Monday, April 21, 2025
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रक्षाबंधन पर दमकता रहे आपका चेहरा

रक्षाबंधन, स्वाधीनता दिवस और जन्माष्टमी जैसे त्योहार सामने हैं और सुन्दर तो दिखना ही है। तो चलिए सुन्दर दिखिए और ये तरीके आजमा लीजिए –
 सबसे पहले चेहरे को कच्चे दूध से साफ कर लें – मेकअप शुरू करने से पहले चेहरे को साफ करना बहुत जरूरी है। इसके लिए आप कच्चे दूध का इस्तेमाल कर सकते हैं. कच्चे दूध से चेहरे की अच्छे से मसाज करें और फिर ताजे पानी से चेहरा धो लें।
जेल आधारित क्रीम लगाएं – चेहरे को साफ करने के बाद चेहरे पर जेल बेस्ड क्रीम लगाएं। इसके बाद अगर आप मेकअप लगाना शुरू करेंगी तो मेकअप लंबे समय तक टिकेगा और मेकअप पर कोई दरार नहीं आएगी।
अब फाउंडेशन लगाएं – हमेशा अपनी त्वचा के रंग से मेल खाता हुआ फाउंडेशन ही इस्तेमाल करें। डार्क या लाइट शेड का फाउंडेशन आपके लुक को खराब कर सकता है।
कंटूरिंग करें – मेकअप के समय कॉन्टूरिंग जरूर करें। इससे आपके चेहरे को सही आकार मिलेगा। इससे चेहरे पर निखार आता है और मेकअप अच्छा लगता है।
ब्लश और हाइलाइटर – मेकअप के बाद ब्लश और हाइलाइटर का इस्तेमाल जरूर करें। ब्लश और हाइलाइटर मेकअप को फाइनल टच देने का काम करते हैं।
आंखों का मेकअप और लिपस्टिक – अगर आप डार्क आई मेकअप कर रही हैं तो हल्के रंग की लिपस्टिक लगाएं। वहीं अगर आप लिपस्टिक डार्क लगा रही हैं तो आंखों का मेकअप हल्का रखें।
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त्योहारों के दिन हैं, कुछ मीठा तो चाहिए

बादाम पेड़ा

सामग्री:  1 कप भीगे और छिलके उतारे हुए बादाम, 1/4 कप दूध, 2 बड़े चम्मच घी, 1/2 कप या स्वादानुसार चीनी, 1/2 चम्मच इलायची पाउडर, चुटकी भर इच्छानुसार केसर, सजावट के लिए पिस्ता
विधि: बादाम का पेस्ट तैयार करें। सबसे पहले रात भर भीगे हुए बादामों को दूध के साथ मिलाकर एक चिकना पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को ज्यादा पतला न करें ।
मिश्रण पकाएं: अब एक पैन में घी गर्म करें और उसमें बादाम का पेस्ट डालें। इसे मध्यम आंच पर लगातार चलाते हुए पकाएं जब तक कि इसका रंग हल्का सुनहरा न हो जाए और घी अलग न होने लगे।
चीनी मिलाएं: अब इसमें चीनी डालें और अच्छी तरह मिलाएं। चीनी पिघलने के बाद, इलायची पाउडर और केसर डालें। इसे तब तक पकाएं जब तक कि मिश्रण गाढ़ा होकर पैन के किनारों से अलग न होने लगे।
पेड़े का आकार दें: अब इस मिश्रण को आंच से उतार लें और थोड़ा ठंडा होने दें। अपने हथेली पर हल्‍का घी लगाएं और इस मिश्रण को छोटे-छोटे पेडों का आकार दें। हर पेडे के ऊपर एक-एक पिस्ता का टुकड़ा रखें और हल्के हाथ से दबाएं।
ठंडा करें और परोसें: अब इन पेड़ों को आप फ्रिज में रख कर ठंडा कर सकते हैं। जब पेड़े अच्‍छी तरह ठंडे हो जाएं तो आप इन्‍हें परोसें।
इन बातों का रखें ख्‍याल
– इसे एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करें जिससे यह अधिक दिनों तक ताजा रहे। अगर आप इसे और भी अधिक पौष्टिक बनाना चाहते हैं तो इसमें काजू भी डाल सकते हैं।
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अंगूरी रसमलाई


सामग्री : डेढ़ लीटर दूध, 1/3 कप कंडेंस्ड मिल्क, 1 बड़ा चम्मच नींबू का रस, 1 कप चीनी, 4 इलायची, 1 चुटकी केसर, सजाने के लिए कटे हुए बादाम और पिस्ता
विधि : अंगूरी रसमलाई बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में दूध गर्म कर लें। जब इस दूध में उबाल आने लगे तो उसमें नींबू का रस मिलाकर दूध को फाड़ लें। अब एक मलमल का कपड़ा लेकर उसमें गाढ़ा दूध निकाल दें। नींबू के रस की खटास छैने से दूर करने के लिए उसे पानी से धो लें। अंगूरी रसमलाई बनाने के लिए आपका छैना बनकर तैयार हो चुका है। अब एक दूसरे पैन में बचे हुए एक लीटर दूध को गर्म करें। दूध को गर्म करते समय इसमें केसर, चीनी, कटे हुए बादाम और इलायची पाउडर मिलाकर दूध को आधा होने तक पकाएं। अब पहले से तैयार किया हुआ छैना लेकर उसे सॉफ्ट आटे की तरह गूंधें। इसके बाद इस छैने से छोटी-छोटी आकार के गोले बना कर तैयार करें। इन बॉल्स को अपनी हथेलियों से दबाएं। अब अंगूरी रस मलाई की चाशनी बनाने के लिए एक पैन में चार कप पानी गर्म, डेढ़ कप चीनी डालकर उबाल लें। जब चाशनी उबलने लगे, तब उसमें तैयार की हुई छैना बॉल्‍स डालकर कुछ देर इन्हें चाशनी के साथ ही पकने दें। कुछ देर बाद, बॉल्‍स को चाशनी से बाहर निकालकर दूध वाले मिश्रण के बॉउल में डाल दें। आपकी अंगूरी रसमलाई बनकर बिल्कुल तैयार है। आप इस डेजर्ट रेसिपी को ठंडा करके खाना चाहते हैं तो इसे 4-5 घंटे फ्रिज में ठंडा होने के लिए रख दे। अंगूरी रसमलाई को सर्व करने से पहले उसके ऊपर अपने मनपसंद के कटे हुए मेवे डालकर गार्निश करें।

दोसा प्रीमिक्स और दोसा

दोसा सभी को पसंद होता है और घर पर बने डोसे के स्वाद का तो कोई मुकाबला ही नहीं .. पर डोसा बनाने की तैयारी लम्बी होती है , जो कई बार करना मुश्किल होता है। प्रीमिक्स बना के रख लिजिये और जब भी डोसा बनाना हो , 1/2 घंटे भिगो के रखिये और दोसे का घोल तैयार…जितने मन करे दोसे बनाये..यह पौष्टिक भी है सस्ता भी..विधि यह रही जो हमें फेसबुक के एक पेज पर मिली –
दोसा प्रीमिक्स
सामग्री – 1 कटोरी उड़द दाल, 2 टेबल स्पून चना दाल , 1/2 कटोरी पोहा , 1/2 छोटी चम्मच मेथीदाना, सेंधा
नमक या साधारण नमक, 1 चम्मच चीनी पाउडर, 3 कटोरी चावल का आटा
विधि – एक पैन में उड़द, चना दाल मेथीदाना को 3-4 मिनिट भूनिये। पोहा मिलाइये और 2 मिनिट और भूनिये। ठंडा होने पर नमक, चीनी पाउडर डालिये और मिक्सर में पीस कर लें। चावल का आटा मिलाइये और चलाइये। एयर टाइट कंटेनर में स्टोर करें। बाहर रख के 1 महीने और फ्रीज में रख के 3-4 महीने तक इस्तेमाल कर सकते हैं।
दोसा बनाने के लिए- 1 कप डोसा मिक्स में 1/2 कप दही मिलाये और पानी मिला के पकोड़े के जैसा घोल बना ले। 1/2 घंटा रख दे और बाद में नॉन स्टिक या डोसा तवा पर डोसा का घोल डाले । 2 मिनट बाद किनारों पर तेल डाले और कुरकुरा होने तक सेक ले। .सादा डोसा ऐसे ही बनाएं और मसाला डोसा में बीच में मसाला रखे और मोड़ दे।

न्यूयॉर्क में आयोजित गणित प्रतियोगिता में बर्दवान की छात्रा कांस्य पदक जीता

बर्दवान/पानागढ़ । पूर्व बर्दवान जिले के बर्दवान की एक होनहार और तेज छात्रा ने विदेश में जाकर अपनी मेधा का प्रदर्शन कर कांस्य पदक जीत कर बर्दवान समेत बंगाल का नाम रोशन किया है। बर्दवान म्युनिसिपल गर्ल्स की आठवीं कक्षा की छात्रा अद्रिजा मंडल ने हाल ही में कोलंबिया न्यूयॉर्क में गणित विषय पर दुनिया के प्रतिभाशाली छात्रों को लेकर आयोजित प्रतियोगिता में पूरे भारत से महज तीन विद्यार्थियों में बर्दवान की छात्रा अद्रिजा मंडल ने कांस्य पदक जीता है। गणित प्रतियोगिता में भाग लेकर अद्रिजा मंडल ने अपने विद्यालय का नाम रोशन किया है। बताया जाता है की दुनिया भर के गणित में मेधावी छात्र छात्राओं को लेकर यह विश्व प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। यह प्रतियोगिता 14 जुलाई से 18 जुलाई तक कोलंबिया न्यूयॉर्क में आयोजित की गई थी। इस प्रतियोगिता में भारत से महज तीन विद्यार्थी ही पहुंचे थे जिनमे पूर्व बर्दवान जिले के बर्दवान म्युनिसिपल गर्ल्स की आठवीं कक्षा की छात्रा अद्रिजा मंडल भी थी। इस मेधावी छात्रा ने कई चरणों में अपने प्रतिद्वंदियों को पराजित कर आगे बढ़ी। बताया जाता है की छात्रा अद्रिजा मंडल को गणित में उनकी योग्यता के लिए कोलंबिया न्यूयॉर्क में आयोजित समारोह में कोलंबिया विश्वविद्यालय द्वारा एक प्रमाण पत्र और कांस्य पदक देकर सम्मानित किया गया। इस समारोह में छात्रा के पिता अरुण मंडल और मां विजयलक्ष्मी मंडल सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों से छात्रों के माता-पिता शामिल हुए है। अद्रिजा मंडल बताती है की वह भविष्य में गणित को लेकर ही शोध करेंगी.

बावड़ी जिसमें पसन्द नहीं आने वाली रानियां रखी जाती थीं

मांडू । राजाओं ने रानियों की लिए बहुत किले और महल बनवाए लेकिन मध्य प्रदेश के मांडू में बनी चंपा बावड़ी एक अलग कहानी दिखाती है। लोगों का कहना है कि राजा ने इस बावड़ी को कई कारणों से बनवाया था। एक कारण राजा की कम पसंदीदा रानियां भी थीं. वो यहां रहा करती थीं. इस 500 साल पुरानी बावड़ी की बनावट भी उम्दा है। मांडू की चंपा बावड़ी की कहानी – 14वी-15वीं शताब्दी में बनी चंपा बावड़ी सिर्फ एक बावड़ी नहीं है। यह धरती के नीचे बना एक महल है। पानी को इक्कठा करने के लिए बावड़ी को बनवाया गया था। दुश्मनों से बचने के लिए रानी बावड़ी के पानी में कूदा करती थीं। पानी के नीचे बनी सुंरगे कोठरियों से जुड़ती थी। इसका इस्तेमाल सिर्फ राजसी परिवार किया करता था। लोगों का कहना है कि राजा अपनी कम पसंदीदा रानियों को भी इस कोठरी में जगह देता था।
कमाल की इंजीनियरिंग है उदाहरण – ऊपर से देखने पर चंपा बावड़ी जलाशय की तरह दिखती है. लेकिन जैसे-जैसे नीचे उतरो एक मंजिल और नजर आने लगती है। कई सारे भूमिगत कमरे यहां बने हैं, जो किसी भूलभुलैया जैसे हैं. धनुषाकार के कमरे हैं. उन पर अलमारियां बनी हैं। कमरों तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनी हैं। रोशनी और वेंटिलेशन का भी इंजीनियर ने पूरा ख्याल रखा है। गर्मी के दिनों में भी यह बावड़ी ठंडी रहती है.
कैसे रखा चंपा बावड़ी नाम – राजा ने इस बावड़ी का नाम चंपा की क्यों रखा? इसके पीछे कई कहानी हैं। एक कारण है चंपा की बेले, जो बावड़ी में मौजूद हैं। इसी वजह से पानी से भी चंपा की खुशबू आती थी। कुछ लोग ऐसा भी कहते हैं कि इस बावड़ी का आकार चंपा के फूल जैसा है, जिसकी 5 पंखुड़ी होती है। तभी लोग इसे चंपा बावड़ी कहते हैं।
इस बावड़ी के पास एक हमाम भी बना हैं। यहां रानियां नहाया करती थीं। हमाम में रोशनी और हवा सही तरीके से पहुंचे, इसके लिए छत पर सितारों के डिजाइन बनाए गए हैं। हमाम में ठंडे और गर्म पानी का प्रबंध मौजूद था।
हमला होने पर कूद जाती थीं महिलाएं – चंपा बावड़ी जल प्रबंधन और दुश्मनों से सुरक्षा के लिए भी खास है। हमले की स्थिति में शाही महिलाएं बावड़ी के पानी में कूद जाती थीं। बावड़ी के अंदर ही अंदर कई रास्ते थे, जिनकी मदद से शाही परिवार भाग जाता था।
कहां है बावड़ी – मांडू के जहाज महल के उत्तर-पश्चिम में यह बावड़ी बनी हुई है. इंदौर या भोपाल से होते हुए आप यहां पहुंच सकते हैं। रेलवे स्टेशन तक बावड़ी तक का आप रिक्शा कर सकते हैं।

फिएस्टा गैलरी की ओर से फैशन एक्सट्रावेगांज़ा का पहला संस्करण हुआ संपन्न

कोलकाता। गत 3 अगस्त को  फिएस्टा गैलरी की ओर से कोलकाता के गोल्डन ट्यूलिप होटल (साल्टलेक) में 3 अगस्त को फैशन शो और प्रदर्शनी का पहला संस्करण ठीक से संपन्न हो गया। फिएस्टा गैलरी, लोगों को सशक्त बनाने के साथ रचनात्मकता की दुनिया में नई महत्वाकांक्षी प्रतिभाओं को प्रेरित कर उन्हें इस मंच के जरिए सामने लाती है। फ़िएस्टा गैलरी की टीम सभी अलग-अलग सांस्कृतिक और पेशेवर पृष्ठभूमि से हैं, लेकिन एक बात जो उनमें समान है, वह है रचनात्मकता के लिए उनकी भूख और फैशन और जीवन शैली के क्षेत्र में पूर्णतावादी होना। इस आयोजन में शामिल होने वाले प्रतिभागी कम बजट से लेकर उच्च बजट तक के डिजाइनर उत्पादों को एक ही छत के नीचे प्रदर्शित करेंगे, जो आनेवाले उत्सव के सीजन के अनुकूल होगा। इस कार्यक्रम का प्रबंधन मैप5 इवेंट्स द्वारा किया गया है।
फिएस्टा गैलरी के फैशन शो को जज करने के लिए, देबजानी बोस (अभिनेत्री), भावना हेमानी (इवेंट प्लानर), शीला कपूर (राजनीतिज्ञ और कलाकार), पूनम थारर (निदेशक, ओन कंपनी) के साथ समाज की कई अन्य प्रतिष्ठित हस्तियां इसमें शामिल हुए। इस आयोजन को सफल बनाने में मूल्यवान प्रायोजकों में स्वेता चौधरी, स्नेह थारर, सुकन्या दत्ता बानिक और सांगवी डांस सेंटर द्वारा आइकोनिक क्रिएशन से जबरदस्त समर्थन मिला।
मीडिया से बात करते हुए, वीएनसी (ब्राइडल मेकअप आर्टिस्ट और ब्यूटी कंसल्टेंट) की प्रमुख विभा चावला (फिएस्टा गैलरी की क्यूरेटर) ने कहा, मेरे लिए फैशन का मतलब पी-फैशन है, क्योंकि फैशन में बहुत जुनून है। इसलिए हम यहां एक साथ, अपने छोटे-छोटे तरीकों से फैशन और लाइफस्टाइल की दुनिया में एक जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि बेहतरीन क्रिएशन को प्रदर्शित किया जा सके और सबसे अच्छी खरीदारी सुनिश्चित की जा सके। इस बेहतरीन आयोजन को लेकर मैं बस इतना कहना चाहूंगी कि, एक ही छत के नीचे इतने सारे उत्पादों की खोज करना एक रोमांचक अवसर है। निश्चित रूप से यह एक ऐसा आयोजन है, जिसे मिस करना मतलब काफी अमूल्य फैशन को देखने से चूक जाना होगा।
 इस अवसर पर श्रुति धर (नव संध्या की संस्थापक) और आशीष मित्तल (गोल्डेन ट्यूलिप होटल, साल्टलेक के प्रबंध निदेशक और द फेयरीस के संस्थापक) के साथ फिएस्टा गैलरी के संस्थापक ने कहा, इस प्रतिष्ठित प्रदर्शनी का उद्देश्य कुशल और महत्वाकांक्षी पेशेवरों के साथ व्यापार को बढ़ावा देना है। फिएस्टा गैलरी प्रतिभागियों को अपने अभिनव कला को प्रदर्शन करने के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करती है। हमारा व्यापार मेला विभिन्न प्रदर्शकों को विभिन्न बिक्री चैनलों और सामान्य उपभोक्ताओं तक पहुँच प्राप्त करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
इस कार्यक्रम में रुझानों की वर्तमान स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें हमारे मूल्यवान प्रदर्शक शामिल थे, जिनमे: आयुषी कलेक्शन, अनीता क्रिएशन्स, कियारा कम्फी वियर, वी3 फैशन, एन एस ज्वेलरी, श्री कलेक्शन, सीनियर सिटीजन के लिए हेल्पिंग हैंड, गोवा से पिटारा, नीलम एथनिक वियर, आइकॉनिक क्रिएशन्स, स्पून ऑफ हैप्पीनेस, पलक द्वारा पालोम्ब्रे, वीएनसी – मेकअप और ब्यूटी प्रोडक्ट्स, करिश्मा, क्राफ्ट्स बाय प्रिया, ग्लैम गर्ल बाय सुकन्या, द लिटिल कंपनी, पीएलएफ प्रोजेक्ट – लाइफ प्रोजेक्ट, सोनाली द्वारा अनायदा, पेंडोरा गर्ल्स, सीव इन स्टाइल और शालू द्वारा प्रदर्शित विभिन्न फैशन की झलकियां इस प्रदर्शनी को सफल बना रही थी।

भवानीपुर कॉलेज के अनाथालय के बच्चों को दिया आत्मविश्वास और वित्तीय ज्ञान

कोलकाता । गत 3 अगस्त को भवानीपुर एजुकेशन सोसायटी कॉलेज के वाणिज्य विभाग (दोपहर और शाम अनुभाग) ने आशादीप और एनएसएस के सहयोग से, आनंद मार्ग चिल्ड्रन होम में एक विस्तार और आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किया।3अगस्त 2024 को होने वाले इस कार्यक्रम का उद्देश्य वंचित बच्चों को अनुकूलित कपड़े उपलब्ध कराना और उन्हें वित्तीय फिटनेस पर शिक्षित करना था। आशादीप ने प्रत्येक बच्चे के नाम के साथ व्यक्तिगत कपड़े उपलब्ध कराए, जिससे बच्चों में खुशी और उत्साह आया। वाणिज्य विभाग ने बुनियादी वित्तीय अवधारणाओं, बजट और बचत को कवर करते हुए वित्तीय साक्षरता और जिम्मेदारी सिखाने के लिए आकर्षक गतिविधियाँ आयोजित कीं। यह कार्यक्रम 42 अनाथ बच्चों को वित्तीय ज्ञान और आत्मविश्वास के साथ सशक्त बनाने और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देने का एक प्रयास था। संयोजन किया एनएसएस प्रभारी प्रोफेसर गार्गी ने। इस कार्यक्रम में दोपहर और सांध्य वाणिज्य विभाग के प्रमुख प्रोफेसर डॉ सास्पो चक्रवर्ती, प्रोफेसर रोजलीन मुखर्जी,सौमी राय चौधरी ,पूर्व रेक्टर डॉ संदीप दान और प्रोफेसर शुभेंदु बैनर्जी ने बच्चों से बात की और जीवन में बचत करने के अनेक उपाय बताए। डॉ वसुंधरा मिश्र ने बताया कि भवानीपुर एजुकेशन सोसायटी कॉलेज की एन एस एस टीम वृद्धाश्रम , घाटों की सफाई, गरीब बच्चों को पढ़ाने आदि अनेक सामाजिक कार्यौं में सक्रिय भूमिका निभा रही है।

भवानीपुर एडुकेशन सोसाइटी कॉलेज को शिक्षा के क्षेत्र में मिला एक्सीलेंस अवार्ड 2024

कोलकाता । एसोचेम द्वारा आयोजित एडुमीट 2024 के 8वें संस्करण में भारत सरकार के पूर्वी क्षेत्र के शिक्षा और विकास केंद्रीय राज्य मंत्री प्रमुख अतिथि माननीय डॉ. सुकांत मजूमदार ने भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज को सर्वश्रेष्ठ कॉलेज के लिए उत्कृष्टता पुरस्कार 2024 दिया है। इस अवसर पर उद्घाटन समारोह में स्वागत वक्तव्य दिया एसोचैम हायर एजुकेशन और स्कील कौन्सिल के चेयरमैन श्री मनोज जोशी ने। नोलेज पार्टनर पीडब्लूसी के एक्सीक्यूटिव डायरेक्टर श्री रामप्रसाद घोष, एसोचैम हायर एजुकेशन और स्किल काउंसिल ईस्ट के को चेयरमैन,श्री प्रदीप अग्रवाल संगठन स्कूल एजुकेशन काउंसिल पूर्व के अध्यक्ष ,श्री आलोक टिबरेवाल ,रेक्टर और डीन भवानीपुर एजुकेशन सोसायटी कॉलेज के प्रोफेसर दिलीप शाह और यूजीसी के पूर्व चेयरमैन प्रोफेसर वी एन राजशेखरन पिल्लई ने उद्घाटन समारोह में अपने बहुमूल्य वक्तव्य दिए। उद्घाटन समारोह में धन्यवाद ज्ञापन एसोचैम ईस्ट और नॉर्थ ईस्ट की सीनियर डायरेक्टर श्रीमती परमिंदर जीत कौर ने दिया ।
छात्र मामलों के रेक्टर और डीन प्रोफेसर दिलीप शाह ने एसोचैम के उद्घाटन सत्र में माननीय शिक्षा राज्यमंत्री डॉ सुकांत मजूमदार को उत्तरीय ओढ़ा कर सम्मानित किया। यह कार्यक्रम 19 जुलाई 2024 को ताज ताल कुटीर में आयोजित किया गया । प्रोफेसर दिलीप शाह ने अपने वक्तव्य में एसोचैम का आभार मानते हुए कहा कि हमारा कॉलेज निरंतर अपने विकास पद पर उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है और शिक्षा के साथ-साथ उद्यम, व्यवसाय और विभिन्न क्षेत्रों में कौशल कार्य कर रहा है और विभिन्न चुनौतियों का सामना भी कर रहा है। अंत में प्रो दिलीप शाह ने शिक्षा के क्षेत्र में भारत अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा अपना भी समय आएगा कहकर सकारात्मक सोच का परिचय दिया।
इस कार्यक्रम में विभिन्न स्तरों पर देश के स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, मेडिकल कॉलेज, प्राइवेट कॉलेज ,प्राइवेट स्कूल और विशिष्ट शैक्षणिक संस्थाओं को सर्वश्रेष्ठ अवार्ड दिए गए। यह कार्यक्रम तीन सत्रों में चला। उद्घाटन सत्र के बाद विशेष सेशन हुआ जिसमें भारत और अमेरिका के पार्टनरशिप विषय पर हुआ जिसमें इंडिया के अमरीकी एम्बेसडर माननीय श्री एरिक गरसेट्टी उपस्थित थे जिन्होंने भारत और अमेरिका के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए विस्तार में भारत और अमेरिका के आपसी रिश्तों को मजबूत बताया और इस सत्र में कोलकाता की यूएसए की काउंसलिंग जनरल माननीय श्रीमती मेलिंडा पावेक भी रहीं जिन्होंने श्री एरिक गरसेट्टी का परिचय दिया । एसोचेम के चेयरमैन तरनजीत सिंह ने एसोचैम की ओर से माननीय एम्बेसडर को प्रेजेंटेशन दिया।बतौर विशिष्ट अतिथि एरिक ने एसोचैम अवार्ड भी प्रदान किए।इस सत्र के अंत में एसोचेम की सीनियर डायरेक्टर परमिंदरजीत कौर ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
पैनल प्रथम में उच्चतर शिक्षा और स्कूल शिक्षा में एआई का क्या रोल है और ह्यूमन कोलैबोरेशन का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ किस प्रकार का संतुलन है इस विषय पर चर्चा की गई जिसमें गेस्ट ऑफ ऑनर बीसीएस एग्जीक्यूटिव एडिशनल सेक्रेटरी डिपार्टमेंट ऑफ़ आई टी और ई गवर्नमेंट ऑफ़ वेस्ट बंगाल और मैनेजिंग डायरेक्टर वेबेल के संजय कुमार दास थे साथ में मॉडरेटर के रूप में पीवीसी इंडिया के डायरेक्टर सुदीप्ता दास रहे वहीं प्रमुख वक्ताओं में प्रोफेसर डॉ सत्यजीत चक्रवर्ती डायरेक्टर इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट, ज्योति चौधरी डीपीएस रुबी पार्क की प्रिंसिपल, डॉ भक्ति भूषण बारी डीन स्कूल ऑफ़ मेडिकल एंड एलाइड हेल्थ साइंसेज ब्रेनवेयर यूनिवर्सिटी, डॉक्टर अजिलारसी एम प्रिंसिपल कुमारागुरु कॉलेज ऑफ़ टेक्नोलॉजी चेन्नई ने अपने विषयों पर वक्तव्य और प्रश्नोतर सेशन में उत्तर दिए ।
दूसरे सेशन के विषय नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क ,आर एंड डी,स्किल डेवलपमेंट, सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस एंड ग्लोबल पार्टनरशिप और फैकल्टी डेवलपमेंट विषय पर व्याख्यान दिए गए।इस सेशन के मॉडरेटर डॉ विष्णु प्रिया सेनगुप्ता जो पीवीसी इंडिया रिसर्च एंड इनसाइट्स हब के सीनियर डायरेक्टर हैं।इसमें प्रमुख वक्ताओं में श्रीमती रंनजानी जोशी एसोचैम की को चेयर , टेक्नो इंडिया यूनिवर्सिटी एंड टेक्नो इंडिया ग्रुप के डायरेक्टर और सीईओ, प्रो डॉ सुजय विश्वास, प्रो डॉ सरादिंदु पांडा, प्रिंसिपल डॉ सुधीर चंद्र सुर इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड स्पोर्ट कांप्लेक्स, एस एच आर एम बायोटेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर और सीईओ डायरेक्टर श्री कुणाल वोरा, माउंट आबू पब्लिक स्कूल और गवर्निंग बॉडी मेंबर सीबीएसई की प्रिंसिपल डॉक्टर ज्योति अरोड़ा ,फॉर्ग इन्नोवेशन एंड वेंचर के वाइस प्रेसिडेंट एंड सीपीओ डॉक्टर बी एल लक्ष्मी मीरा और जे आई एम एस एच की चीफ़ स्ट्रैटेजी ऑफिसर श्रीमती सुदर्शना चटर्जी उपस्थित थे जिन्होंने अपने अपने विषय पर अपने बहुमूल्य विचार व्यक्त किए।
अंत में ,एक्सीलेंस अवार्ड सेरेमनी 2024में ब्रिटिश डेप्युटी हाई कमिशन कोलकाता डेप्युटी हाई कमिश्नर डॉक्टर एंड्रयू फ्लेमिंग ने अपने विशेष वक्तव्य द्वारा एसोचैम अवार्ड
पर विशेष वक्तव्य दिया। एसोचैम ने समारोह में शामिल सभी विशिष्ट अतिथियों का आभार व्यक्त किया। महानगर कोलकाता के ताज ताल कुटीर में आयोजित इस कार्यक्रम में भवानीपुर एजुकेशन सोसायटी कॉलेज से प्रो दुष्यंत चतुर्वेदी,प्रो हर्षित चोखानी,प्रो डॉ.वसुंधरा मिश्र की उपस्थिति रही।

पीहू पापिया की दो कविताएं

पथभ्रष्ट 
हां मैं पथभ्रष्ट थी
सरापा पंक से सनी हुई
कोयले की खान में भी पड़े थे कदम
घने दलदल से खुद को बाहर खींचा है मैंने
बदनामी की परवाह किए बगैर
अनुभवों की बाढ़ में डुबकी लगाई है।
नज़रिये का झूठ सच
बड़ा पेचीदा विषय है
मैंने राह अलग पकड़ी थी
उलटी गंगा बहाई है
अंधे कूप की हवा भी खाई है
गहरी खाइयों के दर्शन किए है मैंने
ज्वलंत नरक तक हो आई हूं
असुरों से भी पाला पड़ा है मेरा।
अपशब्दों का शब्दकोष पढ़ा है मैंने
ज़बान इनके प्रयोगों का मज़ा चख चुकी है
खुद को छोड़ दुनिया भर को
अपनी तबाही का जिम्मेदार ठहराया है
षड् रिपुओं से यारी थी अपनी
ईर्ष्या और तुलना के साथ
रोज़ का उठना बैठना था
आलोचना सभा के हम
सरताज हुआ करते थे।
कलंक का बोझा लिए फिरती हूं
अज्ञानता वशीभूत होकर
नर बलि चढ़ाई है मैंने
पाप की गागर फूट चुकी मेरी
मेरे पास मेरे अपने तर्क थे
जो प्रत्येक वर्तमान की सच्ची गवाही देते हैं।
फिर भी ईश्वर ने प्रेम निभाया है
मुझ सरफिरे को
सच्चा मार्ग दिखाया है।
सदियों के कलंकित जागरण के बाद
क्या सुकून की निद्रा के लिए
क्षमा का बिस्तर मिलेगा?
हां मैं अंगुलिमाल हूं
क्या मुझे वाल्मीकि बनने का अवसर मिलेगा?
………………
चल रही है रगड़ाई
चल रही है रगड़ाई बन्धू
मत घबराना
खुशनसीब हो तुम
चुने गये हो
सब्र धर
करता जा काम
इस पिसाई का बड़ा अर्थ है
बाधा नहीं चुनौती है
लाख टके का मौका है
मुफत का कुछ भी
कभी होता है भला
चुकाना पड़ता है मोल
हर ख्वाहिश का
जो रखे हौसला
उसी की नैया पार लगे
बस थोड़ा सा
सह जा
बह जा
आगे तेरे नाम लिखे
बहुतेरे धमाल है बन्धु।

प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी को स्वामी विवेकानंद नेशनल अवार्ड

उच्चतर शिक्षा में प्रशासनिक प्रतिभा हेतु मिला सम्मान

कोलकाता । एक उपदेश मीडिया द्वारा आयोजित एजुकेशन एक्सीलेंस कांक्लेव में 27 जुलाई को ताज सिटी सेंटर न्यू टाउन में हुए कार्यक्रम में भारत के प्रमुख शिक्षाविदों ने इस सेमिनार में भाग लिया। उद्घाटन समारोह में प्रमुख अतिथि विश्वजीत बरका कोटी सेक्रेटरी नॉर्थ ईस्ट इंडिया वीडियो सेशन ट्रस्ट ने दीप प्रज्वलित किया साथ में प्रो दिलीप शाह , डॉ राजीव सेनगुप्ता, डॉ अभिषेक पसारी, डॉ ब्रतती भट्टाचार्य,डॉ कमलेश कुमार जायसवाल, प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी आदि अतिथियों की उपस्थिति रही। इस अवसर पर डगलस मेमोरियल हायर सेकेंडरी का परफॉर्मेंस हुआ । कू आदित्य ग्रुप की कस्तूरी केजरीवाल ने विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य विषय पर अपने विचार रखते हुए बीज वक्तव्य दिया। बीज वक्तव्य के बाद दो सेशनों में शिक्षाविदों ने अपने -अपने विषयों पर वक्तव्य दिया। प्रथम सेशन में देश भर से आए शिक्षाविदों ने भाग लिया। प्रथम सेशन की मॉडरेटर ब्रतती भट्टाचार्य डायरेक्टर जीआईसी मैनेजमेंट एजुकेशन रहीं।इस सेशन के प्रमुख वक्ताओं में भवानीपुर कॉलेज एजुकेशन सोसाइटी के रेक्टर और डीन प्रोफेसर दिलीप शाह, श्रीमती सुनीता सेन प्रिंसिपल बीएसएस स्कूल, श्रीमती जोइता मजूमदार प्रिंसिपल डीपीएस बारासात, डॉ राजीव सेनगुप्ता एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोग्राम डायरेक्टर एम आई टी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी पुणे, डॉ अभिषेक पसारी पेरेंटिंग और लाइफ कोच फाउंडर माय शिशु, श्री कमलेश कुमार जायसवाल एडवाइजर सहोदय कांप्लेक्स मुर्शिदाबाद प्रिंसिपल डीपीएस फरक्का,श्री मानव कुमार दे प्रेसिडेंट सहोदय स्कूल परिसर मुर्शिदाबाद लिटर ज़ी स्कूल बहरमपुरशिक्षाविदों ने विषय रे डिजाइनिंग के 12 एजुकेशन टू प्रिपेयर इन स्टूडेंट्स फॉर हायर एजुकेशन एंड बियोंड विषय पर अपने वक्तव्य रखे। भवानीपुर एजुकेशन सोसायटी कॉलेज के प्रोफेसर दिलीप शाह ने शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए के 12 शिक्षा और उसके परे विद्यार्थियों को उच्चतम शिक्षा के लिए उसमें परिवर्तन करते हुए किस तरह से तैयारी करवाई जाए इस विषय पर अपने महत्वपूर्ण विचार रखे। अपने वक्तव्य में उन्होंने उच्चतम शिक्षा के लिए उद्योग और व्यापार को कॉलेज के साथ जोड़ने पर जोर दिया और भवानीपुर एजुकेशन सोसायटी कॉलेज इसके लिए कई महत्वपूर्ण फेकल्टी के विकास की बात कही।सीए और बी कॉम के विषयों पर भी विचार व्यक्त किया। भवानीपुर एजुकेशन सोसायटी कॉलेज की प्रातः कालीन कॉमर्स सत्र की कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर मीनाक्षी चतुर्वेदी को शिक्षा के क्षेत्र में एक उपदेश के डायरेक्टर श्री गगनदीप द्वारा प्रशासनिक कार्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ अवार्ड स्वामी विवेकानंद नेशनल अवार्ड 2024 प्रदान किया गया।
इसी अवसर पर आलोक टिबरेवाल ने बिरला हाई स्कूल कोलकाता की डायरेक्टर श्रीमती मुक्ता नयन और लक्ष्मीपति सिंघानिया एकेडमी कोलकाता की डायरेक्टर मीना काक को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया जिनका परिचय श्री हर्षित चोखानी ने दिया। द्वितीय सत्र में रजत गुप्ता बिजनेस एक्सपेंशन हेड एट जॉब्स इन एजुकेशन में एजुकेशन सेक्टर में एआई को कैसे अपनाएं बताया।फोर्स मोटर के क्षेत्रीय मैनेजर अमोल जलाली ने प्रयोगशालाओं पर जोर दिया,सौरभ कुमार को फाउंडर सीटीओ एक्स रोबोटिक्स जिन्होंने अपने स्कूल के ट्रांसफॉर्म पर बात की, विनायक शर्मा ऑपरेटिंग ऑफिसर प्रिंस म्यूजिक एजुकेशन के प्रमुख ने टॉरेंट्स म्यूजिक एजुकेशन द्वारा स्कूलों में संगीत की शिक्षा को कैसे बढ़ाए इस पर अपने विचार साझा किया वहीं डॉ अभिषेक पसारी माय शिशु के फाउंडर ने प्रेगनेंसी पेरेंटिंग और चाइल्ड केयर पर विचार रखें। दीक्षित मेहता को हेड बिजनेस डेवलपमेंट डॉ राजीव सेनगुप्ता एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोग्राम डायरेक्टर श्री अंकित खंडेलवाल गार्गी दत्त साग्निक बनिक अजंता शूज की मैनेजिंग डायरेक्टर कीर्ति धानुका बिजनेस डेवलपमेंट पम्मी श्रीवास्तव इप्सों इंडिया हरी और सिमरन स्कूल एड्स के फाउंडर्स जय बागड़ी एस्पिरेशनल टूर द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्कूलों को साथ जोड़कर ब्रिटिश और यूरोपीय शिक्षा पद्धति को जोड़ने पर कार्य कर रहे हैं वहीं द्वितीय पैनल डिस्कशन का विषय था द चेंजिंग लैंडस्केप ऑफ़ एजुकेशन इन इंडिया ,इसके मॉडरेटर शिक्षाविद श्री हर्षित चोखानी रहे। इस सेशन में मुक्ता नयन, मीना काक ,संगीता टंडन,दमयंती मुखर्जी, टेरेंस जॉन ,मधुमिता सेनगुप्ता ने अपने विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए।इस सेशन में सोनिया गिडला प्रेसिडेंट और प्रिंसिपल डग्लस मेमोरियल हायर सेकेंडरी स्कूल द्वारा बीज वक्तव्य दिया गया जिसमें इंटेलिजेंस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्कूल असेसमेंट विषय पर उन्होंने अपनी बात रखी । डॉ वसुंधरा मिश्र ने बताया कि यह कार्यक्रम सुबह 8:45 से संध्या 5:00 तक ताज सिटी सेंटर न्यू टाउन कोलकाता में 27 जुलाई को संपन्न हुआ।