बासन्ती हवा…बासन्ती मन….परिधान बासन्ती

पीला और सफेद…दोनों का एक खूबसूरत रिश्ता है। सफेद रंग शान्ति और मैत्री का प्रतीक है तो पीले रंग में जीवन की चमकती खुशी और उत्साह दिखता है। बसन्त पंचमी पर हम सब पीला या बासन्ती रंग पहनते हैं..माँ सरस्वती भी इन्हीं रंगों के परिधानों में दिखती हैं।
कहा भी गया है – श्वेत वसन, श्वेत पद्मासन…मगर पीले रंग का भारतीय संस्कृति से बहुत गहरा रिश्ता है। हमारे यहाँ पीताम्बर भी हैं और श्वेत वसना वाग्देवी भी हैं।

सफेद की धवलता अगर पवित्रता है तो पीला है शुभता का प्रतीक। शादी के आमन्त्रण पत्र के कोने पर आज भी पीली हल्दी लगती है और हल्दी लगाकर ही बनते हैं वर – वधू।
खेतों में लहलहाती सरसों एक अलग ही रंग लेकर आती है और बगिया में गेंदे और सूरजमुखी के फूलों की छटा ही निराली है। यहाँ तक कि इन फूलों को आप अपने बालों में भी सजा सकती हैं और घर के ड्रॉइंग रुम में भी। फलों का राजा आम भी पीला है। ये सारे प्रिंट अब आपको कपड़ों में भी दिखते हैं।


अगर बात फैशन की करें तो पीले रंग को आप किसी भी रंग के साथ पहन सकती हैं। जीन्स से लेकर पटियाला तक…साड़ी से लेकर कुरता तक।  फेंगशुई विशेषज्ञों का कहना है कि पीले रंग के परिधान हमारे दिमाग के उस हिस्से को अधिक अलर्ट करते हैं, जो हमें सोचने-समझने में मदद करता है। यही नहीं, पीला रंग खुशी का एहसास कराने में भी मददगार होता है।


पीला रंग हमारे दिमाग को अधिक सक्रिय करता है जो महिलाएं महीने में कई बार पीले परिधान धारण करती थीं, उनका आत्मविश्वास ऐसा न करने वाली महिलाओं की तुलना में अधिक सक्रिय होता है।
पीले रंग को किसी भी टॉप, कुरते के साथ पहनें या एक्सेसरीज लें…आप अलग भी दिखेंगी और खूबसूरत भी…आजमाकर देखिए।

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।