गतांक से आगे महाकवि सेठियाजी का काव्य’ दीप किरण’ – – -महाकवि सेठियाजी का संपूर्ण
रेगिस्तानी धरती से निःसृत साहित्य सपूत, विधाता ने दिया वाक् शक्ति का मंगल वरदान, सुरभित
आज भारत पूरी दुनिया में अपना परचम लहरा रहा है । 1980 के बाद भारत
डबल पी से जुड़ा कुन्द्रा के आसमान पर जाने और धराशायी होने का रिश्ता आज
आज मनुष्य उत्तर-आधुनिक युग में जी रहा है जहां परंपरा, प्रकृति, पर्यावरण और विज्ञान को
जब हमारा देश परतंत्रता की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था, घायल था, जब हमारी इच्छाओं
शुभजिता फीचर डेस्क राम और कृष्ण भारत की आत्मा हैं और एक ऐसा इतिहास भी,
सुषमा त्रिपाठी कनुप्रिया रवीन्द्रनाथ…विश्वकवि…कवि गुरु और बंगाल के प्राण हैं रवीन्द्रनाथ ठाकुर। रवीन्द्रनाथ के एक
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के सर्वोत्तम सेवक, सखा, सचिव और भक्त श्री हनुमान थे। प्रभु