नागल ने जीता सेट और दिल , फेडरर ने मैच

न्यूयार्क : सुमित नागल ने जज्बा और जुझारूपन दिखाकर ग्रैंडस्लैम में अपने पदार्पण की स्वप्निल शुरुआत करते हुए दिग्गज रोजर फेडरर से पहला सेट जीता लेकिन आखिर में उन्हें यूएस ओपन के पहले दौर के इस मैच में हारकर बाहर होना पड़ा। भारत में बहुचर्चित इस मैच में झज्जर के 22 वर्षीय नागल ने सोमवार की रात को अपनी प्रतिभा की झलक दिखाने के बाद आर्थर ऐस स्टेडियम में खेला गया यह मुकाबला 4-6, 6-1, 6-2, 6-4 से गंवाया। नागल पिछले 20 वर्षों में ग्रैंडस्लैम के पुरूष एकल मुख्य ड्रा में एक सेट जीतने वाले केवल चौथे भारतीय हैं। इसकी विशेषता यह रही कि यह सेट उन्होंने फेडरर के खिलाफ जीता जिनके नाम पर 20 ग्रैंडस्लैम खिताब दर्ज हैं। पिछले दो दशक में नागल से पहले ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट में केवल सोमदेव देवबर्मन, युकी भांबरी और साकेत मयनेनी ही एक सेट जीतने में कामयाब रहे थे। क्वालीफाईंग के जरिये यूएस ओपन के मुख्य ड्रा में जगह बनाने वाले नागल को न सिर्फ 58,000 डालर की धनराशि मिलेगी बल्कि उन्हें इस मैच से जो अनुभव मिला वह आगे भी उनके काम आएगा। फेडरर ने कहा, ‘‘यह मेरे लिये मुश्किल सेट था। उसने बहुत अच्छा खेल दिखाया और उसे श्रेय जाता है। मैं कई गेंद को खेलने से चूक गया और मैं गलतियों में कमी करने पर ध्यान दे रहा था। उम्मीद है कि आगे मैं बेहतर प्रदर्शन करूंगा।’’ फेडरर से पूछा गया कि क्या एकबारगी उन्हें लगा कि वह नागल नहीं बल्कि नडाल के खिलाफ खेल रहे हैं क्योंकि दोनों के नाम के हिज्जों में केवल ‘डी’ और ‘जी’ का अंतर है। इस पर स्विस दिग्गज ने कहा, ‘‘नहीं। यह आप लोगों और सोशल मीडिया के लिये है। मैं जंग खा गया था।’’ मैच में फेडरर की शुरुआत अच्छी नहीं रही लेकिन नागल के लिये तो यह शानदार आगाज था। इस भारतीय ने पहला सेट जीतकर दर्शकों को हैरान कर दिया। उन्होंने तीसरे गेम में फेडरर के डबल फाल्ट का फायदा उठाकर ब्रेक प्वाइंट लिया।
फेडरर जब एटीपी रैंकिंग में 190वें नंबर के खिलाड़ी को समझने की कोशिश कर रहे थे तब नागल ने अपने रिटर्न और फोरहैंड से सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा। अभी फेडरर और दर्शक कुछ समझ पाते कि नागल ने दूसरी बार उनकी सर्विस तोड़ दी। इसके बाद उन्होंने 0-30 से पिछड़ने के बाद अपनी सर्विस बचायी। नागल ने अपने करारे शॉट से फेडरर को नेट पर आने का मौका नहीं दिया। इस बीच फेडरर अपनी गलतियों पर काबू पाने के लिये संघर्ष कर रहे थे। फेडरर ने पहले सेट में 19 सहज गलतियां की जबकि नागल ने इस बीच केवल नौ ऐसी गलतियां की। इसके बाद उम्मीदें बढ़ गयी लेकिन फेडरर ने खुद को संभाला और फिर नागल को अपना असली खेल दिखाया। उन्होंने पहले से बेहतर सर्विस करनी शुरू की और नेट पर आकर अंक बनाने शुरू कर दिये। दूसरे सेट में जल्द ही वह 5-0 से आगे हो गये और सातवें गेम में उन्होंने यह सेट जीतकर स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया। इस बीच नागल ने छह सेट प्वाइंट बचाये और दो बार उनके पास ब्रेक प्वाइंट का मौका भी आया। नागल अब भी चुनौती दे रहे थे लेकिन फेडरर अपने रंग में लौट आये थे। तीसरे और चौथे सेट में भी कहानी वैसे ही आगे बढ़ी। नागल ने कुछ अंक जुटाये लेकिन मुकाबला अब एकतरफा दिखने लगा था। बीस बार के ग्रैंडस्लैम चैंपियन ने मैच के लिये सर्विस की तो नागल ने कुछ अच्छे रिटर्न से 0-40 का स्कोर कर दिया। फेडरर ने पांच ब्रेकप्वाइंट बचाकर आखिर में मैच अपने नाम किया। यह मैच दो घंटे 25 मिनट तक चला। नागल हालांकि दर्शकों का दिल जीतने में सफल रहे। वह कुछ आटोग्राफ देकर और तालियों के बीच आर्थर ऐस स्टेडियम से बाहर गये।

सुमित नागल: पिता के संघर्ष और जी-तोड़ मेहनत की आंच में पका टेनिस खिलाड़ी

साल का आखिरी टेनिस ग्रैंड स्लैम यूएस ओपन सोमवार से शुरू हो चुका है। टेनिस के इस प्रतिष्ठित इवेंट से अपना ग्रैंडस्लैम डेब्यू करने वाले सुमित नागल ने अपने पहले ही मैच में दुनिया के महानतम खिलाड़ी रोजर फेडरर को पहले सेट में हराकर सभी को चौंका दिया। पहला सेट गंवाने के बाद फेडरर जरूर मैच (4-6, 6-1, 6-2, 6-4) जीतने में कामयाब रहे, लेकिन दिल तो नागल जीत चुके थे। एकाएक पूरी दुनिया में चर्चित हो चुके नागल की कहानी बेहद दिलचस्प है।
बचपन में पिता का हाथ पकड़कर पहुँचे कोर्ट
बचपन में जिस रोजर फेडरर के स्टाइल को कॉपी करते थे, उन्हीं को पहले सेट में हराना वाकई किसी सुखद अनुभूति से कम नहीं। 22 वर्षीय सुमित हरियाणा के झज्जर जिले के छोटे से गांव जैतपुर से हैं। सेना की शिक्षा कोर से हवलदार के रूप में सेवानिवृत्त पिता सुरेश नागल को छोड़कर परिवार में किसी को भी खेलों में जरा सी भी दिलचस्पी नहीं। बस फिर क्या था फौजी पिता ने बेटे को टेनिस खिलाड़ी बनाने की ठानी और परिवार समेत दिल्ली के नांगलोई में आकर रहने लगे। 16 अगस्त 1997 को जन्में सुमित की उम्र उस वक्त आठ वर्ष रही होगी।
महेश भूपति ने दिया आकार
अपोलो टायर टैलेंट सर्च प्रतियोगिता में सुमित चुन लिए गए। दो साल तक उन्होंने स्पॉन्सर किया। इसके बाद सुमित का वक्त तब पलटा जब उनकी जिंदगी में दिग्गज टेनिस खिलाड़ी महेश भूपति की एंट्री हुई। भूपित की एकेडमी में उन्होंने ट्रेनिंग ली। सुमित, महेश भूपति को अपना मेंटोर मानते हैं। सुमित कहते हैं- ‘भूपति मेरे मेंटोर हैं और हमेशा रहेंगे। मैं करीब 10 साल का था, तब उनकी एकेडमी में पहली बार गया था। उन्होंने मेरे खेल को निखारा। उन्होंने ही मुझे स्पॉन्सर भी किया था।’
1998 के बाद दोहराया इतिहास
सुमित नागल 2015 में जूनियर ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाली छठे भारतीय बने थे, उन्होंने वियतना के नाम हाओंग लि के साथ मिलकर विम्बलडन में लड़कों के वर्ग का युगल खिताब जीता था। जब अंतिम क्वॉलिफाइंग दौर में ब्राजील के जोआओ मेनेजेस के खिलाफ एक सेट गंवाने के बाद वापसी करते हुए दो घंटे 27 मिनट में 5-7 6-4 6-3 से जीत हासिल की तब वह प्रजनेश के बाद यूएस ओपन मुख्य ड्रॉ 2019 में खेलने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए, 1998 के बाद पहली बार ग्रैंडस्लैम में भारत के दो खिलाड़ियों ने भाग लिया, इससे पहले महेश भूपति और लिएंडर पेस विम्बलडन में खेले थे।

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