नयी दिल्ली । बच्चों के स्क्रीन टाइम (मोबाइल, टेलीविजन, टैब, लैपटॉप आदि देखने की अवधि) को लेकर 89 प्रतिशत भारतीय मां चिंता करती हैं। हाल ही में जारी की गयी एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। बाजार अनुसंधान कंपनी टेकआर्क द्वारा मदर्स डे पर जारी इस रिपोर्ट के लिए 600 ऐसी कामकाजी मांओं के बीच सर्वेक्षण कराया गया जिनका कम से कम एक बच्चा तीसरी से 10वीं कक्षा में पढ़ता हो। इसमें महिलाओं से डिजिटल इकोसिस्टम में उनकी चिंताओं, चुनौतियों, रुचि और पसंदों के बारे में पूछा गया था। रिपोर्ट में कहा गया है, “मांओं का मानना है कि स्क्रीन टाइम बढ़ने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है और उनके मानसिक तथा सामाजिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मांओं की सबसे बड़ी चिंताओं में निजता (81 प्रतिशत), अनुचित कंटेंट (72 प्रतिशत), टीनएज इंफ्लुएंसर (45 प्रतिशत) और डीप फेक (26 प्रतिशत) सबसे ऊपर हैं। उनका मानना है भविष्य में डीप फेक और जेन एआई अभिभावकों के लिए और बड़ी चिंता बनेगी। डिवाइसों की बात करें तो भविष्य के लिए सबसे बड़ी चिंता वीआर हेडसेट है, खासकर एप्पल विजन प्रो की लॉन्चिंग के बाद। हालांकि मांओं ने यह भी स्वीकार किया कि पांच साल पहले कि तुलना में आज डिजिटल दुनिया बच्चों के लिए ज्यादा उपयोगी और प्रासंगिक है। रिपोर्ट के अनुसार, 60 प्रतिशत से ज्यादा मां अपने बच्चों के लिए चीजें खरीदने में खर्च की गई राशि का 51-85 प्रतिशत ऑनलाइन खरीददारी पर खर्च करती हैं। वहीं, 20 प्रतिशत डिजिटल सेवी महिलाओं के मामले में यह आंकड़ा 85 प्रतिशत से भी ज्यादा है। वे अपने बच्चों के लिए सबसे ज्यादा खरीददारी अमेजन पर, खानों के ऑर्डर स्विगी पर और मनोरंजन पैकेज डिजनी हॉटस्टार पर लेती हैं।
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विद्यासागर विश्वविद्यालय में रवीन्द्र जयंती का आयोजन
मिदनापुर।विद्यासागर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की ओर से रवींद्र जयंती के अवसर पर परिचर्चा,कविता कोलाज,काव्यपाठ एवं रवींद्र संगीत का आयोजन किया गया।कार्यक्रम की शुरुआत रवींद्रनाथ की तस्वीर पर माल्यार्पण के साथ हुई और चतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा श्रेया और राया सरकार ने उद्घाटन गीत प्रस्तुत किया। इस अवसर पर ‘रवींद्रनाथ का साहित्य एवं चिंतन’ विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी में अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए प्रो. दामोदर मिश्र ने कहा कि रवींद्र जयंती की अवधारणा ही भारतीयता की अवधारणा है। रवींद्रनाथ का साहित्य विपुल और विराट है।बांग्ला विभाग के प्रो सुजीत पाल ने कहा कि रवींद्रनाथ जितने बांग्ला के हैं उतने ही भारतीय भाषा के भी हैं। विभागाध्यक्ष डॉ प्रमोद कुमार प्रसाद ने कहा कि रवींद्रनाथ बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे।उन्होंने भारतीय लेखकों को बहुत हद तक प्रभावित किया है।डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि रवींद्रनाथ बंगाल के सांस्कृतिक पुरूष हैं।उन्होंने साहित्य परिसर को भौगोलिक सीमाओं के पार पहुंचाया, जहां सार्वभौमिकता और मनुष्यता का भाव ही उनका विश्वबोध बन गया है।इसीलिए वे विश्वभारती की स्थापना करते हैं।डॉ श्रीकांत द्विवेदी ने कहा मेरा संबंध शांतिनिकेतन से रहा है।उन्होंने रवींद्रनाथ और हजारी प्रसाद द्विवेदी का संस्मरण सुनाते हुए बताया कि हिंदी और बांग्ला के बीच के संबंधों का जिक्र किया।डॉ मधु सिंह ने निराला की पुस्तक ‘रवींद्र कानन कविता’ का उल्लेख करते हुए रवीन्द्रनाथ की काव्य संवेदना का पर प्रकाश डाला।रवीन्द्रनाथ ने आत्मसंकुचन की जगह आत्मविस्तार को महत्व दिया।शोधार्थी सुषमा कुमारी ने रवींद्रनाथ की कविताओं में देशप्रेम और जागरण विषय पर,मिथुन नोनिया ने बंगभंग आंदोलन के आलोक में और मदन साह ने स्वदेशी के मुद्दे पर रवींद्रनाथ की चर्चा की।
इस अवसर पर टीना परवीन, नीशू कुमारी, बेबी सोनार,श्रेया सरकार,लक्ष्मी यादव ने स्वरचित कविता पाठ किया।रवींद्रनाथ की कविताओं पर आधारित कोलाज में प्रगति दुबे, निशा शर्मा, मुस्कान अग्रवाल, मारिया फ्रांसिस, स्नेहा शर्मा, कुंडल कुमारी, राया सरकार, मधु साव, लक्ष्मी, प्रिया गुप्ता, सिंपल, सत्यम पटेल, त्रिना दास और श्रेया सरकार ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का सफल संचालन संजय जायसवाल तथा धन्यवाद ज्ञापन शोधार्थी उस्मिता गौड़ ने दिया।
अक्षय तृतीया पर कल्याण ज्वेलर्स का नया कलेक्शन
कोलकाता । कल्याण ज्वेलर्स ने कोलकाता में अक्षय तृतीया के मौके पर नया संग्रह पेश किया। इस मौके पर ब्रांड एंबेसडर रिताभरी चक्रवर्ती मौजूद रहीं। इस नये कलेक्शन में सोने के हल्के वजन के डिजाइन के साथ-साथ फैशनेबल हीरे के एक्सक्लूसिव कलेक्शन भी शामिल है। रिताभरी चक्रवर्ती को कल्याण ज्वैलर्स के निमा कलेक्शन से टेम्पल ज्वेलरी पहने हुए देखा गया। इस सीज़न में ग्राहक सभी आभूषणों की खरीद पर मेकिंग चार्ज पर 25 प्रतिशत की छूट दी गयी । ग्राहकों को कल्याण ज्वेलर्स का 4-स्तरीय आश्वासन प्रमाणपत्र भी प्राप्त होगा । शोरूम में कल्याण के लोकप्रिय घरेलू ब्रांडों का भी स्टॉक होगा, जिनमें मुहूर्त (वेडिंग ज्वेलरी लाइन), मुधरा (हस्तनिर्मित प्राचीन आभूषण), निमाह (टेम्पल ज्वेलरी), ग्लो (डांसिंग डायमंड्स), ज़िया (सॉलिटेयर-जैसे डायमंड ज्वेलरी), अनोखी (अनकट डायमंड्स) शामिल हैं। अपूर्व (विशेष अवसरों के लिए हीरे), अंतरा (शादी के हीरे), हेरा (दैनिक पहनने वाले हीरे), रंग (कीमती पत्थरों के आभूषण) और हाल ही में लॉन्च की गई लीला (रंगीन पत्थर और हीरे के आभूषण) भी मौजूद है।
हेमन्तेर अपरान्ह के पोस्टर का गौतम घोष ने किया अनावरण
कोलकाता । टॉलीवुड में अब तक कई मशहूर हिट फिल्में देनेवाले पुरस्कार विजेता निर्देशक अशोक विश्वनाथन की आगामी नई फिल्म ‘हेमन्तेर अपरान्ह’ दर्शकों के बीच जल्द रिलीज होने की तैयारी में है। इस फिल्म के पोस्टर का अनावरण गौतम घोष ने किया। इस मौके पर प्रसिद्ध प्रशंसित फिल्म निर्माता और निर्देशक अशोक विश्वनाथन और अमित अग्रवाल के साथ हेमन्तेर अपरान्ह फिल्म के शानदार स्टार कास्ट भी यहां मौजूद थे। इस फिल्म में कोरोना काल के साथ यूक्रेन और मध्य पूर्वी देशों के बीच छिड़े युद्ध से चारो तरफ फैली महामारी के दौरान मानव जीवन में तनाव के साथ जिंदगी और मौत के बीच के दहशत से भरे माहौल को पेश करने की कोशिश की गई है। इस अवसर पर ‘हेमन्तेर अपरान्ह’ के निर्माता और निर्देशक अशोक विश्वनाथन ने कहा, कोलकाता और उसके आसपास शूट की गई यह फिल्म वर्तमान कोरोना काल के समय पर आधारित है। यह फिल्म उन समय के दौरान थिएटर की दुनिया के पीछे के दृश्यों और इसमें काम करनेवाले कलाकारों के संघर्षों की कथा बयां करती है। फिल्म के कहानीकार इस फिल्म में यह पता लगाने की कोशिश करते है कि, दर्शक फिल्मों में पर्दे के पीछे की घटनाओं के साथ अपने संबंधों को कैसे देखते हैं। हाल के दिनों में बड़े तादात में कुछ लोगों द्वारा किए जानेवाले आत्महत्या से जुड़ी चिंता और अवसाद भी इस फिल्म का एक प्रमुख विषय है। अंत में, मुझे खुशी है कि मैंने प्रसिद्ध फिल्म निर्माता अमित अग्रवाल के साथ सहयोग किया है जो अपनी शैली और भाषा की परवाह किए बिना दर्शकों की पसंद को ध्यान में रखकर लोगों की रुचि को भांप कर इसके अनुरूप सिनेमा बनाने के लिए काफी लोकप्रिय हैं।
अभिषेक दे सरकार की माई करियर माई चॉइस पुस्तक का हुआ लोकार्पण
कोलकाता । सुप्रसिद्ध लेखक अभिषेक दे सरकार की पुस्तक माई करियर माई चॉइस का लोकार्पण लेखक अभिषेक दे सरकार द्वारा किया गया। इस मौके पर अलोकानंदा रॉय (डांस थेरेपिस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता), प्रणब रॉय (पूर्व भारतीय क्रिकेटर), केशव रंजन बनर्जी (धौनी के पहले क्रिकेट कोच), महुआ चक्रवर्ती (फ़िल्म निर्देशक), अभिषेक दे सरकार (लेखक और विदेशी शैक्षिक सलाहकार) के अलावा समाज की कई अन्य प्रतिष्ठित हस्तियां इसमें शामिल हुए। बुक लॉन्च कार्यक्रम में आए अतिथियों ने कहा कि, यह अपने करियर के मार्ग का निर्णय लेने के कठिन काम से जूझ रहे छात्रों के लिए एक अमूल्य संसाधन है। “माई करियर, माई चॉइस” केवल युवाओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह पुस्तक उन माता-पिता के लिए भी समान महत्व रखती है, जो अपने बच्चों के जीवन में मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं। अभिषेक दे सरकार की यह पुस्तक उन माता-पिता को एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करती हैं कि, वे अपने बच्चे को एक पूर्ण कॅरियर की यात्रा को कैसे सुविधाजनक बना सकते हैं।
भवानीपुर 75 पल्ली की 6वीं दुर्गा पूजा का टीजर लॉन्च
महाराणा प्रताप संघर्ष के दौरान भी आत्मसम्मान बनाये रखने के अनूठे उदाहरणः प्रतिभा सिंह
कोलकाता । अंतरराष्ट्रीय क्षत्रिय वीरांगना फ़ाउंडेशन, पश्चिम बंगाल की ओर से गुरुवार की शाम कोलकाता के काशीपुर में महाराणा प्रताप की 485वीं जयंती मनायी गयी। इस अवसर पर संगठन की प्रदेश अध्यक्ष और प्रख्यात गायिका प्रतिभा सिंह ने कहा कि राणा प्रताप शौर्य और स्वाभिमान के अनूठे उदाहरण रहे हैं। उनका अदम्य साहस, वीरता और मातृभूमि के प्रति समर्पण सदैव प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा है। उनसे यह सीखने योग्य है कि संघर्ष के दौरान भी आत्मसम्मान को बनाये रखना चाहिए और अपने सिद्धांतों पर अडिग रहना चाहिए। कार्यक्रम में सोदपुर की अध्यक्ष सुनीता सिंह, कोलकाता इकाई की महामंत्री इंदु सिंह, कोषाध्यक्ष संचिता सिंह, उपाध्यक्ष ललिता सिंह, पदाधिकारी मीरा सिंह, सुमन सिंह, नीतू सिंह, लाजवंती सिंह, नारीशक्ति की पदाधिकारी शकुंतला साव, मीनू तिवारी और श्रुति शर्मा उपस्थित थे।
लिटिल थेस्पियन का 22वां रंग अड्डा सम्पन्न
कोलकाता । लिटिल थेस्पियन ने अपना 22वां रंग अड्डा सुजाता देवी विद्या मंदिर के प्रांगण में 28 अप्रैल को सफलतापूर्वक संपन्न किया । अप्रेल माह का रंग अड्डा मुख्य रूप से आग़ा हश्र कश्मीरी, रामेश्वर प्रेम, सफदर हाशमी तथा अज़हर आलम पर केंद्रित रहा l रंग अड्डा का मुख्य उद्देश्य छात्रों कों रंगमंच से जुड़ी बारीकीयों कों बताने के साथ- साथ रंगमंच से जुड़े विशिष्ट व्यक्ति, नाटककार, निर्देशक आदि के बारे में बताना भी है l स्कूल तथा कॉलेज में नाटक भी कहानी कि तरह ही पढ़ाया जाता रहा है l नाटक के प्रति रूचि पैदा करना भी रंग अड्डा का उद्देश्य है l आग़ा हश्र कश्मीरी के नाटक ‘सीता बनवास ‘ पर आलेख प्रियंका सिंह ने प्रस्तुत किया l आलेख के माध्यम से छात्र नाटक से जुड़े नाटककार के बारे में जानते है तथा समझते है l कॉलेज में छात्र केवल गिने चुनें नाटक ही पढ़ते है l इसीलिए उनकी जानकारी में कुछ ही नाटककार होते है l आलेख के माध्यम से वह कई और नाटककारों के विषय में भी जानकारी प्राप्त कर लेते है l सीता बनवास नाटक रामायण को आधार बना कर लिखा गया नाटक है l जो समाज को आईना दिखाता है l समाज में स्त्रियों को ही दोष देता आया है l राम भी एक धोबी के दोषारोपण के कारण ही सीता को बनवास पर भेज देते है l यहाँ राम के चरित्र पर ऊँगली नहीं उठती है केवल सीता को ही सवालों के घेरे में छोड़ दिया जाता है l रामेश्वर प्रेम के नाटक ‘पुत्र, फल और जहर’ पर आलेख पाठ सुधा गौड़ ने प्रस्तुत किया l प्रस्तुत नाटक में घर के मालिक को आधार बना कर समाज तथा देश के चरित्र को दिखाया गया है l वह व्यक्ति जो अपने घर का मुखिया है तथा धर्म का भी लेकिन वह पर स्त्री के साथ संबंध रखता है तो उसके चरित्र पर ऊँगली नहीं उठती है पर जब कोई नारी किसी पराये पुरुष से बात भी करती है तो वह कटघरे में खड़ी कर दी जाती है l पुरुष अपने स्वार्थ के लिए किसी कि भी आहुति दे सकता है चाहें वह उसका खुद का बेटा ही क्यों न हों बदले कि आग में वह अपने पुत्र को भी उकसा सकता है और उसे उसकी माँ का हत्यारा भी बना सकता है l भारतीय संस्कृति के नाम पर हम कुछ भी ऊल जलूल काम कर सकते है l लिटिल थेस्पियन कि निर्देशिका तथा वरिष्ठ रंगकर्मी उमा झुंझुनवाला ने सफदर हाशमी के जीवन के बारे में बताते हुआ रंगकर्मी कि प्रतिबद्धता पर रोशनी डाली | रंग अड्डा के अंत में अज़हर आलम के अंतिम नाटक ‘चाक ‘ का अभिनयात्मक पाठ किया गया l जिसे संगीता व्यास,सुधा गौड़, प्रियंका सिंह, पार्वती कुमारी शॉ, इंतेखाब वारसी, मो. आसिफ अंसारी, दानिश वारिस खान ने किया l जैसे चाक पर बर्तन घूमते है और चाक पर ही उनका आकर तय होता है उसी प्रकार समय के चाक पर बटवारे की त्रासदी का दुःख भोगता हुआ अभिशप्त मुस्लिम परिवार भारत से पाकिस्तान तथा पाकिस्तान से बंगलादेश बने अपनी अस्मिता को खो देता है भारतीय या हिंदुस्तानी कहे जाने परिवार से ‘बंगाल’ का धब्बा लगाए हुए मुस्लिम परिवार कि कहानी का दर्द दिखाया गया है जो देश का होकर भी प्रवासी है और अपने अस्मिता कि लड़ाई लड़ रहा है l रंग अड्डा का संचालन इंतखाब वारसी तथा दानिश वारिस खान ने किया l इस रंग मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे वरिष्ठ समाज सेवक श्री गोपाल अग्रवाल | उन्होंने कहा कि रंग मंच हमें हर परिस्थिति में जीना सिखाता है और यह विधा थी, है और हमेशा ही रहेगी |
विन फिट ने मनाई पहली वर्षगांठ
कोलकाता । विन फिट ने पहली वर्षगांठ मनाई। इस अवसर पर जिम में टॉलीवुड अभिनेत्री देवलीना कुमार, जो पहले से ही इस फिटनेस स्टूडियो की सदस्य हैं, उनकी मौजूदगी में जिम में विभिन्न प्रकार के वर्कआउट का आयोजन किया। इस समारोह में शामिल होनेवाले मीडिया जगत के लोगों के लिए भी एक विशेष ज़ुम्बा और योग सत्र का आयोजन किया गया था। विन फिट सिर्फ एक जिम नहीं बल्कि इसमें जिम से कहीं अधिक उपकरण उपलब्ध है। इस फिटनेस स्टूडियो में एक ही छत के नीचे सात कसरत कार्यक्रमों की एक विविध श्रृंखला पेश की गई हैं, जिनमें भारोत्तोलन के जुड़ा उपकरण भी मौजूद हैं। इसके अलावा नृत्य फिटनेस, हवाई योग, हाइपरट्रॉफी-विशिष्ट प्रशिक्षण, उच्च-तीव्रता अंतराल प्रशिक्षण (एचआईआईटी ), योग, मुक्केबाजी और ताकत और कंडीशनिंग इनमे शामिल है। इस अवसर पर विन फिट की सह-संस्थापक स्वाति बाहेती ने कहाअपने साथी प्रशिक्षकों की मदद से कक्षाओं को अधिक गतिशील और आकर्षक बनाने का लगातार प्रयास कर रही हूं। इधर विन फिट की प्रमुख अमृता बांगड़ बाजोरिया ने कहा, ऐसा लगता है कि एक बहुत ही रोमांचक यात्रा के साथ यह एक साल देखते ही देखते बीत गया। इन एक वर्षों में 600 से अधिक सदस्यों की रिकॉर्ड संख्या के साथ, हम आगे की विस्तृत योजना बना रहे हैं। बड़ों के साथ यहां अब यहां बच्चों के लिए भी विशेष कार्यशालाएँ, जिसमे – मज़ेदार फिटनेस पार्टियाँ और कार्यक्रम के आयोजन में साथ उनके पोषण से लेकर कसरत तक बच्चों की फिटनेस पर ध्यान केंद्रित करने वाला एक नया अवसर प्रदान करना हमारे आगे की योजना के पाइपलाइन में है। इस मौके पर हुए टॉलीवुड अभिनेत्री देवलीना कुमार ने कहा कि विन फिट में सहायक समुदाय और शानदार सुविधाएं हैं, जो मुझे हमेशा खुशी देती हैं। यहां कुशल और जानकार प्रशिक्षक हमे हमेशा प्रोत्साहित करते रहते हैं, जो मुझे नए स्तरों तक पहुंचने के लिए हमेशा प्रेरित करता हैं।