Wednesday, August 20, 2025
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बिहार को मिलेगी अमृत भारत एक्सप्रेस और नमो भारत रैपिड रेल

पटना । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वंदे भारत, अमृत भारत और नमो भारत रैपिड रेल को आधुनिक भारतीय रेल की त्रिवेणी कहा है। इस त्रिवेणी की दो नई रेलगाड़ियां का परिचालन बिहार से होने वाला है। बिहार में पहले से ही कई वंदे भारत एक्सप्रेस का परिचालन किया जा रहा है, जबकि एक अमृत भारतीय एक्सप्रेस का परिचालन पहले से दरभंगा और आनंद विहार टर्मिनल के बीच वाया अयोध्या किया जा रहा है। हाल ही में, रेलवे ने बिहार के लिए कई नई परियोजनाएं स्वीकृत की है। पर्याप्त फंड आवंटन से पुरानी परियोजनाओं के निर्माण काम में भी तेजी आई है जिसकी बदौलत परियोजनाएं द्रुत गति से पूरी हो रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिहार की ऐसी ही तीन परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित भी करने वाले हैं। नई गाड़ियों के परिचालन और नवनिर्मित परियोजनाओं के प्रारंभ होने से बिहार का रेल परिदृश्य पहले से और भी बेहतर हो जाएगा। परियोजनाओं में सुपौल पिपरा नई लाइन, खगड़िया अलौली नई लाइन और हसनपुर विथान नई लाइन शामिल हैं। इन नई लाइनों पर दो पैसेंजर गाड़ियों का परिचालन भी प्रारंभ किया जाएगा। लेकिन बिहार वासियों के बीच सबसे अधिक उत्साह नमो भारत रैपिड रेल और सहरसा से लोकमान्य तिलक के बीच प्रारंभ की जा रही है अमृत भारत एक्सप्रेस के परिचालन को लेकर है। नमो भारत रैपिड रेल वंदे भारत एक्सप्रेस के साथ ही ने भारत की नई पहचान बनी है। कम दूरी के शहरों के बीच विश्वस्तरीय रेल सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से तैयार किए गए नमो भारत रैपिड रेल ने इंटरसिटी ट्रैवल के क्षेत्र में एक नया मुकाम गढ़ा है। पहले नमो भारत रैपिड रेल का परिचालन गुजरात के अहमदाबाद और भुज के बीच किया गया और अब दूसरी नमो भारत रैपिड रेल का परिचालन जयनगर और पटना के बीच किए जाने की घोषणा की गई है। पहले नमो भारत में जहां एयर कंडीशन्ड 12 कोच थे,वहीं बिहार की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए जयनगर-पटना नमो भारत रैपिड रेल में 16 कोचों की व्यवस्था की गई है जिसमें 2000 से अधिक यात्री एक साथ सफर कर सकते हैं। नमो भारत रैपिड रेल जो मेड इन इंडिया कार्यक्रम के तहत बनाया गया है, कई नए सेफ्टी एवं पैसेंजर एमेनिटी फीचर से लैस है। इस ट्रेन में कवच सुरक्षा सिस्टम लगाया गया है। साथ ही सभी कोचों में सीसीटीवी तथा फायर डिटेक्शन सिस्टम भी इंस्टॉल किया गया है। आपातकालीन स्थिति में ट्रेन के मैनेजर से यात्री बात कर सकें, इसके लिए प्रत्येक कोच में आपातकालीन टॉकबैक सिस्टम भी लगाया गया है। वंदे भारत एक्सप्रेस की तर्ज पर नमो भारत रैपिड रेल में भी दोनों छोर पर लोको पायलट कैब लगाया गया है जिससे इंजन रिवर्सल की समस्या समाप्त हो गई है। इस ट्रेन में यात्रियों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की एर्गोनॉमिकली डिजाइन सीटें लगाई गई है जो काफी कंफर्टेबल हैं। ट्रेन में यात्रियों की सुविधा के लिए टाइप सी और टाइप ए चार्जिंग सॉकेट लगाए गए हैं। ट्रेन के सभी टॉयलेट्स को आधुनिक वैक्यूम आधारित बनाया गया है। दिव्यांगों के लिए अलग से फ्रेंडली शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। ट्रेन में ऑटोमेटिक दरवाजे और डस्ट प्रूफ शील्ड गैंगवे की व्यवस्था की गई है। ट्रेन में सेमी परमानेंट कपलर भी लगाए गए हैं। मेट्रो ट्रेन की तर्ज पर रेलवे ओपन लाइन में पहली बार हर कोच में रूट मैप इंडिकेटर की व्यवस्था की गई है जो यात्रियों को आने वाले स्टेशनों के संबंध में जानकारी देगी।

इस साल 6.2 प्रतिशत रहेगी भारत की विकास दर : आईएमएफ

नयी दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने ‘ट्रंप-टैरिफ’ से उत्पन्न व्यापार तनाव और अनिश्चितताओं का हवाला देते हुए इस साल के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था का विकास पूर्वानुमान 0.5 प्रतिशत घटाकर 2.8 प्रतिशत कर दिया है। हालांकि, उसने उम्मीद जताई है कि तमाम बाधाओं के बावजूद भारत की जीडीपी वृद्धि दर छह प्रतिशत से ऊपर रहेगी। आईएमएफ ने मंगलवार को वाशिंगटन में अप्रैल 2025 का विश्व आर्थिक परिदृश्य (डब्ल्यूईओ) जारी किया। इसमें कहा गया है कि जनवरी 2025 के डब्ल्यूईओ अपडेट के तुरंत बाद, अमेरिका ने प्रमुख व्यापारिक भागीदारों और महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर टैरिफ की कई घोषणाएं कीं। इस कारण से, हम उम्मीद करते हैं कि 2 अप्रैल को टैरिफ और अनिश्चितता दोनों में तेज वृद्धि से निकट भविष्य में वैश्विक विकास में महत्वपूर्ण कमी आएगी। उसने वैश्विक विकास दर 2025 में 2.8 प्रतिशत और 2026 में तीन प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, दोनों जनवरी अपडेट के 3.3 प्रतिशत से कम हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था के 2025 में 6.2 प्रतिशत और 2026 में 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। ट्रंप प्रशासन द्वारा टैरिफ की घोषणाओं से पहले जनवरी 2025 में आईएमएफ ने दोनों वर्षों के लिए भारत का विकास अनुमान 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा था। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के लिए 2025 में विकास का पूर्वानुमान 6.2 प्रतिशत पर अपेक्षाकृत अधिक स्थिर है, जिसे निजी खपत, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में समर्थन प्राप्त है।

टैरिफ वॉर : अमेरिका से बोइंग जेट नहीं खरीदेगा चीन

-भारत को मिलेगा लाभ
बीजिंग । अमेरिका और चीन के बीच चल रहे टैरिफ वॉर ने वैश्विक व्यापार को हिलाकर रख दिया है। अब इस टैरिफ जंग का एक नया मोड़ सामने आया है। चीन ने अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग के जेट खरीदने से इनकार कर दिया है। इससे बोइंग को बड़ा झटका लगा है। हालांकि भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। एयर इंडिया सहित भारतीय विमानन कंपनियां इन बोइंग जेट्स को खरीदने की दौड़ में शामिल हो सकती हैं। यह कदम भारत के विमानन क्षेत्र को मजबूती दे सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रैल 2025 में चीनी आयात पर 145 प्रतिशत तक टैरिफ बढ़ा दिया था। इसके जवाब में चीन ने अमेरिकी सामानों पर 125 प्रतिशत टैरिफ लगाए। इस टकराव का असर बोइंग पर पड़ा। दरअसल, चीन ने अपनी एयरलाइंस को बोइंग के 737 मैक्स जेट्स की डिलीवरी लेने से मना कर दिया। एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने अपनी एयरलाइंस को अमेरिकी विमान-संबंधी उपकरण और पुर्जों की खरीद रोकने का भी निर्देश दिया है। इससे यह हुआ कि शियामेन एयरलाइंस के लिए बनाया गया एक 737 मैक्स जेट, जो चीन के झोउशान सेंटर में डिलीवरी के लिए तैयार था, 19 अप्रैल को सिएटल के बोइंग फील्ड में वापस लौट आया। इस जेट की कीमत करीब 55 मिलियन डॉलर आंकी गई है। बोइंग की उम्मीदें चीनी बाजार पर टिकी थीं, जो अगले दो दशकों में वैश्विक विमान मांग का 20 प्रतिशत हिस्सा हो सकता है। लेकिन टैरिफ वॉर ने इस उम्मीद को करारा झटका दिया है। वहीं भारत इस स्थिति का फायदा उठाने की स्थिति में है। एक्स पर हालिया पोस्ट्स के अनुसार, एयर इंडिया बोइंग के इन रिजेक्टेड जेट्स को खरीदने पर विचार कर रही है। यह सौदा न केवल भारत के विमानन क्षेत्र को सस्ते दामों पर आधुनिक विमान उपलब्ध कराएगा, बल्कि भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगा। भारत पहले से ही एपल जैसी कंपनियों के लिए विनिर्माण केंद्र बन रहा है, और अब विमानन क्षेत्र में यह अवसर भारत की स्थिति को और मजबूत कर सकता है।

पोएला बैशाख पर बाजार में लौटी खाता -बही व कैलेंडर की परम्परा

कोलकाता। जिले में पोइला बोइशाख (बंगाली नववर्ष) की दस्तक के साथ एक बार फिर बाजारों में पारंपरिक कैलेंडर और खाता-बही की मांग बढ़ती नजर आ रही है। आधुनिक तकनीक के दौर में जहां डिजिटल रिकॉर्डिंग और ऑनलाइन ग्रीटिंग्स ने पारंपरिक चीजों को पीछे छोड़ दिया था, वहीं अब पुराने तौर-तरीके एक बार फिर लोकप्रिय हो रहे हैं।
बंगाली संस्कृति में पोइला बोइशाख को विशेष स्थान प्राप्त है। इस दिन व्यवसायी नए साल की शुरुआत ‘हाल खाता’ से करते हैं—यानी पुराने खाते बंद कर नए बहीखातों की शुरुआत। पहले की तुलना में पिछले कुछ सालों में इसकी मांग में भारी गिरावट आई थी। कारण साफ था—कंप्यूटर और मोबाइल ने कागज़ की जगह ले ली थी। नदिया के कृष्णगंज स्थित माजदिया के प्रसिद्ध कैलेंडर व्यापारी स्वप्न कुमार भौमिक बताते हैं, “पिछले 50 वर्षों से मैं इस व्यवसाय में हूं। हाल के वर्षों में बिक्री 80% तक गिर गई थी, लेकिन इस बार फिर से पुराने जैसे ऑर्डर मिलने लगे हैं। चैत्र माह में अब भीड़ वैसी ही हो रही है जैसी पहले हुआ करती थी।” प्रिंटिंग प्रेस संचालक गोपाल मंडल कहते हैं, “हम और हमारे कर्मचारी दिन-रात कैलेंडर और हलखाता कार्ड की छपाई में जुटे हैं। हलखाता की परंपरा अब केवल पोइला बोइशाख तक सीमित नहीं रही। अक्षय तृतीया, बुद्ध पूर्णिमा, यहां तक कि रथयात्रा जैसे पर्वों पर भी हलखाता का चलन शुरू हो गया है।”

स्थानीय ग्राहक इंद्रजीत बिस्वास बताते हैं कि बकाया भुगतान और ग्राहक-व्यापारी संबंधों के लिहाज से यह परंपरा बेहद कारगर साबित हो रही है। वहीं विद्युत बिस्वास मानते हैं कि डिजिटल निमंत्रण जितना भी तेज हो, उसमें वह आत्मीयता नहीं जो एक कार्ड या कैलेंडर में होती है—जो सालभर दीवार पर टंगा रहता है और याद दिलाता है अपने रिश्ते का।कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि डिजिटल युग की चमक के बीच भी परंपराओं की गर्माहट बनी हुई है। बहीखाता और कैलेंडर फिर से दुकानों की शोभा बन रहे हैं, और शायद यही वो सांस्कृतिक जड़ें हैं, जो समय के साथ और मजबूत होती जा रही हैं।

कोलकाता के न्यू टाउन में एक ही छत के नीचे होंगे सीबीआई के सभी विभाग

कोलकाता । कोलकाता में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के सभी विभागों को अब एक ही भवन में लाने का निर्णय लिया गया है। सूत्रों के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य विभिन्न शाखाओं के बीच बेहतर अंतर-विभागीय समन्वय सुनिश्चित करना है। वर्तमान में कोलकाता में सीबीआई की चार प्रमुख शाखाएं —भ्रष्टाचार निरोधक शाखा, विशेष अपराध शाखा, आर्थिक अपराध शाखा और बैंक सुरक्षा एवं धोखाधड़ी शाखा —दो अलग-अलग परिसरों से संचालित हो रही हैं। एक कार्यालय निजाम पैलेस (कोलकाता के मध्य भाग) में स्थित है, जबकि दूसरा कार्यालय सॉल्ट लेक स्थित केंद्रीय सरकारी कार्यालय (सीजीओ) परिसर में है। अब ये सभी विभाग न्यू टाउन स्थित एक 14 मंजिला भवन में स्थानांतरित किए जाएंगे। इस नई इमारत में सीबीआई को चार मंजिलें आवंटित की गई हैं। जानकारी के अनुसार, दस्तावेजों और तकनीकी उपकरणों को निजाम पैलेस और सीजीओ परिसर से न्यू टाउन स्थित नए कार्यालय में स्थानांतरित करने का कार्य शुरू हो चुका है। प्रयास किया जा रहा है कि इसी माह या अधिकतम अगले माह से नए कार्यालय से कार्य संचालन शुरू कर दिया जाए। सूत्रों ने बताया कि इस समय सीबीआई के विभिन्न विभागों, विशेष रूप से भ्रष्टाचार निरोधक शाखा, विशेष अपराध शाखा और आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारी पश्चिम बंगाल में कई उच्च-प्रोफ़ाइल मामलों की जांच में व्यस्त हैं। इनमें स्कूल नौकरी घोटाला, नगरपालिकाओं में भर्ती अनियमितता, राशन वितरण घोटाला और आर.जी. कर अस्पताल में बलात्कार-हत्या मामला प्रमुख हैं। कुछ मामलों की जांच में सीबीआई के विभिन्न विभागों के अधिकारियों को एक साथ काम करना पड़ता है। उदाहरण के लिए, आर.जी. कर अस्पताल मामले में बलात्कार और हत्या के पहलू की जांच विशेष अपराध शाखा कर रही है, जबकि वित्तीय अनियमितताओं की जांच भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के अधिकारी कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में बेहतर समन्वय और कार्यकुशलता बढ़ाने के उद्देश्य से सभी विभागों को एक ही छत के नीचे लाने का निर्णय लिया गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए न्यू टाउन में नए कार्यालय में स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

देश में 39.2 लाख बैंक खाते महिलाओं के पास : सरकारी रिपोर्ट

नयी दिल्ली । देश में 39.2 प्रतिशत बैंक खाते महिलाओं के पास हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में यह अनुपात 42.2 प्रतिशत है। एक सरकारी रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने रविवार को “भारत में महिला और पुरुष 2024: चयनित संकेतक और आंकड़े” शीर्षक से अपने प्रकाशन का 26वां संस्करण जारी किया।

यह प्रकाशन भारत में लैंगिक परिदृश्य का एक व्यापक अवलोकन प्रस्तुत करता है, जिसमें जनसंख्या, शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक भागीदारी और निर्णय लेने जैसे प्रमुख क्षेत्रों में चयनित संकेतक और आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं। ये आंकड़े विभिन्न मंत्रालयों/विभागों/संगठनों से प्राप्त किए गए हैं। मंत्रालय के बयान के मुताबिक, रिपोर्ट में बताया गया है कि महिलाओं के पास सभी बैंक खातों का 39.2 प्रतिशत हिस्सा है जबकि कुल जमा में उनका योगदान 39.7 प्रतिशत है। ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी भागीदारी सबसे अधिक है, जहां कुल बैंक खातों में उनका हिस्सा 42.2 प्रतिशत है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले कुछ वर्षों में डीमैट खातों में वृद्धि होना शेयर बाजार में लोगों की बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है। 31 मार्च, 2021 से 30 नवंबर, 2024 तक डीमैट खातों की कुल संख्या चार गुना से अधिक होकर 3.32 करोड़ से बढ़कर 14.30 करोड़ हो गई है।

पुरुष डीमैट खाताधारकों की संख्या लगातार महिला खाताधारकों से अधिक रही है, लेकिन महिलाओं की भागीदारी में भी वृद्धि देखी गई है। पुरुष खातों की संख्या 2021 के 2.65 करोड़ से बढ़कर 2024 में 11.53 करोड़ हो गई, जबकि इसी अवधि के दौरान महिला खातों की संख्या 66.7 लाख से बढ़कर 2.77 करोड़ हो गई।

वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के दौरान विनिर्माण, व्यापार और अन्य सेवा क्षेत्रों में महिलाओं की अगुवाई वाले प्रतिष्ठानों का प्रतिशत बढ़ता हुआ देखा गया है। महिला मतदाता पंजीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कुल मतदाताओं की संख्या 1952 के 17.32 करोड़ से बढ़कर 2024 में 97.8 करोड़ हो गई।

वर्षों से मतदान करने वाली महिलाओं की संख्या में भिन्नता रही है। यह 2019 में 67.2 प्रतिशत तक पहुंच गई, लेकिन 2024 में थोड़ी गिरावट के साथ 65.8 प्रतिशत रह गई। 2024 में मतदान करने वाली महिलाएं, पुरुषों से आगे निकल गईं। पिछले कुछ वर्षों में, डीपीआईआईटी द्वारा मान्यता प्राप्त ऐसी स्टार्टअप फर्मों की संख्या बढ़ी है, जिसमें कम से कम एक महिला निदेशक है। यह महिला उद्यमिता में सकारात्मक प्रवृत्ति को दर्शाता है। ऐसे स्टार्टअप की कुल संख्या 2017 में 1,943 से बढ़कर 2024 में 17,405 हो गई।

पहली बार बिजली की रोशनी से जगमगाया सिक्किम का सीमावर्ती गांव ‘डिचू’ 

गंगटोक । भारत-चीन और भूटान की सीमा पर डोक-ला पोस्ट के पास स्थित देश का पहला सीमावर्ती गांव ‘डिचू’ एक ऐतिहासिक पहल का गवाह बना है। सिक्किम के इस गांव के लोगों को पहली बार बिजली की सुविधा मिली है। भारतीय सेना की त्रिशक्ति कोर की इस पहल से स्थानीय लोगों के जीवन को नई दिशा और ऊर्जा मिली है। इसके अलावा सेना ने स्थानीय लोगों की टिन की छतों को भी रंगने का कार्य किया है। सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर ने इसी साल 4 जनवरी को डोक-ला चौकी का दौरा किया था। लौटते समय राज्यपाल ने सीमावर्ती गांव डिचू के स्थानीय लोगों से बातचीत की। इस दौरान उन्हें पता चला कि गांव में अभी तक बिजली की सुविधा उपलब्ध नहीं है। राज्यपाल ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर तत्काल ध्यान देते हुए भारतीय सेना की 17वीं माउंटेन डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल एमएस राठौर से इस चुनौती का समाधान ढूंढने का आग्रह किया। भारतीय सेना की त्रिशक्ति कोर ने राज्यपाल के अनुरोध को गंभीरता से लिया और त्वरित कार्रवाई की। सेना ने सीमावर्ती गांव डिचू में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए स्थानीय लोगों की बुनियादी जरूरतों पूरा किया। सेना की इस पहल से डिचू के निवासी काफी उत्साहित हैं। ग्रामीणों ने राज्यपाल माथुर और भारतीय सेना के प्रति आभार व्यक्त किया है। अब यह गांव बिजली की रोशनी से जगमगा रहा है। यह पहल दूरस्थ एवं पिछड़े क्षेत्रों के सशक्तिकरण का भी एक उदाहरण है। राजभवन ने कहा कि यह कार्य राज्यपाल के कुशल मार्गदर्शन और भारतीय सेना के प्रयासों से संभव हो सका। राज्यपाल माथुर ने इस कार्य के लिए भारतीय सेना की त्रिशक्ति कोर के प्रति आभार व्यक्त किया है।-

भवानीपुर कॉलेज में पांच दिवसीय जल संरक्षण अभियान 

कोलकाता । जल से जीवन 2025 के अंतर्गत भवानीपुर एडुकेशन सोसाइटी कॉलेज की एन एस एस यूनिट ने पांच दिवसीय जल संरक्षण अभियान लॉन्च किया। 25 मार्च से 29 मार्च तक चलने वाले इस अभियान में कोलकाता के 1372 घरों को कवर किया गया। भावनीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज की एनएसएस यूनिट ने यह चौथी बार “जल से जीवन को” लॉन्च किया है। भवानीपुर कॉलेज के एनएसएस स्वयंसेवकों द्वारा जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक समुदाय-संचालित पहल की गई । पेशेवर प्लंबर के साथ, स्वयंसेवकों ने नि: शुल्क सेवाएं प्रदान करने के लिए पास के आवासीय क्षेत्रों का दौरा किया, लीक करने वाले नल और नल की मरम्मत की, जबकि निवासियों को पानी की बचत के तरीकों पर सरल ढंग से शिक्षित भी किया। इस पहल ने वास्तव में एनएसएस आदर्श वाक्य को मूर्त रूप दिया, “मुझे नहीं, लेकिन आप।”
छात्र विभिन्न स्थानों पर पहुंच गए, जिनमें झुग्गी, स्टैंडअलोन इमारतें और चक्रबेरिया आरडी, पद्दपुकुर, भावनीपुर, गरचा और गिरीश पार्क के घर शामिल थे। अपनी यात्राओं के दौरान, उन्होंने पानी के रिसाव के मुद्दों का सामना करने वाले घरों की पहचान की और प्लंबर ने कुशलता दोषपूर्ण नल की मरम्मत की और अनावश्यक पानी के अपव्यय को कम करने के लिए सरल तरीके भी बताए जो प्रभावशाली थे।डॉ वसुंधरा मिश्र ने बताया कि यह कार्यक्रम प्रो गार्गी,रेक्टर और डीन प्रो दिलीप शाह,वाइस प्रिंसिपल प्रातःकालीन कॉमर्स सत्र प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी के संयोजन में हुआ। विद्यार्थियों की टीम ने इस कार्य को करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और भारतीय नागरिक होने के नाते सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन भी किया।

भवानीपुर कॉलेज के में कॉलेज प्रबंधन उत्सव बोनफायर 25

कोलकाता । भवानीपुर एडुकेशन सोसाइटी कॉलेज के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग ने छात्रों को अपनी क्षमताओं और प्रतिभाओं का प्रदर्शन करने के लिए बोनफायर 25 का आयोजन एक मंच प्रदान करने का अवसर देता है।बोन फायर की परिकल्पना होलिका दहन में होने वाली बुराइयों का नाश और अच्छाई के मार्ग को प्रशस्त करने से संबंधित है। बोनफायर अर्थात बॉन्डिंग ऑर्गेनाइजेशन नेगोशिएशन फोकस इंन्ट्यूशन रिस्पॉन्सिबिलिटी का संक्षिप्त नाम दिया है।
समय और प्रतिभा के माध्यम से व्यापार करने के लिए एक यात्रा को सीखने की सीढ़ी है। इस उत्सव के मुख्य अतिथि अभिषेक दत्ता, मुख्य वक्ता कॉर्पोरेट: श्री राजीव घोष, मुख्य वक्ता उद्यमी नंदन मॉल, अतिथि सम्मान: एमडी मिनाज,विशेष अतिथि सीएस सलाह ममता बिनानी ने अपने वक्तव्यों और अनुभवों से विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया।
छात्र मामलों के रेक्टर और डीन प्रोफेसर दिलीप शाह ने सभी अतिथियों और विद्यार्थियों को अपने वक्तव्य से समृद्ध किया और अध्यक्ष श्री रजनीकांत दानी की गरिमामय उपस्थिति रही। रेडियो 91.9 एफ एम के प्रसिद्ध डीजे आर जे एमसी लोकप्रिय जिमी टांग्री ने अपने वक्तव्य से विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया।
भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग ने 3 से 5 अप्रैल तक अपने प्रमुख राष्ट्रीय स्तर के अंतर-कॉलेज प्रबंधन उत्सव के लिए सफलतापूर्वक बोनफायर 25 की मेजबानी की। तीन दिवसीय कार्यक्रम ने पूरे भारत से 40 से अधिक प्रीमियर संस्थानों से उत्साहभरी भागीदारी का स्वागत किया, जिसमें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, आईआईएम बोधगया , सेंट जेवियर विश्वविद्यालय और स्कॉटिश चर्च कॉलेज शामिल हुए । छात्र नेतृत्व टीम का प्रतिनिधित्व गजल सारावगी और प्रियांशु चटर्जी- द्वारा किया गया जिनकी दृष्टि और समर्पण ने इस उत्सव को यादगार बना दिया।
बोनफायर 25 ने रणनीति, संचार, संकट प्रबंधन और उद्यमशीलता में प्रतिभागियों को चुनौती दी। डोमिनोज़ इफेक्ट, समवद शिखर सम्मेलन, और इसके अलावा मेगा नीलामी जैसी स्टैंडआउट इवेंट ने सीमाओं को धक्का दिया और वास्तविक दुनिया की सोच को प्रोत्साहित किया। इस वर्ष की थीम- “1960- 2060 – द व्हील ऑफ टाइम” – थी जो दशकों से व्यापार के विकास को पूरा करती है, प्रतिभागियों को अतीत और बोल्ड फ्यूचर्स से सबक सिखने के प्रेरित करती है।डॉ वसुंधरा मिश्र ने बताया कि बोनफायर 25 केवल उत्सव ही नहीं बल्कि बुद्धि, सहयोग और अनुभव सीखने का उत्सव रहा । बीबीए के विभाग अध्यक्ष डॉ. त्रिदिब सेनगुप्ता के मार्गदर्शन में, विभाग ने सभी भाग लेने वाले कॉलेजों, प्रायोजकों, संकाय और छात्र टीम को धन्यवाद दिया, जिनके प्रयासों ने इस कार्यक्रम को अविस्मरणीय बना दिया।कॉलेज प्रातःकालीन सत्र की वाइस प्रिंसिपल प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी ने विद्यार्थियों को प्राइस प्रदान किया।

हिंदी पत्रकारिता की विरासत और बंगाल’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी

कोलकाता । पश्चिम बंग हिंदी अकादमी द्वारा भारतीय भाषा परिषद के सभागार में  ‘हिंदी पत्रकारिता की विरासत और बंगाल’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में पत्रकार गंगा प्रसाद ने कहा कि बंगाल में पत्रकारिता की विरासत नवजागरण के विचार से प्रारम्भ होती है किन्तु आज हम जिन परिस्थितियों में जहाँ खड़े हैं-वहाँ इस विरासत को देखने, समझने और उससे सीखने की जरूरत है। डॉ. इतु सिंह ने कहा तब के संपादकों के लिए पत्रिकाओं को चला पाना अपने आप में एक चुनौती थी। डॉ.प्रदीप्त मुखर्जी ने कहा आज पत्रकारिता के समक्ष विश्वसनीयता का प्रश्न खड़ा हो गया है। पत्रकार रविशंकर सिंह ने कहा उदन्त मार्तण्ड हिंदी पत्रकारिता में एक चिंगारी थी जो आज पूरे देश में मौजूद है। विनीत कुमार ने कहा भारत को स्वाधीन करने में हिंदी पत्रिका की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। आज पत्रकार और पत्रकारिता दोनों के समक्ष बहुत सी चुनौतियां हैं। प्रो.हितेंद्र पटेल ने कहा हिंदी आज जैसे फैल रही है वह मनोरंजन के रूप में अधिक है। ज्ञान-विज्ञान की भाषा और आदर्श की रक्षा के रूप में कम है।
डॉ. शंभुनाथ ने कहा पत्रकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका है। मीडिया अंधकार पात करता है, पत्रकारिता एक समय प्रकाश पात करती थी। आज संपादक नाम की संस्था नष्ट हो चुकी है। भारतीय पत्रकारिता की शुरुआत प्रतिरोध से हुई थी, समाप्ति आत्म समर्पण से नहीं होनी चाहिए।
द्वितीय सत्र में प्रो. मीनल पारीक ने कहा हिंदी पत्रकारिता की छवि बहुत बदली है, जो बदलाव हुआ है वह डरावना भी है। डॉ. गीता दूबे ने कहा इस युग की पत्रकारिता का योगदान साहित्यिक पत्रकारिता में भी है। डॉ. इबरार खान ने कहा आज मौलिक समस्याओं को दरकिनार कर दिया जा रहा है ऐसे में पत्रकारिता में भी उसके लिए जगह नहीं बची है। ओम प्रकाश अश्क ने कहा अहिंदी प्रदेश में हिंदी को जितना सम्मान और सहयोग मिला वह अतुलनीय है।
तृतीय सत्र में राज्यवर्द्धन ने कहा आज पत्रिका क्यों और किन पाठकों के लिए निकल रही है यह भी समझने की जरूरत है। डॉ. रामप्रवेश रजक ने कहा बंगाल हिंदी पत्रकारिता की जन्मभूमि है। रामाशीष साह ने कहा आज हमें गोदी मीडिया अथवा गोदी पत्रकार बनने से बचना चाहिए। डॉ.नम्रता कोठारी ने कहा कि युवाओं को पत्रकारिता में रोजगार के अवसर तलाशने चाहिए। कार्यक्रम के संयोजक एवं हिंदी अकादमी के डाॅ.संजय जायसवाल ने कहा बंगाल नवजागरण का केंद्र होने के साथ हिंदी पत्रकारिता की जन्मभूमि भी है। इस अवसर पर भारी संख्या में विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं साहित्य प्रेमियों ने हिस्सा लिया।