आरम्भ हुआ एमडीजे “कपल नं 1” के सीजन 3
बंधन बैंक ने वाहन वित्त सुविधाओं के लिए अशोक लीलैंड से मिलाया हाथ
मूल्यपरक शिक्षा के प्रसार हेतु साथ आए हार्टफुलनेस और हेरिटेज
राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किए गए हैकाथॉन 2024 के विजेता हेरिटेज के विद्यार्थी
धर्मदेव सिंह की दो कविताएं
अर्चना संस्था की मासिक काव्य गोष्ठी संपन्न
सुचेता कृपलानी को दी गई श्रद्धांजलि
कोलकाता । भवानीपुर एजुकेशन सोसायटी कॉलेज ने 78वें स्वाधीनता दिवस पर देश की प्रथम महिला मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी को श्रद्धांजलि दी। ध्वजारोहण किया कॉलेज के अध्यक्ष डॉ रजनीकांत दानी ,डायरेक्टर जनरल डॉक्टर सुमन मुखर्जी, उपाध्यक्ष मीराज डी शाह, रेक्टर और डीन प्रोफेसर दिलीप शाह, रेणुका भट्ट, नलिनी पारेख,उमेश ठक्कर, बुलबुल भाई, जीतू भाई शाह,सोहिला भाटिया, डॉ पिंकी साहा सरदार आदि गणमान्य पदाधिकारियों ने।इस अवसर पर भवानीपुर स्कूल के बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। ‘एमपावरिंग फ्यूचर लीडर्स’ पुस्तक का लोकार्पण डॉ सुमन मुखर्जी और मैनेजमेंट के पदाधिकारियों ने किया । खेल के विभिन्न खिलाड़ियों को और एनसीसी कैडेट्स के साथ किक बॉक्सिंग चैंपियन्स को ट्राफी प्रदान की गई जिसमें शिक्षक ,शिक्षिकाओं और विद्यार्थी शामिल रहे। प्रोफेसर मीनाक्षी चतुर्वेदी ने स्वतंत्रता दिवस पर प्रश्न किए। सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों को नाश्ते के डिब्बे दिए गए। डॉ वसुंधरा मिश्र ने बताया कि स्वाधीनता दिवस पर सर्वश्रेष्ठ वेशभूषा को भी सम्मानित किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नृत्य,गीत और सुचेता कृपलानी की नाट्य प्रस्तुति दी गई।
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भवानीपुर कॉलेज में नए दाखिल विद्यार्थियों दि पर्पल पैच ओरिएंटेशन 2024 संपन्न
कोलकाता । भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज में नए दाखिला लिए विद्यार्थियों को कॉलेज की विभिन्न गतिविधियों और कलेक्टिव्स के विषय में जानकारी दी गई। सीनियर विद्यार्थियों ने अपने जूनियर विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए उन्हें अपने परिवार में शामिल किया गया। रेक्टर और डीन प्रोफेसर दिलीप शाह ने स्वागत वक्तव्य में कहा कि यहां कक्षा से इतर आप अपनी रुचि और प्रतिभा को पहचान दे सकते हैं।
इस वर्ष, भवानीपुर एजुकेशन सोसायटी कॉलेज ने” ” में कदम रखा है जो विद्यार्थियों के लिए अद्वितीय सफलता और खोज का समय है। कॉलेज में अवसरों, दोस्ती, सीखने, विकास, चुनौतियों, यादों, विविधता, मनोरंजन, आत्म-खोज, अनुभव, रोमांच और व्यक्तिगत विकास की दुनिया का अन्वेषण करने का समय है।
पर्पल पैच से जुड़ें क्योंकि हम ऐसी यादें बनाते हैं जो जीवन भर याद रहेंगी।
अट्ठारह कलेक्टिव ही वे विषय हैं जो किसी विशिष्ट प्रतिभा संपन्न विद्यार्थी को उसके चयनित विषय को आगे बढ़ाने में सहायक बनते हैं। इस ओरिएंटेशन प्रोग्राम की थीम द पर्पल पैच ओरिएंटेशन 2024 रखा गया। सिर्फ कक्षा तक की शिक्षा पर्याप्त नहीं होती बल्कि समय की मांग के अनुसार कोर्सेज सीख सकते हैं। यही पर्पल पैचैज हैं, जो शिक्षा में कई विंडों खोल सकते हैं, आगे बढ़ने के प्रतीक हैं जिन्हें आप स्वयं प्राप्त कर सकते हैं।नये दाखिला लिए विद्यार्थियों के स्वागत में फ्लेम और क्रिसेंडो कलेक्टिव ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए और कॉलेज का भ्रमण करवाया गया। कॉलेज की परंपराओं से रूबरू करवाया गया। प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी ने प्लेसमेंट के विषय में विस्तार से जानकारी दी। प्रो दर्शना त्रिवेदी ने विभिन्न कोर्सेज का परिचय दिया और क्यू आर से किस प्रकार अपने विषयों का चयन करना है ,विस्तार से बताया। सभी कलेक्टिव के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने कलेक्टिव के उद्देश्य और गतिविधियों को समझाया।
ग्रुप ए में आर्ट एंड मी, इनएक्ट, फ्लेम्स, क्रिसेंडो, फैशनिस्टा स्टार ग्रुप बी में इकोनॉमिक, स्टूडेंट शेयर स्किल, सेल्यूलाइड, एक्सप्रेशन, बीईएसटी, ग्रुप सी में सेतु, क्विजार्ड, बीईएससी ए ओ एन, वॉक्स पॉपुली, बुल्स आई, ग्रुप डी में एनएसएस,नेशनल सर्विस स्कीम, एनसीसी, नेशनल कैडेट कॉर्पस्, पावर आवर हैं। प्रत्येक ग्रुप से एक ही में रजिस्ट्रेशन हो सकता है। क्यू आर से अॉन-लाइन पर सभी विद्यार्थियों ने फार्म भरा और कॉलेज को ईमेल किया।
कैरियर कनेक्ट में 11 अल्प अवधि कोर्सेज है जिसमें ए सी सी ए( एसोसिएशन अॉफ चार्टर्ड सर्टिफाइड एसोसिएशंस), डायनामिक अॉफ कैपिटल मार्केट की 12 क्लासेस, डिजिटल मार्केटिंग 3 महीने, वर्किंग विद जीएसटी 15 क्लासेस, एमएस ऑफिस वर्कशॉप 15 क्लासेस, गूगल वर्क स्पेस 15 क्लासेस, टैली प्राइम 15 क्लासेस, पब्लिक स्पीकिंग 15 क्लासेस, फास्ट्रेक जीके बूस्टर 15 क्लासेस, क्वेस्ट फॉर क्वांट्स 15 क्लासेस, कॉरपोरेट कम्युनिकेशन 3 महीने, कैम्पस में खेल के लिए एथलेटिक मीट बॉयज और गर्ल्स के साथ बैडमिंटन, बास्केटबॉल, बॉक्सिंग, चेस, क्रिकेट, जिमनास्टिक, हैंडबॉल, दोनों के लिए है। प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी ने करियर कनेक्ट और प्लेसमेंट के विषय पर अपनी बात रखी।कक्षाओं में नियमित रूप से कक्षाएं होती हैं लेकिन कुछ अलग से करने के लिए एक पद्धति है जो कलेक्टिव में काम करती हैं।
डॉ वसुंधरा मिश्र ने बताया कि भवानीपुर एजुकेशन सोसायटी कॉलेज में ओरिएंटेशन 24 का कार्यक्रम चौदह चरणों में किया गया जिसमें बीए बीकॉम बीएससी के विभिन्न विभागों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। ओरिएंटेशन 24 कार्यक्रम विद्यार्थियों द्वारा आयोजित किया गया जिसमें संचालन, संयोजन, रिपोर्ट, फोटोग्राफी ,व्यवस्था, सभागार सज्जा आदि विभिन्न स्तरों की गतिविधियां शामिल रहीं।
भगवान श्रीकृष्ण की ‘बेट द्वारका’ का होगा विश्वस्तरीय कायाकल्प
57 वर्षीय शख्स ने घर-बार बेचकर 500 अनाथ बच्चों को पढ़ाया
अब 183 बने वकील और इंजीनियर
नयी दिल्ली । 57 वर्षीय बलराम करण 500 अनाथ बच्चों के लिए माता-पिता की भूमिका निभा रहे हैं। पिछले 30 वर्षों से वे इन बच्चों की देखभाल कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने अपनी दुकान, घर और जमीन तक बेच दी। पैसे की कमी होने पर उन्होंने गांव-गांव जाकर लोगों से मदद भी मांगी। आज इनमें से 183 बच्चे आत्मनिर्भर हो चुके हैं। कुछ इंजीनियर बने हैं, कुछ वकील और कुछ नर्स हैं। बलराम करण की यह प्रेरणादायक कहानी 1995 से शुरू हुई, जब 27 साल की उम्र में उन्होंने पहला अनाथ बच्चा अपने घर लाया। 2004 में जर्मनी में रहने वाले प्रवासी बंगाली विमल राय ने अनाथ बच्चों के लिए अपनी मां, पिता और बहन के नाम पर 50 लाख रुपए की मदद दी और 3 इमारतें बनवाने के लिए कहा। अब 20 बीघा जमीन पर पूरा आश्रम है। यहां रहने वाले बच्चे अब आश्रम के लिए दान भी भेजते हैं। इसके अलावा बीरभूम और बर्दवान में भी उनके आश्रम स्थापित हैं। बलराम करण बताते हैं कि एक दिन जब वे कहीं जा रहे थे, उन्होंने देखा कि 2-3 साल का बच्चा कूड़ेदान से खाना निकालकर खा रहा था। यह देखकर वे बहुत प्रभावित हुए और उसे अपने घर ले आए। उनकी पहले से ही 3 बेटियां और एक बेटा था और गुजारा मुश्किल से होता था, फिर भी वे जहां भी अनाथ बच्चा देखते उसे अपने घर ले आते। बलराम ने तस्करी की शिकार गर्भवती युवती को भी अपनी बहू बनाया। वे बताते हैं कि उस युवती को अपने बच्चे के स्कूल में भर्ती करवाने के लिए पिता का नाम चाहिए था। इसलिए उन्होंने अपने बेटे के साथ 2020 में उसकी शादी करवा दी। आज उसका पोता छह साल का हो चुका है। बलराम ने आश्रम में पली 49 युवतियों का कन्यादान पिता की तरह किया है। यह आश्रम ही उनके लिए मायका बन गया है। बिहार की रहने वाली शीतल और राधी यादव, जो 4 और 3 साल की उम्र से यहां रह रही हैं, अब सफल हो चुकी हैं। शीतल की छोटी बहन कलकत्ता हाईकोर्ट में वकालत कर रही है, जबकि शीतल को कोलकाता के आरएन टैगोर अस्पताल में नौकरी मिली है।