कोलकाता । प्रसिद्ध हिंदी/उर्दू नाट्य संस्था लिटिल थेस्पियन द्वारा आयोजित दूसरा नाटक प्रतियोगिता इस वर्ष राष्ट्रीय बन गई। 2 दिवसीय नाटक प्रतियोगिता 4 और 5 फरवरी 2025 को जोगेश माइम अकादमी में आयोजित की गई थी। लिटिल थेस्पियन की संस्थापक और प्रसिद्ध थिएटर निर्देशक/अभिनेता उमा झुनझुनवाला ने युवाओं में हिंदी/उर्दू थिएटर संस्कृति को विकसित करने, नई प्रतिभाओं को बढ़ावा देने और उन्हें मंच प्रदान करने के लिए इस प्रतियोगिता की शुरुआत की।
इस नाटक प्रतियोगिता में सात टीमों ने भाग लिया। पहला नाटक महमूद, एमेच्योर थियेटर ग्रुप, गोरखपुर द्वारा मंचित किया गया। यह नाटक शैलेश मटियानी की कहानी पर आधारित था और इसका नाट्य रूपांतरण और निर्देशन आसिफ जहीर ने किया। इस नाटक का सार पशु प्रेम और आज के समय में मनुष्य में व्याप्त संवेदनहीनता था। हमारा प्रयास ग्रुप, रिशरा ने विनोद रस्तोगी द्वारा लिखित और डॉ. रमाशंकर सिंह द्वारा निर्देशित नाटक बहू की विदा प्रस्तुत किया। इस नाटक में दहेज की सदियों पुरानी समस्या को दर्शाया गया। नाटक प्रतियोगिता के पहले दिन का तीसरा और अंतिम नाटक था भोलाराम जिसे बालारको निमता, कोलकाता द्वारा पेश किया गया। हरशंकर परसाई की कहानी पर आधारित यह व्यंग्य समाज और नौकरशाही की आलोचना करता है और यह भी दर्शाता है कि कैसे धर्म और संस्कृति को उत्पीड़क वर्ग द्वारा हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह भोलाराम की दुर्दशा को दर्शाता है, एक ऐसे व्यक्ति जिसकी आत्मा को यमलोक ले जाया जाना है, लेकिन वह स्वर्गदूतों के चंगुल से बच निकलता है। भोलाराम नाटक का नाट्य रूपांतरण और निर्देशन बसंत पाथराडकर ने किया था। नाटक प्रतियोगिता के दूसरे दिन अपेक्खिक और शोर थिएटर, कोलकाता ने अपना नाटक ज्येष्ठ कौन्तेय मंचित किया। यह नाटक महाभारत (वेद व्यास), रश्मिरथी (रामधारी सिंह दिनकर) और महारथी (विभांशु वैभव) का रूपांतरण था। इस नाटक का निर्देशन अविक रॉय ने किया था और इसमें कर्ण के जीवन से एक प्रसंग को दिखाया गया था। विद्यासागर कॉलेज फॉर विमेन, कोलकाता के स्वांग ड्रामा क्लब ने मोहम्मद आसिफ आलम द्वारा लिखित और निर्देशित नाटक तीसरी ताली का मंचन किया। नाटक में ट्रांसजेंडर के जीवन को दर्शाया गया। भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज के ड्रामा ग्रुप इनेक्ट ने अपना नाटक पानी नहीं आ रहा! का मंचन किया, जिसे भास्वर पॉल ने लिखा और युवराज सुराना ने निर्देशित किया। नाटक में आम आदमी के संघर्ष और राजनेताओं द्वारा उन्हें कैसे बेवकूफ बनाया जाता है, को दर्शाया गया। नाटक प्रतियोगिता का समापन कोलकाता के एस.एम. राशिद थिएटर ग्रुप, कोलकाता द्वारा नाटक निर्देशक, के मंचन से हुआ। नाटक पी. जानी द्वारा लिखा गया था और संजीव रे द्वारा निर्देशित किया गया था। इस नाटक में एक थिएटर निर्देशक के जीवन को दर्शाया गया था।निर्णायक मंडल में थे स्वाति रॉय (निर्देशक, ओइहिक), दिनेश वडेरा (निर्देशक, मुद्रा आर्ट्स) और लिटिल थेस्पियन के वरिष्ठ सदस्य मोहम्मद आफताब आलाम। इनके द्वारा तीन सर्वश्रेष्ठ नाटकों का चयन किया गया । चयनित टीमें लिटिल थेस्पियन के 14वें राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव जश्न-ए-अजहर में अपने नाटकों का मंचन करेंगी, जो 28 फरवरी 2025 से 5 मार्च 2025 तक ज्ञान मंच में आयोजित किया जाएगा।
लिटिल थेस्पियन की दूसरी राष्ट्रीय नाटक प्रतियोगिता
कवि आशुतोष की स्मृति को संरक्षित करती तीन पुस्तकों का लोकार्पण
कोलकाता । सियालदह स्थित ऑफिसर्स क्लब के ‘मंथन’ सभागार में कवि आशुतोष की दो कविता संग्रह ‘तुम्हारे होने से सुबह होती है’ और ‘प्रतीक्षा’ एवं उन पर रचित संस्मरण पुस्तक ‘आशुतोष : असमय काल कवलित योद्धा’ का लोकार्पण कोलकाता के वरिष्ठ साहित्यकार शंभुनाथ, आलोचक डॉ. अमरनाथ, कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज की प्रधानाध्यापिका डॉ. सत्या उपाध्याय, चित्रकार शेखर, तिलकामाँझी भागलपुर विश्वविद्यालय से प्रोफेसर योगेंद्र और आशुतोष जी के पुत्र केतन कबीर सिंह ने किया। कविता संग्रह ‘तुम्हारे होने से सुबह होती है’ और संस्मरण पुस्तक ‘ आशुतोष: असमय काल कवलित योद्धा’ सेतु प्रकाशन से और ‘प्रतीक्षा’ कविता संग्रह देशज प्रकाशन, राँची से आई है। कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्ज्वलन और डॉ. आशुतोष जी को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए किया गया। इसके पश्चात् आशुतोष जी की स्मृतियों को याद करते हुए उनकी ही वाणी में ही बनाई गई एक वीडियो भी दिखाया गया। डॉ. आशुतोष जी की कविताओं का पाठ स्मिता गोयल जी ने किया और हावड़ा नवज्योति के बच्चों ने आशुतोष जी की कविताओं का सुंदर कोलाज प्रस्तुत किया। आशुतोष जी की इन तीनों पुस्तकों के संबंध में वरिष्ठ साहित्यकार शंभुनाथ जी ने अपने विचार रखते हुए स्पष्ट कहा कि ‘आशुतोष जी अपने अंदर कई संवेदनाओं का ज्वाला अपने अंतर्तम में झेलते रहे। वे उन्हीं संवेदनाओं को जीते रहें जो उनकी कविताओं में प्रकट हुई है। यही बातें और कविताएँ उन्हें हमारे बीच जीवित रखे हुए है।
डॉ.अमरनाथ शर्मा ने प्रोफेसर योगेंद्र जी की मित्रता एवं उनके प्रयासों में सभी मित्रों के सहयोग की सराहना की। आशुतोष जी सहजता से ही गंभीर बातें कह देते थे। उन्होंने पढ़ने को महत्त्वपूर्ण माना न कि छपने को। डॉ. सत्या उपाध्याय ने आशुतोष जी की कविताओं की प्रेरणा और संस्मरण को साझा करते हुए कहा कि यह किताबें उनके हमारे साथ होने का प्रमाण है। 24 वर्षों तक एक साथ एक ही कॉलेज में पढ़ाने के साथ हमने एक स्वस्थ साहित्यिक जीवन जिया। उनके अभिभावक थी उनकी कविताएँ। आशुतोष जी सच में असमय काल कवलित योद्धा हैं। इसके बाद मृत्युंजय सिंह ने आशुतोष जी के साथ अपनी स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि आशुतोष जी की उपस्थिति इस किताब का परिचायक है।
उनकी चिंतन मानवतावादी चेतना से भरी हुई थी। उनसे सारे वैचारिक मान्यताओं से ऊपर जोड़ती है। चित्रकार शेखर जी, जो आशुतोष जी के छोटे भाई हैं, उन्होंने ‘प्रतीक्षा’ कविता संग्रह का कवर बनाया है। उन्होंने उसमें उकेरे अपने विचारों को कविता से जोड़ते हुए बताया कि आशुतोष जी की कविताओं में उपजी छटपटाहट और समाज को बदलने की ललक को ही कवर में प्रस्तुत किया है। ‘तुम्हारे होने से सुबह होती है’ कविता संग्रह की भूमिका लेखक डॉ. रीता चौधरी ने भूमिका लेखन के दौरान आशुतोष जी की कविताओं से गुज़रते हुए अपने अनुभव को साझा किया। लेखक डॉ. मृत्युंजय पांडेय ने उनकी कविताओं पर केंद्रित अपने वक्तव्य को रखते हुए उन्हें एक संवेदनशील कवि के रूप में चिन्हित किया। प्रियंकर पालीवाल जी ने उनके प्रति अपनी मैत्री और उनके साथ अपने प्रेम-भाव को व्यक्त करते हुए उनके चले जाने से आए खालीपन को साहित्य से भर पाने की राह अपनाने की बात साझा की। प्रोफेसर योगेंद्र जी ने ‘आशुतोष: काव्य संवेदना एवं उनके विचार’ विषय पर अपने विचार साझा किया। उन्होंने कहा कि आशुतोष जी की कविताएँ रहस्यात्मक नहीं हैं। उनकी कविता गंगा के पानी की तरह अविरल बहती हैं। धन्यवाद ज्ञापन देते हुए राज्यवर्धन ने किया। इस कार्यक्रम के आयोजन में यतीश कुमार और उनकी पत्नी स्मिता गोयल ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस कार्यक्रम में कोलकाता के कई शिक्षक, प्राध्यापक और विद्यार्थियों ने भाग लिया। कोलकाता के हिंदी साहित्य जगत से डॉ. शुभ्रा उपाध्याय, डॉ. गीता दूबे, डॉ. इतु सिंह, डॉ. कमल कुमार, जालान पुस्तकालय के पुस्तकाध्यक्ष श्रीमोहन तिवारी, शिक्षक पीयूषकांत राय, डॉ. विनय मिश्र, आदित्य गिरी, डॉ. संजय जायसवाल, पूजा गुप्ता, दीक्षा गुप्ता उपस्थित हुए। इनके अलावा भागलपुर से कई विद्यार्थियों और शिक्षकों ने आकर कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज की।
वित्त मंत्रालय ने कर्मियों को चैटजीपीटी और डीपसीक इस्तेमाल न करने को कहा
नयी दिल्ली । वित्त मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों से कहा कि वे आधिकारिक काम के लिए चैटजीपीटी और डीपसीक जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल का इस्तेमाल न करें। हाल ही में जारी की गई एडवाइजरी में चेतावनी दी गई है कि ये टूल गोपनीय सरकारी डेटा और दस्तावेजों के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं।
वित्त मंत्रालय की एडवाइजरी के अनुसार, “यह निर्धारित किया गया है कि ऑफिस के कंप्यूटर और डिवाइस में एआई टूल और एआई ऐप (जैसे चैटजीपीटी और डीपसीक आदि) (सरकारी) डेटा और दस्तावेजों की गोपनीयता के लिए जोखिम पैदा करते हैं।” इससे पहले आईटी मंत्रालय ने कहा था कि डीपसीक जैसे एआई टूल्स से संबंधित गोपनीयता संबंधी चिंताओं को भारतीय सर्वरों पर ओपन-सोर्स मॉडल की मेजबानी करके प्रबंधित किया जा सकता है।
डीपसीक, एक चीनी एआई ऐप है, जो दुनिया भर में स्क्रूटनी का सामना कर रहा है। डच अधिकारियों ने हाल ही में इसकी गोपनीयता नीतियों की जांच शुरू की, जिसमें सवाल उठाया गया कि ऐप यूजर्स के पर्सनल डेटा को कैसे संभालता है। अन्य देश भी डीपसीक पर इसी तरह की जांच कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले महीने कहा था कि देश छह महीने के भीतर किफायती कीमत पर अपना सुरक्षित और सुरक्षित स्वदेशी एआई मॉडल लॉन्च कर सकता है।
भारतीय एआई मॉडल आने वाले दिनों में देश को एआई समाधानों के अधिक विश्वसनीय तकनीकी पावरहाउस के रूप में उभरने में मदद करेगा। उच्च-स्तरीय सामान्य कंप्यूटिंग सुविधा द्वारा समर्थित, इंडियाएआई मिशन अब भारतीय भाषाओं का उपयोग करके घरेलू संदर्भ के लिए स्वदेशी एआई समाधानों को अनुकूलित करने के करीब है।ओपनएआई के सह-संस्थापक और सीईओ सैम ऑल्टमैन ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा कि भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का एक अहम मार्केट है और कंपनी के लिए वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। ऑल्टमैन के मुताबिक, “भारत एआई के लिए काफी अहम बाजार है और हमारा दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। मॉडल अभी भी सस्ते नहीं हैं। भारत को इस क्षेत्र लीडर होना चाहिए।”
बजट में मध्यम वर्ग को राहत, 12 लाख रुपये तक की आय पर नहीं लगेगा टैक्स
नयी दिल्ली। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में आम बजट 2025-26 पेश किया। बजट के मुख्य बिन्दु इस प्रकार हैं:-
- उधारियों के अलावा कुल प्राप्तियां 34.96 लाख करोड़ रुपये
- कुल व्यय क्रमश 50.65 लाख करोड़ रुपयेट
- निवल कर प्राप्तियां 28.37 लाख करोड़ रुपये
- राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान
- सकल बाजार उधारियां 14.82 लाख करोड़ रहने का अनुमान
- वित्त वर्ष 2025-26 में कैपेक्स व्यय 11.21 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी का 3.1 प्रतिशत) का अनुमान
- प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना
- विकासशील कृषि जिला कार्यक्रम
- दलहन आत्मनिर्भरता मिशन
- बिहार में मखाना बोर्ड
- राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन
- कपास उत्पादकता मिशन
- नामरूप असम में 12.7 लाख टन की वार्षिक उत्पादन क्षमता वाला एक संयंत्र स्थापित होगा
- एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए निवेश और कारोबार की सीमा बढ़ाकर क्रमशः 2.5 और दो गुना
- 10,000 करोड़ रुपए के नए अंशदान के साथ निधियों के नए कोष की स्थापना
- पांच लाख महिलाओं अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के पहली बार के उद्यमियों के लिए दो करोड़ रुपए तक का सावधि ऋण
- फुटवियर और लेदर क्षेत्रों के लिए फोकस उत्पाद योजना
- भारत को ‘वैश्विक खिलौना केंद्र’ बनाने की योजना
- बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमशीलता और प्रबंधन संस्थान स्थापना
- राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की स्थापना
- सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण
- सरकारी स्कूलों में 50000 अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं स्थापित
- सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) के लिए ब्रॉडबैण्ड कनेक्टिविटी
- भारतीय भाषा पुस्तक योजना की घोषणा
- राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्र
- पांच राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्र स्थापित
- पांच आईआईटी में अतिरिक्त अवसंरचना का सृजन
- 500 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय से कृत्रिम बुद्धिमत्ता संबंधी एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित
- मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 75000 और सीटें बढ़ाने कार्यक्रम
- सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर केंद्र
- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कामगारों के कल्याण के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना
- अवसंरचना के लिए राज्यों को सहायता
- राज्यों को 50 वर्ष के ब्याजमुक्त ऋण के लिए डेढ लाख करोड़ रुपए के आवंटन का प्रस्ताव
- परिसंपत्ति मौद्रीकरण योजना 2025-30
- 10 लाख करोड़ रुपए की पूंजी हेतु 2025-30 के लिए दूसरी योजना
- जल जीवन मिशन 2028 तक बढ़ाया गया
- एक लाख करोड़ रुपए के शहरी चुनौती कोष की घोषणा
- विकसित भारत के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन
- परमाणु ऊर्जा अधिनियम और नागरिक दायित्व परमाणु क्षति अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव
- 20 हजार करोड़ रुपए के आवंटन के साथ लघु मॉड्यूलर रियक्टर्स (एसएमआर) के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन
- वर्ष 2033 तक पांच स्वदेश विकसित एसएमआर संचालित करने का प्रस्ताव
- पोत निर्माण वित्तीय सहायता नीति को नया रूप दिया जाएगा
- 25 हजार करोड़ रुपए के आवंटन के साथ समुद्री विकास कोष की स्थापना
- अगले 10 वर्ष में 120 नए हवाई अडडे के लिए संशोधित उड़ान योजना की घोषणा
- बिहार में ग्रीन पटना एयरपोर्ट और बिहटा में ब्राउनफील्ड हवाई अडडा का विस्तार
- मिथिलांचल में पश्चिमी कोशी नहर परियोजना
- टेलिंग से महत्वपूर्ण खनिजों की रिकवरी के लिए नीति बनाई जाएगी
- आवासीय इकाईयों को पूरा करने के लिए 15 हजार करोड़ रुपए का कोष बनाने की घोषणा
- देश में 50 शीर्ष पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाएगा
- अनुसंधान, विकास और नवाचार पहल को लागू करने के लिए 20 हजार करोड़ रुपए आवंटित
- फसल जर्मप्लाज्म के लिए जीन बैंक
- नेशनल जियो स्पेटियल मिशन की घोषणा
- ज्ञान भारतम मिशन बनाने का प्रस्ताव, एक करोड़ से अधिक पांडुलिपियां शामिल
- निर्यात संवर्द्धन मिशन स्थापित करने का प्रस्ताव
- जीसीसी के लिए राष्ट्रीय रूपरेखा
- बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 74 से बढ़ाकर 100 प्रतिशत
- ग्रामीण क्रेडिट स्कोर फ्रेमवर्क विकसित करेंगे
- वर्ष 2025 में राज्यों का निवेश अनुकूल सूचकांक शुरू होगा
- जन विश्वास विधेयक में 100 से अधिक प्रावधानों को गैर आपराधिक बनाने के लिए प्रस्ताव
- नई कर व्यवस्था के अन्तर्गत 12 लाख रुपए तक की आय पर कोई आयकर देय नहीं
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर कटौती की सीमा 50,000 रुपये से दो गुनी बढ़ाकर एक लाख रुपये
- किराये पर टीडीएस के लिए वार्षिक सीमा 2.40 लाख रुपये से बढ़ाकर छह लाख रुपये
- टीसीएस की सीमा को सात लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये
- टीसीएस के भुगतान में विलंब को गैर-आपराधिक घोषित करने का प्रावधान
- छोटे धर्मार्थ न्यासों और संस्थाओं की पंजीकृत अवधि को बढ़ाकर पांच वर्ष से 10 वर्ष
- आर्म्स लेन्थ मूल्य निर्धारण की एक योजना की शुरुआत
- अन्तर्देशीय जहाजों के लिए टन भार योजना
- सात टैरिफ दरों को हटाने का प्रस्ताव
- उपकर के अधीन 82 टैरिफ लाइनों पर समाज कल्याण अधिभार
- 36 जीवन रक्षक औषधियों और दवाओं को बुनियादी सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट
- छह जीवन रक्षक दवाएं पांच प्रतिशत के रियायती सीमा-शुल्क दवाओं में शामिल
- विशिष्ट औषधियां और दवाएं बुनियादी सीमा शुल्क से पूरी तरह मुक्त
- 13 नए रोगी सहायता कार्यक्रमों के साथ ही 37 अन्य दवाओं को इसमें शामिल करने का प्रस्ताव
- कोबाल्ट पाउडर और लिथियम आयन बैट्री के अवशिष्ट, लेड, जिंक और 12 अन्य महत्वपूर्ण खनिजों पर बुनियादी सीमा शुल्क में छूट
- शटल-रहित करघों वाली टेक्सटाइल मशीनरी सीमा शुल्क से मुक्त
- इन्टेरेक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर बुनियादी सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत
- ओपेन सेल्स और अन्य घटकों पर बुनियादी सीमा शुल्क घटाकर पांच प्रतिशत करने का प्रस्ताव
- ओपेन सेल्स के अन्य घटकों पर बुनियादी सीमा शुल्क में छूट
- पोत निर्माण में कच्चे माल, घटकों, उपभोज्यों अथवा पुर्जों पर अगले दस वर्षों तक बुनियादी सीमा शुल्क में छूट
- हस्तशिल्प की निर्यात अवधि छह महीने से बढ़ाकर एक वर्ष
- वेट ब्लू लेदर पर बुनियादी सीमा शुल्क में पूर्ण छूट
- क्रश लेदर को 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क से छूट
- फ्रोजन फिश पेस्ट (सुरीमी) और ऐसे ही उत्पादों के निर्यात पर बुनियादी सीमा शुल्क 30 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत
- फिश हाइड्रोलीसेट पर बुनियादी सीमा शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत।
अंतरिक्ष में इसरो की सेंचुरी, ये हैं संस्थान की यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव
नयी दिल्ली । भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने बुधवार सुबह आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपण यान जीएसएलवी-एफ15 के जरिए अपना 100वां मिशन, एनवीएस-02 नेविगेशन सैटेलाइट लॉन्च किया है। अपनी इस कामयाबी को लेकर इसरो ने कहा कि भारत अंतरिक्ष नेविगेशन में नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया। जीएसएलवी-एफ15 रॉकेट ने सुबह 6:23 बजे उड़ान भरी, जिसमें एनवीएस-02 नेविगेशन सैटेलाइट अंतरिक्ष में पहुंचाया गया। यह लॉन्च इसरो की एक बड़ी उपलब्धि है, जो देश की अंतरिक्ष अनुसंधान क्षमताओं को दर्शाती है। इस मौके पर इसरो की अंतरिक्ष यात्रा के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक पड़ाव की बात करना भी अहम होगा। जी हां, अंतरिक्ष में इसरो ने आज सेंचुरी जरूर लगाई है लेकिन शुरुआत से लेकर अब तक इसरो की अंतरिक्ष यात्रा के कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक पड़ाव रहे हैं जिनके बारे में यहां बताया गया है।
ये हैं इसरो के अंतरिक्ष यात्रा के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक पड़ाव :
-1962 में अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए आर के रामनाथन भारतीय राष्ट्रीय समिति का गठन किया गया।
– भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई के मार्गदर्शन में शुरुआत हुई।
– 1963 में ऊपरी वायुमंडलीय क्षेत्र में दबाव को समझने के उद्देश्य से पहला रॉकेट लॉन्च किया।
– 1975 में भारत में पूरी तरह से डिजाइन किया गया पहला भारतीय उपग्रह आर्यभट्ट रूस से लॉन्च किया गया।
– 1977 में दूरसंचार के लिए पहला उपग्रह बनाया गया।
– 1979 में पहला रिमोट सेंसिंग उपग्रह भास्कर-1 लॉन्च किया गया।
– 1980 में भारत का पहला सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल बनाया गया।
– 1988 में पहला भारतीय रिमोट सेंसिंग (आईआरएस) उपग्रह आईआरएस-1ए के साथ प्रक्षेपित किया गया।
– 2008 में भारत का पहला मानवरहित चंद्र मिशन चंद्रयान-1 सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया
– 2009 में सभी मौसमों में काम करने की क्षमता वाला रडार इमेजिंग सैटेलाइट RISAT-2 लॉन्च किया गया।
– 2013 में मंगल ऑर्बिट मिशन प्रक्षेपित किया, जिसका नाम मंगलयान रखा गया।
– 2017 में इसरो ने एक लॉन्चर से 104 उपग्रह प्रक्षेपित करने का रिकॉर्ड बनाया।
– 2019 में चंद्रयान-2 लॉन्च चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाले पहले अंतरिक्ष मिशन के रूप में लॉन्च
– 2023 में इसरो ने चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के साथ एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की।
– 2024 में इसरो ने SPADEX यानी स्पेस डॉकिग एक्सपेरिमेंट मिशन लॉन्च किया।
– जनवरी 2024 में इसरो ने अपना स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (SPADEX) सफलतापूर्वक पूरा किया।
– भारत सैटेलाइट डॉकिंग हासिल करने वाला चौथा देश बना।
आर्थिक सर्वेक्षण 2025: वित्त वर्ष 26 में 6.3- 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है अर्थव्यवस्था
नयी दिल्ली । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया गया। सर्वेक्षण में बताया गया कि वित्त वर्ष 2025-26 में वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत की जीडीपी 6.3-6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। सर्वेक्षण में बताया गया कि युद्ध और तनाव के कारण भू-राजनीतिक जोखिम बने हुए हैं, जिससे वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को खतरा बना हुआ है।”
वैश्विक सर्विस निर्यात में देश सातवें स्थान पर –सर्वेक्षण में आगे कहा गया, “भारत का सर्विस ट्रेड सरप्लस में होने के – कारण समग्र व्यापार खाते संतुलन में बना हुआ है। मजबूत सर्विसेज के निर्यात के कारण वैश्विक सर्विस निर्यात में देश सातवें स्थान पर पहुंच गया है, जो इस सेक्टर में भारत की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को दिखाता है।” आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक महंगाई नियंत्रण में है। वित्त वर्ष 25 के अप्रैल- दिसंबर की अवधि में औसत महंगाई कम होकर 4.9 हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 24 में 5.4 प्रतिशत थी।
चुनौतियों के बावजूद भारत में महंगाई प्रबंधन के सकारात्मक संकेत –सर्वेक्षण में कहा गया कि महंगाई को स्थिर करने में सरकार के सक्रिय नीतिगत हस्तक्षेप महत्वपूर्ण रहे हैं। इन उपायों में आवश्यक खाद्य पदार्थों के लिए बफर स्टॉक को मजबूत करना, समय-समय पर खुले बाजार में सामान जारी करना और आपूर्ति की कमी के दौरान आयात को आसान बनाने के प्रयास शामिल हैं। चुनौतियों के बावजूद भारत में महंगाई प्रबंधन के लिए सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का अनुमान है कि भारत की खुदरा महंगाई धीरे-धीरे वित्त वर्ष 2026 में लगभग 4 प्रतिशत के लक्ष्य के अनुरूप हो जाएगी।
देश में कृषि क्षेत्र की स्थिति मजबूत –सर्वेक्षण के मुताबिक, कृषि क्षेत्र की स्थिति मजबूत बनी हुई है। 2024 में खरीफ सीजन का खाद्यान्न उत्पादन 1647.05 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) तक पहुंचने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 89.37 एलएमटी की वृद्धि दर्शाता है।उच्च मूल्य वाले सेक्टर जैसे बागवानी, पशुधन और मत्स्य पालन कृषि विकास के प्रमुख चालक बने हुए हैं। पीएम किसान के तहत 1 अक्टूबर तक, 11 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ हुआ है, जबकि 23.61 लाख पीएम किसान मानधन के तहत नामांकित हैं।
भवानीपुर कॉलेज में सरस्वती सम्मान समारोह 25
कोलकाता । भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज ने सरस्वती पूजा के उपलक्ष्य पर 70 शिक्षकों को सम्मानित किया। सरस्वती सम्मान पीएचडी, पुस्तक लेखन,यूजीसी स्वीकृत जर्नल में प्रकाशित लेख आलेखों के आधार पर ये सम्मान दिया जाता है।सभी शिक्षक और शिक्षिकाओं को शॉल, उपहार और धनराशि प्रदान कर शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों को प्रोत्साहन दिया जाता है। प्रो दिलीप शाह ने अपने वक्तव्य में कहा कि अधिक से अधिक शोध करने के लिए भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज प्रयासरत है। इस अवसर पर भवानीपुर कॉलेज के विद्यार्थियों और शिक्षकों ने सरस्वती मूर्ति की पूजा की ।कॉलेज के मैनेजमेंट पदाधिकारियों में अध्यक्ष श्री रजनीकांत दानी सपत्नीक, नलिनी पारेख, रेणुका भट्ट, बुलबुल शाह, जीतू भाई, सोहिला भाटियाकी उपस्थिति रही। विद्यार्थियों और शिक्षकों ने ने श्लोक, शंख और सर्वश्रेष्ठ परिधान प्रतियोगिता में भाग लिया।सभी विजेताओं को रेक्टर और डीन प्रो दिलीप शाह बुलबुल भाई जीतू भाई ने सम्मानित किया। इस अवसर पर पुस्तक का लोकार्पण किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। डॉ वसुंधरा मिश्र ने बताया कि माँ सरस्वती की आराधना पूजा आरती करने के पश्चात फल लड्डू और चरणामृत लिया, सभी ने महाप्रसाद खिचड़ी बेगुनी पायस सब्जियां पूड़ी और कूल की चटनी रसगुल्ला ग्रहण किया । प्रति वर्ष यह आयोजन कॉलेज के गैरशैक्षणिक कर्मचारियों द्वारा संपन्न किया जाता है । भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज ने सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ दी। रेक्टर प्रो दिलीप शाह ने सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों के महत्वपूर्ण योगदान पर आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।
पढ़ने के संकट को पर्यावरण संकट जैसी चुनौती के रूप में देखना होगा : डॉ. शंभुनाथ
कोलकाता पुस्तक मेला में पढ़ने के संकट पर चर्चा
कोलकाता । कोलकाता पुस्तक मेला हर साल की तरह पुस्तक प्रेमियों का एक सांस्कृतिक उत्सव बना हुआ है। इस साल वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली और कोलकाता की भारतीय भाषा परिषद द्वारा पुस्तक मेला के प्रेस कार्नर में आयोजित परिचर्चा में पढ़ने के संकट पर चर्चा हुई। चर्चा में वरिष्ठ लेखक डा. शंभुनाथ, रांची से आए प्रसिद्ध कथाकार रणेंद्र, बांग्ला पत्रकार शिवाजी प्रतिम बसु, कवि– इंजीनियर सुनील कुमार शर्मा, वरिष्ठ लेखक मृत्युंजय श्रीवास्तव, कहानीकार शर्मिला बोहरा जालान और आशीष झुनझुनवाला ने हिस्सा लिया। वरिष्ठ लेखक शंभुनाथ ने कहा कि पढ़ने के संकट को पर्यावरण संकट जैसी चुनौती के रूप में देखना होगा। पुस्तकें हमारे सोचने और कल्पना की शक्ति को विकसित करती हैं। पुस्तकें सूचनाओं तक सीमित न रखकर ज्ञान तक पहुंचाती हैं। निश्चय ही पुस्तकों के बिना मनुष्य संवेदनहीन और अकेला होता जाएगा। इसलिए पुस्तकें न पढ़ना धीमी आत्महत्या है। संचालन करते हुए प्रो. संजय जायसवाल ने कहा कि इधर वीडियो गेम और मोबाइल में डूबे रहना युवाओं और विद्यार्थियों को पढ़ने से ही विमुख नहीं करता, उनकी पारिवारिकता और सामाजिकता को भी संकुचित कर देता है। शर्मिला बोहरा जालान ने कहा कि पढ़ने की संस्कृति बनी हुई है, पर अब वह डिजिटल माध्यम की तरफ खिसक गई है।
विद्यासागर विश्वविद्यालय के पूर्व–कुलपति और बांग्ला पत्रकार शिवाजी प्रतिम बसु ने कहा कि पढ़ने से पाठक की आलोचनात्मक दृष्टि बनती है। कवि सुनील कुमार शर्मा का कहना था, नई तकनीक के आने के बावजूद पुस्तकों का अपना महत्व है। सवाल है कि हम कैसी चीजें की पढ़ने की आदत डाल रहे है और विचारशील पुस्तकों में कितनी रुचि है। मृत्युंजय श्रीवास्तव ने कहा कि पढ़ने की संस्कृति के खतरे में पड़ने का अर्थ है कि किसी भाषा के शब्दकोश और संविधान का खतरे में पड़ना। रांची से आए वरिष्ठ कथाकार ने कहा कि पुस्तकें पढ़ने से जिज्ञासा बढ़ती है, जबकि विश्वविद्यालयों में हिंदी की पढ़ाई अब इस तरह सीमित कर दी गई है कि साहित्यिक पुस्तकों की व्यापक जरूरत प्रायः खत्म कर दी गई है।
पुस्तक मेला में वाणी प्रकाशन से धर्मवीर भारती की जन्मशती पर आई पुस्तकों के नए संस्करण, कुसुम खेमानी की ’लावण्यदेवी’ के अंग्रेजी अनुवाद और शंभुनाथ की नई पुस्तक ’हिंदू धर्म : भारतीय दृष्टि’ का लोकार्पण किया गया।
भारतीय भाषा परिषद और वाणी प्रकाशन की ओर से आरंभ में आशीष झुनझुनवाला ने प्रेस कार्नर में अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि अंग्रेजी के दुनिया के पाठकों मातृभाषा की पुस्तकें पढ़नी चाहिए। अंत में श्री घनश्याम सुगला ने धन्यवाद किया। प्रेस कार्नर में विशेष रूप से उपस्थित थे रामनिवास द्विवेदी, उदयराज सिंह, उदयभानु दुबे, मंजु श्रीवास्तव,राज्यवर्धन, प्रो. अमित राय, डॉ चित्रा माली, डॉ संजय राय,प्रो.आदित्य गिरी, आदित्य विक्रम सिंह,प्रो.दीपक कुमार, प्रो. पीयूष कांति, डॉ.धीरेंद्र प्रताप सिंह,प्रो.एकता हेला, डॉ.मधु सिंह, विकास कुमार, रूपेश यादव।इस अवसर पर सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन की ओर से विशाल साव, सुषमा कुमारी, आदित्य तिवारी,चंदन भगत, महिमा केशरी, संजना जायसवाल, फरहान अज़ीज़ ने पुस्तक संस्कृति पर विभिन्न कवियों की कविताओं पर आधारित कविता कोलाज प्रस्तुत किया।
………………………..
कविता सृजन और प्रतिरोध की जमीन है : रामनिवास द्विवेदी
कोलकाता । 48वां कोलकाता पुस्तक मेला में सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन और आनंद प्रकाशन के संयुक्त तत्वावधान में आनंद प्रकाशन बुक स्टॉल संख्या-462 पर आयोजित काव्य उत्सव में कविता पाठ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन के संरक्षक श्रीरामनिवास द्विवेदी ने कहा कविता सृजन और प्रतिरोध की जमीन है। कविताएं हमारे भीतर मनुष्यता का भाव भरती हैं।इस अवसर पर शंभुनाथ , अभिज्ञात, मृत्युंजय श्रीवास्तव, मंजु श्रीवास्तव, अतुल कुमार, महेश जायसवाल, शुभ्रा उपाध्याय, शिप्रा मिश्रा, मनोज मिश्र, संजय जायसवाल, विकास कुमार जायसवाल, शिव प्रकाश दास, रूपेश यादव,रेशमी सेनशर्मा, सूर्य देव रॉय, सुषमा कुमारी, आदित्य तिवारी ने अपनी स्वरचित कविताओं का पाठ किया। इस अवसर पर दिनेश त्रिपाठी, डॉ. सुशीला ओझा, डॉ. सुशील पाण्डेय, राजेश पाण्डेय, सौमित्र आनन्द, संजय दास, विनोद यादव, डॉ. अश्विनी झा, प्रीति सहित अन्य साहित्य व पुस्तक प्रेमी उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन रूपेश कुमार यादव एवं धन्यवाद ज्ञापन नीलकमल त्रिपाठी जी ने दिया।
………………….
नीता बाजोरिया द्वारा लिखित ‘अर्बन क्रॉनिकल्स 4’ का लोकार्पण
कोलकाता । नीता बाजोरिया की प्रशंसित अर्बन क्रॉनिकल्स श्रृंखला की नवीनतम पुस्तक “अर्बन क्रॉनिकल्स 4” का बहुप्रतीक्षित विमोचन सफलता पूर्वक कोलकाता के “द क्रिएटिव आर्ट्स” में हुआ। इस मौके पर साहित्यिक हस्तियों और कलाकारों की एक प्रतिष्ठित सभा ने इस कार्यक्रम की शोभा कई गुना बढ़ाई। जिससे शहरी कहानी कहने के उभरते परिदृश्य पर व्यावहारिक चर्चाओं, समारोहों और चिंतन से भरी शाम एक सुनहरी महफिल में तब्दील हो गई। विमोचन कार्यक्रम में शामिल होने वाले समाज की प्रतिष्ठित हस्तियों में आलोकानंद रॉय (नृत्य शिक्षाविद् और कोरियोग्राफर) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। उन्होंने शहरी जीवन की जटिलताओं को पकड़ने में कला के महत्व पर प्रकाश डाला। इस मौके पर हर्ष मोहन चट्टोराज (प्रसिद्ध ग्राफिक उपन्यासकार) ने समकालीन कहानी कहने में ग्राफिक उपन्यासों की उभरती भूमिका पर अपने विचार साझा किए। वहीं रमनजीत कौर (अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता) थिएटर निर्देशक और आर्टप्रेन्योर ने सार्वजनिक चेतना को आकार देने में कला की भूमिका पर एक विचारोत्तेजक चर्चा के माध्यम से कार्यक्रम का संचालन किया। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम को सफल बनाने में नमित बाजोरिया एमडी कुचीना (लेखक के पति), प्रणय पोद्दार, मानद वाणिज्यदूत (केन्या गणराज्य), अरुणाभा करमाकर (चित्रकार) सिद्धार्थ सेन (लेखक), विधि बेरी (स्वास्थ्य और कल्याण कोच) के अलावा कई अन्य प्रतिष्ठित हस्तियां इसमें शामिल हुए। कलमोस द्वारा प्रकाशित और वेस्टलैंड बुक्स द्वारा विशेष रूप से वितरित अर्बन क्रॉनिकल्स 4 पुस्तक में एक आकर्षक ग्राफिक उपन्यास के प्रारूप में तीन मार्मिक लघु कथाएँ शामिल हैं। इसकी कहानियाँ शहरी जीवन की जटिलताओं का पता लगाती हैं। प्रत्येक कथा आधुनिक सामाजिक विषयों को दर्शाती है, जो पहचान, रिश्तों और हलचल भरे शहरी वातावरण में रहने की चुनौतियों को हर समय छूती है। कार्यक्रम की शुरुआत पुस्तक के अनावरण के साथ हुआ। पुस्तक लॉन्च के बाद एक आकर्षक पैनल चर्चा भी हुई, जिसमें ग्राफिक उपन्यास, साहित्य और शहरी संस्कृति के बीच के अंतर संबंधों पर चर्चा की गई। कोलकाता की लेखिका और ग्राफिक उपन्यासकार नीता बाजोरिया ने अर्बन क्रॉनिकल्स 4 के पीछे की प्रेरणा और रचनात्मक प्रक्रिया को साझा किया। पैनलिस्टों ने समकालीन साहित्य में दृश्य कला की भूमिका और ग्राफिक उपन्यास प्रारूप के एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में विकसित होने के तरीके पर चर्चा की, जो उस दुनिया को दर्शाता है जिसमें हम रहते हैं।
सरस्वती वर्ल्ड स्कूल में ‘ऊर्जा 2025’
कोलकाता । सरस्वती वर्ल्ड स्कूल ने अपने स्कूल परिसर में बहुप्रतीक्षित वार्षिक कार्यक्रम ‘ऊर्जा 2025’ का आयोजन किया। जिसमें स्कूल से जुड़ी शैक्षणिक उपलब्धियों, कलात्मक अभिव्यक्ति और सांस्कृतिक जीवंतता का एक उल्लेखनीय उदाहरण प्रस्तुत किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समाज के विभिन्न क्षेत्र से जुड़ी प्रतिष्ठित हस्तियां शामिल हुए। जिसमें प्रमुख शैक्षिक नेता, अभिभावक, संकाय सदस्य और छात्र मौजूद थे। समारोह की शुरुआत एक स्वागत भाषण के साथ हुई। इसके बाद एक परिचयात्मक संबोधन और ज्ञान और बुद्धि के प्रकाश का प्रतीक एक औपचारिक दीप-प्रज्वलन हुआ। माननीय अध्यक्ष विक्रांत सिंह (उपाध्यक्ष), विनोद सिंह और निदेशक (स्नेहा सिंह) सहित प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों ने कार्यक्रम का नेतृत्व किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथियों में प्रख्यात पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता विश्वजीत मुखर्जी और प्रतिष्ठित शोधकर्ता और लेखक श्री देबाशीष मुखोपाध्याय की उपस्थिति ने इस अवसर को और भी गौरवान्वित कर दिया, जिन्होंने शिक्षा में बौद्धिक गतिविधियों के महत्व और संधारणीय प्रथाओं पर विचारोत्तेजक भाषणों से श्रोताओं को प्रेरित किया। इस मौके पर प्रधानाचार्य श्यामाश्री बिस्वास ने विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें पिछले वर्ष संस्थान की महत्वपूर्ण उपलब्धियों, मील के पत्थरों और प्रगति पर प्रकाश डाला गया। अध्यक्ष के संबोधन ने युवा मस्तिष्कों के भविष्य को आकार देने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका को और भी रेखांकित किया। इस कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण वाइस चेयरमैन विनोद सिंह की नई पुस्तक “स्कूल एजुकेशन इन इंडिया इन 2024” का विमोचन था। यह पुस्तक में शैक्षणिक उत्कृष्टता के प्रति विद्यालय की अटूट प्रतिबद्धता और शिक्षा क्षेत्र में इसके निरंतर योगदान को दर्शाती है। इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की एक रोमांचक श्रृंखला प्रस्तुत करते हुए छात्रों की रचनात्मक प्रतिभा को प्रदर्शित किया गया जिसमें: शिव तांडव, नारी शक्ति, अच्युतन केशवम, विवेकानंद-थीम वाली प्रस्तुति, शिक्षा का मूल्यांकन और राम की दया, ब्लैक एंड व्हाइट युग के नृत्य अनुक्रम, स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह नृत्य नाटक और देशभक्ति और वीरता का एक शक्तिशाली चित्रण प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनी। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के एक भावपूर्ण गायन के साथ हुआ, जिसने दर्शकों को एकता और देशभक्ति की स्थायी भावना से भर दिया।