सऊदी अरब में महिलाओं को कुछ और राहत मिल गई है। पहले उन्हें ड्राइविंग करने और फुटबॉल मैच देखने की इजाजत मिली थी। अब उन्हें बिजनेस करने की भी इजाजत मिल गईहै। इसके लिए उन्हें अपने पति या पुरुष रिश्तेदार से अनुमति लेने की भी जरूरत नहीं होगी।
दरअसल सऊदी अरब के शाह प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देना चाहते हैं। यही वजह है कि वे अब महिलाओं को भी इसमें आगे करना चाहते हैं और उन्हें अपनी मर्जी से कारोबार शुरू करने की इजाजत दे दी है।
गुरुवार को सऊदी की सरकार ने नीतियों में इस बदलाव का ऐलान किया। इसी के साथ ही मजबूत गार्जियनशिप की परंपरा भी खत्म हुई।
सऊदी के कॉमर्स एवं इनवेस्टमेंट मिनिस्ट्री ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि महिलाएं अपना बिजनेस लॉन्च कर सकती हैं और सरकार की ई-सर्विसेज की सुविधा ले सकती हैं। इसके लिए उन्हें अपने गार्जियन की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है।
क्या है गार्जियनशिप सिस्टम?
सऊदी में गार्जियनशिप सिस्टम काफी मजबूत है। इसके मायने हैं कि कोई भी महिला बगैर पति, भाई या पिता की इजाजत के बगैर किसी सरकारी पेपर पर साइन नहीं कर सकती है। इतनी ही नहीं, सऊदी अरब में महिलाओं को अकेले ट्रैवल करने या किसी क्लास में एडमिशन लेने के लिए भी किसी पुरुष की इजाजत लेनी पड़ती है।
अभी तक सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था पूरी तरह कच्चे तेल के उत्पादन पर टिकी है। अब वहां की सरकार देश में प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देना चाहती है। इस योजना में वहां की सरकार महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ाना चाहती है।
इससे पहले क्राउन प्रिंस के पिता किंग सलमान ने महिलाओं की ड्राइविंग पर लगे बैन को हटाया था। यह बैन भी दशकों से लगा हुआ था। क्राउन प्रिंस ने सऊदी अरब के लिए ‘विजन 2030’ तैयार किया है, इसमें वह महिलाओं की हिस्सेदारी को 22 प्रतिशत से एक तिहाई करना चाहते हैं।