Monday, September 15, 2025
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तीनों सेनाओं को मजबूत बनाने के लिए लोकसभा में लाया गया विधेयक

संयुक्त बल कमांडरों को मिलेंगे अनुशासनात्मक अधिकार

नयी दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने तीनों सेनाओं को संयुक्त रूप से मजबूत बनाने के लिए बुधवार को लोकसभा में एक विधेयक पेश किया है। यह विधेयक पास होने के बाद तीनों सेनाओं के कमांडरों को उनके अधीन काम करने वाले तीनों सशस्त्र बलों के सभी कर्मियों पर अनुशासनात्मक अधिकार देगा।
अडाणी मामले में विपक्ष के हंगामे के बीच रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने इसे संसद में ऐसे समय में पेश किया गया है, जब रक्षा मंत्रालय बदलते सुरक्षा माहौल में खतरों से निपटने के लिए थिएटर कमांड के निर्माण पर काम कर रहा है।

दरअसल, तीनों सेनाओं को संयुक्त रूप से मजबूत करने के लिए आधुनिकीकरण और पुनर्गठन करके थिएटर कमांड बनाने की प्रक्रिया को अब अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसी के मद्देनजर रक्षा मंत्रालय ने लोकसभा में एक विधेयक पेश किया है, जिसमें तीनों सेनाओं के कमांडरों को उनके अधीन काम करने वाले तीनों सशस्त्र बलों के सभी कर्मियों पर अनुशासनात्मक अधिकार दिए गए हैं। इसे ‘इंटर-सर्विसेज ऑर्गेनाइजेशन (कमांड, कंट्रोल एंड डिसिप्लिन) बिल, 2023 का नाम दिया गया है। विधेयक में कहा गया है कि केंद्र सरकार एक अधिसूचना के जरिये ‘इंटर सर्विसेज ऑर्गनाइजेशन’ का गठन कर सकती है। इसमें वह संयुक्त सेवा कमांड शामिल हो सकती है, जिसमें यूनिट या सेवा कर्मी शामिल हैं।

इस विधेयक के जरिये किसी भी सेवा अधिनियम के अधीन कमांडर-इन-चीफ या कमांड-इन-कमांड को रखा जा सकता है। अडाणी मामले में विपक्ष के हंगामे के बीच रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बुधवार को लोकसभा में बिल पेश किया। इसे संसद में ऐसे समय में पेश किया गया है, जब रक्षा मंत्रालय बदलते सुरक्षा माहौल में खतरों से निपटने के लिए थिएटर कमांड के निर्माण पर काम कर रहा है। इस दिशा में काम करने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद सृजित किया गया है। तीनों सेनाओं में फिलहाल अनुशासन बनाए रखने के लिए वायु सेना अधिनियम-1950, सेना अधिनियम-1950 और नौसेना अधिनियम-1957 लागू हैं, जो संबंधित मामलों के लिए उनकी कमान के अधीन या उनसे जुड़े हुए हैं।

लोकसभा में पेश विधेयक में यह भी कहा गया है कि किसी अंतर-सेवा संगठन का कमांडर-इन-चीफ या ऑफिसर-इन-कमांड अंतर सेवा संगठन का प्रमुख होगा। इसलिए उसके अधीन कार्य करने वाले कर्मियों पर पूर्ण नियंत्रण होगा। बिल के उद्देश्यों के विवरण में कहा गया है कि इंटर-सर्विसेज ऑर्गनाइजेशन के कमांडर-इन-चीफ और ऑफिसर-इन-कमांड को अधिकार देने की आवश्यकता है कि वे अपने कमांड के अधीन या संलग्न सेवा कर्मियों पर रखरखाव के लिए नियंत्रण का इस्तेमाल कर सकें। यह बिल एक सक्षम कानून है, जो अंतर-सेवा संगठनों के प्रमुखों को सभी कर्मियों पर प्रभावी कमांड, नियंत्रण और अनुशासन का प्रयोग करने का अधिकार देता है ।

मर्चेंट्स चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा महिला दिवस पर विशेष सत्र

कोलकाता । मर्चेंट्स चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा महिला दिवस पर विशेष सत्र आयोजित किया गया । इस अवसर पर समाज में परिवर्तन लाने वाली सफल महिलाओं ने अपनी संघर्ष यात्रा एवं जमीनी स्तर पर उनके काम से होने वाले प्रभाव साझा किए । इस सत्र में जबाला एक्शन रिसर्च ऑर्गनाइजेशन की संस्थापक बैताली गांगुली ने कहा कि जबाला गरीबी, अशिक्षा, तस्करी, बाल विवाह जैसी समस्याओं के खिलाफ लड़ने के लिए स्थापित हुई । जबाला ने मुख्य रूप से रेड लाइट इलाकों में काम किया है । 1500 से अधिक लड़कियाँ वापस वेश्यावृत्ति की ओर नहीं लौटीं । मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई से 500 से अधिक लड़कियाँ छुड़वाई गयीं ।
अशोका फेलो इक्वीडायवर्सिटी फाउंडेशन की संस्थापक एवं मैनेजिंग ट्रस्टी आनंदिता मजुमदार ने कहा फाउंडेशन महिलाओं को राजनीतिक रूप से जागरूक बनाने के लिए काम कर रहा है । फाउंडेशन लैंगिक हिंसा को लेकर काम कर रहा है । ग्रामीण इलाकों में लैंगिक समानता, युवाओं में संवेदनशीलता बढ़ाने के लिए बाल संसद आयोजित की जाती है।
संलाप की नेटवर्किंग एवं पार्टनरशिप हेड ओइंड्रिला सिन्हा ने कहा कि 35 साल पुरानी उनका संगठन मानव तस्करी एवं बाल उत्पीड़न के खिलाफ काम कर रहा है । 2017 में पीड़ितों के लिए स्कूल स्थापित किया गया और कानून में रुचि रखने वालों को शिक्षा, छात्रावास और कोर्स फीस दी जाती है ।
रंगीन खिड़की की संस्थापक एवं एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर संजना गुप्ता ने कहा कि उनका संगठन युवाओं के साथ काम करता है । खासकर माहावारी के दौरान स्वास्थ्य को लेकर किशोरियों को जागरुकता लाने की कोशिश की जा रही है । अब तक 6 हजार लड़कियों को इस बारे में शिक्षित किया गया है और 1400 स्कूलों के साथ रंगीन खिड़की काम कर रही है ।
ट्रांसफार्म स्कूल्स, पिपल फॉर एक्शन की प्रोजेक्ट लीड पियाली चक्रवर्ती ने अपनी यात्रा साझा करते हुए कहा कि विज्ञान के क्षेत्र लड़कियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए उनकी संस्था काम कर रही है । अब 42 प्रतिशत लड़कियाँ विज्ञान से जुड़े विषयों के प्रति रुचि दिखा रही हैं और 53 प्रतिशत विद्यार्थी तकनीकी शिक्षा लेकर पढ़ने को तैयार हैं ।
इस सत्र में स्वागत भाषण एमसीसीआई लेडीज फोरम की चेयरपर्सन नीता बाजोरिया ने दिया । धन्यवाद ज्ञापन फोरम की सदस्य विशाखा चौधरी ने किया ।

नेफ्रोकेयर इंडिया ने वर्ल्ड किडनी डे पर आयोजित की संगोष्ठी

कोलकाता । समाज में आम लोगों के अलावा अपने मरीजों के स्वास्थ्य की देखभाल करनेवाली देश के सबसे सम्मानित संस्थानों में से एक नेफ्रोकेयर इंडिया ने वर्ल्ड किडनी डे के मौके पर समाज में जागरूकता फैलाने के लिए एक वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन किया। रविवार को सॉल्टलेक के गोल्डेन ट्यूलिप होटल में आयोजित इस संगोष्ठी के जरिये नेफ्रोकेयर अपनी वर्षगांठ भी मना रहा है। इस संगोष्ठी में समाज को इस साइलेंट किलर बीमारी से बचाने एवं सुरक्षित रखने के लिए लगातार उनके बीच जाकर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन करना इसमें शामिल हैं। इस कार्यक्रम का सफल संचालन मैप5 इवेंट्स ने किया।
वर्ल्ड किडनी डे के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम में प्रमुख आतिथि के तौर पर डॉ. भरत वी शाह (एमबीबीएस, एमडी मेडिसिन, नेफ्रोलॉजिस्ट और रीनल विशेषज्ञ, मुंबई), डॉ. अमित गुप्ता (एमबीबीएस, एमडी मेडिसिन, नेफ्रोलॉजिस्ट और रीनल विशेषज्ञ, लखनऊ), डॉ. शौभिक सुरल (एमडी मेडिसिन, डीएम नेफ्रोलॉजी, डीएनबी नेफ्रोलॉजी, कोलकाता), डॉ. प्रतीम सेनगुप्ता (एमडी मेडिसिन, डीएम नेफ्रोलॉजी, नेफ्रोलॉजिस्ट और रीनल ट्रांसप्लांट फिजिशियन), ममता बिनानी (सीएस एवं डॉ. एमएसएमई डेवलपमेंट फोरम पश्चिम बंगाल चैप्टर की अध्यक्ष), सुश्री शिवांगी वर्मा (फिल्म व्यक्तित्व और सेलिब्रिटी, मुंबई), इमरान खान (फिल्म व्यक्तित्व और सेलिब्रिटी, मुंबई) के अलावा समाज की कई अन्य प्रतिष्ठित हस्तियां इसमें मौजूद थे।
मीडिया से बात करते हुए डॉ. प्रतीम सेनगुप्ता (नेफ्रोलॉजिस्ट एवं नेफ्रोकेयर के संस्थापक और निदेशक) ने कहा, हर इंसान के किडनी के स्वास्थ्य और इसकी देखभाल के बारे में लोगों के बीच जागरूकता का स्तर बनाना और लगातार इसे बढ़ाते रहना अत्यावश्यक है। किडनी के कार्य को मापने के लिए सीरम क्रिएटिनिन, खून में यूरिया नाइट्रोजन और ग्लोमेरुलर निस्पंदन दर इन महत्वपूर्ण परीक्षणों का सहारा लिया जा सकता हैं। नेफ्रोकेयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड विश्व स्तर पर सबसे गहन किडनी के रोगियों की देखभाल पर केंद्रित सबसे सम्मानित स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों में से एक है। इसे दिसंबर 2021 के महीने में प्रख्यात और उल्लेखनीय नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. प्रतीम सेनगुप्ता ने स्थापित किया था। सभी डॉक्टर यहां भर्ती होनेवाले मरीजों की देखभाल करने वाले व्यक्ति को एक परिवार के सदस्य के रूप में मानते हैं।

मारवाड़ी संस्कृति मंच और जीतो की ओर से ‘होली महोत्सव 2023’

कोलकाता । ग्रेटर कोलकाता की बड़ी सामाजिक और सांस्कृतिक संस्था मारवाड़ी संस्कृति मंच और जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (जीतो) की ओर से संयुक्त रुप से शनिवार को सॉल्टलेक के सेंट्रल पार्क मेला ग्राउंड (साल्टलेक) में पौराणिक उत्सव का आयोजन नए तरीके से किया। जिसमें समाज की विशिष्ठ हस्तियों में श्री सुजीत बोस (अग्निशमन राज्य मंत्री, पश्चिम बंगाल), श्री सब्यसाची दत्ता (विधाननगर नगर निगम के अध्यक्ष) और कई अन्य प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
रंगों के उत्सव को लेकर आयोजित इस भव्य कार्यक्रम “होली महोत्सव 2023” का आनंद लिया। इस आयोजन में बावलिया ग्रुप ने धाप-धमाल की जबरदस्त प्रस्तुति दी। इस आयोजन में वृंदावन के प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा महारास-फूलों की होली विशेष आकर्षण का केंद्र था। इस कार्यक्रम में ठंडाई और झरिया दाल पकोड़ी के साथ मुंह में पानी लाने वाले अन्य स्वादिष्ट व्यंजन ने रंगों के इस त्योहार को और खास बना दिया! इस रंगीन कार्यक्रम में 5000 से अधिक लोगों ने होली के रंग में डूबकर उत्सव का आनंद लिया।
मारवाड़ी संस्कृति मंच के अध्यक्ष निरंजन अग्रवाल ने कहा, हमारा मुख्य उद्देश्य होली के पारंपरिक स्वरूप को बरकरार रखते हुए, मौजूदा जमाने में आज के नये सोच के लोगों को इससे जोड़ना है। बावलिया समूह की ओर से धाप धमाल, महारास और फूलों की होली ने कोलकाता के संगीत प्रेमियों का भरपूर मनोरंजन किया। इस आयोजन में शामिल होनेवाला हर कोई इस साल मस्ती की विभिन्न परंपराओं के साथ होली के रंगों में सराबोर हो गया।
जेएटीएफ के अध्यक्ष विनोद दूगड़ ने कहा, राजस्थानी संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन हमारी पहली प्राथमिकता है। राजस्थानी संस्कृति के संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए इस मंच द्वारा जिस तरह के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया जा रहा है, वह सराहनीय और अनुकरणीय है, इसलिए हमेशा ही जीतो ऐसे आयोजनों का हिस्सा बनता रहता है।
मारवाड़ी संस्कृति मंच के अध्यक्ष ललित प्रह्लादका और सचिव श्री आशीष मित्तल ने कहा, होली न केवल रंगों का त्योहार है, बल्कि यह खूबसूरत गीतों और भावनाओं का भी त्योहार है। संस्कृति की विविधता को रेखांकित करते हुए होली राग-रंग-रास से सबको सराबोर रखने का संदेश देने वाला पर्व है, इसलिए मारवाड़ी संस्कृति मंच हर उम्र के लोगों की पसंद के मुताबिक मनोरंजक कार्यक्रमों को प्राथमिकता देता है।
जीतो कोलकाता चैप्टर के चेयरमैन भवेन कामदार एवं कोषाध्यक्ष सुमित कोठारी ने कहा, हम होली के आयोजन के लिए विशेष रूप से जैन युवाओं में दिख रहे उत्साह से काफी उत्साहित हैं। इस आयोजन में शामिल गीत-संगीत-नृत्य ही हर पीढ़ियों को एक दूसरे से जोड़ने के लिए एक सेतु का काम करेगा। हमारी सांस्कृतिक चेतना को नई पीढ़ी तक ले जाना हमारी जिम्मेदारी है, इसलिए इस मस्ती भरे उत्सव के लिए मारवाड़ी संस्कृति मंच और जीतो एक साथ मिलकर यह भव्य आयोजन कर रहे हैं।

एग्री रीच ऐप के एआई एमएल क्यूसी मॉड्यूल को एनएबीएल की मान्यता

कोलकाता । सोहन लाल कमोडिटी मैनेजमेंट (एसएलसीएम) के ग्राउंड ब्रेकिंग एआई एमएल क्यूसी मॉड्यूल को एनएबीएल की प्रतिष्ठित मान्यता प्राप्त हुई है। एआई एमएल क्यूसी एसएलसीएम के पेटेंट प्रोसेस मैनेजमेंट सिस्टम “एग्री रीच” ऐप के तहत आता है। इस ऐप के जरिये फसलों और कृषि जिंसों की जांच की जा सकती है और उसकी गुणवत्ता का पता लगाया जा सकता है। यह पहली बार है जब किसी मोबाइल ऐप को एनएबीएल सर्टिफिकेट मिला है। फसल कटाई के बाद कृषि जिंसों की भंडारण सुविधा उपलब्ध कराने में एसएलसीएम अग्रणी सेवा प्रदाता है।
कृषि क्षेत्र में हाल के वर्षों में हुई वैज्ञानिक प्रगति से एग्री रीच ऐप के जरिये किसान रूबरू हो सकते हैं। ग्रामीण इलाके के लोग इस ऐप का अधिकतम लाभ उठा रहे हैं। लॉन्च होने के बाद केवल दो महीनों में इसका उपयोग 17 राज्यों में 303 स्थानों पर 21.59 लाख टन फसलों का निरीक्षण करने के लिए किया गया है। कृषि उत्पादों की गुणवत्ता की जांच करने के लिए एआई एमएल क्यूसी ऐप का उपयोग करना फोटो खींचने जितना आसान है। ऐप के जरिये कृषि उत्पादों पर एक क्लिक करने, फिर उसे सबमिट करने से उस फोटो के आधार पर उसकी गुणवत्ता की पूरी रिपोर्ट ऐप पर दिखने लगती है। इसके आधार पर उपयोगकर्ता को पता चल जाता है कि फसल क्षतिग्रस्त है या सिकुड़ा हुआ या अपरिपक्व है। इसके अलावा उस जिंस की ऊंचाई, लंबाई, ग्रिड, रंग और पैटर्न जैसे अन्य भौतिक मापदंडों का फोटोग्राफिक सुबूत का विवरण उपयोगकर्ता को मिल जाता है। यह ऐप आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) सहित अन्य तकनीकों के संयोजन का उपयोग करके यह विवरण पेश करता है।
एसएलसीएम के ग्रुप सीईओ संदीप सभरवाल ने एनएबीएल से मान्यता मिलने पर कहा, “हमारे पास एक दशक पहले वेयरहाउस मैनेजमेंट सिस्टम को ‘फिजिटलाइजिंग’ (फिजिकल+डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर) के लिए विजन था। पेशेवरों की एक टीम के साथ एसएलसीएम ने ‘एग्री रीच’ बनाया। यह ऐसा सिस्टम है जो बुनियादी ढांचे और फसलों के प्रभावी भंडारण समाधान को सक्षम बनाता है। हम भारतीय कृषि क्षेत्र की एकमात्र कंपनी हैं जिसने वेयरहाउसिंग क्षेत्र में एक प्रौद्योगिकी को पेटेंट कराया है। अब मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि हमने अपने नेतृत्व की स्थिति की फिर से पुष्टि की है। फिर से इस क्षेत्र में पहली और एकमात्र कंपनी हैं जिसे एक ऐप के लिए प्रतिष्ठित एनएबीएल मान्यता प्राप्त हुई है। यह कृषि उद्योग में कृषि जिसों की गुणवत्ता को परखने के तरीके को बदल देगा।”

फ्यूचर जनरली इंडिया इन्श्योरेंस ने मनाया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

कोलकाता । फ्यूचर जनरली इंडिया इंश्योरेंस ने मुंबई स्थित विक्रोली कार्यालय में विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित महिलाओं के साथ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस । इस कार्यक्रम में फ्यूचर जनरली इंडिया इंश्योरेंस की सीएमओ रुचिका वर्मा द्वारा एक परिचर्चा सत्र आयोजित किया गया । इस सत्र में पत्रकार फे डी डिसूजा, फैशन डिजाइनर एवं अभिनेत्री मसाबा गुप्ता , पेस्ट्री शेफ एवं ले 15 पेस्ट्री की संस्थापक पूजा धींगरा, प्रोसर्च कंसल्टेंट की साझीदार अनीता भोगले ने भाग लिया । हास्य कलाकार सुमुखी सुरेश ने अपने स्टैंड अप एक्ट से दर्शकों को हंसाया ।
परिचर्चा में मसाबा गुप्ता ने कहा कि महिलाओं में खुद के प्रति आत्मविश्वास होना चाहिए । सुन्दरता सिर्फ सूरत के बारे में नहीं बल्कि पूरे व्यक्तित्व के बारे में है और आप अपने कार्य क्षेत्र में कितनी बेहतर हैं । अनीता भोगले, पार्टनर, प्रोसर्च कंसल्टेंट्स, ने कहा, “संगठनों को महिलाओं को उनकी भूमिका के लिए स्वीकार करने और क्षतिपूर्ति करने की आवश्यकता है। इसी तरह, जब घर के काम की बात आती है, तो पुरुषों को इसमें शामिल होना चाहिए, जबकि महिलाओं को भी घरेलू खर्चों में योगदान देना चाहिए।”
फ्यूचर जनरली इंडिया इंश्योरेंस की सीएमओ रुचिका वर्मा ने कहा, “पुरुष अपने लिए खड़े होते हैं और मांग करते हैं कि वे क्या चाहते हैं – यह वेतन वृद्धि, पदोन्नति या कार्यस्थल पर मुद्दों का समाधान हो। इसके विपरीत, महिलाएं शायद ही कभी मेरे पास आती हैं और ऐसा ही करती हैं। अगर किसी को लगता है कि वे अच्छा काम कर रहे हैं, तो उन्हें अपने लिए बोलना चाहिए और जो आप चाहते हैं, उसकी मांग करने में कुछ भी गलत नहीं है। कभी-कभी महिलाएं अच्छा काम करने के बाद भी पीछे रह जाती हैं क्योंकि वे खुद के लिए नहीं बोलती हैं।’ परिचर्चा में महिलाओं से विविध मुद्दों पर चर्चा की गयी । कंपनी ने अपने #EnableNotLabel अभियान को भी प्रदर्शित किया ।

 

कोटक एमएफ ने महिला दिवस पर शुरू किया ‘डिजिटल’ अभियान
कोलकाता । अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं में डिजिटल साक्षरता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए, कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी (कोटक म्यूचुअल फंड) ने ‘डिजिटल: इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी फॉर लैंगिक समानता’ नामक एक डिजिटल अभियान शुरू किया है।
डिजिटल अभियान वीडियो में कोटक समूह की महिला कर्मचारियों को डिजिटल साक्षरता का ज्ञान प्रदान करके उनके जीवन में अन्य महिलाओं को समर्थन और सशक्त बनाने के बारे में अपनी कहानियों को साझा करते हुए दिखाया गया है।
कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के एमडी और सीईओ नीलेश शाह ने कहा, “भारत ने पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल स्पेस में काफी प्रगति की है, और डिजिटल साक्षरता ने शहरी और अन्य टियर 2 और टियर 3 शहरों में काफी अच्छी गति पकड़ी है। इस महिला दिवस पर, कोटक म्युचुअल फंड अपने अभियान के माध्यम से यह संदेश फैलाना चाहता है कि यह अन्य महिला श्रेणियों के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से घरेलू सहायकों, नौकरों के लिए, डिजिटल रूप से साक्षर करना, जो उन्हें दैनिक जीवन में मदद करेगा। ”

ग्लोबल सर्फेस का आईपीओ के लिए 133-140 रुपये का प्राइस बैंड 

कोलकाता । ग्लोबल सर्फेस का आईपीओ 13 मार्च को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया । निवेशक इसमें 15 मार्च तक पैसे लगा सकेंगे। इस आईपीओ के लिए 133-140 रुपये का प्राइस बैंड तय किया गया है। वहीं, एंकर निवेशकों के लिए यह इश्यू आज यानी 10 मार्च से ही खुल गया है। इसके शेयरों का अलॉटमेंट 20 मार्च को फाइनल होगा। वहीं, इसकी लिस्टिंग 23 मार्च को होगी। यूनिस्टोन कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड इश्यू के लिए एकमात्र लीड बुक रनिंग मैनेजर है। ग्लोबल सरफेस के इस आईपीओ के तहत 85.2 लाख तक के नए इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे। इसके अलावा, कंपनी के मौजूदा शेयरहोल्डर्स और प्रमोटर्स द्वारा 25.5 लाख शेयरों की बिक्री ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के तहत की जाएगी। ओएफएस के हिस्से के रूप में प्रमोटर मयंक शाह 14 लाख शेयर बेचेंगे। अपर प्राइस बैंड के हिसाब से फर्म की योजना लगभग 154.98 करोड़ रुपये जुटाने की है। इस आईपीओ के लिए 100 शेयरों का लॉट साइज तय किया गया है। एक रिटेल-इंडिविजुअल इन्वेस्टर 14 लॉट (1400 शेयर या ₹196,000) तक के लिए आवेदन कर सकता है। कहां होगा फंड का इस्तेमाल फ्रेश इश्यू से होने वाली आय में से 90 करोड़ रुपये तक का इस्तेमाल दुबई में मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्थापित करने के लिए किया जाएगा। प्लांट स्थापित करने की कुल अनुमानित लागत 150.74 करोड़ रुपये है । ग्लोबल सरफेस नेचुरल स्टोन के प्रोसेसिंग और इंजीनियर क्वार्ट्ज के प्रोडक्शन का काम करती है। ये नेचुरल स्टोन जटिल जियोलॉजिकल प्रोसेस से तैयार होते हैं। कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन निराशाजनक रहा क्योंकि इसने मार्जिन में गिरावट दर्ज की है। वित्त वर्ष 2022 में कंपनी का रेवेन्यू 190.31 करोड़ रुपए रहा, जबकि पिछले साल यह 175.37 करोड़ रुपये था। इस अवधि में नेट प्रॉफिट पिछले वर्ष के 33.93 करोड़ रुपये से बढ़कर 35.63 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, ईबीआईटीडीए मार्जिन पिछले वर्ष के 27.05 प्रतिशत से गिरकर 21.97 प्रतिशत हो गया। सितंबर 2022 तक, कंपनी का शुद्ध कर्ज 50.68 करोड़ रुपये था, जो मार्च 2022 तक 37.29 करोड़ रुपये था।

आ गया पेटीएम लाइट, तुरंत होगा भुगतान

नयी दिल्ली। भारत में बीते कुछ सालों में ऑनलाइन और डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है। कंपनी समय समय पर अपने नए अपडेट के साथ आते हैं। ये अपडेट यूजर्स के अनुभव को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। आज भी हम ऐसे ही एक अपडेट की जानकारी लेकर आए है। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) ने यूपीआई लाइट को पेश किया है। यह सुविधा पेटीएम प्लेटफॉर्म पर केवल एक क्लिक के साथ रीयल-टाइम, छोटे-मूल्य वाले यूपीआई लेनदेन को सक्षम बनाती है। यूपीआई लाइट तेजी से लेनदेन की सुविधा देता है, जो डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा मिलने वाली एक सुविधा है।

ऐसे करें सेटअप

पेटीएम प्लेटफॉर्म पर यूपीआई लाइट इंस्टाल करने के लिए आपको हमारे द्वारा बताएं गए स्टेप्स को फॉलो करना होगा। आइये शुरू करते हैं।

  • सबसे पहले iOS या एंड्रॉयड पर Paytm ऐप खोलें।
  • अब होम पेज के ऊपरी बाएं कोने में ‘प्रोफाइल’ बटन पर टैप करें।
  • इसके बाद ‘UPI और पेमेंट सेटिंग’ पर क्लिक करें और ‘अदर सेटिंग’ सेक्शन में ‘UPI LITE’ चुनें।
  • अब UPI लाइट के लिए योग्य बैंक खाता चुनें।
  • इसके बाद ‘Add Money to Activate UPI LITE’ पेज पर वह राशि दर्ज करें जिसे आप अपने UPI लाइट खाते में जोड़ना चाहते हैं।
  • अब अपना MPIN दर्ज करें और अपना UPI लाइट खाता बनाने के लिए इसे मान्य करें।
  • एक बार आपका UPI लाइट खाता सेट हो जाने के बाद, आप एक ही टैप के साथ भुगतान कर सकते हैं।

एक बार यूपीआई लाइट वॉलेट लोड हो जाने के बाद यूजर तुरंत और आसानी से 200 रुपये के मूल्य तक के लेन-देन को पूरा कर सकते हैं। इसके अलावा यूपीआई लाइट दिन में दो बार अधिकतम 2,000 रुपये जोड़ने में सक्षम बनाता है। यानी कि आप पूरे दिन में 4,000 रुपये तक जोड़ सकते है। यूपीआई लाइट यूजर्स को ट्रान्जेक्शन की सीमा से प्रतिबंधित किए बिना छोटे अमाइंट के साथ कई यूपीआई भुगतान जल्दी से करने में सक्षम बनाता है। इसके साथ ही यह कम मूल्य के ट्रान्जेक्शन को कोर बैंकिंग से दूर रखता है। यह यूजर को सहज भुगतान अनुभव देता है और इस तरह के लेनदेन केवल Paytm बैलेंस और हिस्ट्री सेक्शन में दिखाई देंगे। पेटीएम का कहना है कि UPI के माध्यम से 50% से अधिक लेनदेन 200 के मूल्य से कम के हैं। पेटीएम के भीतर यूपीआई लाइट की यह शुरूआत लेनदेन की सफलता दर को बढ़ाएगी, जिससे उपयोगकर्ता अनुभव में सुधार होगा।

फागुन के दिन चार होली खेल मना रे॥

-मीराबाई

फागुन के दिन चार होली खेल मना रे॥
बिन करताल पखावज बाजै अणहदकी झणकार रे।
बिन सुर राग छतीसूं गावै रोम रोम रणकार रे॥
सील संतोखकी केसर घोली प्रेम प्रीत पिचकार रे।
उड़त गुलाल लाल भयो अंबर, बरसत रंग अपार रे॥
घटके सब पट खोल दिये हैं लोकलाज सब डार रे।
मीराके प्रभु गिरधर नागर चरणकंवल बलिहार रे॥

केरल विश्वविद्यालय देगा 6 महीने का मातृत्व अवकाश

केरल यूनिवर्सिटी ने बड़ी घोषणा की है। ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही गर्भवती छात्राओं के लिए 6 महीने का मातृत्व अवकाश यानी मैटरनिटी लीव देने का फैसला किया है । यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही 18 वर्ष से अधिक की छात्राएं छह महीने तक के लिए मातृत्व अवकाश यानी मैटरनिटी लीव ले सकती हैं । इसके लिए केरल विश्वविद्यालय ने 6 मार्च को आदेश जारी किया है । यूनिवर्सिटी के नोटिफिकेशन के मुताबिक, जो भी छात्राएं मैटरनिटी लीव लेंगी वो 6 महीने बाद फिर से एडमिशन कराए बिना क्लास को रिज्यूम कर सकती हैं । मैटरनिटी लीव के बाद छात्रा के कोर्स की ड्यूरेशन को बढ़ा दिया जाएगा, ताकि उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो। विश्वविद्यालय की तरफ से कहा गया कि कैंडिडेट के मेडिकल रिकॉर्ड को वेरिफाई करने और यूनिवर्सिटी की मंजूरी के बिना कॉलेज में फिर से क्लास अटैंड करने की अनुमति देने की जिम्मेदारी कॉलेज की प्रिंसिपल की होगी । यूनिवर्सिटी के अनुसार, छात्राएं डिलीवरी से पहले या बाद में ये 6 महीने की मैटरनिटी लीव से लकती हैं।  इसके साथ यह भी कहा गया है कि मैटरनिटी लीव की सुविधा पाठ्यक्रम की अवधि के दौरान सिर्फ एक बार दी जाएगी।
इससे पहले केरल के शिक्षा विभाग ने जनवरी के महीने में सभी उच्च शिक्षा संस्थानों मासिक धर्म की छुट्टी देने का आदेश जारी किया था। साथ ही लड़कियों के पीरियड्स को देखते हुए ये फैसला लिया गया कि अनिवार्य 75 फीसदी अटेंडेंस के मुकाबले छात्राएं अब 73 प्रतिशत उपस्थिति के साथ अपने सेमेस्टर की परीक्षा में बैठ सकती हैं।

हिरण्यकश्यप की राजधानी थी एरच, जहाँ है होलिका कुंड

यहां महिलाएं होलिका को मानती हैं बेटी, दहन में शामिल नहीं होतीं
आज होलिका दहन का पर्व है। आज ही के दिन हिरण्यकश्यप की बहन होलिका ने भतीजे प्रह्लाद को जलाकर मारना चाहा। लेकिन वह खुद ही जल गई और भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद बच गए। ये कहानी सबको मालूम है, लेकिन यह कम ही लोग जानते हैं कि जहां ये घटना घटी, वो जगह भारत में कहां मौजूद है?
यूपी के झांसी जिले से 80 किलोमीटर दूर पड़ता है एरच कस्बा। मान्यता है कि यहीं वो स्थान है, जहां होलिका प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर जलती चिता में बैठ गई थी। एरच को प्रह्लाद नगरी के नाम से जाना जाता है। यहां होली पर प्रह्लाद के साथ-साथ मां होलिका की भी जय बोली जाती है। ऐसी मान्यता है कि जो होली पर यहां आकर होलिका कुंड में अपनी नाक रगड़ता है, उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है।
हिरण्यकश्यप ने एरच को बनाया राजधानी
होलिका दहन स्थली के मुख्य पुजारी प्रतीप तिवारी ने बताया, “श्रीमद् भागवत पुराण स्कंद में हिरण्यकश्यप की नगरी का जिक्र आया है। सतयुग में इस जगह का नाम एरिकच्छ था। हिरण्यकश्यप ने इसे अपनी राजधानी बनाया था। इसके प्रमाण आज भी यहां मौजूद हैं।”
प्राचीन काल में ये टीला 400 एकड़ में फैला था, जो अब सिमटकर महज 50 एकड़ का रह गया है। नदी के तलहटी से बाहरी दीवारें नजर आती हैं, जो दिखने में काफी विशाल लगती हैं।
प्रदीप कहते हैं, “हिरण्यकश्यप के इसी टीले पर प्रह्लाद का जन्म हुआ। प्रह्लाद की विष्णु भक्ति से क्रोधित होकर हिरण्यकश्यप ने उन्हें मारने के कई प्रयास किए। कभी सांपों से भरी कोठरी में बंद करवा दिया। तेल की कढ़ाई में बैठाया तो कभी ढीकांचल पर्वत से नीचे फेंकवा दिया। लेकिन हर-बार प्रह्लाद बच जाते। आखिरकार, हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे को मारने के लिए बहन होलिका की मदद ली।”

हिरण्यकश्यप का महल

एरच की बेटी थी होलिका, आज भी होती है पूजा
एरच के बुजुर्गों का कहना है कि होलिका को यहां बेटी का दर्जा दिया गया है। इसी वजह से पहले कस्बे में होली जलने से 2 दिन तक मातम मनाया जाता था। लेकिन आज ये परंपरा कुछ घरों तक ही सीमित रह गई है। होलिका का दूसरा नाम सिंहिका है। उसका जन्म एरिकच्छ में ही हुआ था। राहू भी होलिका का ही पुत्र था। इसी वजह से एरच में कभी राहूकाल नहीं लगता। मान्यता है कि होलिका को ब्रम्हा जी ने 3 बड़े वरदान दिए थे।
पहला वरदान: वह संसार के 5 तत्वों ( पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश) को अपने वश में कर सकती थी।
दूसरा वरदान: किसी भी जीवित वस्तु को आकर्षित करना।
तीसरा वरदान: उसके पास ऐसी चुनरी थी, जिसे ओढ़ने पर इंसान को आग भी जला नहीं सकती थी।एरच में आज भी वो अग्निकुंड मौजूद है। जहां होलिका प्रह्लाद को लेकर आग में बैठी थी। इस जगह पर अब होलिका का मंदिर बनाया गया है। मंदिर के पुजारी के अनुसार, हर साल होली के समय इस मंदिर में हजारों की संख्या में लोग दर्शन करने आते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी होलिका दहन के दिन यहां आकर अपनी नाक रगड़ेगा, उसकी सभी मनोकामना पूरी हो जाएंगी।
एरच को अब तक न आग जला पाई, न पानी डूबा पाया
एरच गांव की आबादी 10 हजार है। यहां 60 फीसदी आबादी हिंदुओं की है। 20% मुस्लिम और बाकी दूसरे समुदाय के लोग हैं। गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर एक प्राथमिक स्कूल, 3 प्राइवेट स्कूल, सामुदायिक शौचालय, एक मस्जिद और कब्रिस्तान है। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि गांव की हिफाजत मां होलिका खुद करती हैं।
एरच गांव की सुनीता देवी कहती हैं, “एरच में आज तक किसी घर में आग नहीं लगी। नदी के किनारे से सटे होने के बावजूद गांव में कभी भी बाढ़ नहीं आई है। गांव की महिलाएं इसे होलिका माता का ही आशीर्वाद मानती हैं। एरच की एक परंपरा भी है कि गांव की महिलाएं होलिका दहन में नहीं जाती हैं। क्योंकि कोई भी मां अपनी बेटी को पीड़ा में नहीं देख सकती।”एरच की श्रीभक्त प्रह्लाद जन-कल्याण संस्था यहां के ऐतिहासिक चीजों को संरक्षित कर रही है। संस्था के अध्यक्ष अमित चौरसिया कहते हैं, “एरच में 3 बार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने खुदाई करवाई है। साल 2008 में बेतवा नदी के करीब हुई खुदाई में होलिका दहन का साक्षात प्रमाण मिला था। ASI की टीम को खुदाई में चूना पत्थर से बनी होलिका की मूर्ति मिली थी। इसमें होलिका प्रह्लाद को गोद में लिए बैठी दिखाई देती है।”
इसकी कार्बन डेटिंग करने के बाद यह पता चला कि ये मूर्ति करीब 5000 साल पुरानी है। इस प्रतिमा को उस जगह पर स्थापित किया गया है, जहां पहली बार होलिका दहन हुआ था। एरच के रहने वाले हर मंगलवार होलिका के मंदिर में आकर विशेष पूजा करते हैं।
उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री और बुंदेलखंड के वरिष्ठ साहित्यकार हरगोविंद कुशवाहा कहते हैं, “साल 1874 में ब्रिटिश सरकार ने झांसी गजेटियर पेश किया। इसके पेज नंबर 339ए, 357 में भी एरच को बुंदेलखंड का सबसे पुराना नगर बताया है। प्रह्लाद नगरी में अब हुई खुदाई में हजारों साल पुरानी ईंटों का निकलना साफ तौर पर इसकी ऐतिहासिकता साबित करता है।”
“धार्मिक नजरिए से देखा जाए, तो श्रीमद भागवत के सप्तम स्कन्ध के 37वें अध्याय में हिरण्यकश्यप के नगर एरिकच्छ का जिक्र मिलता है। हिरण्यकश्यप के बाद प्रह्लाद और फिर प्रह्लाद के बेटे विरोचन ने एरच पर राज किया। यहीं पर बेतवा नदी के किनारे उसके टीले के कुछ अवशेष बचे हुए हैं।”

अग्निकुंड जो होलिका से जुड़ा है

वैज्ञानिकों के लिए आज भी रहस्य बनी हुई है प्रह्लाद द्यौ
एरच गांव से 3 किमी दूर पड़ता है ढीकांचल पर्वत। यही वो पहाड़ी है, जहां से हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को बेतवा नदीं में फेंकवा दिया था। मान्यता है कि प्रह्लाद को इससे कुछ भी नहीं हुआ था। पहाड़ से नदी के जिस हिस्से में भक्त प्रह्लाद को धकेला गया, उसे प्रह्लाद द्यौ (द्यौ का अर्थ होता है कुंड ) के नाम से जाना जाता है। गर्मी के महीनों में जब बेतवा नदी का पानी सूख जाता है। तब भी इस कुंड का पानी सूखता नहीं है।साल 2020 में लखनऊ से आई भू-वैज्ञानिकों की टीम ने प्रह्लाद द्यौ में मौजूद पानी पर रिसर्च की। जिला सिंचाई विभाग ने इस कुंड के जरिए गांवों में पाइपलाइन बिछाकर पानी पहुंचाने की प्लानिंग की है। साथ ही यूपी पर्यटन विभाग भी प्रह्लाद कुंड को टूरिस्ट स्पॉट की तरह विकसित कर रहा है। इसमें ढीकांचल पर्वत तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनाई जा रही हैं, जिससे लोगों को बेतवा नदी के चारों ओर फैले हरे-भरे फॉरेस्ट एरिया का दिलकश नजारा मिल सके।
मौर्य वंश और अग्निमित्र के शासन काल का केंद्र रहा एरच
मशहूर लेखक ओपी लाल श्रीवास्तव ने किताब Erach Rediscovered में यहां मिले प्राचीन सिक्कों का जिक्र किया है। किताब में ये लिखा गया है कि – बृहद्रथ मौर्य की मौत के बाद 137 साल तक भारत में राज करने वाला मौर्य वंश समाप्त हो गया। बृहद्रथ को उसके ही सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने मारा था। इसके बाद पुष्यमित्र शुंग के बेटे अग्निमित्र ने 2700 साल पहले एरच में राज किया था।
ओपी लाल ने लिखा कि एरच में पुरातत्व विभाग की खुदाई में मौर्य वंश के तांबे के सिक्के मिले। साथ ही अग्निमित्र के शासनकाल में चलाए गए 2600 साल पुराने ताम्रपत्र, सिक्के और पत्थरों के बने औजार भी मिले, जो एरच के महान इतिहास की गवाही देते हैं।झांसी के इतिहासविद मुकुंद मेहरोत्रा बताते हैं, “बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के अर्थ साइंस विभाग ने कुछ साल पहले एरच की चट्‌टानों, यहां की मिट्‌टी और टीले पर जाकर रिसर्च की थी। यहां पर मिली ईंटों की कार्बन डेटिंग से पता चला कि ये 10000 साल से भी ज्यादा पुरानी हैं।”
(साभार – दैनिक भास्कर)