90 के दशक में जब मैंने सन्मार्ग ज्वाइन किया तो सबसे पहले मेरा परिचय आदरणीय
समय के पन्ने उड़ते गये और सन्मार्ग की धमक बढ़ती गई। उसके कुछ कालम तो
उस समय की एक घटना याद आ गयी। बढ़ती बेरोजगारी और गिरते शिक्षा मूल्य को
पत्रकारिता की दुनिया में डॉ. एस. आनन्द एक स्तम्भ का नाम हैं…पत्रकारिता और साहित्य की
छठ पर सेवा और दान करने की होड़ में जुटे नेता और तथाकथित समाजसेवियों को
धनतेरस और दिवाली का बाजार गुलजार है। मंदी की शिकायत करते हुए व्यवसायियों से भी
कोरोना और आर्थिक तंगी ने तोड़ी आतिशबाजी बाजार की कमर आतिशबाजी पर अदालती पाबन्दी लग
शुभजिता फीचर डेस्क आज दशमी है, विजयादशमी..और आप सभी को शुभ विजयादशमी। शुभजिता दुर्गोत्सव में
गतांक से आगे निर्ग्रन्थ’ कविता संग्रह की कविताओं में सत्य अन्वेषी सर्वोदय तीर्थ
गतांक से आगे महाकवि सेठियाजी का काव्य’ दीप किरण’ – – -महाकवि सेठियाजी का संपूर्ण