काँचरापाड़ा : उपनगरीय साहित्य किसी महानगर की मुखापेक्षी नहीं है। उपनगर में ही साहित्य का सच्चा माहौल है और पाठक भी। यह बात काँचरापाड़ा के खुदीराम बोस इंस्टीट्यूट में वरिष्ठ पत्रकार गंगा प्रसाद ने कही। कवि रामचरण विश्वकर्मा के कविता संग्रह ‘हार गया जंगल’ के लोकार्पण समारोह ोका आयोजन सूत्रधार संस्था ने किया था। पुस्तक का प्रकाशन भी काँचरापाड़ा के सूत्रधार प्रकाशन ने किया है। समारोह में वरिष्ठ पत्रकार गंगा प्रसाद ने जहाँ आज के माहौल में ऐसे कार्यक्रमों की महत्ता पर बात की तो रंजीत प्रसाद एवं जनक सिंह ने हार गया जंगल’ के बहाने बिगड़ते पर्यावरण पर चिंता व्यक्त की। कल्याणी से आए कार्तिक बांसफोर ने कहा कि समारोह के बहाने मिलना जुलना जरूरी है। अध्यक्ष भोलाप्रसाद सिंह ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम के माध्यम से छत्रों और युवकों को आगे लाना चाहिए। कई युवकों ने अपनी कविताएँ पढ़ी। छात्रों की अच्छी उपस्थिति रही। आए विशिष्ट जनों का स्वागत राजेश सिंह ने किया और धन्यवाद दिया नेगेश्वर शर्मा ने।