कहीं खास तो नहीं बन गया वो खास दोस्त

 

कभी-कभी दो फ्रेंड्स में से एक बेहद परेशान व डिस्टर्ब रहने लगता है, किसी से बात नहीं करता और खोया रहता है, दोस्तों की बेहद कोशिश के बावजूद वह ‘कुछ नहीं’ कहकर बात को टाल देता है। यहां तक कि अपने सबसे अच्छे दोस्त जो अपोजिट सेक्‍स का है, को भी नहीं बताता… और सब दुविधा में आ जाते हैं कि आखिर वजह क्‍या है। ऐसे में पहला सवाल यही होता है कि ‘‘क्या यह खलल इश्क का है या दोस्ती को नाम-ए-मोहब्बत दिये जाने की गुस्ताखी की जा रही है…

अगर ऐसे हालात आ जाएं तो आराम से सोचें कि इसके पीछे की वजह क्या हैं और क्यों आप इस प्यार व दोस्ती के रिश्ते को लेकर इतनी उलझन में आ फंसे हैं। ऐसे डाउट अक्सर जिन्दगी में दस्तक देते रहते हैं, जहां हमें दो राहों के बीच खड़े होकर किसी एक को चुनना होता है और दोनों ही हमें अच्छे लगते हैं। ऐसे में यह तय करना पूरी तरह से आपके ही हाथों में होता है कि कौन सा रास्ता सही है। इन हालातों के उत्पन्न होने की वजहों को समझे व परखें की क्यों आप इस उलझन में फँसी हैं और क्या वे वजहें सचमुच इतनी मजबूत हैं कि आप जिनकी वजह से ‘‘ मै प्यार में हूं’’ जैसा अहम फैसला ले सकें।

अगर आप सोच रही हैं कि आपका रिश्‍ता दोस्ती से थोड़ा ज्यादा और प्यार से थोड़ा कम है, तो जाग जाएं ऐसा कोई रिश्‍ता नहीं होता। या तो आप किसी से प्यार करते हैं या फिर नहीं। अब आप दोनों के बीच कौन सा रिश्ता है यह फैसला तो आपको ही करना पडेगा। मन में दोनों रिश्तों को लेकर जो संदेह से उससे जल्द से जल्द बाहर आना होगा नहीं, तो यह बनी बनाये दोस्ती के रिश्ते के टूटने का डर रहता है।
उम्र के एक खास पड़ाव पर प्यार सभी को होता है। पर इस बात का ध्‍यान रखें कि अपना प्यार भरा दिल सबके सामने खोल कर न रखें। ये खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि यह बात तब तक ही ठीक है, जब आपको यह पता हो कि आप उन्‍हें प्‍यार करते हैं, लेकिन अगर आप खुद दुविधा में हैं तो अपने उस दोस्त को अपनी कन्फयूजन के बारे में बताने से पहले उसके बारे में एक बार जरूर सोचें कि इस बारे में बताने पर उसकी क्या प्रतिक्रिया होगी। अगर वह आपको ज्यादा भ्रमित कर सकता है, तो उसे बताने से परहेज ही करें।

यह स्पष्ट करें की क्या इस वक्त आप प्यार जैसे जज्बातों को समय दे सकती हैं या नहीं।

अपने आप से सवाल करें आपको अपने दोस्त में क्या चाहिए एक सच्चा दोस्त या प्यार।

जितना हो सके उतना जल्दी निर्णय लें क्योंकि जितना समय आप लेगें कन्फूजन उतनी ही बढती जाएगी साथ ही यह आपकी दोस्ती पर बुरा असर भी डाल सकता है

इस विषय में अपने अच्छे दोस्तों की सलाह अवश्य लें क्योंकि आप इन हालातों को केवल अपने नजरिए से ही देखते है दूसरों से भी इस विषय में सलाह करें तो अच्छा होगा।

जल्दबाजी में कोई ऐसा फैसला न लें कि आपको जीवन भर पछताना पडें।

 

शुभजिता

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