Saturday, March 15, 2025
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सुकन्या जो लाएगी समृद्धि

वो जमाना गया जब बेटियों को लोग पराया धन समझते थे. अब बेटियां अपने माता-पिता को अमीर बना रही हैं. साथ ही टैक्स बचाने में भी मदद कर रही हैं। सुकन्या समृद्धि योजना पर गौर करेंगे, तो आप भी यह जरिया जान जाएंगे…

क्या है योजना?

सुकन्या समृद्धि खाता एक डिपॉजिट योजना है, जिसमें आप बेटी के नाम पर खाता खुलवा सकते हैं.

न्यूनतम निवेशः 1,000 रुपये

अधिकतम निवेशः 1.5 लाख रुपये

ब्याज दरः 9.2% सालाना (हर साल संशोधन)

कितनी अवधि है?

शुरुआती 14 साल के लिए खाते में रकम जमा करानी होती है.बच्ची के 10 साल के होने से पहले ये खाता खोला जा सकता है.

ये योजना 21 साल बाद मैच्योर होती है।Sukanya-Samridhi-Yojana-CAknowledge.in_

टैक्स बचाने का फायदा

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्‍शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट

डिपॉजिट हुई रकम पर मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता

निवेश के फायदे

बाकी सभी योजनाओं की तुलना में इसमें ब्याज दर ज्‍यादा मिलता है

बच्ची की उच्च शिक्षा और शादी-ब्याह के लिए बचत कर सकते हैं

मैच्योरिटी पर जो रकम मिलती है, उस पर टैक्स नहीं लगता

हालांकि, एक पेंच है

50% तक रकम तभी निकाली जा सकती है, जब बच्ची 18 साल की हो जाए

एक बच्ची के नाम पर सिर्फ एक खाता खोला जा सकता है और ज्‍यादा से ज्‍यादा दो खाते खोलने की इजाजत है

अगर जुड़वा या तीन बच्चियां एक साथ होती हैं, तो तीसरे बच्चे को इसका फायदा मिलेगा

वो जमाना गया जब बेटियों को लोग पराया धन समझते थे. अब बेटियां अपने माता-पिता को अमीर बना रही हैं। साथ ही टैक्स बचाने में भी मदद कर रही हैं। सुकन्या समृद्धि योजना पर गौर करेंगे, तो आप भी यह जरिया जान जाएंगे…

क्या है योजना?

सुकन्या समृद्धि खाता एक डिपॉजिट योजना है, जिसमें आप बेटी के नाम पर खाता खुलवा सकते हैं.

न्यूनतम निवेशः 1,000 रुपये

अधिकतम निवेशः 1.5 लाख रुपये

ब्याज दरः 9.2% सालाना (हर साल संशोधन)

कितनी अवधि है?

शुरुआती 14 साल के लिए खाते में रकम जमा करानी होती है.बच्ची के 10 साल के होने से पहले ये खाता खोला जा सकता है.

ये योजना 21 साल बाद मैच्योर होती है.

टैक्स बचाने का फायदा

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्‍शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट

डिपॉजिट हुई रकम पर मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता

निवेश के फायदे

बाकी सभी योजनाओं की तुलना में इसमें ब्याज दर ज्‍यादा मिलता है

बच्ची की उच्च शिक्षा और शादी-ब्याह के लिए बचत कर सकते हैं

मैच्योरिटी पर जो रकम मिलती है, उस पर टैक्स नहीं लगता

हालांकि, एक पेंच है

50% तक रकम तभी निकाली जा सकती है, जब बच्ची 18 साल की हो जाए

एक बच्ची के नाम पर सिर्फ एक खाता खोला जा सकता है और ज्यादा से ज्यादा दो खाते खोलने की इजाजत है

अगर जुड़वा या तीन बच्चियां एक साथ होती हैं, तो तीसरे बच्चे को इसका फायदा मिलेगा

कैसे उठाएं फायदा?

नजदीक के डाकघर या सरकारी बैंकों में जाएं, जहां ये सुविधा आपका इंतजार कर रही है

सौजन्य: Newsflicks

 

और ये रहे सलाद सजाने के अनोखे अंदाज

शेफ शोभा इन्दाणी के किचेन से

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जो बनाएं, प्रेम और लगन से बनाकर परोसें, रिश्ते मजबूत होंगे

shobha indani picखाना बनाना आम महिला की जिंदगी का हिस्सा है मगर खाना बनाना किसी का शौक न रहकर जुनून बन जाए तो वह उसकी पहचान भी बन जाता है। पुणे की प्रसिद्ध शेफ शोभा इन्दाणी को उनके इस शौक न सिर्फ पहचान ही नहीं दी बल्कि वह ताकत दी जिससे वे हजारों युवतियों और लोगों को पाक कला से जोड़ रही हैं। महानगर में भी वे शीघ्र ही अपनी कुकिंग कार्यशाला के सिलसिले में आने वाली हैं। शोभा इन्दाणी जी ने हाल ही में ‘गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में ‘लार्जेस्ट कुकिंग लेसन’ का भी रिकॉर्ड बनाया था जहां उन्होंने ने 4000 लोगों को एक साथ 100  से भी ज़्यादा व्यंजन बनाना सिखाया था इंदौर में। उन्होने पिछले 30  सालो से ट्रेनिंग दे कर आज तक 50,000 लोगों से भी ज़्यादा लोगों को भारत के अनेक शहरों तथा गाँवों में लाखो लड़कियों एवं स्त्रियों को प्रशिक्षण दिया है। कोलकाता में होने वाला यह दो दिवसीय आयोजन मीडिया कनेक्ट की ओर से किया जा रहा है। आगामी 11  और 12  मार्च को सफायर बैंक्वेट में (इ एम बाईपास) यह कार्यशाला आयोजित की जा रही है। अपराजिता आपकी मुलाकात इस बार प्रख्यात शेफ शोभा इन्दाणी से करवाने जा रही है –

प्र. इस क्षेत्र में शुरुआत आपने कैसे की?

उ. पाक कला के क्षेत्र में तो मैं पिछले 30 साल से सक्रिय हूँ। कोशिश हमेशा कुछ नया करने की रहती है।जहाँ तक शुरुआत की बात है तो मेरी शादी 18 साल की उम्र में हो गयी है। मैंने जो भी सीखा है, अपनी माँ और सासू माँ से ही सीखा है मगर खास बात यह है कि मेरा सफर यहीं से आरम्भ हुआ। मैं जो भी बनाती थी, उसमें प्रयोग करती थी और पाक कला को निखारने के लिए मैंने होटल मैनेजमेंट किया।

प्र. तब से लेकर आज तक किस प्रकार का बदलाव आप देखती हैं?

उ. खाना बनाना हमेशा आपको खुशी देता है और बदलाव तो यह है कि खाने का स्वाद बदलता रहता है। लोग हर रेसिपी के साथ प्रयोग करके उसे और बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं। पहले यह सोचा भी नहीं जा सकता था कि पुरुष रसोई में जाकर कुछ पकाएं और उनको यह पसंद भी नहीं था। आज यह दिक्कत नहीं है, लड़के न सिर्फ रसोई में जा रहे हैं बल्कि अच्छा खाना पका रहे हैं और यह उनको अच्छा भी लगता है।

प्र. इस बदलाव में रिएलिटी शोज की कुछ भूमिका रही है?

उ. रिएलिटी शोज से पाककला को एक ग्लैमर मिला है और यह इसकी लोकप्रियता का कारण भी बना है। अब शेफ होने पर सम्मान मिलता है औऱ शेफ सेलिब्रिटी भी बन सकते हैं तो यह बदलाव तो ऐसे शोज की वजह से ही हुआ है। आज लोग खासकर युवा पीढ़ी भी पाक कला में रुचि रख रही है और उसे खाना बनाना अच्छा लग रहा है तो यह बदलाव ऐसे शोज के कारण हुआ है।

प्र. आप खुद किस तरह का खाना बनाना पसंद करती हैं?

उ. मैं ऐसा खाना बनाना पसंद करती हूँ जो आसानी से बने, उसमें नयापन हो और वह किफायती भी हो। आज कॉलेजों की लड़कियाँ भी मुझसे सीखने आती हैं। मुझे हर तरह का खाना बनाना पसंद है। भारतीय भोजन के साथ आप कई तरह के प्रयोगग कर सकते हैं। खासकर अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों को भारतीय स्वाद में पेश करना मुझे बेहद पसंद है।

प्र. कोलकाता में होने वाली कार्यशाला के बारे में बताएं?

उ. इस कार्यशाला में मॆ २ दिन में 100 से भी ज़्यादा  विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन और कुकिंग टिप्स और तकनीक सिखाने जा रही हूँ। 500  से भी ज़्यादा लड़कियां और गृहणियों को अब तक प्रशिक्षण दे चुकी हूँ। मॉकटेल्स, सौप्स, स्टार्टर्स, सलाद्स, पुड्डिंग्स, डेज़र्ट्स, चाइनीज़ , इतालियन, मेक्सिकन, सब्जियां, रोटिस, मिठाइस, स्नैक्स, कूकीज, केक्स, थाई, कॉन्टिनेंटल, मंगोलियन, सीज़्ज़लेर्स, डिप्स, चॉकलेट्स, आदि. इसके साथ साथ वो केक आइसिंग और सलाद कार्विंग्स भी कार्यशाला में सिखायी जाएगी। खास बात यह है कि हम प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र देंगे और यह कार्यशाला पूरी तरह शाकाहारी होगी।

प्र. आप क्या संदेश देना चाहेंगी?

उ. खाना रिश्ते मजबूत करता है। मैं तो यही कहूँगी कि जो भी बनाएं, उसमें लगन के साथ प्रेम होना चाहिए। इससे उसका स्वाद और अच्छा होगा।shobha indani pic

नीरजा की अभिनव गाथा के अनसुने किस्से

पैन एम 73 फ्लाइट की सीनियर पर्सर रहीं नीरजा भनोट 1986 में आतंकवादियों का मुकाबला करते हुए और विमान में सवार यात्रियों की जान बचाने के दौरान शहीद हो गई थीं। हमले के वक्त विमान में करीब 400 लोग मौजूद थे. नीरजा उस समय सिर्फ 23 साल की थीं। 5 सितंबर को ये हादसा हुआ और 7 सितंबर को नीरजा का जन्मदिन था।

 नीरजा का जन्म पत्रकार हरीश भनोट और रमा भनोट के घर 1963 में हुआ था. उनके माता-पिता ने जन्म से पहले ही तय कर लिया था कि अगर उनके घर बेटी का जन्म हुआ तो वे उसे ‘लाडो’ कहकर बुलाएंगे।

साल 1985 में एक बिजनेसमैन के साथ नीरजा की अरेंज मैरिज हुई. शादी के बाद वो अपने पति के साथ खाड़ी देश चली गईं. जहां उन्हें दहेज के लिए यातनाएं दी जाने लगीं. नीरजा इन सबसे इतना तंग आ गईं कि शादी के दो महीने बाद ही मुंबई वापस आ गईं और फिर वापस नहीं लौटीं।

मुंबई लौटने के बाद उन्होंने कुछ मॉडलिंग कॉन्ट्रेक्ट पूरे किए और उसके बाद पैन एम एयरलाइन्स ज्वाइन किया. इस दौरान उन्होंने एंटी-हाईजैकिंग कोर्स भी किया।

हादसे वाले दिन नीरजा विमान में सीनियर पर्सर के तौर पर तैनात थीं. 5 सितंबर को मुंबई से न्यूयॉर्क के लिए रवाना हुए पैम एम 73 विमान को कराची में चार आतंकियों ने हाइजैक कर लिया था।

. विमान हाइजैक करने के 17 घंटे बाद आतंकवादियों ने विमान में सवार लोगों को मारना शुरू कर दिया था लेकिन नीरजा ने हिम्मत दिखाई और विमान के इमरजेंसी दरवाजे खोलने में कामयाब हुईं।

नीरजा चाहतीं तो इमरजेंसी दरवाजे खोलने के साथ ही सबसे पहले बचकर निकल सकती थीं लेकिन उन्होंने जिम्मेदारी उठाई और पहले यात्रियों को बाहर सुरक्षि‍त निकालने का फैसला किया।

जिस समय वो तीन बच्चों को विमान से बाहर सुरक्षित निकालने की कोशिश कर रही थीं उसी वक्त एक आतंकवादी ने उन पर बंदूक तान दी. मुकाबला करते हुए नीरजा वहीं शहीद हो गईं।

 नीरजा की बहादुरी ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हीरोइन ऑफ हाईजैक के रूप में मशहूर कर दिया।

नीरजा की याद में एक संस्था नीरजा भनोट पैन एम न्यास की स्थापना की गई है. जो महिलाओं को उनके साहस और वीरता के लिए सम्मानित करती है।

नीरजा सबसे युवा और प्रथम महिला थीं, जिन्हें उनकी बहादुरी के लिए अशोक चक्र से सम्मानित किया गया।

 

स्प्रिंग फैशन कलेक्शन पर एक नजर

डिजाइनर्स के पास हर सीजन के लिए हमेशा कुछ न कुछ नया होता है और तमाम फैशन वीक में उनका क्रिएशन लाजवाब रहता है तो स्प्रिंग कलेक्शन में भी रैम्प पर अपने नये कलेक्शन का जादू इन डिजाइनर्स ने कुछ इस तरह दिखाया1443263326sanjay-garg

रॉ मैंगो के डिजाइनर संजय गर्ग ने अमेजन इंडिया फैशन वीक में पेश किया स्प्रिंग समर 2016samant chaouhan

सामंत चौहान का अमेजन इंडिया फैशन वीक का नया स्प्रिंग समर कलेक्शन

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मैक्स फैशन का नया स्प्रिंग कलेक्शन

60 सेकंड की हिट एक्सरसाइज आपको रखेगी फिट

आजकल लोग अपनी सेहत को लेकर ज़्यादा जागरूक हैं, फ़िक्रमंद हैं। फ़िट रहने का सबसे अच्छा तरीक़ा है, नियमित रूप से वर्ज़िश करना।

कसरत हम सबके लिए कई मायनों में फ़ायदेमंद है। यह हमारे दिल और फेफड़ों को फ़िट रखती है।

नियमित रूप से वर्ज़िश करने से हमारा मूड भी अच्छा रहता है लेकिन दिक़्क़त यह है कि हम में से अस्सी फ़ीसदी लोग, सिर्फ़ सोचते रह जाते हैं. इसके फ़ायदे जानते हुए भी इसके लिए वक़्त नहीं निकाल पाते।

फ़िट रहने के लिए हफ़्ते में कम से कम ढाई घंटे, या डेढ़ सौ मिनट की एक्सरसाइज़ ज़रूरी है. मगर होता यह है कि हम कभी व्यस्तता तो कभी आलस की वजह से ऐसा कर नहीं पाते हैं।

अब फ़िट तो रहना है. सो अगर ऐसा हो कि आप रोज़ सिर्फ़ एक मिनट वर्ज़िश करें, ताकि सेहत अच्छी रहे तो कैसा हो?.

यक़ीन नहीं आया न? यह सम्भव हुआ है हिट एक्सरसाइज से।

इसका नाम है, हाई इनटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग, जिसे नाम दिया गया है ‘हिट’ एक्सरसाइज़ का.

सिर्फ़ साठ सेकेंड की इस ‘हिट’ वर्ज़िश से आप, नियमित एक्सरसाइज़ के कई फ़ायदे उठा सकते हैं।  हिट एक्सरसाइज़ को पिछले कुछ सालों से जांचा परखा जा रहा है।

लेकिन, इस ख़ास तरह की वर्ज़िश में ख़ास कुछ भी नहीं. जैसे आप अपनी एक्सरसाइज़ बाइक पर देर तक मेहनत करते हैं. शुरुआत ठीक वैसे ही करनी है।

बस, धीरे-धीरे आपको अपनी रफ़्तार बढ़ाते जाना है। जितना ज़ोर लगाकर आप आम तौर पर एक्सरसाइज़ बाइक चलाते हैं, आपको बस उससे ज़्यादा ज़ोर लगाना है.

तेज़ी से इसे बढ़ाते जाना है। नियमित कसरत में आप यही काम थोड़े इत्मीनान से करते हैं. लेकिन ‘हिट’ में आपकी रफ़्तार बहुत मायने रखती है. आपको पूरी ताक़त और रफ़्तार से बाइक चलानी है।

जब ऐसा करते हुए आपकी सांस फूलने लगे, तो थोड़ा ठहर जाइए।

सांस लीजिए. जैसे ही आपकी धड़कनें सामान्य हों। फिर से उतनी ही ताक़त और रफ़्तार से जुट जाइए। कुछ देर तक सामान्य तरीक़े से एक्सरसाइज़ करने के बाद आपको अगले बीस सेकेंड फिर से, दोगुनी ताक़त औऱ रफ़्तार से कसरत करनी है।

केवल सात मिनट में आपकी दिन भर की कसरत की ज़रूरत, इस ‘हिट’ एक्सरसाइज़ से पूरी हो जाती है।

वैसे इसे लेकर हो रहे शोध के मुताबिक़, नियमित रूप से ‘हिट’ एक्सरसाइज़ करके आप अपने दिल और फेफड़ों को सेहतमंद रख सकते हैं।

इससे आपका हाज़मा भी बेहतर होता है, जिसका सीधा संबंध आपके शरीर के शुगर लेवल से होता है।

दिल और फेफड़े अच्छे होंगे, खाना ठीक से, आसानी से पचेगा तो ज़ाहिर है आप अच्छा, सेहतमंद महसूस करेंगे। इसके लिए आपको ख़र्च करने हैं, सिर्फ़ साठ सेकेंड।

‘हिट’ एक्सरसाइज़ की मदद से आप अपने दिमाग के उस हिस्से को सक्रिय करते हैं  जो आपके शरीर की चर्बी को नियंत्रित करता है। इस कसरत से एक हार्मोन निकलता है जो आपके शरीर की चर्बी को कम करने में मददगार होता है।

यह एक्सरसाइज करने वालों के अनुसार उनके शरीर में इंसुलिन की मात्रा में चौबीस फ़ीसदी का इज़ाफ़ा हुआ था। इंसुलिन वह हारमोन है, जो हमारे ख़ून में शुगर लेवल को कंट्रोल में रखता है। इसकी कमी होने पर हमें डायबहिटीज़ हो जाती है।

इंग्लैंड के अलावा ऑस्ट्रेलिया में भी ‘हिट’ एक्सरसाइज़ पर शोध के ऐसे ही नतीजे सामने आए हैं। यह वर्जिश आपके दिल, दिमाग और हाज़मे के लिए बहुत अच्छी है।

हालांकि अगर आप कमज़ोर हैं, तो बेहतर यह होगा कि ‘हिट’ कसरत करने से पहले अपने डॉक्टर से मशविरा कर लें।

आप इसे सिर्फ़ एक्सरसाइज़ बाइक पर ही नहीं कर सकते. यदि आप दौड़ते हैं तो चढ़ान वाली जगह पर दौड़ते हुए ‘हिट’ कर सकते हैं। आपके दफ़्तर में सीढ़ियां हैं तो उन पर तेज़ी से चढ़-उतरकर ‘हिट’ एक्सरसाइज़ कर सकते हैं।

हां, लेकिन महिलाओं को ध्यान रखना होगा कि वे हाई हील के सैंडल पहनकर ऐसा न करे।.

 

गूगल ने बच्चों के लिए लॉन्च किया किडल सर्च इंजन

गूगल ने बच्चों के लिए खास कस्टमाइज्ड विजुअल सर्च इंजन किडल लॉन्च किया है. इसमें सर्च करने पर ज्यादा कंटेंट बच्चों वाले मिलेंगे. इसके अलावा यह सिर्फ सेफ सर्च की तरह काम करेगा, यानी इसमें ऐसे सर्च रिजल्ट नहीं दिखेंगे जो बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं हैं। इसको काफी इंटरएक्टिव बनाया गया है. यहां सर्च करने परआपको बड़े फॉन्ट्स और थंबनेल्स के जरिए कलरफुल यूजर इंटरफेस दिखाया जाएगा. इसका होम पेज भी गूगल के जैसा ब्लैक एंड व्हाइट नहीं है बल्कि यह कलरफुल है। सर्च बॉक्स के नीचे एक ड्रॉयड रोबोट है जो सर्च रिजल्ट लेकर आता है. अगर इसमें पोर्नोग्राफी या दूसरे ऑफेन्सिव वर्ड्स लिखेंगे तो सर्च इंजन में एक मैसेज के जरिए आपको बताया जाएगा कि आपने गलत वर्ड सर्च किया है. इसके अलावा यह गूगल सर्च इंजन से कई मामलों मे अलग है. उदाहरण के लिए आप इसमें बराक ओबामा लिखेंगे तो उनके Wikipedia Page या ऑफिशियल वेबसाइट खुलने की बजाए यहां Biography.com और Britannica.com में उनसे जुड़ी तमाम जानकारी दी जाएगी। इसका मकसद बच्चों के लिए याद करना और लिखना आसान बनाना है। इससें कई वर्ड्स हैं जो ब्लॉक किए गए हैं और अगर आप चाहें तो वर्ड्स ब्लॉक करने के लिए गूगल को रिक्वेस्ट सेंड कर सकते हैं. इसके लिए नीचे कीवर्ड ब्लॉक का ऑप्शन दिया गया है जहां से रिक्वेस्ट भेजे जा सकते हैं.

 

इस महिला ACP ने हटवाए थे विधायक की गाड़ी से VIP स्टिकर

लुधियाना.2012 में पंजाब पुलिस ज्वाॅइन करने वाली जालंधर की डेन्टिस्ट डॉ. रिचा अग्निहोत्री ने लुधियाना की एसीपी (ट्रैफिक) की पहली पोस्टिंग में ईमानदारी, डेडिकेशन और बेखौफ तरीके से ऐसी ड्यूटी निभाई कि लोग उन्हें ‘लेडी सिंघम’ कहने लगे। उनका तबादला लुधियाना से जालंधर कर दिया गया है। बतौर पीपीएस अफसर डाॅ. रिचा ने डेढ़ साल के कार्यकाल में अवेयरनेस के साथ ट्रैफिक रूल्स एन्फोर्समेंट के लिए कई कदम उठाए।

इन वजहों से चर्चित है ये अफसर…

– 8 सितंबर, 2014 को ज्वॉइनिंग के बाद एन्फोर्समेंट के मामले में न केवल सख्ती बरती, बल्कि नाकों पर विदाउट हेलमेट लोगों का चालान काटने की जगह ऑन द स्पॉट हेलमेट खरीदकर पहनानाया।

– इसे अब अमृतसर पुलिस फॉलो कर रही है। हाल ही में हूटर वाली कारें और पटाखे वाले बुलेट को पकड़ने की भी शुरुआत उन्होंने ही की।

जब विधानसभा में पेश होना पड़ा

– रूल्स तोड़ता पुलिस अफसर मिला या पंजाबी के सीएम बादल की बस, एसीपी ने सबका चालान कटवाया।
– एक बार जब एमएलए बैंस की गाड़ी पर लगे स्टिकर उतरवा दिए तो शिकायत विधानसभा स्पीकर तक पहुंची।

– रिचा को डीटीओ गर्ग के साथ विधानसभा में भी पेश होना पड़ा, लेकिन उन्होंने एन्फोर्समेंट कम नहीं होने दी।

– यहां तक कि रात में ड्रंकन ड्राइविंग के लिए खुद नाके लगाए।

रुकवा दी थी ट्रांसफर

– लुधियाना में जब ट्रैफिक एन्फोर्समेंट के लिए स्पेशल नाकाबंदी की जा रही थी तो डॉ. रिचा का ट्रांसफर हो रहा था।

– मगर पता चला तो तत्कालीन पुलिस कमिश्नर प्रमोद बान ने ट्रांसफर रुकवा दी।

– लुधियाना के ट्रैफिक सुधार के लिए डॉ रिचा ने जैसे एफर्ट किए, वे जरूरी हैं, इसलिए वो यहीं काम करें।

आलोचना ने किया प्रेरित

– शहरियों की इच्छा ने ही काम करने के लिए प्रेरित किया।

– पहली पोस्टिंग के बावजूद लुधियाना बहुत करीब लगा।

– आलोचना करने वालों का खासतौर पर धन्यवाद कहूंगी कि इससे रियलिटी चेक के साथ और बेहतर करने की प्रेरणा मिलती रही।

– कोई भी कामयाबी अकेले नहीं बल्कि गर्मी, ठंड और बारिश में डेली साढ़े 13 घंटे बिना रुके और बिना थके काम करने वाले फील्ड अफसरों की है।

– लुधियाना में कार्यकाल खत्म हुआ लेकिन काम का उत्साह पहले जैसा ही है।
डॉ. रिचा अग्निहोत्री, एसीपी (ट्रैफिक)

चौराहों पर खुद फूल बांटे, नींबू मिर्ची तक टांगी

– शहर में हादसों के खिलाफ महाअभियान चला तो अवेयरनेस के लिए आगे आए संगठन के साथ जुड़ीं।

– चौराहों पर रूल्स फॉलो करने वालों को फूल बांटे। ट्रैफिक रूल्स फॉलो नहीं करने वालों को शर्मसार करने के लिए यूथ सेवा सोसाइटी की पहल पर नींबू-मिर्ची जैसे ट्रेडिशनल तरीके से समझाने की कोशिश की।

– इसके अलावा स्कूलों में ट्रैफिक क्लब बनाए और अवेयरनेस एक्टिविटीज करवाई। अब भी ट्रैफिक टीम अवेयरनेस में जुटी है।

 

जी सिने अवॉर्ड्स में दिखा दीपिका और सलमान का जलवा

जी सिने अवॉर्ड्स का प्रोग्राम फिल्मी सितारों से जगमगाता रहा. रेड कार्पेट पर पोज देने से लेकर स्टेज पर ट्रॉफीज उठाने तक बॉलीवुड सेलेब्रिटीज ने सबका दिल जीत लिया। इस बार के अवॉर्ड्स फंक्शन में पहली बार जूरी अवॉर्ड्स भी दिए गए। यह अवॉर्ड सेरेमनी इंडिया की पहली इंटीग्रेटेड नेशनल अवॉर्ड सेरेमनी फॉर सिनेमा साबित हुई. इवेंट के होस्ट थे करन जौहर और शाहिद कपूर। इवेंट के दौरान अनिल कपूर के साथ-साथ दर्शकों को सोनाक्षी सिन्हा की लाजवाब स्टेज परफॉर्मेंस भी देखने को मिली। एक तरफ जहां सलमान खान ने ‘बजरंगी भाईजान’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का अवॉर्ड जीता वहीं दीपिका पादुकोण को ‘पीकू’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री अवॉर्ड्स दिया गया। ये रहे विजेता –

बॉलीवुड कैटेगरी

व्यूअर्स चॉइस अवॉर्ड बेस्ट एक्ट्रेस: दीपिका पादुकोण (पीकू)व्यूअर्स चॉइस अवॉर्ड बेस्ट एक्टर: सलमान खान (बजरंगी भाईजान)

व्यूअर्स चॉइस अवॉर्ड बेस्ट फिल्म: बजरंगी भाईजान

व्यूअर्स चॉइस अवॉर्ड सॉन्ग ऑफ द ईयर: प्रेम रतन धन पायो

लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड: वीरू देवगन

बेस्ट एक्टर मेल (जूरी): अमिताभ बच्चन (पीकू) और रणवीर सिंह (बाजीराव मस्तानी)

बेस्ट एक्टर फीमेल (जूरी): दीपिका पादुकोण (पीकू)

बेस्ट डायरेक्टर (जूरी): संजय लीला भंसाली (बाजीराव मस्तानी)

बेस्ट फिल्म (जूरी): बाजीराव मस्तानी

बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर (फीमेल): श्वेता त्रिपाठी (मसान)

बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर (मेल): संजय मिश्रा (मसान)

बेस्ट एक्टर इन ए कॉमिक रोल: नवाजुद्दीन सिद्दीकी (बजरंगी भाईजान)

बेस्ट एक्टर इन ए नेगेटिव रोल: नवाजुद्दीन सिद्दीकी (बदलापुर)

बेस्ट फीमेल डेब्यू: भूमि पेडणेकर (दम लगा के हईशा) और हर्षाली मल्होत्रा (बजरंगी भाईजान)

बेस्ट मेल डेब्यू: विक्की कौशल (मसान)

बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर: नीरज घयवान (मसान)

बेस्ट लिरिक्स: वरुण ग्रोवर (मोह मोह के धागे – दम लगा के हईशा)

बेस्ट म्यूजिक: अनु मालिक (दम लगा के हईशा)

बेस्ट प्लेबैक सिंगर फीमेल: श्रेया घोषाल (मोहे रंग दो – बाजीराव मस्तानी)

बेस्ट प्लेबैक सिंगर मेल: मोहित चौहान (मटरगश्ती – तमाशा)

बेस्ट साउंड डिजाइन: बाजीराव मस्तानी

बेस्ट बैकग्राउंड स्कोर: बाजीराव मस्तानी

बेस्ट वीएफएक्स: बाजीराव मस्तानी

बेस्ट एक्शन: बाजीराव मस्तानी

बेस्ट कोरियोग्राफर: गणेश आचार्य (मल्हारी – बाजीराव मस्तानी)

बेस्ट सिनेमैटोग्राफी: सुदीप चटर्जी (बाजीराव मस्तानी)

बेस्ट स्टोरी: जूही चतुर्वेदी (पीकू)

बेस्ट डायलॉग्स: जूही चतुर्वेदी (पीकू)

इंटरनेशनल आइकॉन अवॉर्ड: अनिल कपूर

 

1948 से मरीजों के लिए भगवान बनीं 91 साल की यह डॉक्टर

यह कहानी है डॉ. भक्त‍ि यादव और उनके बुलंद हौसले की। हममें से ज्यादातर लोग तो यही चाहते हैं कि कोई 9-5 की नौकरी मिल जाए ताकि ऑफिस के साथ-साथ घर को भी पूरा वक्त दिया जा सके पर कुछ लोग भीड़ से अलग होते हैं और भक्त‍ि यादव उन्हीं में से एक हैं। वह अपने जीवन का एक-एक पल मरीजों की सेवा में बिता रही हैं। 91 साल की उम्र में वह बिना थके अपने मरीजों का इलाज करती हैं और वह भी बिना कोई फीस लिए. यह सिलसिला 1948 से चला आ रहा है। इंदौर की डॉक्टर भक्त‍ि स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। अपने पूरे करियर में उन्होंने कभी भी प्रसव कराने के लिए पैसे नहीं लिए. इतना ही नहीं, वह इंदौर की पहली महिला एमबीबीएस डॉक्टर भी हैं। छड़ी के सहारे चलने वाली भक्त‍ि को उठने-बैठने में काफी तकलीफ है लेकिन वह अपनी अंतिम सांस तक दूसरों की सेवा करनी चाहती हैं. वहीं भक्त‍ि आज के दौर के डॉक्टरों के रवैये से काफी दुखी हैं. उन्हें लगता है कि वे अपने मरीजों से दिल से नहीं जुड़ते और अपने काम को सिर्फ पेशे के तौर पर देखते हैं. भक्त‍ि का मानना है कि मरीज के साथ दिल से जुड़ना बहुत जरूरी है।