लिटिल थेस्पियन का 13वां राष्ट्रीय रंगमंच महोत्सव ‘जश्न ए अज़हर’ सम्पन्न

कोलकाता ।  हिंदी रंगमंच के विकास में पश्चिम बंगाल में लिटिल थेस्पियन का नाम सर्वोपरि है जो अत्यंत दृढ़ता के साथ गुणवत्तापूर्ण रंगमंच की मशाल लेकर आगे बढ़ता है। लिटिल थेस्पियन ने इस वर्ष अपना 13वां जश्न-ए-अजहर 19 से 24 जनवरी 2024 तक  ज्ञान मंच में आयोजित किया जो रंग संवाद और नाटकों का उत्सव रहा। यह ज़श्न ख़ास कर हमारे युवा पीढ़ी को समर्पित है जिसमें वह नाटक को समझने से लेकर नाटक करने, लिखने और पढ़ने की प्रक्रिया को समझ में सक्षम रहे। महोत्सव पिछले कुछ वर्षों में कोलकाता के प्रतिष्ठित आयोजनों में से एक बन गया है, जिसमें देश भर के समकालीन रंगमंच का प्रदर्शन किया जाता है। महोत्सव का 13वां संस्करण महिलाओं को समर्पित है । इस महोत्सव को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त है और अज़हर आलम मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा समर्थित है।
यह महोत्सव 19 जनवरी 2024 को रंग संवाद के साथ शुरू हुआ जिसमें डॉ. शुभ्रा उपाध्याय (प्रिंसिपल, खुदीराम बोस सेंट्रल कॉलेज), डॉ. मोहम्मद काज़िम (उर्दू विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय), डॉ. अलमास हुसैन (थिएटर निर्देशक) और नेहा मल्लिक (छात्रा, खिदिरपुर कॉलेज) मुश्ताक काक: एक शानदार फनकार विषय पर विचार रखे। सत्र का संचालन डॉ. संजय जायसवाल (हिंदी विभाग, विद्यासागर विश्वविद्यालय, मिदनापुर) ने किया। महोत्सव का उद्घाटन श्री श्रीधर एम देवगिरी (सी.सी.ई. (आर एंड डी) पूर्व, डी.आर.डी.ओ), डॉ. सोमा बंद्योपाध्याय (कुलपति, बी.एस.ए.ई.यू), डॉ. सत्या उपाध्याय तिवारी (प्रिंसिपल, कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज, कोलकाता), डॉ. देवेन्द्र कुमार देवेश (क्षेत्रीय सचिव, साहित्य अकादमी, कोलकाता), ऋषिकेष राय (प्रभारी सचिव एवं नोडल अधिकारी, टी-बोर्ड, कोलकाता), रवि शंकर सिंह (सह संपादक, बर्तमान पत्रिका हिंदी दैनिक, कोलकाता) एवं कौशल किशोर त्रिवेदी (संपादक, प्रभात खबर, कोलकाता) ने किया। ज़हीर अनवर (प्रसिद्ध उर्दू थिएटर निर्देशक और नाटककार, कोलकाता) को तीसरा अज़हर आलम मेमोरियल पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके बाद लिटिल थेस्पियन का नया प्रोडक्शन ‘भीगी औरतें’ का मंचन हुआ जिसका लेखन  और निर्देशन उमा झुनझुनवाला ने किया। 20 जनवरी 2024 को आयोजित  रंग संवाद में विजय पंडित (थिएटर डायरेक्टर, मुंबई), डॉ. विजया सिंह (रानी बिड़ला कॉलेज, कोलकाता), डॉ. रुकैया शाहीन (एम.एम.एम कॉलेज, दुर्गापुर) और आशुतोष कुमार राउथ (छात्र, कलकत्ता विश्वविद्यालय) “इक्कास्वी सदी के नाटकों में युगीन चेतना” पर अपने विचार रखे। रंग संवाद के इस सत्र का संचालन डॉ. इतु सिंह (हिंदी विभाग, खिद्दरपुर कॉलेज, कोलकाता) द्वारा किया गया। इसके बाद ती भारती जैनानी (वरिष्ठ पत्रकार, प्रभात खबर, कोलकाता) को सम्मानित किया गया । इसके बाद अनुष्ठान, मुम्बई के नाटक जोगिया राग का मंचन किया जाएगा, जिसके निर्देशक देवेन्द्र राज अंकुर‌ हैं।
21 जनवरी 2024 को रंग संवाद का विषय था “हिंदी रंगमंच और महिलाओं की भूमिका: संदर्भ त्रिपुरारी शर्मा” और इसमें डॉ. वसुन्धरा मिश्रा (हिंदी विभाग, भवानीपुर कॉलेज, कोलकाता), डॉ. कृष्णा  कुमार श्रीवास्तव (हिंदी विभाग, आसनसोल गर्ल्स कॉलेज, आसनसोल), सुदीपा बसु (प्रसिद्ध अभिनेत्री, कोलकाता) और मोहम्मद इरफ़ान अली (छात्र, खिद्दरपुर कॉलेज, कोलकाता) ने विचार रखे। रंग संवाद का संचालन डॉ. सूफिया यसमिन (हिंदी विभाग, विद्यासागर कॉलेज फॉर वुमन, कोलकाता) द्वारा किया गया। प्रसिद्ध थिएटर अभिनेता/निर्देशक स्वाति रॉय को सम्मानित किया गया, जिसके बाद यूनिकॉर्न एक्टर्स स्टूडियो, दिल्ली का नाटक रूप अरूप का मंचन हुआ जिसका लेखन और निर्देशन त्रिपुरारी शर्मा का है |
22 जनवरी 2024 को रंग संवाद में जहीर अनवर (नाटककार, कोलकाता), डॉ. विनय कुमार मिश्र (साहित्य समीक्षक, कोलकाता),  प्रेम कपूर (थिएटर समीक्षक, कोलकाता) और निधि सिंह (छात्रा, कलकत्ता विश्वविद्यालय) ने “नाट्य रूपान्तरण की अवश्यकता और चुनौतियाँ” विषय पर अपने विचार रखे। इस रंग संवाद का संचालन अल्पना नायक (हिन्दी विभाग, श्री शिक्षायतन कॉलेज, कोलकाता) द्वारा किया गया। इसके बाद  दिनेश वडेरा (रंगमंच निर्देशक, कोलकाता) का अभिनंदन किया गया और सेतु सांस्कृतिक केंद्र, वाराणसी के सलीम राजा द्वारा निर्देशित नाटक मोह (मन्नू भंडारी की कहानी मजबूरी पर आधारित) का मंचन हुआ।
23 जनवरी 2024 को रंग संवाद ‘जनप्रतिरोध में नुक्कड़ नाटकों की भूमिका’ पर हुआ। इस विषय पर महेश जयसवाल (थिएटर एक्टिविस्ट, कोलकाता), डॉ. नईम अनीस (एच. ओ. डी, उर्दू विभाग, कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज, कोलकाता),  अंशुमान भौमिक (थिएटर क्रिटिक, कोलकाता) और प्रीति सिंह (शोधार्थी , तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय) अपने विचार रखे। रंग संवाद का संचालन डॉ. गीता दूबे (हिन्दी विभाग, स्कॉटिश चर्च कॉलेज, कोलकाता) ने किया। थिएटर एक्टिविस्ट महेश जयसवाल को सम्मानित किया गया और इसके बाद अभिनव रंगमंडल, उज्जैन द्वारा शरद शर्मा द्वारा निर्देशित नाटक संभ्रांत वैश्य का मंचन किया गया।
24 जनवरी 2024 को, लिटिल थेस्पियन द्वारा आयोजित पहली ड्रामा प्रतियोगिता में से चुनी गई तीन सर्वश्रेष्ठ टीमों ने अपने नाटकों का मंचन किया जिनमें स्वांग ड्रामा क्लब (विद्यासागर कॉलेज फॉर वुमन, कोलकाता) का नाटक लाल इश्क, एस.एम. राशिद थिएटर ग्रुप, कोलकाता  का नाटक बदलते मौसम के दिन और राजेंद्र क्रिएटिव ग्रुप (खिद्दरपुर कॉलेज, कोलकाता) का नाटक अब नहीं सहेंगे शामिल थे।
इसके बाद नौशाद रज़ा (थिएटर अभिनेता/निर्देशक) का अभिनंदन किया गया और इसके बाद उमा झुनझुनवाला द्वारा लिखित और निर्देशित नाटक परछाइयां (साहिर लुधियानवी की एक लंबी कविता) का मंचन किया गया। महोत्सव का समापन नाटक प्रतियोगिता और शोध आलेख लेखन के विजेताओं को पुरस्कार और प्रमाणपत्र वितरण के साथ हुआ।

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