‘तुलसी की अनुभूति और अभिव्यक्ति में कोई अन्तर नहीं’

कोलकाता : गोस्वामी तुलसीदास हर युग में प्रासंगिक हैं, तुलसीदास जी की अनुभूति और अभिव्यक्ति में कोई अन्तर नहीं है। उन्होंने जो अनुभव किया था, जो समाज में था, उसको उसी रूप में रचा। उक्त बातें सेठ सूरजमल जालान पुस्तकालय द्वारा आयोजित तुलसी जयन्ती समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित डॉ. अवनिजेश अवस्थी ने कहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे शान्ति निकेतन के डॉ. रामेश्‍वर मिश्र ने तुलसी साहित्य के प्रभाव पर प्रकाश डाला। वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री डॉ. कृष्ण बिहारी मिश्र ने अपने आशीर्वचन में तुलसी साहित्य की महत्ता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों ने गो×स्वामी तुलसीदास को श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देकर की गयी। सेठ सूरजमल जालान बालिका विद्यालय तथा जालान गर्ल्स कॉलेज की छात्राओं ने तुलसी के भजन तथा पद प्रस्तुत किये। अतिथियों का स्वागत इशान जालान और अपूर्वी जालान ने किया। कार्यक्रम का संचालन दुर्गा व्यास ने किया। कार्यक्रम में शहर के प्रतिष्ठित साहित्यकार तथा साहित्यप्रेमी उपस्थित थे। यह जानकारी पुस्तकालय के पुस्तकाध्यक्ष श्रीमोहन तिवारी ने दी।

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।