Sunday, July 20, 2025
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यूनिस तूफान को चीरते हुए एयर इंडिया के विमान ने किया लैंड, पायलट की हो रही ‘वाह-वाही’

लंदन : ब्रिटेन इस वक्त यूनिस तूफान से जूझ रहा है। इसके चलते लंदन में विमानों का उतरना मुश्किल हो गया है। शनिवार को एक यूट्यूब लाइव स्ट्रीमिंग वीडियो में कई विमानों को लड़खड़ाते हुए लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर खतरनाक तरीके से लैंड करते हुए देखा गया। इसमें एयर इंडिया के एक विमान का वीडियो भी ट्विटर पर तेजी से शेयर हो रहा है। वीडियो में विमान को बेहद कुशलता से एयरस्ट्रिप पर उतरते हुए देखा जा सकता है जिसके लिए पायलट की जमकर तारीफ हो रही है।
वीडियो में लैंडिंग के वक्त तेज हवाओं के चलते एयर इंडिया के विमान का संतुलन हवा में ही बिगड़ता हुआ दिख रहा है। धीरे-धीरे विमान नीचे उतरता है और पायलट की सूझबूझ से एक बेहद सुरक्षित लैंडिंग करता है। वीडियो को कई लोगों ने ट्विटर पर शेयर किया। एक यूजर ने लिखा, ‘बेहद कुशल भारतीय पायलट, एयर इंडिया की इस फ्लाइट के पायलटों ने अपने बी787 ड्रीमलाइनर विमान को लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर अपने पहले प्रयास में आसानी से उतारने में कामयाबी हासिल की, जबकि स्टॉर्म यूनिस ने सैकड़ों उड़ानों को प्रभावित किया.. जय हिंद।’

वीडियो में दिखी विमानों की ऊबड़-खाबड़ लैंडिंग
एक दूसरे यूजर ने लिखा, ‘एयर इंडिया के पायलट ने कल यूनिस तूफान के दौरान तेज हवाओं में एक ड्रीमलाइनर को उतारा… कई एयरलाइनें 2-3 प्रयासों में ऐसा कर पाईं।’ शनिवार को एक लाइव स्ट्रीमिंग में ब्रिटिश एयरवेज से लेकर एमाइरेट्स के कई विमानों को तेज तूफानी हवाओं के बीच ऊबड़-खाबड़ तरीके से नीचे उतरते हुए देखा गया। इस वीडियो को लाखों लोगों ने यूट्यूब पर देखा था।

तूफान के चलते अब तक 13 लोगों की मौत
यूनिस तूफान के चलते लंदन में ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है, जिसका मतलब है कि मौसम जान के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। यूनिस तूफान के चलते ब्रिटेन में 140,000 से अधिक घरों और आयरलैंड में 80,000 घरों और व्यवसायों की बिजली सप्लाई प्रभावित हुई है। तूफान के चलते वर्तमान में लाखों लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं। ब्रिटेन, आयरलैंड, नीदरलैंड, बेल्जियम, जर्मनी और पोलैंड में पेड़ गिरने, उड़ते हुए मलबे और तेज हवाओं के चलते अब तक 13 लोगों की मौत हो गई है।

कोरोना में जमकर बेटिकट घूमे, रेलवे ने भी वसूला भारी-भरकम जुर्माना

नयी दिल्ली । आरटीआई के जवाब से यह भी पता चला कि अप्रैल-दिसंबर 2021 के दौरान 1.78 करोड़ से अधिक यात्रियों को बेटिकट  या निर्धारित गंतव्य से अलग टिकट और बिना बुक किए सामान के साथ यात्रा करते हुए पाया गया। उनसे 1,017.48 करोड़ रुपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गई।
कोरोना में लोगों ने जमकर की बिना टिकट रेल यात्रा
नई दिल्ली: कोरोना में लोगों ने जमकर बिना टिकट रेलवे से यात्रा की है। आंकड़े इसके गवाह हैं। रेलवे ने वित्त वर्ष 2021-22 के पहले नौ महीनों में 1.78 करोड़ से अधिक बेटिकट यात्रियों सामान की बुकिंग कराए बिना सफर करने वालों को पकड़ा। गैर-कोविड प्रभावित वित्तीय वर्ष 2019-2020 की तुलना में यह लगभग 79 फीसद की वृद्धि है। सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत मिले जवाब से यह जानकारी सामने आई है। वहीं, लोगो ने आवश्यकता से कम ट्रेनें होने की शिकायत भी की।

मांग-आपूर्ति में अंतर की शिकायत
यात्रियों ने यह शिकायत की है कि ट्रेन सेवाओं की मांग व आपूर्ति में अंतर है। रेलवे द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार सीट आरक्षण चार्ट को अंतिम रूप देने के बाद प्रतीक्षा सूची में शामिल 52 लाख से अधिक लोग चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में ट्रेनों से यात्रा नहीं कर सके, जो व्यस्त मार्गों पर अधिक ट्रेनों की आवश्यकता का संकेत देता है। वित्तीय वर्ष 2021-2022 के सितंबर तक बुकिंग कराने वाले 52,96,741 यात्रियों की तुलना में 32,50,039 पीएनआर (PNR) को स्वत: रद्द कर दिया गया, क्योंकि उनके नाम चार्ट तैयार होने के बाद प्रतीक्षा सूची की स्थिति में थे।

वसूला 1,017 करोड़ का जुर्माना
कोरोना महामारी से प्रभावित 2020-21 के वित्तीय वर्ष के दौरान ऐसे यात्रियों की संख्या 27 लाख थी, जब यातायात की आवाजाही पर गंभीर प्रतिबंध थे। मध्यप्रदेश के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में रेलवे ने यह आंकड़ा उपलब्ध कराया है। आरटीआई के जवाब से यह भी पता चला कि अप्रैल-दिसंबर 2021 के दौरान 1.78 करोड़ से अधिक यात्रियों को बेटिकट या निर्धारित गंतव्य से अलग टिकट और बिना बुक किए सामान के साथ यात्रा करते हुए पाया गया। उनसे 1,017.48 करोड़ रुपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गई।

यह है बेटिकट यात्रा में वृद्धि का कारण
सूत्रों ने संकेत दिया कि बेटिकट यात्रा में इस तरह की वृद्धि का एक प्रमुख कारण यह है कि मौजूदा समय में जब अधिकतर कोविड प्रतिबंध हटा दिए गए हैं, कई एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों में केवल ऑनलाइन बुकिंग और सीमित सेवाएं हैं।

कोरोना काल से पहले यह था आंकड़ा
कोरोना वायरस महामारी से अप्रभावित 2019-2020 के वित्तीय वर्ष में 1.10 करोड़ लोग बेटिकट यात्रा करते पकड़े गए और उनसे कुल 561.73 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूल किया गया। अप्रैल 2020 से मार्च 2021 यानी वित्त वर्ष 2020-21 के बीच 27.57 लाख लोग बिना टिकट यात्रा करते पकड़े गए और उन पर 143.82 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।
लोग कर रहे अधिक यात्रा
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘समस्या यह है कि पिछले दो वर्षों में यात्रा पर गंभीर प्रतिबंधों के बाद लोग अब अधिक से अधिक यात्रा कर रहे हैं। कुछ आपात स्थिति के कारण और कई छुट्टियों की वजह से। यात्रियों की संख्या में तो वृद्धि हुई है, लेकिन ट्रेनों की संख्या, फेरों की संख्या समान बनी हुई हैं। हमने क्लोन ट्रेनें शुरू की हैं और चीजें बेहतर होंगी।’’

पत्नी को बचाने के लिए गिरवी रखी एमबीबीएस की डिग्री

मौत के मुंह ऐसे खींच लाया अर्धांगनी को
पाली । फरवरी के महीने प्यार का प्रतीक माना जाने लगा है। इसी बीच प्रेम की ऐसी दास्तां राजस्थान के पाली जिले से सामने आई है, जिसे जानकर आप भी यहीं कहेंगे, प्यार हो तो ऐसा…। यहां दरअसल पत्नी को मौत के मुंह से वापस लाने के लिए डॉक्टर पति ने अपनी नौकरी दांव पर लगा दी। यही नहीं इलाज के लिए एमबीबीएस की डिग्री गिरवी रखकर 70 लाख का कर्ज लिया। इलाज पर करीब सवा करोड़ रुपये खर्च हुए, लेकिन इस परिस्थितियों से हार ना मानते हुए उसने अपनी पत्नी को बचा लिया।
मई 2021 में खुशहाल जिंदगी में आया भूचाल
बता दें कि पाली जिले के खेरवा गांव के 32 वर्षीय डॉ सुरेश चौधरी पीएससी में पोस्टेड है । वे पत्नी और 5 साल के बच्चे के साथ गांव में ही रहते हैं । मई 2021 में उनकी खुशहाल जिंदगी में भूचाल सा आ गया। कोरोना की दूसरी लहर चरम पर थी। पत्नी अनिता चौधरी को बुखार आया और 13 मई को कोरोना से तबीयत ज्यादा बिगड़ गई । अंजू को बांगड़ अस्पताल लेकर गए , लेकिन वहां बेड नहीं मिला।
जोधपुर एम्स में किया भर्ती
इसके बाद 14 मई को जोधपुर एम्स में भर्ती करवाया। 2 दिन वहां रहने के बाद रिश्तेदार को पत्नी के पास छोड़कर ड्यूटी पर आ गए, क्योंकि कोरोना पिक पर था और डॉक्टरों को छुट्टी नहीं मिल रही थी। 30 मई को जोधपुर एम्स में पत्नी से मिलने पहुंचे, तो हालत और ज्यादा बिगड़ गई थी। वे छोटे वेंटिलेटर पर थी और लंग्स खराब हो चुके थे । डॉक्टरों ने बताया बचना मुश्किल है, लेकिन सुरेश ने हार नहीं मानी और पत्नी को अहमदाबाद लेकर 1 जून को प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती करवया ।

87 दिन बाद ईश्वर ने सुनी, पत्नी ने स्वास्थ्य में आया सुधार
अंजू का वजन 50 किलो से गिरकर 30 किलो हो गया। शरीर में खून भी मात्र डेढ़ यूनिट बचा था। अंजू को ईसीएमओ मशीन पर लिया इस मशीन के जरिए हार्ट व लंग्स ऑपरेट होते हैं । यहां का रोजाना का खर्च एक लाख से ज्यादा था, सुरेश कर्ज के बोझ तले दबे जा रहे थे, लेकिन उनका एक ही मकसद था पत्नी की जान बचाना। आखिर ईश्वर ने इनकी सुनी और पूरे 87 दिन बाद इस मशीन पर रहने के बाद अनीता के लंग्स में सुधार हुआ और वह फिर से बोलने लगी। कुछ ही दिनों में उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
4 बैंकों में गिरवी रखकर 70 लाख का लिया कर्ज
डॉ सुरेश चौधरी ने बताया कि एमबीबीएस की डिग्री के रजिस्ट्रेशन नंबर 4 बैंकों में गिरवी रखकर 70 लाख का कर्ज लिया। अंजू कहती है कि पति की जीत और जुनून के कारण ही वह जिंदा है।

नागार्जुन ने गोद ली 1000 एकड़ वनभूमि, दान देंगे करोड़ों रुपये

तेलुगू फिल्‍मों के सुपरस्‍टार नागार्जुन ने एक बहुत ही नेक काम किया है। नागार्जुन ने 1,000 एकड़ वनभूमि को गोद लिया है। यानी अब वह और उनका एनजीओ इस जंगल और इसकी जमीन की देखभाल करेंगे। उन्‍होंने इसके लिए तेलंगाना हरित निध‍ि में 2 करोड़ रुपये दान करने की घोषणा की है। नागार्जुन और उनकी पत्‍नी अमला हैदराबाद में एनजीओ ‘ब्‍लू क्रॉस’ चलाते हैं। नागार्जुन तमाम दूसरे काम के साथ पर्यावरण की रक्षा के लिए इस एनजीओ के जरिए लगातार कुछ न कुछ करते रहते हैं।
नागार्जुन ने हाल ही मेडचल में एक पार्क की आधारश‍िला रखी। इस दौरान उन्‍होंने 1,000 एकड़ जंगल को गोद लेने और 2 करोड़ रुपये फंड में देने को लेकर भी जानकारी दी। इस बाबत नागार्जुन अक्‍क‍िनेनी परिवार ने एक बयान भी जारी किया। नागार्जुन ने खुद इसकी तस्‍वीरें ट्विटर पर शेयर कीं। नागार्जुन ने जो तस्‍वीरें शेयर की हैं, उनमें पत्‍नी अमला अक्‍क‍िनेनी के साथ बेटे नागा चैतन्‍य और अख‍िल भी नजर आ रहे हैं।

यूएई में पुरातत्‍वविदों को बड़ी सफलता, खोजी 8500 साल पुरानी इमारत

दुबई । संयुक्‍त अरब अमीरात के पुरातत्‍वविदों ने देश की सबसे प्राचीन बिल्डिंग की खोज की है। पुरातत्‍वविदों ने बताया कि यह इमारत 8500 साल पुरानी है। यह बिल्डिंग इससे पहले मिली इमारत से भी 500 साल ज्‍यादा पुरानी है। अबूधाबी के संस्‍कृति और पर्यटन विभाग ने इस शानदार खोज की जानकारी दी है। यह प्राचीनतम इमारत अबू धाबी शहर के पश्चिम में स्थित घाघा द्वीप पर मिली है।
इस द्वीप से जो ढांचा मिला है, वह ‘साधारण गोल कमरों’ की तरह से है जिसके चारों ओर पत्‍थर की दीवार है। यह दीवार 3.3 फुट ऊंची है और अभी भी काफी हद तक सुरक्षित है। शोधकर्ताओं के दल ने कहा कि यह ढांचा संभवत: एक छोटे से समुदाय का घर था जो इस द्वीप पर उस समय रहते थे। उन्‍होंने कहा कि यह खोज इस बात का दर्शाती है कि लंबी दूरी तक समुद्री व्‍यापारिक रास्‍ते शुरू होने से पहले ही नवपाषाण युग की बस्तियां यहां मौजूद थीं।
इमारत के पास शव दफन किया हुआ मिला
इस जगह से हजारों की तादाद में पुरावशेष भी मिले हैं। इनमें पत्‍थर से बने तीर के नोक भी शामिल हैं जो शिकार के लिए इस्‍तेमाल किया जाते थे। टीम ने कहा कि इस बात की संभावना है कि यहां रहने वाले लोग समुद्र में मिलने वाले प्राकृतिक संसाधनों का इस्‍तेमाल करते थे। हालांकि पुरातत्‍वविदों को अभी भी भरोसा नहीं है कि इस घर का कब इस्‍तेमाल किया गया। इस बिल्डिंग के पास एक शव दफन किया हुआ मिला है जो करीब 5 हजार साल पुराना है।
अबूधाबी द्वीप पर यह कुछ चर्चित कब्रों में शामिल है। संस्‍कृति विभाग के चेयरमैन मोहम्‍मद अल मुबारक ने कहा, ‘घाघा द्वीप पर हुई खोज यह दर्शाती है कि इनोवेशन की विशेषता, स्‍थायित्‍व और लचीलापन यहां रहने वाले लोगों के डीएनए में हजारों साल पहले से ही मौजूद थी।’ इससे पहले यूएई में सबसे पुरानी बिल्डिंग की खोज मारवाह द्वीप पर हुई थी जो अबू धाबी के तट पर स्थित है। यही पर साल 2017 में दुनिया का सबसे पुराना मोती मिला था।

 बाइक पर बच्चों को बैठाने से पहले पढ़ लें ये जरूरी नियम

नयी दिल्ली । दोपहिया वाहनों पर आप अपने बच्चों को बिठाकर कहीं ले जा रहे हैं तो यह जरूरी नियम भी जान लीजिए। आने वाले वक्त में 9 महीने से 4 साल तक के बच्चों को भी दुपहिया वाहन पर सफर के दौरान जरूरी होगा। परिवहन मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि अगले साल 15 फरवरी से नौ महीने से चार साल तक के बच्चों के लिए हेलमेट के साथ ही सेफ्टी हार्नेस बेल्ट पहनना भी जरूरी होगा। इसके साथ ही जिस टू व्हीलर पर चार साल से कम उम्र के बच्चे होंगे उसकी अधिकत्तम रफ्तार 40 किमी प्रति घंटे की होगी। क्या हैं नए नियम –
– इन नियमों का पालन नहीं करने पर 1,000 रुपये का जुर्माना और तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित करने का प्रावधान है। वर्तमान में भारत में सड़क दुर्घटनाओं में चार साल से कम उम्र के कितने बच्चों की मौत हुई, इसका कोई विशेष डेटा नहीं है।
-सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 15 फरवरी, 2022 की अधिसूचना के माध्यम से सीएमवीआर, 1989 के नियम 138 में संशोधन किया है और चार साल से कम उम्र के बच्चों के टू व्हीलर पर ले जाने के लिए सुरक्षा उपायों से संबंधित मानदंड निर्धारित किए हैं।
-बाइक चालक को 9 महीने से 4 साल के बच्चे को सीट के पीछे ले जाते समय सेफ्टी हार्नेस का उपयोग करना होगा।
क्या होता है सेफ्टी हार्नेस बेल्ट

एक प्रकार से यह पहना जाने वाला बेल्ट होता है, इसको पहनने के बाद टू व्हीलर से बच्चे के गिरने की संभावना नहीं रहेगी। यह एडजेस्टेबल बेल्ट होता है और राइडर से बेल्ट बंधा होता है। इस बेल्ट को बच्चा पहनता है और इसका एक हिस्सा टू व्हीलर चलाने वाले के कमर से लॉक हो जाता है।

– 30Kg तक की क्षमता हार्नेस बेल्ट की उठाने की हो, डिजाइन भी वैसे ही तैयार
-वाटरप्रूफ और लाइट केयरिंग और डुरेबल होना चाहिए हार्नेस बेल्ट
– टू व्हीलर पर चार साल से कम उम्र के बच्चे होंगे उसकी अधिकत्तम रफ्तार 40 किमी प्रति घंटे की होगी।
-नए नियम 15 फरवरी 2023 से हो जाएंगे लागू, पिछले साल रखा गया था प्रस्ताव।

(साभार – नवभारत टाइम्स)

याद रहेंगे ‘डिस्को किंग’ बप्पी लाहिड़ी 

मुम्बई । भारत में 80 और 90 के दशक में सिनेमा में डिस्को संगीत को लोकप्रिय बनाने वाले गायक-संगीतकार बप्पी लाहिड़ी का स्वास्थ्य संबंधी कई दिक्कतों के कारण निधन हो गया। उनका इलाज कर रहे एक डॉक्टर ने बुधवार को यह जानकारी दी। वह 69 वर्ष के थे। गायक व संगीतकार ने पिछले साल सितंबर में उन खबरों को खारिज कर दिया था कि उन्होंने अपनी आवाज खो दी है। उन्होंने ऐसी अफवाहों को दिल तोड़ने वाली बताया था।
सोने की मोटी जंजीरें और चश्मा पहनने के लिए पहचाने जाने वाले गायक-संगीतकार ने 70-80 के दशक में कई फिल्मों के लिए संगीत रचना की जिन्हें खासी लोकप्रियता मिली। इन फिल्मों में ‘‘चलते-चलते’’, ‘‘डिस्को डांसर’’ और ‘‘शराबी’’ शामिल हैं। लाहिड़ी के परिवार में उनकी पत्नी चित्राणी, पुत्री रीमा और पुत्र बप्पा लाहिड़ी हैं।

लाहिड़ी ने आखिरी बार सितंबर 2021 में ‘‘गणपति बप्पा मोरिया’’ में काम किया था। उन्होंने अमेरिका स्थित भारतीय गायक अनुराधा जुजु पलाकुर्ती की आवाज वाले भक्ति गीतों के लिए भी संगीत दिया। लाहिड़ी को 1970 से लेकर 1990 के दौरान भारतीय सिनेमा में ‘‘आय एम ए डिस्को डांसर’’, ‘‘जिम्मी जिम्मी’’, ‘‘पग घुंघरू’’, ‘‘इंतेहा हो गयी’’, ‘‘तम्मा तम्मा लोगे’’, ‘‘यार बिना चैन कहां रे’’, ‘‘आज रपट जाए तो’’ तथा ‘‘चलते चलते’’ जैसे गीतों से डिस्को संगीत का दौर शुरू करने का श्रेय दिया जाता है।
उन्होंने 2000 के दशक में ‘‘टैक्सी नंबर 9211’’ (2006) का ‘‘बम्बई नगरिया’’ और ‘‘द डर्टी पिक्चर’’ (2011) के ‘‘उह ला ला’’ जैसे हिट गीतों को भी अपनी आवाज दी। वह उन गायकों में से एक हैं जिन्होंने 2014 में आयी फिल्म ‘‘गुंडे’’ का ‘‘तूने मारी एंट्रियां’’ गीत भी गाया था। उन्होंने बंगाली, तेलुगु, तमिल, कन्नड़ और गुजराती फिल्मों में भी संगीत दिया।
लाहिड़ी 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए। उन्होंने श्रीरामपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी से हार गए। उनका आखिरी बॉलीवुड गीत 2020 में आयी फिल्म ‘‘बागी 3’’ का ‘‘भंकास’’ था।
उन्हें बॉलीवुड में संगीत का एक नया अंदाज पेश करने वाले कलाकार के तौर पर याद किया। लाहिड़ी को उनके प्रशंसक प्यार से ‘बप्पी दा’ बुलाते थे।

लाहिड़ी का जन्म पश्चिम बंगाल के कलकत्ता में संगीतकारों के एक परिवार में 1952 में हुआ। लाहिड़ी का संगीत के प्रति प्रेम तीन वर्ष की आयु में ही शुरू हो गया था जब उन्होंने तबला बजाना शुरू किया।
उनके लिए ‘‘पग घुंघरू’’ और ‘‘चलते चलते’’ जैसे गीत गाने वाले मशहूर गायक किशोर कुमार उनके ‘‘मामा’’ थे। न केवल हिंदी फिल्मों में बल्कि लाहिड़ी बंगाली सिनेमा में भी लोकप्रिय नाम थे, जहां उन्होंने 1972 में आयी फिल्म ‘‘दादू’’ से अपने करियर की शुरुआत की। बतौर संगीतकार उनकी पहली हिंदी फिल्म 1973 में आयी ‘‘नन्हा शिकारी’’ थी। ‘‘जख्मी’’ फिल्म के लिए गाना गाने और संगीत देने के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

‘‘जख्मी’’ के बाद उन्हेांने ‘‘चलते चलते’’, ‘‘सुरक्षा’’ और अन्य फिल्मों में काम किया और उनका डिस्को संगीत युवाओं के बीच इतना लोकप्रिय हुआ कि उन्हें भारत के ‘‘डिस्को किंग’’ की उपाधि दे दी गयी। गायक ने 2019 में एक साक्षात्कार में कहा था कि वह अपने युग के कुछ बड़े सितारों के लिए गाना गाने को लेकर खुद को भाग्यशाली मानते हैं।
उन्होंने कहा था, ‘‘मुझे यह सफर तय करके और इंडस्ट्री में अत्यधिक प्रतिभाशाली लोगों के साथ काम करके काफी गर्व महसूस होता है। मैंने दिलीप कुमार से लेकर रणवीर सिंह तक के लिए काम किया। ‘धर्म अधिकारी’ से लेकर ‘गुंडे’ तक में काम किया है।’’

वरिष्ठ पत्रकार रवीश तिवारी का निधन

नयी दिल्ली । वरिष्ठ पत्रकार और इंडियन एक्सप्रेस के राष्ट्रीय ब्यूरो प्रमुख रवीश तिवारी का निधन हो गया। वरिष्ठ पत्रकार और इंडियन एक्सप्रेस के राष्ट्रीय ब्यूरो प्रमुख रवीश तिवारी का दो साल तक कैंसर से जूझने के बाद शनिवार सुबह निधन हो गया।  रवीश तिवारी की शुरुआती शिक्षा नवोदय विद्यालय से हुई। आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग करने के बाद वह 2005-06 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी गए। रवीश तिवारी उस वर्ष रोड्स स्कॉलरशिप हासिल करने वाले छह लोगों में शामिल थे। इसके बाद रवीश ने तमाम लुभावने कॅरिअर का विकल्प छोड़कर पत्रकारिता को चुना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ पत्रकार के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि रवीश तिवारी ‘गहरी समझ वाले’ और विनम्र स्वभाव के व्यक्ति थे। मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘नियति ने रवीश तिवारी को बहुत जल्दी ही हमसे छीन लिया। मीडिया जगत में उनके निधन से एक शानदार करियर और प्रतिभा का अंत हो गया। मुझे उनकी रिपोर्ट पढ़ने में आनंद आता था और मैं समय-समय पर उनसे बात भी करता था। वह गहरी समझ रखने वाले और विनम्र स्वभाव के व्यक्ति थे। उनके परिजनों और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति।’’

संगठित क्षेत्र के 15,000 रुपये से अधिक मूल वेतन वालों के लिए आएगी नयी पेंशन योजना

नयी दिल्ली । कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) संगठित क्षेत्र के 15,000 रुपये से अधिक का मूल वेतन पाने वाले तथा कर्मचारी पेंशन योजना-1995 (ईपीएस-95) के तहत अनिवार्य रूप से नहीं आने वाले कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन योजना लाने पर विचार कर रहा है।
वर्तमान में संगठित क्षेत्र के वे कर्मचारी जिनका मूल वेतन (मूल वेतन और महंगाई भत्ता) 15,000 रुपये तक है, अनिवार्य रूप से ईपीएस-95 के तहत आते हैं।
एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ईपीएफओ के सदस्यों के बीच ऊंचे योगदान पर अधिक पेंशन की मांग की गई है। इस प्रकार उन लोगों के लिए एक नया पेंशन उत्पाद या योजना लाने के लिए सक्रिय रूप से विचार किया जा रहा है, जिनका मासिक मूल वेतन 15,000 रुपये से अधिक है।’’ सूत्र के अनुसार, इस नए पेंशन उत्पाद पर प्रस्ताव 11 और 12 मार्च को गुवाहाटी में ईपीएफओ के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक में आ सकता है।
बैठक के दौरान सीबीटी द्वारा नवंबर, 2021 में पेंशन संबंधी मुद्दों पर गठित एक उप-समिति भी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
सूत्र ने बताया कि ऐसे ईपीएफओ अंशधारक हैं जिन्हें 15,000 रुपये से अधिक का मासिक मूल वेतन मिल रहा है, लेकिन वे ईपीएस-95 के तहत 8.33 प्रतिशत की कम दर से ही योगदान कर पाते हैं। इस तरह उन्हें कम पेंशन मिलती है।
ईपीएफओ ने 2014 में मासिक पेंशन योग्य मूल वेतन को 15,000 रुपये तक सीमित करने के लिए योजना में संशोधन किया था। 15,000 रुपये की सीमा केवल सेवा में शामिल होने के समय लागू होती है। संगठित क्षेत्र में वेतन संशोधन और मूल्यवृद्धि की वजह से इसे एक सितंबर, 2014 से 6,500 रुपये से ऊपर संशोधित किया गया था।
बाद में मासिक मूल वेतन की सीमा को बढ़ाकर 25,000 रुपये करने की मांग हुई और उसपर विचार-विमर्श किया गया, लेकिन प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल पाई।
उद्योग के अनुमान के अनुसार, पेंशन योग्य वेतन बढ़ाने से संगठित क्षेत्र के 50 लाख और कर्मचारी ईपीएस-95 के दायरे में आ सकते हैं।
पूर्व श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने दिसंबर, 2016 में लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा था, ‘‘कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत ‘कवरेज’ के लिए वेतन सीमा 15,000 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 25,000 रुपये मासिक करने का प्रस्ताव ईपीएफओ ने पेश किया था, लेकिन इसपर कोई निर्णय नहीं हुआ।
सूत्र ने कहा कि उन लोगों के लिए एक नए पेंशन उत्पाद की आवश्यकता है जो या तो कम योगदान करने के लिए मजबूर हैं या जो इस योजना की सदस्यता नहीं ले सके हैं, क्योंकि सेवा में शामिल होने के समय उनका मासिक मूल वेतन 15,000 रुपये से अधिक था।

यूएई के साथ एफटीए से भारत के 26 अरब डॉलर मूल्य के उत्पादों को होगा फायदा

नयी दिल्ली । भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच व्यापक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से रत्न एवं आभूषण जैसे करीब 26 अरब डॉलर मूल्य के घरेलू उत्पादों को फायदा मिलने की संभावना है। इन पर अभी खाड़ी देश में पांच प्रतिशत आयात शुल्क लगाया जाता है।
एक अधिकारी ने भारत-यूएई एफटीए से जुड़े लाभों को रेखांकित करते हुए कहा कि इस करार से श्रम-गहन क्षेत्रों मसलन कपड़ा, चमड़ा, जूते-चप्पल, खेल का सामान, प्लास्टिक, फर्नीचर, कृषि और लकड़ी के उत्पाद, इंजीनियरिंग, फार्मास्युटिकल्स और चिकित्सा उपकरणों तथा वाहन जैसे उद्योगों को काफी लाभ होगा।
अधिकारी ने कहा कि सेवा क्षेत्र की बात की जाए, तो इस करार से कंप्यूटर से संबंधित सेवाएं, ऑडियो-विजुअल, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, यात्रा, नर्सिंग, इंजीनियरिंग और लेखा सेवाओं को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
भारत और यूएई ने 18 फरवरी को वृहद आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर किए थे। इसका उद्देश्य पांच साल की अवधि में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 100 अरब डॉलर तक पहुंचाना और लाखों रोजगार के अवसरों का सृजन करना है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘यूएई पहले से ही भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है। 2019-20 में यूएई को भारत का निर्यात लगभग 29 अरब डॉलर रहा था। यूएई के साथ सीईपीए से लगभग 26 अरब डॉलर मूल्य के भारतीय उत्पादों को लाभ होने की संभावना है। इन उत्पादों पर यूएई में पांच प्रतिशत का आयात शुल्क लगता है।’’ अनुमानों के अनुसार, 2023 में सोने और स्वर्ण-जड़ित आभूषणों का निर्यात बढ़कर 10 डॉलर हो जाएगा और भारत द्वारा सोने जैसे उत्पादों में यूएई को दी जाने वाली शुल्क रियायतों से उत्पादन सामग्री के आयात लागत कम हो जाएगी। अगले पांच वर्षों में कपड़ा निर्यात में दो डॉलर की अतिरिक्त वृद्धि का अनुमान है।