प्रिंसेप्स द्वारा गोवर्धन ऐश पर आधारित कला प्रदर्शनी

कोलकाता । प्रिंसेप्स की ओर से ‘द रेट्रोस्पेक्टिव ऑफ गोबरधन ऐश’ प्रदर्शनी का शुक्रवार को भव्य उद्घाटन किया गया। जो 1929 – 1969 की अवधि पर ध्यान केंद्रित करने वाली एक व्यापक और भव्य कला कृति से जुड़ी प्रदर्शनी है। अभिनेत्री रिया सेन और अभिनेत्री मुनमुन सेन ने इस प्रदर्शनी के लिए कैटलॉग का उद्घाटन किया। इस दौरान इंद्रजीत चटर्जी, ब्रिजेश्वरी कुमारी गोहिल, इना पुरी, ऋचा अग्रवाल और कई अन्य लोग इसमें मौजूद थे। यह प्रदर्शनी शुक्रवार 29 मार्च से 21 अप्रैल, 2024 तक कोलकाता सेंटर फॉर क्रिएटिविटी में आयोजित की गई है। आम जनता के लिए इसमें प्रवक्ष निःशुल्क रखा गया है। इस प्रदर्शनी में ऐश के काम की एक मनोरम श्रृंखला को शामिल किया गया है, जिसमें रेखाचित्र, परिदृश्य, स्व-चित्र, चित्र, प्रतिष्ठित श्रृंखला, जीवंत पेस्टल और उनकी स्थायी बाल श्रृंखला को शामिल किया गया है। इस प्रदर्शनी में आनेवाले आगंतुक ऐश के कलात्मक विकास, तकनीकों में उनकी महारत और भारत में आधुनिकता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के बारे में उन्हें गहरी समझ से वाकिफ होंगे। मीडिया से बात करते हुए क्यूरेटर इंद्रजीत चटर्जी ने कहा, प्रिंसेप्स की इस ऐतिहासिक प्रदर्शनी के जरिए बंगाल की कलात्मक विरासत की गहराई को यहां उभरा गया हैं, जिसमें उनकी कलात्मक उत्कृष्टता के 4 दशकों की 100 से अधिक कलाकृतियाँ प्रदर्शित की गई हैं, जिसमें 1940 के दशक के अंत की उनकी प्रतिष्ठित ‘अवतार श्रृंखला’ भी शामिल है। इस आयोजन के जरिए हम कला के इतिहास में गोबरधन ऐश की स्थायी विरासत का सम्मान करते हुए इस कला के व्यापक कैटलॉग को प्रस्तुत कर गर्वित महसूस कर रहे हैं। यह प्रदर्शनी ऐश की प्रतिभा को फिर से निहारने के साथ 1930-1960 दशक की भारतीय कला के एक महत्वपूर्ण युग में खुद को डूबोने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है। गोबर्धन ऐश 1907-1969 दशक के भारतीय कला के इतिहास में एक महान व्यक्तित्व के रूप में मौजूद हैं। यहां गोबरधन ऐश की रेट्रोस्पेक्टिव 100 से अधिक कलाकृतियों को प्रदर्शित करते हुए उनकी चार दशकों की कलात्मक यात्रा का विवरण प्रस्तुत किया गया है। प्रिंसेप्स एक शोध-केंद्रित नीलामी केंद्र है, जो कला जगत में खोज और शिक्षा को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रहा है।

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