Wednesday, August 20, 2025
खबर एवं विज्ञापन हेतु सम्पर्क करें - [email protected]
Home Blog Page 115

व्यवसायिक विचार से कार्यान्वयन तक – यूपीआई की कहानी

कोलकाता । भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज ने यूपीआई स्टोरी पर केंद्रित एक उल्लेखनीय सत्र आयोजित किया, जो 19 मई 2023 को कॉलेज के जुबली हॉल में हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत छात्र मामलों के डीन प्रोफेसर दिलीप शाह द्वारा दिए गए एक उत्साहजनक परिचयात्मक भाषण से हुई, विशिष्ट वक्ता की विशेषज्ञता पर प्रकाश डाला। वक्ता डॉ सुपर्णा धर, कंप्यूटिंग और एनालिटिक्स के क्षेत्र में एक अत्यधिक कुशल पेशेवर, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से सूचना प्रणाली में विशेषज्ञता के साथ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पीएचडी रखती हैं। वर्तमान में डॉ धर एनएसएचएम कॉलेज, कोलकाता में आईटी वर्टिकल की प्रमुख हैं।

अपने सत्र के दौरान, डॉ धर ने डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए दर्शकों को यूपीआई पर काम करते हुए उनके सामने आने वाली सामाजिक चुनौतियों के बारे में बताया। उन्होंने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से डिजिटल सेवाओं के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में डिजिटल भुगतान के महत्व पर जोर दिया। साथ ही डॉ धर ने यूपीआई के मुख्य उद्देश्य पर प्रकाश डाला, जो भुगतान को आसान बनाता है। उन्होंने भारतीयों द्वारा इसके व्यापक उपयोग पर प्रकाश डालते हुए भारत के भीतर इसके विकास, कार्यान्वयन और प्रचार पर जोर देते हुए यूपीआई समाधान के बारे में विस्तार से बताया। एक विचार की शुरुआत से लेकर इसके व्यावहारिक अहसास तक इसे आगे बढ़ाने की प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए, छात्रों के साथ एक समृद्ध अनुभवों की अपनी अंतर्दृष्टि से साझा किया।

कार्यक्रम में प्रश्नोत्तर सत्र के साथ एक इंटरैक्टिव मोड़ आया लिया, जहांँ छात्रों जतिन मूंदड़ा, अनीश अग्रवाल और नोमिक टांटिया ने यूपीआई स्टोरी पर उत्कृष्ट प्रश्न पूछे। जिसमें एक उल्लेखनीय प्रश्न उन कारकों के बारे में था जिन्होंने उपयोगकर्ताओं और व्यवसायों दोनों के बीच यूपीआई को व्यापक रूप से अपनाने में योगदान दिया। इसके अतिरिक्त फैकल्टी सदस्य प्रो विवेक पटवारी ने व्यक्तियों की खर्च करने की आदतों पर यूपीआई भुगतान के प्रभाव और क्रेडिट कार्ड के साथ इसके संबंध के बारे में एक सम्मोहक प्रश्न उठाया। डॉ. धर ने प्रत्येक प्रश्न का उत्तर बड़ी चतुराई और उत्साह के साथ दिया, अंतर्दृष्टिपूर्ण और सूक्ष्म उत्तर प्रदान किए।

बौद्धिक उत्तेजना और ज्ञान के माहौल को बढ़ावा देने के लिए इस घटना ने दर्शकों को मोहित कर लिया। इसने छात्रों और प्रतिभागियों को एक प्रसिद्ध पेशेवर से मूल्यवान ज्ञान बटोरने, उनके क्षितिज का विस्तार करने और उन्हें विषय वस्तु पर व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करने का एक अनूठा अवसर प्राप्त किया। यूपीआई कहानी पर भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज के कार्यक्रम ने अपने छात्रों को अत्याधुनिक ज्ञान और उभरते क्षेत्रों के संपर्क में लाने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता का उदाहरण दिया।
डॉ. सुपर्णा धर की विशेषज्ञता और प्रो दिलीप शाह के सहयोग से यह आयोजन अकादमिक उत्कृष्टता के लिए महत्त्वपूर्ण रहा। कार्यक्रम का समापन प्रो. शाह द्वारा डॉ. सुपर्णा धर के सम्मान के साथ हुआ। प्रभारी शिक्षक डॉ सुभब्रत गंगोपाध्याय भी सत्र में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में लगभग 200 प्रतिभागियों की उपस्थिति ने एक स्थायी प्रभाव छोड़ा। इसने प्रतिभागियों के बीच नवाचार और बौद्धिक जिज्ञासा की भावना को बढ़ावा देने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य किया।इसके रिपोर्टर रुचिका सचदेव और फोटोग्राफर पारस गुप्ता रहे। जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।

सिद्धांत से अभ्यास तक: अनुसंधान पद्धति पर संगोष्ठी”

कोलकाता । अनुसंधान औपचारिक जिज्ञासा है, यह एक उद्देश्य के साथ ताक-झाँक कर रहा है। इस सूत्र के साथ भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज के प्रातःकालीन कॉमर्स द्वारा प्रोजेक्ट एंड असाइनमेंट के लिए रिसर्च मेथडोलॉजी विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। पैनल में दो विशिष्ट वक्ताओं में वाणिज्य विभाग के सहायक प्रोफेसर राहुल सरकार (सिद्धो-कान्हो-बिरसा विश्वविद्यालय) और प्रोफेसर (डॉ.) तुतुन मुखर्जी (सेंट जेवियर्स विश्वविद्यालय) सहायक प्रोफेसर को आमंत्रित किया गया। यह सच पूर्ण संगोष्ठी गत 15 मई, 2023 को भवानीपुर कॉलेज के जुबली हॉल में हुई।

संगोष्ठी की शुरुआत में छात्र मामलों के डीन प्रोफेसर दिलीप शाह ने शोध पत्र के महत्व के बारे में अपने ज्ञान और गहन ज्ञान को साझा करने के साथ करते हुए बताया कि कैसे आने वाले युगों में यह क्रांति लाएगा। इसके बाद प्रो. शाह द्वारा आमंत्रित वक्ताओं का अभिनंदन किया। कार्यक्रम के प्रथम वक्ता श्री सरकार ने अपने भाषण में शोध पत्र पद्धति के जटिल विवरण को संबोधित किया, उन्होंने प्रत्येक महत्वपूर्ण कारक को शामिल किया जो प्राथमिक डेटा, माध्यमिक डेटा, वर्णनात्मक सांख्यिकी आदि जैसे शोध पत्र पद्धति से संबंधित है और इसके आगे। शोध पत्र के अर्थ से लेकर शोध पत्र के प्रकार और शोध पत्र के लेआउट तक, जिस तरह से उन्होंने दर्शकों को संबोधित किया, वह उल्लेखनीय रहा।
कार्यक्रम के दूसरे वक्ता डॉ मुखर्जी ने प्रमुख रूप से शोध पत्र के सांख्यिकीय भाग पर जोर दिया जो शोध पत्र पद्धति की रीढ़ है और दर्शकों की बेहतर समझ के लिए आंकड़ों और उसके विभिन्न घटकों का गहन विश्लेषण किया। उनके विश्लेषण के माध्यम से विभिन्न प्रकार के सांख्यिकी और आंकड़ों के विश्लेषण के तरीकों की व्याख्या की गई। इसके बाद एमएस एक्सेल के माध्यम से डेटा विश्लेषण का एक प्रदर्शन सत्र आयोजित किया गया, जो इस कार्यक्रम की मुख्य विशेषताओं में से एक था। जिस तकनीकी युग में हम हैं, उसे देखते हुए छात्रों के लिए तकनीकी प्रगति के अनुकूल होना अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो उनकी सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है।कार्यक्रम का आयोजन किया प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी, समन्वयक बीकॉम मॉर्निंग के प्रो. इब्राहिम हुसैन रहे।कार्यक्रम की रिपोर्ट की अक्षत कोठारी ने और जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने । अंत में, वाणिज्य विभाग को धन्यवाद देने के साथ इस कार्यक्रम का समापन हुआ।

1 जून को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी स्पाइडर मैन : अक्रॉस द स्पाइडर-वर्स

कोलकाता । भारतीय स्पाइडर-मैन 1 जून को सिनेमाघरों में आ रही है । हाल ही में मुम्बई में फिल्म का ट्रेलर जारी किया गया । फिल्म में पवित्र प्रभाकर के जरिये उनके शहर मुंबाटन को देखेंगे। साथ ही यह पहली बार होगा जब कोई हॉलीवुड फिल्म 10 भाषाओं में एक साथ रिलीज होगी।चाहे वह प्रासंगिक संवाद हों या ट्रेलर में दिखाई देने वाली आकर्षक कहानी, इसका हर अंश प्रत्येक भारतीय फिल्म प्रशंसकों को जोड़ेगा । स्पाइडर-मैन: अक्रॉस द स्पाइडरवर्स अमेरिका में रिलीज होने से एक दिन पहले भारत में रिलीज होगी । सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट इंडिया की ओर से ‘स्पाइडर-मैन: अक्रॉस द स्पाइडर-वर्स’ फिल्म को आगामी 1 जून 2023 को पूरे देश के सिनेमाघरों में अंग्रेजी, हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, गुजराती, मराठी, पंजाबी और बांग्ला भाषा में रिलीज कर एक और मील का पत्थर स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा है। निर्देशक केम्प पॉवर्स ने बताया कि कैसे पवित्र प्रभाकर मल्टीवर्स में अन्य स्पाइडर-लोगों से अलग हैं, “पवित्र की शक्तियां जादू के जरिए आईं है, इसलिए वह बहुत से अन्य स्पाइडर लोगों से काफी अलग हैं जिन्हें रेडियोएक्टिव मकड़ियों ने काट लिया था। उसने सच में एक रहस्यमय जादूगर से अपनी शक्तियों को प्राप्त किया था। कई अन्य स्पाइडर लोगों की तरह, उन्हें भी नुकसान उठाना पड़ा, और उनके मामले में, यह उनके चाचा के द्वारा था। फिर भी वह शायद फिल्म के सबसे आशावादी किरदारों में से एक है। वह निश्चित रूप से एक स्थिति में हमेशा बुरी चीजों के बजाय अच्छी चीजों के बारे में सोचने वाला आदमी है। वह माइल्स का समकालीन है, और उनका खुश, सकारात्मक स्वभाव शायद माइल्स को गलत तरीके से परेशान कर सकता है।”

माध्यमिक में 86.15 प्रतिशत सफल, मेधा सूची से कोलकाता गायब

कोलकाता : पश्चिम बंगाल माध्यमिक परीक्षा के रिजल्ट 76 दिनों बाद आखिरकार शुक्रवार को घोषित कर दिए गए। परीक्षा परिणाम में जहां जिलों के छात्रों ने बेहतर प्रदर्शन किया है, वहीं कोलकाता के छात्र-छात्राओं ने निराश किया है। टॉप टेन में 16 जिलों के 118 छात्र-छात्राएं हैं, जिनमें कोलकाता का एक भी छात्र या छात्रा नहीं है। टॉप टेन में सबसे ज्यादा नाम मालदा जिले के छात्र हैं। पूर्व मेदिनीपुर के 11 परीक्षार्थी इसमें हैं। इस बार पासिंग रेट 86.15 रहा है। हालांकि इसमें पिछली बार से कमी आई है।

देवदत्ता मांझी बनीं टॉपर

माध्यमिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष रामानुज गंगोपाध्याय ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन कर रिजल्ट जारी किया है। इस वर्ष की माध्यमिक परीक्षा में देवदत्ता मांझी प्रथम आई है़। वह पूर्व बर्दवान के कटवा दुर्गादासी गर्ल्स हाईस्कूल से हैं। उनका स्कोर 697 है। दक्षिण दिनाजपुर, जलपाईगुड़ी, झारग्राम और नदिया से 1-1 परीक्षार्थी टॉप टेन में है।

जिलों में पूर्वी मेदिनीपुर ने मारी बाजी

जिलों में पूर्वी मेदिनीपुर पहले, कलिम्पोंग दूसरे, कोलकाता तीसरे स्थान पर है। पूर्व मेदिनीपुर से 96.81 फीसदी पास हुए हैं। कालिम्पोंग 94.13 प्रतिशत के साथ दूसरा, कोलकाता 93.75 प्रतिशत के साथ तीसरा और पश्चिम मिदनापुर 92.13 प्रतिशत के साथ चौथे स्थान पर रहा। लगभग सात माध्यमिक परीक्षार्थियों में से 5 लाख 65 हजार 428 छात्र पास हुए हैं। 76 दिन बाद रिजल्ट घोषित किया गया है। छात्रों की तुलना में छात्राओं की संख्या 22 प्रतिशत अधिक थी।

परिषद की वेबसाइट पर रिजल्ट

माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर दोपहर 12 बजे से रिजल्ट उपलब्ध है। अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए उत्तीर्ण दर 76 प्रतिशत है। मालदा से सबसे ज्यादा उम्मीदवार मेरिट लिस्ट में हैं। बर्दवान के शुभम पाल और मालदा के रिफत हसन सरकार सेकंड हैं। अर्क मंडल तीसरे स्थान पर हैं। वह उत्तर 24 परगना के टाकी रामकृष्ण मिशन हाई स्कूल का छात्र हैं। सौम्यदीप मल्लिक भी थर्ड हैं। वह भी उत्तर 24 परगना जिले के बालाचापा देउलिया हाईस्कूल का छात्र है।

गारूलिया मिल हाई स्कूल (एच.एस)का माध्यमिक परीक्षा फल

श्यामनगर, पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से घोषित परिणामों में गारूलिया मिल हाई स्कूल के बच्चों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी मेधा का परिचय दिया। विद्यालय की सूचना अनुसार कुल 140 परीक्षार्थियों में उत्तीर्ण होने वालों की कुल संख्या 114 है। इनमें दो परीक्षार्थियों को विशेष स्थान प्राप्त हुआ है। विद्यालय में शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में समीर गुप्ता (प्रथम, 80 प्रतिशत), कुणाल गुप्ता (द्वितीय, 78.28 प्रतिशत) और करण कुमार चौधरी (तृतीय,73.85 प्रतिशत) प्रमुख हैं। विद्यालय के प्रभारी शिक्षक श्री सचिंद्र सिंह ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।

(माध्यमिक की खबर सलाम दुनिया से, गारूलिया मिल हाई स्कूल – प्रेस विज्ञप्ति)

बंद होगा 2000 रुपये का नोट, 30 सितंबर तक चलन में रहेगा

नयी दिल्ली । आरबीआई ने कहा है कि अब 2,000 रुपये के बैंक नोट (2,000 Rupee Note) सर्कुलेशन से बाहर हो गए हैं। लेकिन अगर आपके पास हैं, तो बैंक में जाकर बदलवाना होगा। आप बैंक में जाकर इन नोटों को बदलवा सकते हैं। आरबीआई ने शुक्रवार को एक रिलीज में बताया कि दो हजार रुपये का नोट को सर्कुलेशन से वापस ले लिया गया है। लेकिन यह लीगल टेंडर बना रहेगा। 2,000 रुपये का यह नोट नवंबर 2016 में लाया गया था। आप 23 मई से बैंकों में जाकर इन नोटों को बदलवा सकते हैं। एक बार में सिर्फ 20,000 रुपये ही बदलवाए जा सकेंगे। इन नोटों को आप 30 सितंबर तक बदलवा सकेंगे। तब तक आप इन नोटों से मार्केट में खरीद-फरोख्त कर सकते हैं।

2018-19 में प्रिंटिंग हुई बंद

दो हजार रुपये के नोट को आरबीआई एक्ट 1934 के सेक्शन 24 (1) के तहत लाया गया था। पुराने 500 और 1000 रुपये को नोटों के बंद होने के बाद करेंसी रिक्वायरमेंट के चलते इन नोटो को लाया गया था। दो हजार रुपये को लाने का उद्देश्य दूसरे नोट पर्याप्त मात्रा में बाजार में आने के बाद खत्म हो गया था। इसलिए 2,000 रुपये के बैंकनोट्स की प्रिंटिंग 2018-19 में बंद कर दी गई थीं।

बैंकों में जाकर बदलवा सकते हैं

आरबीआई ने कहा है कि लोग 2 हजार रुपये के नोट अपने बैंक अकाउंट में जमा करा सकते हैं। या फिर वे बैंक में जाकर इन नोटों को बदलवा भी सकते हैं। इन्हें बिना किसी प्रतिबंध के सामान्य तरीके से ही बैंकों में जमा कराया जा सकता है।

23 मई से बदलवा सकेंगे नोट

2,000 रुपये के नोटों को 23 मई, 2023 से बैंकों में जाकर आप बदलवा सकते हैं। हालांकि, परिचालन सुविधा सुनिश्चित करने के लिए आरबीआई ने कहा है कि एक बार में 20,000 रुपये ही जमा कराए या बदले जा सकते हैं।

30 सितंबर तक का है समय

आप एक निश्चित अवधि तक ही इन 2 हजार रुपये के नोट्स को बदलवा सकते हैं। आरबीआई के अनुसार, सभी बैंक 30 सितंबर, 2023 तक 2 हजार रुपये के नोट को बदलेंगे। अर्थात आप 30 सितंबर, 2023 तक इन नोटों को बैंक में जमा करा सकते हैं या बदलवा सकते हैं।

भारतीय संग्रहालय में विश्व संग्रहालय दिवस एवं हो चिह्न मिन्ह की 133 जयंती आयोजित

इंडो – वियतनाम सॉलिडैरिटी कमेटी के सहयोग से सेमिनार एवं छायाचित्र प्रदर्शनी
कोलकाता । भारतीय संग्रहालय, कोलकाता ने इंडो – वियतनाम सॉलिडैरिटी कमेटी के सहयोग से विश्व अन्तरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर एक सेमिनार तथा छायाचित्र प्रदर्शनी आयोजित की गयी । इसके साथ ही आयोजन के माध्यम से वियतनाम के पूर्व राष्ट्रपति हो चिह्न मिन्ह की 133 जयंती का पालन किया गया । भारतीय संग्रहालय के आशुतोष बर्थ सेनिटेनरी हॉल में गत 18 मई को आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस ने किया । यह इस अवसर पर भारत में वियतनाम के राजदूत नूंग्येन थान हाई भी उपस्थित थे । राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस ने भारत और वियतनाम के सम्बन्धों को मजबूत बनाने पर जोर दिया । वियतनाम को भारत का पुराना मित्र बताते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक, राजनीतिक सम्बन्ध हैं जो और मजबूत होंगे । भारत में वियतनाम के राजदूत नूंग्येन थान्ह हाई ने कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक साझीदारी बढ़ी है । वियतनाम में भारतीय संस्कृति को दर्शाने वाली कई धरोहरें हैं जिनका संरक्षण किया जा रहा है। भारतीय पर्यटकों की संख्या भी बढ़ी है । इंडो – वियतनाम सॉलिडैरिटी कमेटी की अध्यक्ष कुसुम जैन ने बताया कि वियतनाम में भारतीय संस्कृति और इतिहास को दर्शाने वाले कई स्थल हैं और यह छायाचित्र प्रदर्शनी उसी को सामने रख रही है । वरिष्ठ साहित्यकार स्व. गीतेश शर्मा ने इसे लेकर काफी काम किया और वियतनाम गये…तस्वीरों में इसी यात्रा को संजोया गया है । स्वागत भाषण भारतीय संग्रहालय, कोलकाता के शिक्षा अधिकारी सायन भट्टाचार्य ने दिया । उद्घाटन सत्र में धन्यवाद ज्ञापन प्रेम कपूर ने दिया । इस एक दिवसीय सेमिनार में कई शिक्षकों, साहित्यकारों एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया ।

बोर्ड परीक्षाओं में सुशीला बिड़ला गर्ल्स स्कूल का बढ़िया प्रदर्शन

कोलकाता । सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं में सुशीला बिड़ला गर्ल्स स्कूल की छात्राओं ने सराहनीय प्रदर्शन किया है । सीबीएसई की दसवीं की परीक्षा में सफलता 86.95 प्रतिशत रही है । एक छात्रा ने हिन्दी में और एक छात्रा ने फ्रेंच में शत प्रतिशत अंक प्राप्त किये हैं । एइशी मजुमदार ने सबसे अधिक 97.80 प्रतिशत अंक मिले हैं । दूसरे स्थान पर सुदीक्षा चक्रवर्ती रही जिसे 97.20 प्रतिशत अंक मिले । तीसरे स्थान पर 97 प्रतिशत अंक प्राप्त कर संयुक्त रूप से प्रियंका गुप्ता और मानवी जैन रही है।
सीबीएसई की बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में स्कूल में कॉमर्स की नित्या मल (98.80 प्रतिशत) सबसे आगे रही। दूसरे स्थान पर संयुक्त रूप से कॉमर्स की चाहना अग्रवाल एवं ह्यूमैनिटीज की मधुनिशा मजुमदार को 98 प्रतिशत अंक मिले । तीसरे स्थान पर 97.60 प्रतिशत पाकर कॉमर्स की पलक अग्रवाल रही ।
साइंस में साम्या मेहता 96.40 प्रतिशत पाकर अव्वल रही । दूसरे स्थान पर 96.20 प्रतिशत पाकर वानी अग्रवाल और तीसरे स्थान पर 95.20 प्रतिशत अंक पाकर काव्या छरिया रही ।
कॉमर्स में 98.80 प्रतिशत अंक पाकर नित्या मल स्कूल की भी टॉपर रही । दूसरे स्थान पर चाहना अग्रवाल (98 प्रतिशत) रही । तीसरे स्थान पर पलक अग्रवाल रही जिसे 97.60 प्रतिशत अंक मिले ।
ह्यूमैनिटीज की टॉपर मधुनिशा मजुमदार स्कूल में संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर रही । उसे 98 प्रतिशत अंक मिले । दूसरे स्थान पर 96.40 प्रतिशत अंक पाकर अन्या सराफ और तीसरे स्थान पर 96.20 प्रतिशत अंक पाकर प्रियांशी अग्रवाल रही ।

 

भवानीपुर कॉलेज के कॉमर्स सांध्य विभाग द्वारा रवीन्द्र प्रणाम

कोलकाता । भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज के सांध्य विभाग कॉमर्स के शिक्षक शिक्षिकाओं और विद्यार्थियों ने रवीन्द्र प्रणाम आयोजित किया। कार्यक्रम का उद्घाटन कवि गुरु रवीन्द्र नाथ की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया गया जिसमें डीन प्रो दिलीप शाह, रेक्टर डॉ संदीप दान,टीआईसी डॉ सुभब्रत गंगोपाध्याय, वाइस प्रिंसिपल प्रो सस्पो चक्रवर्ती, विभागाध्यक्ष डॉ पारमिता चक्रवर्ती प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
टीआईसी डॉ सुभब्रत गंगोपाध्याय ने सभी का स्वागत किया और डीन प्रो दिलीप शाह ने “आगुने पारशमणि छुआओ प्राणे” पंक्तियाँ सुनाकर रवीन्द्र नाथ की प्रासंगिकता पर विचार व्यक्त किया। सांध्य विभाग के वाइस प्रिंसिपल प्रो सस्पो चक्रवर्ती ने शंख घोष की एक कविता का पाठ किया। कॉलेज के रेक्टर डॉ संदीप दान ने रवीन्द्र नाथ ठाकुर से संबंधित संस्मरण और उनकी रसिकता पर बहुत से प्रसंग सुनाए। छात्र छात्राओं ने वाद्य यंत्र से कार्यक्रम भी दिए साथ ही गीत, कविता पाठ भी किया और शिक्षिकाओं ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जिनमें रवीन्द्र नृत्य, बाउल
और आधुनिक गीत नीर झरेर स्वप्न गीत द्वारा नृत्य प्रस्तुतियाँ दी। प्रो अरूंधती मजूमदार के संयोजन में प्रो गार्गी और प्रो निर्झर घोष के संचालन में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रवीन्द्र नाथ के अभ्यर्थना के हास्य मुक्तकों का पाठ भी किया जिसमें शिक्षक और शिक्षिकाओं ने भाग लिया। कॉलेज के कॉन्सेप्ट हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।

एनआईटी पुडुचेरी रवाना हुआ बंगाल के 45 विद्यार्थियों का प्रतिनिधिमंडल

कोलकाता । पश्चिम बंगाल के विविध उच्च शिक्षण संस्थानों के 45 विद्यार्थियों का एक प्रतिनिधिमंडल आज पुडुचेरी के लिए रवाना हुआ। इन शिक्षण संस्थानों में एनआईटी दुर्गापुर, कांडी राज कॉलेज एंड इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट फॉर जूनियर ऐक्ज़ीक्यूटिव आदि शामिल हैं। यह प्रतिनिधिमंडल भारत सरकार के महत्वाकांक्षी सांस्कृतिक व शैक्षिक प्रयास ’एक भारत श्रेष्ठ भारत युवा संगम’ कार्यक्रम के दूसरे चरण का हिस्सा है।

पश्चिम बंगाल का नोडल इंस्टीट्यूट एनआईटी दुर्गापुर है तथा पुडुचेरी का नोडल इंस्टीट्यूट एनआईटी पुडुचेरी है। एनआईटी दुर्गापुर में आयोजित एक विशेष समारोह में इस प्रतिनिधिमंडल को रवाना किया गया और यह 18 मई को पुडुचेरी पहुंचेगा। यह यात्रा कार्यक्रम 24 मई को सम्पन्न होगा। इन विद्यार्थियों के साथ 4 शिक्षक भी गए हैं। एनआईटी दुर्गापुर के परिसर में आयोजित रवानगी समारोह के दौरान इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रो इंद्रजीत बसाक ने कहा, ’’सरकार की ओर से यह बहुत अहम कदम है जो राष्ट्रीय एकता निर्मित करेगा और भारत की विविधता एवं क्षमताओं की ओर युवा विद्यार्थियों के मस्तिष्कों का विस्तार करेगा। मुझे यकीन है की इन विद्यार्थियों को मिलने वाला यह अनुभव दीर्घकालिक व सकारात्मक प्रभाव कायम करेगा; वे भारत की विभिन्न संस्कृतियों को जानेंगे-समझेंगे तथा उनके मन में देश की विविधता व एकता के प्रति सम्मान विकसित होगा।’’ विद्यार्थियों के यात्रा कार्यक्रम में शामिल रहेंगेः तरंगमबाड़ी ओज़ोन बीच पर सूर्योदय दर्शन, कराइकल का दौरा और शॉपिंग, एमएस स्वामी नाथन रिसर्च फाउंडेशन, पूमपुहार बीच, चिदम्बरम नटराजार मंदिर, अरविंद आश्रम, गवर्नर पैलेस तथा ऑरोविले, नागोर व वेल्लाकन्नी की सांस्कृकि यात्रा। यह प्रतिनिधिमंडल ग्रेट लिविंग चोला टैम्पल्स, कुम्बाकोणम, दारासुरम और थंजावुर देखने भी जाएगा। शिक्षा मंत्रालय की मौलिक पहल युवा संगम का युवा विनियम कार्यक्रम एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत आता है। इसका लक्ष्य है लोगों -विशेषकर विभिन्न राज्यों के युवाओं- के बीच जुड़ाव को मजबूत करना तथा उन्हें भारत की विविधतापूर्ण संस्कृति एवं जीवन मूल्यों से परिचित कराना। एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की है और जिसका ध्येय भारत के विभिन्न राज्यों के मध्य एक सांस्कृतिक जुड़ाव कायम करना है। इस पहल का उद्देश्य उन युवाओं को आगे लाना भी है जो न केवल बेहद प्रतिभावान, वैश्विक ज्ञान रखने वाले, रचनात्मकता एवं नवोत्थान के जज़्बे से भरपूर हैं बल्कि जो उन सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति भी जागरुक हैं जिनमें देश की मानवोचित दयाशील संस्कृति परिलक्षित होती है। यह पहल इस साल फरवरी में हुई थी तथा युवा संगम के प्रथम चरण को बहुत उत्साहपूर्ण सहभागिता मिली थी जिसमें 1200 युवाओं ने भाग लिया था और पहला दल पूर्वोत्तर भारत की यात्रा पर गया था।

 

राजस्थान : पिता हैं दर्जी. एक साथ आईपीएस बने दो सगे भाई

झुंझनू । यूपीएससी परीक्षा का पेपर पास किया और दोनों भाई साथ में आईपीएस ऑफिसर बने । इसके अलावा दोनों भाइयों की रैंक भी आगे-पीछे आई है । बड़े भाई में यूपीएससी परीक्षा में जहां 423वीं रैंक आई, वहीं, छोटे भाई ने 424वीं रैंक हासिल की. दोनों की सफलता देख घर में खुशी का ठिकाना नहीं है । ये दोनों भाई राजस्थान के झुंझुनूं जिले के रहने वाले हैं, अमित कुमावत और पंकज कुमावत. इनके पिता सुभाष कुमावत दर्जी थे, जिन्होंने कपड़े सिलकर अपने दोनों बेटों के अफसर बनाया । सुभाष कुमावत एक छोटी सी दुकान में कपड़े सिलते थे ।

मेहनत और लगन से सपना किया पूरा
बता दें कि इन दोनों भाइयों ने काफी मेहनत के बाद यूपीएससी परीक्षा पास की और अफसर बने, क्योंकि इनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी । पढ़ाई के लिए दोनों को काफी संघर्ष करना पड़ा, लेकिन दोनों ने कभी हार नहीं मानी। आज इनकी मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि दोनों भाइयों ने एक साथ अफसर बन अपना और अपने पिता का सपना पूरा किया।

दोनों ने दो बार पास की यूपीएससी परीक्षा
इन दोनों भाइयों ने दो-दो बार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की । हालांकि पहली बारी उन्होंने साल 2018 में बड़े भाई पंकज को 443वीं रैंक मिली, तो छोटे भाई अमित को 600वीं रैंक मिली थी, जिसमें पंकज को आईपीएस तो अमित को आईआरटीएस का पद मिला। इन दोनों भाइयों ने बिना कोचिंग लिए ही यूपीएससी परीक्षा का पेपर पास किया ।

दोनों भाई साथ में बने आईपीएस
इसके चलते दोनों भाइयों ने एक बार फिर यूपीएससी परीक्षा देने का फैसला लिया । इसी के चलते दोनों साल 2019 में पेपर दिया, जिसमें पंकज ने 423वीं और अमित ने 424वीं रैंक हासिल किया । दोनों की रैंक बिल्कुल आगे-पीछे देख हर कोई हैरान है । इसके बाद दोनों भाइयों को आईपीएस का पद मिला ।