लिटिल थेस्पियन का 17वां रंग -अड्डा और युवा वर्ग

कोलकाता ।  हाज़रा के सुजाता देवी मंदिर में 17वां रंग अड्डा का सफल आयोजन सुप्रसिद्ध नाट्य संस्था लिटिल थेस्पियन की ओर से आयोजित किया गया l सितंबर माह में जन्मे विशिष्ट नाटककारों के ऊपर यह रंग -अड्डा केंद्रित था l रंग -अड्डा का मुख्य विषय और अगाथा क्रिस्टी के माउस ट्रैप नाटक में जिंदगी का खोखलापन, मंच के जादूगर तपन सेन और रोशनी की महक, विजय दान देथा और हबीब तनवीर चरण दास चोर :सृजन से प्रस्तुति की यात्रा, मुस्ताक काक :एक अद्भुत रंग निर्देशक, सुरेन्द्र वर्मा के शकुंतला की अंगूठी नाटक में सामाजिक संघर्ष नाटक के कुछ अंशु के पाठ के साथ, आलेख भी प्रस्तुत किया गया l इस बार रंग अड्डे को और भी ज्यादा आकर्षक बनाने एवं विद्यार्थियों को जोड़ने के लिए नया प्रयोग किया गया जिसमें कुछ कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों ने भाग लिया l उन्होंने उन विशिष्ट नाटककारों के जीवन परिचय और साहित्य के बारे में अड्डा में शामिल लोगों कों उनसे अवगत कराया l जिसमें अगाथा क्रिस्टी का साहित्यिक परिचय खिदिरपुर कॉलेज की छात्रा नेहा मलिक ने दिया l तापस सेन का रंगमंचीय परिचय लेडी बर्मन कॉलेज की छात्रा स्नेहा नोनिया ने दिया l हबीब तनवीर का रंगमंच और साहित्यिक परिचय खिदिरपुर कॉलेज की छात्रा संध्या राम ने दिया l विजय दान देथा का साहित्यिक परिचय कोलकाता विश्वविद्यालय की पूर्व छात्र ज्योतिका प्रसाद ने दिया l सुरेंद्र वर्मा का साहित्यिक परिचय कोलकाता विश्वविद्यालय की छात्रा सपना खरवार ने दिया l पुस्तक का रंगमंचीय परिचय रवींद्र भारती विश्वविद्यालय के छात्र किशन कुमार मांझी ने दिया l यह छात्रों के बीच के बीच नाटक की समझ पैदा करने के लिए एक सराहनीय प्रयास रहा l जिसे वहाँ उपस्थित अतिथियों ने भी सराहा तथा एक अच्छा प्रयास बताया l
लिटिल थेस्पियन के इस रंग -अड्डे का भी यही उद्देश्य है कि छात्र केवल नाटक कों पढ़े और देखे ही नहीं बल्कि उससे जुड़े सभी लोगों के विषय में अवगत हों l नाटक केवल अभिनय नहीं है बल्कि उन सभी चीजों से मिलकर बना है, जिसके द्वारा नाटक मंच पर प्रदर्शित होता है l अगाथा क्रिस्टी के माउस ट्रैप नाटक में जिंदगी का खोखलापन पर आलेख हिना जी जी ने प्रस्तुत किया इसमें उन्होंने बताया कि रहस्य में जासूसी उपन्यास से बाहर निकाल कर नाटक की तरफ आती है और उनके नाटकों में हमें रहस्य और रोमांच देखने को मिलता है l एनी दास ने मंच के जादूगर तापस सेन और रोशनी की महक के शीर्षक आलेख के माध्यम से हमें बताया कि तप सैया केवल नाटक में ही अपने रोशनी का जादू नहीं चलाया है बल्कि वह रौशनी सज्जा के लिए विश्व विख्यात रहे हैं और वह कई नामी गिरामी इमारत और प्रसिद्ध स्मारकों के लिए भी रोशनी रोशनी सजा की है l हबीब तनवीर और विजय दान देता पर आधारित आलेख का पाठ राधा ठाकुर ने किया जिसमें उन्होंने चरण दास चोर नाटक को आधार बनाया था l सुरेंद्र वर्मा का नाटक शकुंतला की अंगूठी पर आधारित आलेख का पाठ प्रियंका सिंह ने कियाl मुश्ताक का पर आलेख का पाठ पार्वती रघुनंदन ने किया जिसमें उन्होंने बनाया है बताया कि क में कई नामी गिरामी फिल्मों के लिए भी निर्देशन किया है l
इस रंग अड्डे में मुख्य अतिथि के रूप में कवि राज्यवर्धन, रंगप्रेमी विमल शर्मा, नाट्य लेखक डॉक्टर सुधांशु कुमार तथा विनोद कुमार यादव भी सम्मिलित हुए l कवि राज्यवर्धन ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक जमाना था जब पुरुष ही स्त्रियों का रोल भी निभाया करते थे पर आज स्थिति एकदम विपरीत हो गई है और अब महिलाएं भी रंगमंच से जुड़ रही है इस रंग अड्डे में ही 18 लड़कियां सम्मिलित हैं जबकि 6 लड़के ही सम्मिलित हैं तो यह एक सुखद स्थिति है l इसका अर्थ यह है कि हिंदी रंगमंच का भविष्य उज्जवल है l उन्होंने प्रमुख रंग का रंग कमी तथा नाटक लेखिका प्रतिभा अग्रवाल उषा गांगुली तथा उमा झुनझुनवाला के माध्यम से बताया कि उन्हीं के संघर्षों का फल है कि आज हमें रंग अड्डा में बंगाल में हिंदी रंगमंच विकास में मुख्य भूमिका निभा रही है l वही लेखक सुधांशु कुमार चक्रवर्ती का कहना है कि इस तरह का रंग गड्ढा एक अच्छा प्रयास है जिससे छात्र भी नाटक और रंगमंच से बड़े तादाद में जुड़ सकेंगे और उनमें नाटक के प्रति रुझान तथा जिजीविषा पैदा होगी l वही रंग प्रेमी विमल शर्मा ने कहा कि लिटिल चैंपियन उमा झुनझुनवाला के निर्देशन में एक नई राह पर चल रहा है जिसमें वह युवा वर्ग को अपने साथ जोड़ रहा है और उनके भविष्य को समृद्ध कर रहा है l विनोद कुमार यादव स्नेहा नोनिया के अभिभावक तथा विद्यार्थी गण इस अड्डे में सम्मिलित हुए l सुरेंद्र वर्मा के नाटक शकुंतला की अंगूठी का अभिनयात्मक पाठ संगीता व्यास, सुधा गौड़,राधा कुमारी ठाकुर, इंतखाब वारसी,रतुल दे,सूरज सिंह ने किया l इस 17 में रंग अड्डे का सफल संचालन ज्योति शाह ने किया l इस कार्यक्रम के मुख्य भूमिका लिटिल थेस्पियन की निर्देशिका एवं प्रसिद्ध रंगकर्मी उमा झुनझुनवाला रही l उन्होंने इस रंग अड्डा कों कलाकारों के विकास करने का माध्यम बताया है l नाटक व्यक्तित्व का सर्वागिक विकास करता है l वह व्यक्ति कों खोलने का कार्य करहा है l

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