Sunday, March 16, 2025
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ये हैं भारत की पहली लेडी फाइटर पायलट

 

पटना।भावना कंठ देश की पहली लेडी हैं जो फाइटर प्लेन उड़ाएंगी। वह दरभंगा के घनश्यामपुर के बाऊर गांव की रहने वाली हैं। उनका परिवार फिलहाल दरभंगा शहर के भैरवपट्टी बैंकर्स कॉलोनी में रहता है। परिवार ने पहली बार भावना के कुछ फोटोज दैनिक भास्कर के साथ शेयर किए हैं। तीन भाई बहनों में सबसे बड़ी है भावना…
– भावना कंठ अपने सबसे बड़ी बेटी हैं।

– भावना के पिता तेज नारायण कंठ इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन मथुरा में कार्यरत हैं।
– दादा बौद्ध नारायण कंठ आईओसी की बरौनी रिफाइनरी में इलेक्ट्रिशियन थे।
– भावना ने वर्ष 2009 में डीएवी स्कूल, बरौनी रिफाइनरी, बेगूसराय से दसवीं की परीक्षा पास की।
– भावना ने वर्ष 2014 में बेंगलुरू के बीएमएस कॉलेज से बीटेक किया।
– वर्ष 2015 में भावना का चयन भारतीय वायु सेना के लिये हो गया।

– 18 जून को भावना पहली बार फाइटर जेट उड़ाएगी।

बचपन से फाइटर पायलट बनना चाहतीं
– भावना ने कहा कि बचपन से उसका सपना फाइटर पायलट बनने का था।
– यह ऐसा काम था, जिसे करने की कामना सिर्फ लड़के ही करते थे।
– इसके लिए हमें परिवार का पूरा सपोर्ट मिला।
– घरवालों ने कभी ऐसा फील नहीं होने दिया कि मैं लड़की हूं।
– इसलिए मेरा यह सपना पूरा हुआ।
– यह पहली बार है कि किसी महिला को फाइटर प्लेन उड़ाने की ट्रेनिंग दी गई।

 

ब्रज संस्कृति की पहचान है यमुना

हिंदू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार यमुना नदी, यमराज की बहन है। जिसका नाम यमी भी है। यमराज और यमी के पिता सूर्य हैं। यमुना नदी का जल पहले साफ, कुछ नीला, कुछ सांवला था, इसलिए इन्हें ‘काली गंगा और ‘असित’ भी कहते हैं। असित एक ऋषि थे। सबसे पहले यमुना नदी को इन्होंने ही खोजा था। तभी से यमुना का एक नाम ‘असित’ संबोधित किया जाने लगा।

यमुना जिसे यमुनोत्री भी कहा जाता है। यह नदी उत्तरकाशी से 30 किमी उत्तर, गढ़वाल से निकली है। और अंत में इलाहाबाद में गंगा नदी से मिल जाती है। जहां यह त्रिवेणी(गंगा, सरस्वती, जमुना या यमुना) कहलाती है। यमुना की सहायक नदियां चम्बल, सेंगर, छोटी सिन्ध, बेतवा और केन हैं। यमुना के तटवर्ती नगरों में दिल्ली और आगरा के अतिरिक्त इटावा, काल्पी, हमीरपुर और प्रयाग मुख्य है।

जिस तरह भगवान श्रीकृष्ण को ब्रज संस्कृति का जनक कहा जाता है, ठीक उसी तरह यमुना को जननी का स्थान दिया गया है। ब्रह्म पुराण में उल्लेखित है कि, ‘जो सृष्टि का आधार है और जिसे लक्ष्णों से सच्चिदनंद स्वरुप कहा जाता है, उपनिषदों ने जिसका ब्रह्म रुप से गायन किया है, वही परमतत्व साक्षात् यमुना है।’

दिल्ली में यमुना : सदियों से कल-कल बहती यमुना दिल्लीवासियों की जल की आवश्यकताओं की पूर्ति करती है। दिल्ली से चलकर यमुना दनकौर के स्थान पर हिंडन नदी को अपने साथ ले लेती है। फिर पंजाब और उत्तरप्रदेश की सीमा बनती है। एक ओर गुड़गांव, दूसरी ओर बुलन्दशहर। उसके बाद मथुरा में प्रवेश करती है। मथुरा के साथ युगों का इतिहास जुड़ा हुआ है।

प्राचीन समय में यह क्षेत्र शूरसेन जनपद कहलाता है। यहीं यदु के वंशवाले यादव बसे। यहीं शत्रुघ्न ने लवणासुर को मारकर राम-राज्य स्थापित किया। यहीं कृष्ण हुए, वही कृष्ण, जिन्होंने यादव-संघ की रक्षा की वही कृष्ण कन्हैया, जिसके चरित्र से ब्रजभूमि धन्य हो गई थी। जो आज भी है।

 

बच्चों के लिए जरूरी है पूरी नींद

एक नए शोध के अनुसार, नियमित स्कूल जाने वाले बच्चों की तुलना में घर में पढ़ने वाले बच्चे अधिक सोते हैं. इस निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए शोध समूह ने 2 हजार 612 छात्रों की नींद से जुड़ी आदतों का आकलन किया. इन बच्चों में 500 बच्चे ऐसे थे जो घर में ही पढ़ते थे।

अध्ययन में अधिक और कम नींद दोनों ही कारकों का आकलन किया गया था।

शोध के अनुसार, घर पर पढ़ने वाले बच्चों की तुलना में निजी और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 44.5 प्रतिशत बच्चे नींद पूरी न होने की शिकायत से पीड़ित थे. जबकि घर में पढ़ने वाले बच्चों के लिए यह आंकड़ा 16.3 फीसदी था।

डेनवर के नेशनल ज्वूइश हेल्थ से इस अध्ययन की मुख्य लेखक लीसा मेल्टजर का कहना है कि हमारे यहां एक स्कूल प्रणाली है, जिसका समय बिलकुल निश्चित होता है. कम उम्र के बच्चों का स्कूल जल्दी शुरू होता है, वे जल्दी उठते हैं।

उनके अनुसार, किशोरों को नौ घंटे की नींद की जरूरत है और अगर वे केवल सात घंटे ही सोते हैं, तो सप्ताह के अंत तक वह 10 घंटे कम नींद लेते हैं. जो उनके कामकाज को प्रभावित करता है।

नींद की कमी स्वास्थ्य के साथ ही मानसिक रूप से भी प्रभावित करती है। नींद के अभाव से ध्यान केंद्रित करने और याद करने की क्षमता प्रभावित होती है. ऐसे में शरीर और मानसिक स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त नींद लेना आवश्यक है।

यह शोध पत्रिका ‘बिहेवियरल स्लीप मेडिसिन’ में प्रकाशित हुआ है.

 

पानी की बूंद-बूंद बचाता 80 साल का बुज़ुर्ग

रविवार की एक सुबह, मुंबई के मीरा रोड स्थित एक अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स के सबसे ऊपरी तल्ले पर 80 साल के बुज़ुर्ग पहुंचते हैं.

अगले चार घंटों के दौरान, आबिद सुरती कॉम्प्लेक्स में बने सभी 56 फ़्लैट के डोर-बेल बजाते हैं और हर घर वाले से एक ही सवाल पूछते हैं, “क्या आपके घर में कोई नल टपकता है?”

सुरती के साथ नल ठीक करने वाला एक कारीगर और एक स्वयंसेवी सहायक मौजूद होता है. जो घर वाले नल नहीं टपकने की बात करते हैं, उनसे आबिद सुरती माफ़ी मांग लेते हैं.

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लेकिन जो लोग बताते हैं कि उनके घर में नल टपक रहा है, तो वहां नल ठीक करने वाला उसे ठीक करता है. आबिद सुरती बीबीसी से बताते हैं, “मुझे टपकने वाले नलों से हमेशा दिक़्क़त होती है.”

आबिद सुरती 80 किताबों के लेखक हैं, कार्टूनिस्ट हैं और कलाकार भी हैं. सुरती कहते हैं, “जब मैं किसी दोस्त या रिश्तेदार के घर जाता हूं और अगर मुझे नल के टपकने की आवाज़ सुनाई देती है तो मैं उन्हें ठीक कराने के लिए कहता हूं.”

दरअसल सुरती इसके ज़रिए पानी की एक-एक बूंद बचाना चाहते हैं. उनका बचपन मुंबई के फ़ुटपाथों पर बीता है और उन्होंने अपनी मां को सुबह चार बजे पानी की बाल्टी लिए क़तार में खड़े देखा है.

वह कहते हैं, “मैंने पानी की एक-एक बूंद के लिए लोगों को लड़ते देखा है. जब मैं कहीं भी नल को टपकता हुआ देखता हूं तो बचपन की याद कौंधने लगती है.”

2007 में, उन्होंने अख़बार में प्रकाशित एक न्यूज़ रिपोर्ट देखी जिसमें कहा गया था कि अगर किसी टपकते नल से प्रति सेकेंड एक बूंद पानी भी गिरे तो हर महीने एक हज़ार लीटर पानी बर्बाद हो जाएगा.

सुरती कहते हैं, “यह बात मेरे दिमाग़ से नहीं निकल पाई कि कोई इस तरह से 1000 लीटर पानी बहा सकता है.”

इसके चलते ही उन्होंने ड्रॉप डेड फ़ाउंडेशन बनाया है, यह एक आदमी से चलने वाली ग़ैर-सरकारी संस्था है. जिसकी टैग लाइन है, “प्रत्येक बूंद बचाओ या मर जाओ.” उन्होंने एक प्लंबर को काम पर रखा है और उसके साथ लोगों के घरों के नल और उसकी टोंटियों को ठीक करने का काम करते हैं.

लेकिन ये इतना आसान काम भी नहीं था. अपनी पहली मुश्किल के बारे में वे बताते हैं, “आमतौर पर घर के दरवाज़े महिलाएं खोलती थीं और हम दो पुरुष. वे हमें संदेह से देखतीं और दरवाज़ा बंद कर लेतीं. इसके चलते हमने एक महिला स्वयंसेवी को भी साथ में रखा.”

इसके अलावा आबिद सुरती के दोस्त और परिवार वाले भी इस काम से बहुत ख़ुश नहीं हुए. सुरती बताते हैं, “वे लोग मुझसे कहते हैं, ये कुछ ही बूंदों की बात है, कोई पवित्र गंगा नदी को नाले में नहीं बहा रहा है. वे मुझसे केवल लिखने और चित्रकारी करने को कहते हैं. मैं कुछ बूंद पानी के पानी के पीछे क्यों पड़ा हूं? ये भी पूछते हैं.”

घर वालों को पैसों की भी चिंता होती है कि वे किस तरह से प्लंबर और स्वयंसेवी को भुगतान करते हैं? वे कहते हैं, “अगर आप ईमानदारी से कोई अच्छा काम करना चाहें तो पूरी कायनात आपकी मदद करने लग जाती है. आपके लिए ईश्वर पैसे जुटाने लगते हैं.”

आबिद सुरती ने जब अपने फ़ाउंडेशन की स्थापना का फ़ैसला लिया उन्हीं दिनों उन्हें ख़बर मिली कि उन्हें एक लाख रूपये का हिंदी साहित्य पुरस्कार मिला है.

सुरती बताते हैं, “मेरे ख़र्चे बहुत कम हैं. मैं प्लंबर और स्वंयसेवक को हर दिन पांच-पांच सौ रूपये दिया करता था. कुछ पैसे प्रचार सामग्री पर भी ख़र्च हुए. तो वह पैसा कुछ सालों तक चल गया.”

सुरती आगे बताते हैं, “जब मेरी वित्तीय स्थिति चरमराने लगती है तो भगवान मेरी मदद के लिए उपयुक्त आदमी को भेज देते हैं और बिन मांगे ही मुझे सहायता का चेक मिल जाता है.” इतना ही नहीं अब तो, प्लंबर और स्वयंसेवी साथी भी उनसे पैसा लेने से इनकार कर देते हैं.

आबिद सुरती के मुताबिक़ सालों से की जा रही उनकी कोशिशों के चलते वे कम से कम एक करोड़ लीटर पानी को बचाने में कामयाब हुए हैं. इतना ही नहीं, उनके कई फैंस और फॉलोअर भी बन गए हैं.

हाल ही में बॉलीवुड के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन ने उन्हें अपने टेलीविज़न शो में आमंत्रित किया और आबिद सुरती के फ़ाउंडेशन को उन्होंने 11 लाख रुपये की सहायता राशि दी.

मीरा रोड पर एक महिला उन्हें टीवी शो के ज़रिए ही पहचानने में कामयाब रही. महिला उनसे कहा, “मैंने आपको अमिताभ बच्चन के साथ टीवी पर देखा था.” आबिद मज़ाक़िया अंदाज़ में कहते हैं, “देखिए, मैं अमिताभ बच्चन को भी लोकप्रिय बना रहा हूं.”

ज़्यादातर निवासी उनके काम की प्रशंसा करते हैं और कहते हैं कि आप शानदार काम कर रहे हैं और ये काम जारी रखिए. सुरती उन लोगों को जल संरक्षण की अहमियत के बारे में बताते हैं और ये संदेश आम लोगों तक पहुंचता दिखता है.

अपने घर में नल टपकने के चार-पांच दिन बाद सुरती को ठीक करने के लिए बुलाने वाले गौरव पांडेय ने बीबीसी से बताया, “पिछले कुछ सालों में मुंबई में पर्याप्त बारिश नहीं हुई है. पानी की कमी है. हम लोग नल टपकने को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, क्योंकि हम जागरूक नहीं हैं. अगली बार ऐसा हुआ तो मैं जल्दी ही उसे ठीक कराऊंगा.”

सुरती कहते हैं, “जब पानी की कमी होती है, तो हम सरकार पर आरोप लगाने लगते हैं. लेकिन यह केवल सरकार का काम नहीं है. जल संरक्षण हमारा भी काम है.”

आबिद सुरती अपने आसपास के दुनिया में बदलाव लाने के लिए दूसरे लोगों को भी प्रेरित कर रहे हैं.

वे कहते हैं, “मैं सप्ताह में छह दिन तक काम करता हूं. लिखता हूं, पढ़ता हूं और पेंटिंग करता हूं. सातवें दिन मैं कुछ घंटे निकालकर जागरूकता फैलाने का काम करता हूं और अपने आस पड़ोस के लोगों प्रेरित भी करता हूं.”

आबिद ये भी कहते हैं, “आपको बड़ी योजनाओं की ज़रूरत नहीं है क्योंकि प्रत्येक बूंद की अहमियत है.”

(साभार – बीबीसी)

पत्नी टिव्ंकल काम पर, अक्षय पहुंचे खाना लेकर, घर पर बच्ची को सम्भाला

अक्षय कुमार को फैमिली पर्सन माना जाता है। हाल ही एक बार फिर अक्षय का ये आइडियल हसबैंड वाला अवतार देखने को मिला। दरअसल, अक्षय ने एक दिन अपने काम से छुट्टी ली और घर पर बेटी नितारा को संभाला। दूसरी तरफ उनकी वाइफ ट्विंकल खन्ना अपने काम के सिलसिले में एक शूट पर पहुंचीं। बीवी के लिए लंच लेकर पहुंचे अक्षय…

जब ट्विंकल काम में बिजी थी तो अक्षय उनके लिए लंच लेकर पहुंचे। इस दौरान उनके खास दोस्त जॉन अब्राहम भी उनके साथ थे। इस स्पेशल लंच की एक फोटो शेयर करते हुए अक्षय ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, “Free day today, dropped by the wife’s shoot with a lunchbox in hand, joined in by buddy John. Feeling domesticated”

अक्षय के ट्वीट का जवाब देते हुए ट्विंकल ने लिखा, “And all the girls on my set sort of fainted seeing these two amazing desi boyz!”

 

पति-पत्नी के रिश्ते में जरूरी है सम्मान

कहते हैं रिश्ते तभी लंबे समय तक चल पाते है जब उसमें एक-दूसरे के प्रति सम्मान की भावना हो। वैसे भी कई बार देखा गया है कि कई पुरुष अपनी पत्नी को अपने सामने कुछ समझते ही नहीं है और बच्चों व दूसरों के सामने उन्हें बेइज्जत करने से बाज नहीं आते। पत्नी भले ही उनसे अधिक योग्य हो या ज्यादा कमाती हो, ज्यादा अच्छी हो या खूबसूरत हो लेकिन पुरुष का दंभ उसे यथोचित सम्मान देने से रोकता है। मित्रों, रिश्तेदारों या घर के कामवालों के सामने भी वे पत्‍नी की इंसल्ट कर बैठते हैं।

आखिर क्यों करते हैं पुरूष ऐसा

हमारे देश में लड़कियों को बचपन से यह बात सिखाई जाती है कि समाज में लड़के के जन्म को सेलिब्रेट किया जाता है। मुण्डन, थाली या परात बजाना लड़के के जन्म पर होता है। प्रारंभ से ही लड़कों को ज्यादा अहमियत दी जाती है और इसलिए उसके मन में ‘महत्वपूर्ण’ होने की अवधारणा विकसित हो जाती है। वे स्वयं को सबसे अधिक सर्वश्रेष्ठ समझने लगते हैं।

सामान्यत: लड़कियों या महिलाओं का एक्सपोजर पुरुषों जितना नहीं होता, इसलिए उनकी जानकारी व नॉलेज घर के बाहर के क्षेत्रों में कम होती है। पुरुष इसी बात से स्वयं को अधिक निपुण समझने लगते हैं। कई बार पुरुषों की हीन भावना भी उन्हें आक्रामक होने को विवश करती है। स्वयं से योग्य या सुंदर पत्‍नी होने पर वो उसकी खीज पत्‍नी को गाहे-बगाहे बेइज्जत करके निकालते हैं। स्त्री को कमतर समझने पर या उसके ऊपर रौब गांठने की मन:स्थिति भी पुरुष को पत्‍नी के सम्मान को ठेस पहुंचाने के लिए उकसाती है।

क्या हो सकता है?

कई बार चिढ़कर या जानबूझकर कोई भी पति अपनी पत्नी को चोट पहुंचाने या मन दुखाने के लिए बेइज्जती करता है तो कई बार आदतवश भी ऐसा कर बैठता है।

बुरी तरह से ट्रीट होना हममें से किसी को भी पसंद नहीं आता फिर घर की लक्ष्मी का तिरस्कार, कई मामलों में उसकी रूचि खत्म कर सकता है। कभी-कभी स्थितियां जब बस के बाहर हो जाती हैं तो पत्‍नी भी मौके और बहाने ढूंढ सकती हैं पति के अपमान के। ऐसे में दोनों के रूचिपूर्ण संबंध खत्म हो सकते हैं। यदि दोनों वर्किंग है तो ईगो क्लेश होकर ब्रेकअप जैसी स्थिति आ जाती है।

क्यों दें सम्मान?

दूसरे को सम्मान देना तो हमारी तहजीब व संस्कृति है इसमें भला शर्म कैसी? पत्‍नी तो अर्ध्दांगिनी है। आपके बराबर की सुख-दुख की साझीदार। उससे अभद्र तरीके से बोलने का अधिकार आपको कदापि नहीं है। पत्‍नी यदि होम मेकर भी है तो भी उसकी अपनी अहमियत है। उसे सम्मान देना आपका फर्ज है। दूसरों को सम्मान देने से स्वयं, आपके संस्कार पता चलते हैं। अक्सर फलों से लदी डाली ही झुकी होती है, इसलिए हमेशा नमना सीखें। वाद-विवाद से नेगेटिव एनर्जी जेनरेट होती है, संबंध बिगड़ते हैं। ऐसे में आप अपने बच्चों के लिए अच्छा उदाहरण कभी नहीं बन पाएंगे। स्वयं की श्रेष्ठता प्रमाणित करने के लिए कभी भी अपशब्दों का सहारा लेने से काम नहीं बनेगा।

बदलनी होंगी कुछ आदतें

  • यदि आप भी आज तक पत्‍नी को कमतर समझते आ रहे हैं तो प्रण कीजिए कि अपनी आदत बदलेंगे।
  • शुरुआत उसके हर काम को एक्नॉलेज करने से करें।
  • शुक्रिया-धन्यवाद कहने से पत्‍नी का मनोबल बढ़ेगा।
  • यदा कदा तारीफ करें तो बड़प्पन आपका ही झलकेगा।
  • पत्‍नी से ऊंची आवाज में बात करना या छोटी-छोटी गलतियों के लिए उसे डांटना बंद कर दीजिए।
  • बच्चों से भी मम्मी से ऊंची आवाज में बात करने को मना करें।
  • पत्‍नी की राय किन्हीं मुद्दों पर आपसे अलग है तो धैर्यपूर्वक उसकी बात सुने, हो सकता है वह सही हो।
  • शुरुआत में हिचक हो सकती है पर घबराए नहीं, ऐसा करने से आप सुदृढ़ दाम्पत्य की ओर ही कदम बढ़ाएंगे।
  • पति-पत्‍नी के रिश्ते की धुरी प्रेम, विश्वास व सम्मान ही है। इनमें से एक भी यदि कम हुआ तो रिश्ता बिगड़ते देर नहीं लगती।

 

नयी तकनीक से पांच मिनट में फुल चार्ज होगी मोबाइल की बैटरी

 चीन की स्मार्टफोन कंपनी ओप्पो ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे मोबाइल फोन की बैटरी केवल पांच मिनट में 100 प्रतिशत चार्ज हो जाएगी।

इस तकनीक का नाम है वीओओसी फ्लैश चार्ज। 5 मिनट चार्ज करने के बाद आपके फोन की बैटरी पूरे 10 घंटे तक काम करेगी।

खास बात यह है कि सुपर वीओओसी फ्लैश चार्ज तकनीक सभी स्मार्टफोन पर काम करेगी। इसका इस्तेमाल माइक्रो यूएसबी और यूएसबी टाइप-सी इनपुट से किया जा सकेगा।

इस तकनीक से 2500 एमएएच बैटरी को 15 मिनट में 100 प्रतिशत चार्ज किया जा सकेगा। सिर्फ पांच मिनट की चार्जिंग के बाद आपको 10 घंटे का टॉक टाइम मिलेगा।

गौरतलब है कि लिथियम आयन बैटरी जल्‍दी डिस्‍चार्ज हो जाती है और चार्ज होने में समय भी ज्‍यादा लेती है। फिलहाल सभी मोबाइल कंपनियां स्मार्टफोन में लिथियम आयन बैटरी का ही इस्तेमाल कर रही हैं।

कई कंपनियों ने क्विक तथा वायरलेस चार्जर तकनीक भी उपलब्‍ध कराई है, जिसमें 15 मिनट में 4-5 घंटे का बैकअप देने लायक बैटरी चार्ज हो जाती है। हालांकि इतने समय में बैटरी फुल चार्ज नहीं होती है।

 

भारत की जीत के जश्न में डूबे बिग बी

बिग बी  अमिताभ बच्चन शनिवार को कोलकाता में हुए भारत-पाक टी-20 क्रिकेट मैच में मौजूद थे। मैच में भारत की जीत के बाद बिग बी भी पूरी तरह से देशभक्ति के भाव में डूब गए थे। जश्न के समय उनके साथ मास्टर ब्लास्टर भी थे और उन्होंने भी टीम इंडिया को चियर किया।

इस बात का खुलासा खुद अमिताभ बच्चन ने ब्लॉग पर किया। अमिताभ ने लिखा ‘पिछले कुछ दिनों में वर्ल्ड कप टी-20 टूर्नामेंट ने हमारे दिन और रात को सजाकर रख दिया है। ईडन गार्डन्स पर चिर-परिचित प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के साथ मैच के दौरान प्रशंसकों का उत्साह ऐतिहासिक था। यहां देशभक्ति की भावना एक अलग ही स्तर पर नजर आई। मानो उन पलों में किसी के लिए दुनिया के कोई मायने नहीं रह गए थे।’

मैच से पहले राष्ट्रगान गाने के मसले पर अमिताभ बच्चन ने कहा ‘मैं इस अवसर को पाकर सम्मानित महसूस कर रहा था। अपने आनंद और देशभक्ति की भावना को राष्ट्रध्वज फहराकर अभिव्यक्त करने का अवसर मिलना बड़ी बात है। इसका कोई अंत नहीं है।’

 

पहली बार रितेश को जेनेलिया ने किया था नजरअंदाज

मुंबई. रितेश देशमुख और जेनेलिया डिसूजा की पहली मुलाकात हैदराबाद में फिल्म ‘तुझे मेरी कसम’ के टेस्ट शूट के दौरान हुई थी। दोनों एक-दूसरे के को-स्टार थे। जेनेलिया जब पहली बार रितेश से एयरपोर्ट पर मिलीं तो उन्हें इग्नोर करती रहीं। वे अपनी मां के साथ थीं।  रितेश के पिता उस समय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। इसलिए जेनेलिया को लगा कि रितेश भी नेता ही होंगे, लेकिन जब वे उनसे मिलीं और उन्होंने अपने परिवार वालों के प्रति उनके दिल में सम्मान देखा तो वे बहुत प्रभावित हुईं।  शूटिंग के बाद रितेश ने कई दिनों तक जेनेलिया को मिस किया। फिर दोनों की फोन पर बातें होने लगीं। दोनों देर रात को कॉफी हाउस में मिलते और घंटों बतियाते। धीरे-धीरे ये दोस्ती प्यार में बदल गई। दोनों करीब दस साल तक एक-दूसरे को डेट करते रहे। ये बात आज तक किसी को याद नहीं कि किसने किसे पहले प्रपोज किया। 2012 में दोनों ने शादी कर ली। रितेश कहते हैं कि उन्हें जेनेलिया की मजबूत याददाश्त सबसे बेकार लगती है। उन्हें हर बात याद रहती है। कब उन्होंने क्या कहा था। जबकि जेनेलिया को रितेश की सबसे खराब आदत लगती है उनका हर समय बिजी रहना। वे कहती हैं कि रितेश खुद को हर समय बिजी दिखाने की कोशिश करते हैं।नवंबर 2014 में जेनेलिया ने बेटे रियान को जन्म दिया। अब वे दूसरे बच्चे की मां बनने वाली हैं।

 

ईडेन में रचा गया विराट इतिहास, भारत जीता

कोलकाता.यहां ईडन गार्डन्स पर हाईवोल्टेज मैच में भारत ने पाकिस्तान को एक बार फिर हरा दिया। विराट कोहली का जादू ऐसा चला कि पाकिस्तान मैच में वापसी तक नहीं कर पाया। विराट हीरो बन गए। शोएब अख्तर ने कहा- अब तो कहना पड़ेगा कि विराट कोहली जैसा बैट्समैन मैंने आज तक नहीं देखा। आफरीदी ने हार के बाद कहा कि अगर उनकी टीम ने 30 रन ज्यादा बनाए होते तो नतीजा शायद कुछ और होता। वहीं, पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इमरान खान ने बिना नाम लिए आफरीदी को धोनी से सीखने की नसीहत दी है। विराट जैसा फिनिशर नहीं देखा………

– एक टीवी चैनल से बातचीत में शोएब ने कहा, “कई बैट्समैन की बात होती है। लेकिन मैं आज सिर्फ विराट की बात करूंगा। मैं बहुत बड़ा स्टेटमेंट दे रहा हूं लेकिन सच्चाई तो बतानी पड़ेगी। और सच्चाई ये है कि मैंने अपने 20-22 साल के कॅरियर में विराट जैसा बैट्समैन और उसके जैसा फिनिशर नहीं देखा।”

इमरान ने उठाए आफरीदी की कप्तानी पर सवाल

 पाकिस्तान को वर्ल्ड कप जिता चुके पूर्व कप्तान इमरान खान आफरीदी से खासे खफा नजर आए।

– इमरान ने आफरीदी की नाम तो नहीं लिया लेकिन कहा, “भारत के तीन विकेट जल्दी गिर जाने के बाद उन पर प्रेशर बनाना चाहिए था। यहां कप्तान का रोल था लेकिन कहना पड़ेगा कि ऐसा किया नहीं गया। वो भी तब जबकि हमारी टीम में सीनियर प्लेयर भी राय देने के लिए मौजूद थे। धोनी से सीखने की जरूरत है।”

खुद विराट ने क्या कहा?

मैन ऑफ द मैच से नवाजे गए विराट ने मैच के बाद कहा, “विकेट काफी चैलेंजिंग था। और एक क्रिकेटर के नाते आपको ऐसे ही विकेट्स चाहिए। पिछले मैच में जल्दी आउट हो गया था। इसके बाद मैं काफी मायूस हुआ था। पाकिस्तान के खिलाफ ढाका में 49 रन की पारी ने मुझे बहुत ताकत दी थी। बहुत अच्छा लगता है जब आप एक शानदार बॉलिंग साइड के खिलाफ न सिर्फ रन बनाते हैं बल्कि अपनी टीम को खराब हालात से निकालकर मैच जिता देते हैं। युवी ने कुछ देर हालात को समझा और इसके बाद वो अपने अंदाज में नजर आए। ये उनके लिए बहुत अच्छा रहा।”

आफरीदी को मलाल कि 30 रन कम बनाए

हार के बाद शाहिद आफरीदी बोले- धोनी और टीम इंडिया को बधाई। मुझे ऐसी पिच की उम्मीद नहीं थी। हमने 30 रन कम बनाए और बॉलिंग भी अच्छी नहीं की। मैं खुद भी अच्छी बॉलिंग नहीं कर पाया। विराट ने बेहतरीन बैटिंग की।

धोनी ने क्या कहा?

“विकेट पर इतने टर्न की उम्मीद नहीं थी। हमने अच्छा खेला लेकिन इम्प्रूवमेंट की बहुत गुंजाइश है। नॉकआउट में पहुंचने के बाद दूसरा मौका नहीं मिलेगा। अगर मैच के पहले पता होता कि पिच पर इतना टर्न होगा तो मैं एक और स्पिनर खिलाता।”

मैच से पहले दोनों देशों के लिजेन्ड्स का सम्मान

– मैच से पहले सीएम ममता बनर्जी ने दोनों देशों के लिजेन्ड्स को सम्मानित किया। इनमें सुनील गावसकर, इमरान खान, सचिन तेंडुलकर, वसीम अकरम, वीरेंद्र सहवाग और वकार यूनिस शामिल हैं।

– अमिताभ बच्चन भी बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन की तरफ से नवाजे गए। सौरव गांगुली भी मौजूद थे।

– सचिन, अंजली, अमिताभ, अभिषेक बच्चन, मुकेश और नीता अंबानी तिरंगा लहराते नजर आए। मोदी ने भी टीम को बधाई दी।

स्पीच में क्या बोले तेंडुलकर-अमिताभ?

– सम्मान समारोह के दौरान जब-जब भारतीय खिलाड़ियों का नाम लिया गया, पूरा स्टेडियम जोश से भर उठा।
– सबसे ज्यादा चीयर-अप सचिन के नाम पर हुआ। काफी देर तक पूरा स्टेडियम ‘सचिन…सचिन…’ के नारों से गूंजता रहा।
– लगा जैसे एक बार फिर सचिन मैदान पर कोई ऐतिहासिक पारी खेल रहे हों।

– मैच खत्म होते ही नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “Congratulations Team India for the amazing victory.”

– मैच देखने कोलकाता पहुंचे अमिताभ बच्चन सचिन तेंडुलकर की फैमिली के साथ बैठे थे।

– जैसे ही इंडिया जीती सचिन और अमिताभ तिरंगा लहराते नजर आए। इस दौरान अमिताभ का उत्साह देखते ही बनता था।

स्पीच में क्या बोले तेंदुलकर?
– दर्शकों के रिएक्शन से गदगद नजर आ रहे सचिन ने बंगाली में अपनी स्पीच देने की कोशिश की और बोले, “कमोन आचो भालो आचि”।
– “यहां का माहौल बहुत शानदार है। मैं यहां आने के लिए हमेशा उत्साहित रहता हूं। पाकिस्तान के दिग्गजों को देखकर बहुत अच्छा लग रहा है।”
– “हम सभी उनका स्वागत करते हैं। क्रिकेट का मजा लीजिए।”

अमिताभ बोले- मैं आपका जमाई बाबू…
सम्मानित किए जाने पर अमिताभ ने कहा, ”मैं आपका जमाई बाबू हूं। मेरा नमस्कार स्वीकार करें। मुझे यहां इनवाइट करने के लिए सौरव और सीएबी का शुक्रिया जिन्होंने मुझे इस

ऐतिहासिक ग्राउंड पर इस ऐतिहासिक मैच का गवाह बनाया। मैं मैच के लिए दोनों टीमों को बेस्ट ऑफ लक कहता हूं। उम्मीद है बेहतर टीम जीतेगी। मैं ममता दी का भी शुक्रिया अदा करता हूं जिन्होंने हमें दोनों देशों के बीच शांति का सिंबल बनाया।”

इमरान ने कोलकाता को कहा- थैंक्य यू!
– इमरान ने कहा, ”पाकिस्तान टीम की तरफ से मैं कोलकाता के लोगों का इस शानदार स्वागत के लिए शुक्रिया अदा करता हूं। उम्मीद करता हूं आज भी वही रिजल्ट होगा जो 1991 में जब मैं आखिरी बार इस ग्राउंड पर खेला था।”

 ऐसी पिच पर टारगेट का पीछा आसान नहीं

– इस पिच पर 6 रन प्रति ओवर का टारगेट भी आसान नहीं होता। – @bhogleharsha
– ईडन गार्डन्स के इस पिच पर 40 रन का स्कोर किसी भी दूसरे विकेट पर 100 रन बनाने के बराबर है। – Mohammad Kaif ‎@KaifSays
– पाकिस्तान ने एक पेस बॉलर के बदले एक स्पिनर को ड्रॉप किया। ऐसी पिच के बावजूद यह फैसला तो मजाक हो गया। – @iramizraja
– डियर पिच क्यूरेटर्स। पिच पर थोड़ी सी घास छोड़ देने के मायने ये नहीं हैं कि वह सीम कराने लायक हो जाए। यह स्पिन फ्रेंडली जरूर रहेगा। – @sanjaymanjrekar

– #ROCKSTAR Pandya ने क्या जबर्दस्त कैच लिया। – @JontyRhodes8

– 26 रन बनाकर आउट हुए शोएब मलिक ने कहा कि टीम के लिए कुछ रन बनाना बेहद मुश्किल है। इस पिच पर बैटिंग आसान नहीं है। मैंने सोचा था कि अगर हम 120 रन बना लेंगे तो टीम इंडिया के लिए काफी मुश्किल होगा।

बॉलीवुड पर भी छाया क्रिकेट का खुमार

– अमिताभ बच्चन और पाकिस्तानी गायक शफाकत अमानत अली ने मैच से पहले अपने-अपने देश की एंथम गाई।
– कोलकाता के लिए रवाना होने से पहले अभिषेक ने पिता के साथ एक फोटो शेयर करते हुए लिखा “Bachchan boyz in da house!!! Let’s do this India!!”
– प्रियंका चोपड़ा ने इंस्टाग्राम पर टीम इंडिया का सपोर्ट करती एक फोटो शेयर करते हुए लिखा ”I’ll always #bleedblue can’t wait!! Indiaaaaaaa india! Go team !”
– बिपाश बसु ने भी टीम इंडिया के सपोर्ट में अपनी सेल्फी अपलोड की। उन्होंने बाकी लोगों को भी ऐसा करने के लिए कहा।

टी20 वर्ल्ड कप में भारत-पाकिस्तान

– टी20 वर्ल्ड कप में भारत और पाकिस्तान के बीच 5 मैच हुए हैं। सभी में टीम इंडिया की जीत हुई है।

– 50 ओवर के वर्ल्ड कप को मिला दें तो अब टीम इंडिया पाक के खिलाफ सभी 11 मुकाबले जीत चुकी है।

कब कहां कितना रहा इंडिया की जीत का अंतर

14 सितंबर, 2007 डरबन बॉल आउट से मिली जीत

24 सितंबर, 2007 जोहानिसबर्ग 5 रन

30 सितंबर, 2012 कोलंबो 8 विकेट

21 मार्च, 2014 ढाका 7 विकेट

19 मार्च, 2016 कोलकाता भारत 6 विकेट से जीता।

ये तो जैसे आदत हो गई…
– WC में फिर हारा पाक, भारत का स्कोर अब 11-0
– विकेट गिरे, कोहली टिके
– आखिर में आए धोनी, मारा छक्का, मिली जीत
– आफरीदी फिर फेल

ऐसा जो अक्सर नहीं होता…

– एक मैदान पर नजर आए गावस्कर, सचिन, गांगुली, इमरान खान, वसीम अकरम, वकार यूनुस और अमिताभ बच्चन।
– टीम जीती तो अमिताभ, सचिन, अंजली, मुकेश और नीता अंबानी तिरंगा लहराते दिखे।

और इत्तेफाक

– 2007 T20 WC में इंडिया पहले न्यूजीलैंड से हारा, फिर पाक से जीता, बाद में बना चैम्पियन।
– क्या इस बार भी इसी राह पर है धोनी ब्रिगेड?