Wednesday, March 19, 2025
खबर एवं विज्ञापन हेतु सम्पर्क करें - [email protected]
Home Blog Page 13

पांच वर्षों में 1,700 से अधिक कृषि स्टार्टअप को मिला 122 करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड

नयी दिल्ली । संसद को दी गई जानकारी के अनुसार, नवाचार और कृषि उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत पिछले पांच वर्षों में 1,700 से अधिक कृषि स्टार्टअप को 122 करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड जारी किया गया। भारत के कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी लोकसभा में अपने लिखित उत्तर में कहा कि 2019-20 से 2023-24 तक की अवधि में 1,708 कृषि स्टार्टअप को 122.50 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता जारी की गई है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यह धनराशि केंद्र सरकार की ओर से पांच नॉलेज पार्टनर्स (केपीएस) और 24 आरकेवीवाई एग्री बिजनेस इंक्यूबेटर्स (आर-एबीआईएस) के माध्यम से जारी की गई, जो कि इस कार्यक्रम के लिए प्रशिक्षण प्रदान करते हैं और स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट करते हैं।
लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, मंत्रालय द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 532 स्टार्टअप्स के लिए 147.25 करोड़ रुपये फंड रिलीज किया गया है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत वित्त 2018-19 से नवाचार और कृषि-उद्यमिता विकास कार्यक्रम (इनोवेशन एंड एग्री-एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट) को लागू किया गया है।
इस सरकारी कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि और कृषि से जुड़े क्षेत्रों में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करना है। सरकार की ओर से इस कार्यक्रम के तहत छात्रों को बिजनेस आइडिया डेवलप करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
केंद्र सरकार की ओर से इस कार्यक्रम के तहत 4 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा, इस कार्यक्रम के तहत दो चरणों में अनुदान दिया जाता है। पहले चरण में 5 लाख रुपये तक की सहायता प्रदान की जाती है। इसके बाद दूसरे सीड स्टेज में 25 लाख रुपये तक का फंड जारी किया जाता है।
इस वर्ष जुलाई में, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के साथ मिलकर स्टार्टअप्स के लिए 750 करोड़ रुपये का ‘एग्री श्योर’ फंड भी लॉन्च किया था। इस फंड को इनोवेटिव, टेक्नोलॉजी-ड्रिवन और एग्रीकल्चर में हाई इम्पैक्ट एक्टिविटी को प्रमोट करने के लिए लॉन्च किया गया था।

डॉ. विजय बहादुर सिंह व डॉ.  मीरा सिन्हा को कल्याणमल लोढ़ा-लिली लोढ़ा शिक्षा सम्मान 

कोलकाता ।  सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन की पुरस्कार समिति की ओर से प्रख्यात शिक्षाविद और लेखक डॉ. विजय बहादुर सिंह को राष्ट्रीय स्तर पर एवं सावित्री गर्ल्स कॉलेज की पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ.मीरा सिन्हा को पश्चिम बंगाल राज्य स्तर पर  ’प्रो. कल्याणमल लोढ़ा -लिली लोढ़ा शिक्षा सम्मान’ प्रदान करने की घोषणा की गई। मिशन के संयुक्त महासचिव प्रो. संजय जायसवाल ने बताया कि कोलकाता में 26 दिसंबर से शुरू होने वाले 30वें हिंदी मेला में प्रत्येक को सम्मान स्वरूप 25 हजार की राशि ,शाल और श्रीफल के साथ प्रदान की जाएगी।
 हिंदी मेला का यह सम्मान कलकत्ता विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में लंबे समय तक अध्यक्ष रहे और  हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए विपुल काम करने वाले प्रो. कल्याणमल लोढ़ा और उनकी पत्नी लिली लोढ़ा की स्मृति में उनकी सुपुत्री सुषमा लोढ़ा के सौजन्य से हर वर्ष दिया जाता है। निर्णायक समिति के अध्यक्ष थे प्रसिद्ध शिक्षाविद और साहित्यकार डॉ.शंभुनाथ।
2024 के शिक्षा सम्मान से सम्मानित डॉ. विजय बहादुर सिंह ने लंबे समय तक मध्य प्रदेश में अध्यापन के साथ विपुल लेखन किया है। वे भारतीय भाषा परिषद के निदेशक रह चुके हैं। उनकी कुछ प्रमुख पुस्तकें हैं ’आलोचना : वृहत्रयी’, ’नागार्जुन का रचना संसार’, ’महादेवी के काव्य का नेपथ्य’,  ’पृथ्वी का प्रेमगीत’, ’जयशंकर प्रसाद’ आदि ।
डॉ. मीरा सिन्हा ने सावित्री गर्ल्स कॉलेज, कोलकाता में लंबे समय तक हिंदी विभागाध्यक्ष थीं। उनके संपादन में ‘मुक्तांचल’ पत्रिका निकल रही है। वे कला और संस्कृति के क्षेत्र में विशेष रुचि और सक्रियता के कारण जानी जाती हैं। दोनों पुरस्कृत शिक्षकों को ‘वर्तमान हिंसा और साहित्यिक परंपराएं’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के दिन 31 दिसंबर 2024 को मानिक बच्छावत मंच, फेडरेशन हाल सोसायटी में सम्मानित किया जाएगा।

देश का स्वर्ण भंडार बढ़कर हुआ 882 टन, आरबीआई ने खरीदा सबसे ज्यादा सोना

 नयी दिल्ली । दुनियाभर के अन्य केंद्रीय बैंकों की तुलना में सबसे ज्यादा 27 टन सोना रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने इस साल अक्टूबर में खरीदा है। इसके साथ ही देश का स्वर्ण भंडार बढ़कर 882 टन पहुंच गया है, जिसमें से 510 टन सोना देश में ही मौजूद है।

अक्टूबर में दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने कुल 60 टन सोना खरीदा

विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर में दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने कुल 60 टन सोना खरीदा। रिजर्व बैंक ने सबसे ज्यादा 27 टन सोना खरीदा। इसके बाद तुर्किये का केंद्रीय बैंक 17 टन सोना के साथ भारत के आरबीआई के बाद दूसरी और पोलैंड 8 टन सोना के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

वैश्विक स्वर्ण खरीदारी में इन तीन देशों की रही 60 फीसदी हिस्सेदारी 

रिपोर्ट के मुताबिक भारत, तुर्किये और पोलैंड के केंद्रीय बैंकों की कुल वैश्विक स्वर्ण खरीदारी में 60 फीसदी हिस्सेदारी रही है। चीन का केंद्रीय बैंक सोना खरीदने के मामले में चौथे और अजरबैजान पांचवें स्थान पर रहा। कजाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने लगातार पांच महीने तक सोना बेचने के बाद अक्टूबर में पहली बार खरीदारी की।

पिछले साल की समान अवधि की तुलना में पांच गुना ज्यादा हुई सोने की खरीद

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मासिक रिपोर्ट पर आधारित डब्ल्यूजीसी के आंकड़ों के अनुसार उभरते देशों के केंद्रीय बैंकों ने सोने की खरीदारी में अपना दबदबा कायम रखा है। आरबीआई ने इस वर्ष जनवरी से अक्टूबर तक कुल 77 टन सोना खरीदा है। यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में पांच गुना ज्यादा है।

रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान तुर्किये ने अपने स्वर्ण भंडार में 72 टन और पोलैंड ने 62 टन सोने की बढ़ोतरी की है। वहीं, सिंगापुर समेत कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने अक्टूबर में सोना बेचा है। इनमें जर्मनी, मंगोलिया, जॉर्डन, थाईलैंड और फिलीपीन भी शामिल हैं।

यूपीआई लाइट वॉलेट की लिमिट हुई 5000 रुपये

  नयी दिल्ली ।  भारतीय रिजर्व बैंक ने मोबाइल फोन के जरिए इंस्टेंट पेमेंट सिस्टम को बढ़ावा देते हुए यूपीआई लाइट के लिए वॉलेट लिमिट को 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये करने की घोषणा की है। इसके अलावा, प्रति ट्रांजैक्शन की लिमिट को भी 500 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दिया गया है।

आरबीआई के अनुसार, यूपीआई लाइट के जरिए अब एक व्यक्ति को एक बार में अधिकतम 1,000 रुपये भेजे जा सकते हैं। रिजर्व बैंक सर्कुलर में कहा गया है, “यूपीआई लाइट के लिए बढ़ी हुई लिमिट प्रति लेनदेन 1,000 रुपये होगी और किसी भी समय कुल सीमा 5,000 रुपये होगी।”

यूपीआई पेमेंट के लिए यूजर को यूपीआई पिन की जरूरत होती है। यूपीआई लाइट के जरिए स्मार्टफोन यूजर को कम कीमत वाले लेनदेन बिना यूपीआई पिन के करने की सुविधा मिलती है। यूपीआई लाइट एक कस्टमर-फ्रेंडली अप्रोच है, जो कि रियल टाइम में बैंक के कोर बैंकिंग सिस्टम पर निर्भर नहीं रहती।

यूपीआई लाइट व्यक्ति-से-व्यक्ति भुगतान, व्यक्ति-से-व्यापारी भुगतान और छोटे व्यापारी भुगतान के लिए ऑफलाइन लेनदेन को सपोर्ट करता है। यूपीआई लाइट के साथ यूजर को पेमेंट के लिए ऑफलाइन डेबिट की सुविधा मिलती है, लेकिन क्रेडिट के लिए ऑनलाइन रहना जरूरी है।

अधिकांश यूपीआई मर्चेंट लेनदेन स्थिर या गतिशील क्यूआर कोड का इस्तेमाल करते हैं, जिसके लिए भुगतान पूरा करने के लिए प्राप्तकर्ता तक ऑनलाइन संदेश पहुंचना जरूरी है। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब आरबीआई उन टेक्नोलॉजी की पायलेट टेस्टिंग कर रहा है, जो उन स्थितियों में खुदरा डिजिटल भुगतान को सक्षम बनाती हैं, जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी कम है या उपलब्ध नहीं है।

पिछली बार अक्टूबर में, आरबीआई ने अपनी मौद्रिक नीति के हिस्से के रूप में इन यूपीआई पेमेंट लिमिट को एडजस्ट करने का इरादा जताया था। केंद्रीय बैंक ने विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर अपने बयान में कहा था, “ऑफलाइन डिजिटल मोड में छोटे मूल्य के भुगतान की सुविधा के लिए रिजर्व बैंक द्वारा जारी रूपरेखा, जिसके तहत यूपीआई लाइट को सक्षम किया गया है, में उचित संशोधन किया जाएगा।”

 

ई-श्रम पोर्टल पर 30.43 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिक रजिस्टर्ड

 नयी दिल्ली ।    केंद्र सरकार के ई-श्रम पोर्टल पर 1 दिसंबर तक 30.43 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिक रजिस्टर्ड हैं। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर्ड ग्रामीण क्षेत्रों के अनौपचारिक श्रमिकों की संख्या 1 दिसबंर तक 27.22 करोड़ है।

मंत्रालय ने आधार से जुड़े असंगठित श्रमिकों (एनडीयूडब्ल्यू) का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए 26 अगस्त, 2021 को ई-श्रम पोर्टल लॉन्च किया था। ई-श्रम पोर्टल का उद्देश्य असंगठित श्रमिकों को उनकी खुद की घोषणा के आधार पर एक यूनिवर्सल खाता संख्या (यूएएन) प्रदान कर उन्हें रजिस्टर और सपोर्ट करना है। ई-श्रम पर रजिस्ट्रेशन के लिए श्रमिकों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

मंत्रालय के अनुसार, असंगठित श्रमिकों को रजिस्ट्रेशन में मदद करने के लिए राज्य सेवा केंद्रों (एसएसके) और कॉमन सर्विस सेंटर की सेवाओं को शामिल किया गया है। श्रमिकों तक पहुंच बढ़ाने और उन्हें रजिस्ट्रेशन/अपडेट की सुविधा उनके मोबाइल फोन पर ही उपलब्ध करवाई जा रही है। उमंग ऐप पर ई-श्रम पोर्टल को शामिल किया गया है।

अब तक, विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों की 12 योजनाओं को पहले ही ई-श्रम पोर्टल के साथ इंटीग्रेट या मैप किया जा चुका है। केंद्रीय बजट 2024-25 के अनुसार, अन्य सरकारी वेबसाइटों के साथ ई-श्रम पोर्टल का इंटीग्रेशन ‘वन-स्टॉप-सॉल्यूशन’ की सुविधा प्रदान करेगा।

श्रम और रोजगार मंत्रालय ने असंगठित श्रमिकों को जल्द से जल्द ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के लिए पंचायती राज मंत्रालय , स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय आदि जैसे अन्य मंत्रालयों से भी संपर्क किया है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कहा, “ई-श्रम-वन स्टॉप सॉल्यूशन असंगठित श्रमिकों तक विभिन्न सरकारी योजनाओं की निर्बाध पहुंच को लेकर सहायक होगा। इससे असंगठित श्रमिकों के लिए बनाई गई योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद मिलेगी, साथ ही छूटे हुए संभावित लाभार्थियों की पहचान करने में आसानी होगी।”

बेरोजगारी दर सात वर्षों में 6 से घटकर हुई 3.2 प्रतिशत

नयी दिल्ली .    श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा दी गई हालिया जानकारी के अनुसार लेटेस्ट वार्षिक आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) रिपोर्ट में पिछले सात वर्षों के दौरान अनुमानित श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) में वृद्धि दर्ज की गई है।

बेरोजगारी दर (यूआर) 6 प्रतिशत से घटकर 3.2 प्रतिशत
पीएलएफएस रिपोर्ट के अनुसार, 2017-18 में अनुमानित श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) 46.8 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 58.2 प्रतिशत हो गया है। डब्ल्यूपीआर में यह वृद्धि कोरोना महामारी सहित अवधि में दर्ज हुई है। रोजगार का संकेत देने वाला डब्ल्यूपीआर इस अवधि के दौरान 15 वर्ष और इससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए सामान्य स्थिति में बेरोजगारी दर (यूआर) 6 प्रतिशत से घटकर 3.2 प्रतिशत हो गई है।

श्रम शक्ति भागीदारी दर (एलएफपीआर) में लगातार वृद्धि
पिछले दिनों, महिला रोजगार पर राज्यसभा सांसद सागरिका घोष के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने उच्च सदन को बताया था कि 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं के लिए श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) और श्रम शक्ति भागीदारी दर (एलएफपीआर) में लगातार वृद्धि देखी गई है। 2017-18 में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं के लिए श्रमिक जनसंख्या अनुपात 22 प्रतिशत और श्रम शक्ति भागीदारी दर 23.3 प्रतिशत थी, जो कि 2023-24 में बढ़कर क्रमश: 40.3 प्रतिशत और 41.7 प्रतिशत तक पहुंच गई है।

श्रमिकों की संख्या में वृद्धिश्रमिकों की संख्या में वृद्धि
केंद्रीय मंत्री करंदलाजे द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, असंगठित क्षेत्र उद्यमों के वार्षिक सर्वेक्षण (एएसयूएसई) ने असंगठित गैर-कृषि क्षेत्र में श्रमिकों की संख्या में वृद्धि दिखाई है, जो 2021-22 में 9.79 करोड़ से बढ़कर 2022-23 में 10.96 करोड़ हो गई है। एएसयूएसई सर्वेक्षण विशेष रूप से विनिर्माण, व्यापार और अन्य सेवा क्षेत्रों पर केंद्रित है।

ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स की संख्या 7 करोड़
केंद्रीय मंत्री ने भारत के रोजगार बाजार को लेकर कहा कि सितंबर 2017 से सितंबर 2024 तक की अवधि में ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स की संख्या में भी 7 करोड़ नेट सब्सक्राइबर्स जुड़े हैं। आरबीआई डेटा का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि देश में 2014-15 के दौरान रोजगार का आंकड़ा 47.15 करोड़ से 2023-24 में बढ़कर 64.33 करोड़ हो गया है, जो 9 वर्षों में 17.18 करोड़ की वृद्धि को दर्शाता है।

देश में लिंगानुपात 2014-15 में 918 से बढ़कर 2023-24 में 930 : केंद्र सरकार

  नयी दिल्ली ।  स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार देश में लिंगानुपात (एसआरबी)  2014-15 में 918 से बढ़कर 2023-24 में 930 हो गया है। साथ ही, स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (यूडीआईएसई +) के आंकड़ों के अनुसार, माध्यमिक स्तर पर स्कूल में लड़कियों का राष्ट्रीय सकल नामांकन अनुपात 2014-15 में 75.51 प्रतिशत से बढ़कर 2021-22 में ग्रामीण क्षेत्रों सहित 79.4 प्रतिशत हो गया है। यह जानकारी महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी।

आपको बता दें, देश में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) योजना 22 जनवरी, 2015 को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा शिक्षा मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ मिलकर शुरू की गई थी। यह लिंग-पक्षपाती लिंग-चयनात्मक प्रथाओं को रोकने, बालिकाओं के अस्तित्व और सुरक्षा को सुनिश्चित करने और उनकी शिक्षा को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।

वहीं, योजना के प्रभाव का आकलन करने और प्रगति का मूल्यांकन करने के प्रमुख मानदंड जन्म के समय लिंगानुपात (एसआरबी) में सुधार और माध्यमिक स्तर पर बालिकाओं के सकल नामांकन अनुपात में वृद्धि हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) के स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार एसआरबी 2014-15 में 918 से बढ़कर 2023-24 में 930 हो गया है। साथ ही, स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (यूडीआईएसई +) के आंकड़ों के अनुसार, माध्यमिक स्तर पर स्कूल में लड़कियों का राष्ट्रीय सकल नामांकन अनुपात 2014-15 में 75.51 प्रतिशत से बढ़कर 2021-22 में ग्रामीण क्षेत्रों सहित 79.4 प्रतिशत हो गया है।

इस तथ्य की पहचान करते हुए कि बीबीबीपी के तहत बहु-क्षेत्रीय हस्तक्षेपों के लिए विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के साथ समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता है। अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस सहित गतिविधियों में कम भागीदारी वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए, मंत्रालय ने बीबीबीपी के लिए एक संचालन नियमावली जारी किया है। इसमें बालिकाओं, उनके परिवारों और समुदायों की साल भर की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विकसित जिलों के लिए एक विस्तृत और अच्छी तरह से सुझाया गया गतिविधि कैलेंडर शामिल है।

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के आधार पर धनराशि जारी की जा रही है, जिसने सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) की एकल नोडल एजेंसी (एसएनए) के लिए दिशा-निर्देश निर्धारित किए हैं। इसके अलावा, वर्ष 2020-21 के लिए एचएमआईएस डेटा के अनुसार जिलों की अलग-अलग एसआरबी स्थिति के आधार पर, बीबीबीपी के तहत धनराशि जारी करने के लिए तीन श्रेणियां निर्धारित की गई हैं –

जिन जिलों का एसआरबी 918 या उससे कम है, उन्हें प्रति वर्ष 40 लाख रुपये आवंटित किए जाते हैं। एसआरबी 919 से 952 वाले जिलों को 30 लाख रुपये प्रति वर्ष आवंटित किए जाते हैं। 952 से अधिक एसआरबी वाले जिलों को 20 लाख रुपये प्रति वर्ष आवंटित किए जाते हैं।

गौरतलब हो, बीबीबीपी एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसका मिशन शक्ति के संबल वर्टिकल के तहत देश के सभी जिलों में केंद्र सरकार द्वारा 100% वित्त पोषण किया जाता है। बावजूद इसके पश्चिम बंगाल सरकार बीबीबीपी को लागू नहीं कर रही है।

 

इसरो ने लॉन्च किया यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का प्रोबा-3, सूर्य के रहस्यों को खंगालेगा

नयी दिल्ली । इसरो ने गुरुवार को यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के प्रोबा-3 मिशन के दो उपग्रहों को सफलतापूर्वक पूर्व निर्धारित कक्षा में स्थापित किया। इसरो के पीएसएलवी सी59 रॉकेट ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शाम चार बजकर चार मिनट पर प्रोबा3 के साथ उड़ान भरी।
इसरो ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर बताया, “पीएसएलवी-सी59/प्रोबा-3 मिशन ने ईएसए के उपग्रहों को सटीकता के साथ उनकी निर्धारित कक्षा में तैनात करके अपने प्रक्षेपण उद्देश्यों को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है। यह पीएसएलवी के विश्वसनीय प्रदर्शन, एनएसआईएल और इसरो के सहयोग और ईएसए के अभिनव लक्ष्यों का एक प्रमाण है।”
प्रोबा-3 मिशन यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ईएसए का सोलर मिशन है, जो सूर्य के रहस्यों को खंगालेगा। इसमें दो उपग्रह शामिल हैं जो एक साथ एक मिलीमीटर की दूरी पर रहेंगे। ईएसए ने बताया कि एक सूर्य का अध्ययन करेगा जबकि दूसरा पहले उपग्रह को सूरज के फेयरी डिस्क से सुरक्षा प्रदान करेगा। मिशन का उद्देश्य सूरज के वातावरण या कोरोना और सौर तूफान तथा अंतरिक्ष के मौसम का अध्ययन करना है। इससे पहले इस सीरीज का पहला सोलर मिशन 2001 में इसरो ने ही लॉन्च किया था।
इस मिशन की लॉन्चिंग पहले इसे बुधवार को होनी थी। लेकिन, तकनीकी खामी की वजह से इसे गुरुवार के लिए टाल दिया गया था। इस मिशन की मियाद दो साल की होगी। इसे तैयार करने में इटली, स्पेन, बेल्जियम,स्विट्जरलैंड और पौलेंड जैसे देशों ने भी अपना अमूल्य योगदान दिया है। इसरो ने बताया कि दोनों उपग्रहों को पृथ्वी की वांछित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया है। इससे पहले, इसरो ने जीपीएस से लेकर अन्य कम्युनिकेशन सिस्टम के मामले में भी भारत को आत्मनिर्भर बनाया है।

पदातिक ने किया एक घोड़ा 6 सवार नाटक का मंचन

एक घोड़ा 6 सवार’ जॉन सेसिल होल्म और जॉर्ज एबॉट द्वारा लिखित ब्रॉडवे नाटक, ‘थ्री मेन ऑन ए हॉर्स’ का एक मज़ेदार हिंदी रूपांतरण है। इसे जाने-माने निर्देशक (एनएसडी) श्री रंजीत कपूर ने रूपांतरित किया है। वे बैंडिट क्वीन, द लीजेंड ऑफ़ भगत सिंह, एक रुका हुआ फ़ैसला और जाने भी दो यारो जैसी फ़िल्मों के पटकथा और संवाद लेखक हैं। सारांश – अरुण बक्शी के पास एक असाधारण उपहार है – वह हफ़्ते-दर-हफ़्ते रेस में जीतने वाले घोड़े की भविष्यवाणी कर सकता है। लेकिन एक दिक्कत है: वह वास्तव में कभी शर्त नहीं लगाता। भाग्य के एक मोड़ के ज़रिए, अरुण खुद को कुछ हताश जुआरियों (पिंटो और गिरोह) की संगति में पाता है, जो सभी भारी नुकसान से जूझ रहे हैं। वे उसकी अगली भविष्यवाणी पर अपना आखिरी पैसा दांव पर लगाने के लिए तैयार हैं – लेकिन एक साहसी मोड़ के साथ। वे मांग करते हैं कि अरुण उनके साथ-साथ अपना पूरा भाग्य भी दांव पर लगाए। कोई अपवाद नहीं लेकिन अरुण को एक डर सता रहा है – जैसे ही वह दांव लगाएगा, उसकी किस्मत उसके खिलाफ हो जाएगी। क्या वह सब कुछ दांव पर लगा देगा? या उसका संदेह उसे विनाशकारी नुकसान पहुंचाएगा?
इसलिए हमने अपना दूसरा शो पदातिक थिएटर में किया। यह अशोक सिंह द्वारा निर्देशित ‘अल्टीमेट थिएटर’ प्रोडक्शन है।
नाटक एक नजर में
निर्देशक: अशोक सिंह
लेखक: रंजीत कपूर
चरित्र: अभिनेता का नाम
अरुण: कनिष्क तिवारी
पिंटो: राजेश शिंदे
रोज़ी: श्रेया चटर्जी
शीला: रश्मि के शर्माचक्की: अशोक मेहरा
बॉबी: प्रीति शर्मा
विलियम: उज्जल रुइदास
अरोड़ा: विवेक करण शर्मा
पदमजी: मुकेश चतुर्वेद

रिपोर्ट – राजेश शिंदे

हेरिटेज स्कूल में 68वीं राष्ट्रीय स्कूल गेम्स 2024- शतरंज प्रतियोगिता

कोलकाता । हेरिटेज स्कूल ने 19 नवंबर को स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) के तत्वावधान में 68वें राष्ट्रीय स्कूल गेम्स 2024- शतरंज प्रतियोगिता की मेजबानी की, जो स्कूल परिसर में 21 नवंबर तक चली। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पश्चिम बंगाल सरकार के शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव विनोद कुमार, आईएएस मौजूद रहे। देश भर के विभिन्न स्कूलों के 150 से अधिक छात्रों ने इसमें भाग लिया। इस अवसर पर बोलते हुए सीआईएससीई के उप सचिव-वित्त अरिजीत बसु ने कहा कि यह एक बेहतरीन मंच है, जहां शतरंज प्रेमी खुद को साबित कर सकते हैं। बिनोद कुमार, आईएएस ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की विशेषताओं और स्कूली छात्रों के लिए इसके लाभकारी होने पर जोर दिया। इसके अलावा उन्होंने छात्रों के समग्र विकास के लिए खेल शिक्षा के सार के बारे में भी बताया। कार्यक्रम में सीआईएससीई के खेल प्रबंधक श्री अर्नब शॉ भी मौजूद थे। उद्घाटन समारोह को हेरिटेज स्कूल की प्रिंसिपल सीमा सप्रू, केबीटी के सीईओ पी. के. अग्रवाल, द फ्यूचर फाउंडेशन स्कूल के प्रिंसिपल और सीआईएससीई स्पोर्ट्स एंड गेम्स (पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर क्षेत्र) के प्रिंसिपल कोऑर्डिनेटर श्री रंजन मित्तर, सीआईएससीई स्पोर्ट्स एंड गेम्स, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के संयुक्त खेल समन्वयक श्री शैलेश पांडे और अन्य कई गणमान्य व्यक्तियों ने भी संबोधित किया। 21 नवंबर को समापन समारोह में भारतीय शतरंज ग्रैंडमास्टर दिव्येंदु बरुआ भी शामिल होंगे।