फोर्ब्स एशिया की सूची में शामिल यशवीर अब बदलना चाहते हैं किसानों की जिंदगी

जयपुर. डॉ. अब्दुल कलाम हर बच्चे से कहते थे कि ड्रीम्स वो नहीं जो आप सोते हुए देखते हो, ड्रीम्स तो वो हैं जो आपको सोने ही ना दें। इसी का असली मतलब बताया है झुंझुनू के गांव बनगोठड़ी (पिलानी) के यशवीर सिंह ने। जिन्होंने हाल ही में फोर्ब्स एशिया मैगजीन की अंडर-30 लिस्ट में जगह बनाई है।

एक जिंदगी मिलती है जिसमें बेसिक लाइफ (कपड़े, खाना, ट्रेवल) से हटकर दूसरों से जुडऩे और उन्हें खुशी देने के लिए कुछ करना चाहिए।

जिंदगी में कामयाबी के मायने मेरे लिए अलग हैं। इसी को मन में ठानकर मैं बिट्स पिलानी से इकोनॉमिक्स में एमएससी करते हुए स्टूडेंट्स यूनियन का प्रेसिडेंट बना और अपने दोस्तों के साथ वहां के कई गांवों में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को पढ़ाने और कॅरिअर काउंसिल करने लगा।

– वहीं से पहला एक्सपीरियंस मिला और रेस्पॉन्स देखकर मेरा हौसला बढऩे लगा। इसके बाद ग्रेजुएशन होने पर कई दोस्त कॅरिअर के लिए लाखों के पैकेज पर बाहर चले गए। लेकिन मैंने कॉलेज के बाद नेशनल सोशल एंटरप्रिन्योरशिप फोरम शुरू किया जिससे यंग लोगों को तैयार करते थे ताकि वे अपनी और दूसरों की मदद करते हुए अपने कॅरिअर की शुरुआत कर सकें।

यह प्रोग्राम देश के 40 इंस्टीट्यूट्स में भी चलाया गया। चार साल बाद मैं आक्सफोर्ड (यूके) से एमबीए करने चला गया। वहां से आकर अशोका इनोवेटर्स फॉर द पब्लिक में डायरेक्टर ऑफ यूथ वेंचर प्रोग्राम्स (साउथ एशिया) के पद पर कार्य कर रहा हूं।

– यहां पॉलिसी मेकर्स के साथ मिलकर काम कर रहा हूं जिससे स्टूडेंट्स को चेंज मेकर के रूप में तैयार किया जाता है जिससे वे सोसायटी के लिए काम कर सकें। मेरे पास भारत के अलावा नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश की जिम्मेदारी है। ग्लोब लेवल पर इस संस्था के साथ काम करके इसके बाद राजस्थान के गांवों और किसानों के लिए काम करूंगा।  पिलानी के बनगोठड़ी गांव से हूं। दादाजी किसान और पिता करम वीर सिंह स्पोर्ट्समैन थे और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में प्रशासनिक अधिकारी बनें।

गांवों में किसानों को मशक्कत करते देखा है जिनसे मैं इंस्पायर होता हूं। गांव में बच्चों को पढऩे के लिए इतना मौका नहीं मिलता, लेकिन मैं लकी हूं कि मुझे बड़े इंस्टीट्यूट्स में पढऩे का मौका मिला है।  फोर्ब्स मैगजीन की ओर से हर साल अलग-अलग 20 क्षेत्रों में 30 की एज से कम 30 यंग लीडर्स व अन्य हस्तियों को सम्मानित किया जाता है।

यशवीर को सोशल रेस्पोंसिबिलिटीज इंडियन यंगस्टर्स के बीच एंटरप्रिन्योरशिप की संभावनाएं तलाशने में दिए गए योगदान के लिए सोशल एंटरप्रिन्योरशिप कैटेगरी लिस्ट में शामिल किया है। यशवीर कई इंटरनेशनल और नेशनल ऑर्गेनाइजेशंस से सम्मानित हो चुके हैं।

– वाइस चांसलर से सोशल इंपेक्ट अवॉर्ड, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के ग्लोबल शेपर, इंटरनेशनल यूथ फाउंडेशन के यूथ एक्शन नेट फैलोशिप अवॉर्ड एवं ऑस्ट्रेलिया इंडिया यूथ डायलॉग में भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

 

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