ति स्वरूपा जगदम्बा को
निज मिथ्या शक्ति पर
अति अभिमान जताते हो

अबला कह मुझे
खुद को बलवान बताते हो
रख पर्दे में मुझको तुम
सुरक्षा का एहसान जताते हो
रख घर में महंगी वस्तु सा
सुख- सुविधा का गान सुंनाते हो

तो सुनो अब यह कथन सुनो
जागीर नहीं तुम्हारी सम्पत्ति नहीं मैं
लाज- साज सम्मान हूँ कुल की
मुझको तुम शिरोधार्य करो
केवल मेरा तुम मान करो
बस मेरा सम्मान करो

“नारियां”

  • प्रीति साव

हम है शक्ति,
हम है बुद्धि,
हम ही है
इस सृष्टि के निर्माता,
हम न हो तो
यह धरती कैसी?
नारी से ही यह संसार सारा।
हम ही है फूलों की कोमलता,
हम ही है प्राकृतिक की सुन्दरता,
हम ही प्रकाश प्रेम का
इस प्रेम से ही धरती उजियाली,
वक्त पड़े तो चट्टानों को तोड़,
खोज लेती है
अपनी मंजिल की राह नारी
वर्तमान में,
बोल उठी है,
खिल चुकी है
हर क्षेत्र में
कदम आगे बढ़ा रही है
नारियां।
बाजारीकरण हो,
शैक्षणिक संस्थान हो,
टेक्नोलॉजी हो
या हो फिर सैनिक,
राजनीतिक,सामाजिक
कोई भी क्षेत्र
आज हर राह में,
हर क्षेत्र में,
बढ़ रही है नारियां,
हर क्षेत्र में अपना परचम
लहरा रही है नारियां,
हर बेड़ियों को तोड़,
आगे बढ़,समाज को
एक नई दिशा दे रही है
नारियां,
खुद शिक्षित हो कर
समाज के लिए
प्रेरणादायक बन रही है
नारियां,
अपने विवेक से
हर अन्याय पर न्याय
दिला रही है नारियां,
विश्व में अपनी
अलग पहचान बना रही है
नारियां।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर उत्सव आयोजित

कोलकाता ।  भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज के प्लेसमेंट हॉल में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उत्सव मनाया गया। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस सर सी. वी. रमन के नाम पर मनाया जाता है जिन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण खोज की। कॉलेज के विज्ञान विभाग के सभी विद्यार्थियों और शिक्षक गणों द्वारा भव्य समारोह का आयोजन किया गया । गत 28 फरवरी, 2022 को विज्ञान अनुभाग से जुड़े छात्रों के बीच प्रश्नोत्तरी और पोस्टर प्रस्तुति प्रतियोगिता का आयोजन किया। कार्यक्रम टीआईसी डॉ सुभब्रत गंगोपाध्याय के स्वागत भाषण के साथ शुरू हुआ। .सुभब्रत गांगुली, उप-प्राचार्या डॉ पिंकी साहा सरदार ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर शिक्षकों, विद्यार्थियों और मैनेजमेंट के पदाधिकारियों के सहयोग की प्रशंसा की। डॉ. एस. के. दत्ता, विज्ञान के डीन; प्रो. समीर कुमार बंदोपाध्याय, अनुसंधान सलाहकार और प्रो. दिलीप शाह, कॉलेज के छात्र मामलों के डीन गणमान्य व्यक्तियों ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के महत्व को समझाया। डॉ. एस. के. दत्ता ने तकनीकी क्षेत्रों में कॅरियर विकल्प के रूप में बुनियादी विज्ञान को चुनने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके बाद अर्थशास्त्र के एक छात्र ने उद्घाटन गीत गाया। उनके प्रदर्शन के बाद, विज्ञान अनुभाग के छात्रों ने पोस्टर प्रस्तुत करना शुरू कर दिया। डॉ. एस. के. दत्ता, प्रो. समीर कुमार बंदोपाध्याय और डॉ. अनूप सिकदर इस सत्र के विशेषज्ञ थे। चौथे और छठें सेमेस्टर  में से प्रत्येक के 6 छात्रों ने कुल मिलाकर 12 छात्रों ने कई विषयों पर पोस्टर प्रस्तुत किए, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं: भारतीय विज्ञान का अतीत गौरव, भारतीय विज्ञान में महिलाएं, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की भूमिका, कटिंग विज्ञान के किनारे नवाचार और प्रौद्योगिकी। उत्सव मुखर्जी द्वारा आयोजित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता की गई जिसमें विज्ञान खंड के 6 विभागों के छात्रों ने भाग लिया। सत्र के तीन दौर के बाद, भौतिकी विभाग ने प्रतियोगिता जीती। भौतिकी विभाग ने पोस्टर प्रेजेंटेशन भी जीतकर चैंपियन की ट्रॉफी अपने नाम की। दिन भर चलने वाले इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।

विमेन्स सेल और आईक्यूएसी के सौजन्य से आयोजित हुआ महिला दिवस

कोलकाता ।  भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज के वोमेन सेल और आईक्यूएसी ने मनाया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस। इस अवसर पर टीआईसी डॉ सुभब्रत गंगोपाध्याय ने प्रमुख अतिथि विद्यासागर विश्वविद्यालय की ऐसोसिएट प्रोफेसर डॉ. भास्वती चटर्जी का स्वागत करते हुए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर शुभकामनाएं दीं। ‘विमेन एंड सोशयल रिफार्म्स’ पर अपना शोध पेपर पढा़ । 19वीं शताब्दी भारत में स्त्रियों की स्थितियों पर विभिन्न एक्टों का पूर्ण विवेचन किया। विवाह, विधवा विवाह, स्त्री अधिकारों की चर्चा की। विवाह और संपत्ति अधिकार आदि सुधारों पर भी चर्चा की। 20वीं शताब्दी में होने वाले हिंदू और मुस्लिम स्त्रियों के अधिकारों पर भी चर्चा की। विवाह, तलाक बहुपत्नी विवाह की समाप्ति, संपत्ति अधिकार नये रिफार्म्स नियम आए। विवाह पर 28 बिल, तलाक पर 12 बिल, संपत्ति पर 19 बिल आए।स्त्री से संबंधित विवाह के कई बिलों के विषय पर अपना महत्वपूर्ण वक्तव्य दिया। पॉलिटिकल साइंस विभाग के प्रो. करन वोरा ने लिंग पर चर्चा करते हुए कई उदाहरणों से अपनी बात रखी। पुरुषों और स्त्रियों, दोनों लिंग की असमानता जो समाज में परंपरागत रूप से चली आ रही है, उसमें समय, कार्य तथा परिवर्तन की आवश्यकता है। प्रो देवज्यानी गांगुली ने अध्यक्षता करते हुए दोनों अतिथि वक्ताओं को धन्यवाद दिया और कहा कि स्त्री की लड़ाई की कहानी यात्रा लंबी है लेकिन वर्तमान में बहुत हद तक कई क्षेत्रों में बदलाव आया है। पितृसत्तात्मक समाज, विवाह की उम्र, यूनीफॉर्म सिविल कोड, भारत की न्यायिक प्रणाली, एक्ट आदि की अनदेखी आदि कई विषयों पर प्रश्नोत्तर सेशन में शिक्षक और विद्यार्थियों ने प्रश्न किए। अंत में, सांस्कृतिक कार्यक्रम में अंग्रेजी विभाग की प्रोफेसर सौरजा टैगोर ने रवीन्द्र नाथ टैगोर के अनछुए गीतों पर भाव, लय, अभिनय और अभिव्यक्ति से पूर्ण नृत्य प्रस्तुति दी। उनमें महिला दिवस विषय को ध्यान में रखते हुए ‘आमार मोतन के आछे’अर्थात् स्त्री जैसा कौन है, ‘रवीन्द्र नाथ टैगोर के गीतों पर नायिका और सखी की कहानी, भानुसिंह पदावली, चंडालिका से नृत्य प्रस्तुति दी जो बहुत ही सराही गई। शांतिनिकेतन से आई मनीषा मुरली नायर साथ में तबला पर पं बिप्लव मंडल और श्रीमती अरुंधति राय रहे। सांस्कृतिक कार्यक्रम का संयोजन किया प्रो तथागत सेन ने।प्रो देवांजना चक्रवर्ती ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।

‘विविधता में एकता का प्रतीक है मातृभाषा’

कोलकाता ।  भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज के बांग्ला विभाग के विद्यार्थियों और शिक्षकों ने अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 2022 उत्सव मनाया। अपनी भावनाओं और इच्छाओं को व्यक्त करने में हमारी मातृभाषा संवाद और कौशल की सूचक होती है। मातृभाषा हमारी पहचान है। मातृभाषा में बोलने पर गर्व का अनुभव होता है। इस अवसर पर कॉलेज ने अपने वीर महापुरुषों को नमन करते हुए उन्हें स्मरण किया।’ अंतरजाति मातृभाषा दिबोश’।  दो दिवसीय19-21फरवरी के कार्यक्रम था जिसमें नाटक, बहुभाषी भाषणों का वितरण, एकल और बहुसांस्कृतिक नृत्य प्रदर्शन हुए ।19 फरवरी को, एक सनसनीखेज स्ट्रीट प्ले (नुक्कड़ नाटक) सैकत घोष द्वारा निर्देशित ‘रोक्तोस्नातो भाषा’ का प्रदर्शन रानूछाया के खुले मैदान में छात्रों द्वारा किया गया जिसने भाषा संघर्ष की याद दिलाई। 1952 में भाषा के लिए शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम में प्रख्यात रंगमंच हस्ती मुख्य अतिथि श्री गौतम हलदरी की गरिमामयी उपस्थिति रही ।
कार्यक्रम के प्रतिभागियों में संस्थान के छात्र और प्रोफेसर भी शामिल हुए। इस यादगार दिन में रंगभवन में लगभग 150 लोगों की उपस्थिति रही। 21 फरवरी को कॉलेज के सभागार में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन करते हुए गीत प्रस्तुति दी गई। इसके बाद महत्वपूर्ण घोषणाएंँ, समृद्ध भाषण, और सांस्कृतिक कार्यक्रम जिसमें सस्वर पाठ, संगीत कार्यक्रम, ऑडियो शामिल थे। नाटक, बहुभाषी भाषण, एकल और बहुसांस्कृतिक नृत्य प्रदर्शनों की प्रस्तुति दी गई।
बांग्ला विभाग की डॉ. मिली समद्दर ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि मातृभाषा विविधता में एकता है। कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।