Sunday, July 20, 2025
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वापसी

प्रो. प्रेम शर्मा

आरती को लगभग 14 वर्ष हो गए थे लता के घर काम करते हुए। इतनी जिम्मेदारी और निपुर्णता से वह घर के सारे काम करती कि लता उसके काम में कभी कोई त्रुटि न निकाल पाती। घर की सफाई करना, बर्तन मांजना, बाजार करना-यह सब तो उसके काम थे ही-खाना बनाने की जिम्मेदारी भी उसी की थी। लता नौकरी करती थी। उसकी अनुपस्थिति में उसके दोनों बच्चे जब विद्यालय से घर लौटते तो आरती आकर खाना गर्म करती और उन्हें खिलाती। आरती का घर लता के घर के पीछे वाली गली में ही था, इसलिए उसे बार-बार आने में परेशानी नहीं होती थी।
लता के पति विकास ने एक दिन लता से कहा था-” तुम बहुत आलसी हो गई हो हर काम आरती पर छोड़ देती हो। घर संभालना तुम्हारी जिम्मेदारी है।”
“मुझे आरती पर पूरा विश्वास है।”
संक्षिप्त सा उत्तर दिया था लता ने।
बुधवार का दिन था। लता अपने कमरे में बैठी एक पुस्तक पढ़ रही थी। आरती उसके बेटे मोहित के कमरे में सफाई कर रही थी। अचानक किसी चीज के गिरने की आवाज आई। गर्दन घुमा कर लता ने बेटे के कमरे की तरफ देखा। आरती किसी चीज को साड़ी में लपेटकर कमर में ठूंँस रही थी। वह अवाक उसे देखे जा रही थी पर कुछ कहा नहीं। प्रतिदिन की तरह टाटा— बाय-बाय- करते हुए हंँसते-हंँसते हाथ हिलाते हुए आरती चली गई।
अगले दिन लता तैयार होकर विद्यालय चली गई। रह-रहकर उसकी आंखों के सामने वह दृश्य घूम जाता ।बार बार एक प्रश्न उसके मन में उठता -“आरती क्या ले गई?”
विद्यालय से लौटकर उसने मोहित के कमरे की अनगिनत चीजें हिलाकर –उठाकर –जानने की कोशिश की- आखिर वह क्या ले गई? हर वस्तु कमरे में यथास्थान थी। आरती शाम को काम पर नहीं आई। अगले दिन भी वह अनुपस्थित रही। संदेह विश्वास में बदल गया। लता ने अपने दरबान को उसके घर भेजा । उत्तर मिला -आरती घर पर नहीं है।
लता बेचैन हो उठी। रात्रि के भोजन के पश्चात लता ने बात शुरू करते हुए विकास से कहा-
“आज आरती आई नहीं।”
विकास-” वह भी तो इंसान है, कभी तो छुट्टी लेगी।”
लता-” बात वह नहीं है कुछ गड़बड़ है।”
विकास-क्या हुआ?
लता-“हूं—आरती परसों यानि बुधवार को जब मोहित का कमरा साफ कर रही थी उस समय मैंने उसे कमर में कुछ ठूंँसते हुए देखा था। वह कुछ ले गई है । मैंने सुनील को उसके घर भेजा था वह घर पर नहीं है। वह कल भी नहीं आई थी।
विकास-“और सिर चढ़ाओ। जो काम करना हो ,आरती करे। अब भुगतो!”पहले पता लगाओ क्या गायब है।”
लता-” मैंने अलमारी शेल्फ सब देख लिया है।”
विकास-“उसी समय उसे क्यों नहीं टोका?”
लता-“मैंने सपने में भी कभी नहीं सोचा था कि आरती कोई गलत काम कर सकती है।”
विकास-“खैर भूल जाओ। अब उसकी वापसी तो तुम्हारे घर होगी नहीं। तुम किसी और काम वाली को ढूंढना शुरू करो।”
लता के दिल और दिमाग में एक तूफान मचा हुआ था। एक तो अनुत्तरित प्रश्न था- क्या ले गई? दूसरे गत 14 वर्षों में आरती ने उसे जो आराम दिया वह दूसरा कोई देगा नहीं।
अगले दिन विद्यालय से जब लता घर लौटी तो आरती को दरवाजे के बाहर खड़ा पाया। क्रोध से लता का चेहरा लाल हो गया। विचित्र नजरों से उसने आरती को देखा।अपने बैग से चाबी निकाल दरवाजा खोला और अंदर प्रवेश किया। आरती एक कदम आगे बढ़ी और दहलीज पर आकर खड़ी हो गई।
आरती-“भाभी जी मुझसे एक गलती हो गई।”
लता- बड़ी निर्लज्ज है! गलती करके फिर यहां आकर खड़ी हो गई।
आरती-“भाभी जी मोहित भैया का कमरा जब साफ कर रही थी तो शेल्फ से उनका चश्मा नीचे गिर गया और टूट गया। मैं वह आंँचल में बांधकर दुकान पर ले गई। दुकानदार ने कागज मांगे। मैंने उससे कहा-जैसा दायाँ कांँच है वैसा ही बाँयां भी लगा दो। भाभी जी उसने कल नहीं दिया। मैं डर गई थी इसीलिए कल नहीं आई। सॉरी–भाभी जी”
आरती कहती जा रही थी और लता शर्मिंदगी और पश्चाताप के मिले-जुले भावों में बहती जा रही थी पश्चात्ताप के आंँसुओं की झड़ी नैनों के माध्यम से बह चली। आरती को लता ने गले से लगा लिया और फूट पड़ी। पश्चात्ताप के आंँसुओं के साथ आरती की वापसी के एहसास ने लता को राहत भी पहुंँचाई।

 

बीएचएस में वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता

कोलकाता । बिड़ला हाई स्कूल में हाल ही में वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता आयोजित की गयी। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में जैवलिन थ्रोवर व ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा उपस्थित थे। विद्या मंदिर सोसायटी के महासचिव मेजर जनरल वी. एन. चतुर्वेदी (सेवानिवृत्त) ने ध्वजारोहण कर खेलों की शुरुआत की। कार्यक्रम की शुरुआत स्कूल की प्रिंसिपल लवलीन सैगल के स्वागत भाषण से हुई। विद्यार्थी खेल सचिव (स्टूडेंट स्पोर्ट्स सेक्रेट्री) विशाल कृपलानी एवं युक्त खेमका मशाल वाहक बने। शपथ स्टूडेंट प्रेसिडेंट देवांशु चौधरी ने ली। कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों के लिए अरबिक ड्रिल, पुश अप, एक पैर से स्कीपिंग समेत कई तरह की खेल प्रतियोगिताएँ हुई जिनमें जगलिंग द बलून इन्डेक्स, हुला हूप जैसी कई प्रतियोगिताएँ शामिल थीं। बिड़ला हाई स्कूल की निदेशक मुक्ता नैन ने विद्यार्थियों को सम्बोधित किया । पुरस्कार वितरण में विजेताओं को सम्मानित किया गया। धन्यवाद ज्ञापन खेल सचिव युक्त खेमका ने दिया।
रिपोर्ट – युक्त खेमका
खेल सचिव, बिड़ला हाई स्कूल

वेस्ट बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन की 57वीं वार्षिक बैठक

कोलकाता । वेस्ट बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन की 57वीं वार्षिक बैठक हाल ही में हावड़ा में हुई। बैठक का उद्घाटन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कृषि सलाहकार मुख्य अतिथि डॉ. प्रदीप कुमार मजुमदार ने किया। राज्य के एग्रीकल्चरल मार्केटिंग की निदेशक आत्मिका भारती, वेस्ट बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के अध्यक्ष तरुण कांति घोष, उपाध्यक्ष राजेश कुमार बंसल, पूर्व अध्यक्ष पतित पावन दे उपस्थित थे। राज्य के कृषि विपणन मंत्री विप्लव मित्रा आभासी यानी वर्चुअल तरीके से कार्यक्रम से जुड़े। बैठक में संतुलित मात्रा में आलू की खेती करने, पूरे भारत से आँकड़े एकत्र करने, कृषकों को प्रशिक्षित करने समेत कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।

भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज को सर्वश्रेष्ठ कॉलेज मदर टेरेसा इंटरनेशनल अवार्ड 2022

कोलकाता । भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज को शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए बेस्ट कॉलेज अंतर्राष्ट्रीय मदर टेरेसा अवार्ड 2022 प्रदान किया गया। कोलकाता के आईसीसीआर सभागार में 24 फरवरी को कॉलेज के डीन प्रो दिलीप शाह और विद्यार्थियों ने समवेत रूप से इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। यह अवार्ड मदर टेरेसा की स्मृति में 2001 से शुरू किया गया है। मदर टेरेसा इंटरनेशनल अवार्ड कमेटी के सात सदस्यों द्वारा यह अवार्ड प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों को दिया जाता है जो शिक्षा, संस्कृति, संगीत, सामाजिक कार्य, खेल, उद्योग, मीडिया, मेडिसिन, सर्वश्रेष्ठ प्रिंसिपल, सर्वश्रेष्ठ स्कूल और कॉलेज और राजनीतिक क्षेत्रों में गत इक्कीस वर्षों से दिया जा रहा है। दो सौ से अधिक अपने-अपने क्षेत्र में विशिष्ट व्यक्तित्व और संस्थाओं को अवार्ड दिया जा चुका है। भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज को शिक्षा के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ कॉलेज का मदर टेरेसा इंटरनेशनल अवार्ड देने के लिए चुना गया है। यह अवार्ड राष्ट्रीय अल्पसंख्यक और कमजोर वर्ग आयोग के अंतर्गत पंजीकृत है।
जस्टिस श्यामल सेन(पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल, पूर्व न्यायाधीश कलकत्ता, चीफ़ पेट्रान हाईकोर्ट), एंथोनी अरुण बिश्वास (कमेटी चेयरमैन) द्वारा भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज के डीन प्रो दिलीप शाह को मदर टेरेसा अवार्ड 2022 प्रदान किया गया। इस अवसर पर पर कॉलेज के विद्यार्थियों ने उत्साहित होकर भाग लिया। इस कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।

शानदार हैं उत्तराखंड के खूबसूरत ट्रैक

सर्दियों के मौसम में जाना बेहतर है

 उत्तराखंड के प्रसिद्ध चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री विश्व भर में प्रसिद्ध तो हैं ही इसके साथ यहां के विंटर ट्रैक साहसिक खेलों के शौकीनों के लिए पहली पसंद बन रहे हैं। जिस तरह उत्तराखंड की वादियों में सर्दियों में घूमने का अपना अलग ही मजा है, उसी तरह से यहां सर्दियों के मौसम में ट्रैकिंग करने का आनंद आपको किसी और रोमांचक गतिविधियों में नहीं मिल सकता। हिमालय की गोद में बसा हुआ उत्तराखंड सर्दियों में ट्रैकिंग के बहुत सारे विकल्प प्रदान करता है जो सफेद सफेद बर्फीले रास्ते और बर्फ की चादर ओढ़े हुए पहाड़ों के शानदार दृश्य से भरे होते हैं। सर्दी के दौरान ट्रैकिंग करते हुए बीच में कई खूबसूरत वादियां, सौगान के पेड़ और खूबसूरत झरने और छोटे-छोटे गांव देखने को मिलते हैं। ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र में आप प्राकृतिक सुंदरता के साथ ट्रैकिंग का मजा भी ले सकते हैं। राज्य के भीतर साहसिक पर्यटन को बढ़ावा दिए जाने को लेकर पर्यटन विभाग ने एक अलग से साहसिक विंग भी बनाया है। इस लेख के जरिए हम आपको उत्तराखंड के विभिन्न विंटर ट्रैक से रूबरू कराएंगे।

केदारकांठा ट्रैक

 समुद्र तल से लगभग 12500 फिट की ऊंचाई पर स्थित केदारकांठा, गोविन्द पशु विहार नेशनल पार्क के अंतर्गत गढ़वाल हिमालय उत्तरकाशी, उत्तराखंड क्षेत्र में स्थित है। जौनसार -बावर क्षेत्र के सांकरी गांव से केदारकांठा ट्रैक की शुरुआत होती है। केदारकांठा शिखर पर चारों तरफ बर्फ से लदी पहाड़ियों का नजारा और पहाड़ियों तक पहुंचने वाले खूबसूरत रास्ते पर्यटकों को दूर-दूर से केदारकांठा आने के लिए आकर्षित करते हैं। केदारकांठा शिखर से सूरज उदय और सूरज डूबने का नजारा बहुत अद्भुत है जिसे देखने के लिए पर्यटक, सुबह और शाम को यहां पहुंचते हैं।

कैसे पहुंचें-  केदारकांठा की यात्रा उत्तराखंड के सांकरी गांव से शुरू होती है लेकिन आपको यहां पहुंचे के लिए सबसे पहले देहरादून पहुंचना पड़ेगा। देहरादून से सांकरी गांव की दूरी 196 किलोमीटर की है जिसे करने में आपको 10 से 11 घंटे का समय लगेगा। यह यात्रा छह दिन में पूरी होती है।

चंद्रशिला ट्रैक

 चंद्रशिला ट्रैक पंच केदार का तुंगनाथ मंदिर स्थित है। ट्रैक की शुरूआत रुद्रप्रयाग जिले के चोपता से होती है। सर्दियों के मौसम के अलावा ट्रैकिंग के शौकीन किसी भी मौसम में यहां आ सकते हैं। यह ट्रैक पर्यटकों के लिए प साल भर खुला रहता है। इस ट्रैक के जरिए आप दुनिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिर तक पहुंच सकते हैं जो तुंगनाथ में 4000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

 कैसे पहुंचें –  चंद्रशिला ट्रैक उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में चोपता गांव के पास है। चोपता गांव से 3 से 4 किलोमीटर का ट्रैक करके तुंगनाथ मंदिर पहुंचा जाता है जो कि पंच केदार में से एक केदार है। तुंगनाथ मंदिर से ऊपर 1 से 1.5 किलोमीटर का ट्रैक और करके चंद्रशिला शिखर तक पहुंचा जा सकता है।

क्वारी पास ट्रैक

 क्वारी पास ट्रैक की यात्रा जोशीमठ से शुरू होती है जो ट्रेकर्स और तीर्थयात्रियों का मुख्य केंद्र है। यहां कुछ जगहों पर आप दुर्लभ हिमालयी भालू या तेंदुए के पैरों के निशान भी देख सकते हैं। कुआरी दर्रे की सबसे अच्छी बात यह है कि आप हरे भरे घास के मैदानों के बीच डेरा डाल सकते हैं, जिसमें हिमालय के नज़ारों वाले विशाल हरे भरे चरागाह मौजूद हैं।

 ट्रैक कैसे पहुंचे – क्वारी पास ट्रैक की यात्रा तीर्थ नगरी हरिद्वार से जोशीमठ तक शुरू होती है जोशीमठ की दूरी हरिद्वार से लगभग 265 किमी है जिसके बाद जोशीमठ से चित्रकांठा जाया जाता है जिसकी कुल ऊंचाई लगभग 3,310 मीटर अथवा 10,857 फ़ीट है। अगली यात्रा चित्रकांठा से शुरू होती है जो ताली टॉप तक होती है। इस दिन का ट्रैक आपके पूरे ट्रैक में सबसे खूबसूरत होता है। यह ट्रैक कुल 4 किमी का है तथा इस ट्रैक की कुल ऊंचाई 11,070 फ़ीट है। अगली ट्रैक ताली टॉप से शुरू होकर क्वारी पास तक जाता है।

ब्रह्मताल ट्रैक

 ब्रह्मताल माउंट त्रिशूल और नंदा घुंटी, राजसी रूपकुंड ट्रेक के विहंगम दृश्य और राजसी बर्फ से ढकी चोटी को अपने कैमरे से कैद करने के पर्याप्त अवसर प्रदान करता है। ब्रह्मताल ट्रैक में सुंदर घाटियों, शांत बस्तियों, नदियों, और शंकुधारी, और ओक के जंगलों के मनभावन दृश्य देखने को मिलते हैं। सर्दियों के मौसम में यह पूरा क्षेत्र ही बर्फ से ढका हुआ होता है और हिमालय का एक अनोखा दृश्य भी पेश करता है। ट्रेकर से पहुंच कर वहां से 16-17 किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर ब्रह्म ताल पहुंच सकते है। ब्रह्म ताल पहुंचने से पूर्व ट्रेक पहले भेंकल ताल पहुंचता है। यह भी ट्रैकिंग के लिए एक उपयुक्त स्थान है।

महाबीर दानवर ज्वेलर्स  ने की ‘कपल नम्बर 1’ प्रतियोगिता की घोषणा

कोलकाता ।  महाबीर दानवर ज्वेलर्स  की ओर से विवाहित जोड़ों को विशेष महसूस करवाने के लिए ‘कपल नम्बर 1 प्रतियोगिता की घोषणा की है। भारत में शादियों को हमेशा के लिए आनंदमय माना जाता है, लेकिन रोमांस को फिर से जगाना और हर गुजरते दिन को अपने साथी के साथ सेलिब्रेट करना भी महत्वपूर्ण है। इसी सोच को ध्यान में रखते हुए इस अनूठी, मनोरंजक और रचनात्मक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है।

इस अवसर पर अभिनेत्री ऋचा शर्मा, सेलिब्रिटी साड़ी ड्रेपिस्ट और स्टाइलिस्ट डॉली जैन, सेलिब्रिटी मोटिवेशनल स्पीकर नैना मोरे, महाबीर दानवर ज्वेलर्स के निदेशक विजय सोनी व महाबीर दानवर ज्वेलर्स के निदेशक अरविंद सोनी मौजूद थे। यह प्रतियोगिता सभी विवाहित जोड़ों को शादी के बाद की अपनी विशेष जोड़े की तस्वीरें भेजने के लिए आमंत्रित करती है। सभी भाग लेने वाले जोड़ों का स्क्रीनिंग राउंड होगा और उसके बाद ही उनका चयन किया जाएगा। साप्ताहिक चयनित जोड़ों को एमडीजे शोरूम जाने और छूट वाउचर प्राप्त करने का मौका मिलेगा।

भारत जैन महामडल लेडीज विंग कोलकाता द्वारा सम्मानित की गयीं रंगकर्मी उमा झुनझुनवाला

 कोलकाता ।  भारत जैन महामडल लेडीज विंग कोलकाता की आज प्रसिद्ध हस्ती नारी शक्ति का अनुपम उदाहरण उमा जी झुनझुनवाला से मुलाकात हुई। भारत जैन महामंडल की किताब जैन जगत उमा को भेंट की गयी ।उमा झुनझुनवाला का जन्म 20 अगस्त 1968 में कलकत्ता में हुआ था। हिन्दी से एम.ए करने के बाद इन्होंने बीएड किया क्योंकि इनका मानना है, “स्कूल का शिक्षक होना ज़्यादा महत्वपूर्ण होता है, आप एक ज़िम्मेदार नागरिक का निर्माण करते हैं वहाँ।” कला के प्रति रुझान बचपन से ही था। इसलिए परिवार में अनुकूल परिवेश न होने के बावजूद ये रंगमंच से आखिरकार जुड़ ही गईं। १९८४ में दसवीं की परीक्षा के बाद उन्हें स्कूल के रजत जयंती के अवसर पर नाटक मे हिस्सा लेने का अवसर मिला। यहीं से उनके जीवन की दिशा बदल गयी। तब से नाट्य क्षेत्र में सक्रियता बनी हुई है।
उमा झुनझुनवाला लिटिल थेस्पियन की संस्थापक/निदेशक हैं। इन्हें संस्कृति मंत्रालय द्वारा “कहानियों के मंचन” पर काम करने हेतु जूनियर फेलोशिप प्रदान की गयी। ये अब तक 9 नाटकों, 36 कहानियों, 12 एकांकियों तथा 8 बाल-नाटकों का निर्देशन दे चुकी हैं तथा 50 से ज़्यादा नाटकों में अभिनय कर चुकी हैं। इनके लिखे पाँच नाटक उपलब्ध हैं – रेंगती परछाईयाँ (प्रकाशित), हज़ारों ख़्वाहिशें (प्रकाश्य), लम्हों की मुलाकात (प्रकाशित), भीगी औरतें और चौखट। बच्चों के लिए भी 9 नाटक लिखे हैं। इनका एक डायरी संकलन भी प्रकाशित हुआ है – ‘एक औरत की डायरी से।’ काव्य संग्रह ‘मैं और मेरा मन’ और कहानी-संग्रह ‘लाल फूल का एक जोड़ा एवं अन्य कहानियाँ’ शीघ्र प्रकाशित होने वाली है। अंग्रेज़ी, बांग्ला और उर्दू से अब तक 11 नाटकों का अनुवाद कर चुकी हैं जिनमें से कई प्रकाशित भी हैं। इनका चर्चित नाटक ‘रेंगती परछाइयाँ’ का तीन एपिसोड में रेडियो से दो बार प्रसारण हो चुका है| इन्होंने रानी लक्ष्मी बाई संग्रहालय, झाँसी के लिए स्क्रिप्टिंग और प्रकाश व संगीत की परिकल्पना भी की है। बांग्ला डॉक्यूमेंट्री फिल्म का हिंदी में अनुवाद किया। इनकी कहानियाँ, एकाँकी, कविताएं और रंगमंच पर आलेख हंस, आजकल, समकालीन भारतीय साहित्य, वागर्थ, कथादेश, समावर्तन, अक्षर-शिल्पी, वीणा, विश्व-गाथा, प्रभात ख़बर आदि पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं।
रंगमंच के क्षेत्र में निरंतर और उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए इन्हें विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता रहा है – राष्ट्रीय रंग-सम्मान, विवेचना रंगमंडल, जबलपुर द्वारा नाट्य शिरोमणि सम्मान, सेतु सांस्कृतिक केंद्र, बनारस द्वारा संस्कृति और साहित्य सम्मान, भारतीय भाषा परिषद् द्वारा अनन्या सम्मान, हिंदुस्तान क्लब, कलकत्ता द्वारा गुंजन कला सदन, जबलपुर द्वारा ‘संतश्री नाट्य अलकंरण’ सम्मान आदि। यह जानकारी भारत जैन महामंडल लेडीज विंग कोलकाता की उपाध्यक्ष अंजू सेठिया ने दी।

भारत की जीडीपी अक्टूबर-दिसंबर में 5.8 प्रतिशत बढ़ने की संभावना: एसबीआई रिपोर्ट

मुम्बई । भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शोध रिपोर्ट ईकोरैप के अनुसार देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में 5.8 प्रतिशत की दर से बढ़ सकता है।
देश की अर्थव्यवस्था 20211-22 की दूसरी तिमाही में 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। हालांकि, जीडीपी वृद्धि दर जुलाई-सितंबर में इससे पिछली तिमाही के 20.1 प्रतिशत वृद्धि के मुकाबले कम थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) 28 फरवरी को चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के लिए जीडीपी अनुमान घोषित करेगा।
रिपोर्ट में कहा गया, “एसबीआई नाउकास्टिंग मॉडल के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही के लिए अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रहेगी। पूरे वर्ष (वित्त वर्ष 2021-22) की जीडीपी वृद्धि का अनुमान 9.3 प्रतिशत से घटाकर 8.8 प्रतिशत कर दिया गया है।”
नाउकास्टिंग मॉडल औद्योगिक गतिविधियों, सेवा गतिविधियों और वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े 41 उच्च आवृत्ति संकेतकों पर आधारित है।
रिपोर्ट में कहा गया कि घरेलू आर्थिक गतिविधियों में सुधार का आधार अभी व्यापक होना बाकी है, क्योंकि निजी खपत महामारी से पहले के स्तर के मुकाबले कम है।
रिपोर्ट ने सुझाव दिया कि सरकार ग्रामीण गरीबों को 50,000 रुपये तक आजीविका ऋण की पेशकश कर सकती है।

दिसंबर में भारत के मोबाइल ग्राहकों की संख्या 1.28 करोड़ घटी : ट्राई

नयी दिल्ली । दूरसंचार नियामक ट्राई द्वारा बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में मोबाइल ग्राहकों की संख्या में दिसंबर 2021 के दौरान मासिक आधार पर 1.28 करोड़ की गिरावट हुई।
समीक्षाधीन अवधि में रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया को ग्राहकों की कमी का सामना करना पड़ा, जबकि भारती एयरटेल ग्राहकों को बढ़ाने में सफल रही।
ट्राई के आंकड़ों के मुताबिक रिलायंस जियो ने लगभग 1.29 करोड़ वायरलेस ग्राहकों को खो दिया, और उसके ग्राहकों की संख्या घटकर 41.57 करोड़ रह गई।
वोडाफोन आइडिया ने दिसंबर 2021 में 16.14 लाख मोबाइल ग्राहक खो दिए और उसके पास 26.55 करोड़ ग्राहक बचे।
इसके विपरीत, एयरटेल के पास 4.75 लाख ग्राहक बढ़ गए, जिससे उसके वायरलेस उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़कर 35.57 करोड़ हो गई।

 

कोविड-19 टीका लगवाने के बाद कसरत करने से बढती हैं एंटीबॉडी: अध्ययन

वाशिंगटन । कोविड-19 या किसी फ्लू से बचने के लिए टीकाकरण कराने के बाद 90 मिनट तक हल्की या मध्यम स्तर की कसरत करके शरीर में एंटीबॉडी की मात्रा बढ़ाई जा सकती हैं। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है।
इस अध्ययन के निष्कर्ष ‘ब्रेन, बिहेवियर एंड इम्युनिटी’ पत्रिका में प्रकाशित किए गए है। अध्ययन में शामिल जिन लोगों ने टीकाकरण कराने के बाद डेढ़ घंटे तक साइकिल चलाई या सैर की, उनमें आगामी चार सप्ताह में उन लोगों की तुलना में अधिक एंटीबॉडी बनीं, जिन्होंने टीकाकरण के बाद किसी प्रकार का व्यायाम नहीं किया था।
अमेरिका स्थित ‘आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी’ के अनुसंधानकर्ताओं ने भी चूहों और ट्रेडमिल का इस्तेमाल करके इसी प्रकार का प्रयोग किया, जिसका निष्कर्ष भी समान निकला।
आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर मरियन कोहुट ने कहा कि इस बात के कई कारण हो सकते हैं कि लंबे समय तक हल्की या मध्यम स्तर की कसरत करने से शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता में सुधार क्यों होता है।
अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, व्यायाम करने से रक्त प्रवाह बढ़ता है, जो प्रतिरक्षा कोशिकाओं के संचार में मदद करता है और जब ये कोशिकाएं शरीर में प्रवाहित होती हैं, तो किसी बाहरी तत्व को बेहतर तरीके से उनके द्वारा पहचान लेने की संभावना अधिक होती है।
कोहुट ने कहा, ‘‘लेकिन इसका कारण जानने के लिए और अनुसंधान की आवश्यकता है। जब हम कसरत करते हैं, तो शरीर में चयापचय, जैव रासायनिक, न्यूरोएंडोक्राइन और (रक्त एवं कोशिका के) संचार स्तर पर कई बदलाव होते हैं।’’ उन्होंने कहा कि संभवत: इन कारकों के संयोजन के कारण एंडीबॉडी की मात्रा बढ़ती है।