Sunday, July 20, 2025
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अदा में समेट लें बसंती बयार

वसंत का मौसम आ रहा है। माँ सरस्वती की पूजा और कोयल की कूक बता देती है कि बसंती बयार बह चलने लगी है। पीली सरसों, पीली सूरजमुखी की तरह हर दिल खिल उठता है।

पीला रंग खुशनुमा ही नहीं ऊर्जा का प्रतीक भी है। इस ऋतु में पीला, बसंती, केसरिया और सफेद रंग भी बहुत जँचते हैं।4-yellow-Indian-Designer-Anarkali-Frock-Online-6

खासकर भारतीय संस्कृति में पूजा और विवाह के समय पीला रंग बेहद महत्व रखता है। आप भी इस बसंती बयार को अपनी अदा में समेट सकती हैं लिबास बनाकर।

पीले रंग के साथ कोई भी गहरा रंग बहुत प्यारा लगता है और आप चाहें तो अपने परिधान में मिक्स – मैच करके इसे आजमा भी सकती हैं।

किसी शादी में जा रही हैं तो यह पीला अनारकली सूट आपके रूप को और निखार देगा।zC7QKUqDfP6oSeadcMRF8Tl72eJkfbmt4t8yenImKBVvK0kTmF0xjctABnaLJIm9आजकल फ्लोरलेंग्थ अनारकली भी बहुत पसंद की जा रही हैं और कई डिजाइनरों को तो यह बेहद पसंद भी है।

इश्क और शादी इंतजार कर सकती है मगर मातृत्व के लिए इंतजार मुमकिन नहीं

फिल्मकार आनिंदिता सर्वाधिकारी उन महिलाओं में हैं जो अपने दम पर चलना जानती हैं। थियेटर के माहौल में पली – बढ़ी आनिंदिता सिंगल मदर्स के लिए एक मिसाल ही नहीं बल्कि अकेले जी रही उन तमाम महिलाओं के लिए एक उम्मीद हैं जिन्होंने अविवाहित जीवन का मतलब एकाकीपन मान लिया है। विश्व सिनेमा में अपनी जगह तेजी से बना रहीं यह युवा फिल्मकार कई फिल्मोत्सवों में बतौर ज्यूरी शामिल हो चुकी है। अपराजिता से आनंदिता सर्वाधिकारी की खास मुलाकात के कुछ लम्हे आपके नाम –

मम्मी – पापा दोनों इप्टा में थे और मैं थियेटर के बीच ही पली – बढ़ी हूँ। महज 3 महीने की उम्र में एक जात्रा से अभिनय का सफर आरम्भ हो गया। मैंने शास्त्रीय नृत्य भी सीखा है और 13 साल की उम्र में दूरदर्शन के लिए एक नृत्य नाटिका बना डाली थी। 17 साल की उम्र में एनएसडी के लिए आवेदन किया मगर पापा को मनाना आसान नहीं था क्योंकि मैं छोटी थी। ऐसे में मम्मी और पापा के दोस्त मेरे साथ खड़े हुए और फिर मैंने निर्देशन में स्पेशिलाइजेशन किया।

1995 में डिप्लोमा कर वापस लौटी और अपना एक थियेटर ग्रुप बनाया और हमनें बंगाल, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में शो किये मगर मैं फिल्मों से जुड़ना चाहती थी तो सीखने के लिए एफटीआईआई पहुँची। इस दौरान मैंने पंकज पराशर को असिस्ट किया। पढ़ाई के दौरान ही शॉर्ट फिल्म बरखा बनायी जिसमें मैंने दिखाने की कोशिश की कि आतंकवाद के नाम पर प्यार को भी इस्तेमाल किया जा सकता है। फिल्म कई फिल्मोत्सवों में सराही गयी और तब मुझे लगा कि सिनेमा की कोई भाषा नहीं होती। मैंने ई टीवी के लिए भी कोनो एक वृष्टि भेजा राते और लवेपीडिया ब्रिटेनिका बनायी। वैसे काम को लेकर तो मैं लगभग सारी दुनिया घूम चुकी हूँ।

फिल्मों में महिला किरदार मजबूत हो रहे हैं मगर इस क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी अभी भी बहुत कम है। बंगाली सिनेमा में भी मजबूत औरतें नहीं दिखतीं। अभी भी उनको खुद को साबित करने के लिए पुरुषों की तुलना में बहुत अधिक काम करना पड़ता है। मैंने अपनी फिल्म साधारण मेये में इस स्थिति को दिखाया है कि लड़कियों के लिए अभी भी बहुत कुछ नहीं बदला है। इस फिल्म को यूनाइटेड नेशंस से सम्मानित किया गया था।

मेरे लिए बच्चा होना काफी मायने रखता है और यह निर्णय लेने में मुझे 2 साल लग गए। मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूँ कि कुदरत ने मुझे माँ बनने की ताकत दी है। मैं इसे जाया नहीं होने दे सकती थी। शारीरिक तौर पर माँ बनने के लिए एक समय सीमा है मगर शादी भावनात्मक मामला है और वह बाद में की जा सकती है। प्यार और शादी जैसी बातें इंतजार कर सकती हैं मगर मातृत्व की समय सीमा नहीं। मैंने स्पर्म बैंक से स्पर्म खरीदा मगर मेरा बेटा अग्निसात दूसरी कोशिश के बाद हुआ। डॉक्टर मुझे हैरत से देखते थे मगर मुझे अस्पताल में भी प्यार मिला और अब भी मिल रहा है। मातृत्व का यह सफर काफी खूबसूरत है और अब काम पर भी मुझे जल्दी लौटना है। अब एक बेटी गोद लेना चाहती हूँ। ईश्वर ने हमें एक ही जिन्दगी दी हैं, इसे खुलकर जीना चाहिए।

हाईकोर्ट का फैसला – बड़ी बेटी हो सकेगी घर की कर्ता

 

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि जिस घर में बड़ी बेटी होगी वही घर की कर्ता-धर्ता होगी। हाईकोर्ट ने कहा है कि मुखिया के ना रहने पर जो घर में सबसे बड़ा होगा वही उस घर का कर्ता होगा अब चाहें वो बेटी ही क्यों ना हो। पिता और तीन चाचाओं की मौत के बाद एक लड़की द्वारा अपने चचेरे भाइयों के खिलाफ दर्ज मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। लेडी कांस्टेबिल पर इस कदर फिदा हुए एसओ साहब कि रात में भी लगाने लगे ड्यूटी फैसला जस्टिस नाजमी वजीरी ने सुनाया। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक कोर्ट ने कहा, यदि पहले पैदा होने पर कोई पुरूष मुखिया के कामकाज संभाल सकता है तो ठीक ऎसा ही औरत भी कर सकती है। हिंदू संयुक्त परिवार की किसी महिला को ऐसा करने से रोकने वाला कोई कानून भी नहीं है। पोर्न साइट्स तक पहुंचीं आम लड़कियों की Facebook Profile Pics! फैसला सुनाते वक्त जस्टिस वजीरी ने कहा कि कानून के मुताबिक सभी को समान अधिकार प्राप्त हैं। फिर न जाने अब तक महिलाओं को ‘कर्ता’ बनने लायक क्यों नहीं समझा गया? जबकि आजकल की महिलाएं हर क्षेत्र में कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं और आत्मनिर्भता की मिसाल हैं।

बेटियों के लिए कुछ ऐसा चाहते हैं ओबामा

वाशिंगटन. अमेरिकी प्रेसिडेंट बराक ओबामा ने टाइम मैग्जीन में आर्टिकल लिखा है। इसमें उन्होंने यंग जेनरेशन और अपनी बेटियों के लिए बेहतर संसार की बात की है। मैग्जीन से स्पेशल एग्रीमेंट के तहत दैनिक भास्कर में इसे पब्लिश किया गया है। अमेरिका और अपनी बेटियों को लेकर ओबामा ने क्या लिखा…

– ”आज अमेरिका की जो सबसे बड़ी ताकत है, वह है यंग जेनरेशन। ये हमारे इतिहास की सबसे बड़ी, सबसे एजुकेटेड, सबसे विविध और डिजिटली सबसे तेज पीढ़ी है।”

– ”और एक चीज जो मुझे मेरी बेटियों ने सिखाई है वह यह है कि आज की पीढ़ी एक अच्छे संसार की रचना के लिए किसी का इंतजार नहीं करेगी।”

– ”ये खुद आगे जा रहे हैं और अपने लिए एक बेहतर संसार बना रहे हैं। हम ऐसे हालात बना सकते हैं, जिसमें उन्हें ऐसा करने का हर मौका मिले।”

– ”हमें तय करना होगा कि वे आजाद होकर आगे बढ़ें और अपनी पसंद से जी सकें।”

– ”यही कारण है कि मेरे एडमिनिस्ट्रेशन ने स्टूडेंट लोन पेमेंट को लोन लेने वाले की इनकम के हिसाब से 10 फीसदी कर दिया है। ताकि जो युवा कॉलेजों में पढ़ने जाएं उन्हें इसकी कीमत न चुकानी पड़े।”

हेल्थ-केयर रिफॉर्म को लेकर क्या कहा?

– ”हम अपने हेल्थ-केयर सिस्टम में भी रिफॉर्म लाए हैं, ताकि ये युवा जब नौकरी बदलें, स्कूलों में जाएं, किसी नए विचार से शुरुआत करें, अपने परिवार की शुरुआत करें तो इनके पास हेल्थ कवरेज हो।”

क्लाइमेट चेंज

– ”क्लाइमेट चेंज से बचने के लिए हमने करीब 200 देशों के बीच हुए ऐतिहासिक समझौते का नेतृत्व किया है। लेकिन मेरी बेटियों की पीढ़ी को पेरिस के इस समझौते से कहीं पहले पता था कि अपनी पृथ्वी को बचाना एक ऐसा मुद्दा है जिसके विरोध में कोई तर्क नहीं हो सकता है।”

– ”उन्हें पिछले वर्ष जून में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए मैरिज इक्वैलिटी के निर्णय से कहीं पहले पता था कि सभी प्रकार के प्रेम को समान ही बनाया गया है।”

यंग जेनरेशन को लेकर और क्या कहा?

– ”ये पीढ़ी किसी को पहले, काला या गोरा, एशियन या लैटिनो, गे या स्ट्रेट, माइग्रेंट या देश में जन्मा जैसी बातों से नहीं देखती है। यह अपनी विविधता को एक बड़े तोहफे के रूप में लेती है।”

– ”एक तरह से मेरी बेटियों की पीढ़ी हम सब को एक चेंज की ओर धकेल रही है। इसलिए हमें अपने फ्यूचर के लिए एक चीज यह करनी होगी कि हम यह तय करें कि इस पीढ़ी को यह पता हो कि उनकी आवाज सबके लिए अहम है। और उसे सुना जाएगा।”

जो सत्ता में हैं वे पेश करें उदाहरण

– ”हममें से जो लोग सत्ता में हैं या जिनके पास शक्ति है उन्हें अपने बर्ताव से यह उदाहरण पेश करना होगा।”

– ”हमारे अंदर समझौता करने की इच्छा होनी चाहिए। हमें उन्हें भी सुनना होगा, जिनके साथ हम सहमत नहीं हैं। हमें राजनीति में पैसा का दबदबा कम करना होगा ताकि उन्हें यह न लगे कि यहां सिस्टम ठीक नहीं है। हमें वोटिंग को आसान और आधुनिक करना होगा।”

अमेरिका के रास्ते में सबसे बड़ी समस्या क्या?

– हमें अपने युवाओं को सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहने के लिए प्रेरित करना होगा। हम अपने बच्चों के लिए ऐसा संसार चाहते हैं- जहां सुवअसर हो और हमारे परिवारों के लिए सुरक्षा हो। ऐसा समाज, जहां जीवन स्तर ऊंचा हो, शांति हो। जो उन्नतिशील हो और उनका हृदय बड़ा हो। और हम ऐसा कर सकते हैं।

– अमेरिका के फ्यूचर में सबसे बड़ी समस्या वो चीजें हैं जो हमने अपने ऊपर थोप रखी हैं। यह अमेरिका के साथ हमेशा होता रहा है। इन्हें बदलना होगा।

”हमारा भाग्य हमारे लिए तय नहीं किया गया है बल्कि इसे हमने ही खुद अपने लिए तय किया है। इसलिए हम जैसे-जैसे अपने युवाओं को फ्यूचर तय करने का मौका देंगे, एक अच्छा फ्यूचर भविष्य बनता जाएगा। क्योंकि मेरा उनमें यकीन है।’

 

जॉन अब्राहम ने लॉन्च की यामाहा MT-09, कीमत 10.20 लाख रुपये

ऑटो एक्सपो में बॉलीवुड एक्टर जॉन अब्राहम ने यामाहा एमटी-09 बाइक लॉन्च की है. इस गुड लुकिंग बाइक की कीमत 10.20 लाख रुपये रखी गई है।

ऑटो एक्सपो में लगातार बाइक्स लॉन्च हो रही हैं. इसी क्रम में को यामाहा ने एमटी रेंज की बाइक एमटी-09को इंडियन मार्केट में पेश किया है. भारतीय बाजार में इसकी बिक्री सीबीयू (कम्पलीट बिल्ड यूनिट) के रूप में होगी।

इस बाइक की खासियत यह है कि यह भी दूसरे एमटी रेंज की बाइक्स की तरह स्ट्रीट फाइटर है जिसे आसानी से खराब सड़कों पर भी चलाया जा सकता है यानी इसे ऑफ रोड बाइक भी कह सकते हैं. दो तरह के राइडिंग मोड्स से लैस होने के चलते इसका कंट्रोल सिस्टम बेहतर है।

एमटी सीरीज की एमटी-09 दरअसल यामाहा का फ्लैगशि‍प मॉडल है. इसमें नए तरीके का 847 सीसी इंजन लगा है. इसके अलावा यह बाइक 3 सिलिंडर, लिक्विड कूल्ड, 4 स्ट्रोक इंजन (113बीएचपी की पॉवर) से लैस है।

यह बाइक डायमंड टाइप फ्रेम पर बनी है. इसमें 298 एमएम हॉइड्रोलिक डिस्क ब्रेक फ्रंट में है, तो पिछली डिस्क 245एमएम एबीएस तकनीक से लैस है. आप इस बाइक को मैट ब्लैक और रेस ब्लू कलर में खरीद सकते हैं. भारतीय बाजार में इसका मुकाबला ट्रायम्फ स्ट्रीट ट्रिपल और कावासाकी Z800 से होगा.

 

पेटीएम के संस्थापक पास जब नौकरी तक नहीं थी

गुड़गांव। ई-कॉमर्स कंपनी पेटीएम के संस्थापक विजय शंकर शर्मा ने बताया कि इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद उन्हें नौकरी ढूंढने में परेशानी हुई। उन्हें कठिन दिनों में खाने के लिए भी पैसे नहीं होने से संघर्ष करना पड़ा।

एमिटी यूनिवर्सिटी गुड़गांव से मानद डॉक्टरेट की उपाधि लेने के बाद उन्होंने अपने अतीत का जिक्र करते हुए कहा, ‘पढ़ाई के दौरान और डिग्री लेने के बाद भी कई परेशानियां झेलीं, लेकिन कभी हार नहीं मानी।

मेरे परिजन ने मुझ पर शादी करने का दबाव डाला। मैं नौकरी के बिना कठिन समय का सामना कर रहा था। मैं इस स्थिति के बारे में परिवार को भी नहीं बता सकता था।

मुझे भोजन के लिए 14 किमी जाना पड़ता था। 1998 में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में डिग्री कोर्स इंग्लिश मीडियम में था। मैं हिंदी भाषी था, इस कारण काफी चुनौतियां आईं।

मैं नर्वस हो जाता था क्योंकि कक्षा में जो पढ़ाया जाता मुझे समझ ही नहीं आता था। मैं हमेशा चिंता में रहता कि परीक्षा में पास कैसे होऊंगा।

जब मुझे पेटीएम का आइडिया आया और मैंने इसे कुछ लोगों को बताया तो उन्होंने मुझे मूर्ख कहा। मेरा मनोबल तोड़ते हुए कहने लगे कि यदि यह कारगर होता तो कोई पहले ही यह कर चुका होता।’

 

जब स्टेज पर फूट-फूटकर रोने लगीं दीपिका

दीपिका पादुकोण अपने पिता प्रकाश पादुकोण के काफी करीब हैं। ये बात पिछले दिनों फिल्‍मफेयर अवार्ड्स समारोह के दौरान भी देखने को मिली। यहां स्‍टेज पर दीपिका ने अपने पिता की एक चिट्ठी पढ़ी, जिसमें उन्‍होंने अपने संघर्ष के दिनों को बयां किया था। ये चिट्ठी पढ़ते हुए दीपिका की आंखों से आंसू झलक पढ़े।

इस पल से जुड़ा एक वीडियो सामने आया है, जिसमें दीपिका की आंखों से आंसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। प्रकाश पादुकोण के द्वारा लिखी ये चिट्ठी इतनी भावुक थी कि दीपिका के साथ फंक्शन में मौजूद लोग भी इमोशनल हो गए। कुछ लोगों की आंखें भी नम हो गईं।

बता दें कि दीपिका पादुकोण को फिल्‍म ‘पीकू’ में शानदार अभिनय करने के लिए बेस्‍ट एक्‍ट्रेस के खिताब से नवाजा गया था। फिल्‍म में उनके अपोजिट अमिताभ बच्‍चन नजर आए थे। ये फिल्‍म एक पिता और बेटी के रिश्‍ते पर आधारित है।

वैसे बता दें कि इन दिनों दीपिका हॉलीवुड फिल्‍म XXX: The Return of Xander Cage की शूटिंग में व्यस्त हैं। हाल ही में इस फिल्म की शूटिंग से जुड़ी कुछ तस्‍वीरें सामने आईं। इरमें दीपिका विन डीजल के साथ काफी हॉट एंड सेक्सी नजर आ रही हैं।

 

घरेलू नुस्खों से दूर करें गले का कालापन

हर लड़की की यह ख्वाहिश होती है कि वह सबसे खूबसूरत दिखे और इसके लिए लड़कियां काफी मेहनत भी करती हैं. स्किन केयर का हर लड़की पूरा ध्‍यान रखती है हालांकि हमारे शरीर के कई हिस्से ऐसे होते हैं जिनपर हमारा ध्यान नहीं जाता. गर्दन भी उन्हीं में से एक है।

गर्दन कालापन कई बार आपके चेहरे की सुंदरता को खराब कर देता है. कई बार ऐसा सिर्फ इसलिए होता है क्योंकि आप चेहरे पर ध्यान देती हैं और गले को भूल जाती हैं. अगर आपके साथ भी यह समस्या है तो जानिए इन उपायों के बारे में...

लेमन ब्लीच
आप लेमन ब्लीच घर पर ही तैयार कर सकती हैं। इसके लिए आधा चम्मच नींबू के रस में एक चम्मच गुलाबजल को मिलाकर  गले के पूरे हिस्‍से में अच्‍छी तरह लगाकर रातभर के लिए छोड़ दें और सुबह गर्दन को पानी से धो लें।

शहद
दो चम्मच नींबू के रस को शहद में मिलाकर पेस्ट बना लें। इसे लगभग आधे घंटे गर्दन पर लगा रहने दें। धोते समय गर्दन की मसाज करें जिससे सारी गंदगी निकल जाएगी।

ओट स्क्रब
ओट स्क्रब का कमाल जिस तरह चेहरे पर दिखाई देता है उसी तरह गले पर भी. तीन-चार चम्मच ओट लेकर अच्छी तरह पीस लें और बेहतर रिजल्ट के लिए इसमें दो चम्मच टमाटर का गूदा भी मिला लें। इस पेस्ट को अच्छी तरह मिक्स करके गले पर लगाएं. एक हफ्ते में दो से तीन बार लगाने से आपको फर्क जरूर दिखने लगेगा।

बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडा को सादे पानी में मिलाकर पेस्ट बनाएं और इस पेस्ट को गर्दन पर 15 मिनट लगाकर छोड़ दें. यह पैची स्किन और स्किन के हाइपर पिग्मेंटेशन को हटाने में कारगर साबित होती है।

खीरा
खीरे को कद्दूकस करके उसमें गुलाब जल मिलाकर मिश्रण बनाएं और इसे 10 मिनट गर्दन पर लगा छोड़ दें।  इसे पानी से साफ करने से पहले अच्छी तरह मसाज करें। जल्द ही गर्दन का कालापन दूर हो जाएगा.।

दही
दही स्किन को निखारने के कुछ प्राकृतिक तरीकों में से एक है. एक बड़ी चम्मच दही में थोड़ी सी हल्दी मिलाकर पेस्ट बना लें. इस पेस्ट से गर्दन पर मसाज करें। कुछ ही दिनों में आपको फर्क नजर आने लगेगा। बेहतर नतीजों के लिए आप दही में नींबू मिलाकर भी इस्तेमाल कर सकती हैं।

कच्चा पपीता
थोड़ा सा कच्चा पपीता घिस लें और उसमे पानी मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को गर्दन के काले हिस्से पर लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद सादे पानी से धो लें. एक हफ्ते में दो बार ऐसा करने से गले का कालापन कम हो जाएगा.।

 

भारत में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए खुलेगी पहली मॉडलिंग एजेंसी

भारत में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए मॉडलिंग एजेंसी खुलने जा रही है। यह देश की पहली ऐसी मॉडलिंग एजेंसी भी होगी। यह आइडिया दिल्ली की ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता रुद्राणी क्षेत्री का है। उनका कहना है कि उन्होंने बहुत सारी खूबसूरत ट्रांसजेंडर को निराशा में बदसूरती का अहसास करते देखा है।

उन्होंने बताया, ‘मैं भी उनमें से एक थी और जब मैं जवान थी तो मेरे पास ऐसा कोई विकल्प नहीं था। हम चाहते हैं कि हम समाज की मुख्यधारा में शामिल हों और वे सारे काम कर सकें जो दूसरे सामान्य लोग करते हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि मॉडलिंग एजेंसी के खुलने से युवा ट्रांसजेंडर अपने सपनों को पूरा कर पाएंगे।’

गौरतलब है कि भारत में ‘एलजीबीटी’ समुदाय अभी भी अपने मानवाधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही है। ऐसे में रुद्राणी क्षेत्री का यह कदम ट्रांसजेंडर समुदाय को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण शुरुआत है। छेत्री ‘मित्र’ ट्रस्ट की संस्थापक हैं जो शहर के लेस्बियन, गे, बाईसेक्सुअल और ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए काम करती हैं।

इस एजेंसी का लक्ष्य शीर्ष के पांच ट्रांसजेंडर मॉडल्स का चुनाव कर उन्हें मुख्यधारा की मीडिया में काम दिलवाना है। इसके लिए वे पूरे भारत में ऑडिशन आयोजित करेंगे। इसके लिए उन्होंने फैशन स्टाइलिस्ट और फोटोग्राफर रिशी राज से हाथ मिलाया है। वे-इन मॉडल्स को प्रमुख फैशन पत्रिकाओं में काम दिलवाएंगे।

इस रविवार को नई दिल्ली में वे वॉक इन ऑडिशन आयोजित कर रहे हैं और इसमें चुनी हुई मॉडल्स का फोटो शूट किया जाएगा। राज ने बताया, ‘मैं इस फोटोशूट में ट्रांसजेंडर समुदाय के प्राकृतिक उभयलिंगी सुंदरता को उभारने और उन्हें बढ़ाने की कोशिश करूंगा।’ इस उद्यम के लिए बिटगिविंग ऑनलाइन प्लेटफार्म पर एक क्राउडफंडिंग अभियान शुरू किया गया है।

छेत्री ने बताया, ‘हम इस उद्यम के लिए फंड इकट्ठा कर रहे हैं। ताकि हम अपने समुदाय के साथ काम कर सकें। हम पिछले आठ महीने से अपने कर्मियों को वेतन नहीं दे पा रहे हैं।’ हाल ही मेंउच्चतम न्यायालय द्वारा समलैंगिकता के मामले को बड़ी पीठ के हवाले करने के फैसले का एलजीबीटी समुदाय ने स्वागत किया है।

 

बसंत पंचमी में भरें मिठास

मैसूर पाक

 

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सामग्री – 125 ग्राम बेसन, दो कप शक्कर, 400 ग्राम घी, एक चम्‍मच पिसी इलायची।

विधि – मैसूर पाक बनाने के लिए सबसे पहले शकर में एक कप पानी मिलाकर एक तार की चाशनी बना लें। अब 50 ग्राम घी में बेसन डालकर धीमी आंच पर गुलाबी होने तक भूनें। खुशबू आने पर इसमें तैयार चाशनी डालकर अच्छी तरह से मिलाएं। बचे घी को धुंआ आने तक गर्म करें। ये गर्म घी थोड़ा-थोड़ा करके बेसन-चाशनी के मिश्रण में डालें और हिलाते हुए पकाते जाएं।

इसे तब तक चलाएं जब तक मिश्रण कड़ाही न छोड़ने लगे। इस समय बेसन के फूलने के साथ उसमें जाली बनती हुई दिखाई देने लगती है। अब इसमें इलायची पावडर मिलाकर आंच से उतारें। चिकनाई लगी गहरी ट्रे में मिश्रण फैलाएं। पांच मिनट बाद चौकोर टुकड़े काट लें। अतिरिक्त घी निथार दें। बस तैयार है मैसूर पाक। चाहें तो पिस्ते की कतरन से इसे सजा सकते हैं।

मूंग-उड़द के लड्डू

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सामग्री –  आधा किलो मूंग का आटा, आधा किलो उड़द का आटा, 750 ग्राम घी, 750 ग्राम शकर का बूरा, 100 ग्राम बादाम, 100 ग्राम काजू, 100 ग्राम गोंद, 50 ग्राम किशमिश, थोड़ा इलायची पावडर।

विधि – सबसे पहले कड़ाही में घी गर्म करके उसमें मूंग और उड़द का आटा डाल दें और धीमी आंच पर तकरीबन एक घंटे तक सेंकते रहें। सुनहरा भूरा होने पर आंच से उतार लें और इलायची पावडर डाल दें। एक अन्य पैन में घी गर्म करके गोंद के फूले बना लें और ठंडा होने पर कटोरी से पीस लें।

काजू, बादाम को भी बारीक-बारीक काटकर रख लें और किशमिश की डंठलें भी अलग कर दें। अब ठंडे हुए आटे में शकर का बूरा और सभी मेवे व पिसी गोंद मिलाएं और मध्यम आकार के एक ही साइज के लड्डू तैयार करें।