Sunday, June 8, 2025
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आरम्भ हुआ एमडीजे “कपल नं 1” के सीजन 3

विजेता को मिलेगा “वियतनाम की सैर का मौका
कोलकाता । महाबीर डांवर ज्वेलर्स की ओर से बहुचर्चित कार्यक्रम “कपल नं 1 के सीजन 3” आरम्भ हो चुका है। यह कार्यक्रम विवाहित जोड़ों के आपसी रोमांस को फिर से जगाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य वैवाहिक जोड़ियों के बीच आपसी प्रेम और एक दूसरे को समझने की भावना का उनमें अहसास दिलाना है, जिसमें हर जोड़ी को आमंत्रित कर उन्हें अपनी अनूठी और आकर्षक तस्वीरों को दिखाने के लिए मंच प्रदान किया जाता है। इस कार्यक्रम का अनावरण कोलकाता के पार्क स्ट्रीट में स्थित महाबीर डांवर ज्वेलर्स के आउटलेट में शुक्रवार को किया गया। जिसमें अभिनेत्री ऋचा शर्मा, सेलिब्रिटी प्रेरक वक्ता नैना मोरे, महाबीर डांवर ज्वेलर्स के निदेशक विजय सोनी, महाबीर डांवर ज्वेलर्स के निदेशक संदीप सोनी और महाबीर डांवर ज्वेलर्स के निदेशक अमित सोनी। मशहूर फैशन डिजाइनर ज्योति खेतान को इस कार्यक्रम का जज बनाया गया है, उनके नेतृत्व में इस कार्यक्रम का समापन किया जाएगा। मीडिया से बात करते हुए महाबीर डांवर ज्वेलर्स के निदेशक विजय सोनी, संदीप सोनी और अमित सोनी ने कहा कि हम शादीशुदा जोड़ों के लिए इस बार एक नए ट्विस्ट के साथ “कपल नंबर 1” प्रतियोगिता लेकर रोमांचित हैं। इस सीजन के विजेता को हम ग्रैंड प्राइज के रूप में वियतनाम की एक अविस्मरणीय यात्रा का तोहफा पेश करेंगे। इसके अलावा इस प्रतियोगिता में भाग लेनेवाले  हर जोड़े को डिस्काउंट कूपन और एमडीजे शोरूम में एक विशेष यात्रा का आनंद मिलेगा।
इस अवसर पर अभिनेत्री ऋचा शर्मा ने कहा कि शादी जीवन की एक खूबसूरत यात्रा है, जिसे हर दिन मनाया जाना चाहिए। फैशन डिजाइनर ज्योति खेतान ने कहा कि अपने जीवनसाथी के साथ सच्चा प्यार एक दूसरे की निगाहों के इशारे और आपसी जुड़ाव के माध्यम से पनपता है। यह प्रतियोगिता, उन जोड़ों की यात्रा का सम्मान करने और उनके स्थायी प्रेम को चमकने के लिए एक मंच और सुनहरा अवसर है। यह हर जोड़े के लिए अपने अनूठे बंधन को दिखाने और साथ में नई यादें बनाने का मौका है।”  सेलिब्रिटी मोटिवेशनल स्पीकर नैना मोरे ने कहा कि प्यार जीवन साथी के साथ खूबसूरत पल को बनाने का अहसास है। इस सीज़न में हम जोड़ों को हमारी प्रतियोगिता के माध्यम से उनके बीच प्यार को और निखारने का मौका देने के लिए बेहद उत्साहित हैं। “कपल नंबर 1” प्रतियोगिता विवाहित जोड़ों को अपनी सबसे आकर्षक जोड़ी तस्वीरें जमा करने के लिए आमंत्रित करती है। एक सफल चयन प्रक्रिया के माध्यम से सबसे योग्य जोड़ों की पहचान की जाएगी, जिन्हें छूट कूपन और एमडीजे शोरूम में जाने का मौका मिलेगा। इसके विजेता को अपने प्यार के साथ भव्य पुरस्कार के रूप में वियतनाम की यात्रा करने का मौका मिलेगा। इस प्रतियोगिता का ग्रैंड फिनाले 10 नवंबर को कोलकाता के फेयरफील्ड बाय मैरियट में आयोजित किया जायेगा।

बंधन बैंक ने वाहन वित्त सुविधाओं के लिए अशोक लीलैंड से मिलाया हाथ

कोलकाता । बंधन बैंक ने ग्राहकों के लिए रणनीतिक वाहन वित्तपोषण साझेदारी के लिए अग्रणी वाणिज्यिक वाहन निर्माताओं में से एक अशोक लीलैंड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता ज्ञापन बंधन बैंक और अशोक लीलैंड दोनों को अपने-अपने ग्राहक आधार को अनुकूलित वित्तीय समाधान प्रदान करने में सक्षम करेगा। बंधन बैंक के कार्यकारी निदेशक और मुख्य व्यवसाय अधिकारी श्री राजिंदर बब्बर और अशोक लेलैंड के सीएफओ श्री केएम बालाजी ने श्री संजीव कुमार, अध्यक्ष और प्रमुख-एमएचसीवी, अशोक लीलैंड की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी के तहत, बंधन बैंक अशोक लीलैंड के ग्राहकों को संपूर्ण वित्तीय समाधान प्रदान करने में सक्षम होगा। यह साझेदारी ग्राहकों की प्राथमिकताओं के अनुरूप आसान मासिक पुनर्भुगतान योजनाओं के साथ वाहन ऋण प्रदान करके ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करेगी। इस रणनीतिक विकास पर टिप्पणी करते हुए बंधन बैंक के कार्यकारी निदेशक और मुख्य व्यवसाय अधिकारी राजिंदर बब्बर ने कहा कि बंधन बैंक को अशोक लीलैंड  के साथ साझेदारी करके खुशी हो रही है, ताकि निर्बाध वाहन वित्तपोषण समाधान प्रदान किया जा सके। यह सहयोग वाणिज्यिक वाहन ग्राहकों की विविध वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हमारे समर्पण को दर्शाता है। हमें विश्वास है कि यह सहयोग हमें अपनी पहुंच बढ़ाने और वाणिज्यिक वाहन खंड में व्यवसायों के विकास का समर्थन करने के लिए अनुरूप वित्तपोषण विकल्प प्रदान करने में सक्षम बनाएगा। अशोक लीलैंड के मुख्य वित्तीय अधिकारी  केएम बालाजी ने कहा कि हम अपने ग्राहकों को आकर्षक वित्तपोषण समाधान प्रदान करने के लिए बंधन बैंक के साथ साझेदारी करके प्रसन्न हैं। यह रणनीतिक साझेदारी अशोक लीलैंड की बाजार स्थिति को मजबूत करेगी। हमारे उत्पाद, उद्योग में अग्रणी कुल स्वामित्व लागत प्रदान करते हैं, जो हमारे ग्राहकों के लिए अधिकतम लाभप्रदता सुनिश्चित करते हैं। हम असाधारण ग्राहक अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”अशोक लीलैंड के एमएंडएचसीवी अध्यक्ष श्री संजीव कुमार ने कहा, “अशोक लीलैंड में, हम अपने ग्राहकों के अनुभव को लगातार बेहतर बनाने और अधिक मूल्य प्रदान करने के लिए समर्पित हैं। बंधन बैंक और अशोक लीलैंड की संयुक्त ताकत के साथ, हमारे ग्राहकों को विशेष रूप से तैयार की गई आसान पुनर्भुगतान योजनाओं के साथ व्यापक वित्तपोषण समाधान तक पहुंच प्राप्त होगी।” बंधन बैंक लगातार अपने पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहा है ताकि एसएमई लोन, गोल्ड लोन, पर्सनल लोन और ऑटो लोन  जैसे प्रमुख क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध रहे, जिसमें कमर्शियल व्हीकल फाइनेंसिंग भी शामिल है। इसके अलावा, बैंक व्यवसायों के लिए तैयार किए गए उत्पादों की एक श्रृंखला भी प्रदान करता है, जिसमें संपत्ति के खिलाफ ऋण शामिल है, जो विविध ग्राहक आवश्यकताओं के लिए व्यापक वित्तीय समाधान सुनिश्चित करता है।

मूल्यपरक शिक्षा के प्रसार हेतु साथ आए हार्टफुलनेस और हेरिटेज 

कोलकाता । हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने 4 सितंबर को हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य छात्रों को मानवीय सिद्धांतों पर आधारित मूल्य शिक्षा प्रदान करना है, जिससे ऐसे देखभाल करने वाले मष्तिष्क का निर्माण होगा जो एक न्यायपूर्ण और मानवीय समाज का निर्माण कर सकते हैं।
इस समझौता ज्ञापन पर ऋषभ कोठारी, ट्रस्टी, हार्टफुलनेस एजुकेशन ट्रस्ट और प्रो. बसब चौधरी प्रिंसिपल, हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने कमलेश पटेल (रेव. दाजी),  एच.के. चौधरी, अध्यक्ष, हेरिटेज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस,  पी.आर. अग्रवाल, अध्यक्ष, हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और प्रदीप अग्रवाल, सीईओ, हेरिटेज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, कोलकाता की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। इससे पहले एआईसीटीई ने छात्रों के बीच भावनात्मक और मानसिक कल्याण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।
एमओयू के लागू होने पर, हार्टफुलनेस के मार्गदर्शक कमलेश पटेल (दाजी) ने कहा कि एक शांत मानसिक स्थिति और शांति लोगों को जीवन में बहुत कुछ हासिल करने में मदद कर सकती है। हार्टफुलनेस एजुकेशन ट्रस्ट, हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के तत्वावधान में अध्ययन के सभी स्थानों को सफलता के लिए उपकरण प्रदान करने के लिए हर संभव तरीके से समर्थन करेगा।”ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, कोलकाता के अध्यक्ष एच.के. चौधरी ने कहा कि “हार्टफुलनेस एजुकेशन ट्रस्ट शिक्षा को एक नया अर्थ दे रहा है और हम वास्तव में शैक्षणिक प्रगति का स्वागत करते हैं।
हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कोलकाता के अध्यक्ष पी.आर. अग्रवाल ने कहा। कि ‘यह एमओयू छात्रों को जीवन में बेहतर इंसान बनने के लिए मूल्य शिक्षा सीखने का अवसर देगा। यह जीवन के लिए शिक्षा है जो सबसे ज्यादा मायने रखती है।” कोलकाता के हेरिटेज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के सीईओ पी. के. अग्रवाल ने कहा कि “छात्रों के बीच मूल्य शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट के साथ काम करना हमारे लिए एक शानदार अवसर है। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद उसी दिन हेरिटेज परिसर में हार्टफुलनेस संस्थान द्वारा सामूहिक ध्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें बंगाल और उत्तरी भारत से 1100 से अधिक लोग शामिल हुए। सामूहिक ध्यान कार्यक्रम में हेरिटेज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के ट्रस्टी सज्जन भजनका, एच.पी. बुधिया, सुरेश चंद बंसल, संदीप शाह, विकास अग्रवाल, मधु दूगड़ और अन्य लोग भी शामिल हुए। इसके अलावा हेरिटेज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के छात्र, अभिभावक, शुभचिंतक, पूर्व छात्र, संकाय सदस्य और कर्मचारी भी ध्यान कार्यक्रम में शामिल हुए । कार्यक्रम की शुरुआत सन्मार्ग समूह की अध्यक्ष सुश्री रुचिका गुप्ता द्वारा दाजी के साथ वार्तालाप के साथ हुई यह भावनात्मक लचीलापन बनाने में मदद करता है और इसलिए काम पर बेहतर प्रदर्शन करता है। हम अपने विवेक और समझ को बेहतर बनाते हैं, जिससे हम व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों तरह से बेहतर निर्णय ले पाते हैं।” कार्यक्रम के बाद, सभी दर्शक उत्साहित हो गए। कार्यक्रम ने उन्हें आंतरिक शांति को समझने और महसूस करने में मदद की।

राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किए गए हैकाथॉन 2024 के विजेता हेरिटेज के विद्यार्थी

कोलकाता । इसरो द्वारा हैक2स्किल के सहयोग से पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय अंतरिक्ष हैकाथॉन के नाम से 30 घंटे का हैकाथॉन आयोजित किया गया, जिसमें आईआईटी और एनआईटी सहित भारत भर के विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से 3062 पंजीकरण प्राप्त हुए। ग्रैंड फिनाले के लिए केवल शीर्ष 30 टीमों का चयन किया गया, जो 13-14 अगस्त, 2024 को राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर, हैदराबाद में हुआ। ग्रांड फिनाले राउंड में, छात्रों को एक समस्या कथन दिया गया था, जो था ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग तकनीकों का उपयोग करके ऑर्बिटर हाई रेजोल्यूशन कैमरे से क्रेटर और बोल्डर का स्वचालित पता लगाना।’ हैकथॉन के परिणाम घोषित किए गए और यह बताते हुए गर्व की बात है कि हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के छात्रों की टीम ल्यूसीन जिसमें बी.टेक- इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग, अंतिम वर्ष से संबित मलिक, स्निग्धा पॉल, बी.टेक- इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग, अंतिम वर्ष, चित्रदीप साहा, बी.टेक- इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग, अंतिम वर्ष और ऐशिक पॉल, बी.टेक- इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग, तृतीय वर्ष शामिल थे, ने रनर-अप स्थान हासिल किया। टीम को हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कोलकाता के इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अनिंद्य सेन और डॉ. सौम्यो चटर्जी द्वारा मार्गदर्शन दिया गया है।

धर्मदेव सिंह की दो कविताएं

सबूत 
क्या मैं हत्यारा हूँ ?
क्या मैं बलात्कारी हूँ ?
क्या मैं अपहर्ता हूँ ?
अगर हूँ
तो सबूत दो।
क्या मैं गुंडा हूँ ?
क्या मैं ड्रग माफिया हूँ ?
क्या मैं कोयला माफिया हूँ ?
क्या मैं चोर हूँ ?
अगर हूँ
तो सबूत दो ।
क्या मैं भ्रष्टाचारी हूँ
क्या मैं अत्याचारी हूँ
क्या मैं रिश्वतखोर हूँ
अगर हूँ
तो सबूत दो।
मुझे बदनाम करने के लिए
चौराहे पर
माइक ले
 मत चिल्लाओ
 तुम अदालत जाओ
और वहाँ
मेरे अपराध विरुद्ध
सबूत दो
यदि अपराध करते हुए
 मुझे तुमने देखा है तो ।
जान लो
मैं साधारण  आदमी नहीं हूँ
 बहुत प्रभावशाली हूँ
 मेरा बाल बाँका नहीं कर सकते हो तुम
 मिलने ही नहीं दूँगा
तुम्हें एक भी सबूत।
………………..
मैं आरजीकर से बोल रही हूँ 
हेलो हेलो
हेलो
कौन?
मैं एक महिला डॉक्टर
आरजीकर अस्पताल से बोल रही हूँ
आप कौन हैं?
मैं एक सी बी आई अधिकारी हूँ।
अच्छा, नमस्कार सर!
क्या आप मेरी हत्या की
यहाँ जाँच कर रहे हैं?
जी, हाँ!
ठीक है सर, कीजिए
और मेरे हत्यारों को पकड़िये
आप पर मुझे भरोसा है।
किंतु अस्पताल तो
बोल रहा है कि
तुमने आत्महत्या की है?
नहीं सर
मैंने आत्महत्या नहीं की है
इसी में कुछ लोगों ने
साजिश कर
पहले मुझसे दुष्कर्म किया
फिर मेरी हत्या कर दी ।
सर ,ये लोग प्रभावशाली हैं
अपने बचाव खातिर
सब सबूत मिटा
मेरी हत्या को
आत्महत्या कह रहे हैं ।
मैं कसम खा बोल रही सर
कि मैंने आत्महत्या नहीं की है
 पोस्टमार्टम भी मेरा
गलत हुआ है।
अच्छा ,
मैं तुम्हें विश्वास देता हूँ
कि जाँच सही करूँगा
और तुम्हारे हत्यारों को
अदालत में खींचकर
उन्हें मौत की सजा दिलवाऊँगा
थोड़ा इंतजार करो ।
ठीक है सर
अगर मुझे आप
कोर्ट में भी ले चलेंगे
तो वहाँ भी आपके साथ चलूँगी मैं
और विचारपति को
अपने शरीर के ऊपर भीतर की
चोटों के निशानों को दिखा
बताऊँगी कि
हुजूर!मैंने आत्महत्या नहीं की है
मेरी हत्या की गई है।
जबतक मुझे आप
न्याय नहीं देंगे
तबतक हुजूर
आरजीकर से लेकर
न्यायालय तक
चक्कर लगाती रहूँगी ।
जिस दिन अपने हत्यारों को
फांसी पर तार सदृश
झूलता देख लूँगी
उसी दिन हुजूर
शाँति मन
यमराज के घर चली जाऊँगी ।

अर्चना संस्था की मासिक काव्य गोष्ठी संपन्न 

कोलकाता ।  अर्चना संस्था की मासिक काव्य गोष्ठी अति सुंदर रही। इन्दु चांडक के संयोजन में सदा की तरह अनूठी रही। स्वतंत्रता दिवस से लेकर रक्षाबंधन तथा अन्य विषयों पर कविता और रचनाओं की प्रस्तुति दी गई। नील गगन से बातें करता, ध्वज तिरंगा प्यारा है।गाथा गाएँ मिलकर सारे, हिन्दुस्तान हमारा है।।१) मॉं भारती रही पुकार (स्वतन्त्रता दिवस सम्बन्धी२)है चिन्तन की दरकार (जीवन की विसंगतियों पर),कुण्डलिया-1.झंडे  सुन ले तू व्यथा, मेरे मन की आज।हालत देख समाज की, आती मुझको लाज।।1।।जलधर बरसो अब धरा, हरो सभी की पीर।व्याकुल सारे जीव हैं, माँग रहे हैं नीर।।2।।हिम्मत चोरड़िया प्रज्ञा ने कविताएँ  पढ़ी । गोष्ठी में बारिश की बूंदो के साथ रक्षाबंधन, श्रावण मास और स्वाधीनता दिवस सभी त्योहारों पर बहुत सुंदर रचनाएं सुनाई गई।
 1)हाइकु-रक्षा बंधन पर/कचहरी में   /रक्षा बंधन रंग फाइलों  संग 2)माहिया बरसात पर /बरखा भू पर आयी /दोनों सखियों  ने मिलकर कजरी गायी,राष्ट्रीय  गीत-‘पन्द्रह  अगस्त  का मतलब केवल झण्डा  नहीं  फहराना है, वीर शहीदों  की गाथायें  फिर से हमें  दोहराना है!सुशीला चनानी ने रचनाएं प्रस्तुत की।माहिया छंद धरती गुलशन गुलशन ,ओ सावन राजा ,हर दिल की तू धड़कन।माथे पर सूरज की बिंदियासजे,मांग में करने का सिंदूर सजे,कब आओगे इस पथ से तुम,बैठी हूं नैनों में दीपक लिए,स्वाधीनता दिवस पर आओ बंधु,एक लगाए नारा,भारत देश हमारा भारत विश्व से न्यारा मृदुला कोठारी,ये बारिश का पानी,दिल करना चाहे,थोड़ी सी मनमानी, दरवाजा जो खोला ,दिल तो कांप उठा,मन पीड़ा से डोला ।रात देवों के देव महादेव, देखती देखती सो गई। संगीता चौधरी ने सुनाया।माथे पर सूरज की बिंदियासजे,मांग में करने का सिंदूर सजे,कब आओगे इस पथ से तुम,बैठी हूं नैनों में दीपक लिए,स्वाधीनता दिवस पर आओ बंधु,एक लगाए नारा भारत देश हमारा भारत विश्व से न्यारा -मृदुला कोठारी ने कविताएँ पढ़ी ।१) मॉं भारती रही पुकार (स्वतन्त्रता दिवस सम्बन्धी २)है चिन्तन की दरकार (जीवन की विसंगतियों पर)मालू जी ने सुनाया। डॉ वसुंधरा मिश्र ने अपनी रचना में रक्षा बंधन पर पर जब कई हाथ जुड़ जाते हैं,छोटा-सा यह कच्चा धागा भी , प्रेम पवित्र पथ बन जाता है  रक्षा और सुरक्षा का हिमालय बन जाता है और देश की वीरांगना  के नाम, ए देश की वीरांगना तुझको मेरा सलाम,तुझको मेरा प्रणाम, तेरे ही कारण विश्व में भारतवर्ष का है नाम… स्वाधीन भारत की कहानी थी अधूरी तुम्हारे बिना सुनाया। इंदू चांडक ने गीत – झिरमिर बरसै ए महारै आँगणिए रिमझोल मचावै प्यारी बिरखा राणी ए, हमेशा की तरह  संचालन करते हुए अपना गीत सुनाया। डॉ वसुंधरा मिश्र ने बताया कि अर्चना संस्था के सभी सदस्य अपनी स्वरचित रचनाएँ ही सुनाते हैं जो इस संस्था की विशेषता है।

सुचेता कृपलानी को दी गई श्रद्धांजलि 

कोलकाता ।  भवानीपुर एजुकेशन सोसायटी कॉलेज ने 78वें स्वाधीनता दिवस पर देश की प्रथम महिला मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी को श्रद्धांजलि दी। ध्वजारोहण किया कॉलेज के अध्यक्ष डॉ रजनीकांत दानी ,डायरेक्टर जनरल डॉक्टर सुमन मुखर्जी, उपाध्यक्ष मीराज डी शाह, रेक्टर और डीन प्रोफेसर दिलीप शाह, रेणुका भट्ट, नलिनी पारेख,उमेश ठक्कर, बुलबुल भाई, जीतू भाई शाह,सोहिला भाटिया, डॉ पिंकी साहा सरदार आदि गणमान्य पदाधिकारियों ने।इस अवसर पर भवानीपुर स्कूल के बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। ‘एमपावरिंग फ्यूचर लीडर्स’ पुस्तक का लोकार्पण डॉ सुमन मुखर्जी और मैनेजमेंट के पदाधिकारियों ने किया । खेल के विभिन्न खिलाड़ियों को और एनसीसी कैडेट्स के साथ किक बॉक्सिंग चैंपियन्स को ट्राफी प्रदान की गई जिसमें शिक्षक ,शिक्षिकाओं और विद्यार्थी शामिल रहे। प्रोफेसर मीनाक्षी चतुर्वेदी ने स्वतंत्रता दिवस पर प्रश्न किए। सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों को नाश्ते के डिब्बे दिए गए। डॉ वसुंधरा मिश्र ने बताया कि स्वाधीनता दिवस पर सर्वश्रेष्ठ वेशभूषा को भी सम्मानित किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नृत्य,गीत और सुचेता कृपलानी की नाट्य प्रस्तुति दी गई।

……………

 

बीईएससी की एनएसएस इकाई ने मनाया रक्षाबंधन
कोलकाता । बीईएससी (भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज) की एनएसएस इकाई ने 19.08.2024 को रासबिहारी फुटपाथ और फोरम मॉल के पास अपने भाइयों और बहनों को राखी बांधकर रक्षाबंधन मनाया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य वंचित बच्चों के बीच खुशी और उत्सव फैलाना था, जिन्हें अक्सर समारोहों के दौरान नजरअंदाज कर दिया जाता है। बच्चे नई राखियाँ, मिठाइयाँ, चॉकलेट और जूस पाकर रोमांचित थे और स्वयंसेवक उनके चेहरों पर मुस्कान देखकर खुश थे। डॉ वसुंधरा मिश्र ने बताया कि भवानीपुर एजुकेशन सोसायटी कॉलेज की एन एस एस टीम निरंतर सामाजिक कार्यौं में सक्रिय भूमिका निभा रही है।

भवानीपुर कॉलेज में नए दाखिल विद्यार्थियों दि पर्पल पैच ओरिएंटेशन 2024 संपन्न

कोलकाता ।  भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज में नए दाखिला लिए विद्यार्थियों को कॉलेज की विभिन्न गतिविधियों और कलेक्टिव्स के विषय में जानकारी दी गई। सीनियर विद्यार्थियों ने अपने जूनियर विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए उन्हें अपने परिवार में शामिल किया गया। रेक्टर और डीन प्रोफेसर दिलीप शाह ने स्वागत वक्तव्य में कहा कि यहां कक्षा से इतर आप अपनी रुचि और प्रतिभा को पहचान दे सकते हैं।
इस वर्ष, भवानीपुर एजुकेशन सोसायटी कॉलेज ने” ” में कदम रखा है जो विद्यार्थियों के लिए अद्वितीय सफलता और खोज का समय है। कॉलेज में अवसरों, दोस्ती, सीखने, विकास, चुनौतियों, यादों, विविधता, मनोरंजन, आत्म-खोज, अनुभव, रोमांच और व्यक्तिगत विकास की दुनिया का अन्वेषण करने का समय है।
पर्पल पैच से जुड़ें क्योंकि हम ऐसी यादें बनाते हैं जो जीवन भर याद रहेंगी।
अट्ठारह कलेक्टिव ही वे विषय हैं जो किसी विशिष्ट प्रतिभा संपन्न विद्यार्थी को उसके चयनित विषय को आगे बढ़ाने में सहायक बनते हैं। इस ओरिएंटेशन प्रोग्राम की थीम द पर्पल पैच ओरिएंटेशन 2024 रखा गया। सिर्फ कक्षा तक की शिक्षा पर्याप्त नहीं होती बल्कि समय की मांग के अनुसार कोर्सेज सीख सकते हैं। यही पर्पल पैचैज हैं, जो शिक्षा में कई विंडों खोल सकते हैं, आगे बढ़ने के प्रतीक हैं जिन्हें आप स्वयं प्राप्त कर सकते हैं।नये दाखिला लिए विद्यार्थियों के स्वागत में फ्लेम और क्रिसेंडो कलेक्टिव ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए और कॉलेज का भ्रमण करवाया गया। कॉलेज की परंपराओं से रूबरू करवाया गया। प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी ने प्लेसमेंट के विषय में विस्तार से जानकारी दी। प्रो दर्शना त्रिवेदी ने विभिन्न कोर्सेज का परिचय दिया और क्यू आर से किस प्रकार अपने विषयों का चयन करना है ,विस्तार से बताया। सभी कलेक्टिव के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने कलेक्टिव के उद्देश्य और गतिविधियों को समझाया।
ग्रुप ए में आर्ट एंड मी, इनएक्ट, फ्लेम्स, क्रिसेंडो, फैशनिस्टा स्टार ग्रुप बी में इकोनॉमिक, स्टूडेंट शेयर स्किल, सेल्यूलाइड, एक्सप्रेशन, बीईएसटी, ग्रुप सी में सेतु, क्विजार्ड, बीईएससी ए ओ एन, वॉक्स पॉपुली, बुल्स आई, ग्रुप डी में एनएसएस,नेशनल सर्विस स्कीम, एनसीसी, नेशनल कैडेट कॉर्पस्, पावर आवर हैं। प्रत्येक ग्रुप से एक ही में रजिस्ट्रेशन हो सकता है। क्यू आर से अॉन-लाइन पर सभी विद्यार्थियों ने फार्म भरा और कॉलेज को ईमेल किया।
कैरियर कनेक्ट में 11 अल्प अवधि कोर्सेज है जिसमें ए सी सी ए( एसोसिएशन अॉफ चार्टर्ड सर्टिफाइड एसोसिएशंस), डायनामिक अॉफ कैपिटल मार्केट की 12 क्लासेस, डिजिटल मार्केटिंग 3 महीने, वर्किंग विद जीएसटी 15 क्लासेस, एमएस ऑफिस वर्कशॉप 15 क्लासेस, गूगल वर्क स्पेस 15 क्लासेस, टैली प्राइम 15 क्लासेस, पब्लिक स्पीकिंग 15 क्लासेस, फास्ट्रेक जीके बूस्टर 15 क्लासेस, क्वेस्ट फॉर क्वांट्स 15 क्लासेस, कॉरपोरेट कम्युनिकेशन 3 महीने, कैम्पस में खेल के लिए एथलेटिक मीट बॉयज और गर्ल्स के साथ बैडमिंटन, बास्केटबॉल, बॉक्सिंग, चेस, क्रिकेट, जिमनास्टिक, हैंडबॉल, दोनों के लिए है। प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी ने करियर कनेक्ट और प्लेसमेंट के विषय पर अपनी बात रखी।कक्षाओं में नियमित रूप से कक्षाएं होती हैं लेकिन कुछ अलग से करने के लिए एक पद्धति है जो कलेक्टिव में काम करती हैं।
डॉ वसुंधरा मिश्र ने बताया कि भवानीपुर एजुकेशन सोसायटी कॉलेज में ओरिएंटेशन 24 का कार्यक्रम चौदह चरणों में किया गया जिसमें बीए बीकॉम बीएससी के विभिन्न विभागों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। ओरिएंटेशन 24 कार्यक्रम विद्यार्थियों द्वारा आयोजित किया गया जिसमें संचालन, संयोजन, रिपोर्ट, फोटोग्राफी ,व्यवस्था, सभागार सज्जा आदि विभिन्न स्तरों की गतिविधियां शामिल रहीं।

भगवान श्रीकृष्ण की ‘बेट द्वारका’ का होगा विश्वस्तरीय कायाकल्प

– तीन चरणों में होगा विकास, पहले चरण के लिए 150 करोड़ आवंटित
– गुजरात पर्यटन निगम ने बनाया विकास का मास्टर प्लान
द्वारका । बेट द्वारका में ‘सुदर्शन सेतु’ के निर्माण के बाद यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसी तरह तीर्थस्थल और आस्था के साथ पौराणिक महत्व रखने वाले भगवान श्रीकृष्ण की ‘बेट द्वारका’ के विश्व स्तरीय कायाकल्प के लिए पर्यटन मंत्री मूलुभाई बेड़ा के मार्गदर्शन में गुजरात पर्यटन निगम ने मास्टर प्लान तैयार किया है। इस प्लान के तहत तीन चरणों में मंदिर परिसर, बीच और उसके आसपास के क्षेत्रों का विकास किया जाएगा। इसके पहले चरण के लिए राज्य सरकार ने 150 करोड़ रुपये की बड़ी राशि आवंटित की है। गुजरात पर्यटन निगम के अनुसार इस द्वीप के पहले चरण के विकास के लिए राज्य सरकार ने 150 करोड़ रुपये की बड़ी राशि आवंटित की गई है, जिसकी टेंडरिंग प्रक्रिया वर्तमान में चल रही है। आने वाले समय में इस द्वीप के फेज-2 और 3 के विकास कार्य शुरू किए जाएंगे। पर्यटन निगम की एक रिपोर्ट के अनुसार बेट द्वारका विकास परियोजना के फेज-1 में द्वारकाधीशजी मंदिर का विकास, सड़क सुंदरीकरण, हेरिटेज स्ट्रीट का विकास, शंखनारायण मंदिर और तालाब का विकास, नॉर्थ बीच विकास, सार्वजनिक बीच, पर्यटक विजिटर सेंटर और हाट बाजार और हिल्लॉक पार्क के साथ व्यूइंग डेक का निर्माण किया जाएगा।
फेज-2 व 3 के तहत किए जाने वाले विकास कार्य – बेट द्वारका पुनर्विकास परियोजना के फेज-2 में दांडी हनुमान मंदिर और बीच विकास, अभय माता मंदिर और सनसेट पार्क, नेचर और मरीन इंटरप्रिटेशन सेंटर, स्किल डेवलपमेंट सेंटर, कम्युनिटी लेक विकास और रोड एवं साइन का निर्माण किया जाएगा। इसी तरह बेट द्वारका विकास परियोजना के फेज-3 में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम, कम्युनिटी लेक विकास और लेक अराइवल प्लाजा तैयार किया जाएगा। भविष्य में यात्री सुविधाओं के लिए बीच से मंदिर तक शटल सेवा, ई-वाहन, डॉल्फिन देखने के लिए फेरी सेवा, ऑडियो-विजुअल प्रदर्शन, स्किल डेवलपमेंट और गाइड ट्रेनिंग आदि सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
बेट द्वारका द्वीप विकास के फेज-1 के मुख्य आकर्षण – मंदिर परिसर और उसके आसपास के क्षेत्रों का विकास बेट द्वारका विकास के मास्टर प्लान के अनुसार किया जाएगा। मंदिर परिसर में यात्रियों की सुविधा के लिए चार दिशाओं में प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। जिसमें सुदामा सेतु से बेट द्वारका गांव की ओर जाने वाली सड़क, समुद्री मार्ग से मुख्य प्रवेश द्वार तक का रास्ता बनाया जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मंदिर में भीड़ न हो इसके लिए पुरुष और महिलाओं की दर्शन लाइनें अलग-अलग बनाई जाएंगी और दिव्यांगों को कोई असुविधा न हो इसके लिए इस मास्टर प्लान को डिज़ाइन किया गया है। मंदिर परिसर में यात्रियों को सूचित करने के लिए साइन बोर्ड, पानी के हौज, कचरा पेटी और बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था होगी। यात्रियों की यात्रा को यादगार बनाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण के जीवन की घटनाओं के चित्र या मूर्तियों का प्रदर्शन करने की भी योजना बनाई गई है।
नॉर्थ-पद्म बीच पर विकसित हाेंगी सुविधाएं – बेट द्वारका का यह नॉर्थ बीच सर्दियों के मौसम में ‘डॉल्फिन’ देखने के लिए प्रसिद्ध है। यहां एक अनोखा ‘पद्म’ नामक शंख मिलता है, इसलिए इस बीच को ‘पद्म बीच’ भी कहा जाता है। मास्टर प्लान के अनुसार इस बीच पर पार्किंग, खाने-पीने के स्टॉल, बच्चों के खेल उपकरण, बैठने की सुविधा और टॉयलेट जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इस नॉर्थ बीच पर पर्यटक मनोरंजन और सूर्यास्त का शानदार दृश्य का आनंद ले सकेंगे।
पर्यटक विजिटर सेंटर – बेट द्वारका विकास योजना के अनुसार यहां पर्यटक विजिटर सेंटर वर्तमान में सुदामा सेतु से मंदिर परिसर जाने के रास्ते में बनाया जाएगा। जिसमें मंदिर की ऐतिहासिक जानकारी व विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी जाएगी। इतना ही नहीं यहां वेटिंग एरिया, टॉयलेट्स, लॉकर सुविधा, गुजराती फूड का आनंद लेने के लिए एक रेस्टोरेंट और हाट बाजार भी बनाए जाएंगे।
हेरिटेज स्ट्रीट विकास – मास्टर प्लान में बेट द्वारका में कई ऐतिहासिक मंदिरों को जोड़ने वाली हेरिटेज स्ट्रीट में मुख्य रूप से द्वारकाधीश मंदिर, शंखनारायण मंदिर और हनुमान दांडी मंदिर को शामिल किया गया है। इन मंदिरों को जोड़ने वाले रास्तों को ‘हेरिटेज’ थीम पर विकसित किया जाएगा। इस स्ट्रीट में भित्तिचित्र, म्यूरल, चबूतरा, लैंडस्केपिंग, लाइट और बैठने की सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
हिल्लॉक पार्क पर देख सकेंगे सूर्योदय – यहां से यात्री ‘सूर्योदय और सूर्यास्त’ का शानदार दृश्य देख सकेंगे। मास्टर प्लान के अनुसार, इस स्थान को ‘पब्लिक पार्क’ के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां से सुदामा सेतु का शानदार दृश्य देखने को मिलेगा। इस पार्क में भी खाने-पीने के स्टॉल, विशेष लैंडस्केप, बोर्डवॉक, वॉकवे और कॉमन टॉयलेट जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

57 वर्षीय शख्स ने घर-बार बेचकर 500 अनाथ बच्चों को पढ़ाया

अब 183 बने वकील और इंजीनियर
नयी दिल्ली । 57 वर्षीय बलराम करण 500 अनाथ बच्चों के लिए माता-पिता की भूमिका निभा रहे हैं। पिछले 30 वर्षों से वे इन बच्चों की देखभाल कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने अपनी दुकान, घर और जमीन तक बेच दी। पैसे की कमी होने पर उन्होंने गांव-गांव जाकर लोगों से मदद भी मांगी। आज इनमें से 183 बच्चे आत्मनिर्भर हो चुके हैं। कुछ इंजीनियर बने हैं, कुछ वकील और कुछ नर्स हैं। बलराम करण की यह प्रेरणादायक कहानी 1995 से शुरू हुई, जब 27 साल की उम्र में उन्होंने पहला अनाथ बच्चा अपने घर लाया। 2004 में जर्मनी में रहने वाले प्रवासी बंगाली विमल राय ने अनाथ बच्चों के लिए अपनी मां, पिता और बहन के नाम पर 50 लाख रुपए की मदद दी और 3 इमारतें बनवाने के लिए कहा। अब 20 बीघा जमीन पर पूरा आश्रम है। यहां रहने वाले बच्चे अब आश्रम के लिए दान भी भेजते हैं। इसके अलावा बीरभूम और बर्दवान में भी उनके आश्रम स्थापित हैं। बलराम करण बताते हैं कि एक दिन जब वे कहीं जा रहे थे, उन्होंने देखा कि 2-3 साल का बच्चा कूड़ेदान से खाना निकालकर खा रहा था। यह देखकर वे बहुत प्रभावित हुए और उसे अपने घर ले आए। उनकी पहले से ही 3 बेटियां और एक बेटा था और गुजारा मुश्किल से होता था, फिर भी वे जहां भी अनाथ बच्चा देखते उसे अपने घर ले आते। बलराम ने तस्करी की शिकार गर्भवती युवती को भी अपनी बहू बनाया। वे बताते हैं कि उस युवती को अपने बच्चे के स्कूल में भर्ती करवाने के लिए पिता का नाम चाहिए था। इसलिए उन्होंने अपने बेटे के साथ 2020 में उसकी शादी करवा दी। आज उसका पोता छह साल का हो चुका है। बलराम ने आश्रम में पली 49 युवतियों का कन्यादान पिता की तरह किया है। यह आश्रम ही उनके लिए मायका बन गया है। बिहार की रहने वाली शीतल और राधी यादव, जो 4 और 3 साल की उम्र से यहां रह रही हैं, अब सफल हो चुकी हैं। शीतल की छोटी बहन कलकत्ता हाईकोर्ट में वकालत कर रही है, जबकि शीतल को कोलकाता के आरएन टैगोर अस्पताल में नौकरी मिली है।