Sunday, February 16, 2025
खबर एवं विज्ञापन हेतु सम्पर्क करें - [email protected]

विद्यासागर विश्वविद्यालय में हिंदी दिवस का आयोजन

मिदनापुर । विद्यासागर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की ओर से हिंदी दिवस के अवसर पर ‘हिंदी में रोजगार की संभावनाएं एवं चुनौतियाँ’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन हुआ। इस अवसर पर हिंदी विभाग की छात्राओं द्वारा उद्घाटन गीत एवं विभागाध्यक्ष द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव प्रो. मनीष आर. जोशी द्वारा भेजे गए संदेश का पाठ किया गया । स्वागत वक्तव्य देते हुए विभागाध्यक्ष डॉ प्रमोद कुमार प्रसाद ने हिंदी में रोजगार की संभावनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि हिंदी पढ़कर हम शिक्षक, अनुवादक, राजभाषा अधिकारी, रिसर्च अधिकारी, फ़ीचर लेखक, दुभाषिए, संवाददाता आदि बन सकते हैं। अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए प्रो. दामोदर मिश्र ने कहा कि मनुष्य जिन चीजों के कारण इतर प्राणियों से भिन्न है वह संस्कृति और सभ्यता है। सभ्यता और संस्कृति के मूल में भाषा है जो राष्ट्रीय एकता को बनाए रखती है। राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी की संभावनाएं और उससे मिलने वाले लाभ अधिक हैं। हिंदी के समक्ष प्रांतीय संकीर्णता,राजनीतिक स्वार्थ और आर्टिफिशियल इंटलीजेंस जैसी चुनौतियां भी हैं। विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि हिंदी भारतीय भाषाओं की आंगन है। इसका तमाम भारतीय भाषाओं के साथ सांस्कृतिक, राष्ट्रीय और सामासिकता का संबंध है। हिंदी में रोजगार की संभावना का प्रश्न नौकरियों के साथ हिंदी के प्रति हमारे व्यवहार और उसमें दक्षता हासिल करने से भी जुड़ा है। परिचर्चा में उष्मिता गौड़ा, सोनम सिंह, मदन शाह और नेहा शर्मा ने भी हिस्सा लिया। इस अवसर पर विभाग द्वारा आयोजित आशु भाषण प्रतियोगिता में प्रगति दुबे को प्रथम स्थान, नेहा शर्मा को द्वितीय स्थान, राया सरकार को तृतीय स्थान तथा नाजिया सनवर और श्रेया सरकार को विशेष स्थान मिला। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने हिंदी के कई कवियों की कविताओं पर आधारित कविता कोलाज प्रस्तुति की। लक्ष्मी यादव, फ्रांसिस मारिया, पूनम, सिंपल, नम्रता राय, नाज परवीन, प्रीति तांती, रोजी परवीन, सत्यम पटेल, टीना परवीन, पूजा कुमारी, शाहीन किदवई, आर उमा,जूही कन्हैया, प्रतिमा पट्टनायक और रिया श्रीवास्तव ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम का सफल संचालन विभाग की शोधार्थी सुषमा कुमारी ने किया और धन्यवाद ज्ञापित करते हुए विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. श्रीकांत द्विवेदी ने कहा कि हिंदी के विकास और प्रगति के लिए हमें आलस्य छोड़ना होगा और हिंदी भाषा एवं साहित्य को समृद्ध करने के लिए उसका गहन अध्ययन-मनन भी करना होगा।

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।

शुभजिताhttps://www.shubhjita.com/
शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।
Latest news
Related news