बीटेक युवा किसान ने काला नमक की खेती कर पेश की नजीर

बलिया । कम्प्यूटर साइंस में बीटेक युवा किसान ने खेती में नए प्रयोग से सबको चौंका दिया है। जिले में पहली बार बड़े पैमाने पर काला नमक धान उगाकर उन्होंने दूसरों के लिए नजीर पेश की है। जिला मुख्यालय से महज छह किलोमीटर की दूरी पर स्थित बसंतपुर गांव निवासी दुष्यंत सिंह ने 2017 में कंप्यूटर साइंस से बीटेक किया। कई प्राइवेट कंपनियों में जॉब भी किया, लेकिन इनका मन खेती-किसानी की तरफ आकर्षित हो रहा था। आखिरकार 2018 में सब कुछ छोड़कर गांव लौट आये । प्राकृतिक कृषि प्रेमी सुभाष पालेकर और आनंद से परामर्श लेकर प्रयोग के तौर पर धान की चर्चित प्रजाति काला नमक की खेती किया। यह फसल नई थी, लिहाजा पहले वर्ष बहुत कम मात्रा में काला नमक चावल की खेती किया। लेकिन दुष्यंत सिंह को जब लगा कि उनका यह प्रयोग सफल है तो इस वर्ष 60 बीघे में काला नमक खेती की। इस बार फसल काफी अच्छी है। युवा किसान दुष्यंत सिंह की मेहनत को देख अन्य युवा भी खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं।
फसल में करते हैं जीवामृत का इस्तेमाल
किसान दुष्यंत ने बताया कि इस फसल को उगाने में किसी भी प्रकार की रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं किया जाता है। इसको उगाने के लिए जीवामृत तैयार किया जाता है जो गाय के मूत्र, गोबर, बेसन और गुड़ से तैयार होता है। कीटनाशक के लिए जमीन के दो फीट नीचे की काली मिट्टी और जल का प्रयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि काला नमक एक सुगंधित चावल है। यह काफी स्वास्थ्यवर्धक भी है जो इस जिले के लिए बहुत ही खास है। क्योंकि जनपद में इसकी खेती व्यापक पैमाने पर नहीं होती।
घर बैठे धान बेचते हैं युवा किसान दुष्यंत
युवा किसान दुष्यंत बताते हैं कि इस बार 60 बीघा में काला नमक धान की खेती की है। एक बीघा की खेती में लगभग चार से पांच हजार तक की लागत आयी है। इससे प्रति बीघा तकरीबन 60 हजार तक का फायदा होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि जैसे ही मेरा चावल तैयार होगा, इसके लिए ऑर्डर मिलने शुरू हो जाएंगे। ऑर्डर आने के बाद मैं ट्रकों के जरिए भेज दूंगा। कर्नाटक और तमिलनाडु के कुछ स्टार्टअप्स से ऑर्डर मिलने भी लगे हैं। बताया कि ऑर्डर प्राप्त करने के लिए मैं इंटरनेट का भी सहारा लेता हूं। ऑनलाइन जाकर ऑर्गेनिक स्टार्टअप्स के नम्बर निकालकर सम्पर्क करता हूं। जिसका मुझे काफी फायदा मिलता है। यही नहीं प्राकृतिक खेती के लिए देश भर में मशहूर सुभाष पालेकर के नेटवर्क से जुड़े लोगों के भी सम्पर्क में हूं। दुष्यंत ने बताया कि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश को भी पिछले साल अपने खेत में उगाई काला नमक चावल भेंट स्वरूप दिया है। उन्होंने काफी सराहना की जो मेरे लिए प्रेरणा है।

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