नयी दिल्ली । भारत में 70 प्रतिशत महिला व्यवसायी, खासकर जो टियर 2 और 3 शहरों से हैं, अपने उद्यमों को बढ़ाने के लिए अपने फाइनेंशियल, मार्केटिंग और डिजिटल स्किल में सुधार करना चाहती हैं। गैर-मेट्रो शहरों में 1,300 से अधिक नई और मौजूदा महिला व्यवसायी, जिनकी उम्र 18-55 वर्ष है, के सर्वे के आधार पर निष्कर्ष बताते हैं कि 52 प्रतिशत महिला उद्यमी रिटेल, ई-कॉमर्स और एडटेक जैसे क्षेत्रों में काम करती हैं। यूके स्थित बिजनेस फाइनेंशियल प्लेटफॉर्म टाइड से जारी ‘भारत वूमन एस्पीरेशन इंडेक्स (बीडब्ल्यूएआई) 2025’, भारत में शहरों से परे टियर 2 और 3 की महिला उद्यमियों की आकांक्षाओं को दर्शाता है। यह रिपोर्ट उनके सामने आने वाले अवसरों और चुनौतियों पर भी प्रकाश डालती है।रिपोर्ट के अनुसार, कुल 12 प्रतिशत महिलाएं ‘डिजिटल स्किलिंग’ को प्रमुख प्राथमिकता मानती हैं। यह उद्योग की जरूरतों और उनकी खुद की धारणा के अंतर को दिखाता है। इसी तरह 54 प्रतिशत महिलाओं का मानना है कि वित्तीय संस्थान उन्हें ऋण योग्य नहीं मानते हैं। 90 प्रतिशत व्यवसाय जेन-जी और मिलेनियल उद्यमियों द्वारा संचालित होते हैं, जिनमें से 83 प्रतिशत टियर 2 और उससे आगे के शहरों से उभर रहे हैं। यह अधिक उद्यमियों का छोटे भारतीय शहरों से उभरना दर्शाता है। भारत की टियर 2, 3 और उससे आगे के शहरों की महिला उद्यमी महत्वाकांक्षी, डिजिटल रूप से जागरूक और आगे बढ़ने के लिए दृढ़ हैं। लेकिन, वे फाइनेंस, नेटवर्क और विजिबिलिटी जैसे संरचनात्मक अंतराल की वजह से पीछे रह जाती हैं। बावजूद इसके 86 प्रतिशत महिलाएं शायद ही कभी या कभी भी किसी बिजनेस नेटवर्क में भाग नहीं लेतीं, जिसकी वजह से उन्हें महत्वपूर्ण सहकर्मी समर्थन से वंचित रहना पड़ता है। भले ही वे अपना खुद का व्यवसाय चलाती हों, 52 प्रतिशत महिलाओं को अभी भी ऋण प्राप्त करने के लिए परिवार के किसी पुरुष सदस्य की जरूरत होती है।टाइड इंडिया के सीईओ गुरजोधपाल सिंह ने कहा, “बीडब्ल्यूएआई 2025 के निष्कर्ष भारत के छोटे शहरों में महिला उद्यमियों के बीच गहरी आकांक्षा को दर्शाते हैं। लेकिन, यह भी दर्शाते हैं कि बड़ी चुनौतियां बनी हुई हैं। यह उत्साहजनक है कि कई महिलाएं फाइनेंस को मैनेज करने और अपने व्यवसायों की मार्केटिंग करने की अपनी क्षमता में अधिक आश्वस्त हैं।” उन्होंने कहा, “हालांकि, औपचारिक नेटवर्क, डिजिटल टूल और फाइनेंसिंग तक सीमित पहुंच जैसी बाधाएं व्यापक रूप से फैली हुई हैं।”
‘शरिया कोर्ट’ और ‘दारुल कजा’ के फैसले को कानूनी मान्यता नहीं : सुप्रीम कोर्ट
नयी दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में दोहराया है कि ‘काजी की अदालत’, ‘दारुल कजा’ या ‘शरिया कोर्ट’ जैसे किसी भी निकाय को भारतीय कानून के तहत कोई मान्यता प्राप्त नहीं है और इनके द्वारा दिया गया कोई भी निर्देश या निर्णय कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं होता। जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने यह टिप्पणी एक महिला द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए की। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें फैमिली कोर्ट ने ‘काजी की अदालत’ में हुए समझौते के आधार पर निर्णय दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को गलत ठहराते हुए स्पष्ट किया कि इस तरह के निकायों का निर्णय केवल उन पक्षों के लिए मान्य हो सकता है जो स्वेच्छा से उस पर अमल करने के लिए सहमत हों, लेकिन इसे कानूनी रूप से लागू नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने 2014 में दिए गए अपने ऐतिहासिक फैसले विश्व लोचन मदन बनाम भारत सरकार के मामले का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि शरिया अदालतों और उनके फतवों को भारतीय कानून में कोई मान्यता प्राप्त नहीं है। इस फैसले में स्पष्ट किया गया था कि कोई भी गैर-सरकारी निकाय बलपूर्वक किसी पर अपने निर्णय लागू नहीं कर सकता। बताया गया कि महिला का विवाह 24 सितंबर 2002 को इस्लामी रीति-रिवाजों के अनुसार हुआ था। यह दोनों की दूसरी शादी थी। 2005 में, ‘काजी की अदालत’ भोपाल में महिला के खिलाफ तलाक का मुकदमा दायर किया गया था, जो बाद में समझौते के आधार पर खारिज हो गया। 2008 में, पति ने ‘दारुल कजा’ में फिर से तलाक के लिए मामला दायर किया और 2009 में तलाकनामा जारी कर दिया गया। महिला ने 2008 में भरण-पोषण की मांग करते हुए फैमिली कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे फैमिली कोर्ट ने खारिज कर दिया था। फैमिली कोर्ट ने यह तर्क दिया था कि महिला स्वयं घर छोड़कर गई थी और यह कि चूंकि यह दोनों की दूसरी शादी थी, इसलिए दहेज की मांग की संभावना नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट ने फैमिली कोर्ट की इस दलील को कानून के सिद्धांतों के खिलाफ और केवल अनुमान पर आधारित करार दिया।सुप्रीम कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को पलटते हुए पति को निर्देश दिया कि वह पत्नी को भरण-पोषण के रूप में याचिका दायर करने की तिथि से प्रतिमाह 4,000 रुपए का भुगतान करे। कोर्ट ने यह भी दोहराया कि केवल किसी समझौता डीड के आधार पर भी अदालतें निष्कर्ष नहीं निकाल सकतीं। बता दें कि यह फैसला 4 फरवरी को सुनाया गया था, जो अब सार्वजनिक हुआ है।
भारत में डायरेक्ट-टू-मोबाइल फोन लॉन्च करेगा ‘एचएमडी ग्लोबल’
नयी दिल्ली । एचएमडी ग्लोबल ने फ्री स्ट्रीम टेक्नोलॉजीज (आईआईटी कानपुर में इनक्यूबेट), तेजस नेटवर्क्स और दूसरे भागीदारों के साथ मिलकर भारत में डायरेक्ट-टू-मोबाइल (डी2एम) फोन की बढ़ती मांग को पूरा करने की घोषणा की है। यह कंपनी की ओर से भारत के तकनीकी परिदृश्य को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। 1-4 मई को मुंबई में वर्ल्ड ऑडियो-विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट (वेव्स) 2025 के दौरान कंपनी की इस योजना को लेकर घोषणा की जाएगी। डीटूएम टेक्नोलॉजी नेक्स्ट जनरेशन ब्रॉडकास्टिंग को सक्षम करती है, जिसमें बिना वाईफाई और इंटरनेट कनेक्शन के सीधे फोन पर ओटीटी-लाइव टीवी, वीडियो- ऑडियो और टेक्स्ट मैसेज की डिलीवरी होती है। इसके तहत तेजस नेटवर्क द्वारा संचालित किफायती फीचर फोन, स्मार्टफोन और टैबलेट का निर्माण किया जाएगा। इन उपकरणों को सांख्य लैब्स के इनोवेटिव एसएल-3000 चिपसेट का इस्तेमाल कर विकसित किया जा रहा है।
यह लीडिंग प्लेटफॉर्म कंज्यूमर्स को एक बड़ी रेंज के मल्टीमीडिया कंटेंटे को सीधे उनके डिवाइस पर एक्सेस करने की सुविधा देगा। पिछले कुछ वर्षों में, इस तकनीक का प्रसार भारती द्वारा आईआईटी कानपुर और तेजस नेटवर्क के साथ साझेदारी में लाइव नेटवर्क में परीक्षण किया गया है। एचएमडी इंडिया और एपीएसी के वीपी और सीईओ रवि कुंवर ने कहा, “यह लीडिंग प्लेटफॉर्म कंज्यूमर्स को एक बड़ी रेंज के मल्टीमीडिया कंटेंटे को सीधे उनके डिवाइस पर एक्सेस करने की सुविधा देगा।” फ्रीस्ट्रीम टेक्नोलॉजीज के निदेशक सुमीत निंद्राजोग ने कहा, “यह टेक्नोलॉजी यूजर्स के कंटेंट और डेटा इस्तेमाल करने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए तैयार है।” उन्होंने आगे कहा कि एचएमडी के साथ सहयोग एक मजबूत डिवाइस इकोसिस्टम की नींव रखने में मदद करेगा, जो डीटूएम सर्विस के राष्ट्रव्यापी रोलआउट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यह टेक्नोलॉजी टारगेटेड ऐड्स, एजुकेशनल कंटेंट, इमरजेंस की डिलीवरी की सुविधा देगी। पूर्व सांख्य लैब्स के सह-संस्थापक और तेजस नेटवर्क के कार्यकारी उपाध्यक्ष पराग नाइक ने डीटूएम की क्षमता के बारे में विस्तार से बताया। नाइक ने कहा, “यह टेक्नोलॉजी टारगेटेड ऐड्स, एजुकेशनल कंटेंट, इमरजेंस की डिलीवरी की सुविधा देगी, जो डिजिटल रूप से सशक्त भारत के लिए सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप होगी।” सिनक्लेयर, इंक. के अध्यक्ष और सीईओ क्रिस रिप्ले ने भी परियोजना के लिए अपना उत्साह साझा किया।
सुप्रीम कोर्ट ने पोर्नोग्राफी कंटेंट याचिका पर केंद्र से मांगा जवाब
ओटीटी, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को जारी की नोटिस
नयी दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यौन रूप से स्पष्ट कंटेंट की स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर केंद्र और अन्य से जवाब मांगा है। इस बात की पुष्टि पीटीआई ने की है। जस्टिस बी आर गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज क्राइस्ट की पीठ ने कहा कि याचिका एक महत्वपूर्ण चिंता पैदा करती है और यह मुद्दा या तो कार्यपालिका या विधायिका के अधिकार क्षेत्र में आता है। जस्टिस गवई ने कहा, “जैसा कि यह है, ऐसे आरोप हैं कि हम विधायिका और कार्यकारी शक्ति का अतिक्रमण कर रहे हैं।”पीठ ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि सरकार को याचिका में उठाए गए मुद्दे पर कुछ करना चाहिए। मेहता ने कहा कि इस संबंध में कुछ नियमन अस्तित्व में हैं जबकि कुछ और विचाराधीन हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन पेश हुए। शीर्ष अदालत पांच याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यौन रूप से स्पष्ट सामग्री को प्रतिबंधित करने के लिए राष्ट्रीय सामग्री नियंत्रण प्राधिकरण के गठन के लिए दिशा-निर्देश मांगे हैं।
कश्मीर घाटी के 48 पर्यटन स्थलों को किया गया बंद
श्रीनगर । पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनज़र, जिसमें 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, प्रशासन ने कश्मीर घाटी में कई पर्यटन स्थलों को बंद करने का बड़ा फैसला लिया है। मारे गए लोगों में अधिकांश पर्यटक थे। एहतियात के तौर पर घाटी के संवेदनशील इलाकों में स्थित 48 सार्वजनिक पार्क और उद्यानों को आम जनता के लिए बंद कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कश्मीर के कुल 87 सार्वजनिक पार्कों और उद्यानों में से 48 के द्वार अस्थायी रूप से बंद किए गए हैं। इन स्थलों को संभावित खतरे की आशंका के तहत चुना गया है। बंद किए गए पर्यटन स्थल मुख्यतः कश्मीर के दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थित हैं, और इनमें पिछले एक दशक में विकसित किए गए कुछ नए पर्यटन स्थल भी शामिल हैं। पर्यटकों के लिए जिन स्थानों पर फिलहाल प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें दूषपथरी, कोकेरनाग, डुक्सुम, सिंथन टॉप, अच्छाबल, बंगस घाटी, मार्गन टॉप और तोसामैदान जैसे लोकप्रिय स्थल शामिल हैं। दक्षिण कश्मीर के कई प्रसिद्ध मुगल गार्डनों के दरवाजे भी पर्यटकों के लिए बंद कर दिए गए हैं। हालांकि इस संबंध में प्रशासन की ओर से अब तक कोई औपचारिक आदेश जारी नहीं हुआ है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर इन स्थलों पर प्रवेश को रोक दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा लगातार की जा रही है और आने वाले दिनों में सूची में और स्थानों को शामिल किया जा सकता है। यह कदम पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसी भी संभावित खतरे को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।
16 यूट्यूब चैनलों पर रोक के बाद पाकिस्तानी रक्षा मंत्री का ‘एक्स’ अकाउंट प्रतिबंधित
नयी दिल्ली । पहलगाम हमले के कुछ दिनों बाद, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का एक्स अकाउंट भारत में बंद कर दिया गया है। यह पाक पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक के रूप में आया है, जिसमें सोमवार को पड़ोसी देश के 16 यूट्यूब चैनल भी बैन किए गए थे। बता दें कि भारत ने जम्मू-कश्मीर में दुखद पहलगाम आतंकी घटना की पृष्ठभूमि में भारत, उसकी सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री और गलत सूचना फैलाने के लिए 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। सामूहिक रूप से, इन चैनलों के 63 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर हैं। पिछले सप्ताह पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने एक वायरल वीडियो क्लिप में यह कहते हुए बड़ी बात स्वीकार की थी कि पाकिस्तान आतंकवादी समूहों को वित्त पोषण और समर्थन दे रहा है।
एक वीडियो क्लिप जो अब वायरल हो गई है, में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री स्काई न्यूज की यल्दा हकीम के साथ बातचीत कर रहे थे, जब उन्होंने उनसे पूछा, “लेकिन आप मानते हैं, आप मानते हैं, महोदय, कि पाकिस्तान का इन आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और वित्तपोषण देने का एक लंबा इतिहास रहा है?”ख्वाजा आसिफ ने अपने जवाब में कहा, “हम करीब तीन दशक से अमेरिका और ब्रिटेन समेत पश्चिमी देशों के लिए यह गंदा काम कर रहे हैं… यह एक गलती थी और हमें इसकी कीमत चुकानी पड़ी और इसीलिए आप मुझसे यह कह रहे हैं। अगर हम सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध और बाद में 9/11 के बाद के युद्ध में शामिल नहीं होते, तो पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग होता।” आसिफ का बयान इस तथ्य को उजागर करता है कि पाकिस्तान कई वर्षों से इन आतंकवादी समूहों को पनाह दे रहा है। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, केंद्र सरकार ने कई कूटनीतिक उपायों की घोषणा की थी, जैसे अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) को बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) को निलंबित करना, उन्हें अपने देश लौटने के लिए 40 घंटे का समय देना, और दोनों पक्षों के उच्चायोगों में अधिकारियों की संख्या कम करना। भारत ने पहलगाम हमले के बाद 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि को भी रोक दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश को भरोसा दिलाया कि इस हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों के साथ-साथ इसकी साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से परे सजा मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के बचे हुए गढ़ों को खत्म करने का समय आ गया है और 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के दोषियों की कमर तोड़ देगी।
भारत खरीदेगा 26 राफेल समुद्री विमान
नयी दिल्ली । पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद से पाकिस्तान के साथ लगातार बढ़ते तनाव के बीच आज भारत और फ्रांस ने 26 राफेल समुद्री लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए 63000 करोड़ रुपये के रक्षा सौदे पर हस्ताक्षर किए। भारतीय नौसेना ने बताया कि इस सौदे पर राष्ट्रीय राजधानी के साउथ ब्लॉक स्थित रक्षा मंत्रालय मुख्यालय में हस्ताक्षर किये गये। सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने इस महीने की शुरूआत में इस सौदे को मंजूरी दे दी थी।भारत में फ्रांस के राजदूत ने अपने देश का प्रतिनिधित्व किया, जबकि रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारियों ने भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व किया। दोनों देशों के रक्षा मंत्री भी दूर से ही हस्ताक्षर समारोह में शामिल हुए। इससे पहले, फ्रांसीसी रक्षा मंत्री को व्यक्तिगत रूप से इस हस्ताक्षर समारोह में भाग लेने के लिए आना था, लेकिन व्यक्तिगत कारणों से उन्हें अपना दौरा रद्द करना पड़ा। देश के विमानवाहकों को तैनाती के लिए तत्काल नए लड़ाकू विमानों की आवश्यकता है, क्योंकि रखरखाव संबंधी समस्याओं के कारण मिग-29 के लड़ाकू विमानों का मौजूदा बेड़ा कथित तौर पर खराब प्रदर्शन कर रहा है। राफेल लड़ाकू विमान को आईएनएस विक्रांत पर तैनात किए जाने की उम्मीद है, जो वर्तमान में सेवा में है। सरकार-से-सरकार अनुबंध में 22 एकल-सीटर और चार ट्विन-सीटर राफेल एम जेट शामिल हैं, जिन्हें भारतीय आवश्यकताओं और वाहक एकीकरण के लिए अनुकूलित किया गया है। इन विमानवाहक लड़ाकू विमानों को तब तक के लिए एक अस्थायी समाधान के रूप में खरीदा जा रहा है, जब तक कि भारत के अपने विमानवाहक लड़ाकू जेट का विकास पूरा नहीं हो जाता। अनुबंध में रखरखाव, रसद, प्रशिक्षण और स्वदेशी घटक विनिर्माण के लिए एक व्यापक पैकेज भी शामिल है। राफेल एम जेट आईएनएस विक्रांत से संचालित होंगे और मौजूदा मिग-29के बेड़े को समर्थन देंगे। भारतीय वायु सेना पहले से ही 2016 में हस्ताक्षरित एक अलग सौदे के तहत हासिल किए गए 36 राफेल विमानों का बेड़ा संचालित कर रही है। ये विमान अंबाला और हासीमारा में तैनात हैं। नए सौदे से भारत में राफेल विमानों की कुल संख्या 62 हो जाएगी, जिससे देश के 4.5 पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के बेड़े में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
पहलगाम… याद रहेगा वह कश्मीरी लाल जिसने नहीं की गोलियों की परवाह
श्रीनगर । 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। आतंकवादियों ने टूरिस्टों के एक ग्रुप पर हमला कर दिया, जिसमें 26 सैलानियों की मौत हो गई और 12 से ज्यादा लोग घायल हो गए। हमले की वजह से घाटी की शांति में डर समा गया। लेकिन इस हमले के बीच एक ऐसा किस्सा सामने आया जिसने सभी के दिलों को छू लिया। धर्म पूछकर की गई फायरिंग हमले के चश्मदीदों ने बताया कि आतंकवादी सैलानियों से उनका धर्म पूछकर उन्हें गोली मार रहे थे। यह सुनकर हर किसी का दिल दहल गया। लेकिन इसी बीच एक स्थानीय युवक ने ऐसी बहादुरी दिखाई जो इंसानियत की मिसाल बन गई।
सैयद हुसैन शाह जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के पास अशमुकाम गांव के रहने वाले थे। वे पेशे से एक टूरिस्ट गाइड थे और अपने घोड़े पर सैलानियों को पहलगाम की खूबसूरत वादियों की सैर कराते थे। वे अपने परिवार के सबसे बड़े सदस्य थे और इसी काम से घर की रोजी-रोटी चलाते थे। चश्मदीदों के अनुसार, हमले के वक्त सैयद हुसैन शाह वहीं मौजूद थे। उन्होंने आतंकवादियों को सैलानियों को मारने से रोका और कहा कि ये मासूम लोग हैं, इनका कोई दोष नहीं है। सैयद ने आतंकियों से कहा कि टूरिस्ट कश्मीर के मेहमान हैं, उनका धर्म देखकर उन पर हमला करना गलत है। इस पर आतंकियों ने उन्हें धक्का दे दिया जिससे वे जमीन पर गिर गए। जब आतंकवादी धर्म पूछकर फायरिंग करने लगे तो सैयद हुसैन शाह खुद को रोक नहीं पाए। उन्होंने एक आतंकी से भिड़ते हुए उसकी एके-47 छीनने की कोशिश की। इसी दौरान गोली चल गई और सैयद घायल हो गए। लेकिन घायल होने के बावजूद उन्होंने रायफल नहीं छोड़ी, जिससे कई हिंदू सैलानियों की जान बच गई। घायल सैयद को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। उनके दोस्त बिलाल ने बताया कि सैयद की बहादुरी की वजह से कई लोग आज जिंदा हैं। देर रात उनका जनाजा पढ़ा गया और उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
मृतक सैयद हुसैन शाह की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने नम आंखों और कांपती आवाज़ में कहा, “वह हमारा इकलौता सहारा था। घोड़ों की सवारी कर वह पूरे परिवार के लिए रोजी-रोटी कमाता था। अब हमारे पास कोई नहीं बचा जो हमारा ध्यान रख सके। हमें समझ नहीं आ रहा कि उसके बिना जिंदगी कैसे चलेगी।” शाह के चाचा शहीद बग सिंह ने भी दुख जताते हुए कहा, “आदिल हमारे परिवार का सबसे बड़ा बेटा था। उसकी पत्नी और बच्चे हैं। वह पूरे घर की रीढ़ था। अब सब कुछ उजड़ गया है। वे बहुत गरीब हैं और इस हादसे ने उन्हें पूरी तरह अकेला कर दिया है। हम सरकार से गुजारिश करते हैं कि आदिल के परिवार को मदद और सुरक्षा दी जाए, क्योंकि अब उन्हें सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।”
पहलगाम आतंकी हमला….शोक नहीं प्रहार का समय है
शुभजिता फीचर डेस्क
धर्म बताओ, कलमा पढ़ो…क्या मजहब है तुम्हारा । काफिर हो ? और गोलियां चला दी गयीं..सुनकर क्या ऐसा नहीं लग रहा कि जैसे एक बार हम फिर मुगलों के जमाने में चले गये हों। धर्म की रक्षा के लिए न जाने कितनों ने प्राणों की आहुति दी…मगर तब तो हम गुलाम थे। हिन्दुओं को हिन्दू होने की कीमत अब तक चुकानी पड़ रही है, उसी आजाद देश में जो उनका है। न जाने कब से गंगा -जमुनी तहजीब के आवरण में नफरत की आग को ढककर रखा गया है । हमें कहा जा रहा है कि आंखों के सामने जो सच खड़ा है, वह न देखें और एक झूठ पर विश्वास करते रहें । 22 अप्रैल का वह काला दिन…जब बच्चों के सामने पिता को गोली मारी गयी, जब पत्नी के सामने पति को गोली मार दी गयी………..और वह भी मजहब पूछकर । निश्चित रूप से यह पाकिस्तान के सेना प्रमुख की कारस्तानी है मगर सवाल यह है कि आतंकियों का शरणदाता कौन है? वह कौन है जो इनके लिए भोजन से लेकर सूचनाएं मुहैया करवाता है? क्या भारतीय पैसे इसलिए कमाएं कि उनका पेट भरें जो उनकी मौत का सामान इकट्ठा कर रहे हैं। सरकार ने सुरक्षा घटाने और यह मान लेने की गलती कैसे की कि घाटी में सब ठीक हो गया है? कश्मीर को संगीनों के साये में जीने की आदत हो गयी है……..और इन सबको पूर्ण राज्य का दर्जा चाहिए। सीधी सी बात है कि जब तक राज्य शह नहीं देता, किसी अपराधी की इतनी हिम्मत नहीं होगी कि वह राज्य की शांति को भंग करे..। यह ठंडे दिमाग से सोचकर की गयी सुनियोजित वारदात थी। वैसे ही जैसे बंगाल के मुर्शिदाबाद व भांगड़ में की गयी और हिन्दुओं को पलायन करना पड़ा और उस पर माननीया के मंत्री बयान देते फिर रहे हैं कि राज्य के बाहर तो पलायन नहीं हुआ। नियंत्रण अब बहुत जरूरी है, उन सभी पर जो वोट के खेल में आम जनता की जिन्दगी से खेल रहे हैं। जो तुष्टीकरण के पासे से राजनीति की शतरंज जीतना चाहते हैं और आम जनता की जिन्दगी को दांव पर लगा रहे हैं। कश्मीरी खुद को कश्मीरी कहते हैं, भारतीय नहीं कहते…वो बात करते हैं आपका इंडिया…हमारा भारत नहीं कहते…टूरिस्ट जान इसलिए हैं क्योंकि वही रोजी रोटी है उनकी…अगर ये इतने ही अच्छे होते तो रातों रात लाखों कश्मीरी पंडित कश्मीर छोड़ने को बाध्य नहीं होते….तथाकथित शांतिप्रिय कौम में लोग इतने ही अच्छे होते तो मुर्शिदाबाद के हिन्दुओं को मालदा नहीं भागना पड़ता…इसमें बस जगहों के नाम जोड़ते जाइए…नालंदा से लेकर तालिबान तक बस जोड़ते जाइए…बांग्लादेश..सीरिया…फ्रांस। गौर कीजिए एक भी मुस्लिम पलायन नहीं हुआ है। इनके पास दारा शिकोह है पर ये औरंगजेब के दीवाने हैं…इनके आदर्श ही कट्टरपंथी लोग हैं पहलगाम आतंकी हमले में से एक में कम से कम 26 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां अभी भी दावे की पुष्टि करने की प्रक्रिया में हैं। यह हमला बैसरन घाटी से हुआ, जो एक लोकप्रिय स्थल है, जहां सैकड़ों पर्यटक रोज़ाना घोड़े पर सवार होकर आते हैं, खासकर इस मौसम में। जानकारी मिली है कि एक महिला पर्यटक ने दोपहर 2:45 बजे पुलिस नियंत्रण कक्ष को शुरुआती कॉल करके बताया कि बैसरन में गोलियों की आवाज़ सुनी गई है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और सेना के जवानों के साथ एक पुलिस दल मौके पर पहुंचा। यह पूछे जाने पर कि क्या गोलीबारी करने वाले लोगों की पहचान कर ली गई है, जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक सूत्र ने बताया, “यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि उनमें से कितने लोगों ने गोलीबारी की क्योंकि वह मौके से भागने में सफल रहे। सिंधु नदी जल समझौता स्थगित होने के बाद पाक बौखलाया हुआ है और बिलावल भुट्टो खून की नदियां बहाने की धमकी दे रहे हैं..जबकि इनके प्रधानमंत्री ने सुर नरम करते हुए जांच के लिए तैयार होने की बात कह दी है।
जम्मू कश्मीर पर्यटन को लगा बड़ा धक्का, 12 लाख एडवांस बुकिंग रद्द
घाटी में अपने चरम पर पहुंचे टूरिस्ट सीजन को बैसरन घटना ने एक दम से जमीन पर औंधे मुंह गिरा दिया है। घटना के चलते पर्यटकों द्वारा 12 लाख एडवांस बुकिंगों को रद्द कर दिया गया है। कश्मीर होटल एंड रेसटोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष बाबर चौधरी ने इसका खुलासा करते हुए कहा कि घाटी के होटलों व गेस्ट हाउसों में अगस्त महीने तक घाटी की सैर करने के इच्छुक 12 लाख पर्यटकों, जिनमें विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं, ने अगस्त महीने तक एडवांस बुकिंग करा ली थी। इस घटना के फौरन बाद से पर्यटकों ने अपनी यह बुकिंग कैंसिल करवानी शुरू कर दी और आज शाम तक यह बुकिंग्स रद्द हो गईं। प्रशासन ने यहां फंसे टूरिस्टों के लिए स्पेशल ट्रेन व एक्स्ट्रा फ्लाइटों का बंदोबस्त कर दिया है तो ऐसे में हम दुआ ही कर सकते हैं कि हालात जल्दी से ठीक हो जाएं ताकि टूरिस्ट फिर से बेखौफ होकर यहां का रुख कर सकें।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद आईएनएस विक्रांत ने अरब सागर में मिसाइल दागकर अपनी ताकत दिखाई।सूत्रों के अनुसार भारतीय नौसेना को किसी भी क्षण आक्रमण के संकेत दिए जा सकते हैं। भारतीय वायुसेना ने भी युद्ध अभ्यास किया। उधर नियंत्रण रेखा पर सीमा सुरक्षा बल के अलावा सशस्त्र सैनिक बलों की तैयारी भी की जा चुकी है। पूरी दुनिया भारत के साथ खड़ी है। जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फोन पर बातचीत कर जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले में हुई मौतों पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने जान गंवाने वालों प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि आतंकवाद को किसी भी परिस्थिति में न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पोस्ट में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने अपनी बातचीत में आतंकवाद को मानवता के लिए गंभीर खतरा बताया और इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले सभी देशों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करना चाहिए। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत का सख्त रुख देखने को मिल रहा है। भारत ने 20 देशों के राजनयिकों को पहलगाम आतंकी हमले की जानकारी दी है। जिन दिशों के राजनयिकों को जानकारी दी गई है उनमें अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, इटली, कतर, जापान, चीन, रूस, जर्मनी, फ्रांस के शीर्ष राजनयिक शामिल हैं। विदेश सचिव ने राजदूतों को इस बारे में जानकारी दी है।
बांदीपुरा में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच जारी मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर अल्ताफ लाली को मार गिराया गया है। भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बांदीपुरा में एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया। इस दौरान आतंकवादियों से संपर्क स्थापित किया गया, जिसके बाद गोलीबारी हुई। शुरुआती गोलीबारी के दौरान एक आतंकवादी घायल हो गया, जिसकी बाद में मौत हो गई। इसी मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।
एक अन्य घटनाक्रम में पहलगाम हमले में शामिल माने जा रहे दो आतंकवादियों के घरों को शुक्रवार को सुरक्षाबलों और जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों ने नष्ट कर दिया। बिजबिहाडा में लश्कर के आतंकवादी आदिल हुसैन थोकर के घर को आईईडी का इस्तेमाल करके उड़ा दिया गया, जबकि त्राल में आसिफ शेख के घर को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। माना जाता है कि आदिल थोकर ने पाकिस्तानी आतंकवादियों को बैसरन घाटी में हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। अनंतनाग पुलिस ने थोकर और हमले को अंजाम देने वाले दो पाकिस्तानी नागरिकों अली भाई और हाशिम मूसा के बारे में जानकारी देने वाले को 20 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।
पाक ने कबूली आतंक पालने की बात
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के कड़े रुख से पाकिस्तान भी डरा हुआ है। पड़ोसी देश में हलचल तेज है और इसी के बीच एक बड़ा दावा सामने आया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने स्वीकार किया है कि उनका देश आतंकवादी समूहों को वित्त पोषण और समर्थन दे रहा है। ख्वाजा आसिफ ने अपने जवाब में कहा, “हम करीब तीन दशक से अमेरिका और ब्रिटेन समेत पश्चिमी देशों के लिए यह गंदा काम कर रहे हैं… यह एक गलती थी और हमें इसकी कीमत चुकानी पड़ी और इसीलिए आप मुझसे यह कह रहे हैं। अगर हम सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध और बाद में 9/11 के बाद के युद्ध में शामिल नहीं होते, तो पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग होता।” पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने स्काई न्यूज प्रस्तोता यल्दा हाकिम को दिए साक्षात्कार में भारत के साथ “संपूर्ण युद्ध” की भी चेतावनी दी है। आसिफ का बयान इस तथ्य को उजागर करता है कि पाकिस्तान कई वर्षों से इन आतंकवादी समूहों को पनाह दे रहा है। इससे पहले भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा था कि सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट समिति की बैठक में आतंकवादी हमले के सीमा पार संबंधों को सामने लाया गया। इस बात पर गौर किया गया कि यह हमला केंद्र शासित प्रदेश में सफलतापूर्वक चुनाव कराने और आर्थिक वृद्धि एवं विकास की दिशा में इसकी निरंतर प्रगति के मद्देनजर हुआ है। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, केंद्र सरकार ने कई कूटनीतिक उपायों की घोषणा की थी, जैसे अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) को बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) को निलंबित करना, उन्हें अपने देश लौटने के लिए 40 घंटे का समय देना, और दोनों पक्षों के उच्चायोगों में अधिकारियों की संख्या कम करना। भारत ने पहलगाम हमले के बाद 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि को भी रोक दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश को भरोसा दिलाया कि इस हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों के साथ-साथ इसकी साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से परे सजा मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के बचे हुए गढ़ों को खत्म करने का समय आ गया है और 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के दोषियों की कमर तोड़ देगी।
पर्यटक की निशानदेही पर पकड़ा गया खच्चर वाला
जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में सुरक्षाबलों ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो का संज्ञान लेते हुए तत्काल कार्रवाई की। वीडियो में एक महिला पर्यटक ने दावा किया था कि एक व्यक्ति ने उससे उसके धर्म के बारे में सवाल किया था। साथ ही 35 बंदूक भेजने और प्लान बी जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए उसे सुना था। जांच के बाद गांदरबल पुलिस ने संदिग्ध की पहचान की और उसे पकड़ लिया है। उसकी पहचान अयाज अहमद जंगल के रूप में हुई। वह गांदरबल के गोहिपोरा रायजान का रहने वाला है। वह सोनमर्ग के थजवास ग्लेशियर में खच्चर सेवा देता है। संदिग्ध को देखने वाली महिला ने बताया कि हम लोग 13 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर गए थे। हम लोगों ने जम्मू-कश्मीर का 10 दिन का ट्रिप बनाया था। इस ट्रिप में हम लोग पहले माता वैष्णो धाम गए। 15 तारीख को वैष्णो देवी से फ्री हुए और 16 अप्रैल को श्रीनगर पहुंचे। 17 और 18 तारीख को हम लोग श्रीनगर में घूमे और 19 तारीख को हम लोग सोनमर्ग और 20 तारीख को पहलगाम गए थे। पहलगाम में हम लोगों की खच्चर वालों से बात हुई तो वह हमें बायसरन घाटी ले गए जिसे मिनी स्विट्जरलैंड कहा जाता है।
‘पाकिस्तान बूंद-बूंद पानी के लिए तरसेगा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर शुक्रवार को सिंधु जल समझौता के निलंबन को लेकर बैठक हुई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और जल शक्ति मंत्री सीआर पाटील के बीच करीब 45 मिनट लंबी बैठक में पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोकने के तरीकों पर गंभीरतापूर्वक चर्चा की गई। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में तीन प्रमुख विकल्पों, अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक, पर विचार किया गया। सरकार का स्पष्ट इरादा है कि पाकिस्तान को एक बूंद पानी भी न जाने दिया जाए।
बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया कि पानी रोकने के हर संभावित तरीके पर तुरंत काम शुरू किया जाएगा। अधिकारियों को इस दिशा में तुरंत कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद को लगातार बढ़ावा दिया है, जिसके कारण सुरक्षा अनिश्चितताओं ने भारत को संधि के तहत अपने अधिकारों का पूर्ण उपयोग करने में बाधा डाली है। इसके अलावा, पाकिस्तान ने संधि के तहत वार्ता शुरू करने के भारत के अनुरोध का जवाब नहीं दिया, जो संधि का पूरी तरह से उल्लंघन है। देवश्री मुखर्जी ने पत्र में स्पष्ट किया था कि संधि को निलंबित करने का निर्णय भारत सरकार ने गहन विचार-विमर्श के बाद लिया है। भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि सिंधु जल संधि 1960 को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा। उल्लेखनीय है कि सिंधु जल संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई थी, जिसके तहत भारत ने तीन पूर्वी नदियों का जल उपयोग करने का अधिकार रखा था, जबकि तीन पश्चिमी नदियों का बहाव पाकिस्तान को दिया गया था। कार्रवाई जारी है…एक बात तय है कि अब शोक का नहीं, प्रहार का समय है।
भवानीपुर एडुकेशन सोसाइटी कॉलेज की टीम उमंग ने की नेपाल यात्रा
कोलकाता । भवानीपुर एडुकेशन सोसाइटी कॉलेज के 73 छात्र छात्राओं ने नेपाल यात्रा की। कॉलेज के बहुप्रतीक्षित टीम उमंग के विद्यार्थियों ने 07 अप्रैल 14 अप्रैल 2025 तक इस यात्रा में शिरकत की जिसे कॉलेज की ओर से आयोजित किया । हावड़ा से ट्रेन द्वारा से रक्सुल स्टेशन पर पहुंच कर सभी बसों में सवार हुए और भारत-नेपल सीमा पर बिरगंज चेकपोस्ट की ओर बढ़े। आवश्यक दस्तावेज सत्यापन, पास जारी करने और मुद्रा विनिमय के बाद नेपाल राज्य में प्रवेश किया और काठमांडू की ओर अपनी यात्रा शुरू की।
रास्ते में सभी विद्यार्थी सुंदर दृश्यों का आनंद लेते हुए नाश्ते और दोपहर के भोजन करने के बाद शाम तक काठमांडू पहुंचे और होटल में ठहर कर कुछ आराम के बाद, वहां के स्थानीय शिल्प, स्मृति चिन्ह, कैफे और सांस्कृतिक वाइब्स के लिए एक हलचल और प्रसिद्ध बाज़ार की ओर घूमने के लिए गए। अगले दिन काठमांडू के आसपास दर्शनीय स्थलों की यात्रा की शुरुआत की। शहर के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठित स्थलों का दौरा किया, जिनमें पशुपतिनाथ मंदिर, दरबार स्क्वायर मार्केट, बुधानाथ स्तूप और सेरेन नीलकैंथ व्यू प्वाइंट और टेम्पल शामिल थे। प्रत्येक स्थान में नेपाल की समृद्ध विरासत, वास्तुकला और आध्यात्मिकता की अद्वितीय झलक मिलती है । तीसरे दिन, मनोकोमना मंदिर के लिए एक आध्यात्मिक और सुंदर साहसिक कार्य किया। इस यात्रा का मुख्य आकर्षण रोपवे की सवारी थी, जिसमें 9,095 फीट की लंबाई थी, जो कुरिंटार को मंदिर से जोड़ती थी। सवारी के दौरान, मनस्लू, हिमालकुली, और अन्नपूर्णा हिमालयन रेंज के मनोरम दृश्य थे जो मन को लुभाने वाले और रोमांचक रहा। वास्तव में यह जीवन का भर याद रखने वाला अनुभव था। मंदिर की यात्रा के बाद, पोखरा की यात्रा की जिसमें हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं के राजसी दृश्य थे। पोखरा बाजार में सभी विद्यार्थियों ने वहां की स्थानीय संस्कृति की विभिन्न स्मृतियों को भी संजोया।
अगले दिन, विद्यार्थियों के समूह को दो में विभाजित किया गया जिसमें एक समूह ने साहसिक गतिविधयों में भाग लिया जबकि दूसरे ने यात्रा कार्यक्रम-आधारित दर्शनीय स्थलों की यात्रा की । एडवेंचर ग्रुप में बंजी जंपिंग (75 मीटर और 220 मीटर दोनों) और पैराग्लाइडिंग किया जो एक रोमांचकारी दिन था। इस बीच, दर्शनीय स्थलों की यात्रा के समूह ने महिंद्रा गुफा, देवी के झरने, सेटी नदी, बिंद्याबासिनी मंदिर और अंतर्राष्ट्रीय पर्वत संग्रहालय का दौरा किया। दिन का समापन फेवा झील पर एक नाव की सवारी के साथ हुआ। वहीं एक पक्ष वहां के कैफे और क्लबों में भी गई और आनंद लिया। जबकि दूसरे समूह के विद्यार्थियों ने नेपाल के पहाड़ों के शानदार दृश्यों का आनंद लिया।यात्रा के अंतिम चरण में चितवन की यात्रा की। रिसॉर्ट में जाँच करने और दोपहर का भोजन करने के बाद चितवान नेशनल पार्क में एक सफारी जीप में निकले। छोटे समूहों में विभाजित हो विद्यार्थियों ने विभिन्न वन्यजीव प्रजातियों का सामना करते हुए, जंगल की गहराई को महसूस किया । ऑफ-रोड अनुभव ने एडवेंचर में एक अतिरिक्त रोमांच जोड़ा, और सभी ने सवारी का अच्छी तरह से आनंद लिया।यह भ्रमण संस्कृति, आध्यात्मिकता, रोमांच और प्राकृतिक सुंदरता का एक समृद्ध मिश्रण था।डॉ वसुंधरा मिश्र ने बताया कि यह भ्रमण यात्रा शिक्षक और शिक्षिकाओं की निगरानी में आयोजित किया गया। प्रो सीए विवेक पटवारी, रोजलीन, अरित्रिका दूबे, आदित्य राज आदि के नेतृत्व में विद्यार्थियों को ले जाया गया जो बहुत ही सफल यात्रा रही। इस यात्रा का संयुक्त संयोजन भवानीपुर एडुकेशन सोसाइटी कॉलेज के रेक्टर और डीन प्रो दिलीप शाह और वाइस प्रिंसिपल प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी द्वारा किया गया।