Tuesday, September 16, 2025
खबर एवं विज्ञापन हेतु सम्पर्क करें - [email protected]
Home Blog Page 14

इसलिए अक्षय तृतीया पर ही क्यों शुरू होती है चारधाम यात्रा

चार धामों की पवित्र तीर्थ यात्रा 30 अप्रैल यानी अक्षय तृतीया से शुरू होने वाली है। अक्षय तृतीया के दिन यमुनोत्री, गंगोत्री के कपाट खुल जाते हैं। इस साल अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को है। लेकिन क्या आपको पता है कि अक्षय का अर्थ क्या है और इसी दिन से चारधाम यात्रा की शुरुआत क्यों होती है? आइए अक्षय तृतीय के आध्यात्मिक महत्व के बारे में भी जानते हैं। सनातन धर्म में अक्षय तृतीया को युगादि पर्व कहा जाता है। बैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि, जिसे अक्षय तृतीया के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन दान, जप, तप और पूजा करने से अक्षय पुण्य फल मिलता है। इस दिन किसी भी कार्य की शुरुआत करने को भी अति शुभ माना जाता है। इस तिथि पर कोई भी काम करने से सफल माना जाता है।

अक्षय के अर्थ पर बात करें तो सरल शब्दों में कह सकते हैं, जिसका क्षय न हो। इसलिए इस दिन लोग कभी क्षय न होने वाली धातु सोना को बढ़-चढ़कर खरीदते हैं। कहते हैं कि अक्षय तृतीया के दिन स्वर्ण की खरीदारी करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को संपन्नता और वैभव का आशीर्वाद देती हैं। भविष्य पुराण, नारद पुराण से लेकर कई पवित्र ग्रंथों में अक्षय तृतीया का उल्लेख मिलता है।

अक्षय तृतीया को स्वयं सिद्ध मुहूर्त माना जाता है और इस दिन किसी भी काम की शुरुआत बहुत शुभ होती है। इसलिए इन दिन चारधाम यात्रा की शुरुआत भी होती है। अक्षय तृतीया के दिन यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट खुल जाते हैं। हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का विशेष महत्व है। चार धाम यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री से होती है। इसके पीछे धार्मिक कारण हैं। चार धाम यात्रा का क्रम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ है।

यमुनोत्री और गंगोत्री के बाद दो मई को केदारनाथ और चार मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट भी खुल जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार,, यमुनोत्री से यात्रा शुरू करने पर चारधाम यात्रा में किसी भी प्रकार की रुकावट भक्तों को नहीं आती है। यमुनोत्री, यमुना नदी का उद्गम स्थल है। यमुना जी यमराज की बहन हैं और उन्हें वरदान प्राप्त है कि वह अपने जल के माध्यम से सभी का दुख दूर करेंगी। मान्यता है कि जो श्रद्धालु यमुनोत्री में स्नान करता है, उसे मृत्यु के भय से मुक्ति मिल जाती है। इसी वजह से भक्त चारधाम यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री से करते हैं। चार धाम यात्रा का धार्मिक के साथ ही भौगोलिक महत्व भी है। चार धामों में यमुनोत्री पश्चिम दिशा में स्थित है। यात्रा पश्चिम से पूरब की ओर होती है। ऐसे में यह दिशा यात्रा के लिए उत्तम मानी जाती है, इससे यात्रा न केवल आसान बल्कि सुविधाजनक भी बन जाती है।

अब बात करते हैं अक्षय तृतीया 2025 के शुभ मुहूर्त की। तो दृक पंचांगानुसार तृतीया तिथि 29 अप्रैल को शाम 05:32 मिनट पर प्रारंभ होगी और 30 अप्रैल को दोपहर 02:12 बजे पर समाप्त होगी। इस दिन पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 06 घंटे 37 मिनट की है। पूजन के साथ गृह प्रवेश का भी समय सर्वोत्तम है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया पर सोना-चांदी न ले सकें तो सुख-समृद्धि के लिए मिट्टी का बर्तन, कौड़ी, पीली सरसों, हल्दी की गांठ, रूई खरीदना बेहद शुभ रहेगा। अक्षय तृतीया के दिन दही, चावल, दूध, खीर आदि के दान का भी काफी महत्व होता है।

औषधीय गुणों से युक्त, महिलाओं के लिए विशेष है सीता का शोक हरने वाला ‘अशोक’,

“तरु अशोक मम करहूं अशोका…” माता सीता कहती हैं “अशोक वृक्ष ने मेरी विरह वेदना को दूर किया, इसलिए मैं इसका सम्मान करती हूं।” माता सीता की विरह वेदना को दूर करने वाले अशोक के वृक्ष के पास महिलाओं की हर समस्या का समाधान है। अशोक की पत्तियों, छाल से कई बीमारियों का इलाज किया जाता है।
आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि इस वृक्ष के पास महिलाओं की हर समस्या का हल है। धर्म शास्त्रों में भी अशोक वृक्ष को विशेष महत्व दिया जाता है। मान्यता है कि पवित्र वृक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव से हुई थी। वृक्ष की चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को पूजा की जाती है। मान्यता है कि अशोक अष्टमी के दिन पूजा करने से न केवल सुख-शांति की प्राप्ति होती है, बल्कि रोग-शोक भी दूर होते हैं।
ये तो था पौराणिक महत्व, इसके औषधीय गुणों से आयुर्वेदाचार्य और पंजाब स्थित ‘बाबे के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल’ के डॉ. प्रमोद आनंद तिवारी ने रूबरू कराया।
उन्होंने बताया, “अशोक के वृक्ष का आयुर्वेदिक महत्व है। इसे महिलाओं का दोस्त कहें तो ज्यादा नहीं होगा। इसका इस्तेमाल स्त्री रोग और मासिक धर्म की समस्याओं जैसे- भारीपन, ऐंठन, अनियमितता और दर्द को कम करने में भी सहायक है।”
आयुर्वेदाचार्य ने बताया कि समस्याओं से राहत पाने के लिए इसे भोजन के बाद दिन में दो बार गर्म पानी या शहद के साथ चूर्ण के साथ ले सकते हैं। अशोक की छाल खून साफ करती है, जिससे महिलाओं की त्वचा में निखार आती है। अशोक की छाल को चेहरे पर लगाने से डेड स्किन से छुटकारा मिलता है।
रिसर्च बताती है कि अशोक की छाल पीरियड्स में होने वाले तेज दर्द और ऐंठन, सूजन को कम कर देती है। यह बढ़े हुए वात को नियंत्रित करती है। अशोक के सेवन से वात की समस्या खत्म होती है। इससे पाचन तंत्र भी मजबूत होता है, जिससे कब्ज, वात, ऐंठन, दर्द में राहत मिलती है।
अशोक के पेड़ में कई प्रकार के पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं, जो हमारी विभिन्न रोगों से रक्षा करने में सहायक होते हैं। इसमें प्रचुर मात्रा में ग्लाइकोसाइड्स, टैनिन, फ्लेवोनोइड्स तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए टॉनिक के रूप में काम करते हैं। अशोक के पेड़ की जड़ें और छाल मुहासे और त्वचा संबंधित समस्याओं को दूर करने में सहायक हैं।
आयुर्वेदाचार्य प्रेग्नेंसी के दौरान और उच्च रक्तचाप की समस्या से ग्रसित लोगों को इसके इस्तेमाल में सावधानी बरतने और बिना डॉक्टर के परामर्श के इस्तेमाल न करने की सलाह देते हैं।

भारत में एंटरप्राइस जॉब के लिए महिलाओं के आवेदन 92 प्रतिशत बढ़े : रिपोर्ट

नयी दिल्ली। भारत में कामकाजी महिलाओं की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। सोमवार को जारी हुई नई रिपोर्ट के मुताबिक, एंटरप्राइस जॉब के लिए महिलाओं के आवेदनों की संख्या में 92 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
जॉब्स और प्रोफेशनल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म अपना द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया कि इस साल की पहली तिमाही में रिकॉर्ड तोड़ 1.81 करोड़ जॉब एप्लीकेशन मिले हैं जो पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है। यह भारत के बढ़ते आर्थिक आशावाद और सभी क्षेत्रों में डिजिटल हायरिंग बूम को दर्शाता है।

रिपोर्ट में बताया गया कि जॉब मार्केट में महिलाओं की भागीदारी में तेजी से इजाफा हो रहा है और जनवरी से मार्च की अवधि में महिलाओं के जॉब एप्लीकेशन की संख्या 62 लाख रही। इसमें सालाना आधार पर 23 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, चंडीगढ़, इंदौर और जमशेदपुर जैसे टियर 2 और 3 शहरों में सबसे अधिक वृद्धि देखी जा रही है। इसकी वजह काम करने के लचीले विकल्प होना है। इन शहरों में बीपीओ, फाइनेंस और एचआर जैसे सेक्टरों में अच्छे अवसर हैं। फ्रैशर्स के लिए भी भारत में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। इस दौरान फ्रैशर्स की ओर से करीब 66 लाख जॉब एप्लीकेशन आए। इसमें सालाना आधार पर 46 प्रतिशत की बढ़त हुई।

इसके अलावा, जॉब प्लेटफॉर्म पर 3.1 लाख जॉब पोस्टिंग देखी गईं, जो 2024 की पहली तिमाही से 26 प्रतिशत अधिक है। एसएमबी ने सबसे आगे रहते हुए 2.1 लाख से अधिक जॉब पोस्ट कीं, जिनमें 28,547 नौकरियां विशेष रूप से महिलाओं के लिए थीं। अपना के संस्थापक और सीईओ निर्मित पारिख ने कहा, “हम देख रहे हैं कि लोग न केवल कोई भी नौकरी पा रहे हैं, बल्कि सही नौकरी प्राप्त कर रहे हैं। सिर्फ एक तिमाही में अपना पर 1.81 करोड़ से ज्यादा नौकरी के आवेदन दर्ज किए गए। टियर 1 मेट्रो से लेकर सबसे दूरदराज के टियर 3 शहरों तक, भारत सिर्फ काम नहीं कर रहा है, बल्कि भारत जीत रहा है।” रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का डिजिटल परिवर्तन गति पकड़ रहा है, विशेष रूप से टियर 2 शहरों में, जहां एडवांस टेक टैलेंट की मांग बढ़ रही है।

ऑनलाइन बिजनेस को सफल बनाने के लिए फॉलो करें ये तरीके

डिजिटल जमाने में सोशल मीडिया का इस्तेमाल सिर्फ चिट-चैट के लिए नहीं बल्कि अन्य तमाम कामों के लिए भी हो रहा है। ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने के लिए लोग ऑनलाइन बिजनेस का सहारा ले रहे हैं। क्योंकि इसमें निवेश और जोखिम अधिक नहीं होता है। अगर आप भी घर बैठे अपनी स्किल्स और क्रिएटिविटी का इस्तेमाल करके पैसा कमाना चाहते हैं, तो आप भी ऑनलाइन बिजनेस शुरूकर सकते हैं। आज के समय में ऑनलाइन बिजनेस करना बहुत आसान है। वहीं ऑनलाइन बिजनेस को अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए सही प्लानिंग और स्ट्रेटजी की जरूरत होती है। वहीं सक्सेस पाने के लिए आप सही बिजनेस आइडिया चुनने से लेकर सोशल मीडिया के सही इस्तेमाल तक की जरूरत होती है। ऐसे में अगर आप भी ऑनलाइन बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको ऑनलाइन बिजनेस शुरू करने के कुछ टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं-

ऑनलाइन बिजनेस शुरू करने के टिप्स – सबसे पहले आप एक ऐसा बिजनेस चुनें, जो आपके इंट्रेस्ट और स्किल्स के साथ मार्केट की डिमांड से मेल खाता हो। क्योंकि बिना इंट्रेस्ट और स्किल्स के आप लंबे समय तक बिजनेस को नहीं चला सकेंगे। वहीं अगर बिजनेस आइडिया मार्केट की डिमांड से मेल नहीं खाता होगा। तो आपको नुकसान हो सकता है।

फील्ड रिसर्च – किसी भी बिजनेस को शुरू करने से पहले आपको मार्केट की रिसर्च जरूर करना चाहिए। ऐसे इसलिए जरूरी होता है, जिससे आपको मार्केट की डिमांड और उसमें किस तरह से प्रोडक्ट फिट होगा, इस बारे में जानकारी मिलती है।

बिजनेस प्लान – बिजनेस शुरू करने से पहले उसकी प्लानिंग करना जरूरी होता है। इससे आपको अपनी काबिलियत के साथ-साथ प्रॉफिट, मार्केटिंग स्ट्रेटेजी और टारगेट ऑडियंस पर फोकस करें।

बिजनेस रजिस्टर करें – बिजनेस की प्लानिंग के बाद आपको बिजनेस का रजिस्ट्रेशन जरूर कराएं। इसके लिए सबसे पहले बिजनेस स्ट्रक्चर बनाएं और जरूरी लाइसेंस के लिए अप्लाई करें।

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म – शॉपिंग प्लेटफॉर्म पर अपना डालने के साथ ही आप खुद का भी ऑनलाइन पेज क्रिएट करें। आप यूजर फ्रेंडली वेबसाइट बनाने के साथ शॉपिफाई और वर्डप्रेस का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

सेट करें पेमेंट गेटवे – ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाने के बाद आपको पेमेंट गेटवे सेट करें। इससे पेमेंट आपके अकाउंट में आ जाएगी। आप फोन पे, पेटीएम और पेटीएम जैसे पेमेंट प्रोवाइडर्स के साथ भी पार्टनरशिप कर सकते हैं।

डिजिटल मार्केटिंग – जब तक आप प्रोडक्ट की मार्केटिंग नहीं करेंगे, तब तक आपका प्रोडक्ट बिकेगा नहीं। क्योंकि आज का समय टेक्नोलॉजी का है, इसलिए मार्केटिंग के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से अच्छा ऑप्शन कुछ नहीं है। इसलिए आप अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग करने के लिए फेसबुक, ईमेल मार्केटिंग, सोशल मीडिया, डिजिटल मार्केटिंग और इन्फ्लुएंसर्स के कैंपेन की भी सहायता ले सकते हैं।

कस्टमर सपोर्ट – आपको सिर्फ अपना प्रोडक्ट बेचना नहीं है, बल्कि कस्टमर को बांधकर भी रखना होता है। इसलिए आफ्टर सेल सर्विस जरूरी है। इसके लिए आपको कस्टमर सपोर्ट तैयार करना होगा और 24/7 सपोर्ट करने वाले ईमेल, चैटबोट और टोल फ्री नंबर जनरेट करें।

लगातार सीखते रहें और अपडेट रहें – बता दें कि आज के समय हर दिन टेक्नोलॉजी बदल रही है और ऑनलाइन बिजनेस की दुनिया भी लगातार बदल रही है। इसलिए बिजनेस शुरू करके हर दिन नई चीजें सीखने का प्रयास करें। साथ ही आप प्रोडक्ट क्वालिटी मेंटेन, कस्टमर बिहेवियर और मार्केटिंग ट्रेंड्स को बेहतर बनाने के लिए काम करते रहें।

भारत में 70 प्रतिशत महिला उद्यमी व्यवसायिक योग्यता में सुधार के लिए उत्सुक : रिपोर्ट

नयी दिल्ली । भारत में 70 प्रतिशत महिला व्यवसायी, खासकर जो टियर 2 और 3 शहरों से हैं, अपने उद्यमों को बढ़ाने के लिए अपने फाइनेंशियल, मार्केटिंग और डिजिटल स्किल में सुधार करना चाहती हैं। गैर-मेट्रो शहरों में 1,300 से अधिक नई और मौजूदा महिला व्यवसायी, जिनकी उम्र 18-55 वर्ष है, के सर्वे के आधार पर निष्कर्ष बताते हैं कि 52 प्रतिशत महिला उद्यमी रिटेल, ई-कॉमर्स और एडटेक जैसे क्षेत्रों में काम करती हैं। यूके स्थित बिजनेस फाइनेंशियल प्लेटफॉर्म टाइड से जारी ‘भारत वूमन एस्पीरेशन इंडेक्स (बीडब्ल्यूएआई) 2025’, भारत में शहरों से परे टियर 2 और 3 की महिला उद्यमियों की आकांक्षाओं को दर्शाता है। यह रिपोर्ट उनके सामने आने वाले अवसरों और चुनौतियों पर भी प्रकाश डालती है।रिपोर्ट के अनुसार, कुल 12 प्रतिशत महिलाएं ‘डिजिटल स्किलिंग’ को प्रमुख प्राथमिकता मानती हैं। यह उद्योग की जरूरतों और उनकी खुद की धारणा के अंतर को दिखाता है। इसी तरह 54 प्रतिशत महिलाओं का मानना है कि वित्तीय संस्थान उन्हें ऋण योग्य नहीं मानते हैं। 90 प्रतिशत व्यवसाय जेन-जी और मिलेनियल उद्यमियों द्वारा संचालित होते हैं, जिनमें से 83 प्रतिशत टियर 2 और उससे आगे के शहरों से उभर रहे हैं। यह अधिक उद्यमियों का छोटे भारतीय शहरों से उभरना दर्शाता है। भारत की टियर 2, 3 और उससे आगे के शहरों की महिला उद्यमी महत्वाकांक्षी, डिजिटल रूप से जागरूक और आगे बढ़ने के लिए दृढ़ हैं। लेकिन, वे फाइनेंस, नेटवर्क और विजिबिलिटी जैसे संरचनात्मक अंतराल की वजह से पीछे रह जाती हैं। बावजूद इसके 86 प्रतिशत महिलाएं शायद ही कभी या कभी भी किसी बिजनेस नेटवर्क में भाग नहीं लेतीं, जिसकी वजह से उन्हें महत्वपूर्ण सहकर्मी समर्थन से वंचित रहना पड़ता है। भले ही वे अपना खुद का व्यवसाय चलाती हों, 52 प्रतिशत महिलाओं को अभी भी ऋण प्राप्त करने के लिए परिवार के किसी पुरुष सदस्य की जरूरत होती है।टाइड इंडिया के सीईओ गुरजोधपाल सिंह ने कहा, “बीडब्ल्यूएआई 2025 के निष्कर्ष भारत के छोटे शहरों में महिला उद्यमियों के बीच गहरी आकांक्षा को दर्शाते हैं। लेकिन, यह भी दर्शाते हैं कि बड़ी चुनौतियां बनी हुई हैं। यह उत्साहजनक है कि कई महिलाएं फाइनेंस को मैनेज करने और अपने व्यवसायों की मार्केटिंग करने की अपनी क्षमता में अधिक आश्वस्त हैं।” उन्होंने कहा, “हालांकि, औपचारिक नेटवर्क, डिजिटल टूल और फाइनेंसिंग तक सीमित पहुंच जैसी बाधाएं व्यापक रूप से फैली हुई हैं।”

‘शरिया कोर्ट’ और ‘दारुल कजा’ के फैसले को कानूनी मान्यता नहीं : सुप्रीम कोर्ट

नयी दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में दोहराया है कि ‘काजी की अदालत’, ‘दारुल कजा’ या ‘शरिया कोर्ट’ जैसे किसी भी निकाय को भारतीय कानून के तहत कोई मान्यता प्राप्त नहीं है और इनके द्वारा दिया गया कोई भी निर्देश या निर्णय कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं होता। जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने यह टिप्पणी एक महिला द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए की। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें फैमिली कोर्ट ने ‘काजी की अदालत’ में हुए समझौते के आधार पर निर्णय दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को गलत ठहराते हुए स्पष्ट किया कि इस तरह के निकायों का निर्णय केवल उन पक्षों के लिए मान्य हो सकता है जो स्वेच्छा से उस पर अमल करने के लिए सहमत हों, लेकिन इसे कानूनी रूप से लागू नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने 2014 में दिए गए अपने ऐतिहासिक फैसले विश्व लोचन मदन बनाम भारत सरकार के मामले का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि शरिया अदालतों और उनके फतवों को भारतीय कानून में कोई मान्यता प्राप्त नहीं है। इस फैसले में स्पष्ट किया गया था कि कोई भी गैर-सरकारी निकाय बलपूर्वक किसी पर अपने निर्णय लागू नहीं कर सकता। बताया गया कि महिला का विवाह 24 सितंबर 2002 को इस्लामी रीति-रिवाजों के अनुसार हुआ था। यह दोनों की दूसरी शादी थी। 2005 में, ‘काजी की अदालत’ भोपाल में महिला के खिलाफ तलाक का मुकदमा दायर किया गया था, जो बाद में समझौते के आधार पर खारिज हो गया। 2008 में, पति ने ‘दारुल कजा’ में फिर से तलाक के लिए मामला दायर किया और 2009 में तलाकनामा जारी कर दिया गया। महिला ने 2008 में भरण-पोषण की मांग करते हुए फैमिली कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे फैमिली कोर्ट ने खारिज कर दिया था। फैमिली कोर्ट ने यह तर्क दिया था कि महिला स्वयं घर छोड़कर गई थी और यह कि चूंकि यह दोनों की दूसरी शादी थी, इसलिए दहेज की मांग की संभावना नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट ने फैमिली कोर्ट की इस दलील को कानून के सिद्धांतों के खिलाफ और केवल अनुमान पर आधारित करार दिया।सुप्रीम कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को पलटते हुए पति को निर्देश दिया कि वह पत्नी को भरण-पोषण के रूप में याचिका दायर करने की तिथि से प्रतिमाह 4,000 रुपए का भुगतान करे। कोर्ट ने यह भी दोहराया कि केवल किसी समझौता डीड के आधार पर भी अदालतें निष्कर्ष नहीं निकाल सकतीं। बता दें कि यह फैसला 4 फरवरी को सुनाया गया था, जो अब सार्वजनिक हुआ है।

भारत में डायरेक्ट-टू-मोबाइल फोन लॉन्च करेगा ‘एचएमडी ग्लोबल’

नयी दिल्ली । एचएमडी ग्लोबल ने फ्री स्ट्रीम टेक्नोलॉजीज (आईआईटी कानपुर में इनक्यूबेट), तेजस नेटवर्क्स और दूसरे भागीदारों के साथ मिलकर भारत में डायरेक्ट-टू-मोबाइल (डी2एम) फोन की बढ़ती मांग को पूरा करने की घोषणा की है। यह कंपनी की ओर से भारत के तकनीकी परिदृश्य को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। 1-4 मई को मुंबई में वर्ल्ड ऑडियो-विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट (वेव्स) 2025 के दौरान कंपनी की इस योजना को लेकर घोषणा की जाएगी। डीटूएम टेक्नोलॉजी नेक्स्ट जनरेशन ब्रॉडकास्टिंग को सक्षम करती है, जिसमें बिना वाईफाई और इंटरनेट कनेक्शन के सीधे फोन पर ओटीटी-लाइव टीवी, वीडियो- ऑडियो और टेक्स्ट मैसेज की डिलीवरी होती है। इसके तहत तेजस नेटवर्क द्वारा संचालित किफायती फीचर फोन, स्मार्टफोन और टैबलेट का निर्माण किया जाएगा। इन उपकरणों को सांख्य लैब्स के इनोवेटिव एसएल-3000 चिपसेट का इस्तेमाल कर विकसित किया जा रहा है।
यह लीडिंग प्लेटफॉर्म कंज्यूमर्स को एक बड़ी रेंज के मल्टीमीडिया कंटेंटे को सीधे उनके डिवाइस पर एक्सेस करने की सुविधा देगा। पिछले कुछ वर्षों में, इस तकनीक का प्रसार भारती द्वारा आईआईटी कानपुर और तेजस नेटवर्क के साथ साझेदारी में लाइव नेटवर्क में परीक्षण किया गया है। एचएमडी इंडिया और एपीएसी के वीपी और सीईओ रवि कुंवर ने कहा, “यह लीडिंग प्लेटफॉर्म कंज्यूमर्स को एक बड़ी रेंज के मल्टीमीडिया कंटेंटे को सीधे उनके डिवाइस पर एक्सेस करने की सुविधा देगा।” फ्रीस्ट्रीम टेक्नोलॉजीज के निदेशक सुमीत निंद्राजोग ने कहा, “यह टेक्नोलॉजी यूजर्स के कंटेंट और डेटा इस्तेमाल करने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए तैयार है।” उन्होंने आगे कहा कि एचएमडी के साथ सहयोग एक मजबूत डिवाइस इकोसिस्टम की नींव रखने में मदद करेगा, जो डीटूएम सर्विस के राष्ट्रव्यापी रोलआउट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यह टेक्नोलॉजी टारगेटेड ऐड्स, एजुकेशनल कंटेंट, इमरजेंस की डिलीवरी की सुविधा देगी। पूर्व सांख्य लैब्स के सह-संस्थापक और तेजस नेटवर्क के कार्यकारी उपाध्यक्ष पराग नाइक ने डीटूएम की क्षमता के बारे में विस्तार से बताया। नाइक ने कहा, “यह टेक्नोलॉजी टारगेटेड ऐड्स, एजुकेशनल कंटेंट, इमरजेंस की डिलीवरी की सुविधा देगी, जो डिजिटल रूप से सशक्त भारत के लिए सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप होगी।” सिनक्लेयर, इंक. के अध्यक्ष और सीईओ क्रिस रिप्ले ने भी परियोजना के लिए अपना उत्साह साझा किया।

सुप्रीम कोर्ट ने पोर्नोग्राफी कंटेंट याचिका पर केंद्र से मांगा जवाब

ओटीटी, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को जारी की नोटिस

नयी दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यौन रूप से स्पष्ट कंटेंट की स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर केंद्र और अन्य से जवाब मांगा है। इस बात की पुष्टि पीटीआई ने की है। जस्टिस बी आर गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज क्राइस्ट की पीठ ने कहा कि याचिका एक महत्वपूर्ण चिंता पैदा करती है और यह मुद्दा या तो कार्यपालिका या विधायिका के अधिकार क्षेत्र में आता है। जस्टिस गवई ने कहा, “जैसा कि यह है, ऐसे आरोप हैं कि हम विधायिका और कार्यकारी शक्ति का अतिक्रमण कर रहे हैं।”पीठ ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि सरकार को याचिका में उठाए गए मुद्दे पर कुछ करना चाहिए। मेहता ने कहा कि इस संबंध में कुछ नियमन अस्तित्व में हैं जबकि कुछ और विचाराधीन हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन पेश हुए। शीर्ष अदालत पांच याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यौन रूप से स्पष्ट सामग्री को प्रतिबंधित करने के लिए राष्ट्रीय सामग्री नियंत्रण प्राधिकरण के गठन के लिए दिशा-निर्देश मांगे हैं।

कश्मीर घाटी के 48 पर्यटन स्थलों को किया गया बंद

श्रीनगर । पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनज़र, जिसमें 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, प्रशासन ने कश्मीर घाटी में कई पर्यटन स्थलों को बंद करने का बड़ा फैसला लिया है। मारे गए लोगों में अधिकांश पर्यटक थे। एहतियात के तौर पर घाटी के संवेदनशील इलाकों में स्थित 48 सार्वजनिक पार्क और उद्यानों को आम जनता के लिए बंद कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कश्मीर के कुल 87 सार्वजनिक पार्कों और उद्यानों में से 48 के द्वार अस्थायी रूप से बंद किए गए हैं। इन स्थलों को संभावित खतरे की आशंका के तहत चुना गया है। बंद किए गए पर्यटन स्थल मुख्यतः कश्मीर के दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थित हैं, और इनमें पिछले एक दशक में विकसित किए गए कुछ नए पर्यटन स्थल भी शामिल हैं। पर्यटकों के लिए जिन स्थानों पर फिलहाल प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें दूषपथरी, कोकेरनाग, डुक्सुम, सिंथन टॉप, अच्छाबल, बंगस घाटी, मार्गन टॉप और तोसामैदान जैसे लोकप्रिय स्थल शामिल हैं। दक्षिण कश्मीर के कई प्रसिद्ध मुगल गार्डनों के दरवाजे भी पर्यटकों के लिए बंद कर दिए गए हैं। हालांकि इस संबंध में प्रशासन की ओर से अब तक कोई औपचारिक आदेश जारी नहीं हुआ है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर इन स्थलों पर प्रवेश को रोक दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा लगातार की जा रही है और आने वाले दिनों में सूची में और स्थानों को शामिल किया जा सकता है। यह कदम पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसी भी संभावित खतरे को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।

 

16 यूट्यूब चैनलों पर रोक के बाद पाकिस्तानी रक्षा मंत्री का ‘एक्स’ अकाउंट प्रतिबंधित

नयी दिल्ली । पहलगाम हमले के कुछ दिनों बाद, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का एक्स अकाउंट भारत में बंद कर दिया गया है। यह पाक पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक के रूप में आया है, जिसमें सोमवार को पड़ोसी देश के 16 यूट्यूब चैनल भी बैन किए गए थे। बता दें कि भारत ने जम्मू-कश्मीर में दुखद पहलगाम आतंकी घटना की पृष्ठभूमि में भारत, उसकी सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री और गलत सूचना फैलाने के लिए 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। सामूहिक रूप से, इन चैनलों के 63 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर हैं। पिछले सप्ताह पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने एक वायरल वीडियो क्लिप में यह कहते हुए बड़ी बात स्वीकार की थी कि पाकिस्तान आतंकवादी समूहों को वित्त पोषण और समर्थन दे रहा है।
एक वीडियो क्लिप जो अब वायरल हो गई है, में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री स्काई न्यूज की यल्दा हकीम के साथ बातचीत कर रहे थे, जब उन्होंने उनसे पूछा, “लेकिन आप मानते हैं, आप मानते हैं, महोदय, कि पाकिस्तान का इन आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और वित्तपोषण देने का एक लंबा इतिहास रहा है?”ख्वाजा आसिफ ने अपने जवाब में कहा, “हम करीब तीन दशक से अमेरिका और ब्रिटेन समेत पश्चिमी देशों के लिए यह गंदा काम कर रहे हैं… यह एक गलती थी और हमें इसकी कीमत चुकानी पड़ी और इसीलिए आप मुझसे यह कह रहे हैं। अगर हम सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध और बाद में 9/11 के बाद के युद्ध में शामिल नहीं होते, तो पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग होता।” आसिफ का बयान इस तथ्य को उजागर करता है कि पाकिस्तान कई वर्षों से इन आतंकवादी समूहों को पनाह दे रहा है। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, केंद्र सरकार ने कई कूटनीतिक उपायों की घोषणा की थी, जैसे अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) को बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) को निलंबित करना, उन्हें अपने देश लौटने के लिए 40 घंटे का समय देना, और दोनों पक्षों के उच्चायोगों में अधिकारियों की संख्या कम करना। भारत ने पहलगाम हमले के बाद 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि को भी रोक दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश को भरोसा दिलाया कि इस हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों के साथ-साथ इसकी साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से परे सजा मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के बचे हुए गढ़ों को खत्म करने का समय आ गया है और 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के दोषियों की कमर तोड़ देगी।